राजस्थान के प्रमुख त्यौहार एवं मेले PDF

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यह दस्तावेज़ राजस्थान के प्रमुख त्योहारों और मेलों का वर्णन करता है। इसमें हिंदुओं द्वारा मनाये जाने वाले त्योहारों और उनके इतिहास की जानकारी दी गई है।

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# राजस्थान के प्रमुख यौहार व मेले ## हिन्दु धर्म के त्यौहार - विक्रम संवत: यह हिन्दू पंचांग है। - उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने 57 ईसा पूर्व में यह संवत चलायी । - यह संम्वत चन्द्रमा की गणना पर आधारित है। - इस संवत मे एक बर्ष मे 355 दिन होते है. प्रत्येक उबर्ष पश्चात एक अधिक मास होता ह...

# राजस्थान के प्रमुख यौहार व मेले ## हिन्दु धर्म के त्यौहार - विक्रम संवत: यह हिन्दू पंचांग है। - उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने 57 ईसा पूर्व में यह संवत चलायी । - यह संम्वत चन्द्रमा की गणना पर आधारित है। - इस संवत मे एक बर्ष मे 355 दिन होते है. प्रत्येक उबर्ष पश्चात एक अधिक मास होता है. - चैत्र/चैत (मार्च-अप्रैल) - वैशाख (अप्रैल-मई) - ज्येष्ठ जेठ (मई-जून) - आषाढ (जून - जुलाई) - श्रावण (जुलाई-अगस्त) - भाद्रपद (अगस्त-मितम्बर) - आश्विन (सितम्बर - अक्टुम्बर) - कार्तिक/कांति (अक्टुंबर - नवम्बर) - भाग शीर्ष / भिंग मर (नव-दिसम्बर) - चौथ (दिसम्बर - जनवरी) - माघ (जनवरी - फरवरी) - फाल्गुन (फागण (फरवरी-मार्च) - प्रत्येक महिने के दो परबवाड होते है. - कृष्ण पक्ष । बदी: इसे अंधेरा पखवाडा कहा जाता है। - यह एकम से अमावास्या तक होता है। - शुल्क पक्ष। शुदी: इसे उजेडी पखवाडा कहा जाता है. - एकम में पूर्णिमा तक - 16 - 30 - हिन्दू नववर्ष (नवसम्वत सन) = चैत्र शुल्क पक्ष एकम। प्रतिपदा **Note:** विक्रम संवत का प्रथम दिन चैत्र शुक्ल एकम तथा अंतिम चैत्र अभावाय को होता है. ## शक संवत - यह भारत का राष्ट्रीय पंचानम हो - यह सम्वत 78 ई. वी कुषाण वंश के शासक कनिष्क ने अपने राज्याभिषेक के अवसर पर चलाई । - 22 मार्च 1957 को इसे राष्ट्रीय पंचानम का दर्जा दिया गया। - इस संवत का प्रथम महिना चैत्र व अंतिम महिना फाल्गुन होता है। - राजस्थान में त्यौहारो कि शुरुआत छोटी तीज (श्रावण भूक्ल तीज) से तथा त्यौहारों का समापन गणगौर (चैत्र शुक्ल तृतीया) के साथ माली जाता - "तीज तिवारा बाबडी ले दुबी गणगौर " ## चैत्र माह के प्रमुख त्यौहार व मेले ### कृष्ण पक्ष के त्यौहार - धुलंडी = चैत्र काळा पक्ष एकम - इस दिन बाडमेर में इ‌लोजी की सवारी निकाली जाती है. - इस दिन ब्यावर में बादशाह की सवारी निकाली जाती है - बादशाह कि सवारी के समय बीरबल द्वारा मयूर नृत्य, भैौरव नृत्य किया जाता हैहै. - इस दिन शाहपुरा में फूलडोल मेला / महोत्सव प्रारम्भ होता है, - जमरा बीज = चैत्र कृष्ण पक्ष द्वितीय ! - इस दिन उद‌यपुर के मैनारिया गांव में शौर्य दिवास के रूप में तलवारों की गैर या बास्द कि गैर खेली जाती है. **Note:** इसकी शुरुआत महाराणा अमरसिंह के काल से शुरू हुई। - रंग पञ्चमी: चैत्र कृष्ण पंचमी इस दिन फूलडोल मेले का समापन होता है. - शील सातम: चैत्र कृष्ण पक्ष सप्तमी: - इस दिन खेजडी वृक्ष कि पूजा कि जाती है, - शीतलाष्टमी : चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी: - इस दिन शील डुंगरी (चाकसु-जयपुर) व शीतला माता का मेला भरता है - इसे बैलगाडियों का मेला कहा जाता है - घुडला उत्सव : यह चैत्र कृष्ण अष्टमी को प्रारम्भ होता है तथा चैत्र शुक्ल तृतीया तक चलता है - यह मारवाड (जोधपुर) का प्रसिद्ध है यह जोधपुर के शासक सातल देव की यादू मे घुंडला त्यौहार पर घुड़ला गीत गाये जाते है तथा घुडला नृत्य किया जाता है।. - क्रऋषभदेव जयंति : चैत्र कृष्ण नवमी. - मनाया जाता है. - भादिनाथ जयन्ति (जैन धर्म के प्रथम तीकि - मेला - त्रचषभदेव मन्दिर - धुलेव (उदयपुर) - कोयल नदी के किनारे - भील इन्हें केसरिया नाथ जी / कालाजी के रूप में मानते हैं। - चैत्र कृष्ण एकादशी: इस दिन चित्तौड में जौहर मेला भरा जाता है।. - रंग तेरस : चैत्र कृष्ण पक्ष : 13⇒ इस दिन माण्डल (भीलवाडा) मे पुरुषो द्वारा नाहर नृत्य किया जाता है। जिसे लाकरों का स्वांग कहा जाता है. - चैत्र अमावस्या = प्रमुख मेले: पाबूजी का मेला - कोलू मण्ड (फलोदी जोधपुर - घोटीया अम्बा माता का मेला - पानी तीर्थ है जिसे महाभारत कालीन स्थल माना जाता है।, - चैत्र शुक्ल प्रतिपदा / प्रथमा:- - इस दिन हिन्दु नववर्ष मनाया जाता है. - इस दिन महाराष्ट्र मे गुडी पर्व, भान्ध्रप्रदेश में युगादी तथा कश्मीर मे नवरेक अत्सव मनाया जाता हैो. - इस दिन बसंतीय नवरात्रा शुरू होते है।. - इसी दिन 30 मार्च 1949 को प्रथम बार राजस्थान दिवस मनाय गया है. - इस दिन सुहागीन महिलामो द्वारा वैभव / वैधव्य दोष से मुकि पाने के लिए व्रत रखा जाता है।, - सिंजारा चैत्र भूल्क 3 - नवविवाहिता के लिए ससुराल पक्ष कि ओर से सिंबारा भेजा जाता है), - गणगौर चैत्र शुक्ल पक्ष उ - गणगौर के अवसर पर ईसर और गौर कि सवारी निकाली जाती है, - गणगौर कि सवारी जयपुर कि सर्वोधिक प्रचलित है। कनले जेम्स टॉड ने उदयपुर कि गणगौर का उल्लेख कीया है।. - गणगौर का पूजन होता है। 18 दिनो तक - राजस्थान में सर्वाधिक गीतों वाला त्योहार गणगौर है. - गणगौर के अवातर पर घुमर नृत्य किया जाता है. - लकडी की सबसे बड़ी गणगौर प्रभात जी सुधार द्वारा बनाई गई जो वर्तमान में सीटी पैलेस उद‌यपुर में है. - बूंदी का हाडा राजवंश में गणगौर का त्यौहार नहीं मनाया जाता है - कहावत "हाडा ले इनी गणगौर " - बीना ईसर कि गौर ⇒ जैसलमेर - मेला ⇒ चैत्र शुक्ल पक्ष-4 - गुलाबी / चुदडी गणगौर ⇒ नाथद्वारा कि प्रसिद्ध है. - यह चैत्र - शूल्क पंचमी - अभोका अपटमी ⇒ चैत्र शुक्ल पक्ष -8 - इस दिन अशोक के वृक्ष कि पूजा कि जाती है. - इस दिन कैरौली मे कैला भैय्या का मेला भरता है. - राम नवमी ⇒ चैत्र शुल्क नवमी - यह एक अबुझ झावा है - इस दिन सरयू नदी में स्नान किया जाता है।. - महावीर जयन्ती ⇒ चैत्र भूले तेरह - महावीर स्वामी जैन धर्म के 24 वे तीर्थकर एवं अन्तिम तीर्थकर है. - महावीर जयंती का मुख्य मेला महावीर जी मन्दिर (कैरोली) - चांदनपुर (हिण्डौन - करौली) - यह एक लवकी मेला है। - हनुमान जयन्ति ⇒ चैत्र पूर्णिमा - सालासर बालाजी का मेला ⇒ सालासर (चुरू) - मेहन्दीपुर। - दाडी मूछ वाले हनुमान जी । - मेहन्दीपुर बालाजी का मेला ⇒ दौसा - पाण्ड्र‌पोल मेला ⇒ सरिस्का (अलवर) - इच्छा पूर्ण बालाजी का मेला ⇒ सरदारपुर (पुरु) - इस दिन संत पिपाजी कि जयंती मनायी जाती है. ## वैशाख के माह मे प्रमुख त्यौहार - धीगा गवर ⇒ वैशाख कृष्ण पक्ष-3 - जोधपुर (बेतमार मेला) - मेला मेला - मेले गोमती सागर मेला - झालावाड - मीणा जनजातीका प्रमुख मेला (भरनोद प्रतापगढ - गोमतेश्वर तीर्थ मेला - गोमतेश्वर । - देवयानी तीर्थ - हाथी मेला साभार (जयपुर) - तीर्थों - नक्की झील मेला - माउन्ट भाबू (सिरोही, - माप्त कुण्डिया तीर्थ मेला - राश्मि (चित्तौड) - राज० का हरिद्वारा बैराठ जयपुर - बाण गंगा मेला- - मनाई जाती है जोथूपुर, उद‌यपुर - आख्या तीज/अक्षय तृतीया ⇒ वैशाख शुक्ल पक्ष - 3 - यह एक अबुझ सावा है। (सबसे बडा) - इस दिन परशूराम एवं संत राणा बार्ड कि जयंती मनाई जाती है - इस दिन आर्य समाज में मनाया जाता है⇒ दीक्षा पर्व - इस दिन बिकानेर, मेडता, नागौर आदि के स्थापना दिवस मनाते - इस दिन किसान हड सोइता मनाते है - earn money - पश्चिमी राजस्थानी में सर्वोधिक बाल विवाह होते है. - पीपल पूर्णिमा (वैशाख पूर्णिमा) - यह एक अबुझ मावा है. - इस दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाची जामि - वन विभाग द्वारा वन्य जीवो कि गणना कि जाती है - रोकथाम हेतु हरिविलाल शारदा में (अजमेर) में ने - शारदा एक्ट 1999 मे कानुन बनाया - लागू 1 अप्रैल 1930 को पूरे भारत में ## ज्येष्ठ / जेठ माह के प्रमुख त्यौहार - बड़ अमावस्या (जेठ अमावस्या) =⇒ - इस दिन सुहागिन महिलाओ द्वारा वट शाबीत्र वृत रखा जाता है. - प्रमुख मेले - सीतां नाडी मेला ⇒ केलवाडा (बारो) - यह हाडौती क्षेत्र का सबसे बडा मेला है - इस मेले को सहरिया जनजाति का कुंभ कहा जाता है. - सीता माता मेला ⇒ प्रतापगढ़ - गंगा दशहरा (जेष्ठ शूल्क दशमी) ⇒ - इस दिन गंगा नदी का पृथ्वी पर अवतरण माना जाता है. - मेला ⇒ कामो (भरतपुर) - राजस्थान का एक मात्र गंगा मन्दिर भरतपुर मे है. - निर्जला ग्यारस ⇒ जेष्ठ शुल्क) ## आषाढ महिने के त्योहार - योगिनी एक दशी ⇒ (आषाढ कृष्ण पक्ष एकदशी) - गुप्त नवरात्त्रा ⇒ (आषाढ शूल्क एकम में नौवी तक) - भदल्या नवमी ⇒ आषाढ शुल्क नवमी - यह विवाह का अन्तिम मावा माना जाता है - देव शयनी एकादशी ⇒ आषाढ शुल्क एकादशी - इस तिथी के पश्चात चार महिनो के लिए मांगलिक कार्य नहीं होते है - गुरु पूठिनमा ⇒ आषाढ महिने कि पूर्णिमा = - इस दिन वेद व्यान जयन्ती मनाई जाती है. - इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. ## श्रावण / सावण महिने के त्यौहार - वन सोमवार ⇒ श्रावण मात का प्रत्येक सोमवार ! - श्रावण के अन्तिम सोमवार को मण्डौर में वीर पूरी मेला भरता है - मंगलागौरी वृत ⇒ श्रावण के प्रत्येक मंगलवार को यह व्रत रखा जाता - नाग पंचमी ⇒ (श्रावण कृष्ण पक्ष पंचमी) ⇒ - मारवाड मे नाग पंचमी त्यौहार श्रावण में शूल्क पक्ष पंचमी को मनायाद - मेला ⇒ नाग पंचमी (मन्डौर जोधपुर) - सावन कृष्ण नोवी । नवमी ⇒ निडरी नवमी) - इस दिन नेवलो कि पूजा कि जाती है - हरियाली अमावाया (सावन अमावास्या) - मेले - कल्प वृक्ष मेला ⇒ मांगलिया बास (ब्यावर, अजमेर) - फतेह सागर झील मेला ⇒ उदयपुर - बुष्ठा जोहड मेला ⇒ रायसिंह नगर (गंगानगर) - गुरुद्वारा - राजस्थान में सिक्ख धर्म का सबसे बडा गुरुद्धारा है => बुढ्ढा जोड - गुरुद्वारा - सिंजारा ⇒ सावन शूल्क दोज - छोटी तीज / श्रावणी तीज ⇒ सावन शुक्ल तीज - छोटी तीज के साथ राजस्थान में त्योहारो कि शुरु‌आत मानी जाती है - तीज सवारी जयपुर कि प्रसिद्ध है - तीज के अवसर पर हिन्डा गीत गाये जाते है. - तीज के अवसर पर मुहागिन महिलाओं द्वारा लहरिया वात्र पहना जाता है - तीज के अवसर पर पती पत्नी को झूले झूलाता है। हिन्डौला कहलाता है। **Note:** श्रावण तथा भाद्रपद महिले में आयोजित होने वाले उत्मव तथा मेले हिण्डोला उत्सव कहलाते है - रक्षा बन्धन (सावन पूर्णिमा) / नारीयल पूर्णिमा भी कहा जाता है - इस दिन श्रवण कुमार कि पूजा होती है - इस दिन संस्कृत दिवस मनाया जाता है. ## भाद्रपद महिने के त्यौहार - बडी तीज / भादुडी तीन / सानुडी तीज/बुढी तीज / कजली तीज / भाद्रपद कृष्णा, - इस दिन नीम वृक्ष कि पूजा होती है तथा नीमाणी माता का हत रखा जाता है - पक्ष तीज - कजली तीज महोत्सव बूंदी का सर्वाधिक प्रसिद्ध है - ऊब छठ - (भाद्रपद कृष्ण पक्ष 6) - इसका वृत्त मारवाड का प्रसिद्ध है - इसे चन्द्र पष्ठी कहा जाता है. - शेखावाटी में इसे चाना छठ कहा जाता है - इस दिन बलराम जयन्ती तथा कूल षष्ठी मनायी जाती है. - कृपण जंभाण्टमी (भाद्रपद कृष्ण पक्ष 8 - मेला ⇒ श्रीनाथी मन्दिर (नाथद्वारा राजसमन्द) में भरता है. - इस दिन संत जांभोजी का अवतरण दिवस मनाया जाता है - इस दिन मेहा अष्टमी अष्ठमी मनायी जाती है - गोगा नवमी (भाइपद कृष्ण पक्ष १) - मुख्य मेला ⇒ गोगामेडी (नोकर, हनुमानगढ़) - बच्छ बारस / वत्स द्वादमी (भाइपद कृष्ण पक्ष 12) - इस दिन गाय के बछडे कि पूजा होती है - सतियां अमावस्या (भादपद अमावाया) - इस दिन झुझुनु में राणी सती मेला भरा जाता था. जिम पर राज्य सरकार द्वारा प्रतिबन्ध लगा दिया। - बाबैरी बीज ⇒ भाहपद शुक्ल पक्ष 2 - इस दिन रामदेवरा मेला प्रारम्भ होता है - हरतालिका तीज = - भाद्रपद शुक्ल पक्ष उ - गणेश चतुर्थी = भाद्रपद शुक्ल पक्ष 4 - उपनाम चरता चौथ, कलंक चौथ, शिव चातुर्थी - प्रमुख मेले - त्रि नैत्र गणेश जी का मेला ⇒ रणथम्भौर (सवाई माधोपुर) - चुंगी तीर्थ मेला ⇒ जैसलमेर - हेरम्ब गणेश जी का मेला ⇒ बीकानेर - यह भारत में एक मात्र सिंह पर सवार गणेशया मन्दिर है - बाजना गणेशमी ⇒ निरीही का भी तर् - नाचणा गणेश जी ⇒ अलवर - खडे गणेश जी ⇒ कोटा - गढ गणेश जी ⇒ जयपुर - गज गणेश जी ⇒ जसलमेर - इश्किया गणेश जी ⇒ जोधपुर - तऋषि पंचमी = भाद्रपद शुक्ल पक्ष 5 - इस दिन माहेश्वरी समाज के लोग रक्षा-बन्धन उत्सव मनाया जाता है. - राधाष्टमी = माहपद शुक्ल पक्ष - इस दिन मुख्य मेला सलेमाबाद मे भरा जाता है।, - फता नवमी = भाद्रपद भूक्ल पक्ष १ - वीर फत्ता जी का मेला = जालौर जिले के साथू गाँव में - तेजा दशमी, भाद्रपद शुक्ल पक्ष 10⇒ - इस दिन रामदेव जयन्ती मनाई जाती है - इस दिन खेजडली वृक्ष मेला भरा जाता है।, - विश्व का एक मात्र वृत्त मेला है - जोधपुर - प्रथम बार मेला लगा 12 sep 1978. - खेजडली घटना = 1730 - मारवाड के शासक अभय सिंह के काल में खेजडली गांव में अम्टता देवी विश्नोई सहित 363 (269 पुरुष १५ महिलाएँ) लोगो ने वृत्तो को बचाने के लिए बलिदान दियाथ, - अमृता देवी विश्नोई कि तीन प्रत्त्रियों ⇒ आभू, भागू व इतनी ने वृक्षो को बचाने के लिए बलिदान दिया। - अमृता देवी विश्नोई के नेतृत्व में वृक्षओ को बचाने के लिए चलाया गया । - भाद्रपद शुक्ल पक्ष 10 को विश्वकर्मा जयन्ती मनायी जाती है।. - जलझूलनी ग्यारस / डोल ग्यारस या देव झुलणी एकादशमी ⇒ भाद्रपद शुक्ल पक्ष 11 - इस दिन ठाकुरजी कि खड़ी निकाली जाती है. - प्रमुख मेले - साँवरिया सेठ का मेला - मंड पिया (चित्तौडगढ) - चारभुजा नाथ मन्दिर - गढबोर (राजसमंद - डील मेला - बारां - अनन्त चतुदर्श ⇒ भाद्रपद शुक्ल पक्ष 14 - अणत आभूषण हाथ मे पहना जाता है - इस दिन पूरुषो द्वारा अणत वत रखा जाता है (भगवान विषण ) ## कुआर माह के प्रमूख मेले वा यौहार - श्राद्ध ⇒ भाइपद प्रर्णिमा से आश्विन अमावाया तक (16 दिनो तक) - श्राह्मो में कोये को दिया जाना वाला भोजन कागोल कहलाता है। - श्राद्धो के अन्तिम दिन को थम्बूडा वृत्त रखा जाता है. - आश्विन अमावस्या को सर्व पितृ अमावश्या या साव सादी अमावस्या मनाईजाहीर - सांझी पूजन:- श्राद्धो मे कुंवारी कन्याओ द्वारा सांझी माता (पार्वती माता) कि पूजा कि जाती है घर के मुख्य द्वार पर गोबर से सांझी चित्रण किया जाता है। अन्तिम दिन का सांडती पूजन सेझ्या कोट कहलाता है. - उद‌यपुर के मच्छेन्द्रनाथ मंदिर को सोहनी मन्दिर कहा जाता है। - नाथहारा, - भीनाथ जी के मन्दिर (राजसमंद) मे केले के पत्तो से सांझी चित्रण किया जाता है. - शारदीय नवरात्रा ⇒ अश्विन शुक्ल एकम से नवमी (४१) - बड़े नवरात्रा कहा जाता है. - छुगप्टिमी ⇒ आश्विन शुक्ल पक्ष 8 => - बंगाल का सर्वाधिक लोकप्रिय उत्सव हो. - महानवमी ⇒ आश्विन शुक्ल पक्ष नवमी => - दशहरा ⇒ आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी 10: - इस दिन अशान्त्र- मात्रो कि पूजा होती है. - खेजडी के वृक्ष कि पूजा छोती है - इस दिन लीलटांस पक्षी (नीलकण्ट) देखना शुभ माना जाता है - दशहरा के अवसर पर मदील की पगडी पहनी जाती है - भारत मे मैसूर का दशहरा प्रसिद्ध है - राजस्थान मे दशहरा प्रसिद्ध है कोटा, जयपुर - मंडोर मे सारवत परिवारमें दशहरा उत्सव नहीं मनाया जाता है - शरद पूर्णिमा या रास पूर्णिमा ⇒ आश्विन पूर्णिमा - इस दिन चन्द्रमा 16 कलाओ मे पूर्ण होता है. - इस दिन जोधपुर मे मिरिखाड महोत्सव का आयोजन होता है - मेडता व चित्तौड में इस दिन मीरा महोत्सव मनाया जाता है। ## कार्तिक माह में प्रमुख त्यौहार - करवा चौथ ⇒ कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी - अकोई अष्टमी ⇒ कार्तिक कृष्ण पक्ष अष्टमी - इस दिन माँ अपने पूत्र के लम्बी उम्मृ के लिए वृत्त रखी ती है - इस दिन स्याए माता कि पूजा कि जाती है।. - मुलामी एकादशी ⇒ कार्तिक कृष्ण एकादशी - इसे रमा एकादशी भी कहा जाता है - धन तेरस ⇒ कार्तिक कृष्णा 137 - इस दिन घन के देवता कुवेर कि पूजा कि जाती है।. - इस दिन आयुर्वेद चिकित्सा के ज्ञाता आचार्य धनवन्तरी कि पूजा होती है - रूप चतुर्दशी / नरक चतुर्दशी ⇒ कार्तिक कृष्ण 14 - इस दिन नरकासूर नामक राक्षात का वध किया गया था - दिवाली = कार्तिक अमावस्या - इस दिन आर्य समाज के संस्थापक स्वामी द‌यानन्द सरस्वती तथा जैन धर्म के 24 वे तीर्थंकर महावीर स्वामी का निर्वाण दिवान मनाया जाता है. - गोवर्धन = कार्तिक शुक्ल एकम - इस दिन अन्नकूट महोत्सव का आयोजन होता है भन्नकूट महोत्सव नाद‌घास नाथद्वारा (राजसमन्द) का प्रतिद्ध है - भाई दोज = कार्तिक शुक्ल 2 - इस दिन यम द्वितीय मनाई जाती है - गोपाष्टमी = कार्तिक शुक्ल 8 - इस दिन ग्वालों कि पूजा होती है - देव उठनी ग्यारस = कात्तिक शुक्ल 11⇒ - यह एक अबूझ सावा है। इस दिन मांगलिक कार्यों का आरम्भ होता है।. - देव दिवाली / त्रिपुरा री पूर्णिमा ⇒ कार्तिक पूर्णिमा - इस दिन गुरु नानक जयन्ती मनाई जाती है।. - प्रमुख मेलेः पुष्कर मेला - राजस्थान का सबसे बडा मेला । - राजस्थान का सबसे रंगीन मेला । - इस दिन पुष्कर मे दिप-दान महात्सव का भायोजन घेतात - यह राजस्थान का ऊँटो का सबसे बडा मेला है - पुष्कर को पंचम तीर्थ - कोकण तीर्थ - तीर्थराज व तीर्थों का मामा कहा जाता है।. - कोलायत मेला ⇒ कार्तिक पूर्णिमा - बिकानेर - तपोस्थली - कपिल मुनि - जनक - सांख्य दर्शन - दीप दान महोत्सव का आयोजन - साहवा मेला ⇒ कार्तिक पूर्णिमा - चुरु - सिक्ख धर्म का सबसे बडा मेला है - चन्द्र भागां मेला ⇒ कार्तिक पूर्णिमा - झालरा पाटन (झालावाड) - चन्द्र भागा नदी के किनारे - पशु ACADE मेला लास मालवीय चारख के गौ वंश के लिए प्रसिद्ध है - रामेश्वरम तीर्थ मेला ⇒ कार्तिक पूर्णिमा - सवाई माधोपुर - स्थित - चम्बल + बनाम + सीप नदीयो के संगम पर - मीणा जनजाती का प्रयाग कहा जाता है. **Note:** 2 - मार्गशीर्ष तथा पौष महिने में सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में रहता है इसलिए इनमे कोई भी त्यौहार नहीं मनाये जाते है - 14 Dec में 13 Jan के मध्य मण माम होता है जिसके कारण मांगलिक कार्यों का भायोजन नहीं होता है ## माघ माह के त्यौहार - मकर सक्रांति :- 14 जनवरी - इस वहुएं अपनी रूठी हुई सारत को मनाती है - मकर संक्राति पर 13 वात्तुओं का दान किया जाता है जिसे तेरुण्डा कहा जाता है। - संकट करण चतुर्थी / सकट हरण चौथ ⇒ माघ कपठण 4⇒ - इस तील चौथ कहा जाता है - मेला = चौथ माता का मेला - चौथ का बस्छाडा (सवाई माधोपुर) - पटतीला एकादशी = माघ कृष्ण 11 - इस दिन छः प्रकार कि तील कि वस्तुभो का दान किया जाता है - मौनी अमावस्या - माघ माघ अमावस्या अभावस्था - इस दिन मोन वृत्त रखा जाता है - बसन्त पञ्चमी : माघ शुक्ल 57 - इस दिन सरस्वती माता व कामदेव तथा रती कि पूजा होती है - मेला ⇒ दौसा - इस दिन वाद्ययंत्रो एवं ग्रन्थो कि पूजा होती है - इस दिन पीले रंग के वात्र पहने जाते है - सौर सप्तमी / अचला सप्तमी / भानू सप्तमी ⇒ माघ भूक्ल सप्तमी.. - इस दिन सूर्य कि पूजा होती है। - प्रमुख मेला ⇒ गलता व तीर्थ (जयपुर) - इस दिन सोरसन बारा मे गधो का मेला भरता है - मका पूर्णिमा ⇒ माद्य पूर्णिमा - प्रमुख मेला ⇒ बेणेश्वर मेला - नवाटापर (डुगरपुर) - सोम, माही, तथा जाखम के त्रिवेणी संगम पर लगता है. - आदिवासियो का कुंभ / वागड का कुंभ / दक्षिणी राजस्थान का कुंभ कहा जाता है - बेणेश्वर धाम /तीर्य - कहा स्थापक - मावजी महाराज - वागड का पुपकर - माता मृत आत्मामो कि मुक्ती स्थली - वन वासियो का तीर्थ - फागन / फाल्गुन माह का त्यौहार - इस महिने में गाये जाने वाले कोली के गीत कहल है? फाग तथा इन्हें शेखावाटी क्षेत्र में धमाल कहा जाता है। - महाशिवरात्री:- फाल्गुन कृष्ण 14 - प्रमुख मेले - घुश्मेश्वर महादेव मंदिर - सिवाड (सवाई माधोपुर) - इस मंदिर को 12वा तथा अन्तिम ज्योतिलिंग - ५१ - परशुराम महादेव मंदिर - सादडी (पाली) - राजस्थान का अमरनाथ कहा ज्य जाता है. - सौरत त्रिवेणी मेला = - बिगोंदे (भीलवाडा) - फूलरिया / फूलडीया दीज: फाल्गुन शुक्ल २ :- - यह एक अबूझ सावा है।. - आंवला एकादशी : फाल्गुन शुक्ल एकादशी :- - इस दिन दुठ बांटा जाता है. - मेले = खाटु श्याम जी का मेला = खाटू (सीकर) - शीश का दानी तथा तीन बाण घारी कहा जाता है - यह मंदिर महाभारत कालिन बर्बरिक पात्र को समर्पित है - होली :- फाल्गुन पूर्णिमा - होली के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रो में आयोजित होनी वाली प्रमुख होलीयाँ: - जनम - परण - मरण की सवारी - जयपुर - फूलों की गैर = गोविन्द देवजी - जयपुर - लटठमार होली - महावीर जी मंदिर - करौली - कीडामार बिली [भिनाय आमोर - पत्थर मार होली - बाडमेर - गाबा - फाड होली - पुष्कर - देवर भाभी होली - व्यावर (अजमेर) - कंडे मार होली - गलियाकोट (डुंगरपुर) - राड - रमण होली - मिलडा गांव (दूंगरपुर) - डोलचीमार होली - बीकानेर ## सिक्ख धर्म के त्यौहार - गुरू नानक जयंति - कार्तिक पुर्णिमा - मेला - पीष शुक्ल सप्तमी - ① साहवा (चुरू) - ② कोलायत बीकानेर - लौकडी पर्व - 13 जनवरी - बैशाखी पर्व - 13 अप्रैल : - इस दिन सिक्ख धर्म मे नववर्ष मनाया जाता है इसी दिन 13 अप्रैल 1919 को जलियावाला बाग हत्याकाण्ड हुआ ## ईसाई धर्म के त्यौहार - ① क्रिसमस डे 25 दिसम्बर - यह ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. - ② गुड फ्राइडे - यह 2 मार्च से 22 अप्रैल के मध्य आने वाली पूर्णिमा के पश्चात आने वाले शुक्रवार के दिन मनाया जाता है - इस दिन ईसा मसीह को सुली (+) की सजा हुई थी इस उपलक्ष मे मनाते है. - ③ ईस्टर - गुड फ्राइडे के 2 दिन बाद मनाया जाता है -

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