Summary

This document details the key components of official letters and memoranda in Hindi, focusing on how to structure them effectively. It includes examples of these writing formats and their applications within a government office/university setting. The document also includes sample questions regarding official letters.

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GURU NANAK COLLEGE (AUTONOMOUS) Guru Nanak Salai, Velachery, Chennai-42 Affiliated to University of Madras Re- accredited at “A” By NAAC Department of Hindi Semester-1 Dr. ANITA PATIL UNIT-1 Assistant Professor Department of Hindi सरकारी...

GURU NANAK COLLEGE (AUTONOMOUS) Guru Nanak Salai, Velachery, Chennai-42 Affiliated to University of Madras Re- accredited at “A” By NAAC Department of Hindi Semester-1 Dr. ANITA PATIL UNIT-1 Assistant Professor Department of Hindi सरकारी पत्र 1. सरकारी पत्र ककसे कहते है ?( 3 Marks) 2. सरकारी पत्र लिखते समय ककन बातों का ध्यान रखना चाहहए।(6 Marks) 3. सरकारी पत्र की विशेषतायें उदाहरण सहहत लिखखए।(10 Marks) सरकार के कामकाज से संबंधित पत्र सरकारी पत्र या शासकीय पत्र कहिाते हैं। इनका प्रयोग सरकारी विभागों, कायााियों द्िारा ककया जाता है । सरकार के कामकाज के संबंि में अनेक तरह के पत्राचार ककए जाते हैं। इस प्रकिया में सबसे अधिक प्रयोग सरकारी पत्रों का होता है । इनका एक ननश्चचत प्रारूप और शैिी होती है , उसी के अनुसार यह लिखे जाते हैं। इन्हें लिखते समय मौलिक प्रयोग नहीं ककया जा सकता। ऐसा नहीं है कक एक प्रदे श सरकार एक तरह से िेखन करे गी और दस ू रे प्रदे श की सरकार दस ू रे तरीके से लिखेगी। सरकारी पत्र परू ी तरह से औपचाररक होते हैं। इनमें व्यश्ततगत पररचय अथिा पहचान की झिक नहीं होती है । यह संक्षिप्त और संतलु ित होते हैं । इनमें नपे-तुिे शब्दों का प्रयोग होता है । इनमें राजभाषा की शब्दाििी रखी जाती है । सरकारी पत्र / शासकीय पत्र / कायााियीन पत्र सरकारी पत्रों का आदान-प्रदान केंद्रीय एिं राज्य सरकारों, अिीनस्थ कायााियों, सािाजननक संस्थाओं तथा व्यश्ततयों के बीच होता है । िास्ति में शासकीय पत्रों का तात्पया कायााियीन पत्रों से है । जब विषय विशेष रूप से महत्िपूणा हो, तब विलभन्न अधिकाररयों के बीच इस प्रकार के पत्रों का प्रयोग ककया जाता है । इनका स्िरूप तथा िेखन शैिी सामान्य शासकीय पत्रों की तरह होती है । सरकारी पत्र एक अधिकारी के द्िारा अपने अिीनस्थ या समकि या उच्च अधिकाररयों को लिखे जाते हैं। इनमें पत्र संख्या, सरकार और मंत्रािय अथिा विभाग का नाम, हदनांक, प्रेषक, प्रवषकी तथा उनके पदनाम, विषय, संबोिन, पत्र का मुख्य किेिर तथा समाश्प्त, हस्तािर, संिग्न पत्र का समािेश ककया जाता है । सरकारी पत्र की भाषा विषय के अनुसार होती है । इस भाषा में द्विथी शब्दों का प्रयोग नहीं होता। भाषा में कहीं ककसी अधिकारी के प्रनत गौरि िाचक धचन्ह नहीं होते। कायााियी / सरकारी पत्र के विविि प्रकार सरकारी पत्र (Official Letter) कायाािय ज्ञापन(Official Memorandum) ज्ञापन (Memorandum) अिा सरकारी पत्र (Semi Official Letter) कायाािय आदे श (Official Order) पररपत्र (Circular) अनुस्मारक (Reminder) पषृ ्ांकन (Endorsement) सूचना (Notice) अधिसूचना(Notification) प्रेसविज्ञश्प्त (Press Note) सरकारी पत्र लिखते समय ककन बातों का ध्यान रखना चाहहए। (6 Marks) सरकारी कामकाज की व्यिस्था के लिए कायााियों में पत्र लिखना जरूरी होता है । इनमें भी प्रारूप की विधि अपनाई जाती है । इन पत्रों को लिखते समय ननम्नलिखखत बातों की ओर ध्यान दे ना आिचयक है । 1.कायााियीन पत्रों की भाषा सरि और स्पषट होती है । इनमें दोहरे अथा िािे शब्दों का प्रयोग और बेमेि अप्रचलित शब्दों का प्रयोग नहीं ककया जाता है । 2. कायााियीन पत्रों की ननश्चचत एिं व्यिश्स्थत िेखन परं परा होती है । श्जसका अनस ु रण करना आिचयक होता है । पत्र में िमबद्िता और सम्पण ू त ा ा होनी चाहहए। 3. कायााियीन पत्रों का प्रारूप तैयार करते समय स्िेच्छापूिक ा (Voluntarily) कुछ नहीं लिखा जा सकता। पि ू ा संदभों (Prior references )के आिार पर तथ्यपरक (Factual) बातें ननरपेि (Absolute) रूप में प्रस्तुत करनी होती है । 4. इन पत्रों के प्रारं भ में ‘मझ ु े यह कहने का ननदे श हुआ है ’ लिखा जाता है । इन पत्रों में ननजी मत, आशय और इच्छा का कोई उल्िेख नहीं होता है । 5. ननयमों, अधिननयमों आहद िैधिक श्स्थनतयों का ननरपेि उल्िेख ककया जाता है । 6. प्रायः इनमें ‘हम’, ‘मैं’ आहद शब्दों का प्रारं भ से िेकर अंत तक कहीं भी प्रयोग नहीं ककया जाता। 7. श्जन पत्रों ‘मैं’, ‘हम’ या अन्य परु ु ष का प्रयोग जरूरत के कारण ककया गया है तो पत्र के अंत तक उसका ननिााह ककया जाता है । िम सच ू ी 1) पत्र संख्या या िमांक 2) कायाािय का नाम श्जसकी ओर से पत्र भेज रहे हैं। 3) स्थि(प्रेषक का) ि हदनांक 4) प्रेषक का पद 5) प्रेवषत का पद 6) विषय 7) सम्बोिन 8) पत्र का किेिर 9) स्िसम्बोिन 10) हस्तािर 11) संिग्न वििरण 1. प्रशासकीय या कायााियीन पत्रों में पत्र संख्या का होना आिचयक है ।यह पत्र संख्या पत्र में सबसे ऊपर मध्य में या दाहहनी ओर दी जाती है । पत्र संख्या होने से पत्र का उत्तर उसी संदभा में हदया जाता है । इससे पत्र का उत्तर दे ने में आसानी रहती है । 2. पत्र संख्या के नीचे पत्र प्रेषक के कायाािय का वििरण होता है । ननश्चचत कायाािय को समय पर पत्र लमिने से उसकी कायािाही समय पर होगी। श्जन कायााियों का नाम पत्र-शीषा (letter head) छपा हो उन्हें किर यह लिखने की आिचयकता नहीं होती। 3. इसके पचचात ् दाहहनी और हदनांक लिखी जाती है । कई बार पत्र के अन्त में भी हदनांक लिखी जाती है । 4. पत्र संख्या, कायाािय का नाम, हदनांक के बाद प्रेषक का नाम और पद लिखा जाता है । 5. इसके बाद प्रेवषत (श्जसे भेजा जा रहा है ) का नाम, पद और पता लिखा जाता है । 6. इसके बाद (विषयः--) लिखकर पत्र का विषय संिेप में लिखा जाता है । विषय लिखने से संिेप में यह पता चि जाता है कक पत्र ककस संबंि / संदभा में लिखा गया है । 7. पचचात ् बायीं ओर सम्बोिन लिखते हैं। 8. सम्बोिन के बाद पत्र का प्रारम्भ होता है ।यहााँ दो बाते ध्यान दे ने की हैं। (1) जो आदे श या संदेश लिखना है लिख दीश्जए। (2) यहद यह पत्र पहिे लिखे हुए ककसी पत्र के िम में है तो वपछिे पत्र का िमांक, हदनांक भी लिखा जाना चाहहए। इससे सरकारी पत्रों में िमबद्िता बनी रहती है । 9. अन्त में स्ि-सम्बोिन, कोष्क में नाम, नीचे पद आहद का उल्िेख करना होता है । 10.नाम और सम्बोिन के बीच जगह छोडी जाती है ताकक हस्तािर ककए जा सकें। 11.इससे पहिे यहद उसमें कुछ कागज जोडे गए हों तो उनका वििरण भी दे ना चाहहए। पत्र संख्या ग.ृ मं.सा.4य 2019-20-............... प्रेषक, हदनांक : 25/02/2019 सधचि गह ृ मंत्रािय, उत्तर प्रदे श शासन गहृ मंत्रािय सेिा में , सधचि रिा मंत्रािय, भारत सरकार नई हदल्िी विषय – इिाहाबाद उच्च न्यायािय के सामने श्स्थत भूलम के संदभा में । महोदय, मुझे आपका ध्यान इिाहाबाद उच्च न्यायािय के सामने श्स्थत भूलम की ओर आकृषट कराने का ननदे श हुआ है । यह भलू म विगत अनेक िषों से खािी पडी है । रिा मंत्रािय द्िारा इसका उपयोग नहीं ककया जा रहा है । उत्तर प्रदे श सरकार इस भूलम का हस्तांतरण चाहती है । यहााँ पर प्रदे श सरकार की ओर से एक पुलिस प्रलशिण केंद्र बनाने की योजना है । रिा मंत्रािय की स्िीकृनत की प्रतीिा है । भिदीय ( ) हस्तािर पद संिग्न प्रनतयााँ पत्र संख्या 143 / भ.स./ 30 हदसम्बर हदनांक 30 हदसम्बर 16 प्रेषक उपसधचि, भारत सरकार। सेिा में , मख् ु य सधचि, तलमिनाडु सरकार। विषयः चैन्ने में बाढ़ पीडडतों के लिए धचककत्सकीय सहायता महोदय / महोदया, आपके पत्रांक 185 / त.स. / 18 हदसम्बर के संदभा में मझ ु े आपको यह सधू चत करने का ननदे श हुआ है / यह कहने का ननदे श हुआ है कक स्िास्थ्य मंत्रािय के पास इस समय विदे शों से सहायता स्िरूप भेजी दिाइयााँ पयााप्त मात्रा में उपिब्ि हैं। चैन्ने के बाढ़ पीडडत िेत्रों में संिामक रोगों की रोकथाम के लिए ये दिाइयााँ शीध्र ही आपकी सरकार के पास भेज दी जाएंगी। भिदीय ह. ( ) अ ब स उपसधचि भारत सरकार पत्र संख्या 143 / भ.स./ 30 हदसम्बर नई हदल्िी 30 हदसम्बर16 ननम्न को प्रनतलिवप सच ू नाथा प्रवषत— 1) सम्बश्न्ित श्जिा अधिकारी गण। 2) सम्बश्न्ित श्जिा खाद्य एिं आपनू ता अधिकारी। अनस् ु मारक ककसे कहते है ? 1. अनुस्मारक पर एक हटप्पणी लिखखए।(3 Marks) 2. अनुस्मारक ककसे कहते है ? उदाहरण सहहत लिखखए।(6 Marks) अनस् ु मारक ककसे कहते है ? ❖अनस् ु मारक को अंग्रेजी भाषा में ररमाइन्डर(Reminder) कहा जाता है । इसका प्रयोग स्मरण कराने के लिए या याद हदिाने के लिए ककया जाता है । ❖कभी - कभी भूििश या अन्य ककसी कारण से कायााियों के द्िारा उच्च कायाािय के पत्र पर कायािाही नहीं की जाती, तब कायािाही के लिए उच्च कायाािय द्िारा पन ु ः अिीनस्थ कायाािय को स्मरण कराने के लिए पत्र लिखा जाता है । अनस् ु मारक ❖सरकारी प्रशासकीय कायों में शीघ्रता िाने िािे तत्िों में अनस्ु मारक भी एक है । ❖जब ककसी पत्र का उत्तर समय पर नहीं लमिता, तब तत्संबंिी विभाग एिं अनभ ु ागों के अधिकाररयों को पत्र भेजने िािे अधिकारी से याद हदिाना पडता है । ❖इसी याद को स्मरण भी कहते है । ❖अनस् ु मारक इसी याद को हदिाने के लिए लिखा जाने िािा प्रशासकीय पत्र है । ❖इस पत्र में पहिे भेजे गए पत्र के विषय का संिेप में उल्िेख होता है । ❖ इसके साथ-साथ पत्र ककस तारीख़ को भेजा गया है , उस पत्र की विभागीय संदभा संख्या तया है आहद का उल्िेख भी होना चाहहए। ❖उस पत्र में श्जस विषय का उल्िेखककया गया है । उसके महत्ि को तत्संबंिी अधिकारी पन ु ः संिेप में याद हदिाना जरूरी है । ताकक उस विषय पर शीघ्र विचार करके ननणाय यथाशीघ्र सधू चत करें । ❖अनुस्मारक का स्िरूप पहिे भेजे गये पत्र में उश्ल्िखखत विषय के अनस ु ार ही होगा। यहद पि ू ा पत्र में विषय का उल्िेख ज्यादा हो तो अनस् ु मारक का विषय संिेप में और स्पषटता के लिए छोटा या बडा हो सकता है । ❖भाषा लशषट और सरि होती है । अनस् ु मारक की विशेषता ❖ अनस्ु मारक ककसी विभाग द्िारा संबंधित विभाग को लिखे गये परु ाने पत्र की तरह ही होता है , अथाात ् इसमें प्रथम पत्र की भाषा का दह ु राि ही होता है । ❖ अनस् ु मारक में वपछिे पत्र के उत्तर प्राप्त न होने के लिए खेद प्रकट ककया जाता है । ❖ इसमें यह भी लिखा होता है कक उत्तर के अभाि में काम की गनत अिरुद्ि हो गयी है । ❖ इसका आकार अपेिाकृत छोटा होता है । अनस् ु मारक की विशेषता ❖अनस् ु मारक की भाषा विषय तथा समयानक ु ू ि(opportune) थोडी क्ोर भी हो सकती है । इसमें प्रत्येक श्स्थनत का स्पषट खि ु ासा करने के लिए कहा जाता है । ❖इसका प्रारूप सरकारी पत्र का ही होता है ककन्तु विषय सामग्री(material) संक्षिप्त(brief) होती है । इसमें विषय के नीचे संदभा(reference) िगाकर पि ू ा पत्र के िमांक एिं हदनांक का उल्िेख (mention) अिचय करना चाहहए। तलमिनाडु सरकार गहृ मंत्रािय अनु. संख्याः 7/1004/19 हदनांक 10/01/19 प्रेषक, सधचि, गहृ मंत्रािय, तलमिनाडु सरकार, चेन्नई-01 सेिा में, श्जिाधिकारी िेिरू । महोदय, विषयः अनुस्मारक पत्र। समसंख्यक पत्र 15 /12/18 का अििोकन कीश्जए। इस कारयािय के समसंख्यक पत्र 15 /12/18 का अििोकन कीश्जए। सुश्री राजेन्द्रन के लसनेमा - घर ननमााण संबंिी वििरणों के अभाि में मंत्रािय तत्संबंिी विषय पर ननणाय िेने में असमथा है । अतः इस संबंि में 10 हदनों के अन्दर िांनछत वििरण भेज दें । भिदीय, सधचि, गह ृ मंत्रािय तलमिनाडु सरकार िन्यिाद

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