अध्याय - 3: समन, सूचना, उद्घोषणा एवं वारंट PDF

Summary

यह दस्तावेज़ समन, सूचना, उद्घोषणा और वारंट से संबंधित नियमों और उपबंधों की व्याख्या करता है। यह दस्तावेज़ राजस्व अधिकारियों, पक्षकारों और साक्षियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है, और सिविल प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों पर आधारित है।

Full Transcript

# प्रतिवेदन क्रमांक ५ ## अध्याय - ३ ## समन, सूचना, उद्घोषणा एवं वारंट संहिता की धारा ३३ में व्यक्तियों को हाजिर होने तथा दस्तावेज पेश किए जाने की अपेक्षा करने तथा साक्ष्य लेने की शक्तियां एवं धारा ३४ में साक्षी को हाजिर होने के लिए विवश करने की शक्तियां राजस्व अधिकारियों को प्रदान की गई हैं। अनुस...

# प्रतिवेदन क्रमांक ५ ## अध्याय - ३ ## समन, सूचना, उद्घोषणा एवं वारंट संहिता की धारा ३३ में व्यक्तियों को हाजिर होने तथा दस्तावेज पेश किए जाने की अपेक्षा करने तथा साक्ष्य लेने की शक्तियां एवं धारा ३४ में साक्षी को हाजिर होने के लिए विवश करने की शक्तियां राजस्व अधिकारियों को प्रदान की गई हैं। अनुसूची-१ में कंडिका कमांक १ से १० में समन का जारी किया जाना, समन की तामील का ढंग और समन के अनुपालन का ढंग विहित किया गया है। कंडिका कमांक ११ से १६ में सूचना तामील करने का ढंग विहित किया गया है। कंडिका कमांक १७ में उद्घोषणा जारी करने का ढंग विहित किया गया है। समन तथा अन्य विषयों पर नियम के नियम २ से ९ में समन, सूचना तथा आदेशिकाओं की तामील के संबंध में उपबन्ध हैं तथा नियम कमांक १० से १९ में पक्षकारों एवं साक्षियों आदि के समन के संबंध में उपबन्ध हैं। सिविल प्रक्रिया संहिता, के आदेश ५ में समनों का निकाला जाना तथा उनकी तामिली के संबंध में नियम हैं तथा आदेश १६ में साक्ष्य को समन करना और उनकी हाजिरी के संबंध में नियम हैं। **२३/** इन प्रावधानों का अध्ययन करने के उपरांत प्रस्तावित नियमों के भाग-तीन में समन, सूचना, उद्घोषणा एवं वारंट के संबंध में उपबन्ध नियम १५ से ३६ में किए गए हैं। यह भाग चार खण्डों में विभाजित किया गया हैं। खण्ड–क में नियम १५ से २९ में समन के संबंध में, खण्ड–ख में नियम ३० में सूचना के संबंध में, खण्ड-ग में नियम ३१ में उद्घोषणा के संबंध में उपबन्ध हैं तथा खण्ड–घ में नियम ३२ से ३६ में अन्य उपबंध हैं। इन नियमों पर व्याख्यात्मक टिप्पणियां निम्नानुसार है:— ### भाग - तीन ### समन, सूचना, उद्घोषणा एवं वारंट | प्रस्तावित नियम | व्याख्यात्मक टिप्पणियां | |:-------------------|:----------------------| | **क- समन** | | | १५. साक्षियों की सूची और समन का जारी किया जाना- (१) ऐसे दिनांक को या उसके पूर्व जो राजस्व न्यायालय नियत करे, पक्षकारगण राजस्व न्यायालय में ऐसे साक्षियों की सूची प्रस्तुत करेंगे जिन्हें वे या तो साक्ष्य देने के लिये या दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये बुलाने की प्रस्थापना करते हैं। | १. इस नियम के उपबन्ध सिविल प्रकिया संहिता के आदेश १६ के नियम १ से ४ पर आधारित हैं। | | (२) राजस्व न्यायालय कारण अभिलिखित करते हुए पक्षकार को किसी ऐसे साक्षी को जो ऐसी सूची में आये नामों से भिन्न हो, बुलाने की अनुमति दे सकेगा यदि पक्षकार उक्त सूची में से नाम का उल्लेख करने में लोप का पर्याप्त कारण दर्शा दे। | २. इसके द्वारा पक्षकारों से अपेक्षा की गई कि वे राजस्व न्यायालय द्वारा निर्धारित समयावधि में अपने-अपने साक्षियों की सूची प्रस्तुत करें।| | (३) पक्षकार राजस्व न्यायालय के समक्ष उपनियम (१) के अधीन प्रस्तुत की गयी सूची में से या सूची में से किसी भी साक्षी को अपनी ओर से प्रस्तुत करा सकेगा और ऐसी दशा में साक्षी के व्यय उस पक्षकार द्वारा साक्षी को सीधे भुगतान किए जाएंगे। ऐसी दशा में साक्षी के व्यय, नियम ३३ एवं ३४ के किसी संदर्भ के बिना, पक्षकार द्वारा सीधे साक्षी को भुगतान किये जाएंगेः | ३. कोई भी पक्षकार उसके द्वारा प्रस्तुत साक्षियों की सूची में से या सूची में से किसी भी साक्षी को अपनी ओर से प्रस्तुत करा सकेगा और ऐसी दशा में साक्षी के व्यय उस पक्षकार द्वारा साक्षी को सीधे भुगतान किए जाएंगे। राज्य के शासकीय सेवक को इस प्रकार किसी पक्षकार के द्वारा प्रस्तुत नहीं किया जा सकेगा और उसके लिए राजस्व न्यायालय द्वारा समन जारी आवेदन पर समन किया जाता है तो उसके व्यय किया जाना होगा। यदि कोई साक्षी पक्षकार के नियम ३३ व ३४ के अनुसार भुगतान किए जाएंगे। | | शासकीय सेवक के मामले में, जो कि उसकी पदीय क्षमता में साक्ष्य देने या दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए बुलाया जाना है, लागू नहीं होंगे। | | | (४) पक्षकार किसी साक्षी को समन जारी करने के लिये, वह प्रयोजन जिसके लिये साक्षी को समन किया जाना प्रस्तावित है, कथित करते हुये राजस्व न्यायालय को आवेदन कर सकेगा। ऐसे साक्षी के व्यय जो कि राजस्व न्यायालय द्वारा समन किया गया है नियम ३३ एवं ३४ के उपबंधों के अनुसार भुगतान किये जाएंगे। | ४. यह नियम राज्य के शासकीय सेवक के अतिरिक्त स्थानीय निकाय के कर्मचारियों के मामले में भी लागू होगा। | | स्पष्टीकरण - इस नियम के प्रयोजन के लिये, अभिव्यक्ति 'राज्य का शासकीय सेवक' में शामिल है स्थानीय निकाय का कर्मचारी । | | | १६. समन जारी किया जाना- (१) भौतिक रीति से जारी किया गया प्रत्येक समन लिखित में दो प्रतियों में होगा और वह जारी करने वाले राजस्व न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा या ऐसे व्यक्ति द्वारा, जिसे वह अपनी और से सशक्त करे, हस्ताक्षरित और मुद्रांकित होगा। | १. अनुसूची १ की कंडिका १ के प्रावधानों को इस नियम में नया विस्तार और आयाम दिया गया। | | (२) इलेक्ट्रॉनिक रीति से जारी किया गया प्रत्येक समन राजस्व न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा या ऐसे व्यक्ति द्वारा, जिसे वह अपनी और से सशक्त करे, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से हस्ताक्षरित किया जाएगा। | २, भौतिक समन जारी करने का परंपरागत ढंग यथावत रखते हुए इस नियम में इलेक्ट्रॉनिक रूप में समन जारी करने का विकल्प दिया जा रहा है। यह एक दूरगामी प्रभाव रखने वाली पहल है जो भविष्य में न्यायालयीन प्ररकणों के निपटारे में तेजी लाने में अत्यंत सहायक होगी । | | (३) प्रत्येक समन में वह समय तथा स्थान विनिर्दिष्ट होगा जब और जहां समन किया गया व्यक्ति उपस्थित होने के लिये अपेक्षित है और यह भी विनिर्दिष्ट होगा कि वह साक्ष्य देने के लिये अपेक्षित है या दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये । | ३. अनुसूची १ की कंडिका १ के प्रावधानों के समान है। | | १७. पक्षकार को समन — पक्षकार को जारी किये जाने वाले प्रत्येक समन के साथ मामले की विषय-वस्तु के बारे में एक संक्षिप्त कथन होगाः परंतु अनावेदक को जारी किये जाने वाले समन के साथ आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन, यदि कोई हो, की प्रति संलग्न की जाएगी। | यह नियम अनुसूची १ की कंडिका २ से यथावत लिया गया है। | | १८. दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु समन - (१) दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये समन किन्हीं विनिर्दिष्ट दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये या किसी वर्णन के उन समस्त दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये हो सकेगा जो समन किये गये व्यक्ति के कब्जे या शक्ति में हों। | १. इस नियम का उपनियम (१) अनुसूची १ की कंडिका ३ से यथावत लिया गया है। | | (२) केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये ही समन किया गया व्यक्ति यदि उसे प्रस्तुत करने के लिये स्वयं उपस्थित होने के बदले ऐसा दस्तावेज प्रस्तुत करवा देता है तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने समन का अनुपालन कर दिया है। | २. इस नियम का उपनियम (२) का उपबन्ध सिविल प्रकिया संहिता के आदेश १६ नियम ६ से लिया गया है। यह उपबन्ध केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समन किए गए व्यक्ति के लिए सुविधाजनक विकल्प देता है। | | १९. राजस्व न्यायालय द्वारा समन की तामीली - राजस्व न्यायालय निम्न में से किसी एक या अधिक तरीकों से, जैसा कि वह ठीक समझे, समन की तामीली हेतु आदेश कर सकेगा, – | १. इस नियम में समन की तामील करने के परंपरागत तरीके के अलावा रसीदी रजिस्ट्री के द्वारा या स्पीड पोस्ट द्वारा या अनुमोदित कुरियर सेवाओं के द्वारा या इलेक्ट्रॉनिक संदेश के द्वारा समन की तामील करवाने का विकल्प राजस्व न्यायालय को दिया गया है। इससे मामलों में त्वरित निराकरण में मदद मिलेगी। | | (क) व्यक्तिशः तामीली द्वारा; | | | (ख) रसीदी रजिस्ट्री डाक या स्पीड पोस्ट द्वारा या ऐसी कुरियर सेवाओं जो कि नियम २२ के उपनियम (३) के अधीन अनुमोदित है, के द्वारा; या | | | (ग) इलेक्ट्रॉनिक संदेश सेवा द्वारा। | २. यह नियम सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश ५ नियम ३ के समान है। | | (३) प्रत्येक समन में वह समय तथा स्थान विनिर्दिष्ट होगा जब और जहां समन किया गया व्यक्ति उपस्थित होने के लिये अपेक्षित है और यह भी विनिर्दिष्ट होगा कि वह साक्ष्य देने के लिये अपेक्षित है या दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये । | ३. अनुसूची १ की कंडिका १ के प्रावधानों के समान है। | | १७. पक्षकार को समन — पक्षकार को जारी किये जाने वाले प्रत्येक समन के साथ मामले की विषय-वस्तु के बारे में एक संक्षिप्त कथन होगाः परंतु अनावेदक को जारी किये जाने वाले समन के साथ आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन, यदि कोई हो, की प्रति संलग्न की जाएगी। | यह नियम अनुसूची १ की कंडिका २ से यथावत लिया गया है। | | १८. दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु समन - (१) दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये समन किन्हीं विनिर्दिष्ट दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये या किसी वर्णन के उन समस्त दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये हो सकेगा जो समन किये गये व्यक्ति के कब्जे या शक्ति में हों। | १. इस नियम का उपनियम (१) अनुसूची १ की कंडिका ३ से यथावत लिया गया है। | | (२) केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये ही समन किया गया व्यक्ति यदि उसे प्रस्तुत करने के लिये स्वयं उपस्थित होने के बदले ऐसा दस्तावेज प्रस्तुत करवा देता है तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने समन का अनुपालन कर दिया है। | २. इस नियम का उपनियम (२) का उपबन्ध सिविल प्रकिया संहिता के आदेश १६ नियम ६ से लिया गया है। यह उपबन्ध केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समन किए गए व्यक्ति के लिए सुविधाजनक विकल्प देता है। | | १९. राजस्व न्यायालय द्वारा समन की तामीली - राजस्व न्यायालय निम्न में से किसी एक या अधिक तरीकों से, जैसा कि वह ठीक समझे, समन की तामीली हेतु आदेश कर सकेगा, – | १. इस नियम में समन की तामील करने के परंपरागत तरीके के अलावा रसीदी रजिस्ट्री के द्वारा या स्पीड पोस्ट द्वारा या अनुमोदित कुरियर सेवाओं के द्वारा या इलेक्ट्रॉनिक संदेश के द्वारा समन की तामील करवाने का विकल्प राजस्व न्यायालय को दिया गया है। इससे मामलों में त्वरित निराकरण में मदद मिलेगी। | | (क) व्यक्तिशः तामीली द्वारा; | | | (ख) रसीदी रजिस्ट्री डाक या स्पीड पोस्ट द्वारा या ऐसी कुरियर सेवाओं जो कि नियम २२ के उपनियम (३) के अधीन अनुमोदित है, के द्वारा; या | | | (ग) इलेक्ट्रॉनिक संदेश सेवा द्वारा। | २. यह नियम सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश ५ नियम ३ के समान है। | | (३) प्रत्येक समन में वह समय तथा स्थान विनिर्दिष्ट होगा जब और जहां समन किया गया व्यक्ति उपस्थित होने के लिये अपेक्षित है और यह भी विनिर्दिष्ट होगा कि वह साक्ष्य देने के लिये अपेक्षित है या दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये । | ३. अनुसूची १ की कंडिका १ के प्रावधानों के समान है। | | १७. पक्षकार को समन — पक्षकार को जारी किये जाने वाले प्रत्येक समन के साथ मामले की विषय-वस्तु के बारे में एक संक्षिप्त कथन होगाः परंतु अनावेदक को जारी किये जाने वाले समन के साथ आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन, यदि कोई हो, की प्रति संलग्न की जाएगी। | यह नियम अनुसूची १ की कंडिका २ से यथावत लिया गया है। | | १८. दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु समन - (१) दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये समन किन्हीं विनिर्दिष्ट दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये या किसी वर्णन के उन समस्त दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये हो सकेगा जो समन किये गये व्यक्ति के कब्जे या शक्ति में हों। | १. इस नियम का उपनियम (१) अनुसूची १ की कंडिका ३ से यथावत लिया गया है। | | (२) केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये ही समन किया गया व्यक्ति यदि उसे प्रस्तुत करने के लिये स्वयं उपस्थित होने के बदले ऐसा दस्तावेज प्रस्तुत करवा देता है तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने समन का अनुपालन कर दिया है। | २. इस नियम का उपनियम (२) का उपबन्ध सिविल प्रकिया संहिता के आदेश १६ नियम ६ से लिया गया है। यह उपबन्ध केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समन किए गए व्यक्ति के लिए सुविधाजनक विकल्प देता है। | | १९. राजस्व न्यायालय द्वारा समन की तामीली - राजस्व न्यायालय निम्न में से किसी एक या अधिक तरीकों से, जैसा कि वह ठीक समझे, समन की तामीली हेतु आदेश कर सकेगा, – | १. इस नियम में समन की तामील करने के परंपरागत तरीके के अलावा रसीदी रजिस्ट्री के द्वारा या स्पीड पोस्ट द्वारा या अनुमोदित कुरियर सेवाओं के द्वारा या इलेक्ट्रॉनिक संदेश के द्वारा समन की तामील करवाने का विकल्प राजस्व न्यायालय को दिया गया है। इससे मामलों में त्वरित निराकरण में मदद मिलेगी। | | (क) व्यक्तिशः तामीली द्वारा; | | | (ख) रसीदी रजिस्ट्री डाक या स्पीड पोस्ट द्वारा या ऐसी कुरियर सेवाओं जो कि नियम २२ के उपनियम (३) के अधीन अनुमोदित है, के द्वारा; या | | | (ग) इलेक्ट्रॉनिक संदेश सेवा द्वारा। | २. यह नियम सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश ५ नियम ३ के समान है। | | (३) प्रत्येक समन में वह समय तथा स्थान विनिर्दिष्ट होगा जब और जहां समन किया गया व्यक्ति उपस्थित होने के लिये अपेक्षित है और यह भी विनिर्दिष्ट होगा कि वह साक्ष्य देने के लिये अपेक्षित है या दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये । | ३. अनुसूची १ की कंडिका १ के प्रावधानों के समान है। | | १७. पक्षकार को समन — पक्षकार को जारी किये जाने वाले प्रत्येक समन के साथ मामले की विषय-वस्तु के बारे में एक संक्षिप्त कथन होगाः परंतु अनावेदक को जारी किये जाने वाले समन के साथ आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन, यदि कोई हो, की प्रति संलग्न की जाएगी। | यह नियम अनुसूची १ की कंडिका २ से यथावत लिया गया है। | | १८. दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु समन - (१) दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये समन किन्हीं विनिर्दिष्ट दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये या किसी वर्णन के उन समस्त दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये हो सकेगा जो समन किये गये व्यक्ति के कब्जे या शक्ति में हों। | १. इस नियम का उपनियम (१) अनुसूची १ की कंडिका ३ से यथावत लिया गया है। | | (२) केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये ही समन किया गया व्यक्ति यदि उसे प्रस्तुत करने के लिये स्वयं उपस्थित होने के बदले ऐसा दस्तावेज प्रस्तुत करवा देता है तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने समन का अनुपालन कर दिया है। | २. इस नियम का उपनियम (२) का उपबन्ध सिविल प्रकिया संहिता के आदेश १६ नियम ६ से लिया गया है। यह उपबन्ध केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समन किए गए व्यक्ति के लिए सुविधाजनक विकल्प देता है। | | १९. राजस्व न्यायालय द्वारा समन की तामीली - राजस्व न्यायालय निम्न में से किसी एक या अधिक तरीकों से, जैसा कि वह ठीक समझे, समन की तामीली हेतु आदेश कर सकेगा, – | १. इस नियम में समन की तामील करने के परंपरागत तरीके के अलावा रसीदी रजिस्ट्री के द्वारा या स्पीड पोस्ट द्वारा या अनुमोदित कुरियर सेवाओं के द्वारा या इलेक्ट्रॉनिक संदेश के द्वारा समन की तामील करवाने का विकल्प राजस्व न्यायालय को दिया गया है। इससे मामलों में त्वरित निराकरण में मदद मिलेगी। | | (क) व्यक्तिशः तामीली द्वारा; | | | (ख) रसीदी रजिस्ट्री डाक या स्पीड पोस्ट द्वारा या ऐसी कुरियर सेवाओं जो कि नियम २२ के उपनियम (३) के अधीन अनुमोदित है, के द्वारा; या | | | (ग) इलेक्ट्रॉनिक संदेश सेवा द्वारा। | २. यह नियम सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश ५ नियम ३ के समान है। | | (३) प्रत्येक समन में वह समय तथा स्थान विनिर्दिष्ट होगा जब और जहां समन किया गया व्यक्ति उपस्थित होने के लिये अपेक्षित है और यह भी विनिर्दिष्ट होगा कि वह साक्ष्य देने के लिये अपेक्षित है या दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये । | ३. अनुसूची १ की कंडिका १ के प्रावधानों के समान है। | | १७. पक्षकार को समन — पक्षकार को जारी किये जाने वाले प्रत्येक समन के साथ मामले की विषय-वस्तु के बारे में एक संक्षिप्त कथन होगाः परंतु अनावेदक को जारी किये जाने वाले समन के साथ आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन, यदि कोई हो, की प्रति संलग्न की जाएगी। | यह नियम अनुसूची १ की कंडिका २ से यथावत लिया गया है। | | १८. दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु समन - (१) दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये समन किन्हीं विनिर्दिष्ट दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये या किसी वर्णन के उन समस्त दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये हो सकेगा जो समन किये गये व्यक्ति के कब्जे या शक्ति में हों। | १. इस नियम का उपनियम (१) अनुसूची १ की कंडिका ३ से यथावत लिया गया है। | | (२) केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये ही समन किया गया व्यक्ति यदि उसे प्रस्तुत करने के लिये स्वयं उपस्थित होने के बदले ऐसा दस्तावेज प्रस्तुत करवा देता है तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने समन का अनुपालन कर दिया है। | २. इस नियम का उपनियम (२) का उपबन्ध सिविल प्रकिया संहिता के आदेश १६ नियम ६ से लिया गया है। यह उपबन्ध केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समन किए गए व्यक्ति के लिए सुविधाजनक विकल्प देता है। | | १९. राजस्व न्यायालय द्वारा समन की तामीली - राजस्व न्यायालय निम्न में से किसी एक या अधिक तरीकों से, जैसा कि वह ठीक समझे, समन की तामीली हेतु आदेश कर सकेगा, – | १. इस नियम में समन की तामील करने के परंपरागत तरीके के अलावा रसीदी रजिस्ट्री के द्वारा या स्पीड पोस्ट द्वारा या अनुमोदित कुरियर सेवाओं के द्वारा या इलेक्ट्रॉनिक संदेश के द्वारा समन की तामील करवाने का विकल्प राजस्व न्यायालय को दिया गया है। इससे मामलों में त्वरित निराकरण में मदद मिलेगी। | | (क) व्यक्तिशः तामीली द्वारा; | | | (ख) रसीदी रजिस्ट्री डाक या स्पीड पोस्ट द्वारा या ऐसी कुरियर सेवाओं जो कि नियम २२ के उपनियम (३) के अधीन अनुमोदित है, के द्वारा; या | | | (ग) इलेक्ट्रॉनिक संदेश सेवा द्वारा। | २. यह नियम सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश ५ नियम ३ के समान है। | | (३) प्रत्येक समन में वह समय तथा स्थान विनिर्दिष्ट होगा जब और जहां समन किया गया व्यक्ति उपस्थित होने के लिये अपेक्षित है और यह भी विनिर्दिष्ट होगा कि वह साक्ष्य देने के लिये अपेक्षित है या दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये । | ३. अनुसूची १ की कंडिका १ के प्रावधानों के समान है। | | १७. पक्षकार को समन — पक्षकार को जारी किये जाने वाले प्रत्येक समन के साथ मामले की विषय-वस्तु के बारे में एक संक्षिप्त कथन होगाः परंतु अनावेदक को जारी किये जाने वाले समन के साथ आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन, यदि कोई हो, की प्रति संलग्न की जाएगी। | यह नियम अनुसूची १ की कंडिका २ से यथावत लिया गया है। | | १८. दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु समन - (१) दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये समन किन्हीं विनिर्दिष्ट दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये या किसी वर्णन के उन समस्त दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये हो सकेगा जो समन किये गये व्यक्ति के कब्जे या शक्ति में हों। | १. इस नियम का उपनियम (१) अनुसूची १ की कंडिका ३ से यथावत लिया गया है। | | (२) केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये ही समन किया गया व्यक्ति यदि उसे प्रस्तुत करने के लिये स्वयं उपस्थित होने के बदले ऐसा दस्तावेज प्रस्तुत करवा देता है तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने समन का अनुपालन कर दिया है। | २. इस नियम का उपनियम (२) का उपबन्ध सिविल प्रकिया संहिता के आदेश १६ नियम ६ से लिया गया है। यह उपबन्ध केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समन किए गए व्यक्ति के लिए सुविधाजनक विकल्प देता है। | | १९. राजस्व न्यायालय द्वारा समन की तामीली - राजस्व न्यायालय निम्न में से किसी एक या अधिक तरीकों से, जैसा कि वह ठीक समझे, समन की तामीली हेतु आदेश कर सकेगा, – | १. इस नियम में समन की तामील करने के परंपरागत तरीके के अलावा रसीदी रजिस्ट्री के द्वारा या स्पीड पोस्ट द्वारा या अनुमोदित कुरियर सेवाओं के द्वारा या इलेक्ट्रॉनिक संदेश के द्वारा समन की तामील करवाने का विकल्प राजस्व न्यायालय को दिया गया है। इससे मामलों में त्वरित निराकरण में मदद मिलेगी। | | (क) व्यक्तिशः तामीली द्वारा; | | | (ख) रसीदी रजिस्ट्री डाक या स्पीड पोस्ट द्वारा या ऐसी कुरियर सेवाओं जो कि नियम २२ के उपनियम (३) के अधीन अनुमोदित है, के द्वारा; या | | | (ग) इलेक्ट्रॉनिक संदेश सेवा द्वारा। | २. यह नियम सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश ५ नियम ३ के समान है। | | (३) प्रत्येक समन में वह समय तथा स्थान विनिर्दिष्ट होगा जब और जहां समन किया गया व्यक्ति उपस्थित होने के लिये अपेक्षित है और यह भी विनिर्दिष्ट होगा कि वह साक्ष्य देने के लिये अपेक्षित है या दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये । | ३. अनुसूची १ की कंडिका १ के प्रावधानों के समान है। | | १७. पक्षकार को समन — पक्षकार को जारी किये जाने वाले प्रत्येक समन के साथ मामले की विषय-वस्तु के बारे में एक संक्षिप्त कथन होगाः परंतु अनावेदक को जारी किये जाने वाले समन के साथ आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन, यदि कोई हो, की प्रति संलग्न की जाएगी। | यह नियम अनुसूची १ की कंडिका २ से यथावत लिया गया है। | | १८. दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु समन - (१) दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये समन किन्हीं विनिर्दिष्ट दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये या किसी वर्णन के उन समस्त दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये हो सकेगा जो समन किये गये व्यक्ति के कब्जे या शक्ति में हों। | १. इस नियम का उपनियम (१) अनुसूची १ की कंडिका ३ से यथावत लिया गया है। | | (२) केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये ही समन किया गया व्यक्ति यदि उसे प्रस्तुत करने के लिये स्वयं उपस्थित होने के बदले ऐसा दस्तावेज प्रस्तुत करवा देता है तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने समन का अनुपालन कर दिया है। | २. इस नियम का उपनियम (२) का उपबन्ध सिविल प्रकिया संहिता के आदेश १६ नियम ६ से लिया गया है। यह उपबन्ध केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समन किए गए व्यक्ति के लिए सुविधाजनक विकल्प देता है। | | १९. राजस्व न्यायालय द्वारा समन की तामीली - राजस्व न्यायालय निम्न में से किसी एक या अधिक तरीकों से, जैसा कि वह ठीक समझे, समन की तामीली हेतु आदेश कर सकेगा, – | १. इस नियम में समन की तामील करने के परंपरागत तरीके के अलावा रसीदी रजिस्ट्री के द्वारा या स्पीड पोस्ट द्वारा या अनुमोदित कुरियर सेवाओं के द्वारा या इलेक्ट्रॉनिक संदेश के द्वारा समन की तामील करवाने का विकल्प राजस्व न्यायालय को दिया गया है। इससे मामलों में त्वरित निराकरण में मदद मिलेगी। | | (क) व्यक्तिशः तामीली द्वारा; | | | (ख) रसीदी रजिस्ट्री डाक या स्पीड पोस्ट द्वारा या ऐसी कुरियर सेवाओं जो कि नियम २२ के उपनियम (३) के अधीन अनुमोदित है, के द्वारा; या | | | (ग) इलेक्ट्रॉनिक संदेश सेवा द्वारा। | २. यह नियम सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश ५ नियम ३ के समान है। | | (३) प्रत्येक समन में वह समय तथा स्थान विनिर्दिष्ट होगा जब और जहां समन किया गया व्यक्ति उपस्थित होने के लिये अपेक्षित है और यह भी विनिर्दिष्ट होगा कि वह साक्ष्य देने के लिये अपेक्षित है या दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये । | ३. अनुसूची १ की कंडिका १ के प्रावधानों के समान है। | | १७. पक्षकार को समन — पक्षकार को जारी किये जाने वाले प्रत्येक समन के साथ मामले की विषय-वस्तु के बारे में एक संक्षिप्त कथन होगाः परंतु अनावेदक को जारी किये जाने वाले समन के साथ आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदन, यदि कोई हो, की प्रति संलग्न की जाएगी। | यह नियम अनुसूची १ की कंडिका २ से यथावत लिया गया है। | | १८. दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु समन - (१) दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये समन किन्हीं विनिर्दिष्ट दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये या किसी वर्णन के उन समस्त दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिये हो सकेगा जो समन किये गये व्यक्ति के कब्जे या शक्ति में हों। | १. इस नियम का उपनियम (१) अनुसूची १ की कंडिका ३ से यथावत लिया गया है। | | (२) केवल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये ही समन किया गया व्यक्ति यदि उसे प्रस्तुत करने के लिये स्वयं उपस्थित होने के बदले ऐसा दस्तावेज प्रस्तुत करवा देता है तो उसके बारे में यह समझा

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