Summary

This document discusses various types of charts and diagrams used to visualize statistical data, including distribution maps, bar graphs, line graphs, and pie charts. It provides examples and guidelines for creating these visual representations. The document covers different types of diagrams, including one-dimensional, two-dimensional, and three-dimensional visualization methods.

Full Transcript

# साख्यिकीय आँकड़ी का वितरण ## आरेख * **वितरण मानचित्र** **विथियाँ होती है।** * **मनारेख** * (i) * (ii) * (iii) * (iv) * **आलेख** ## आरेख व बनाने के नियम * **उपर्युक्त विधि का चयन** * **उपर्युक्त मापनी का चयन** * **शिर्षक** * **संकेत** * **शुभ एवं आकर्षक चित्रों की सा ।** * **आरेख की...

# साख्यिकीय आँकड़ी का वितरण ## आरेख * **वितरण मानचित्र** **विथियाँ होती है।** * **मनारेख** * (i) * (ii) * (iii) * (iv) * **आलेख** ## आरेख व बनाने के नियम * **उपर्युक्त विधि का चयन** * **उपर्युक्त मापनी का चयन** * **शिर्षक** * **संकेत** * **शुभ एवं आकर्षक चित्रों की सा ।** * **आरेख की स्ना** -> किसी आरेख की स्ना में अधिक से अधिक तीन मापों या विमाओ की जाती है। * **लंग्बाई** * **गेड़ाइ** * **ऊँचाई** ## आरेखी के प्रकार **इस प्रकार आरेख के तीन भेद होते है →** * **एकविमीय आरेख** - जिन आरेखोकी रचना में केवल एक माप की मापनी के अनुसार गणना होती है। जैसे- लंग्बाई " * **उदाहरण** * **रेखा** * **दण्ड आरेख** * **पिरामिड आरेख** * **जल सतक जारेख** * **निविमीय आरेख** -> मापों में दों मापों अर्थात इन मापों मूल्य इकाई वर्ग आरेख लठ व गैर दोनी की क्षेत्रफल के द्वारा दिए * **उदाहरण** * **क्लॉक आरेख** * **आयताकार आरेख** * **साध्गरण आयताकार** * **विभाजित आयताकार** * **क्र एवं व्रतारेख** * (i) * (ii) * (iii) * (iv) * (v) * **वलय आरेख** * **त्रिविमीय आरेख** - इन जातखों में ल० व ऊँ० तीनो भागों की गणना करके क्षेमकल के द्वारा दिए हुए मूल्य को प्रदर्शित करते है। * **उदाहरण** * **गोलीय आरेख** * **ब्लॉक पुंज आरेख** ## रेखीय आरेख जब मूल्यों की संख्या अधिक होती है, तो उनका मुलनात्मक अध्ययन करने के लिए **रेखा आरेख** बनाया जाता है। **भारत में निम्नलिखित आकड़ों को रेखा आरेख द्वारा प्रदर्शित कीजिए प्रतिः व्यक्ति आय ( रूपमें में)** | राज्य | प्रतिः व्यक्ति आय ( रूपमें में) | |---|---| | महाराष्ट्र | 2278 | | गुजरात | 1903 | | तमिलनाडु | 1623 | | हिमाचल प्रदेश | 1350 | | कनटिक | 1317 | | आन्ध्रप्रदेश | 1267 | | पं. बंगाल | 1130| | ऊतर प्रदेश | 981 | | असम | 960 | | राजस्थान | 913 | | उड़ि‌सा | 843 | | मध्यप्रदेश | 826 | | पंजाब | 422 | ## दण्ड आरेख **[ Bas diagram ] - उपल की रचना: ** विधि बहुत कुछा रेखा आरेखा के समान होती है, अन्तर केवल इतना है, कि इनमें भिन्न-भिन्न मूल्यों को सरल रेखामों के उष्वधिर अथवा क्षैतिज स्तम्भों के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। है। इन पारेखों को आरेख बनात समय निम्नलिखित नियमों का पालन करना आवश्यक है:- * **सभी स्तम्भ या दण्ड़ो की मोटाई एक समान होनी चाहिए।** * **दड़ी की मोटाई निश्चित करने की कोई विशेष नियम नहीं है। फिर भी पद पुष्यों की संख्या, आकार को ध्यान में रखते हुए दण्ड को इतना मोटा बनाना चाहिए कि आरेख देखने में आकर्षक प्रतीत हो। ** * **आरेख में सभी दण्ड़ समान दूरी के अन्तर पर बनाने गरिए यह दूरी दण्ड की मोटाई से कुद्दा कम रखते है।** * **सदैव दण्ड़ो ** प्रदर्शित कीजिए ? **प्रश्न ** (2) निम्नलिखित ऑ‌ड़ी को सरल एड़- सारखे की मारा कुर | राज्य | घनत्व (प्रति वर्ग कि. पी.) | |---|---| | भारत | 194 | | आन्ध्रप्रदेश | 254 | | असम् | ५०२ | | बिहार | 291 | | छास्पाणा | 654 | | केरल | 204 | | महाराष्ट्र | 331 | | पजाब | 371 | | तमिलनाडु | 377 | | ऊतर प्रदेश | 614 | ## मिश्रित एङ आरेख ( Compaund Bar, Diagram ] :- गुणों के योग। है। क्योकिं इसमें एक तपा होता है, मिश्रित दण्ड आरेख बनाते समय उनके गुणों की मात्रा का दशानाछी दण्ड को विभाजित किया जाता है। जब एक स्थानू डी या समयू के विभिन्न गुणों के योग होता है, मिश्रित दण्ड आरेख बनाते समय उनके गुणों की मात्रा का दशानाछी दण्ड को विभाजित किया जाता है। भारत में लौडा - इस्पात उत्पादन 1978-79 | | प्लाट | विक्रय योग्य इस्पात | कच्चा - लौदा | माग | |---|---|---|---|---| | भिलाई | 61.3 | 4.8 | 67.3 | 18.5 | | टिस्को | 22.0 | 1.2 | 18.7 | 6.0 | | बोकारा | 18.7 | 15.1 | 12.0 | 46.5 | | राऊरकेला | 12.0 | 9.3 | 13-2 | 33.8 | | दुगापुर- | 19.6 | 6.0 | 19.6 | 27.0 | ## इकाई वर्ग आरेख -> मूल्यों के अनुसार दिए-गए मूल्यों के बराबर इकाई वर्गो की सख्या मात कर लेते है Q. (6) निम्नलिखित आँकड़ी को ईकाई - वर्ग आरेख कारा प्रदर्शित कीजिए- -> | | अनाज | उत्पादन (मिलियन - रन) | |---|---|---| | भारत में अनाज उत्पादन 1978-89 | गवल | 53.5 | | | गेहूँ | 35.0 | | | ज्वार | 17.5 | | | मक्का | 16.5 | | | वाजरा | 5.5 | | | जौ | २.० | ## वर्गाकार वबाँक आरेख * की जाती है। * आरेख में प्रत्येक मूल्य तथा इस वर्गाकार ब्लॉक वर्ग है। * भिन्न भिन्न मूल्यों को प्रकट करन पूरी बनाया जाता है। * तथा समान क्षैतिज रेखा में @ (9) पर अयेग- अलग - के लिये - केवल एक वर्ग की भूजा- मापनी के अनुसार करने वाले आरेख में बनाया जाता है। एक-दूसरे के भीतर - वर्गाकार वलॉक - आरेख बनाइये । जांकड़ों की सहायता से एक वर्गाकार वर्ग का क्षे० निम्न आंकड़ों की में भारत → अनाज उत्पादन - ज्ञात 1978-89 | अनाज | उत्पादन ( भिन्छन) | वर्ग का क्षे० | वर्ग की भुजा क्षे | |---|---|---|---| | गवल | 53.5 | 26.75 | 5,17 | | गेहूँ | 35.0 | 17.5 | 4.1 | | ज्वार | 11.5 | 5.75 | 2-3 | | मक्का | 6.5 | 3.3 | 1.8 | | बाजरा | 5.5 | 2.75 | 1.6 | | जौ | २.० | 1.0 | 1 | ## आयताकार आरेख :- * के रखा जाता है। * मारा जो प्रकट करते है। **अनुपात तथा इन आरेखी में दिए गए मूल्यों को जायतों **भिन्न-भिन्न आयतों के क्षेत्रफलों में कही अनुपात** में होता है। **आयतकार आरेख** (i) **साध्गरण आयताकार** (ii) **विभाजित आयताकार** 20 (8) fe गए • आँकड़ो **आँकड़ी को एक साधारण आयताकार आरेख आरा प्रद‌र्शित कीजिए।** भारत में अनाज उत्पादन | अनाज | उत्पादन मिलियन (टन) | आपातक서 복원제도) | अनुसार) | आयत की | |---|---|---|---|---| | गवल | 53.5 | 53.5 | 10x5.35 | 442.85 | | गेहूँ | 35.0 | 35.0 | 7x5 | 35 | | ज्वार | 11.5 | 11.5 | 442.85 | 11.5 | | मक्का | 6.5 | 6.5 | 3x2.16 | 6.5 | | नाजरा | 5.5 | 5.5 | 2.5 x २.२ | 5.5 | | जौं | 2.5 | 2.5 | 1.5 x 1.6 | 2.5 | ## विभाजित / मिश्रित प्रायताकार आरेख :- मिश्चित दण्ड बनाकर यें आरेख मिश्रित दण्ड आरेंखो के जैसे होते है अन्तर केवल रतना होता है। होते. है अन्तर केवल वर्ष के लिए अलग-अलग दण्ड बनायें जाते है। जबकि यहाँ केवल एक आरेख में भायत व प्रकार आरेख में आमत व उसके विभाजित आयतकार आरेखो में प्रत्येकोर स्थान या उसे उपविभाजित करते है: तथा विभाजित आयतकार उसके विभिन्न उप- विभागों के क्षेत्राभूल दिए हुए मूल्यों के अनुपात में होते है। इन आरंखी को पृखला के रूप में नही बनाया जाता है। इसकी रचना उस दिशा में करते है। जब किसी संख्या साथ या छि मूल्य के विभिन्न उप विभागो का तुलनात्मक चित्रण करना आवश्यक न होता की। ०.७) निग्न आँकड़ी को विभाजित क्षेत्रकल भारत में प्रमुख 4 मारा प्रदर्शित कीजिए। | | खाध फसलों के अन्तर्गत क्षेत्रकल | पैमाना के अनुसार निकल) | क्षेत्रफल) | |---|---|---|---| | 1978 | अनाज | 40 | 2.87 | 2.75 | | | गवल | 20 | 2.75 | 2.0 | | | दाले | 23 | 2.0 | 1.37 | | | गेहूँ | 11:5 | 1.37 | 0.75 | | | ज्वार | 22 | 1.1 | 0.35 | | | बाजरा | 11 | 3.5 | 0.25 | | | मक्का | 6 | 2 | 0.62 | | | रागी | 3 | 1 | 0.25 | | | जौ | 2 | 1 | 0.25 | | | अन्य | 1 | 0.62 | 0.25 | | | योग | 128 | 64 | 0 | ## एक वृतारेख जिस प्रकार किसी फुच के अनुपात संख्या का कुल योग घटको के मूल्यों के अनुपात प्रकट कर दिया जाता है। ठीक उसी प्रकार ## वृतारेख बनाने की विधि अंशों में मे विभाजित कर वाले किसी वृत्त के क्षेत्रफल के उस करने करने वाले बांट देते हैं। के क्षेत्रफल दिये हुए मूल्यों या वृतारेख में चक्र वृत्त के क्षेत्रफल के उस संख्या के विभिन्न उपविभागों "विभाजित वृत. "आरेख भी कहा जाता है। बहुत सरल अलग- अलग - या है। इसके बाद उस उस संख्या के भिन्न-भिन्न उपविभागो या घटको मान ज्ञात करते है। उपविभाग का अंगो का मान ⇒ संख्या उपविभाग का कुल का वास्तविक मान योग X 360 **निम्नलिखित आँकड़ी को हतारेख के द्वारा प्रदर्शित कीजिये ?** भारत में भूमि उपयोग | | भूमि का वर्गीकरण | क्षेत्रफल (करोड़, डेक्स्पर) | |---|---|---| | (ⅰ) | वन | 6.68 | | (iⅱ) | कृषि के लिए अप्रयाप्त भूमि | 3.95 | | Qij | परती के अतिरिक्त अन्य महष्ट भूमि | 4 | | (iv) | परती भूमि | 3.36 | | (ⅴ) | कृष्ट भूमि | २.५० | | (vi) | योग | 14.02 | | (vii) | + | 30.41 | ## त्रिविमीय आरेख :- त्रिविमीय आरेख में में ल० ल० चैव चैव ७० कि तीनो विस्तारी का प्रयोग होता है। अत्याति दिए गए झूल्यों मूल्यों घनो घनो ब्लॉक ब्लॉक गोलो गोली आदि आदि के के आय आयतन के अनुपात् में प्रदर्शित किया जाता है। अपति त्रिविमिय आरेखों को आरेख कहते है। इस प्रकार के आरेख उस मूल्यों में आयतन अन्तर बहुत आयतन होता है। ## गोलीय आरेख :- गए दिशा में बनाया जाता है जब दिए हुए पुष्यों के अनुपात में ऐसे गोले बनाये जाते है, गोलिय आरेखो में दिए गए में डो जनसंख्या का इसे प्रकार के गोले जिनका दिए मूल्यों के अनुसार बड़े नगरो कि जनसख्या प्रदर्शित करके गरी प्रायः ७. (12) निम्नलिखित निम्नलिखित आँकड़ी आँकड़ी को को गोलिय आरेख वितरण प्रदर्शित करने वाले जाते है। **ननार** **बारा प्रदर्शित कीजिए।** **भारत के महानगरीय शहरो की जनसख्या** **विन्दु‌कित** **-1989** | महानगर | जनसख्या निकटम् | गोल की त्रिज्या | |---|---|---| | कलकत्ता | 91.66 | 2 cm | | मुंबई | 82.03 | 2 | | दिल्ली | 60.24 | 2 | | चेन्नई | 42.77 | 2 | | बंगलोर | 25.25 | 2 | | डॅदराबाद | 25.66 | 2 | | अहमदाबाद | 25.15 | 2 | | कानपुर | 16.85 | 2 | | पुणे | 16.85 | 2 | | जयपुर | 10.05 | 2 | ## घन - आरेख / पनाकार :- अन जारेखी में दिए गए मूल्यों को कनों के अपनों में की ## उसके ## पश्गत ## अनुषार ## अधिकतम् ## न्यूनतम् ## मान गए ## अनुपात ## वाले ## मूल्यों के घनू मूलो में होता है। ## की भूजा को सुविधा ## घनमूल ## निश्चित करके शेष घनों में प्रत्येक की ## जाता है। जो दिए ## को ## प्रकट ## करने वाले ## भूजा ## करते है। ## ज्ञात ## घन **निम्नलिखित आंकड़ी को घन आरेख जारा प्रदर्शित कीजिए।** ⇒ भारत में प्रमुख खनिजों के अनुमानित सिंचित भण्डार (करोड़ टन) ∈ | खनिज | सिंचित भण्डार | घनमूल | |---|---|---| | कोयला | 8577 | 20.4 | | लोका - अयस्क | 2300 | 13.2 | | नाक्सारङ | 2.50 | 6.2 | | ताबा | 64 | 4 | | सीसाः जस्ता | 27 | 3 | | मैग्नीज | 3 | 2 | ## पिरॅमिड आरेख [ Freamid Diagram ] :- अतः इन्दै पिरॅमिड़ आरेख के आयुवर्ग तथा नाम से जाना लिंग के अनुसार जनसंख्या आँकड़े आरेख बनायें जाते है। परख्नु * रचना * इन आरेखी की आहात पिरॅमिड़ के जाता है। सत्ता के आँकड़ी प्रदर्शित करने के लिए प्रायः या साक्षरता समान होती है। इस प्रकार के दिन के आँकड़े प्रदरिति के लिए इन मॉकड़ी का प्रयोग किसी देश के आयात नियति के वस्तु उत्पादन किया जाता है। 19 - हे जापार पर पिरॅमिड पारेख तीन प्रकार के होते है सरल पिरेमिड Gi आरेख आव्यारोपित पिरॅमिड- आरेख मिश्रित आरेख । (ⅰ) सरल पिरॅमिड आरेख :- किसी एक स्थान मा वर्ष से सम्बन्धित दिरेभिङ तरल पिरॅमिड़ आरेख" कह‌खाते हैं। **निम्नलिखित आँकड़ी को सरल पिरॅमिड या आलेख जारा प्रकट कीजिए ?** 1 **उत्तरप्रदेश में आयुवर्ग व लिंग के अनुसार जनसंख्या** | | जनसंख्या का प्रतिशतुल्य(%) उनी 1981 | |---|---| | (1) 0-4 | 7 | 6.8 | | (3) 5-9 | 6.8 | 6.3 | | (3) 10-14 | 6.2 | 5.5 | | (4) 15-19 | 5.8 | 4.4 | | (5) 20-24 | 4.7 | 4.3 | | (6) 25-29 | 4.6 | 3:5 | | (7) 30-34 | 3.9 | 3.4 | | | पुरन्ष | स्त्री | |---|---|---| | (8) 3.5-49 | 3.4 | 3.0 | | (9) 40 - 44 | 3.0 | 2.6 | | (10) 45-49 | 2-6 | २-२ | | (11) 50-54 | 2.1 | 8.1 | | (12) 55-59 | -1.6 | 1.4 | | (13) 60 ١٠٥ -64 | 1.0 | 1.0 | | (14) 65-69 | 0-7 | 0.1 | | (15) 70 से अधिक | 0.1 | 0.1 | ## आध्‌यारोपित पिरॅमिड आरेख > ## तुलना ## Superimposed pyramid diagram जब वर्षों में :- Page No.: किल्की को स्थानो की या एक ही स्थान पर भिन्न-भिन्न आय वर्ग व लिंग के अनुसार जनसख्या के आंकड़ों की करनी होती है; तो आध्यारोपित पिरॅमिड आरेख का उपयोग करते है। इन आरेखा में किसी नੂੰ ਹੈ। 品 तथा →(16 एक स्थान या वर्ष के सरल पक्ष्णन के लिए दोनों आरेखोकी आरेखो को पिरॅमिड आरेख एक-दूसरे पर आध्यारोपित वर्ग बनाये जाते अलग- अलग प्रकार के रंग निम्नलिखित आँकड़ी की अध्यारोपित पिरेमिङ आरेख द्वारा प्रकट या ध्वायाएँ कीजिए। **विकार तथा पं. बंगाल में आयुष्ण हवं लिंग के अनुसार जनसख्या - 1981** | आनुवर्ग | पुरन्ष विकार की कुल जनसंख्या %। की स्त्री | पुरुरुष कुल जनसख्या प्रतिशत् स्त्री | |---|---|---|---|---| | 010-4 | 7.8 | 7:3 | 5.5 | 6.0 | | (2) 5-9 | 6.8 | 6.0 | 5.9 | 6.1 | | 310-14 | 5.8 | 5.3 | 5.9 | 5.3 | | (9) 15-19 | 4.8 | 4.7 | 5.8 | 5.2 | | (5)20-24 | 4.0 | 3.9 | 5.5 | 4.9 | | (6) 25-29 | 3.8 | 3.7 | 5.0 | ५.२ | | 730-34 | 3.6 | 3.5 | 4.4 | 3:5 | | (8) 35-39 | ३-२ | 3.0 | 3.7 | २:१ | | (9) 40-44 | 2.8 | 2.7 | 3.1 | 2.4 | | (10) 45-49 | 2-4 | 2-3 | 9.5 | २०० | | (11) 50-54 | २-२ | 1.6 | 1.9 | 1-6 | | (12) 55-59 | I'S | 1.6 | 1-3 | 1.3 | | (13) 60-64 | 1.2 | 1.3 | ٥٠١ | 1.0 | | (14)/65-69 | 0.9 | 0.9 | 0.7 | 0.7 | | (15) 70 से अधिक | 0.2 | ०.२ | 0.1 | 0.1 | ## मिश्रित पिरॅमिड आरेख :- आयुवर्ग व लिंग के अतिरिक्त जनसख्या के अन्य लक्षणों की तुरलक तुलना करने के लिए भी पिरॅमिड आरेख आरेख इसका उदाहरण हैं. इस आरेख की तथा आरेख के भिन्न-भिन्न सौपान, मीडिया सीढियों किसी किसी भी भी स्थान या क्षेत्र की को आकृति पिरॅमिडनुमा होता है। भिन्न-भिन्न वर्षों में अबति इनकी लम्बाइयों की जनसख्या के अनुपात है। इसके सीदीनुमा प्रश्न- पश्चत पिरॅमिड कुल जनसख्या प्रकट करते है। में पूर्व निश्चित् मापनी के अनुसार ज्ञात करके सोपान के कोनो को दूसरे सोपान के कोनो से मिलाकर पारेख की एक का ख्प प्रदान * 17 निम्नलिखित आँकड़ী करते है। निम्नलिखित आँकड़ी को मिश्रित पिरॅमिड आरेख द्वारा मिश्रित पिरॅमिड केन्द्र प्रशासित बनाया जाता एक द्वारा प्रदर्शित कीजिए ? दिल्ली प्रदेश में ग्रामीणं - नगरीय जनसख्या की => वृषि - 1901 - 51 | वर्ष | कुल जनसख्या | नगरीय जनसख्या | ग्रामीण जनसख्या | |---|---|---|---| | 1901 | 405, $00 | 2,98000 | 1,97000 | | 1911 | 7, 13000 | 50,32000 | 1,81000 | | 1921 | 4,88000 | $304000 | 1,84000 | | 1931 | 6,35000 | 250 4,47000 | 1,88000 | | 1941 | 9, 17000 | 6,9900 | 2,23000 | | 1951 | 17,800 | 1430.00 | 3,6000 | | 1961 | 26,58000 | 23, 590000 | 2,99000 | | 1971 | 35,3500o- | 31,85000 | 3,50060 | | 1981 | 61,95000 | 57, 5200 | 4,43000. | ## स्थलाकृतिक पत्रकों का अध्ययन Study of Topographical Sheets बड़ी मापनियों पर बने ऐसे मानचित्र जिनमें प्रदर्शित प्रकरणों को देखकर उन लक्षणों की पहचान की जा सके। स्थलाकृतिक मानचित्र या स्थलाकृतिक अंश चित्र कहलाते है। ये मानचित्र भिन्न-भिन्न देशों के राष्ट्रीय सर्वेक्षण विभागों के द्वारा किये गये स्थलाकृतिक एवं भू- गणितीय सर्वेक्षणों पर आधारित है तथा इनमें किसी क्षेत्र में भौतिक एवं मानचित्र दोनों प्रकार के लक्षणों का प्रदर्शन होता है। स्थलाकृतिक मानचित्रों में रूढ़ चिन्हों की सहायता से विवरणो का प्रदर्शित किया जाता है। भारत में स्थलाकृतिक मानचित्रण का विकासः- आधुनिक काल में डी इनविलने तटीय मार्गो तथा यात्रियों के मार्गो का संकलन करके 1752 में प्रथम बार भारत का एक प्रमाणिक मानचित्र बनाया था। 1767 में बिटिश शासकों ने यहां भारतीय सर्वेक्षण विभाग की स्थापना की तथा मेजरजेम्स रेनल को बंगाल का प्रथम महासर्वेक्षक या सर्वेयर जनरल नियुक्त किया गया था। 1947 में पाकिस्तान तथा श्रीलंका एवं म्यांमार ने सर्वेक्षण विभागों की स्थापना हो जाने के बाद अब यह विभाग केवल भारत, भूटान के मानचित्र बनाता है। वर्तमान में यह विभाग सेना के नियन्त्रण मिनिस्ट्री ऑफ सर्टिफिकेट रिसर्च एण्ड कल्चर अफेयर्स गवर्नमेंट ऑफ इण्डिया के अधीन कार्यरत है। इसके प्रधान कार्यालय देहरादून तथा क्षेत्रीय कार्यालय कलकत्ता, बंगलौर व माउण्ट आबू स्थित है। (भारत एवं निकटवर्ती देशों की श्रृखला)

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