रसशास्त्र Extra Point Typed PDF

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This document contains notes about Rasa Shastra, a branch of Ayurveda. It covers various topics, from extra points to the series of discussions, and includes questions. The content is well-organized and presented with clear headings and subheadings.

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Dr. AJIT PATIL रसशास्त्र Series Extra Points Notes DR. AJIT PATIL’S PGACET CLASSES 1 Dr. AJIT PATIL EXTRA...

Dr. AJIT PATIL रसशास्त्र Series Extra Points Notes DR. AJIT PATIL’S PGACET CLASSES 1 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series - 1 AUDIO 1st – 1. परमेश्वर / शिव और पाववती इनके संवाद से शनमावण होने वाला ग्रंथ कौनसा है ? -रसार्णव 2. अशि में धातुज्वाला वणव का वणवन कौनसे ग्रंथ में शमलता है ? -रसार्णव धातु नाम ज्वाला वर्ण सुवर्ण पीत रजत श्वेत ताम्र नील 3. अग्नि में होने वाला धातुक्षय का वर्णन कौनसे संग्नहता / ग्रंथ में ग्नमलता है? IMP -याज्ञवल्क संहिता 4. धातु का अहि में क्षय – IMP धातु नाम अहि में क्षय (%) i. सुवर्ण ०% ii. रजत २% iii. नाग – वंग ८% iv. लोह १० % 5. रसहृदयतंत्र – अध्याय नाम – अवबोध एकूर् अवबोध संख्या - १९ 2 Dr. AJIT PATIL 6. रसशास्त्र में एकूर् रसहसद्ध की संख्या ग्नकतनी है? IMP -८४ इनका वगीकरर् ०४ प्रकार से – i. दे व ii. दै त्य iii. मुग्नन iv. मानव (गोरखनाथ का उल्लेख) 7. गोरक्षसंहिता – अध्याय नाम – पटल एकूर् श्लोक संख्या – १ लाख रचना – २ भाग i. काग्नद प्रकरर् (Just read) ii. भूग्नत प्रकरर् 8. ’खेचरी गुग्नटका’ कल्प का वर्णन कौनसे ग्रंथ में ग्नमलता है ? -गोरक्षसंहिता 9. रसरत्नसमुच्चय ग्रंथ का प्रथम भाग ग्नकस ग्रंथ पर आधाररत है? -रसेन्द्रचुडामहर् 10. रसेन्द्रचुडामग्नर् एकूर् अध्याय – १६ रसार्णव एकूर् पटल – १८ रसप्रकाशसुधाकर एकूर् अध्याय – १३ रसेन्द्रग्नचंतामग्नर् एकूर् अध्याय – ०९ 11. रसप्रकाशसुधाकर वैहशष्ट्ये – i. शुक्रस्तम्भन के ग्नलए अग्नहफेन प्रयोग ii. सुवर्ण रजत मुक्ता प्रवाल का कृग्निम ग्ननमाणर् 3 Dr. AJIT PATIL 12. रसरत्नसमुच्चय – अध्याय – ३० खंड – ०२ i. 1st Part = १-११ - रसशास्त्र ii. 2nd Part = १२-३० – ग्ननदान + ग्नचग्नकत्सा 13. रसरत्नाकर ग्रंथ में कुल ग्नकतने खंड होते है? -०५ i. रसखंड ii. रसेन्द्र खंड iii. वाग्नद खंड iv. रसायन खंड v. मन्त्र खंड 14. रसहचंतामहर् – अध्याय – स्तवक एकूण स्तवक – ११ AUDIO 2nd – 15. रसकामधेनु ग्रंथ में शकतने पाद होते है ? -०४ i. उपकरर् ii. धातुसंग्रह iii. सूतग्नक्रया iv. ग्नचग्नकत्सा 16. अष्टाङ्ग आयुवेद का वर्णन रसशास्त्र में कौनसे ग्रंथ में ग्नमलता है? -बृितयोगतरं हगर्ी एवं योगतरं हगर्ी 4 Dr. AJIT PATIL 17. योगतरं ग्नगर्ी ग्रंथ यह ग्नचग्नकत्सा प्रधान ग्रंथ है। १७ वे तरं ग – रसशास्त्र संबंग्नधत १८ वे तरं ग – भैषज्यकल्पना 18. आयुवेदप्रकाश में ग्नकतने अध्याय है? -०५ 19. रसतरं हगर्ी - IMP अध्याय / तरं ग संख्या -२४ यंि संख्या -२० Don’t confuse 20. अंजन प्रकार – र.र.स. – ०५ रसजलशनशध – ०६ (कुलत्ांजन extra) AUDIO 3rd – 21. धातु – ग्रंथ नाम धातु संख्या i. चरक ०८ सुश्रुत मनुस्मृग्नत रसहृदयतंि ii. यजुवेद, ०६ याज्ञवल्क स्मृग्नत रसार्णव iii. रसेन्द्रचुडामग्नर्, र.र.स. ०९ 5 Dr. AJIT PATIL 22. आनन्दकन्द ग्रंथ के लेखक कौन है? -मन्थानभैरव 23. पपणटी का वधणमान प्रयोग कौनसे ग्रंथ में वग्नर्णत है? -रसतरं हगर्ी 24. ग्नसद्धयोग मग्नर्माला के लेखक – कृष्णरामभट्ट 25. धातु रासायहनक संघटन – सोमल िरताल मनः हशला C.N. White As Yellow As Red As C.F. As2O3 As2S3 As2S2 E.N. - Orpiment Realgar शोधन गोदु ग्ध कुष्माण्ड जल अगस्त्यपि कारवेल्लक स्वरस ग्नतलक्षार जल आर्द्णक स्वरस चूर्ोदक 26. Arsenic – (As) Fatal dose – 180-200 mg (200 mg – Morphine & KCN) Antidote – Ferric Oxide (Trick - AFMC) Types of Poisoning – i. Acute As poisoning – symptoms similar to Cholera. ii. Chronic As poisoning have 4 stages. 6 Dr. AJIT PATIL 27. 4 stages of Chronic As poisoning – 1st stage GIT disturbance 2nd stage Common cold like symptom 3rd stage Skin related symptom 4th stage CNS disturb. Paralysis, muscle weakness 28. अयस्कृतत – प्रथम उल्लेख – चरक प्रथम वणवन – सुश्रुत महाकुष्ठ शचशकत्सा १० मेदधातुगत कुष्ठ में प्रयोग – सुश्रुत AUDIO 4th – 29. योशनअिव वणवन – सुश्रुत योशनकन्द वणवन – माधवशनदान 30. अकव कल्पना – Distillation आसव-अररष्ट – Fermentation 31. आरोग्यवतधणनी वटी – भावना द्रव्य – शनम्ब पत्र स्वरस मुख्य घटक – कुटकी - ५०% आकार – राजकोल फल समान प्रथम वणवन - नागाजुवन रोगाशधकार – कुष्ठ ज्वर व्याशध में – ५ शदन के बाद प्रयोग में 7 Dr. AJIT PATIL 32. शोढल तनघण्टु – पयावयी नाम – नामगुर्संग्रह अनुकरण – धन्वन्तरी शनघण्टु का 33. तेल मुर्च्णना – गन्धदोष शनवारणाथव घृत मुर्च्णना – आमदोष शनवारणाथव 34. तसद्धयोगसंग्रह नुसार – श्वेतपपणटी मूिकृच्छ्र सप्तामृत लोह नेिरोग कालमेघ, नवायस लोह पाण्डु 35. प्रवाल – प्राग्नर्ज र्द्व्य It is marine invertebrate Insect – Anthozon polyp 36. सुश्रुत नुसार कौनसे अशण का आकार प्रवाल / ग्नवर्द्ु म सदृश ग्नदखता है ? -रक्तज अशण (सु.ग्नन.२/१४) 37. चरकनुसार प्रवाल चूणव + तण्डु लोदक का प्रयोग कौनसे व्याशध में करते है ? IMP -कफज मूत्रकृर्च्र (च.शच.२६/५६) 38. पंचभद्रक्वाथ का रोगातधकार – -वात-तपत्तज ज्वर (िा.म.खं.२/२०) 39. पंचभद्रगर् घटक द्रव्ये – IMP i. पपणट ii. नागरमोथा 8 Dr. AJIT PATIL iii. गुडुची iv. शुण्ठी v. ग्नकरातग्नतक्त (शा.म.खंड) 40. शारं गधर – रचना – ३ खंड अध्याय - ३२ खंड प्रथम मध्यम उत्तर अध्याय ७ १२ १३ एकूर् श्लोक = २६०० काल – १३ वे शतक टीका – i. दीग्नपका आढमल्ल ii. गुढाथणदीग्नपका काशीराम iii. आयुवेद दीग्नपका रुर्द्भट्ट चक्रपाहर् (चरक) 41. ग्रंथ व काल – ग्रंथ काल i. अष्टाङ्ग संग्रह (वृद्ध वाग्भट) ६ ii. अष्टाङ्ग हृदय (लघुवाग्भट) ७ iii. रसहृदयतंि (प्रथम ग्रंथ) १० iv. रसार्णव, गोरक्षसंग्नहता १२ v. रसेन्द्रचुडामग्नर् १२ vi. र.र.स., रसरत्नाकर १३ vii. रसग्नचंतामग्नर् १५ 9 Dr. AJIT PATIL viii. रसेन्द्रग्नचंतामग्नर्, रसकौमुदी १६ ix. आयुवेदप्रकाश, बृहतयोगतरं १७ x. भैषज्यरत्नावली, बृहतरसराज १९ xi. रसतरं ग्नगर्ी २० xii. ग्नसद्धयोगसंग्रह, रसायनसार २० 10 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series - २ AUDIO 1st – 1. कौनसे संस्कार से पारद में ’व्याहधनाशन’ यह गुर् आता है? -मूर्च्णना संस्कार 2. अमृतीकरर् श्लोक – लोहादीनां मृतानां वैग्नशष्ट्ये दोष अनुपत्यये ग्नक्रयते यस्तु संस्कार। 3. ताम्रभस्म हनमाणर्ाथण हवहध – i. पंचामृत (गोदु ग्ध, गोदग्नध, गोघृत, शकणरा, मधु) ii. १/२ भाग गंधक iii. ३ गजपुट i. सुरर्कंद ii. १/२ भाग गंधक + ग्ननम्बु स्वरस iii. गजपुट 4. हमत्रपंचक घटकद्रव्ये – ५ र.र.स. – घृत, मधु, गुड, गुञ्जा, टं कर् र.त. - घृत, मधु, गुड, गुञ्जा, टं कर्, गुग्गुळ AUDIO 2nd – 5. द्रावक गर् घटक द्रव्ये – घृत + मधु + गुड + गुग्गुळ + गुंजा + टं कर् 11 Dr. AJIT PATIL 6. मधुरत्रय घटकद्रव्ये – र.र.स. / र.त. – घृत, मधु, गुड राजहनघण्टु – घृत, मधु, शकणरा 7. चरकानुसार ’स्नुहीक्षीर’ का संग्रह कब करें ? -हशहशरान्ते वृक्ष वय = २-३ साल 8. र.त.नुसार ’स्नुहीक्षीर’ का शोधन ग्नकसनें करते है? -हचंचापत्र स्वरस 9. सुश्रुतनुसार अलकण ग्नवषबाधा शोधनाथण ग्नकसका प्रयोग करें ? -अकणक्षीर (सु.कल्प) 10. अनुक्त क्षार होने पर यवक्षार का प्रयोग करें । 11. टं कर् – English name – Borax Chemical name – Sodium pyroborate Chemical formula – Na2B4O7 10H2O पयाणय – लोहशोधन श्वेतक्षार सौभाग्य मुढगभणप्रवतणक क्षारराज आतणवजनन / स्त्रीपुष्पजनन सुवर्णशोधन 12 Dr. AJIT PATIL AUDIO 3rd – 12. सुवणव का शविेष िोधन शकसमें करते है ? -पंचमृतत्तका घटकद्रव्ये - Trick ग शभव णी व सा 13. चरक नुसार पंचगव्य घृत और महापंचगव्यघृत का रोगाशधकार क्या है ? -अपस्मार (च.शच.१०) महापंचगव्य घृत – चातुथणक ज्वर 14. सस्यक (तुत्थ) िोधनाथव – रक्तवगण द्रव्य 15. चंदन – चूणव, स्नेह, आसव, अवलेह शनमावणाथव – श्वेत चंदन कषाय, लेप शनमावणाथव – रक्त चंदन 16. सुश्रुतनुसार चंदनाग्नद तैल / त्रयोदशांग तैल का रोगाग्नधकार क्या है? -व्रर्रोपर् (सु.ग्नच.२) 17. चरकानुसार – चंदनाग्नद तैल दाहजन्य ज्वर (च.ग्नच.३) चंदनाग्नद घृत ग्नपत्तज ग्रहर्ी (च.ग्नच.१५) 18. सुश्रुतनुसार – दु गणन्धित पूयसंकांश मज्जातुल्य आर्त्णस्त्राव होने पर ग्नचग्नकत्सा – -भर्द्ग्नश्रय (श्वेतचंदन) + चंदन (रक्तचंदन) (सु.शा.२/१५) 19. करवीर – English name – Oleander Fatal dose – 15-20 gm It is cardiac poison 13 Dr. AJIT PATIL 20. करवीर तैल – शकक्किस शचशकत्सा (सु.िा.) लोमिातनाथव (िा.म.खं.) 21. पीत करवीर और कृष्ण करवीर का अलग से वणवन शकसने शकया है ? -राजतनघण्टु 22. चरकनुसार – दाडीमाशद घृत – पाण्डु शचशकत्सा 23. केिर + नवनीत + िकवरा रक्तािव शचशकत्सा नवनीत + कृष्ण शतलतैल 24. तगर – तगराग्नद लेप – वातकफज वातरक्त (च.ग्नच.) तगर का प्रग्नतग्ननग्नध र्द्व्य – कुष्ठ (भा.प्र) 25. गुञ्जा – English name – Indian liquorice Latin name – Abrus precatorius Chemical content – Abrin, Glycyrrhizin, N-methyl tryptophan Fatal dose – 1-2 crushed seeds Fatal period – 3-5 days Antidote – Anti-abrin or HCL + Pepsin 26. It is also known as V. viper i.e. vegetable viper because it shows viper snake poisoning symptoms. 14 Dr. AJIT PATIL 27. चरकनुसार ’काकक्कन्तका’ सदृि मलप्रवृशि कौनसे अशतसार में दे खी जाती है ? -शोकज अततसार (च.शच.१९) 28. कुटज – प्रकार – ०२ i. पुरुष ii. स्त्री योग संख्या – १८ पयाणय – वत्सक, शक्र, वृक्षक, ग्नगररमन्धल्लका बीज – इन्द्रयव, कग्नलंगक २०२१ 29. चरकनुसार – बृहतफल श्वेतपुष्प ग्नस्नग्धपि – पुरुष कुटज श्याम अरुर्पुष्प फलानुवृत्त – स्त्री कुटज 30. रोगघ्नता – -सुकुमार, रक्तग्नपत्त, कफज ग्नवकार, हृदयरोग, ज्वर, ग्नवसपण, वातरक्त 31. कुटजाहद रसहक्रया का रोगाहधकार – -अशण (च.ग्नच.१४) कुटज मािा = १०० पल AUDIO 7th – 32. चरकनुसार – हररद्रा + दारुहररद्रा – लेखनीय महाकषाय (च.सू.४) 33. पलाश – Latin name – Butea monosperma 15 Dr. AJIT PATIL पयावय - शकंिुक, रक्तपुष्पक, क्षारश्रेष्ठ, ब्रह्मवृक्ष, समशिर शनयावस – Bengal Kino or Butea gum Chemical content – Kinotannic acid 34. चरक – शकंिुक क्वाथ स्राव – वातज प्रदर (च.शच.३०) -शपिज व्रण (सु.शच.१/७) 35. काश्यप – गशभवणी में शकंिुक स्राव – कन्याप्राक्कि तंत्रीवणव स्राव – पुत्रप्राक्कि 36. चरक – पलािपत्र का संग्रह – वषाव वसन्त (च.क.१) 37. हररद्रा प्रकार – नेत्र-कणव-आस्यरोगनािनाथथव – दारुहररद्रा 38. शपिहृत मधुरशतक्ता सवणकण्डु तवनातशनी -कपूवर हररद्रा / आम्रगक्कन्धहररद्रा िीतवीयव होने से वातप्रकोप 39. Latin name – i. Curcuma amada आम्रगन्धि / कपूणर ii. Curcuma aromatica वनहररर्द्ा iii. Curcuma longa हररर्द्ा 16 Dr. AJIT PATIL 40. Family – Curcuma aromatica Curcuma amada Zinziberaceae Curcuma longa 41. दारुहररद्रा – Latin name – Berberis aristate English name – Indian berberry Family – Berberidaceae पयाणय – -पचंपचा (२०२०) -कटं कटे री, कालीयक, कालेयक, पीतद्रु , पीतक, पजवन्या, पजवनी 42. हररद्रा पयाणय – योशषतशप्रया, हट्टतवलातसनी (२०२२), शनिा, कांचनी, कृशमघ्नी, वरवशणवनी 43. वरातटका – पयावय – कपदव क, कपशदव का, बालक्रीडानक English name – Cowrise Chemical formula – CaCO3 44. वरातटका प्रकार – ०३ IMP (१ शनष्क = ४ माष) १ १/२ ग्ननष्क १ ग्ननष्क ३/४ ग्ननष्क श्रेष्ठ मध्यम कग्ननष्ठ 45. कपहदण का भस्म रोगघ्नता – अम्लग्नपत्तनाशक, कर्णस्रावनाशक, पररर्ामशूलनाशक 17 Dr. AJIT PATIL 46. शंखभस्म – Chemical formula – CaCO3 ग्नवशेषतः युवानग्नपग्नटकानाशक IMP नेत्रपुष्पिर रोगघ्नता – ग्रहर्ी, अम्लग्नपत्त, पररर्ामशूलनाशक 47. शंख प्रकार – ०२ i. वाम आवतण – औषध ग्ननमाण र्ाथण ii. दग्नक्षर् आवतण – दु लणभ, शुभ, सौभाग्यशाली, श्रेष्ठ 48. कासीस वर्ण – हररत कासीस भस्म वर्ण – रक्तवर्ण English name – Green Vitriol 49. कदली घृत रोगाहधकार – सोमरोग (शा.) सोमरोग का उपद्रव – मूत्राहतसार 50. गौरीपाषार् – पयाणय – फेनाश्म, सोमल Chemical formula – As2O3 प्रथम वर्णन – सुश्रुत कल्प (धातुग्नवष) शोधनाथण – कारवेल्लक स्वरस / गोदु ग्ध 51. तत्रफला - IMP २०२० भा.प्र. हररतकी ग्नबभीतकी आमलकी भार २ कषण १ कषण १/२ कषण 52. सुश्रुतनुसार मुष्ककाहद गर् में ग्निफला का समावेश ग्नकया है। 53. चरकनुसार ज्वरिर और हवरे चनोपग महाकषाय में समावेश ग्नकया है। 18 Dr. AJIT PATIL AUDIO 5th – 54. माहक्षक – English name – Pyrite Types of pyrite – 02 i. Chalcopyrite or copper pyrite (सुवणवमाशक्षक) ii. Iron pyrite (रजतमाशक्षक) 55. Chemical formula – सुवणवमाशक्षक - Cu2S Fe2S3 रजतमाशक्षक - Fe2S3 56. शोधन – माग्नक्षक एरण्ड तैल, कदलीकन्द स्वरस, ग्निफला स्वरस, मातुलुंग स्वरस रजत् ज्योग्नतष्मती स्वरस 57. हनश्चंद्र परीक्षा – हवशेषतः – अभ्रक IMP (२०२०) इतर धातु – सुवर्ण, रजत, माग्नक्षक 58. रसरत्नसमुच्चयनुसार चन्धन्द्रकायुक्त अभ्रक भस्म सेवन करने पर कौनसे व्याग्नध होते है? IMP -प्रमेह मंदाग्नि 59. हपष्टी कल्प – नवनीत हपष्टी पारद : गंधक १२ भाग : १ भाग (१८ ग्रॅ.) : (१ १/२ ग्रॅ.) 19 Dr. AJIT PATIL रसहपष्टी पारद : गंधक १ : १ पातनहपष्टी पारद : सुवर्ण : गंधक १ : १/४ : १ 60. चंद्राकण – IMP रजत : ताम्र १६ भाग : १२ भाग ४ : ३ (र.र.स) र.र.स. – बीज – िुद्ध सुवणव / रजत 61. र.र.स.नुसार – ’मुख’ का अथव – पारद में उसके १/६४ भाग बीज (िुद्ध सुवणव / रजत) धातु का प्रक्षेप शमलाना। २०२१ -र.र.स.८/७७ 62. र.र.स.नुसार – चारर्ा का अथव – ’रसस्य जठरे ग्रास क्षपर्ं।’ -र.र.स.८/८० पारद में धातु का प्रक्षेप डालना। 20 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series – ३ AUDIO 1st – 1. रसतरं हगर्ी – यंि संख्या – २० अध्याय / तरं ग – २४ लेखक – सदानंद शमाण 2. चक्रपाग्नर् – ११ वे शतक डल्हर् – १२ वे शतक अरुर्दत्त, इन्दु , हेमार्द्ी, शारं गधर – १३ वे शतक 3. रसरत्नसमुच्चय – लेखक – रसवाग्भट काल – १३ वे शतक 4. रचना – कुल अध्याय – ३० कुल अध्याय - ३० पूवाण धण १-११ उत्तराधण १२-३० (रसशास्त्र) (व्याग्नध) 21 Dr. AJIT PATIL 5. ग्रंथ एवं ग्रंथकार – IMP ग्रंथ नाम लेखक 1) आनन्दकन्द मन्थानभैरव 2) आयुवेदप्रकाश २०२२ माधव उपाध्याय 3) पारद संग्नहता ग्ननरं जन गुप्त 6. नवसागर – साधारर् वगण में समावेश ’करीर और पीलु वृक्ष’ के काष्ठ से ग्ननमाणर् मनुष्य, उं ट मूि और ईट चूर्ण से ग्ननग्नमणत वृग्निकग्नवषनाशक। भुक्तमांसपाचक। IMP प्रमुख कल्प – i. श्वेतपपणटी ii. वृग्निकदं शहर लेप 7. श्वेतपपणटी – संदभण – ग्नसद्धयोगसंग्रह – यादवजी हत्रकमजी रोगाग्नधकार – मूत्रकृर्च्र 8. चरकनुसार वृग्निक ग्नवष दं श होने से कौनसे दोष का प्रकोप होता है? IMP -वातप्रकोप (च.ग्नच.२३) 9. Scorpion toxin – Haematotoxic + Neurotoxic 22 Dr. AJIT PATIL 10. Snake and Systems – Snake name Affected system i. Cobra & Krait (Elapids) Neurotoxic ii. Viper Vasculotoxic iii. Sea snake Myotoxic 11. डमरु यंत्र – पारद भस्म शहंगुल से पारद शनमावणाथव रसबंधनाथव 12. तहङ् गुल – (HgS) English name – Cinnabar साधारण वगव में समावेि Chemical name – Red sulphide of mercury 13. Red Sulphide of Hg – शहङथ गुल Black sulphide of Hg – कज्जली 14. शहङथ गुल में पारद : गंधक ६ : १ 15. सुश्रुतनुसार जलौका घट पात्र – ७० बाद बदलें। जलौका पानी – ३० बाद बदलें। 16. चरकनुसार मान पररभाषा – (च.क.१२) ४ प्रस्थ १ आढक १ प्रस्थ ४ अञ्जली / ४ कुडव 23 Dr. AJIT PATIL ४ पल १ अञ्जली AUDIO 2nd – 17. प्रमार् – १ हस्त = ४५.७२ cm १ अङथ गुल = १.९५ cm As per modern १ पल = ४८ g 18. र.र.स. नुसार ’मदव ने अशतसुखप्रद’ – वतुणल खल्व 19. मण्डु र / लोह के प्रकार – ०३ i. मुण्ड ii. तीक्ष्र् iii. कान्त 20. नाग, वंग और यशद धातु के शोधनाथण कौनसे यंि का प्रयोग करते है? IMP -हपठर यंत्र 21. वंग के प्रकार – ०२ i. खुरक ii. ग्नमश्रक नाग के प्रकार – ०२ i. कुमार ii. समल 24 Dr. AJIT PATIL 22. अभ्रक – English name - Mica प्रकार – मुख्य – ०४ कुल – १६ i. ग्नपनाक ii. नाग उपप्रकार – ०४ iii. मण्डु क iv. वज्र 23. अभ्रक प्रकार – IMP अभ्रक प्रकार हनहमणत उपद्रव i. मण्डु क अश्मरी ii. नाग कुष्ठ (मण्डल) iii. ग्नपनाक मलबद्धता श्रेष्ठ (औषधी के ग्नलए) – वज्र अभ्रक 24. कज्जली – HgS – Black sulphide of Hg ग्नगरीग्नसन्दु र – HgO – Red oxide of Hg AUDIO 3rd – 25. तपष्टी – i. रसहपष्टी पारद : गंधक १ : १ ii. नवनीत हपष्टी पारद : गंधक १२ : १ iii. पातन हपष्टी पारद : सुवर्ण : गंधक १ : १/४ : १ 25 Dr. AJIT PATIL 26. ’शारं गधर’ नुसार महापुट में वन्योपल की संख्या – IMP -३० 27. आचायण कुलकर्ी नुसार – वन्योपल संख्या वराहपुट में – १५० कुक्कुटपुट में – १० (र.र.स. – १००) 28. चंद्रपुट और सूयणपुट – प्रवालग्नपष्टी ग्ननमाण र्ाथण (२१० + गुलाबजल) रक्तग्नपत्त व्याग्नध में 26 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series – ४ AUDIO 1st – 1. चरकनुसार – च.सू.४ IMP i. मृग्नत्तका च्छ्दीग्ननग्रहर् महाकषाय ii. मृत्कपाल शोग्नर्तस्थापन महाकषाय iii. भृष्टमृग्नत्तका पुरीषग्नवरजनीय महाकषाय 2. चरकनुसार मृग्नत्तकाभक्षर्जन्य पाण्डु में कौनसे घृत का प्रयोग करते है? -च.ग्नच.१६ व्योषाग्नद घृत केशराग्नद घृत वाग्भटनुसार – पाठाहद घृत 3. Pica – Due to eating non-edible sub. Cause – Fe deficiency Effect – Lead poisoning 4. Adolf Just – शनसगोपचार में शमट्टी का प्रथम बार प्रयोग शकया। Book – Return to nature 5. ’गोस्तनी’ यह शकस द्रव्य का पयावय है ? -द्राक्षा (भा.प्र.) 27 Dr. AJIT PATIL आकार अवयव i. गोस्तनाकार नेि (सु.उ.) ii. रोग्नहत मत्स्याकृग्नत गभाणशय iii. पुण्डरीकेन् सदृश्य हृदय iv. कुन्धम्भका फल समान हृदय (भेल) v. अलाबु सदृश बन्धस्त (सु.ग्नन.) vi. शंखसमान तीन आवृत्त गुद और योग्नन 6. खपणर / रसक – महारस वगाणमध्ये समावेश English name – Calamine सर्त्पातन से Zn ग्नमलता है । प्रकार – ०२ i. ददुण र – सर्त्पातनाथण ii. कारवेल्लक – औषधी ग्ननमाण र्ाथण पयाणय – ताम्ररं जक, नेिरोगारर 7. Dhatura – It is deliriant group of poison. 2020 Fatal dose – 100-125 seeds IMP Antidote – pilocarpine, prostigmine, physostigmine Test – Mydriatic test Hallucination – both auditory + visual Also in hanging Chemical name – road side poisoning or Stupefying poison 28 Dr. AJIT PATIL 8. मूषा – i. ग्नितय सम्पुटात् मल्लमूषा ii. हशखायुक्त हपधान IMP गोस्तनी मूषा iii. सर्त्र्द्वरोग्नधनी ग्नववक्त्र / गोल मूषा AUDIO 2nd – 9. ’तले या कुपणर आकार क्रमाद् उपरर ग्नवस्तृत’ यह कौनसे मूषा के बारे में कहा है? IMP -मिामूषा 10. सुश्रुतनुसार शििुग्रह बाधा में शििु का शकस प्राशण के तरह गंध आता है ? -मत्कुन, मत्स्य, छु छुं दर समान गंध (सु.िा.१०/५१) 11. ’सुतो जायते गुणविर’ – योग मूषा 12. सस्यक का िोधन – रक्तवगव English name – Blue Vitriol AUDIO 3rd – 13. ’मृष्टलोह शवनाशिनी’ – गारकोष्ठी (र.र.स.) 14. सत्वपातनाथावय पाशततानां शविुक्कद्ध – कोष्ठी यंत्र 29 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series – ५ AUDIO 1st – 1. ’अमृत’ यह ग्नकस ग्नवष का पयाणय है? -वत्सनाभ 2. र.र.स. नुसार क्षेिभेद से पारद के ग्नकतने प्रकार है? ०५ i. रस ii. रसेन्द्र iii. सूत iv. पारद v. ग्नमश्रक 3. ’सौभाग्य’ यह ग्नकस र्द्व्य का पयाणय है? -टं कर् 4. र.र.स. नुसार - IMP i. गौरीतेज अभ्रक ii. गौरीपुष्प गंधक iii. गौरीबीज अभ्रक + गंधक 5. ’रक्तवर्ण सवणदोषग्नवमुक्त रसायन’ – रस ’श्याव, रुक्ष, अग्नतचंचल दोषग्ननमुणक्त रसायन – रसेन्द्र ईषत् पीत – सूतक 30 Dr. AJIT PATIL 6. श्वेत रोगिर – पारद मयुरचंहद्रका छाय – हमश्रक IMP अष्टादश संस्कार के बाद ग्नसन्धद्धदायक – हमश्रक अष्टादश संस्कार के बाद दे ह एवं लोहग्नसन्धद्ध – सूतक IMP 7. त्रयसूत – सूतक + पारद + शमश्रक 8. भै.र.नुसार कौनसे व्याशध में पारद की बक्कस्त शचशकत्साथव दे ते है ? IMP -बद्धगुदोदर / रुद्धआं त्र AUDIO 2nd – 9. तहङ् गुल – साधारर् रस में समावेि पारद : गंधक ८६.२ % : १३.८ % 10. कृतत्रम तहङ् गुल – IMP पारद : गंधक ६ : १ 11. Red sulphide of Hg – शहङथ गुल Black sulphide of Hg – कज्जली 12. Red oxide of Hg - शगरीशसंदुर Red oxide of Lead - नागतसंदुर – Pb3O3 IMP 31 Dr. AJIT PATIL 13. तहङ् गुल पयाणय – कशपिीषवक, िुकतुण्ड, हंसपाद, दरद, लोहघ्न, चूणवपारद प्रकार 14. जपा – IMP जपा + आरनाल ३ ग्नदन – गभणहनरोधक कल्प (यो.र.योग्ननव्यापद) केश्य English name – Shoe flower चरकनुसार जपाकुसुम सदृश – सुवर्ण हशलाहजत 15. यकृत को कालखंड ग्नकसने कहा है? -डल्हर् 16. Liver – largest exocrine gland Pancreas – both exo + endocrine gland Mixed 17. Weight of liver – 1600 g in male 1300 g in female 18. Lobes of liver – 02 Right Left 19. Blood supply – Dual Hepatic artery – 20 % Portal vein – 80 % 32 Dr. AJIT PATIL 20. Portal vein is forms by two vein – i. Splenic vein ii. Sup. Mesenteric vein 21. Length of portal vein – 8 cm IMP Normal portal pressure – 5-10 mm of Hg 22. प्रवाल – Chemical formula – CaCO3 English name – Coral काशिण्य – ३.५ (वज्र - १०) 23. प्रवाल – It is marine invertebrate. प्राशणज द्रव्य Anthozoan polyp insect. 24. सुश्रुत नुसार प्रवाल / शवद्रु म सदृि अिव – रक्तज अशण 25. चरक नुसार कौनसे व्याशध में शचशकत्साथव प्रवाल चूर्ण और तण्डु लोदक का प्रयोग करते है ? -कफज मूत्रकृर्च्र (च.शच.२६/५६) IMP 26. Horrocks Apparatus – -for estimation of chlorine demand 27. Orthotolidine arsenite test – -for free chlorine & combined Cl separately in H2O. 33 Dr. AJIT PATIL AUDIO 3rd – 28. मूर्च्ाण प्रकार – चरक – ०४ सुश्रुत – ०६ 29. चरक नुसार ’मोह’ यह शकस व्याशध का मुख्य उपद्रव है ? -वातरक्त (च.शच.) 30. चरक नुसार अंधत्वनािक बक्कस्त शनमावणाथव शकसका प्रयोग करते है ? IMP -छाग मांस (च.शस.) 31. अंधत्व – सु.िा.९ अपांग और आवतव ममव का आघात लक्षण अन्नवह स्रोतस शवद्ध लक्षण 32. National blindness control programme – -1976 33. Vision 2020 programme – -1999 34. ’स्वरोपघात’ – वातज प्रशतश्याय (सु.उ.) ’उरोघात’ – रक्तज प्रशतश्याय 35. बातधयण – शबल्व तैल (सु.उ.) शवधुर ममव का आघात लक्षण (सु.िा.६) तृष्णा वेगावरोध लक्षण (च.सू.) 34 Dr. AJIT PATIL 36. यो.र. नुसार कौनसे व्याशध में अपामागव क्षारतैल का प्रयोग करते है ? IMP -कर्णनाद और बातधयण 37. तवसपण प्रकार – चरक वाग्भट सुश्रुत शारं गधर ७ ७ ५ ९ 38. सुश्रुतनुसार – कुलत्थ सदृश स्फोट – क्षतज ग्नवसपण (सु.ग्नन.१०) स्रोतोज कदण म ग्ननभ र्त्चा – ग्नपत्तज ग्नवसपण ग्निदोषज एवं क्षतज ग्नवसपण – असाध्य 39. मसूररका व्याग्नध की ग्नचग्नकत्सा कफहपत्तज हवसपण समान करें । IMP 40. ग्रंथ एवं लेखक – ग्रंथ लेखक i. आनंदकंद मन्थानभैरव ii. रसमंग्नजरी शालीनाथ AUDIO 4th – 41. क्षारत्रय – सज्जीक्षार, यवक्षार, टं कण 42. भा.प्र.नुसार कोष्ठिुक्कद्धकर परमथ – आरग्वध 43. Dhatura – (2020) Deliriant Poison – प्रलापक शवष Fatal dose – 100-125 seeds 35 Dr. AJIT PATIL 44. आयुवेद प्रकाि – माधव उपाध्याय (२०२२) रसाणवव – भैरवानंद योगी AUDIO 5th – 45. सववदोषशवनािक मूर्च्वना संस्कार नष्टशपष्टकारक अधः पातन एवं उर्ध्णपातन संस्का – दीपक यंत्र (र.र.स.) AUDIO 6th – 46. ग्रंथ एवं ग्रंथकार – IMP i. चक्रदत्त / ग्नचग्नकत्सासंग्रह चक्रपाग्नर् ii. ग्नचग्नकत्सासंग्रह वंगसेन संग्नहता iii. ग्नसद्धयोगसंग्रह यादवजी ग्निकमजी 47. काल – i. चक्रपाग्नर् ११ शती ii. डल्हर् १२ शती iii. अरुर्दत्त, इन्दु , हेमार्द्ी १३ शती 48. मूषा का उपादान र्द्व्य क्या है? -मृग्नत्तका और लोह 49. अरुर् वर्ण, कठीर् रुक्ष श्लक्ष्र् – खरपपणटी 50. यो.र.नुसार ताम्रपपणटी सेवनकाल – ३ सप्ताि 36 Dr. AJIT PATIL 51. र.र.स.नुसार – ताम्र पपणटी मािा – १ माष बाकुची चूर्ण मािा – १ ग्ननष्क रोगाग्नधकार – गजचमण कुष्ठ AUDIO 7th – 52. कौनसे धातु के पयावय आकाि के समान है ? -अभ्रक 53. बोल पपवटी में बोल द्रव्य Mirrh English name – Commifora mirrh कृष्णबोल शनयावस - कुमारी 54. श्वेतपपवटी पयाव य – क्षारपपवटी रोगाशधकार – मूत्रकृर्च्र 55. र.त. नुसार छोटे बच्ों में अगर अशतसार शफरं ग व्याशध हुई है , तो मुग्धरस मात्रा - IMP -१/४ रत्ती 56. सववगदापह – खोट बंध योगोक्त फलदायक – कल्क बंध 57. ’बालानाम् अततशस्यते।’ – मण्डु र – रसामृत IMP ’बालानाम् प्रशस्यते।’ – नवनीत – सु.सू.४५/९२ 37 Dr. AJIT PATIL AUDIO 8th – 58. तनजीव बंध – अभ्रक और गंधक जारणाथव IMP हनशेष रोगान् िन्तन्त। 59. बालक बंध – व्याग्नध उपर्द्व व अररष्ट लक्षर् को कम करता है । 60. मूहतण बंध – न अहि हक्षयते रस। 38 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series – 6 AUDIO 1st – 1. पारद सेवन करते समय कौनसा गण वर्ज्ण है ? -ककाराष्टक गर् 2. ग्रंथ एवं लेखक – ग्रंथ लेखक i. रसप्रकाशसुधाकर यशोधर भट्ट ii. रसहृदयतंि ग्नभक्षु गोग्नवंद पादाचायण / भगवत गोग्नवंद पादाचायण 3. ग्नगरीग्नसंदुर – HgO Montradite – HgO - पारद का खग्ननज नागहसंदुर – Red oxide of Lead – Pb3O3 IMP 4. तहङ् गुल – कृतत्रम तहङ् गुल – पारद : गंधक IMP ६ : १ नैसतगणक तहङ् गुल – ८६.२% : १३.८% 5. मकरध्वज भावना द्रव्य – i. रक्तकापाणस ii. अंकोट मुल स्वरस iii. घृतकुमारी स्वरस -रसतरं हगर्ी 39 Dr. AJIT PATIL 6. घृतकुमारी स्वरस न्यग्रोध शंग / वटांकुर स्वरस - रसामृत (या.ग्नि.) 7. मकरध्वज कल्प – पयाणयी नाम – चंर्द्ोदय रस / स्वर्णग्नसंदुर 8. र.त. नुसार ग्नसद्धमकरर्ध्ज कल्प में सुवर्ण का प्रमार् ग्नकतना है? IMP -सुवर्ण – ४ भाग भै.र.नुसार – १ भाग 9. रसपुष्प के घटक – शुद्ध पारद : सैिव : कासीस १ : १ : १ 10. ग्नहक्का व्याग्नध नाशनाथण रसपुष्प की मािा – -१/८ रत्ती 11. र.त.नुसार – रसपुष्पाग्नद मलहर में रसपुष्प : ग्नसक्थ तैल ४ गुञ्जा : १ तोला 12. हसक्थ तैल घटक – र.त. IMP मधुन्धच्छ्ष्ट / मोम : तील तैल १ : ६ Remember 40 Dr. AJIT PATIL AUDIO 2nd – 13. रसपुष्प – Calomel or Sub-chloride of mercury & रसकपूणर – per -chloride of mercury 14. गौरीपाषार् – English name – White arsenic Chemical formula – As2O3 – Arsenic oxide पयाणयी नाम – संन्धखया शंखग्नवष 15. वत्सनाभ – औषधी मािा – १/१६ – १/८ रत्ती Fatal dose of Aconite – 1 g 16. ग्रंथ एवं लेखक – ग्रंथ लेखक i. आयुवेद प्रकाश २०२० माधव उपाध्याय ii. रसेन्द्र चुडामग्नर् सोमदे व iii. रसप्रकाशसुधाकर यशोधर भट्ट 17. कृग्निम ग्नहङ् गुल ग्ननमाणर्ाथण कौनसे यंि का प्रयोग करते है? -डमरु यंत्र 18. कन्धम्पल्लक – साधारर् रस Don’t confuse कंकुष्ठ – उपरस 41 Dr. AJIT PATIL 19. स्वर्णवंग – घटकद्रव्ये – पारद गंधक वंग सैिव नवसागर 20. कूपी में – ’तलस्थ’ ग्ननमाणर् स्वर्णवंग – पारद : वंग IMP १ : १ (२०२१) २ : १ 21. भावना र्द्व्य – ग्ननम्बु स्वरस 22. सूतशेखर में वत्सनाभ और टं कर् दोनों का समावेश होता है। 23. तुलसी – सुरसा ; धत्तुर – िेम / कनक 24. समीरपन्नग – तलस्थ 25. ग्निभुवनकीती रस – ज्वर अनुपान – आर्द्णक स्वरस 42 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series – ७ AUDIO 1st – 1. पयाणय नाम – i. गौरीतेज अभ्रक ii. गौरीपुष्प गंधक iii. गौरीबीज अभ्रक + गंधक iv. शीवबीज पारद 2. ग्रंथ एवं लेखक – ग्रंथ लेखक i. कौग्नटल्य अथणशास्त्र चार्क्य ii. न्यायदशणन गौतम iii. अमरकोष अमरग्नसंह 3. र.र.स. एवं रसेन्द्रसारसंग्रि नुसार – IMP शुद्ध अभ्रक : शालीधान्य र.र.स.नुसार १ : १ रसेन्द्रसारसंग्रह नुसार १ : १/४ AUDIO 2nd – 4. पयाणय नाम – IMP सूतेन्द्रवायणप्रद गंधक सूतेन्द्रबन्ति अभ्रक सूतबिनकारका रत्न 43 Dr. AJIT PATIL 5. रसजलग्ननग्नध – भूदेव मुखजी 6. पंचामृत पपणटी के घटक – i. अभ्रक ii. ताम्र iii. लोह Trick – अ ता लो कं प iv. गंधक v. पारद 7. नृपहतवल्लभ रस का रोगाहधकार – -ग्रिर्ी 8. पारद संस्कार संख्या – १८ AUDIO 3rd – 9. वैक्रान्त – उपरत्न, महारस Chemical formula – K2O Al2O3 6SiO2 तहरे / वज्र के अभाव में उपयोगी िोधनाथव एवं मारणाथव – अश्वमूत्र का प्रयोग 10. आयुवेद प्रकाि – माधव उपाध्याय IMP २०२१ AUDIO 4th – 11. रजत / रौप्य िोधनाथव – -र्ज्ोततष्मती तैल 44 Dr. AJIT PATIL 12. माशक्षक मारणाथव – -५ वराह / क्रोड पुट 13. माधवशनदान नुसार ’लकुच फलाकृशत िोथ’ यह वणवन शकसके शलए आया है ? IMP -योतनकंद 45 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series – ८ AUDIO 1st – 1. ग्नहमवत पादग्नशखरे – कंकुष्ठ 2. ग्ननधूणम परीक्षा – हरताल, ग्नशलाग्नजत 3. योगराज रसायन और सुवर्णमाग्नक्षक का सेवन करते समय कौनसे र्द्व्य का वज्यण करें ? -कुलत्थ, काकमाची और कपोत 4. कल्प एवं रोगाहधकार – कल्प रोगाहधकार i. चंर्द्प्रभा वटी प्रमेह ii. आरोग्यवग्नधणनी वटी कुष्ठ AUDIO 2nd – 5. सस्यक – English name – Blue vitriol 6. मयुरकण्ठसदृि मरकत प्रभमथ – वैक्रान्त मयुरचक्किकाछायं – शमश्रक पारद 7. कौनसे द्रव्य की िुक्कद्ध शशक रक्त में की जाती है ? -लोह 46 Dr. AJIT PATIL AUDIO 3rd – 8. शोधन – i. अभ्रक गोदु ग्ध ii. ग्नवमल वासा स्वरस iii. वैक्रान्त कुलत्थ क्वाथ iv. माग्नक्षक एरण्ड तैल 9. बृहतरसराजसुंदर ग्रंथ नुसार कौनसे र्द्व्य का मारर् ’ताम्र’ समान करे ? -चपल 10. र.त.नुसार – ग्नवष ०९ उपग्नवष ११ वत्सनाभ रसायनाथण उपयोग 11. दे हलोहकरमत – चपल ’दे हलोहकरपरम्’ – रसक 47 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series – ९ AUDIO 1st – 1. सुश्रुतनुसार वरुर्ाहद गर् की फलश्रुती – ग्नशरशूल – गुल्म – अभ्यन्तर ग्नवर्द्धी नाशक -सु.सू.३८ 2. वरुर् – English name – Three leaved caper 3. कारवेल्लक – English name – Bitter gourd Latin name – Momordia charantia 4. हशग्रु – English name – Drumstick plant or Horse Radish tree Chemical content – Pterygospermin (Antibacterial in action) प्रकार – ०२ i. श्वेत ii. रक्त नील ग्नशग्रु वर्णन – राजग्ननघण्टु 48 Dr. AJIT PATIL 5. चमणदल – i. संदभण – काश्यप ने अलग से अध्याय वर्णन ग्नकया है। ii. प्रकार – ०४ V P K T iii. पयाणयी नाम – वातात्मक (वातप्रधान) iv. ’दग्धगुडप्रकाश त्वक्’ – हत्रदोषज चमणदल लक्षर् (२०२१) IMP 6. तशंशपा – IMP सुश्रुतनुसार – शिंिपा कषाय और ’अशिमंथ कषाय’ का प्रयोग वसामेह शचशकत्साथव शकया जाता है । (सु.शच.११) 7. चरकनुसार अकणक्षीर का प्रयोग – -वमन + तवरे चनाथण (च.सूत्र.१) 8. मदात्यय – सुश्रुत नुसार – ’सप्तगद संज्ञा’ प्रकार – ०७ i. वातज ii. ग्नपत्तज iii. कफज iv. सग्नन्नपातज v. परमद vi. पानाजीर्ण vii. पानग्नवभ्रम (सु.उ.४७/४२) ’तेलप्रभाआस्य’ – पानात्यय असाध्य लक्षण IMP 9. सुश्रुतनुसार मधुग्नशष्ट उपग्नलप्त शाल्मली फलक पर कौनसा योग्या कमण करते है? -हवस्रावर् (सु.सू.९) 49 Dr. AJIT PATIL AUDIO 2nd – 10. र.र.स.नुसार – नवनीत हपष्टी = पारद : गंधक १२ : १ 11. रसकपूणर – मािा = १/६४ – १/३२ रत्ती ग्ननमाणर्ाथण – Sulphuric acid 12. सप्तशाली वटी – तफरं ग सप्तसमा गुटी – कुष्ठ (वा. ) 13. मयुरकण्ठसदृि मरकत प्रभमथ – वैक्रान्त बतहणकण्ठाभ – ताम्र शिलाशजत 14. पयाणय – i. गौरीतेज अभ्रक ii. गौरीपुष्प गंधक iii. गौरीबीज अभ्रक + गंधक iv. शीवबीज पारद 15. रसेन्द्रचुडामग्नर् – सोमदे व 16. शोधन – i. अभ्रक (ग्नवशेष) गोदु ग्ध ii. गोमूिगन्धि ग्नशलाग्नजत भृंगराज स्वरस iii. कपूणरगन्धि ग्नशलाग्नजत एला क्वाथ 50 Dr. AJIT PATIL AUDIO 3rd – 17. भावप्रकाि नुसार धान्यवगण की संख्या शकतनी है ? -०५ 18. गंधक रसायन का वणवन – आयुवेद प्रकाश 19. रसोन के गंध नािनाथव शकसका प्रयोग करें ? -तक्र 20. तेल मूर्च्वना – गंधदोष नािनाथव घृत मूर्च्वना – आमदोष नािनाथव 21. गंधक द्रुतत – गंधक : शत्रकटु १६ : १ 22. र.र.स.नुसार गंधक द्रु शत शनमावण करते समय वस्त्र की लंबाई शकतनी होनी चाशहये? -१ अरति (२०२० & २०२१) AUDIO 4th – 23. पुष्यानुग चूर्ण – रोगाशधकार – रक्तप्रदर अनुपान – क्षौद्र + तण्डूलधावन IMP २०२० (च.शच. or भै.र.) दो बार वणवन – पािा + अम्बष्ठा 24. सस्यक / तुत्थ - Blue vitriol कासीस - Green vitriol 51 Dr. AJIT PATIL AUDIO 5th – 25. ’सौराष्टर भवं शुभम्’ – कांस्य धातु IMP इतष्टकाचूर्ण संकाश सौराष्टरदे शे उत्पन्न – कम्पिल्लक (साधारण रस) 26. ’लेपा ताम्रं चरे दय’ – स्फशटका IMP ’मतिष्ठा रागबंतधनी’ – स्फतटका 27. रसिास्त्र में शवष और उपशवष सत्वपातनाथव कौनसे द्रव्य का प्रयोग करते है ? -चपल 52 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series – १० AUDIO 1st – 1. i. मनः ग्नशला Red arsenic As2 S2 ii. हरताल Yellow arsenic As2 S3 iii. गौरीपाषार् White arsenic As2 O3 2. तालकेश्वर रस – कुष्ठ शनत्यानंद रस – श्लीपद 3. शनधूवम परीक्षा – शिलाजीत 4. समीरपन्नग रस – i. भावना द्रव्य – तुलसीपि स्वरस ii. अनुपान – ताम्बुलपि स्वरस iii. रोगघ्नता – वातव्याग्नध (प्रमुखतः ) आमवात, उन्माद AUDIO 2nd – 5. अभ्रक प्रकार – ०४ एकूर् – १६ अश्मरी व्याग्नध – ’मण्डु क अभ्रक’ 53 Dr. AJIT PATIL 6. पयाणय नाम – i. ग्नशशुभैषज्य अग्नतग्नवषा ii. अग्नक्षभैषज्य लोध्र iii. ग्नवश्वभैषज्य शुण्ठी iv. बालभैषज्य रसांजन 7. ’आहार’ को मिाभैषज्य ग्नकसने कह ं है ? -काश्यप 8. औषध और भेषज में फरक ग्नकसने ग्नकया है? -काश्यप 9. चक्रपाहर् नुसार – द्रव्य वगीकरर् रसप्रधान वीयणप्रधान आहार औषध 10. रसजलग्ननग्नध – भूदेव मुखजी 11. i. PbS नीलांजन (Pb- 87% & S – 13% ) ii. PbO मृद्दारशंग iii. HgO रसांजन (Yellow oxide of Hg) 54 Dr. AJIT PATIL AUDIO 4th – 12. रसिास्त्र में शकसका मारर् नही ं तकया जाता है ? i. गैरीक ii. अंजन 13. कंकुष्ठ – Latin name – Garcinia morella उपरस में समावेश ’हिमवत पादहशखरे ’ IMP 14. कक्किल्लक – साधारर् रस में समावेि 55 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series – ११ AUDIO 1st – 1. ’सौराष्टरभवं शुभम्’ – कांस्य ’सौराष्टरदे श उत्पन्न – कन्तिल्लक 2. IMP i. मनः ग्नशला As2 S2 ii. हरताल As2 S3 iii. संन्धखया As2 O3 3. Fatal dose of Arsenic – 200 mg Antidote of Arsenic – -Ferric Chloride 4. गौरीपाषाण का सत्वपातन शकसके समान करते है ? -हरताल 5. चरकनुसार कौनसे व्याशध में शचशकत्साथव नवनीत और तीलचूणव का प्रयोग शकया जाता है ? -रक्ताशण (च.शच.१४) 6. रसिास्त्र में नवसागर की प्राक्कि ग्नकससे होती है? IMP -करीर काष्ठ और पीलु + ईटचूर्ण भस्म 7. मुखशोषनाशक – लताकस्तुरी 8. मुखशोषहर – लवर्रग्नहत काञ्जी (वा.सू.) 56 Dr. AJIT PATIL 9. वाग्भट नुसार छोटे बच्चों की न्धखलोने की उत्पग्नत्त कौनसे र्द्व्य से की जाती है? -लाक्षा 10. भैषज्यरत्नावली नुसार ’राजमृगांक रस’ का रोगाग्नधकार क्या है? -राजयक्ष्मा (भै.र.) 57 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series – १२ AUDIO 1st – 1. रसार्णव (१२ वे) – भैरवानंद 2. i. कंपवात नाशक यशद ii. आमवातनाशक नाग iii. धनुवाणतनाशक अग्निजार 3. रसार्णव नुसार – ’गगनं द्रवहत हक्षप्रं मुक्ताफलं समप्रभम्। -अहिजार 4. i. हिङ् गुल Red Sulphide of Hg HgS ii. कज्जली Black Sulphide of Hg HgS iii. रसांजन Yellow oxide of Hg HgO iv. हगरीहसंदुर Red oxide of Hg HgO 5. म्लेंर्च् – ताम्र का प्रकार Or शहङथ गुल का पयावय 58 Dr. AJIT PATIL 6. िुकतुण्ड और हंसपाद – शहङथ गुल के प्रकार + पयावय 7. कृतत्रम तहङ् गुल = पारद : गंधक ६ : १ 8. यो.र.नुसार – जपापुष्प + आरनाल – ३ तदन – गभवशनरोधक 9. अिुद्ध अभ्रज सेवन से कौनसा व्याशध होता है ? -प्रमेह 10. ’अंधत्व’ यह कौनसे स्रोतस का शवद्ध लक्षण है ? -अन्नवह स्रोतस (सु.िा.९) 11. रसेिचुडामशण – सोमदे व 12. भावप्रकाि नुसार गंधरोग का उल्लेख कौनसे व्याशध के शलए शकया है ? -तफरं ग 13. योगरत्नाकर नुसार ’चंद्रक व्रर्’ यह कौनसे व्याशध के शलए कहा है ? -तफरं ग 59 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series – १३ AUDIO 1st – 1. IMP i. रसांजन Yellow oxide of Hg HgO ii. तगरीतसंदुर Red oxide of Hg HgO iii. तहङ् गुल or Red Sulphide of Hg HgS रसतसंदुर iv. कज्जली Black Sulphide of Hg HgS AUDIO 2nd – 2. तपत्तल - ताम्र : यिद Brass Cu : Zn २ : १ 3. कांस्य – ताम्र : वंग Bronze / Cu : Sn White Cu / ४ : १ Bell metal 4. वतणलोह / पंचलोह / पंचरस घटकद्रव्ये – Trick - K T P L N कांस्य ताम्र ग्नपत्तल लोह नाग 60 Dr. AJIT PATIL 5. i. अथवणवेद में – मायु / शुष्म का अथण – हपत्त अभ्र का अथण – कफ ii. यजुवेद का उपवेद – स्थापत्यवेद 6. याज्ञवल्कस्मृग्नत नुसार मैथुन के ग्नकतने प्रकार है? -०८ 7. मनुस्मृग्नत नुसार हववाि के प्रकार ग्नकतने है? -०८ 8. रसार्णव नुसार अहि में धातुक्षय - IMP i. सुवर्ण ०% ii. रजत २% iii. ताम्र ५% iv. नाग-वंग ८% v. लोह १० % 9. ग्रंथ एवं ग्रंथकार – ग्रंथ लेखक i. रसार्णव भैरवानंद योगी ii. रसहृदयतंि IMP भगवत गोहवंद पादाचायण / हभक्षुगोहवंद पादाचायण iii. रसपद्धग्नत आचायण हबंदु 61 Dr. AJIT PATIL 10. शारं गधर नुसार धातु की संख्या ग्नकतनी है? -०७ - शा.म.खं. ११ more correct ०९ - शा.म.खं. १२ 11. र.र.स.नुसार, ’मुख’ की व्याख्या – IMP पारद में १/६४ (सुवर्ण) Au ग्नमग्नश्रत करना। २०२० AUDIO 3rd – 12. कौनसे धातु के पयावय सूयण से संबंशधत है ? -ताम्र पयाणय – सूयवलोह, सूयावङ्ग, रशवशप्रय, भास्कर, अकव 13. In children, disease Pica is caused due to deficiency of – -Iron / Fe 14. Lead poisoning is occurred due to pica disease. 15. आयुवेद प्रकाि नुसार ’न भवते स्वप्ने अतप शुक्रक्षय’ यह शकसकी फलश्रुती है ? IMP -वंगभस्म (आ.प्र.) 16. i. Blue vitriol – तुत्थ / सस्यक ii. Green vitriol – कासीस AUDIO 4th – 17. कौनसे धातु के पयाणय चंद्र से संबंग्नधत है? -रजत / रौप्य 62 Dr. AJIT PATIL 18. कदली घृत – IMP रोगाशधकार – सोमरोग सोमरोग का उपद्रव – मूत्राततसार 19. कासीस का िोधन – स्त्रीरज में IMP 20. पंचमृतत्तका – संदभव – आनंदकंद घटक – i. वन्धल्मकमृग्नत्तका ii. गृहधूम iii. सुवर्णगैररक iv. इग्नष्टका चूर्ण v. सैिव 21. वज्र / हिरा – Formula – ‘C’ काग्नठण्य – १० 22. शुल्बारर – गंधक पयाणय 23. र.र.स.नुसार कुक्कुटपुट में वन्योपल की संख्या – -१०० 24. चरकनुसार – वातजननानाम् – जम्बू IMP वात बढानें में श्रेष्ठ र्द्व्य (च.सू.२५/४०) 63 Dr. AJIT PATIL 25. श्रेष्ठ फल - IMP चरक – द्राक्षा २०१७ वाग्भट – सुश्रुत – आमलकी 26. रसशास्त्र में ’इग्नष्टकाचूर्ण सं काश सौराष्टरदे शे उत्पन्न’ यह ग्नकसके बारे में कहा है? -कन्तिल्लक 64 Dr. AJIT PATIL EXTRA POINTS रसशास्त्र Series – १४ AUDIO 1st – 1. स्वर्ण – Latin name – Aurum 2. र.र.स.नुसार ’मुख’ की व्याख्या – पारद में १/६४ (सुवर्ण) Au ग्नमग्नश्रत करना। IMP २०२१ 3. कनक का पयाणय – धत्तुर 4. Fatal dose – IMP i. Nitric acid 10-15 ml ii. Sulphuric acid 10-15 ml iii. HCl 15-20 ml iv. Oxalic acid 15-20 gm 5. अपक्व अभ्रक सेवन से होने वाले व्याशध – -प्रमेह और मंदाति IMP 6. वत्सनाभ की औषतध मात्रा – -१/१६ – १/८ रत्ती IMP 7. चरक नुसार स्मृशत की कारणे शकतनी है ? -०८ (च.िा.१) 65 Dr. AJIT PATIL 8. द्रव्य वर्ज्ण – द्रव्ये वज्यण i.

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