Morning Assembly Contents 25.09.2024 (PDF)
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झारखंड शिक्षा संस्थान
2024
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This document contains the morning assembly content for September 25, 2024, from a school or educational institution in India. It includes national, international, and local news, quotes, and questions for different age groups.
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जिला जिक्षा एवं प्रजिक्षण सस्ं थान, चाकुजलया, पवू ी जसहं भमू , झारखण्ड Morning Assembly Contents जिनाक ं - 25/09/2024 आि का सुजवचार “सफलता संघर्ष...
जिला जिक्षा एवं प्रजिक्षण सस्ं थान, चाकुजलया, पवू ी जसहं भमू , झारखण्ड Morning Assembly Contents जिनाक ं - 25/09/2024 आि का सुजवचार “सफलता संघर्ष की दोस्त है , कभी हार मत मानो ।” “Success is the friendship of struggle, never give up.” प्रार्थना सभा के क्रम में पढ़े जाने वाले मुख्य समाचार अनुभाग मुख्य समाचार सन्िभभ अंतराभष्ट्रीय अमेररका के पूवभ राष्ट्रपजत और ररपजललकन पार्टी के उम्मीिवार अमेररका डोनाल्ड रंप ने रजववार को कहा जक अगर वह इस साल नवंबर में राष्ट्रपजत चुनाव होने वाले राष्ट्रपजत चुनाव हार िाते हैं, तो वह 2028 का राष्ट्रपजत 2024 चुनाव नहीं लडेंगे । राष्ट्रीय जकरण राव की जिल्म “ लापता लेडीि ” को ऑस्कर पुरस्कार जिल्म िे डरेिन 2025 के जलए भारत की आजिकाररक प्रजवजि के तौर पर चुना गया ऑि इजं डया है । राज्य 18 से 20 वर्भ की बेजर्टयों को भी जिया िायेगा “झारखण्ड मुख्यमत्रं ी सचू ना एवं मईं यां सम्मान योिना ” का लाभ । िनसपं कभ जवभाग – झारखण्ड सरकार खेल भारत ने बाग्ं लािेि पर 280 रन की िीत के साथ जवश्व र्टेस्र्ट WTC 2024 चैंजपयनजिप ताजलका के िीर्भ पर अपनी जस्थजत मिबतू कर जलया है । जिक्षा/कै ररयर/ प्रौद्योजगकी क्षेत्र की जिग्गि कंपजनयााँ गूगल और एनवीजडया भारत गगू ल और र्टेक्नोलॉिी में अपनी भागीिारी बढाएंगी और िेि में कृ जत्रम (AI) प्रौद्योजगकी एनवीजडया आजि पर अजिक ध्यान िेंगी । कंपनी प्रार्ममक स्तर (कक्षा 1-5 के मलए) सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी क्रम स. प्रश्न उत्तर 1. बझू ो पहेली :- उत्तर:- माचिस अगर आप अँधेरे कमरे में मोमबत्ती,लालटेन और माचिस के साथ हैं तो सबसे पहले आप क्या जलाएँगे ? 2. 1 से 100 तक की चगनती (English काउंचटंग) के शब्दों में उत्तर:- एक बार भी Aचकतनी बार आता है ? नहीं | 3. कौन सा कीडा िाल बुनता है ? उत्तर:- मकडी 4. संतरा िल जकस जवर्टाजमन का स्रोत है? उत्तर:- जवर्टाजमन c 5. चकस रंग को शांचत का प्रतीक माना जाता है ? उत्तर:- सफ़े द उच्च प्रार्ममक स्तर (कक्षा 6-8 के मलए) सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी क्रम स. प्रश्न उत्तर 1. कै र्टरजपलर जकस रूप में बिल िाता है ? उत्तर:- जततली 2. जकस िहर को ‘जपक ं जसर्टी’ के नाम से िाना िाता है ? उत्तर:-ियपरु 3. काला कौआ चकस देश का राष्ट्रीय पक्षी है ? उत्तर:- भूटान 4. चकस देश में िप्पल पहन कर गाड़ी िलाने पर सजा दी जाती उत्तर:- सऊदी अरब है ? 5. िजु नया में सबसे बडी जबल्ली का नाम क्या है ? उत्तर:- साइबेररयन र्टाइगर माध्यममक स्तर (कक्षा 9-12 के मिए) सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी क्रम स. प्रश्न उत्तर 1. िजु नया में सबसे ऊची मजू तभ कौन से है ? उत्तर:-स्र्टेचू ऑफ़ यजू नर्टी (सरिार वल्लभभाई पर्टेल प्रजतमा,भारत ) 2. भारत का सबसे छोर्टा राज्य कौन सा है ? उत्तर:- गोवा 3. कौन सा पक्षी िजु नया में सबसे बडा अडं ा िेता है ? उत्तर:- ितु रु मगु भ 4. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान “ वेदों की ओर लौटो ” उत्तर:-दयानंद सरस्वती का नारा चकसने चदया था ? ने 5. वन्दे मातरम् का अग्रं ेजी में अनवु ाद चकसने चकया ? उत्तर:- अरचबदं ो घोर् आि का महत्वपूणभ जिवस – (25 जसतम्बर) अन्त्योिय जिवस – 25 जसतम्बर यह जिवस पजं डत िीनियाल उपध्याय की ियतं ी के रूप में मनाया िाता है , िो एक प्रमख ु भारतीय िािभजनक ,रािजनजतक जवचारक और भारतीय िनसंघ के नेता थे | Word of the day:- Word:- PLANGENT- (of a sound) loud and resonant, with a mournful tone. प्रेरक प्रसगं विजेता मेंढक बहुत समय पहले की बात है | एक सरोवर में बहुत सारे मेंढक रहते थे | सरोवर के बीिो बीि एक बहुत पुराना धातु का खम्भा भी लगा हुआ था चजसे उस सरोवर को बनवाने वाले राजा ने लगवाया था | खम्भा काफी ऊिा था और उसकी सतह भी चबल्कुल चिकनी थी |एक चदन मेंढको के चदमाग में आया की क्यों ना एक रे स करवाई जाए | रे स में भाग लेने वाली प्रचतभाचगयों को खम्भे पर िढ़ना होगा और सबसे पहले ऊपर पहुि जाएगा, वही चवजेता माना जाएगा |रे स का चदन आ पंहुिा, िारों तरफ बहुत भीड़ थी | आस-पास के इलाकों से भी कई मेंढक इस रे स में चहस्सा लेने पहुिें | रे स शरुु हुई लेचकन खम्भे को देखकर भीड़ में एकत्र हुए चकसी भी मेंढक को यह यकीन नहीं हुआ की कोई भी मेंढक ऊपर तक पहुि पायेगा कई मेंढक दो-तीन बार चगरने के बावजदू अपने प्रयास में लगे हुए थे पर भीड़ तो अभी भी चिल्लाये जा रही थी , “ये नहीं हो सकता , असभं व ”, और वो उत्साचहत मेंढक भी ये सनु सनु कर हताश हो गए और अपना प्रयास छोड़ चदया | लेचकन उन्हीं मेंढको के बीि एक छोटा सा मेंढक था , जो बार बार चगरने पर भी उसी जोश के साथ ऊपर िढ़ने में लगा हुआ था ,वो लगातार ऊपर की ओर बढ़ता रहा , और अतं तः वह खम्भे के ऊपर पहुँि गया और इस रे स का चवजेता बना । उसकी जीत पर सभी को बड़ा आश्चयष हुआ , सभी मेंढक उसे घेर कर खड़े हो गए और पछ ू ने लगे, “ तमु ने ये असभं व काम कै से कर चदखाया, भला तम्ु हे अपना लक्ष्य प्राप्त करने की शचि कहाँ से चमली, हमें भी तो बताओ की तमु ने ये चवजय कै से प्राप्त की ?” तभी पीछे से एक आवाज़ आई “ अरे उससे क्या पछ ू ते हो , वो तो बहरा हैं ” कहानी से जिक्षा :- दोस्तों, अक्सर हमारे अन्दर अपना लक्ष्य प्राप्त करने की काबीचलयत होती है, पर हम अपने िारों तरफ मौजूद नकारात्मक की वजह से खुद को कम आंक बैठते हैं और हमने जो बड़े-बड़े सपने देखे होते है उन्हें पूरा चकये चबना ही अपनी चजंदगी गुजार देते हैं | आवश्यकता इस बात की है हम हमें कमजोर बनाने वाली हर एक आवाज़ के प्रचत बहरे और ऐसे हर एक दृश्य के प्रचत अंधे हो जाए और तब हमें सफलता के चशखर पर पहुिने से कोई नहीं रोक पायेगा | Motivational Story WINNING FROG It was a long time ago that many frogs lived in a lake. There was also a very old metal pillar installed in the middle of the lake, which was installed by the king who built that lake. The pillar was very high and its surface was also very smooth. One day it came to the mind of the frogs that why not organize a race. The contestants participating in the race will have to climb a pole, and the one who reaches the top first will be considered the winner. The day of the race arrived, there was a lot of crowd everywhere. Many frogs from nearby areas also came to take part in this race. There was excitement in the atmosphere, there was noise everywhere. The race started but seeing the pillar, none of the frogs gathered in the crowd believed that any frog would be able to reach the top. Many frogs continued their efforts despite falling two-three times. But the crowd was still shouting, “This cannot be done, its impossible”, and even the excited frogs became discouraged after hearing this and gave up their efforts. Among those frogs there was a small frog, who, despite falling again and again, was busy climbing up with the same enthusiasm… He continued moving upwards and finally he reached the top of the pillar and became the winner of the race. Everyone surprised at his victory, all the frogs stood around him and started asking. “How did you do this impossible thing, where did you get the strength to achieve your goal, please tell us how you did this. “How did you achieve victory ?” Then a voice came from behind.. “Hey, what are you asking him, he is deaf.” Moral of the story - Friends, we often have the ability to achieve our goals, but due to the negativity around us, we underestimate ourselves and spend our lives without achieving the big dreams we have seen. What is needed is that we become deaf to every voice that weakens us and blind to every such scene. And then no one will be able to stop us from reaching the pinnacle of success छात्र प्रमतज्ञा हमारा जवद्यालय हमें प्राणों से भी प्यारा है | सबसे सुंिर जवद्यालय हमारा है | हम प्रण लेते है जक......... 1.जवद्यालय के सभी जिक्षक और माता -जपता का मान बढायेंगे | 2.जनत्यजिन समय से आयेंगे और साजथयों को जवद्यालय आने के जलए प्रेररत करें गे | 3.जवद्यालय की हर गजतजवजियों में बढ -चढ कर जहस्सा लेंगे | 4.जवद्यालय पररसर को साि -स्वच्छ और हरा भरा रखेंगे | 5.समाि में िै ली कुरीजतयों को जिक्षा के बल से िरू करें गे | 6.सभी गुरुिनों का सम्मान करें गे एवं सहपाजियों के साथ जवनम्रता का व्यव्हार करें गे | 7.एक श्रेष्ठ नागररक बनकर िेि एवं समाि के जवकाि तथा उन्नत भारत के जनमाभण में अपनी भागीिारी सुजनजित करें गे | मेरा जवद्यालय मेरा अजभमान “िय झारखण्ड ” िन्यवाि !