बिहार बोर्ड इंटर फाइनल परीक्षा - 2025 12वीं हिंदी पाठ 11 PDF

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यह बिहार बोर्ड की 12वीं कक्षा के लिए हिंदी पाठ्यपुस्तक का अध्याय 11, 'हँसते हुए मेरा अकेलापन - मलयज' है। इस अध्याय में मलयज द्वारा लिखी गई कविता और निबंध के अंश दिए गए हैं।

Full Transcript

# बिहार बोर्ड इंटर फाइनल परीक्षा - 2025 ## 12TH HINDI ### पाठ-11 हँसते हुए मेरा अकेलापन - मलयज - समझें सबसे आसान भाषा में - Sub All like (9135742024) # हँसते हुए मेरा अकेलापन (सारांश) – मलयज ## ZERO to HERO - लेखक – मलयज - मलयज का जन्म – 1935 - मलयज का निधन - 26 अप्रैल 1982 - मलयज का निवास स्थ...

# बिहार बोर्ड इंटर फाइनल परीक्षा - 2025 ## 12TH HINDI ### पाठ-11 हँसते हुए मेरा अकेलापन - मलयज - समझें सबसे आसान भाषा में - Sub All like (9135742024) # हँसते हुए मेरा अकेलापन (सारांश) – मलयज ## ZERO to HERO - लेखक – मलयज - मलयज का जन्म – 1935 - मलयज का निधन - 26 अप्रैल 1982 - मलयज का निवास स्थान – महुई, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश - मलयज के माता – प्रभावती देवी - मलयज के पिता – त्रिलोकी नाथ वर्मा - Pdf, Notes और Test Series लेने के Whatsapp पे मैसेज करें - 6299248935 # कविता संग्रह - जख़्म पर धूल - अपने होने को अप्रकाशित करता हुआ - हँसते हुए मेरा अकेलापन # निबंध संग्रह - कविता से साक्षात्कार (आलोचना) - संवाद और एकालाप (आलोचना) - रामचन्द्र शुक्ल (आलोचना) - मेरा अकेलापन (सृजनात्मक गद्य) - संवाद और एकालाप (आलोचनात्मक गद्य) - Pdf, Notes और Test Series लेने के Whatsapp पे मैसेज करें- 6299248935 # 'हँसते हुए मेरा अकेलापन' ‘मलयज' की लगभग “डेढ़ हजार पृष्ठों में फैली हुई, डायरियो” का एक छोटा अंश है। मलयज की कविता और आलोचना से कुम महत्वपूर्ण नहीं है, उनकी डायरियाँ। ये कवि-आलोचनक के एक प्रतिभाशाली, संवेदनशीलता और आत्मनिर्माण का सबूत है। कवि मलयज जी अपने डायरी में लिखते हैं। - Pdf, Notes और Test Series लेने के Whatsapp पे मैसेज करें- 6299248935 # कवि मलयज जी अपने डायरी में लिखते हैं। डायरी लिखना मेरे लिए आसान नहीं है क्योंकि ये साक्षी होगी, मेरे द्वारा किए गए सभी अच्छी-बुरी कामों की। # मलयज जी रानीखेत में लिखते हैं कि, “मिलिट्री की छावनी” के लिए पुरे सीजन इंधन और आगे आने वाले जाड़ों के लिए पेड़ को काटा जा रहा है। कोई पेड़ो के दर्द को नहीं समझ रहा है। उनकी दर्द भरी आवाज को कोई नहीं सुन रहा है। पोस्ट ऑफिस के बिल्कुल-सामने बाई ओर ग्यारह देवदार के वृक्ष है, जैसे एकादश रुद्र। - Pdf, Notes और Test Series लेने के Whatsapp पे मैसेज करें- 6299248935 # कवि सोचते हैं कि, ये ग्यारह ही क्यों हुए बारह या दस क्यों ना हुए । एक खेत के मेड़ पर बैठी कौवों की कतार देखकर वे अपने बचपन को के दिनों को याद करते हैं। - कौसानी में वे कोई चिट्ठी आने का इंतजार दोपहर तक करते हैं। चिट्ठी नहीं आने पर वे निराश हो जाते है और उनकी तबीयत खराब हो जाती हैं। - Pdf, Notes और Test Series लेने के Whatsapp पे मैसेज करें- 6299248935 # शाम के समय अखबार पढ़ने आए, सूचना केंद्र में एक अधेड़ व्यक्ति से वे आकर्षित होते हैं, जो कल पुस्तकों के छपने की बात किसी से तेज स्वर में कर रहा था। नाम बलभद्र ठाकुर था, वह लूंगी और जैकेट पहने थे। - Pdf, Notes और Test Series लेने के Whatsapp पे मैसेज करें- 6299248935 # बारिश होने के कारण वे घंटे-डेढ़ घंटे तक नेगी परिवार के साथ अच्छा समय बिताते हैं और बूढ़ी माँ स्केच बनाकर उन्हें ही दे देते हैं। वे उनके मकान का एक रंगीन स्केच बनाए होते हैं जगत सिंह की भाभी के मांगने पर उन्हें देना पड़ता हैं। - सात आठ साल की एक छोटी बच्ची को से बेचते देखते हैं और उससे सेब खरीदते हैं। वह इतनी छोटी होती है कि उससे सेब नहीं कटते हैं। - Pdf, Notes और Test Series लेने के Whatsapp पे मैसेज करें- 6299248935 # "25 जुलाई 180" की डायरी मुझे बहुत प्रभावी लगी क्योंकि लेखक ने उसमें अपने डर को लिखा है, अपना डर किसी को बताना बहुत मुश्किल होता है। लेखक लिखते हैं, वे घर में किसी को भी बीमार देखकर डर जाते हैं की किसी को कोई बुरी बीमारी ना हो गई हो। - Pdf, Notes और Test Series लेने के Whatsapp पे मैसेज करें- 6299248935 # बाहर गए हुए आदमी को जब घर लौटने में देरी होती है, तो वे तब तक डर से घिरे होते हैं, जब तक सही सलामत वह आदमी घर ना आ जाए। पार्क में खेलने गए बच्चे शाम का अंधेरा गिराने के बाद एकाएक जब वहाँ नहीं दिखाई देते हैं तब कहाँ गए यह सोचकर और देर तक कोई जवाब ना मिलने पर वह डर जाते हैं। - Pdf, Notes और Test Series लेने के Whatsapp पे मैसेज करें- 6299248935

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