इलेक्ट्रॉन और परमाणु संरचना PDF

Summary

यह दस्तावेज़ इलेक्ट्रॉन, परमाणु संरचना, और विद्युत धारा से संबंधित बुनियादी अवधारणाओं पर चर्चा करता है। इसमें इलेक्ट्रॉन के प्रकार, परमाणु संरचना के नियम, और इलेक्ट्रॉनों की गति जैसे विषयों पर जानकारी शामिल है।

Full Transcript

# इलेक्ट्रॉन - यह प्रकृति का एक मुल छठा है और डी भी प्रकार के तत्व से प्राप्त इलेक्ट्रॉन सभी प्रकार इसे समान होते हैं। - इस पर -1.6×10१९ अविश' येता है। - यह ऋणविशित कण होता है। - इसका भार नगन्य होता है। ### इलेक्ट्रॉन्स में दो प्रकार की गतिविश्यमान होती है। 1. **Spin Mation (चक्रण गति)** - इस ग...

# इलेक्ट्रॉन - यह प्रकृति का एक मुल छठा है और डी भी प्रकार के तत्व से प्राप्त इलेक्ट्रॉन सभी प्रकार इसे समान होते हैं। - इस पर -1.6×10१९ अविश' येता है। - यह ऋणविशित कण होता है। - इसका भार नगन्य होता है। ### इलेक्ट्रॉन्स में दो प्रकार की गतिविश्यमान होती है। 1. **Spin Mation (चक्रण गति)** - इस गति के अन्तर्गत इलेम्सेनस अपनी ही दूरी पर लघु की भाति घुमता रहता है। 2. **Orbital Mation (घुर्णन गति)** - इसमें अपनी कक्षा में रहते हुए नाभिक के चारों ओर परिक्रमा करता है। # परमाणु संरचना का नियम - प्रत्येक परमाणू सामान्यतः अवस्था में अविश रबटीत होता है। क्योकि उसमे प्रशिन्स व इलेम्सेनस की संख्या बराबर होती है। अर्थात प्रश्माक में कुल धनविश कुल ऋणावेश के बराबर होता है। - परमाणू मे विद्यमान कक्षाओ को K,L,M,N,O,P,Q अक्षर (?) सुत्र के माध्यम से व्यक्त किया जाता है इसमे n = कक्षा कि संख्या होता है। ### इलेक्ट्रोन्स की संख्या 1. 2X1X1 = 2 2. 2x2x2 = 8 3. 2x3x3 = 18 4. 2x4x4 = 82 # किसी कक्षा मे (272) सुत्र के द्वारा निधारित सख्या मे इलेक्ट्रोन्स पुरे हो जाने पर दुसरी कक्षा मे जाते है। # सभी कक्षाएँ अन्तिम कक्षा में 8 से अधिक और इससे पहली कक्षा में 18 से अधिन नहीं हो सकते है। # डा परमाणु की अन्तिम कक्षा मे 8 इलेक्ट्रोनस पुरा हो जाने पर नई कक्षा का निर्माण प्रारम्भ हो जाता है। सबसे सरल संरचना वाला तत्व हाइ‌ड्रोजन है जिसके नाभिन मे एख प्राट्रोन होता है और उसके चारो और एक इलेक्ट्रोन प्ररिक्रमा करता है आक्सीजन के परमार के नाभिन के चारो और दो कक्षाओं में क्रमश: 2,6 उलेम्रोन परिक्रमा करते है सोडियम परमाणू के नामिन मे ॥ प्रोटोनस व 12 बियो सेनस होते है और नाभिन के चारो और तीन कक्षाओ में क्रमश २० = इलेम्सेनस परिकरमा करते हैं # प्रमाणु क्रमान / परमाणु संख्या - किसी तत्व के एक परमार को विद्यमान प्रोरोनस या इलेम्रोनस की संख्या उसकी परमाणू संख्या कहलाती है। # परमाणु भार / द्रव्यमान संख्या - किसी तत्व के एक परमाणु • नाभिन में विद्यमान प्रोटोन तथा न्युरोन कि कुल संख्या परमाणु भार उहलाती है। उदाहरण के लिए तांबे का परमाणु क्रमांक २१ व परमाणु भार 64 होता है। # Valance electrons [:- सोनित इलेक्ट्रोनस किसी तत्व के परमाणु कि अन्तिम कक्षा ३ इलेम्ट्रोनस दुसरे परमाणुओ के साथ संयोजित बन्ध बनाते हैं। और इसी कारण का यह सवभाविक प्रयास रहता है। कि वह अपनी अन्तीम कक्षा पूर्ण अर्थात 8 इलेक्ट्रीन भुक्त उराले इसके बिए वह अतिम कक्षा के इलेक्ट्रोनस किसी दुसरे प्रमाण को देकर या तहण करके अपने 8 इलेक्ट्रोन पूर्ण करेगा। # मुक्त इलेक्ट्रोनस - अधिकाश धातुओ की अंतिम कक्षा में केवल दो इलेक्ट्रोन होते हैं और उन्हे दुसरे परमाणुओं द्‌वारा आरोपित थोड़े से बल द्‌वारा विस्थापित किया जा सकता है। - इनके आरक्षण बल का मान कम रह जाता है। इस प्रकार यह इलेक्ट्रोवत लगभग मुक्त अवस्था में रहते है। - इसलिए इन्हें मुख्य इलेक्ट्रोन कहा जाता है। # DOR आयन - भावेश युक्त परमाणु या परमाणुओं का समुह भायन कहलाता है। - आयन निम्न प्रकार के होते है। 1. **धनायम:** जिलं परमाणु मे निर्धारित पसरत्या की अपेक्षा इलेक्रोनकी संख्या कम हो जाति है उसे धनायन कहते हैं। 2. **प्रऋणायन:** जिस परमाणु मे निर्धारित संरया कि अपेक्षा ९- कि संख्या अधिक हो जाती है। प्रऋणायन कहते है५ 3. **आयनिकरण:** आधन बनने कि प्रक्रिया को मायानिकरण कहते है। # Electric current [विद्युत धारा ] - अधिकांश धातुओ के परमार की अन्तिम कक्षा मे जेवल एक दो इलेग्रीन होते है। और नाभिक से दूर होने के कारण इनमे नागिन ७० ४, प्रति आकर्षिण बाफी कम होता है। अतः ऐसे तत्वों के परमानुओं में से कुछ बल लगाकर जैले विद्युत वाहक बल [electro Mative force] (EMF) लगाकर इलेक्ट्रोन्स को गतिमान किया जा सकता है। - ऐसे डलेम्ग्रील्स एक परमाक से उसने परमाक में होते हुए उस तत्व के उठंडे के आर-पार प्रवाहित किये जा सकते हैं। - इस पठार इसी तत्व का पदार्थ मे से इलेग्रोन्स का प्रवाह विद्युत धारा कहलाता है। - विद्युत धारा का प्रतीक I तथा मात्रक एम्पियर होता है। - एम्पियर वा प्रतिन में होता है। ### 1 (एम्पियर :-). - यदि किसी एक बिन्दु से एक सैकण्ड समय मे 6.28 x108 electron प्रवाहित ही जाए ती विद्युत धारा ण मान 1 Amper होता है। - विद्युत धारा की चाल प्रकाश की चाल के हुल्य होती है अर्थात 3×100 m/s होती है। # विद्युत वाहक बल - किसी चालक पदार्थ मे से विद्युत भारा जो एक सिरे से दूसरे सिरे तक प्रवाहित करने वाला बल विद्युत वाहक बल बहलाता है। यह सेल, बैटरी, जनरेटर आदि से प्राप्त किया जाता है।

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