Hindi Model Paper Class 10 2023-24 PDF
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This document is a Hindi model paper for class 10. The paper has multiple choice questions and is useful for practice. The exam board and specific year are not mentioned, making it impossible to identify the exact paper or when it may be used.
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मॉडल न प स -2023-24 क ा-10 वषय- ारि भक ह द (ख ड-अ) समय- 3 घ टे 15 मनट पूणाक- 70 नदश- (I) ार भ के 15 मनट पर...
मॉडल न प स -2023-24 क ा-10 वषय- ारि भक ह द (ख ड-अ) समय- 3 घ टे 15 मनट पूणाक- 70 नदश- (I) ार भ के 15 मनट पर ा थय को न-प पढ़ने के लए नधा रत है । (II) नप दो ख ड (अ) तथा ख ड (ब) म वभािजत है । (III) नप के ख ड (अ) म बहु वक पीय न ह िजसम सह वक प का चयन करके O.M.R. शीट पर नीले अथवा काले बाल वाइंट पेन से सह वक प वाले गोले को पण ू प से काला कर। (IV)ख ड (अ) म बहु वक पीय न हे तु येक न के लए (01) अंक नधा रत है । (V) ओoएमoआरo शीट पर उ र अं कत कये जाने के प चात उसे काटे नह ं तथा इरे जर(Eraser) एवं हाइटनर (Whitener) आ द का योग न कर। (VI) येक न के स मुख उनके नधा रत अंक दये गये ह। बहु वक पीय न ख ड-अ पूणाक-20 न-1 ‘ठलआु लब’ कस वधा क रचना है - 01 A. नब ध B. रे खा च C. सं मरण D. नाटक न-2 ‘जय-पराजय’ कसका नाटक है - 01 A. इलाच द जोशी B. जयशंकर साद C. उपे नाथ ‘अ क’ D. राजे यादव न-3 राम च शु ल कस युग के लेखक ह- 01 A. भारते द ु यग ु B. ि वे दी यग ु C. ग तवाद D. शु ल यग ु न-4 आंच लक उप यासकार ह- 01 A. जैने कुमार B. अ ेय C. फणी वरनाथ रे णु D. रामधार संह दनकर न-5 शु ल यग ु क समयाव ध है - 01 A. सन ् 1918 से 1936 तक B. सन ् 1900 से 1918 तक C. सन ् 1843 से 1900 तक D. इनम से कोई नह ं न-6 ‘आ यदाताओं क शंसा’ कस युग क मुख वशेषता रह है - 01 A. भि तकाल B. आधु नक काल C. र तकाल D. इनम से कोई नह ं न-7 जयशंकर साद कस युग के मुख क व ह- 01 A. छायावाद B. ग तवाद C. ि वे दी यग ु D. इनम से कोई नह ं न-8 ‘ कृ त का मानवीकरण’ कस यग ु क मुख वशेषता रह है - 01 A. ग तवाद B. योगवाद C. छायावाद D. अक वता न-9 ‘नीरजा’ कसक रचना है - 01 A. महादे वी वमा B. सु म ान दन पंत C. जयशंकर साद D. नराला न-10 ‘गीत फरोश’ कसक रचना है - 01 A. भवानी साद म B. धमवीर भारती C. नागाजन ु D. अ ेय न-11 ‘च पा ण’ म समास है - 01 A. वहु ी ह B. C. अ ययी भाव D. त पु ष न-12 ‘ वकार ’ श द के कतने भेद है - 01 A. चार B. तीन C. छः D. इनम से कोई नह । न-13 ‘कमल’ का पयाय है - 01 A. वा रद B. सर सज C. आलय D. पयोद न-14 ‘पराधीनता’ का वलोम है - 01 A. वाधीनता B. आजाद C. परतं ता D. इनम से कोई नह ं न-15 ‘चौराहा’ का त सम है - 01 A. चतप ु द B. चतु पथ C. दोरा ता D. इनम से कोई नह ं न-16 ‘कपट’ का त भव है - 01 A. कपाट B. दरवाजा C. कपड़ा D. इनम से कोई नह ं न-17 ‘जो ई वर म व वास रखता हो’ उसे कहते ह- 01 A. आि तक B. नाि तक C. वाि तक D. इनम से कोई नह ं न-18 ‘उसके वारा लखा जायेगा’ म वा य है - 01 A. कत ृ वा य B. भाव वा य C. कम वा य D. इनम से कोई नह ं न-19 ‘तव य’ म वभि त और वचन है - 01 A. ष ठ वभि त एकवचन B. स तमी वभि त एकवचन C. पंचमी वभि त बहुवचन D. इनम से कोई नह ं न-20 अथ के आधार पर वा य के कतने भेद है - 01 A. आठ B. छः C. तीन D. इनम से कोई नह ं पूणाक-50 (ख ड-ब) (वणना मक न) न-1 दये गये ग ांश को पढ़कर उसके नीचे दए गये न के उ र द िजए- 3×2=06 रोहतास-दग ु के को ठ म बैठ युवती ममता, शोण के ती ण ग भीर वाह को दे ख रह है । ममता वधवा थी। उसका यौवन शोण के समान ह उमड़ रहा था। मन म वेदना, म तक म आंधी, आंख म पानी क बरसात लए, वह सुख के कंटक शयन म वकल थी। वह रोहतास दग ु प त के मं ी चड़ ू ाम ण क एकमा द ु हता थी। फर उसके लए कुछ भी अभाव हो, अस भव था। तब उसक वड बना का कहाँ अ त था? (I) उपयु त ग ांश का संदभ ल खए। (II) ग ांश के रे खां कत अंश क या या क िजए। (III) उपयु त ग ांश के अनुसार ह द-ू वधवा क ि थ त कैसी है ? अथवा हम लोग क ची म ट क मू त के समान रहते है िजसे जो िजस प का चाहे उस प का करे - चाहे रा स बनावे, चाहे दे वता। ऐसे लोग का साथ करना हमारे लए बुरा है जो हमसे अ धक ढ़ संक प है य क हम उनक हर एक बात बना वरोध के मान लेनी पड़ती है । पर ऐसे लोग का साथ करना और बुरा है । (I) उपयु त ग ांश का संदभ ल खए। (II) रे खां कत अंश क या या क िजए। (III) हम कन लोग का साथ नह ं करना चा हए। न-2 दए गए प ांश पर आधा रत तीन न का उ र द िजए। 3×2=06 उधौ मन न भयो दस बीस। एक हुतौ सो गयौ याम संग, को अवराधै ईस। इं स थल भई केसव बन, य दे ह बनु सीस। आसा ला ग रह त तन वासा, जीव ह को ट बर स। तम ु तौ सखा याम सु दर के सकल जोग के ईस । सरू हमारै नंदनंदन बनु, और नह ं जगद स। (I) उपयु त प ांश का संदभ ल खए। (II) रे खां कत अंश का भाव प ट क िजए। (III) उपयु त पंि तय क भाषा एवं छ द ल खए। अथवा सीस जटा उर बाहु वसाल, वलोचन त रछ -सी भौह तwन सरासन वान धरे , तल ु सी वन मारग म सु र सौह। सादर वार हं वार सुभाय चतै तुम य हमरो मन मोह। पूछ त ाम-वधू सय सो कह सावरे से स ख सांवरे को है । (I) उपयु त पंि तय का संदभ ल खए। (II) रे खां कत अंश क या या क िजए। (III) ‘वाहु वसाल वलोचन लाल’ म कौन सा अलंकार है ? न-3(क) दए गए सं कृत ग ांश म से कसी एक का संदभ स हत ह द म अनव ु ाद क िजए। 2+3=05 इयं नगर व वधधमाणां स गम थल । महा मा बु धः, तीथ करः पाशवनाथः, श कराचायः, कबीरः, गो वामी तल ु सीदासः अ ये च बहवः महा मानः अ ाग य वीयान ् वचारान ् ासारयन ्। न केवलं दशने, सा ह ये, धम, अ पतु कला े s े प इयं नगर व वधानां कलानां, श पानाञ कृते लोके व त ु ा। अ याः कौशेयसा टकाः दे शे दे शे सव प ृ य ते। अ याः तरमूतयः थताः। अथवा एषा कमवीराणां सं कृ तः। “कुव नेवेह कमा ण िजजी वषे छतं समाः” इ त अ याः उ घोषः। पूव कम, तदन तरं फलम ् इ त अ माकं सं कृतेः नयमः। इदानीं यदा वयं रा य नव नमाणे संल नाः मः नर तरं कमकरणम ् अ माकं मु यं कत यम ्। नज य म य फलं भो यं, अ य य म य शोषणं सवथा वजनीयम ्। य द वयं वपर तम ् आचरामः तदा न वयं स यं भरतीयसं कृतेः उपासकाः। वयं तदै व यथाथ भारतीयाः यदा माकम ् आचारे वचारे च अ माकं सं कृ त। ल ता भवेत ्। अ भलषामः वयं यत ् व व य अ युदयाय भारतीयसं कृते एषः द यः लोके सव सरे त। न-3(ख) दये गए सं कृत लोक म से कसी एक लोक का संदभ स हत अनुवाद क िजए। 2+3=05 सव भव तु सु खनः सव संतु नरामयाः। सव भ ा ण प य तु मा कि च दःु खभाग ् भवेत ्।। अथवा मरणं म गलं य वभू त च वभूषणम ्। कौपीनं य कौशेयं सा काशी केन मीयते।। न-4(क) न न ल खत लेखक म से कसी एक लेखक का जीवन प रचय दे ते हुए उसक एक मख ु रचना का उ लेख क िजए। 3+2=05 (I) रामच शु ल (II) डॉ0 राजे साद (III) जयशंकर साद न-4(ख) न न ल खत क वय म से कसी एक क व का जीवन प रचय दे ते हुए उनक एक मुख रचना का उ लेख क िजए। 3+2=05 (I) तुलसीदास (II) सूरदास (III) सु म ान दन पंत न-5 दये गये सं कृत न म से क ह ं दो न का सं कृत म उ र द िजए।2+2=04 (I) भारतीय सं कृतेः कः द यः संदेशः अि त? (II) वाराण याम ् क त व व व यालयः सि त? (III) व वध धमाणाम ् संगम थल का नगर ? न-6(क) हा य रस क प रभाषा लखते हुए उसका एक उदाहरण द िजए। 1+1=02 (ख) उपमा अलंकार क प रभाषा लख कर एक उदाहरण ल खए। 1+1=02 (ग) चौपाई छं द के ल ण लखकर उसका एक उदाहरण ल खए। 1+1=02 न-7 न न ल खत लोकोि त एवं मुहावर म से कसी एक का अथ बताते हुए वा य योग क िजए। 1+1=02 (क) नौ दो यारह होना (ख) अंगार पर पैर रखना (ग) अधजल गगर छलकत जाए (घ) अपनी खचड़ी अलग पकाना। न-8 न न ल खत म से कसी एक शीषक पर नब ध ल खएः 6×1=06 (I) वृ धरा का आभूषण है । (II) मेरा य पव (III) दष ू ण सम या (IV) जीवन म खेल का मह व।