भारत का भूगोल (ANKUR YADAV) PDF
Document Details
Ankur Yadav
Tags
Summary
These handwritten notes detail the geography of India, including its location, size, boundaries, and major physical features. The document also discusses neighboring countries and significant geographical features like mountains, rivers, and coastal areas. The handwritten notes provide a concise summary of the topic and a map.
Full Transcript
# भारत का भूगोल ## भारत का पश्चिम में - मुख्य भूमि की तटीय सीमा की ल० 6,100 km² - भारत की आकृति चतुष्कोणीय है। ## भारत का भूगोल (भारत) - अप्तीशीय द्वाप्त से भारत की अवास्थति उत्तरी गोलार्ध में तथा देशान्तरीय दृष्टि से पूर्वी गोलार्ध में - लं० (2933 km) - भारत का कुल क्षे० 32,87, 263 km² - भ...
# भारत का भूगोल ## भारत का पश्चिम में - मुख्य भूमि की तटीय सीमा की ल० 6,100 km² - भारत की आकृति चतुष्कोणीय है। ## भारत का भूगोल (भारत) - अप्तीशीय द्वाप्त से भारत की अवास्थति उत्तरी गोलार्ध में तथा देशान्तरीय दृष्टि से पूर्वी गोलार्ध में - लं० (2933 km) - भारत का कुल क्षे० 32,87, 263 km² - भारत दक्षिणी एशिया के मध्य में स्थित - भारत की स्थलीय सीमा की कुल लं० 15,200km - समुन्द्र तट की कुल लं० 7516.6 km - उसे द० कील० लं० (3214 km) ## ANKUR YADAV - मूमध्य रेखा से उसकी दूरी 876 km है।. - पहले इसे 'पिगमेलियन प्वाइट' अथवा 'पाइरस प्वाइट' के नाम से जाना जाता था - उत्तरी बिन्दु 'इन्दिरा काल' (जम्मू कश्मीर राज्य में ) ## ANKUR YADAV ## स्थिति और विस्तार - भारत के पूर्व में बगाल की खाड़ी - भारत के दक्षिण में हिन्द महासागर - भारत के दक्षिण में, गौर मोता (गुजरात) - पूर्वी बिन्दु किबिथु (अरुणाचल प्रदेश) - दक्षिणी बिन्दु इन्दिरा प्वाइंट (ग्रेट निकोबार द्वीप) 6°4′ उ० अक्षाश - मुख्य भूमि की दक्षिणतम बिन्दु (8°4' उत्तरी अक्षाश) कन्याकुमारी' (तमिलाडु) - अक्षाशीय विस्तार - 6°4' उत्तरी अक्षांश से 37° 6' उत्तरी अक्षांश तक - देशान्तरीय विस्तार - 68°7' पूर्वी देशान्तर से 97° 25' पूर्वी देशान्तर ## भारत का भूगोल - भारत के राज्नी से सटे देश : अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, म्यांमार - चीन को छूते हैं : जम्मू-कश्मीर, हि. प्र., उत्तराखंड, शिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, कुल 5 भारतीय राज्य - नेपाल को छूते हैं: उत्तराखंड, उ०प्र०, बिहार, प. बं, कुल 5 राज्य - भूटान से सटे हैं : सिक्किम, पं. बंगाल, जसम, अरुणाचल प्रदेश, कुल 4 भारतीय राज्य - सबसे लम्बी तटीप सीमा वाला राज्य गुजरात, भारन का सबसे छोटा राज्य (क्षेत्रफल की दृष्टि से) - सबसे छोटा राज्य गोवा - राजस्थान क्षे. (342,239 km²) देश का सबसे बड़ा राज्य - जादम ब्रिज ## MISSION UPSC ## APPSC MANTHAN - सीमा की ल०- 106 Km - सीमा की ल०- 3323 km - सीमा की ल० - 1643km - सीमा की ल० - 199 Km ## Ankur Yadav - नव निर्मीत भारत का 29 वो राज्य जो आन्ध्र प्रदेश से अलग होकर बना (10 जिले सामिल) राजधानी - हैदराबाद - साक्षरता दर - 66.46% - पंबन हीप (रामेश्वरम) पंबन द्वीप' आदम ब्रिज का ही हिस्सा है इसी द्वीप पर ही रामेखरम स्थित है। ## स्मरणीय तथ्य - चीन, नेपाल, बाग्लादेश को 5 भारतीय राज्य, पाकिस्तान, भूटान, म्यांमार को 4 भारतीय राज्य व अफगानिस्तान को जं. क' (PoK) केवल 1 राज्य छूता है। - सेनफल की दृष्टि से चार बड़े राज्य: राजस्थान > मध्य प्रदेश > महाराष्ट्र > उत्तर प्रदेश - सेलफल की इति णे सबसे छोटा राज्य गोता (क्षे० 3,702 km²) - भारत की सर्वाधीक लम्बी स्थलीग अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बाग्लादेश के साथ है - भारत का सबसे बड़ा जिला कच्छ, गुजरात (45,652 km²) है। तथा सबसे छोटा जिला - माहे, पाण्डिचेरी (km²) है। - राज्यों की सं०- २१ (तेलगाना आन्ध्र 2 June 2014 को आन्ध्र प्रदेश से अलग होकर देश का 29 राज्य बना) - केन्द्रशासित खसाज्यों की सं०- 7 - राबसे होटा केन्द्रशासित राज्य - लक्षद्वीप (32km²) - सबसे बड़ा केन्द्रशासित राज्य - अंण्डमान निकोबार (8249K - जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा राज्य सिक्किम है। - देश में जिलो की कुल संख्या 640 (2011 के अनुसार) ## भारत का भूगोल - भारत का प्रादेशिक जल सीमा, संलग्न क्षेत्रमण्डल तथा अनन्य आर्थिक क्षेत: - 12 nm - प्रादेशिक जल सीमा - 12+12=24 nm - सलग्न क्षेत्रमण्डल - 24+176=200mm - अनन्य आर्थिक मेल - उच्च सागर (A) yहा सभी राष्ट्रो को अधिकार है) - प्रादेशिक जल सीमा - B - संलग्न क्षेत्रमण्डल - C - अनन्य आर्थिक क्षेत - प्रादेशिक जल सीमा (आ० रेखा से 12mm तक) - सलग्न क्षेत्रमण्डल (आधार रेखा से 24 nm तक) ## MISSION UPSC ## UPPSC MANTHAN - भारत की प्रादेशिक जल सीमा या समुद्री सीमा (Maritime Belt) (Territorial sea) - भारतीय' प्रादेशिक जल सीमा' तट रेखा से 12nm की दूरी तक हैं। - इस तेल के उपयोग का भारत को पूर्णतः अधिकार है। - जविच्दन मंडल या संलग्न क्षेन (Contiguous Zone) अधिकार है। - इसकी दूरी आधार रेखा से 24mm तक है। इस क्षेन में भारत को राजकोषीय सम्बन्धित, प्रदूषण नियंतण से सम्बन्धित अधिकार है। - अनन्य आर्थिक क्षेत्र आधार रेखा से 200mm तक है। इस क्षेन के अन्तर्गत भारत को खनिज संपदा, सागरीय जल शाक्त, सागरीय जीवो आदि के सर्वेक्षण, विदोहन, संरक्षण एव वैज्ञानिक अनुसंधान व नये दीपो के निर्माण का अधिकार प्राप्त है। भारत का अनन्य आर्थिक क्षेत्र 2.02 मिलियन वर्ग कि मी क्षेल में फैला है। - उच्च सागर अनन्य आर्थिक तेल के बाद उच्च सागर का विस्तार है जहाँ सभी राष्ट्रो को समान अधिकार है। - भारत का देशान्तरीय विस्तार अधिक है । 82°30' पूर्वी देशान्तर रेखा को देश का मानक याम्योत्तर माना गया है यह इलाहाबाद के नैनी से होकर गुजरती है। भारतीय मानक समय (I.S.T) ग्रीनविच मीन टाइम (G.M.T) से 5:30 घण्टे आगे है। ## भारत का भूगोल - भारत की उत्तरी सीमाएँ एंव नियंतण रेखा → - POK → पाक अधिकृत मेल - LOC लाइन ऑफ कन्ट्रोल (नियंत्रण रेखा) - 1963 में पाकिस्तान द्वारा चीन को दिया गया क्षेत - सियाचिन ग्लोरीयर JEK के लक जिले में काराकोरम क्षेतरी पर स्थित 72 12m लम्बा तथा 2 से 8 चौडा एक विवादित ग्लेशियर है। इसकी समुद्र तन से ऊं0 5700 मी है जहाँ का तापमान (-50°) से गे० रहता है। - शेष भारत - मक्साई चीन 1962 में भारत - चीन युद्ध के दौरान चीन द्वारा हड़प लिया गया भारतीय मेन - भारत के 17 राज्य पडोसी देशो की स्थलीय सीमाओं से जुड़े हैं। - रेडक्लिफ रेखा भारत-पाकिस्तान एव भारत - बाग्लादेश के बीच की सीमा रेखा । भारत एव पाकिस्तान के बीच सीमा का निर्धारण 1947 में सर रेडक्लिफ द्वारा किया गया। चूँकि बांग्लादेश उस समय पूर्वी पाकिस्तान था अतः भारत बाग्लादेश सीमा का निर्धारण भी रेडक्लिफ रेखा से होता है। - मैकमोहन रेखा भारत व चीन के बीच की सीमा रेखा । इस सीमा रेखा का निर्धारण 1914 में सर हेनरी मैकमोहन द्वारा किया गया। - डुरण्ट रेखा भारत- अफगानिस्तान के बीच की सीमा रेखा (वर्तमान में इस बीच) सीगा रेखा निर्धारण 1896 में सर मोटींमर इरण्ड द्वारा किया गया था। चूंकि उस समय भारत व पाकिस्तान एक थे इसलिए वर्तमान में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण इसी से होता है। - POK (पाक अधिकृत क्षेत्र) 1947 में, आजादी के बाद पाकिस्तान ने स्थानीय कबायली लोगो के सहयोग से जम्मू कश्मीर रियासत पर हमला कर जम्मू कश्मीर के कुछ सेलो पर कब्जा कर लिया बाद में जम्मू कश्मीर रियासत ने भारत मे विलय की घोषणा की, लेकिन मामला चूंकि UNO चला गया अतः भारत ने पुन, आक्रमण कर कब्जे वाले क्षेल को पुनः भारत में नहीं मिलाया। इस प्रकार जम्मू कश्मीर का यह हिस्सा भारत का होते हुए भी पाकिस्तान के कब्जे में है जिसे हम पाक अधिकृत कश्मीर (POK) के नाम से जानते हैं। ## ANKUR YADAV ## पांडिचेरी - पांडिचेरी (मुख्य) तमिलनाडु की सीमा में स्थित - कराईकल - तमिलनाडु की सीमा मे स्थित - यनम - आन्ध्र प्रदेश की सीमा में स्थित - माहे - केरल की सीमा में स्थित - पांडिचेरी फ्रांस के अधीन था। यह एक ऐसा केन्द्रगसित प्रदेश है जिसका फैलाव तीन राज्यों में हैं। ## लक्षदीप - लमहीप प्रवाल भित्ती द्वारा निर्मित द्वीप है - 8° चैनल (8° उत्तरी अक्षाश) मिनीकाया को मालदीप से अलग करता है - 9° चैनल (१° उत्तरी अक्षारा) मिनीकाय को मुख्य लक्षदीप से अलग करता है। - 2 June 2014 को आन्ध्र प्रदेश के 10 उत्तर पश्चिमी जिलो को अलग करते हुए भारत के २१ राज्य २९ गठन गया । प्रशासनिक अनुबंधो के तहत दश वर्षों तक 'हैदराबाद' आन्ध्र प्रदेश व तेलंगाना दोनों की राजधानी होगी - NOTE- हैदरागाद गाना में स्थित है इसका आन्ध्र प्रदेश के भौगोलिक क्षेन में विस्तार नहीं पाया जाता। - कर्क रेखा कर्क रेखा भारत के मध्य भाग से 8 राज्यों से होकर गुजरती है ## Trick- [मित्त पर गमछा झार ] - गुजरात - राजस्थान - म०प्र० - छत्तीसगढ़ - झारखण्ड - ar - मि - मिजोरम - नी - त्रिपुरा - प - पश्चिम बंगाल - र - राजस्थान - ग - गुजरात - म - मध्य प्रदेश - द्दा - छत्तीसगड - झा - झारखण्ड - M - Silent - अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह- बैरन द्वीप जो भारत का एकमाल जाग्रत ज्वालामुखी है, मध्य अण्डमान के पूर्वी भाग में है - 10° चैनल (10° उत्तरी अक्षांश रेखा अण्डमान को निकोबार से अलग करता है। - डंकन दर्रा दक्षिणी अंडमान और लघु अउंमान के बीच है - कोको स्ट्रेट कोको द्वीप समूह (म्यामांर) एवं उत्तरी अंडमान के मध्य है। - अंडमान निकोबार द्वीप मरकत द्वीप (एमराल्ड आईलैंड) के नाम से भी प्रसिद्ध है। - अडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी 'पोर्ट ब्लेयर' द० अडमान द्वीप पर है। ## अध्याय-2 - भारत - भू-माकृतिक प्रदेश - भू आकृतिक की दृष्टि से भारत मे काफी विविधता है। - देश के लगभग 10.6% क्षेत्र पर पर्वत 18-5% झेल पर पहाड़ियाँ, 27.7% पर पठार तथा 43.2% क्षेत्रफल पर मैदान विस्तृत हैं। - भू - आकृति विज्ञान के आधार पर भारत को निम्न चार भागो में विभाजित किया जा सकता है। - उत्तर का पर्वतीय क्षेल - उत्तर भारत का विशाल मैदान - प्रायद्वीपीय पठार - तटवर्ती मैदान एवं द्वीप समूह ## Ankur yadav - (भारत का सर्वोच्च शिखर) माउंण्ट 122 (गॉडविन ऑस्टिन) (8611 m) यह काराकोरम श्रेणी, में स्थित है वर्तमान में यह पाक अधिकृत (Pok) का हिस्सा है। - काराकोरम श्रेणी - नंगा पर्वत (7817m) भारत माउंट एवरेस्ट (हिमालय का सर्वोच्च शिखर) (8848m) विश्व की सर्वोच्च चोटी (नेपाल में स्थित) - सिक्किम व नेपाल की सीमा, पर) कचनजंघा (भास, सिक्किम) (8538m) भारत में स्थित हिमालय की सबसे ऊंची चोटी - अन्नपूर्णा (807६) धौलागिरी नेपाल (8172m) नेपाल में - कैलाश श्रेणी - पीर पंजाल लघु धौलाधार-हिमरे शिवालिक - उत्तरी मैदान - गारो, खासी, जयत्तिया पहाड़ियां (मेघालय में) - 'नामचाबखा (तिब्बत) (7756 m) - मिसमी पहाड़ी - पटकोई बुम - नागा पहाड़ियाँ - लुशाई पहाड़ियाँ ## उत्तर का पर्वतीय क्षेत - यह पर्वतीय क्षेल पश्चिम में जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्व में अरुणाचल प्रदेश तक (2500km) में फैला हुआ हैं। इसकी चौड़ाई पूर्व की अपेक्षा (200km) पश्चिम में (500 km) जादा है इसका कारण है पश्चिम की अपेक्षा पूर्व में दबाव - बल का अधिक होना । हिमालय पर्वत का निर्माण यूरेशियाई प्लेट (अंगारा) और इंडिक प्लेट (गोंडवाना) के टकराने से हुआ है। प्लेट-टेक्टानिक सिद्धान्त के पहले यह माना जाता रहा था कि हिमालय की उत्पत्ति टेथीस सागर में जमें मलबे में दबाव पड़ने से हुआ है अतः हम टेथीस सगर को 'हिमालय का गर्भ-गृह' कहते है। - उत्तर के पर्वतीय प्लेन को चार भागो में बाटा जा सकता है। - ट्रास हिमालय क्षेत - बृहद हिमालय या मांतरिक हिमालय श्रेणी - लघु या मध्य हिमालय श्रेणी - उप हिमालय या बाहय हिमालय या शिवालिक श्रेणी ## ANKUR YADAV - ट्रांस हिमालय क्षेल ट्रांस हिमालय को 'तिब्बती हिमालय 'या 'टेथीस हिमालय' भी कहा जाता है इस श्रेणी पर वनस्पति का अभाव पाया जाता है इसके अन्तर्गत काराकोरम, कैलाश, जास्कर एवं लद्दाख आदि पर्वत श्रेणिया आति हैं। ट्रास हिमालय अवसादी चट्टानो का बना है यह श्रेणी सतलज, सिंधु त ब्रहमपुल (सांगपो) जैसी पूर्ववर्ती नदियों को जन्म देती है। - K² या गाडविन आस्टिन (8611 m) भारत की सबसे सर्वोच्च चोटी है जो काराकोरम श्रेणी की सर्वोच्च चोटी हैं। ## Mission upsc(group) मे उपलब्ध - वृहद हिमालय - इसे हिमालय या सर्वोच्च हिमालय की भी सज्ञा प्रदान की गई है। इस श्रेणी की औसत ऊपाई 6100 मी, लं० - 2500 km और चौड़ाई 251km है यह पश्चिम में नगा पर्वत से पूर्व में नामचा जर्ना पर्वत तक फैला है। उसी श्रेणी में विश्व की सर्वोच्च पर्वत चोटियां पायी जाती हैं जिनमें प्रमुख है - गाउण्ट एवरेस्ट (8848m), कंचनजंगा (8598m), मकालू (8481m), धौलागिरी (8172m), नगा पर्वत (8126m) अन्नपूर्णा (807Bm), नंदा देवी (7817m), नामन्चबरवा (7756m) आदि । सिन्धु, गतनज, दिहांग, गंगा, यमुना तथा इनकी सहायक नदियों की घाटियां इसी श्रेणी में स्थित है। - एवंरेस्ट चोटी को पहले तिब्बती भाषा में चोमोलुगंमा कहते थे। जिसका अर्थ है 'पर्वतो की रानी' - बृहद हिमालय में पूर्व की तुलना में पश्चिमी भाग में हिम रेखा की ऊंचाई अधिक हैं। अर्थात पूर्वी भाग में पाश्चमी भाग की अपेक्षा अधिक निचले भाग तक बर्फ देखी जा सकती है। ## हिमरेखा - हिमालय श्रृंखला - पूर्व हिमरेखा (यह रेखा, जिसके उपर तापमान सदा ००८ से कम रहता है) - लघु हिमालय - यह श्रेणी महान हिमालय के दक्षिण तथा शिवालिक हिमालय के उत्तर में स्थित है। इसकी चौड़ाई 80 से 100km तथा औसत ऊँचाई 1800 से 3000 मी है। अधिकतम ऊ० 4500 मी. तक पायी गयी है। पीर पंजाल श्रेणी इसका पश्चिमी विस्तार है। इस श्रेणी में पीर पंजाल (3494 मी) और बनिहाल (2832 मी०) दो प्रमुख दर्रे हैं। बनिहाल दर्रे से होकर जम्मू कश्मीर मार्ग जाता है। लघु हिमालय अपने स्वास्थवर्धक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है इसके अन्तर्गत चकरौता, मसूरी, नैनीताल, रानीखेत, अल्मोड़ा, दार्जिलिंग एवं डलहौजी नगर आते हैं। जिनकी ऊ० 1500 से 2000 मी. के बीच पाई जाती है। लघु हिमालय शिवालिक से 'मेन बाउंड्री फॉल्ट' के द्वारा अलग होती है। उस श्रेणी के ढालो पर मिलने वाले छोटे- छोटे घास के मैदानो को जम्मू-कश्मीर में मर्ग (जैसे- गुलमर्ग, सोनमर्ग, टनमर्ग) और उत्तराखंड में बुग्याल और पधार कहते हैं। - उप हिमालय या शिवालिक श्रेणी- यह श्रेणी लघु हिमालय के दाक्षिण में स्थित है इसका विस्तार पश्चिम में पाकिस्तान (पंजाब) के पोटवार बेसिन से पूर्व मे कोसी नदी तक है इसकी औसत ऊंचाई 600 से 1500 मी. के बीच है तथा चौड़ाई 10 से 50. km तक है। शिवालिक को लघु हिमालय से अलग करने वाली घाटियों को पाश्चम में दून (जैसे- देहरादून) व पूरब मे द्वार (जैसे हरिद्वार) कहते हैं। यह हिमालय पर्वत का सबसे नवीन भाग है। शिवालिक को जम्मू- कश्मीर में जम्मू पहाड़िया तथा अरुणाचल प्रदेश में डफला', मिरी, अवोर' और मिशमी की पहाड़ियो के नाम से जाना जाता है। ## Mission upsc(group) मे उपलबध - उत्तर भारत का विशाल मैदान इस मैदान की अवस्थिति हिमालय पर्वत श्रेणी और प्रायद्वीपीय भारत के बीच है। हिमालय से निकलने वाली नदियों (जैसे- गंगा, यमुना, सिन्धु, ब्रहमपुल आदि) तथा प्रायद्वीपीय भारत से आने वाली नदियों (सोन, चम्बल आदि) के द्वारा बहाकर लाई गई मिट्टी के जमा करते जाने से इस उपजाऊ मैदान का निर्माण हुआ। यह मैदान धनुषाकार रूप से 3200km में देश के 7.5 Lack वर्ग 1km सोन पर विस्तृत है। इसकी चौड़ाई पाश्चम में 480km तप्पा पूर्व गे 145 km है। ## संरचनात्मक विशेषताओं के आधार पर इसका विभाजन - 1. भाबर - 2. तराई प्रदेश - 3. बांगर - 4. खादर ## ANKUR YADAV - 1- भाबर यह क्षेन हिमालय तथा गंगा के बीच पाया जाता है। यह एक ककड़ पत्थर वाला मैदान है इसका निर्माण हिमालय से नीचे उतरती हुई नदियों द्वारा लाई गई ककड़ पत्थर के निक्षेपण के फलस्वरूप हुया है। इसे शिवालिक का जलोद पंख कहा जाता है। - 2- तराई प्रदेश इसका विस्तार भाबर के ठीक नीचे है इसकी चौ०15 से 30 km तक पायी जाती है यहा महीन रेत व चिकनी मिट्टी का निक्षेप मिलता है। भाबर में लुप्त नदियाँ तराई प्रदेश में पुनः प्रकट हो जाती हैं। समतल होने के कारण नदियो का पानी इधर उधर फैल कर दलदल का निर्माण करता है। यह प्रदेश प्घने वनो से टका था जिसे वर्तमान में काटकर कृषि भूमि में परिवर्तित कर दिया गया है। - 3- बांगर - यह प्राचीन जलोढ़ मिट्टी से निर्मित मैदान है। खादर की तुलना में यह अधिक ऊंचा है। इस प्रदेश में बाढ़ का पानी सामान्यतः नहीं पहुंच पाता। बांगर प्रदेश का विस्तार मुख्यतः दो नदियो के भागो में पाया जाता है। गंगा-यमुना का दोआब व सतलज का मैदान इसका उदाहरण है। यह प्रदेश कृषि के लिए अधिक उपयुक्त नहीं होता। ## झेलम ## रावी ## चेनाब ## सतलज ## सिन्धु ## सिन्ध ## थार रेगिस्तम ## पश्चिमी घाट ## कोकण तट ## मालाबार तट ## यमना ## बेतवा ## बीस ## गंगा ## उत्तर का मैदानी भाग ## Mission upsc ## पूर्बी घाट ## प्रायद्वीपीय पगर ## उत्तर का पर्वतीय क्षेन ## उत्तर का मैदानी भाग ## तटवर्ती भाग ## प्रायद्वीपीय पगर - 4- खादर यह नवीन जलोढ़ के जमा होने से बना है तथा अपेक्षाकृत नीचा प्रदेश है। यहा नदियों के बाद का पानी लगभग प्रतिवर्ष पहुन्चता है। यह प्रदेश कि कृषि के लिए अत्यधिक उपयुक्त होता है। बिहार पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल के कुछ होल जो नदी- घाटियों से सटे हैं खादर प्रदेश के अन्तर्गत आते हैं। उत्तर प्रदेश में मिलने वाले खादर को 'खादर' व पजादा में उसे 'बेट' कहते हैं। ## 3- प्रायद्वीपीय पगर / दक्षिण का पगर - यह विश्व का प्राचीनतम पठार है। - यह प्राचीन गोंडवाना भूमि का भाग है जो आर्कियन काल के चट्टान से बना है। इसकी आकृति तिभुजाकार है । इसका विस्तार 16 लाख km² पर है यह क्षेतष्यल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा भौतिक प्रदेश है। इसकी औसत ऊ०८०० से १०० मी० है। ## Page-10 - विध्य श्रेणियाँ तथा सतपुड़ा की पहाडिया उत्तरी तथा दक्षिणी भारत के मध्य एक प्राकृतिक अवरोधक का निर्माण करती' है जहां क्रमश पूर्ववर्ती आर्य तथा प्रविण संस्कृतिया पनपी - पश्चिमी घाट एव पूर्वी घाट को दक्षिण में नीलागरी पहाड़िया गिलाती पहाडिया हैं। ## ANKUR YADAV - गुरु-शिवर - अशवली पूर्वत - कम्बल - मालता का पहार - बेतवा - गिर - नर्म - विध्य पर्वत श्रेणी - पश्चिमी - CTTE - कोकण तट - दक्षिण कार - पठार - मालाबार तट - सतपुद्रा पर्वत श्रेणी - सोन - तासी - महादेव पही - अकोल पर्वत श्रेणी - विषास - - अरावली, कैमूर, राजमहल व शिलांग की पर्वत प - होटा नागपुर का पठार - गोदावरी - मालाघाट पर्वत श्रेणी - कृष्णा - महानदी - चिन्का - ट सील - नीलागिरीकी द० पहाड़िया - पूर्वी बाल पर्वत - ५० (पूर्वी तटीय मैदान के पश्चिम में) - कन्याकुमारी - जान्तीवा - गारो खासी - कोरोमण्डल तट - कावेरी - अन्नामलई पहाड़िया - पेरियार नदी - हमाइली पहाड़िया ## Ankur yadav - नीलगिरी की सर्वोच्च चोटी दोदा बेट्टा (2637 मी०) है। - दक्षिण भारत का सर्वोच्च शिखर पलनी पहाड़ियों में स्थित अनाईमुदी (2695 मी०) हैं। ## प्रायद्वीपीय भारत के अन्तर्गत आने वाले पगर → - मालवा का पठार यह लावा निर्मित पठार है। वर्तमान में काली मिट्टी का मैदान बन गया है। उत्तर में ग्वालियर की पहाड़िया व उत्तर व उत्तर-पूर्व की सीमा पर बुंदेलखंड और बघेलखंड का पठार है। - दम्कन लावा पगर बेसाल्ट - प्रधान लावा से इस पठार का निर्माण हुआ है। वर्तमान मे इस पर काली - कपासी मिट्टी का विकास हुआ जो काफी उपजाऊ है। - बुंदेलखण्ड का पगर यह पठार ग्वालियर पठार व विन्ध्याचल श्रेणी के बीच है इस प्रदेश को 'उत्खात भूमिका प्रदेश' कहते हैं। - छोटानागपुर पठार उसकी उत्तरी सीमा राजमहल की पहाड़िया तथा महानदी इसकी दक्षिण सीमा है। छोटा नागपुर का पठार खनिल ससाधन की हष्टि से काफी धनी है। - तेलंगाना का पठार इसका फैलाव तेलगांना के आन्तरिक भाग में है इसकी उत्तरी सीमा पठारी है तथा दक्षिणी हिस्सा उर्मिल मैदान के रूप में है। - दक्कन का पठार दक्कन के पठार को तीन भागो में बांटा जा सकता है। - दण्सुकारण्य का पठार दक्षिण हत्तीसगढ़ एत पूर्वी महाराष्ट्र में इस पठार का फैलाव है। यह अत्यन्त अनुपजाऊ व ऊबड़ खावाड़ क्षेन है। - मेद्यालय का पठार इस पठार में पश्चिम से पूर्व की ओर क्रमशः गारो, खासी, जांतिमा पहाड़ियां अवस्थित हैं। खासी पहाड़ी के दक्षिण में पेरापूँजी व 'मासिनराम' स्थित है। इसे शिलाग के पठार से भी जाना जाता है। - बाबाबूदन की पहाड़ियां इस पठार का हिस्सा है। लौह अयस्क की हष्टि से यह काफी धनी है। कावेरी ## Page-11 ## ANKUR YADAV - गारा पहाडी - खासी पहाडी - जान्त्रिया पहाडी - चेरापूँजी ## Mission upsc(group) मे उपल - मैसूर के पठार गोदावरी नदी इस पठार को दो भागों में बाटती पर बहने वाली मुख्य ## भारत के प्रमुख दरें - बुर्जिल दर्श (ज०कन्