पांच साल में नियुक्त 1800 शिक्षक-कर्मचारियों की जांच, 79 के दस्तावेज फर्जी | PDF

Summary

This news article reports on an investigation by the education department in Udaipur and Salumber districts of Rajasthan, India. The investigation concerns the recruitment of 1800 teachers and staff over five years, with suspicions of 79 having provided fraudulent documents. The article details various discrepancies found in the documents.

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# संडे लिए स्टोरी शिक्षा निदेशालय ने उदयपुर और सलूंबर जिले में कराई जांच, स्थायीकरण भी रोका ## पांच साल में नियुक्त 1800 शिक्षक-कर्मचारियों की जांच, 79 के दस्तावेज फर्जी होने की आशंका, बर्खास्तगी संभव - उदयपुर-सलूंबर के शिक्षा विभाग में लगभग 79 शिक्षक-कर्मचारियों के नौकरी फर्जी ढंग से करने की जा...

# संडे लिए स्टोरी शिक्षा निदेशालय ने उदयपुर और सलूंबर जिले में कराई जांच, स्थायीकरण भी रोका ## पांच साल में नियुक्त 1800 शिक्षक-कर्मचारियों की जांच, 79 के दस्तावेज फर्जी होने की आशंका, बर्खास्तगी संभव - उदयपुर-सलूंबर के शिक्षा विभाग में लगभग 79 शिक्षक-कर्मचारियों के नौकरी फर्जी ढंग से करने की जानकारी सामने आ रही है। - इन शिक्षको को 15 दिसंबर 2019 से 15 दिसंबर 2023 के पांच साल में नियुक्ति मिली थी। - उदयपुर और सलूंबर में लगभग 1800 शिक्षक-कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच के बाद 79 शिक्षक-कर्मचारी संदिग्ध नजर आ रहे हैं। - इनमें बड़ी संख्या में शिक्षक ही माने गए हैं, जबकि कर्मचारी नाम मात्र के हैं। - इनके भर्ती के समय और नियुक्ति के समय के साइन, फोटो में अंतर है। इसके अतिरिक्त कुछ के दस्तावेज फर्जी होना सामने आया है। - निदेशालय और एसओजी इस मामले में जांच कर आगे की कार्रवाई का निर्धारण करेंगे। - जिन शिक्षको को नियुक्ति फर्जी ढंग से मिली है, उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है। - सभी संदिग्ध 79 शिक्षको का स्थायीकरण रोक दिया गया है। - सरकारी नियमावली के अनुसार नियुक्ति के दो साल तक कर्मचारी-शिक्षक को प्रोबेशन पीरियड पर रखा जाता है। - स्थायीकरण के लिए पिछले चार साल से प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। - इस स्थिति में लगभग सभी 79 शिक्षक इस प्रोसेस के दायरे में आ गए हैं। ## एसओजी ने दिया था इनपुट, जांच में ये तीन प्रमुख गड़बड़ियां मिलीं... ### फोटो में चेहरे में बदलाव - विभागीय प्रक्रिया में सामने आए फोटो में दिख रहे चेहरे में भिन्नता है। - करीब 8 से 10 केस हैं। - यह भी माना गया है कि पासपोर्ट साइज फोटो और वर्तमान फोटो में भिन्नता के कई कारण हो सकते हैं। - उस समय चेहरा अलग हो सकता है और 2024 में अलग हो सकता है, लेकिन निदेशालय या एसओजी स्तर पर ही इसकी जांच के बाद मामला क्लियर होगा। ### बाहर की डिग्रियां मिलीं - जांच में सामने आया कि आवेदन में लगाए गए फोटो और बाद में विभागीय प्रक्रिया में सामने आए फोटो में दिख रहे चेहरे में भिन्नता है। - जांच में 12 से 15 शिक्षक- कर्मचारियों के दस्तावेजों में भी गड़बड़ी की बात सामने आई है। - बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ की डिग्री बाहरी है। - बाहरी डिग्री होने और उसके फर्जी होने की आशंका जताते हुए निदेशालय को रिपोर्ट दी गई है। - दरअसल, यह जांच का विषय है कि नियुक्ति के समय बाहरी डिग्री की मान्यता थी भी या नहीं? - निदेशालय की ओर से पड़ताल के बाद ही इस संबंध में निर्धारण हो पाएगा। ### भर्ती के समय व दस्तावेज में अलग-अलग साइन - जिन शिक्षक-कर्मचारियों के दस्तावेज संदिग्ध माने गए, उनके हस्ताक्षरों में अंतर था। - कई शिक्षक ऐसे हैं, जिनके जिज्ञासा हस्ताक्षरों में अलग। - विभाग ने दोनों तरह के हस्ताक्षर देखे। - इस पर जांच कमेटियों ने माना कि किसी भी अधिकारी-कर्मचारी के हस्ताक्षर अमूमन एक जैसे ही होते हैं। - ऐसे लगभग 12 शिक्षक-कर्मचारी माने जा रहे हैं। ## 20 प्रिंसिपलों की कमेटियों ने की जांच - शिक्षा निदेशालय को 14-15 जुलाई को एसओजी से इनपुट मिला था कि प्रदेश के स्कूलों में पिछले पांच साल में कई फर्जी शिक्षक भर्ती हुए हैं। - इस पर निदेशालय ने प्रदेश के सभी डीईओ को आदेश जारी कर 15 दिसंबर 2019 से 15 दिसंबर 2023 तक नियुक्ति पाने वाले शिक्षक-कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच के लिए कमेटियां गठित करने को कहा। - इसके बाद तत्कालीन डीईओ चंद्रशेखर ने 16 जुलाई को 20 प्रिंसिपलों के नेतृत्व में कमेटियां गठित की और उदयपुर-सलूंबर के लगभग 1800 शिक्षक-कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच कराई। - रिपोर्ट डीईओ को सौंप दी गई। रिपोर्ट निदेशालय भेजी जा चुकी है। ## डीईओ प्रारंभिक बोले- निदेशालय जांच करेगा, एसओजी को देंगे इनपुट - बताया जा रहा है कि निदेशालय की ओर से एसओजी को इनपुट भेजा जाएगा। - इससे पहले निदेशालय पूरे तथ्यों की जांच करेगा। - डीईओ प्रांरभिक ननिहाल सिंह का कहना है कि रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी है। - यहां से 79 शिक्षकों की रिपोर्ट भेजी गई है। - निदेशालय में हर जिले से रिपोर्ट पहुंचने के बाद सभी को एक साथ मिलाकर जांच की जाएगी। - बताया दें कि इससे पहले भी जिले में दो शिक्षकों की डिग्रियां फर्जी होने की शिकायत हो चुकी है। - विभाग ने इस मामले में जांच भी करवाई, लेकिन इसकी रिपोर्ट को संयुक्त निदेशालय कार्यालय के बाबू दबाकर बैठे हैं। - ढाई साल बाद भी न रिपोर्ट सामने आई, न आरोपी शिक्षकों पर कोई कार्रवाई हुई। # जेईई एडवांस्ड: कठिन सवालों को 60 फीसदी विधार्थियों ने छोड़ा, जेईई-रिपोर्ट में परीक्षा के सबसे कठिन और आसान सवालों के रोचक तथ्य आए सामने ## उडी कोऑर्डिनेट ज्योमेट्री के प्रश्न को 80% और ज्योमेक्ट्रिकल ऑप्टिक्स के सवाल को 82% विद्यार्थियों ने हल नहीं किया - आईआईटी मद्रास द्वारा जारी जेईई एडवांस्ड रिपोर्ट में परीक्षा से जुड़े कई रोचक तथ्य सामने आए हैं। - सबसे कठिन मानी जाने वाली इस परीक्षा के सवालों का डिफिकल्टी लेवल भी सामने आया है। - कई सवाल ऐसे हैं जिन्हें 60 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने अटेंड तक नहीं किया। - रिपोर्ट के मुताबिक जेईई एडवांस्ड परीक्षा में कुल 1 लाख 80 हजार 200 विद्यार्थी दोनों पेपर्स में उपस्थित हुए। - प्रश्नों के अनुसार जारी की गई स्टेटेस्टिक्स के अनुसार कई सवाल ऐसे सामने जिन्हें कुल विद्यार्थियों में से 1 लाख 20 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने अटेंड ही नहीं किया। - मैथेमेटिक्स के पेपर-1 में 3डी कोऑर्डिनेट ज्योमेट्री के प्रश्न को 80 प्रतिशत विद्यार्थियों ने अटेम्प्ट ही नहीं किया। - यहा सवाल सबसे कठिन रहा। **इन सवालों के सबसे ज्यादा उत्तर गलत** - रिपोर्ट के अनुसार पेपर-1 व पेपर-2 के सभी विषयों में कुछ सवालों के जवाब 50 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थियों ने गलत दिए। - पेपर-1 में प्रत्येक विषय में 17 प्रश्नों में से मैथेमेटिक्स के 5, फिजिक्स में 6, केमेस्ट्री में 6, वहीं पेपर-2 में भी 17 प्रश्नों में से मैथेमेटिक्स में 8, फिजिक्स में 9 व केमेस्ट्री में 6 प्रश्नों के जवाब लगभग 90 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों ने गलत दिए। **ये रहे आसान सवाल** - कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार कई प्रश्न ऐसे भी सामने आए जिनके उत्तर अधिकांश विद्यार्थियों ने सही किए। - पेपर-1 में मैथेमेटिक्स में सर्किल, कोऑर्डिनेट ज्योमेक्ट्री, फिजिक्स में यूनिट एंड डायमेंशन, हीट एंड थर्मोडायनेमिक्स, केमेस्ट्री में कोऑर्डिनेशन कम्पाउंड, केमिकल बॉडिंग प्रश्नों के उत्तर अधिकांश ने सही दिए। - इसी प्रकार पेपर-2 में मैथेमेटिक्स में इनवर्स थर्मोडायनेमिक फंक्शन, लिमिट, वेक्टर, फिजिक्स में इलेक्ट्रो स्टेटेटिक्स, एटोमिक स्ट्रक्चर, एरोमेटिक कम्पाउण्ड, कोऑर्डिनेशन कम्पाउंड, साल्ट ऐनालिसिस जैसे प्रश्नों के उत्तर अधिकांश विद्यार्थियों ने पूरी तरह सही दिए। **यह रहा परीक्षा में पेपर का पैटर्न** - वर्ष 2024 में जेईई एडवांस्ड परीक्षा कुल 360 अंकों की हुई, जिनमें पेपर-1 व पेपर-2, 180-180 अंकों के थे। - फिजिक्स, कैमेस्ट्री, मैथ्स, की मार्किंग 120-120 अंक रही। - पेपर-1 व पेपर-2 दोनों में सवालों की संख्या 51-51 रही, जिनमें प्रत्येक सब्जेक्ट के 17 सवाल रहे। - प्रत्येक विषय में पूछे गए 17 सवालों में 4 प्रश्न मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन, तीन प्रश्न मल्टीपल सलेक्ट क्वेश्चन, 6 सवाल नॉन नेगेटिव इंटीजर एवं 4 मेचिंग लिस्ट बेस्ड रहे। # पहल पहले सत्र में एमपीयूएटी के वैज्ञानिकों ने पढ़ाई और योजनाओं की दी जानकारी ## कृषि संकाय स्कूलों के लिए वेबिनार शुरू, बताएंगे तकनीक और फार्मिंग में कॅरिअर - आरएससीईआरटी की ओर से कृषि क्षेत्र में कॅरिअर की खोज पर यू-ट्यूब लाइव सत्र (वेबिनार) शुरू किया गया है। - वेबिनार के पहले सत्र में शनिवार को कृषि संकाय वाले स्कूलों के छात्रों के साथ शिक्षक भी जुड़े। - इन्हें वैज्ञानिकों ने कृषि क्षेत्र की नवीनतम तकनीक और अन्य जानकारियां दी। - मुख्य वक्ता एमपीयूएटी के मृदा एवं जल अभियांत्रिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनजीत सिंह थे। - उन्होंने विद्यार्थियों को कृषि क्षेत्र में कॅरिअर संबंधी जानकारी दी। - उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञानी बनने के लिए कौनसी पढ़ाई आवश्यक है और सरकार द्वारा इस क्षेत्र में कौन कौन सी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। - इसके अलावा कृषि उद्यमी अनु कानावत ने अपने सफल करियर का उल्लेख करते हुए बताया कि अपने गांव आमल्दा से शुरुआत करते हुए उन्होंने उदयपुर से कृषि संकाय में बीएससी किया। - इसके बाद गुजरात से कृषि व्यवसाय प्रबंधन की पढ़ाई की। - कृषि में अनुभव प्राप्त करने के लिए काम किया और अनुभव के बाद जयपुर में मशरूम की खेती शुरू की। - उन्होंने विद्यार्थियों को बागवानी क्षेत्र में तकनीक के बारे में जानकारी दी। - निदेशक श्वेता फगेड़िया ने कहा **अनुभव भी साझा किए** - प्रो. कमलेंद्र सिंह राणावत ने बताया कि आरएससीईआरटी की ओर से विद्यार्थियों को वैश्विक नागरिक एवं कार्यशील जनसंख्या के रूप में परिमार्जित करने के उद्देश्य से यह वेबिनार शुरू किया गया। - कार्यक्रम प्रभारी अधिकारी डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि डॉ. श्रुति चित्तौड़ा, प्राची वेंकटरमण, शिक्षा अधिकारी जीतेंद्र शर्मा, यूनिसेफ से शिक्षा सलाहकार चंद्रशेखर दुबे, विक्रम श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। - संचालन रणवीर सिंह राणावत ने किया। - तकनीकी सहयोग गौरव गोस्वामी का रहा। - कि युवाओं के लिए सम्मानित आजीविका के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि विद्यार्थियों को बौद्धिक लाभ के साथ-साथ रोजगारपरक शिक्षा भी उपलब्ध कराई जाए। - भारत जैसे कृषि प्रधान देश में कृषि में करियर के लिए वेबिनार पथ- प्रदर्शक का काम करेगी। # पत्रिका सप्लाई के अभाव में वोडाफोन टेलीकॉम कंपनी की सिम का चयन करने वालों को टेबलेट वितरण रोका ## 'वोडा' वालों को छोड़ा, करना होगा और इंतजार - अभिभावकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। - ब्लॉकवार आवंटन व्यवस्था के चलते पात्र विद्यार्थी टेबलेट लेने जिला मुख्यालय स्थित राउमावि संगम पहुंच रहे हैं। - मगर उनमें से वोडाफोन की सिम का चयन करने वालों को फिलवक्त बैरंग लौटना पड़ रहा है। - कई बरस की प्रतीक्षा के बाद मेधावी विद्यार्थियों को टेबलेट वितरण ब्लॉकवार गत सप्ताह शुरू किया गया था। - मगर दो शिक्षा सत्र के टेबलेट एक साथ वितरण होने और साथ में सिम कार्ड देने के कारण सप्लाई वितरण व्यवस्था गड़बड़ा रही है। - गौरतलब है कि पात्र विद्यार्थियों ने अपनी इच्छानुसार बीएसएनएल, एयरटेल, जीयो, वोडाफोन आदि टेलीकॉम कंपनियों के सिम कार्ड का चयन किया है। **हनुमानगढ़ में टेबलेट वितरण में जुटे विभागीय अधिकारी व कर्मचारी।** **शेष की बढ़ेगी संख्या** - शिक्षा सत्र 2021-22 तथा 2022-23 के कुल 2440 विद्यार्थियों को ब्लॉकवार टेबलेट वितरण 17 सितम्बर से शुरू किया जा चुका है। - दस्तावेज या किन्हीं अन्य कारणों से जो ब्लॉकवार वितरण के दौरान टेबलेट प्राप्त करने से वंचित रह जाएंगे उनको 23 सितम्बर व उसके बाद टेबलेट दिए जाएंगे। - मगर अबसिमकार्ड की सप्लाई गड़बड़ाने से वंचित व शेष रहे विद्यार्थियों की संख्या काफी बढ़ गई है। - इसलिए वितरण कार्यक्रम कई दिन और चलने की संभावना है। **सप्लाई के बाद वितरण** - शिक्षा अधिकारियों की माने तो टेबलेट वितरण से संबंधित वोडाफोन के सिम कार्ड अगले सप्ताह तक प्राप्त होने की संभावना है। - वोडाफोन की सिम का चयन जिन विद्यार्थियों ने किया था, **कितने लाभान्वित** - शिक्षा सत्र 2021-22 तथा 2022- 23 के कुल 2440 होनहारों को टेबलेट वितरण किया जा रहा है। - इनमें से शिक्षा सत्र 2021-22 के 1182 विद्यार्थियों को टेबलेट दे रहे हैं। - जबकि सत्र 2022-23 के 1250 को टेबलेट वितरण किया जा रहा है। - टेबलेट प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी को संस्था प्रधान का जारी किया गया पहचान पत्र मय प्रमाणित फोटो, विद्यार्थी आधार कार्ड, टेबलेट प्राप्ति रसीद आदि दस्तावेज लेकर आने हैं। - उनको मुख्यालय से सिम कार्ड प्राप्त होने के बाद ही टेबलेट वितरण होगा। - टेबलेट के लिए पात्र विद्यार्थी को स्वयं आना होगा। - प्रतिनिधि को टेबलेट नहीं मिलेगा। # दैनिक अजमेर 22-09-2024 भास्कर ## एमडीएसयूः मैदान तैयार नहीं हुए, इधर स्पोर्ट्स बोर्ड ने खेल कैलेंडर जारी किया ## कॉलेजों के भरोसे 25 सितंबर से शुरू किए जाएंगे इंटरकॉलेज टूर्नामेंट - एमडीएस यूनिवर्सिटी के स्पोर्ट्स बोर्ड ने सत्र 2024 25 का खेल कैलेंडर जारी कर दिया है। - इस बार भी एमडीएसयू ने केवल योग संबंधित खेलों की ही मेजबानी ली है। - इसके पीछे कारण ये हैं कि यूनिवर्सिटी के अपने खेल ग्राउंड आज तक तैयार नहीं किए गए हैं। - एक मात्र बड़े स्टेडियम के लिए रखी जमीन भी आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के लिए मांगी जा रही है। - यूनिवर्सिटी ने इस बार भी निजी कॉलेजों को ज्यादा खेलों की मेजबानी दी है। - खेल कैलेंडर के मुताबिक प्रतियोगिताओं का आगाज 25 सितंबर को टेबल टेनिस से होगा। - 27 को खो-खो प्रतियोगिताएं होंगी। - महिला पुरुष वर्ग के कुल 26 श्रेणी के खेल होंगे। - वहीं महिला वर्ग के लिए 7 श्रेणी की प्रतियोगिताएं होंगी। - ये इंटर कॉलेज प्रतियोगिताएं 23 दिसंबर तक आयोजित की जाएंगी। - वेस्ट जोन और ऑल इंडिया/ इंटर जोनल कैलेंडर अभी जारी नहीं हुआ है। - ऐसे में इन दोनों स्तर के कैलेंडर की तारीखें अगर इंटर कॉलेज कैलेंडर से टकराएंगी तो एमडीएस के खेल कैलेंडर की तारीखों में बदलाव किया जा सकता है। **अपने यहां केवल योग ही कराता आ रहा है स्पोर्ट्स बोर्ड** - खास बात यह है कि एमडीएसयू में पिछले पांच साल से खेल मैदानों का जीर्णोद्धार नहीं हुआ। - किसी भी तरह के खेल की मेजबानी प्रशासन अपने स्तर पर नहीं लेता। - केवल योग से संबंधित खेल गतिविधियों की ही मेजबानी ली जाती है। # जेईई-एडवांस्ड : एक लाख से अधिक स्टूडेंट्स ऐसे, जिन्होंने कोई सवाल ही अटेम्प्ट नहीं किया - आईआईटी मद्रास द्वारा जारी जेईई एडवांस्ड की जेआईसी की रिपोर्ट में परीक्षा से जुड़े कई रोचक तथ्य सामने आए हैं। - परीक्षा में 102 में से 20 से अधिक सवाल ऐसे हैं, जिन्हें 60 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने अटेम्प्ट तक नहीं किया। - जेईई एडवांस्ड परीक्षा में कुल 1 लाख 80 हजार 200 विद्यार्थी दोनों पेपर्स में उपस्थित रहे। - कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा के अनुसार कुल विद्यार्थियों में से 1 लाख 20 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ऐसे भी जिन्होंने कोई सवाल ही अटैम्प्ट नहीं किए। - यह परीक्षा कुल 360 अंकों की हुई थी। - दोनों पेपर 180-180 अंकों के थे। - फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स की मार्किंग 120-120 अंक की रही है। - पेपर-1 व पेपर-2 में सवालों की संख्या 51-51 रही है। - वहीं, दूसरी ओर इस साल 2025 में 25 मई को यह परीक्षा संभावित है। **मैथ्स के कठिन सवाल** - पेपर-1 के मैथ्स में 3-डी कॉर्डिनेट ज्योमेक्ट्री के प्रश्न को 80 प्रतिशत विद्यार्थियों ने अटेम्प्ट नहीं किया है। - लिमिट, प्रोबेब्लिटी, ट्रिक्नोमेट्री, इलिप्स, एलजेना, कॉर्डिनेट ज्योमेक्ट्री एवं मैट्रिक्स सवालों को 60 फीसदी स्टूडेंट्स ने अटेम्प्ट नहीं किया। **इनके सर्वाधिक गलत उत्तर दिए** - पेपर-1 और पेपर-2 के सभी विषयों में कुछ सवालों के जवाब 50 प्रतिशत से अधिक स्टूडेंट्स ने गलत दिए है। - पेपर-1 में प्रत्येक विषय में 17 प्रश्नों में से मैथेमेटिक्स के 5, फिजिक्स में 6, कैमिस्ट्री में 6, पेपर-2 में भी 17 प्रश्नों में से मैथेमेटिक्स में 8, फिजिक्स में 9 व कैमिस्ट्री में 6 प्रश्नों के जवाब 90 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ने गलत दिए हैं। **आसान वाल कई प्रश्न ऐसे भी सामने आए जिनके उत्तर काफी विद्यार्थियों ने सही किए हैं।** - पेपर-1 में मैथेमेटिक्स में सर्किल, कॉर्डिनेट ज्योमेक्ट्री, फिजिक्स में यूनिट एंड डायमेंशन, हीट एंड थर्मोडायनेमिक्स, कैमिस्ट्री में कॉर्डिनेशन कम्पाउंड, केमिकल बॉडिंग प्रश्नों के उत्तर अधिकांश ने सही दिए। - इसी प्रकार पेपर-2 में मैथेमेटिक्स में इनवर्स थर्मोडायनेमिक फंक्शन, लिमिट, वेक्टर, फिजिक्स में इलेक्ट्रो स्टेटेटिक्स, एटोमिक स्ट्रक्चर, एरोमेटिक कंपाउंड, कॉर्डिनेशन कम्पाउंड, साल्ट ऐनालिसिस जैसे प्रश्नों के उत्तर अधिकांश ने पूरी तरह सही दिए। **कठिन सवाल** - पेपर-2 में एरिया, अंडरकर्व, फंक्शन्स एवं लिमिट के प्रश्नों को भी 1 लाख से अधिक ने अटेम्प्ट ही नहीं किया। **फिजिक्स के कठिन सवालः** - पेपर-1 में ज्योमेक्ट्रिकल ऑप्टिक्स का प्रश्न 82 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने अटेम्प्ट नहीं किया। - मैग्नेटिज्म, वेव्ज ऑन स्ट्रिंग्स, ज्योमेट्रिकल ऑप्टिक्स के प्रश्नों को 1 लाख 20 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने अटेम्प्ट नहीं किया। - पेपर-2 में ग्रेविटेशन, मैग्नेटिज्म, इलेक्ट्रोस्टेटिक्स, फ्लूड के प्रश्नों को 1 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने अटेम्प्ट नहीं किया। **कैमिस्ट्री में कठिन सवाल** - पेपर-1 में बायोमोलीक्यूल, एटोमिक फिनोल, इलेक्ट्रो कैमिस्ट्री के प्रश्नों को एक लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने अटेम्प्ट नहीं किया। - पेपर-2 पी-ब्लॉक एवं इलेक्ट्रो कैमिस्ट्री के प्रश्नों को एक लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने अटेम्प्ट नहीं किया। - ये सभी प्रश्न 60 फीसदी से अधिक विद्यार्थियों के अटेम्प्ट नहीं करने पर कठिनतम की श्रेणी में है। ==End of OCR for page 1==

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