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This document discusses the role of media in India's history, focusing on the British Raj era. It analyses the impact of media on shaping national identity and promoting the freedom movement.

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Machine Translated by Google इ तहास म मी डया साम ी यू नट अ याय...

Machine Translated by Google इ तहास म मी डया साम ी यू नट अ याय प और संदभ यु नट अ याय दो टश भारत म ेस ससर शप वना यूलर ेस काय अ याय वतं ता म भारतीय ेस क भू मका आंदोलन नेता के वचार अ याय आज़ाद के बाद भारत म ेस इकाई अ याय औप नवे शक भारत म रे डयो सारण अ याय त प ात् आकाशवाणी क ापना एवं व तार अ याय सरकारी नी तयां और बड वड् थ मामले के दशक से इकाई अ याय सनेमाई मोड़ इकाई अ याय टे ली वजन और ड जटल मी डया का अ ययन सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google. रा के नमाण म मी डया क भू मका का आलोचना मक परी ण कर तथा औप नवे शक भारत म रा वाद उ र प रचय भारतीय मी डया का इ तहास व सद के अंत म के मजबूत यास से शु होता है औप नवे शक भारत म मी डया के वकास पर अंकु श लगाने के लए टश। इसे रोकने के लए ऐसा कया गया भारतीय क दे शभ और रा वाद वचार का सार। फर भी यह बन गया दे शभ का संदेश फै लाने के सबसे मह वपूण मा यम म से एक वतं ता के लए संघष को तेज़ करना। भारत म मी डया का वकास भारत के वतं ता आंदोलन म एक आव यक उपकरण बन गया। टश औप नवे शक काल के दौरान मी डया मी डया ने एक भू मका नभाई सूचना सा रत करने और आकार दे ने म मह वपूण भू मका जनता क राय। म भारतीय व ोह के दौरान मी डया ने जनता के बीच समाचार और वचार फै लाने का काम कया। और मी डया जैसे आधु नक वचार का समथक बन गया लोकतं वतं ता समानता और दे शभ । रा म मी डया क भू मका और औप नवे शक भारत म रा नमाण भारत के औप नवे शक काल के दौरान मी डया ने टश शासन के खलाफ आवाज उठाई और जनता को अं ेज के खलाफ रा ीय भावना बढ़ाने के लए जाग क कया। वह था समाचार प उप यास प का के मा यम से समाज को जागृत करने म स य प से संल न। क वता. समाचार प ए व सद तक से अ धक टग ेस थ पूरे भारत म ा पत कया गया और म पहली बार मु त कया गया अखबार बंगाल गजट जे स ऑग टस ह क ारा का शत कया जा रहा था कलक ा. बंगाल गजट ने पूव भारत के बारे म नदनीय गपशप का चार कया कं पनी के अ धका रय और इसक ापना के दो साल के भीतर ज त कर लया गया था। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google भारतीय मी डया ने एक रा के वचार को चा रत करने म मह वपूण भू मका नभाई के दशक म वतं ता के बाद इनम से अ धकांश समाचार प उदारवा दय ारा शु कए गए थे टश या ानीय वतं ता सेना नय ारा जनम दादाभाई नौरोजी बीजी तलक लाजपत शा मल थे राय एमके गांधी और अ सर गांव और क ब म ऊं चे वर म पढ़े जाते थे। समाचार प क बढ़ती सं या के साथ टश सरकार ने शु आत क उ ह उप नवेशवाद वरोधी भावना को बढ़ावा दे ने से रोकने के लए वधायी उपाय चाहे के ेस अ यादे श के प म जसने इसे अ नवाय बना दया समाचार प को शा मल करने या के वना यूलर ेस अ ध नयम को रोकने का यास कया गया ानीय ेस को टश नी तय क आलोचना करने से रोक दया गया।. उप यास ए कई उप यासकार ने अपने काय के मा यम से जनमत को उजागर करने के लए े रत कया औप नवे शक भारत म रा वाद के मह वपूण पहलू। के मह वपूण पहलू सामा जक और राजनी तक सम या को हल करना रा ीय समृ और सां कृ तक मागदशन करना इन उप यास म स ाव को बढ़ावा दया गया। मैक ाले क श ा नी त ने सबसे पहले एक व श ानीय ग का वकास कया बंगाली म सा ह य इसके आधु नक करण ने एक नए बु जीवी वग के नमाण म मदद क े और इसने ज द ही अ य े म अनुवाद के मा यम से भाव डालना शु कर दया भाषाएँ। इस मा यम के कु छ उ लेख नीय उदाहरण म शा मल ह नजीर अहमद क मरात उल अरस मसेज कॉ ल स क द लेयर लेन जोसेफ मुल यल क सुकु मारी आ द और आरसी द क राजपूत जीवन सं या सीवी रमन प लई के मातड वमा और बं कमचं Chattopadhyay s Anandamath Devi Chaudharani और गशनं दनी म ऐ तहा सक उप यास शा मल ह जो एक समय म लखे गए और भारत म रा वाद के उदय के साथ आगे बढ़े । सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google. प काएँ ए पं डत जुगल कशोर शु ल ने थम समाचार प प का ार क म कलक ा से ह द म उद त मात ड। भारतीय प का पर काश डाला गया समाचार वचार और सा ह यक लेख के मा यम से रा वाद के मह वपूण ब हालाँ क उनक मुख ानीय भाषा को भारत ह र ं कहा जाता है आधु नक हद सा ह य के जनक हद के पुरोधा के प म उभरे व सद के म य म यह आंदोलन बढ़ती लोक यता के साथ शु आ। गोरखपुर से गीता ेस का काशन ारंभ आ जसका काशन था क याण मु य प से ह धम ंथ और ह के बारे म लेख के लए सम पत है रा वाद. व सद के अंत म ह क भाषा के प म हद का सु ढ़ करण व शता द इसका य प रणाम था साथ ही इसने बढ़ते वार को रोकने म भी मदद क वशेषकर गाय के मु े पर ह और मुसलमान के बीच सां दा यकता संर ण आंदोलन और ह द म ह द के गढ़ को मजबूत करना हाटलड. सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google. क वता ग के अलावा ट मी डया ने मौ खक प म क वता के सार को भी स म बनाया परंपराएँ चाहे वह पंज ाबी उपा यान ह या उ ग़ज़ल लोक गीत गाथाएँ और कहा नयाँ भारत के व भ े से ज ह मु ण सं कृ त के मा यम से संर त कया गया था। In modern India Michael Madhusudan Dutt Tilottama Meghnath Vadh and Chaturdashpadi Kavitavali Bankimchandra Chattopadhyay and Rabindranath टै गोर ने क वता के अगले चरण क शु आत क और आइकोनो ला टक अध लखा। दे शभ आ रा वाद और कृ त और ेम क क वताएँ। और के दशक के आसपास क वता अ धक परक और रोमां टक हो गई कोण। काय म रा वाद और सा दा यकता क धाराएँ थ व सद का. आलोचना आ औप नवे शक भारत के उदार गवनर जनरल लॉड व लयम ब टक ने भी इसका समथन कया भारतीय समाज सुधारक के यास के प रणाम व प अं ेज ी भाषा वाले और भारतीय भाषा बोलने वाले थे वष तक भारत म भाषाई काशन। गैर अं ेज ी भाषा क आवाज टश सरकार के व ेस ब त बल थी अत उस पर नयं ण रखने के लए एक कानून बनाया गया वना यूलर ेस ए ट म लाया गया था। यह ए ट त कालीन वायसराय लॉड ारा जारी कया गया था लटन का उ े य ेस क वतं ता और सरकारी नी तय क आलोचना पर अंकु श लगाना था। जैसे जैसे ेस क प ंच लगातार बढ़ती जा रही थी इस अ ध नयम का उ े य भी यही था टश शासन के व अशां त फै लाने से रोक। इसे बाद म म लॉड रपन ारा नर त कर दया गया। भारत क आजाद क दशा म समाचार प ने मह वपूण भू मका नभाई। न कष टश शासन के तहत मी डया ने लोग को ऊपर उठने के लए े रत करने म स य प से भाग लया सरकार के खलाफ. आज भारतीय ेस को जो वतं ता ा त है वह इसी के कारण है वतं ता पूव मी डया को जन चुनौ तय और बाधा से पार पाना था युग. अंततः चाहे वह ट मी डया हो या म ट मी डया मी डया म हमेशा रहेगा बना प पात के ामा णक समाचार का शत करना नै तक कत है। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google टश भारत म ेस के वकास तक को समझाइये टश भारत म थम ससर शप का काया वयन। या टश भारत म ेस ससर शप और ेस के वकास क ा या कर। उ र प रचय वष म पुतगा लय ने भारत म टग ेस क शु आत क । भारत म ेस के वकास क या का ेय आं शक प से अं ेज को दया जा सकता है सरकार। हालाँ क इसे भारत म ेस क शु आत करने का ेय दया जाता है जो वतं थी प का रता और भारतीय ेस का वकास शु म काफ हद तक बा धत आ था टश सरकार. ेस को टश सरकार ारा शा मल कया गया था औप नवे शक काल के दौरान सूचना के सुचा वतरण के इरादे से। बाद म भारत म ेस के वकास ने आज़ाद म ब त बड़ा योगदान दया अं ेज के खलाफ संघष. जब कोई राजनी तक दल कसी वशेष को रोकता या तबं धत करता है सूचना या सूचना को जनता तक प ँचने से यह इस घटना को ेस ससर शप कहा जाता है । आजाद से पहले टश भारत म अं ेज ारा ेस ससर शप लगाई गई थी भारतीय ेस न न ल खत अ ध नयम के मा यम से। टश भारत म ेस ससर शप टश काल म भारत म ेस क वृ एवं वकास पर अंकु श लगाने के लए वासीय शासन व ध टश सरकार ने कु छ अ ध नयम और नयम पा रत करने का नणय लया। इन कृ य के पीछे का उ े य रा वाद वचार के सार को रोकना था वशेषकर इन समाचार प के मा यम से भावनाएँ। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google भारतीय ेस को नयं त करने वाले ारं भक मह वपूण अ ध नयम और नयम. ेस अ ध नयम क ससर शप भारतीय ेस पर तबंध लगाने क दशा म पा रत पहला अ ध नयम ेस ससर शप अ ध नयम था म। इसे लॉड वेले ली ारा पा रत कया गया था जो उस समय भारत के गवनर जनरल थे उस समय । ांसीसी लोग को रोकने के लए ेस ससर शप अ ध नयम पा रत कया गया था टश सरकार के व कोई भी समाचार फै लाना। इसने सभी समाचार प पर भी तबंध लगा दया और प काएँ जो अनुमोदन ा त कए बना का शत नह क जाएंगी टश सरकार. म एक संशोधन के बाद सभी प काएँ प काएँ पै लेट इस अ ध नयम के अंतगत पु तक और समाचार प को शा मल कया गया। इसके बाद सीमा म ढ ल द गई म ां सस हे ट स रा प त बने।. लाइस सग व नयमन अ ध नयम और जॉन एड स ेस व नयमन अगला अ ध नयम या अ यादे श जॉन एड स ारा लाइस सग व नयमन अ ध नयम था। यह अ यादे श म एड स ारा पा रत कया गया था जो उस समय गवनर जनरल थे। अ ध नयम मु य प से भारतीय समाचार प या उन समाचार प पर यान क त कया गया जनका संपादन कम से कम कया गया था भारतीय । लाइस सग रेगुलेशन के मुता बक अगर कोई भी अखबार बना लाइसस के का शत होता है लाइसस इसे गंभीर आपरा धक उ लंघन माना जाएगा। तमाम भारतीय अखबार आये राडार पर. राजा राम मोहन राय ने मरात उल अख़बार का काशन बंद करने का नणय लया जो एक फ़ारसी प का थी। इस प का क शु आत रॉय ने म क थी. उ ह ने भी म टश सरकार के व व ोह कया।. मेटकाफ अ ध नयम या ेस अ ध नयम ेस अ ध नयम या मेटकाफ अ ध नयम को ेस के मु दाता के प म जाना जाने लगा। यह काय के लाइस सग नयम को नर त कर दया। इससे ेस को और अ धक स म बनाया गया उदारवाद जसने भारत म ेस के वकास म बड़े पैमाने पर योगदान दया। मु य मेटकाफ अ ध नयम क आव यकता यह थी क समाचार प काशक का मु क होना चा हए काशन के ान के संबंध म सभी ववरण दान कर। य द नदश नह ह इसके बाद अखबार का काशन बंद कर दया जाएगा। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google. लाइस सग अ ध नयम के व ोह के बाद एक और अ ध नयम पा रत कया गया जसे लाइस सग कहा गया कायवाही करना। यह अ ध नयम उस समय भारत के गवनर जनरल कै नग ारा पा रत कया गया था। यह अ ध नयम ने ेस पर स त सीमाएँ लगा द । कोई भी नया काशन का शत होना चा हए था अथवा सरकार क अनुम त से ही मु त कया जाता है।. वना युलर ेस ए ट लटन जो भारत के त कालीन वायसराय थे ारा एक अ ध नयम पा रत कया गया था। यह अ ध नयम पा रत कया गया ानीय ेस को बेहतर ढं ग से नयं त करने के लए। वना यूलर ेस अ ध नयम पेश कया गया ानीय भारतीय भाषा म का शत समाचार प क वतं ता को सी मत करना। इसका प रणाम ये आ यूरोपीय जनसं या और भारतीय जनसं या के बीच अंतर से के व ोह के बाद टश भारत म ेस का वकास भारत म ेस के वकास का इ तहास कसके नमाण से ारंभ आ द बंगाल गजट नामक अखबार जसे जे स ऑग टस ने शु कया था म ह क । इस अखबार को कलक ा जनरल एडवरटाइजर के नाम से भी जाना जाता था। अतः भारतीय ेस क उ प का ेय औप नवे शक काल को जाता है जे स ह क को ज ह ने भारत म प का रता का बीज बोया। अपनी ारं भक सफलता के बावजूद द बंगाल गजट अपनी स के लए जाना जाने लगा टश औप नवे शक सरकार क मुख र आलोचना। हालाँ क र सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google अखबार क आलोचना और सरकार के गलत काम का पदाफाश कया औप नवे शक अ धका रय को यह रास नह आया। म द बंगाल गजट का शत आ इसके साह सक ख और नडरता के कारण अ धका रय ारा ज त कर लया गया रपो टग. यह भारतीय प का रता के इ तहास म एक मह वपूण मोड़ था इस पर काश डाला गया ारं भक भारतीय प कार ारा सामना क जाने वाली चुनौ तयाँ और जो खम ज ह ने सवाल उठाने का साहस कया वासीय शासन व ध। जैसे जैसे इन समाचार प क लोक यता बढ़ती गई टश ई ट इं डया कं पनी क चता बढ़ गई क उनक साम ी लंदन तक प ंच जाएगी और काय को उजागर कर दे गी औप नवे शक शासन क नी तयाँ. यह नकारा मक चार और जांच का डर है ेस पर तबंध और ससर शप उपाय क शु आत ई। औप नवे शक अ धका रय ारा लगाई गई चुनौ तय और तबंध के बावजूद भारतीय ेस का वकास जारी रहा और इसे आकार दे ने म मह वपूण भू मका नभाई जनता क राय सामा जक और राजनी तक प रवतन क वकालत करना और अंततः योगदान दे ना भारत के वतं ता सं ाम के लए. ारं भक भारतीय प कार क वरासत जैसे जे स ऑग टस ह क ने एक जीवंत और ग तशील मी डया प र य का माग श त कया आज़ाद के बाद के भारत म. न कष टश शासन के दौरान भारतीय ेस को अ श ा औप नवे शकता स हत कई चुनौ तय का सामना करना पड़ा तबंध और दमन. हालाँ क अंततः यह एक श शाली ह थयार के प म उभरा वतं ता के लए संघष. मी डया ने इसे आकार दे ने म मह वपूण भू मका नभाई भारतीय म रा ीय चेतना को बढ़ावा दे ना। मु ण क शु आत ौ ो गक ने भारत म ापक रा वाद आंदोलन को ज म दया। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google राजा राम मोहन राय और जे स ब कघम क भू मका पर चचा कर ेस क वतं ता के लए संघष. उ र प रचय के दशक म दो भावशाली राजा राम मोहन राय और जे स ब कघम घटना ल पर दखाई दए. उ ह ने आजाद क लड़ाई म अहम भू मका नभाई ेस। रॉय और ब कघम दोन ही सबसे अ धक सम पत अनुया यय को इक ा करने म स म थे अपने लोग के बीच सबसे अ धक वरोध भड़काते ह। खास तौर पर राजा राममोहन राय और जे स ब कघम ने इसे तबं धत करने वाले एक ताव पर अपना वरोध कया था क शु आत म ेस क वतं ता। राजा राम मोहन राय एक मुख नेता और प कार थे भारतीय वतं ता सं ाम के. उ ह ने समाचार प द क ापना क यून जो बाद म भारत क मुख समाचार प का बन गई वतं ता सं ाम. जे स ब कघम एक अं ेज ी प कार और याय वद् थे जो रहते ए भारत के वतं ता सं ाम म अपनी मह वपूण भू मका के लए स ए टश सरकार के व अपनी आलोचना बरकरार रखी। ेस क वतं ता के संघष म राम मोहन राय क भू मका. राम मोहन राय ने स य का चार सार करने और अपने वचार रखने के लए प का रता म वेश कया खुली बहस क परी ा. उनके वचार म ेस क वतं ता म वतं ता भी शा मल थी स य क तलाश करना और जीवन जीने का एक ऐसा तरीका वक सत करने का अवसर जो संभव हो सके कारण के अनु योग ारा मा य।. राजा राम मोहन राय इस े म सबसे उ लेख नीय योगदानकता म से एक थे भारत म प का रता का. उनके मा यम से ेस प से जुड़ गया सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google रा वाद और आज़ाद क लड़ाई. उ ह ने रा वाद क बल भावना जागृत क बां ला संवाद कौमुद के काशन से भारतीय ेस म उ साह और फ़ारसी मरात उल अख़बार ।. उ ीसव सद म ढ़वाद ह ेस का उदय आ जसम शा मल ह मोहन राय के प लगातार सामा जक धा मक सुधार का वरोध करते रहे।. टश सरकार ने राजा राम मोहन राय का लाइसस र कर दया मरात उल अखबार का शत कर य क उ ह ने अ य क कु छ पं य का उ लेख कया था उसके अखबार म अखबार. मरात उल अख़बार का लहजा उदार था और रचना मक आलोचना। यह अखबार सामा जक और शास नक बुराइय से नपटता था और बनाता था भारत और आयरलड म टश नी तय का गहन व ेषण। ेस क वतं ता के संघष म जे स ब कघम क भू मका. जे स ब कघम अपने जीवनकाल म एक स उप यासकार लेख क और या ी थे। एक प कार के प म उ ह ने रा यपाल को उनके कत क याद दलाना अपना कत समझा उनक क मय के लए उ ह ध कार और स ाई का पता लगाएं भले ही कु छ लोग ही य न ह इससे आहत थे. उ ह ने वधायी ेस को एक अ धक मह वपूण बाधा के प म दे ख ा एक जवाबदे ह सरकार पर.. ब कघम ने से नडर होकर अपने समाचार प कलक ा जनल का संपादन कया म टश सरकार ारा उ ह भारत से नवा सत कये जाने तक।. भारत म ेस क आजाद क लड़ाई पर ब कघम का वशेष भाव था और अ धकांश व ान ारा इसे वकास म एक मह वपूण के प म माना जाता है भारतीय प का रता. से तक ब कघम ने इसके संपादक के प म बहा री से काय कया कलक ा जनल. गवनर जनरल लॉड हे ट स ने अ य धक धैय दखाया और उसके काय के त अनु ह.. ब कघम ने लगातार सीमा और नयं ण के खलाफ लड़ाई लड़ी भारतीय ेस पर थोपा गया। उ ह ने भारत क कई त त ह तय को आ त कया सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google और इं लड ने कहा क एक वतं ेस इसका पदाफाश करके एक बड़े उ े य क पू त कर सकता है सरकार क क मयाँ और उसक नी तगत पहल क आलोचना। मू यांक न जे स ब कघम क तरह राजा राम मोहन राय ने भी वकास के लये यही सोचा था एक आधु नक दे श म वतं ेस का होना आव यक है और उ ह ने वतं ता पर जोर दया ेस का. जब जॉन ने लॉड वेले ली के उ रा धकारी जॉन एडम का वरोध कया तो रॉय ने उनका वरोध कया एडम ने उदार परंपरा के वपरीत का ेस व नयमन अ ध नयम लागू कया उस समय तक च लत था. अ ध नयम के अंतगत समाचार प का काशन एवं वतरण करना वैध लाइसस के बना सावज नक दशन को अवैध माना जाता था। मु य प से नषेधा ा लागू थी भारतीय संपादक के साथ भारतीय भाषा के समाचार प । इं लै ड म समाचार प का आन द लया जाता था अभ क पूण वतं ता ले कन भारत म कई तबंध लगाए गए जो अखबार के लए काम करते ह. न कष औप नवे शक अ धका रय ारा लगाई गई चुनौ तय और तबंध के बावजूद भारतीय ेस का वकास जारी रहा और उसने जनमत तैयार करने म मह वपूण भू मका नभाई सामा जक और राजनी तक प रवतन क वकालत करना और अंततः भारत के संघष म योगदान दे ना आज़ाद के लए. और राजा राममोहन राय और जे स ब कघम अपने मा यम से वचारशीलता म वृ को दे ख ते ए ेस क वतं ता के प म आवाज उठाई गई सामा जक सुधार और नाग रक वतं ता क मांग। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google वतं ता आंदोलन म भारतीय ेस क भू मका का वणन कर। उ र प रचय भारत लंबे समय तक टश उप नवेश के अधीन रहा और येक भारतीय ने ऐसा करने का यास कया इससे मु पाने के लए यथासंभव ां तकारी आंदोलन कये गये बाहर जसके प रणाम व प वष म भारत को टश उप नवेश से आजाद मली ले कन वतं ता के यास के बावजूद भारतीय ेस क भू मका यह े समाचार प के काशन और सूचनाएं उपल कराने म ब त मह वपूण था लोग को रा वाद के वकास और राजनी तक मु के बारे म बताया। ेस का अथ बोलचाल क भाषा म ेस का अथ सूचना दे ना होता है ट मी डया के बारे म ट मी डया म कताब प काएँ समाचार प और पु तकाएँ शा मल ह। द तावेज़ आ द समाचार और जाग कता नेतृ व और ेरणा क भू मका भारतीय के बारे म जानकारी आज़ाद से सामा जक ग त व धयां दबाएँ आंदोलन इसका व तार वचार लोग को सामू हक प से जोड़ना समाचार एवं जाग कता भारतीय ेस मु यतः समाचार दे ने का काय करता था वतं ता आंदोलन के दौरान लोग को जाग क करना जसके मा यम से समाचार प प काएँ तथा अ य मु त साम ी लोग को सट क द जाती थी सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google दे श के व भ े म और नवीनतम जानकारी। एक मह वपूण भू मका नभाई लोग को घटना के बारे म सू चत रखने म भू मका। नेतृ व और ेरणा मुख समाचार प और संपादक ने नेतृ व क भू मका नभाई भू मकाएँ नभा और लोग को ो सा हत कया। उनके लेख और तंभ ने लोग को बनने के लए े रत कया वतं ता सं ाम म भाग लेने वाल म आ म नभरता क भावना बढ़ लोग म रा वाद का संचार आ और लोग को औप नवे शक स ा से लड़ने के लए े रत कया। सामा जक ग त व धय क जानकारी वतं ता आंदोलन के यास हेतु उप यास क वता के मा यम से भारतीय ेस से जुड़े प कार लेख क और क व और लेख ने अपनी रचना के मा यम से सामा जक ग त व धय को उजागर कया और लोग तक प ंचाया जससे जनता को अं ेज के अ याचार के बारे म सोचने पर मजबूर होना पड़ा दे श म उप नवेश ा पत कये गये और उ ह ने सामा जक प रवतन क दशा म कदम बढ़ाये। वचार का सार वचार क अ भ क आव यकता ब त मह वपूण थी भारत के लए जो टश उप नवेश से घरा आ था। ऐसे म भारतीय वतं ता सं ाम के संघष म ेस ने अपना वशेष योगदान दया ेरणादायक रचनाएँ वतं ता सभा सावज नक बैठक का आयोजन शा मल है। रे डयो सारण आ द। भारतीय ेस एक वरदान के प म वतं ता सं ाम म शा मल ई। लोग को सामू हक प से जोड़ना आजाद से पहले का साधन जानकारी सी मत थी इस लए लोग कोई भी जानकारी ा त करने म दे री करते थे ले कन उस समय भारतीय ेस ने लोग को एकजुट करने म अपना वशेष योगदान दया। वतं ता आंदोलन म भारतीय ेस क भू मका का मू यांक न भारतीय वतं ता आंदोलन के संघष म भारतीय ेस क भू मका अतुलनीय है जसने रा ीयता क भावना वक सत क तथा एकजुट करने का यास कया समाचार प प का उप यास क वता के मा यम से भारत के व भ े म लोग वगैरह। जसम दे श म हो रही घटना को लोग तक प ंचाने क को शश क गई ेस के मा यम से और ां तकारी भावनाएँ वक सत करके लोग थे अपने दे श और ेस के त समपण क भावना जागृत करने के लए े रत कया सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google जनता तक मह वपूण वचार को प ंचाने और ेस क भू मका म योगदान दया लोग को एक सरे से जोड़ना भी सराहनीय था। कु ल मलाकर भारत को डू बने से बचाने म भारतीय ेस ने वशेष योगदान दया। जसके प रणाम व प भारत वतं हो गया ले कन फर भी इसके व यास कये गये ेस का वभाजन वफल हो गया और भारत अं ेज से वतं हो गया म उप नवेश दो अलग दे श म वभा जत हो गया। न कष इस कार उपरो अ ययन के आधार पर यह न कष नकाला जा सकता है क भारतीय ेस भारत के वतं ता सं ाम म कदम से कदम मलाकर साथ दया और लोग को आगे बढ़ने के लए े रत कया नये भारत के नमाण क दशा म. ले कन फर भी भारतीय ेस मी डया इसे रोक नह सका भारत का वभाजन. सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google भारतीय ेस के वकास एवं वशेषता का वणन कर आज़ाद के बाद. उ र प रचय भारत म ेस का मह व पहले भी बना आ था और आजाद के बाद. आज़ाद क लड़ाई म आज़ाद से पहले का आंदोलन भारतीय ेस क भावना वक सत कर एकता को बढ़ावा दे ने का यास कया जसके प रणाम व प लोग म रा वाद क भावना पैदा ई लोग म ां तकारी भावना वक सत ई और ग त व धय म च लेने लगे दे श म होने वाली घटनाएं बढ़ ग. जब भारत आज़ाद आ म टश उप नवेश से भारतीय ेस भी नर तरता क ओर अ सर आ वतं भारत म इसके वकास के चरण म ग त। पा क तान भारत क आज़ाद के तुरंत बाद भारत के वभाजन से बना इस उ े य से सीमावत लोग के समथन से अ टू बर म क मीर पर आ मण कया इसे जोड़ने का. वतं ता के बाद भारतीय ेस का वकास वतं ता के बाद भारतीय ेस एक स य भागीदार के प म उभरा अपनी तकनीक मता के वकास पर यान क त करके ग त जारी रखी। जसम आजाद के बाद लोग क सं या स यता के कारण अखबार पढ़ना बढ़ा व भ तकनीक उपकरण समाचार प क गुण व ा भारत म सुधार आ. समय के साथ समाचार प ने सूचना को और अ धक चा रत कया कु शल और सु वधाजनक ावसा यक तरीके । फ चर लेख न जो भारतीय म इतना च लत नह था मी डया को ो सा हत कया गया। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google म ेस आयोग ारा द गई सफ़ा रश म एक यास था भारतीय ेस को संग ठत करने के लए बनाया गया जसम जांच करने का यास कया गया मी डया क ामा णकता बंधन और संरचना से संबं धत जानकारी और इस पर काम कर. वतं ता के बाद भारतीय ेस क वशेषताएँ भारतीय ेस क वकास या ा वतं ता सामा जक एवं सामा जक से काफ मह वपूण रही है भावशाली. यहां वचार करने यो य कु छ मुख पहलू दए गए ह आज़ाद के बाद भारतीय ेस ने एक भू मका नभाई है आजाद के बाद रा नमाण म अहम भू मका प का रता ने जनजागरण कया है प रवतन चाहा है समाज म और लोग को रा ीय और रा ीय के त सकारा मक कोण वक सत करने म मदद क अंतरा ीय मु े. इस खबर को फै लाने म भारतीय ेस ने अहम भू मका नभाई आज़ाद के तुरंत बाद ए पा क तानी आ मण के बारे म। वहाँ था एक योगदान। भू मका एवं उ रदा य व ेस ने अपनी भू मका एवं उ रदा य व को भली भां त नभाया है समाज समाज राजनी त आ थक और के बारे म जनता को जानकारी दान करना सां कृ तक मु े और आपसी संबंध म सकारा मक बदलाव लाने के लए े रत करना। तकनीक वकास वतं भारत म भारतीय ेस के लए सुधार वशेष प से तकनीक वकास समाचार फै लाने के लए नए उपकरण का उपयोग करना गत और सामा जक तर पर वचार और जानकारी। ेस क वतं ता वतं भारत म ेस ने अपनी भू मका नभाई है वतं प से राजनी तक और आ थक अनै तकता ाचार और सामा जक को बढ़ावा दे ना जाग कता बढ़ाने और सकारा मक प रवतन क मांग करने के लए असमानता। मी डया का सामा जक भाव मी डया ने समाज को अ धक एकजुट बनाने म भी मदद क है साथ ही समाज को सामा जक और सां कृ तक मु पर सोचने के लए े रत करना। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google न कष वतं ता के बाद भारतीय ेस म भी प रवतन आये भारतीय प रवेश म व भ सम या क ा त। आजाद के बाद भारतीय मी डया क तकनीक मता का वकास करना उसक ज मेदारी थी सु न त कया गया और साथ ही अखंडता और व सनीयता को कया गया। के गठन के कारण ेस आयोग ारा भारतीय ेस क जाँच के यास कये गये। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google रे डयो ांस मशन का या अथ है ववरण द औप नवे शक भारत म रे डयो का सारण। या उन वकास क जाँच कर जनके कारण भारतीय सारण का नमाण आ कं पनी। उ र प रचय रे डयो सारण एक सामुदा यक संचार है मा यम जसम ऑ डयो गाने समाचार काय म आ द शा मल ह अ य धाराएँ उपयोग करने वाले एक से अ धक य तक प ँचती ह आवृ तरंग. रे डयो सारण का इ तहास औप नवे शक भारत म यह काफ पुराना है। पहला रे डयो टे शन भारत म रे डयो क ापना म कोलकाता म ई थी सारण तेज ी से पूरे दे श म फै ल गया दे श और यह अ तन जानकारी जनता तक प ँचने का एक मह वपूण मा यम बन गया समाचार संगीत खेल श ा और मनोरंज न पर पूरी जानकारी। रे डयो सारण का अथ सारण श द का अथ है वायरलेस ांसमीटर से ऑ डयो पदाथ के सार का अथ है कसी को सा रत करना सुनने के लए तार के बना जानकारी। औप नवे शक भारत म रे डयो सारण औप नवे शक भारत का मतलब है क जब भारत अधीन था टश सा ा य म जस तरह से रे डयो क व ा क गई थी भारत का ज कया गया है. म एक रे डयो लब क ापना क गई कलक ा जसक शु आत मानी जाती थी भारत म शौ कया रे डयो सारण। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google जून म इन लब ने ढाई घंटे के काय म का सारण शु कया म ास और मुंबई. भारतीय सारण नगम आईबीसी टश सरकार का लाइससधारी नेतृ व कया कलक ा और मुंबई म इन रे डयो टे शन क ापना। जुलाई को त कालीन वायसराय लॉड इर वन ने मुंबई रे डयो टे शन का उ ाटन कया। इं डयन ॉडका टग कं पनी के गठन क घटनाएँ इं डयन ॉडका टग कं पनी इं डयन ॉडका टग कं पनी क शु आत ई म रे डयो सारण का े । यह रे डयो और टे ली वजन के सारण को संद भत करता है भारत म जसके कारण कु छ ऐसे वकास ए जनके कारण इसका व त गठन आ औप नवे शक काल. रे डयो सेवा क शु आत भारत म सारण का पहला कदम था म टश सरकार ारा लया गया। एक ानीय टे शन ा पत कया गया था कलक ा जहाँ से भ भ भाग म कथा सुनी जाती थी। टश सरकार से ा त लाइसस द इं डयन ॉडका टग नगम ने कलक ा और मुंबई म रे डयो टे शन क ापना का नेतृ व कया। त कालीन वायसराय लॉड इर वन ने जुलाई को मुंबई रे डयो टे शन का उ ाटन कया। भारतीय रा य सारण सेवा अ ैल को म वभाग और उ ोग ने रे डयो सारण का सीधा नयं ण अपने हाथ म ले लया और कायभार संभालने के बाद सरकार ारा IBC को भारतीय रा य सारण के प म जाना जाने लगा सेवा । ऑल इं डया रे डयो AIR का गठन टश सरकार ने इसका नाम बदल दया म भारतीय सारण सेवा को ऑल इं डया रे डयो के प म जाना गया। रे डयो से जन समथन के मा यम से जन समथन को बढ़ावा दया गया रे डयो सेवा और इसने भारतीय समाज म एक नया सामा जक मा यम दान कया। इस कार उपरो घटना म ने व त प से नमाण म मह वपूण भू मका नभाई इं डयन ॉडका टग कं पनी. सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google मू यांक न संचार के साधन के प म रे डयो ने औप नवे शक काल म अपना वशेष योगदान दया वह अव ध जसम सारण के व भ प का वकास दखाया गया से लाइसस ा त करने के बाद रे डयो टे शन का वकास बढ़ता दख रहा है औप नवे शक काल के दौरान टश सरकार। और रे डयो का चलन बढ़ने लगता है टश भारत म जो इं डयन ॉडका टग कं पनी का प लेती है। इस कार इं डयन ॉडका टग कं पनी के गठन को ज मेदार ठहराया जा सकता है व भ रे डयो के सारण म वकास जसके लए उ ल खत घटनाएं नेतृ व करती ह भारत म एक व त सूचना संचार कं पनी के गठन के लए। न कष उपरो अ ययन के अनुसार यह न कष नकाला जा सकता है क भारतीय म रे डयो सारण औप नवे शक काल से ही इ तहास व त प से बढ़ता रहा है जसका प रणाम यह आ भारत म एक व त भारतीय सारण कं पनी का गठन। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google. एफएम रे डयो के उदय और मी डया के पयोग और उसक खोज का वणन कर वाय ता। उ र प रचय रे डयो व का सबसे पुराना इले ॉ नक प से संचा लत जनसंचार मा यम है। व सद के अंत और व सद क शु आत म रे डयो का उदय आ जससे एक नया मा यम तैयार आ लोग के घर तक समाचार मनोरंज न श ा और सामा जक संवाद लाया। एफएम रे डयो का उदय तक भारत म रे डयो श द का चलन था के वल ऑल इं डया रे डयो सं त प म AIR को संद भत कया जाता है एक क य प से व नय मत सारण णाली का नाम. पर म भारत क वतं ता क घोषणा के समय आकाशवाणी ने पूरे दे श म के वल छह टे शन। वतमान म आकाशवाणी के पास है एफएम वसी मॉ ूलेशन लगभग न बे को कवर करने के लए आव यक बु नयाद ढाँचा दे श के े फल का आठ तशत। मी डया का पयोग मी डया का पयोग तब कया जाता है जब वह अनै तक अस य या ामक जानकारी तुत करता है अ यथा जनता को गलत दशा म भा वत करता है। मी डया के पयोग से बड़ी घटना हो सकती है या यक नै तक और सामा जक तर पर सम याएँ. धान मं ी इं दरा गांधी ारा घो षत रा ीय आपातकाल के समय म भारत म AIR का पयोग कया गया और इसे एक सरकारी उपकरण के प म इ तेमाल कया गया। ए दे ते समय सतंबर को इं दरा गांधी का आकाशवाणी के टे शन नदे शक के सम भाषण कहा जब तक सरकारी सेवा म है वह एक के प म पालन करने के लए बा य है के आदे श से य द उसे लगता है क यह सरकार क नी त है। ठ क नह है वह इसका पालन करने म असमथ है उसक सरकार है या कु छ अ य वचार वे जो कु छ भी करना चाहते ह कोई नह उ ह इ तीफा दे ने और कसी अ य म शा मल होने से रोकना संगठन जहां वे उस वतं ता को ा त करगे।पाना Indira Gandhi सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google. सरकार ने रे डयो और टे ली वजन पर कई नए तबंध लगाए। सारक के लए बनाए गए एआईआर कोड को पुराना और वरोधाभासी माना जाता था कोण पर नके ल कसी गई। व ाचरण शु ल त कालीन मं ी सूचना एवं सारण ने आकाशवाणी के टे शन नदे शक को बताया क नेटवक क भू मका वैचा रक चचा के लए मंच उपल कराने के लए नह ब क जनता को जाग क करने के लए था सरकारी काय म के त जाग क. एआईआर के प रवतन के य प रणाम के प म एआईआर क व सनीयता को नुक सान आ इं दरा गांधी और उनके ारा अपनाई गई नी तय के लए चार उपकरण। ले कन आकाशवाणी का उपयोग चुनाव के समय यह हा नकारक था य क इससे इ ा को बढ़ावा मला सरकार नयं त मी डया संगठन के लए वतं ता। वाय ता का यास वाय ता क खोज मी डया को वतं और वफादार बनाए रखने का यास करती है। वाय ता समाज तक स ी जानकारी प ंचा सके इसम मी डया क अहम भू मका है. सरकार ारा आपातकाल हटाने पर पहले गैर कां ेसी सरकार ने दे श क इले ॉ नक को वा त वक वाय ता दे ने का वादा कया मी डया । अग त म सरकार ने पयोग पर ेत प का शत कया मास मी डया का । इसके तुरंत बाद अखबार के एक अनुभवी संपादक बीजी वग स को ड जटल के लए वाय ता क संभावना तलाशने का काम स पा गया था मी डया.. अखबार के अनुभवी संपादक बीजी वग स को यह काम स पा गया ड जटल मी डया के लए वाय ता क संभावना तलाशना। सरकार ने नदश दया स म त के काया मक व ीय और कानूनी पहलु क जांच करेगी आकाशवाणी और रदशन को पूण वाय ता दे ने और उसक जवाबदे ही तय करने का ताव संसद वाय संगठन के व भ प को यान म रखते ए जो अ य लोकतां क दे श म सारण के लए मौजूद है। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google. कायस म त ने वतं गठन क संभावना पर चचा क नेशनल ॉडका टग ट का नाम आकाश भारती रखा गया जो एक गैर होगा लाभ कमाने वाली सं ा एक आव यक सावज नक सेवा होने के नाते संचालन के लए लाइसस ा त है एक संसद य चाटर के तहत जाना चा हए और इसे संसद के त जवाबदे ह होना चा हए। न कष पछले कु छ वष म रे डयो के वकास के दौरान आकाशवाणी ने मह वपूण यास कए ह सु न त कर क ोता के पास सा रत होने वाले कम से कम एक रे डयो काय म तक प ंच हो जस े म वे रहते ह उसक ाथ मक भाषा। AIR ने पहला रे डयो सारण कया और मा यम ने शी ही एक ानीय सेवा के पम त ा ा पत कर ली। बाद के वष म सरकार ने मौजूदा के अलावा एक रा ीय रे डयो टे शन उपल कराने का यास कया ानीय सेवा। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google. जैसा क दशाया गया है लग और रा वाद के बीच संबंध का परी ण कर भारतीय वतं ता के तीन दशक के दौरान हद फ़ म। या आजाद के बाद के दशक तक के सनेमा क ा या कर। उ र प रचय भारत के वतं होने के बाद पहले तीन दशक म सनेमा को रा ीय बनाने का एक साधन माना जाता था सं कृ त रा रा य को एकजुट करना और उसम समा हत करना आदशवाद और आशा क भावना साथ ही उ र का त बब औप नवे शक भारत. सां कृ तक आलोचना करते थे. कामुक ता कामुक ता मानव यौन पहलु को समझने क या है संचार सम याएं प ंच और प ंच के कार। सामा जक मनोवै ा नक का रा ीय और सां कृ तक कोण भी इसम मह वपूण भू मका नभाता है। रा वाद रा वाद कसी क अपनी त ा को ा पत करने क वृ है उसके दे श का समुदाय सं कृ त भाषा और सं ाएँ। इसम मह वपूण शा मल है दे शभ वतं ता सुर ा एक करण और लामबंद के मु े । वतं भारत क हद फ म म कामुक ता और रा वाद कामुक ता और के बीच संबंध को समझने के लए हद फ म म रा वाद पर वचार करना ज री है वतं भारत का ऐ तहा सक संदभ. हा सल करने के बाद म टश औप नवे शक शासन से आज़ाद के बाद भारत क शु आत ई रा नमाण क या ा. नवग ठत रा ने चाहा इसक पहचान मू य और सां कृ तक अ भ य को प रभा षत कर। हद सनेमा एक सश मा यम के प म उभरा जसने त ब बत और आकार दया उस समय क आकां ाएं चताएं और सामा जक ग तशीलता। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google हद फ म म कामुक ता और रा वाद के बीच संबंध वतं भारत के शु आती वष म हद फ म ने बड़े पैमाने पर इसका अनुसरण कया समाज म च लत ढ़वाद मू य और नै तक सं हताएँ। का च ण कामुक ता अ सर सू म संके त या संय मत अ भ य तक ही सी मत थी। और मु य रोमांस पर था जोर राज कपूर अ भनीत बरसात जैसी फ़ म और नर गस ने ेम कहा नय को सामा जक मानदं ड क सीमा के भीतर च त कया। फ म ऐसी द पा मेहता ारा नद शत फायर ने समल गक संबंध को संबो धत कया इन फ म ने हद फ म म कामुक ता के च ण म एक मह वपूण बदलाव को च त कया यह बदलते सामा जक कोण और व वध यौन संबंध क बढ़ती वीकायता को दशाता है झुक ाव. जैसे ही भारत एक नव वतं रा रा वाद के प म अपनी पहचान को प रभा षत करने के लए संघष कर रहा था हद फ म म वषय उभरने लगे। इन फ म का उ े य सृज न करना था जनता म दे शभ और गौरव क भावना. मदर इं डया जैसी फ़ म जसका नदशन मेहबूब खान ने कया था इसम सश म हला नायक थ मातृभू म से जुड़े लचीलेपन और ब लदान का तीक है। रा वाद हद फ म म कथा मक उपकरण के प म इसका योग जारी रहा जसे अ सर इसके साथ जोड़ दया जाता है रोमां टक कहा नयाँ. जेपी द ा ारा नद शत बॉडर जैसी फ म दशाती ह सीमा पार संघष के संदभ म भारतीय सै नक क वीरता और ब लदान। इन फ म का उ े य लोग म रा ीय गौरव और एकता क भावना पैदा करना था ोता। आज़ाद के बाद के दशक तक सनेमा क ा या व णम अ शतक आज़ाद के बाद का पहला दशक व णम पचास का दशक भारतीय सनेमा के लए मह वपूण सा बत आ। इस काल म भारतीय सनेमा को लाभ आ आजीवन कारावास ेम संबंध के मा यम से मुख ता सामा जक मु पर काश डालना मा नयत संगीत और म ट टारर फ म। यासा जैसी मह वपूण फ़ म Kaagaz Ke Phool Mere Mehboob were released in this decade. The व णम अ शतक समाज के भीतर उभर रहे नए मु को तुत करने म स म थे। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google साठ के दशक का रोमां टक दशक साठ के दशक म मु यतः भारतीय सनेमा ेम संबंध पर यान क त कया। इस दौरान ेम क कहा नयाँ ेम क बाधाएँ प रवतन यार क और यार क सम या को फ म म मुख ता मलने लगी। मेरा जैसी फ़ म Saaya Aradhana Kati Patang became superhits. In the sixties सनेमा ने अपनी भू मका मजबूती से ा पत क और ेम कहा नय को एक मा यम के प म भावी ढं ग से तुत कया। ना मंच नाटक य मंच के दशक म एक मह वपूण भारतीय सनेमा म बदलाव आया. इस दौरान मु य फोकस फ म पर था नाटक जसम सामा जक सा ह यक और संगीत संबंधी मु को तुत करने का यास कया गया। मेरे जैसी फ़ म हमसफर मौसम मलन मह वपूण थ । इस दशक म सनेमा के मा यम से जनता को सामा जक मु पर वचार करने का मौका मला। अ सी का दशक अ सी के दशक म भारतीय सनेमा म एक और बदलाव आया प रवतन. इस दौरान समाज राजनी त आ वासन और प रवार के मु े फ म म स मली. द वार मुग़ल ए आज़म जैसी फ़ म। कमा मह वपूण बन गयी। इस दशक म सनेमा तुत करने के साथ साथ समाज के मु शंसा और समपण क भावना को भी ढ़ता से कया नायक का. न कष के दशक म कामुक ता और रा वाद के मु को सनेमा म तुत कया गया था। के मा यम से सनेमा समाज म जुड़ाव का सामा जककरण आ और लोग क सोच बदल गई। साथ म इसके साथ ही सनेमा ने दे शभ और रा वाद को मह व दया और सृज न कया लोग के मन म रा वाद के त जाग कता. सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google. ड जटल मी डया या है ड जटल मी डया के भाव का वणन कर। उ र प रचय इ तहास म ाचीन काल से ही मी डया व भ प म शा मल रहा है जसम व भ आयोजन क जानकारी उपल करायी गयी लोग उ ह समाचार प प का के मा यम से का शत करके क वताएँ कहा नयाँ घटना का लेख न। जो ये भी दशाता है भारतीय इ तहास म मी डया का भाव एवं मह व जसम मु ण मा यम क भू मका औप नवे शक काल से ही मह वपूण रही आज़ाद के बाद तक क अव ध ले कन उपल ता के साथ इंटरनेट समय समय पर इसका वकास होता रहा और आज यह मौजूद है ड जटल फॉम. इसने वयं को ा पत कर लया है और इसका भाव अभी भी स य प से है नया भर म महसूस कया गया. ड जटल मी डया का अथ ड जटल मी डया ौ ो ग कय का एक वशेष समूह है इसम इंटरनेट सोशल मी डया लॉग वेबसाइट शा मल ह। और इले ॉ नक मी डया. गैर मु त ौ ो गक का अथ है क यह एक है जानकारी साझा करने और प ंचाने का भौ तक साधन इले ॉ नक प जसने सामा जक तर पर प रवतन लाया है वसाय और गत तर। मैक वेल के अनुसार ड जटलीकरण क या को वह या जसके ारा के प म प रभा षत कया गया है सभी पाठ को एक एकल दो आधार कोड म प रव तत कया जा सकता है और एक ही या साझा क जा सकती है उ पादन वतरण और भंडारण । ड जटल मी डया साम ी को ड जटल के मा यम से बनाया वत रत और संशो धत कया जा सकता है उपकरण जो कु छ ऐसा है जो इसे पारंप रक मी डया से अलग करता है। सवा धकार सुर त © मनीष वमा अ धक नोट् स के लए hps manishvermaofficial.com पर जाएँ Machine Translated by Google ड जटल मी डया का भाव ड जटल मी डया ने समाज को सकारा मक और नकारा मक दोन तरीक से भा वत कया है सकारा मक भाव नकारा मक भाव समाचार और जाग कता म गलत खबर और झूठ जानकारी व ास और एकता बढ़ाने के लए गोपनीयता सुर ा मु े श ा और सीखने म सोशल मी डया का भाव मनोरंज न के े म

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