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ह द िं ी सीआईए-1 मो नजोदडो और डप्पा सभ्यता: सभ्यता की पररभाषा (Meaning of civilization): सभ्यता जटिल सामाजजक संरचनाओं, शहरीकरण, तकनीकी प्रगतत और सांस्कृततक उपलजधियों द्वारा चचजननत मानव सामाजजक ववकास के एक उन्नत...

ह द िं ी सीआईए-1 मो नजोदडो और डप्पा सभ्यता: सभ्यता की पररभाषा (Meaning of civilization): सभ्यता जटिल सामाजजक संरचनाओं, शहरीकरण, तकनीकी प्रगतत और सांस्कृततक उपलजधियों द्वारा चचजननत मानव सामाजजक ववकास के एक उन्नत चरण को संदर्भित करती है । भारत की प्रमुख सभ्यताएँ (Types of Civilizations): ससिंधु घाटी सभ्यता ( डप्पा सभ्यता): 3300 ईसा पूवि से 1300 ईसा पूवि तक समद् ृ ि, शहरी तनयोजन और व्यापार के र्लए जानी जाती है । वैहदक सभ्यता: 1500 ईसा पव ू ि के आसपास उभरी, जो वैटदक ग्रंथों और प्रारं र्भक टहंद ू िमि की ववशेषता थी। मौयय साम्राज्य: 322 ईसा पूवि में चंद्रगुप्त मौयि द्वारा स्थावपत, जो अशोक द्वारा बौद्ि िमि के प्रचार के र्लए जाना जाता है । गुप्त साम्राज्य: 320 ईस्वी से 550 ईस्वी तक, जजसे ववज्ञान, गणणत और कला में प्रगतत के र्लए भारत का "स्वणि युग" कहा जाता है । मो नजोदडो (Mohenjo- Daro) मोहनजो-दारो वतिमान पाककस्तान के र्संि प्रांत में र्संिु नदी के ककनारे जस्थत है । यह प्राचीन र्संिु घािी सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) के प्रमुख शहरी केंद्रों में से एक है , जो अपने सुतनयोजजत लेआउि और उन्नत वास्तुकला के र्लए जाना जाता है । मो नजोदडो सभ्यता का म त्व एविं ववशेषताएँ: र्संिु घािी सभ्यता के सबसे महत्वपण ू ि प्राचीन शहरों में से एक, मोहनजो-दारो का ऐततहार्सक और पुराताजत्वक महत्व बहुत अचिक है । नीचे कुछ बबंद ु टदए गए हैं जो इसके महत्व और ववशेषताओं पर प्रकाश डालते हैं: म त्त्व: 1.श री योजना और वास्तुकला(Urban Planning and Architecture): मोहनजो-दारो की शहरी योजना को उन्नत माना जाता है क्योंकक इसे चग्रड पैिनि वाली सड़कों, मानक ईंि आकार और जल तनकासी की जटिल प्रणार्लयों में डडजाइन ककया गया था।शहर के बबल्डरों ने बहुमंजजला इमारतें , सुव्यवजस्थत आवास स्थान, साविजतनक स्नानघर और गोदाम बनाए जो अत्यचिक संगटित नागररक जीवन का संकेत दे ते हैं। 2.उन्नत इिंजीननयररिंग(Advanced Engineering): मोहनजो-दारो का महान स्नानघर इंजीतनयररंग का एक उल्लेखनीय नमन ू ा है जो िार्मिक स्नान अनष्ु िानों में इसकी भर्ू मका का सझ ु ाव दे ता है । शहर में एक ववस्तत ृ भूर्मगत सीवेज प्रणाली थी जजसमें मुख्य सड़कों पर ढकी हुई नार्लयााँ शार्मल थीं जो स्वच्छता और साविजतनक स्वास््य दे खभाल के बारे में प्रारं र्भक ज्ञान का संकेत दे ती थीं। 3.आर्थयक गनतववर्धयाँ(Economic Activities): ऐसा कहा जाता है कक मोहनजोदड़ो सबसे बड़े व्यापाररक केंद्रों में से एक था,जजसके मेसोपोिार्मया, फारस और मध्य एर्शया तक व्यापक व्यापार संबंिोंके संकेत थे।मुहरें , बाि माप जैसी कलाकृततयााँ हैं जो उच्च स्तर के व्यावसायीकरण या व्यापार ववशेषज्ञता को दशािती हैं। 4.सामाजजक सिंगठन(Social Organization): बड़ी साविजतनक संरचनाओं से लेकर छोिी आवासीय इकाइयों तक ववर्भन्न प्रकार की इमारतों की उपजस्थतत, ववर्शष्ि सामाजजक वगों के साथ एक सुव्यवजस्थत समाज का सुझाव दे ती है । 5.सािंस्कृनतक योगदान(culture contribution): मोहनजो-दारो में पाई गईं कलाकृततयााँ, जजनमें र्मट्िी के बतिन, मूततियााँ और आभष ू ण शार्मल हैं, एक समद् ृ ि सांस्कृततक जीवन को दशािती हैं। मह ु रों और र्मट्िी के बतिनों पर पाई जाने वाली अस्पष्ि र्लवप उनकी भाषा और प्रशासतनक प्रथाओं की जटिलता के बारे में जानकारी प्रदान करती है । ववशेषज्ञता: 1. म ान स्नान (Great bath): यह मोहनजो-दारो में सबसे लोकवप्रय संरचनाओं में से एक है , और इसकी लंबाई लगभग 12 मीिर, चौड़ाई 7 मीिर और गहराई 2.4 मीिर है ।इसे जलरोिी ईंिों से बनाया गया था, जजससे पता चलता है कक इसका उपयोग संभवतः अनुष्िातनक स्नान के र्लए ककया जाता था, जजससे पता चलता है कक उनकी िार्मिक मान्यताओं में पानी का ककतना महत्व है । 2.अन्न भिंडार और गोदाम (Granaries and Warehouses): बड़े खर्लहान प्रचुर कृवष उत्पादन और भंडारण सुवविाओं के प्रमाण हैं जो एक सुव्यवजस्थत खाद्य आपूतति प्रणाली का सुझाव दे ते हैं। 3. मानकीकृत ननमाय (standardize construction): उदाहरण के र्लए, सभी इमारतों में मानकीकृत पकी हुई ईंिों के उपयोग से पता चला कक उन्हें तनमािण के साथ-साथ मानकीकरण की भी समझ थी जो उनके यग ु से आगे थी। 4. ववकससत सीवेज प्रणाली (Sophisticated Drainage System): ढकी हुई नार्लयों का एक नेिवकि व्यजक्तगत घरों को इस जटिल प्रणाली से जोड़ता है जो उस समय के तनवार्सयों द्वारा स्वच्छता और शहरी बुतनयादी ढांचे के उन्नत ज्ञान का संकेत दे ता है । 5. कलाकृनतयाँ और मु रें (Artifacts and Seals): उनके पास जानवरों, पौराणणक प्राणणयों और संभवतः कुछ र्शलालेखों के साथ कई मुहरें हैं जो व्यापार प्रथाओं, िार्मिक ववश्वासों या प्रशासतनक प्रणार्लयों के बारे में जानकारी दे ती हैं। मुहरों में अक्सर अस्पष्ि र्लवप होती है जो उनके र्लणखत संचार में साज़िश का एक तत्व जोड़ती है । मो नजो-दारो से सीख: मोहनजो-दारो र्संिु घािी सभ्यता का एक प्रमुख शहर था, जो शहरी तनयोजन और र्सववल इंजीतनयररंग में शुरुआती प्रगतत को दशािता था। शहर का चग्रड जैसा लेआउि, उन्नत जल तनकासी प्रणार्लयााँ और मजबूत इमारतें उच्च स्तर की योजना और सामाजजक संगिन का संकेत दे ती हैं। मुहरें , र्मट्िी के बतिन और मूततियााँ जैसी कलाकृततयााँ एक जीवंत सांस्कृततक और आचथिक जीवन को प्रकि करती हैं। ककलेबंदी की अनुपजस्थतत से पता चलता है कक समाज अपेक्षाकृत शांततपूणि था। महान स्नान अनुष्िान प्रथाओं की उपजस्थतत का सुझाव दे ता है । शहर में पाए गए मानकीकृत बाि और माप एक संगटित व्यापार प्रणाली को उजागर करते हैं, जो वाणणज्य में इसके महत्व को दशािता है । 1. मोहनजोदड़ो शहर का सात बार पुनतनिमािण ककया गया क्योंकक यह शहर बाढ़ के खतरे के र्लए जाना जाता था। 2. मोहनजो-दारो में खोजे गए खंडहर अब यूनेस्को ववश्व िरोहर स्थल हैं। 3. मोहनजो-दारो में पाई गई सबसे बड़ी संरचना ग्रेि बाथ है , जो एक सामुदातयक स्नान क्षेत्र है । मो नजोदडो म ान स्नान ववकससत सीवेज प्रणाली डप्पा सभ्यता (Harappan civilization) हड़प्पा सभ्यता, जजसे र्संिु घािी सभ्यता के रूप में भी जाना जाता है , मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पजश्चमी क्षेत्रों में ववकर्सत हुई, जो वतिमान पाककस्तान और उत्तर-पजश्चम भारत के आसपास केंटद्रत थी। डप्पा सभ्यता का म त्व एविं ववशेषताएँ: म त्त्व 1.प्रारिं सभक श रीकरण(Early Urbanization): हड़प्पा सभ्यता शहरी जीवन के पहले ज्ञात उदाहरणों में से एक है । उन्होंने स्पष्ि संरचना वाले सुतनयोजजत शहर बनाए, जटिल सामाजजक प्रणार्लयााँ बनाईं और अपने समय के र्लए उन्नत प्रौद्योचगककयों का उपयोग ककया। 2.व्यापार और अथयव्यवस्था(Trade and Economy): हड़प्पा के शहर प्रमुख व्यापाररक केंद्र थे। उन्होंने मेसोपोिार्मया, मध्य एर्शया और फारस की खाड़ी जैसे स्थानों के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार ककया। कपास, मोती, िातु और र्मट्िी के बतिन जैसी वस्तुओं का आदान- प्रदान ककया गया। उन्होंने मानकीकृत बािों और मापों का भी उपयोग ककया, जजससे पता चलता है कक उनके पास एक सुव्यवजस्थत आचथिक प्रणाली थी। 3. लेखन प्रणाली(Writing System): हड़प्पावार्सयों ने लेखन के शुरुआती रूपों में से एक ववकर्सत ककया, जो मुहरों और र्मट्िी के बतिनों पर पाया गया। हालााँकक हमने अभी तक उनकी र्लवप को नहीं समझा है , लेककन इससे पता चलता है कक उनके पास संचार और ररकॉडि रखने की एक जटिल प्रणाली थी। 4.सािंस्कृनतक और तकनीकी योगदान(Cultural and Technological Contribution): हड़प्पा ने कला, र्शल्प और प्रौद्योचगकी में महत्वपूणि योगदान टदया। वे उपकरण, र्मट्िी के बतिन और आभूषण बनाने में उत्कृष्ि थे, और उनके शहर के लेआउि और जल तनकासी प्रणार्लयााँ बहुत उन्नत थीं। इन नवाचारों ने बाद की कई संस्कृततयों को प्रभाववत ककया। 5.कृवष पद्धनतयाँ(Agricultural Practices): हड़प्पावासी कुशल ककसान थे। उन्होंने र्संचाई और फसल चक्र जैसी तकनीकों का इस्तेमाल ककया और गेहूं, जौ और कपास जैसी फसलें उगाईं, जो उनकी खाद्य आपतू ति और व्यापार के र्लए आवश्यक थीं। डप्पा सभ्यता से सीख: आिुतनक पाककस्तान और उत्तर-पजश्चम भारत में फैली हड़प्पा सभ्यता, शहरी तनयोजन, व्यापार और सामाजजक संरचना में प्रारं र्भक प्रगतत पर प्रकाश डालती है । हड़प्पा के शहर सुव्यवजस्थत सड़कों, पररष्कृत जल तनकासी प्रणार्लयों और मानकीकृत ईंि के आकार के साथ अच्छी तरह से तनयोजजत थे, जो मजबूत केंद्रीय शासन को दशािते थे। मेसोपोिार्मया जैसे सुदरू क्षेत्रों में पाए जाने वाले हड़प्पा के सामानों से व्यापक व्यापार नेिवकि का पता चलता है । हालााँकक उनकी र्लवप अभी तक समझ में नहीं आई है , लेककन यह जटिल प्रशासन और संचार को इंचगत करती है । र्मट्िी के बतिन, मुहरें और आभूषण जैसी कलाकृततयााँ एक समद् ृ ि कलात्मक और सांस्कृततक जीवन को दशािती हैं। ववर्भन्न स्थलों पर मानकीकृत बािों और मापों की उपजस्थतत एक सुव्यवजस्थत आचथिक प्रणाली की ओर इशारा करती है । 1.हड़प्पा सभ्यता में लोगों द्वारा उगाई जाने वाली फसलों के कुछ उदाहरणों में शार्मल हैं: अंगूर, खजूर, खरबूजे, सरसों, मिर। 2.हड़प्पा सभ्यता के लोग प्राचीन मेसोपोिार्मया के लोगों के साथ कपास, िातु और ववदे शी जानवरों जैसी चीजों का व्यापार करते थे। 3.ऐसा माना जाता है कक हड़प्पा सभ्यता के लोगों ने बिनों का आववष्कार ककया था, वे सीवपयों(shell) से बनाए गए थे। डप्पा सभ्यता बटन व्यापार (धात)ु SUBMITTED BY: NAME: SARTHAK GUPTA CLASS: 2 BCOM H REG NO: 23SJCCC766

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