आर्थिक समीक्षा 2022-23 PDF

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2023

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economic_review GDP_Growth fiscal_deficit economic_indicators

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यह दस्तावेज़ भारत की आर्थिक समीक्षा 2022-23 के बारे में है, जिसमें जीडीपी वृद्धि दर, राजकोषीय घाटा, और विभिन्न देशों के लक्ष्यों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। इसमें विभिन्न आर्थिक सेक्टरों और विश्व के क्षेत्रों में भारत के स्थान पर जानकारी शामिल है।

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## आर्थिक समीक्षा 2022-23 **01 जनवरी 2023 से 01 दिसंबर 2023** **EDU TERIA** **आर्थिक समीक्षा 2022-23** - 31 जनवरी 2023 को आर्थिक समीक्षा 2022-23 संसद में प्रस्तुत किया गया। - आर्थिक समीक्षा हमेशा बजट के 1 दिन पहले प्रस्तुत किया जाता है। - आर्थिक समीक्षा 2022-23 वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सला...

## आर्थिक समीक्षा 2022-23 **01 जनवरी 2023 से 01 दिसंबर 2023** **EDU TERIA** **आर्थिक समीक्षा 2022-23** - 31 जनवरी 2023 को आर्थिक समीक्षा 2022-23 संसद में प्रस्तुत किया गया। - आर्थिक समीक्षा हमेशा बजट के 1 दिन पहले प्रस्तुत किया जाता है। - आर्थिक समीक्षा 2022-23 वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन के मार्गदर्शन में आर्थिक कार्य विभाग के आर्थिक प्रभाग द्वारा तैयार किया गया है। - Note - 1950-51 में भारत का पहला आर्थिक समीक्षा को पेश किया गया था। - 1964 तक आर्थिक समीक्षा आम बजट के साथ-साथ प्रस्तुत होता था। - 1964 के बाद इसे आम बजट के 1 दिन पूर्व पेश किया जाने लगा। **भारत की GDP में वृद्धि और राजकोषीय घाटा का अनुमान** | वित्तीय वर्ष | GDP में वृद्धि | राजकोषीय घाटा (GDP का) | |---|---|---| | 2021-22 का अनंतिम अनुमान | 8.7% | 6.7% | | 2022-23 का पहला अग्रिम अनुमान | 7.0% | 6.4% | | 2023-24 में अनुमानित | 6 से 6.8% की वृद्धि | | **विभिन्न देशों का निवल शून्य प्रतिज्ञा** | विभिन्न राष्ट्र | लक्षित वर्ष | |---|---| | भारत | 2070 | | चीन, रूस, इंडोनेशिया, साऊदी अरब | 2060 | | तुर्की | 2053 | | अमेरिका, कनाडा, अर्जेंटीना, ब्राजील | 2050 | | यूरोपीय यूनियन, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, ईटली | 2050 | | दक्षिण कोरिया, जापान | 2050 | | साउथ अफ्रीका | 2045 | | ऑस्ट्रेलिया | 2045 | | जर्मनी | 2045 | **मूलभूत कीमतों पर सकल मूल्य वृद्धि** | अर्थव्यवस्था के तीनों सेक्टर | 2021-22 में वृद्धि | 2022-23 में वृद्धि | |---|---|---| | कृषि और संबद्ध क्षेत्र | 3.0% | 3.5% | | औद्योगिक क्षेत्र | 10.3% | 4.1% | | सेवाएँ | 8.4% | 9.1% | **वर्ष 2022-23 में विश्व के विभिन्न क्षेत्र में भारत का स्थान** | विभिन्न क्षेत्र | भारत का स्थान | |---|---| | वैक्सीन निर्माण में | पहला | | दोपहिया और तिपहिया वाहनों के निर्माण में | पहला | | दुग्ध उत्पादन में | पहला | | कच्चे इस्पात के उत्पादन में | दूसरा | | मोबाइल फोन निर्माण में | दूसरा | | अंडा उत्पादन में | तीसरा | | ऑटोमोबाइल/फार्मा उद्योग में | तीसरा | | यात्री गाडियों के निर्माण में | चौथा | | रेलवे नेटवर्क में | चौथा | | विदेशी मुद्रा भंडार में | छठा | | विश्व व्यापार के सेवा निर्यात में | सातवाँ | | माँस | आठवाँ | | विश्व व्यापार के सेवा आयात में | दसवाँ | ### **आर्थिक समीक्षा To The Point** - आर्थिक समीक्षा 2022-23 कुल 12 अध्यायों में बाँटकर दिया गया है। **अध्याय 1. अर्थव्यवस्था की स्थिति 2022-23 - पूर्ण सुधार** - वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.0 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। - आर्थिक समीक्षा के अनुसार 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए शहरी बेरोजगारी दर सितम्बर 2021 तक 7.2% हो गई थी। | विभिन्न एजेंसियाँ | विकास दर | विभिन्न एजेंसियाँ | विकास दर | |---|---|---|---| | ADB | 7% | IMF | 6.8% | | Moody | 7% | RBI | 6.8% | | Fitch | 7% | SBI | 6.8% | | World Bank | 6.9% | OECD | 6.6% | - नोट:-इन सभी एजेंसियों द्वारा भारत का औसत विकास दर 6.9% अनुमानित किया है। - क्रय शक्ति समता (PPP) के अनुसार भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और बाजार विनिमय दरों में पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। **अध्याय 2. भारत का मध्यावधि विकास परिदृश्य- आशावादी तथा विश्वसनीय** - यह अध्याय यह दर्शाता है कि महामारी पूर्व वर्षों की तुलना में अब भारत का विकास परिदृश्य बेहतर नजर आ रहा है. और भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में अपनी पूरी क्षमता के साथ विकसित होने के लिए तैयार है। - सरकार के अनुसार 2019 के राष्ट्रीय अवसंरचना पाइप लाइन (NIP) और 2021 के राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन (NMP) से बुनियादी ढाँच के निर्माण और विकास के लिए एक मजबूत आधार लेखा तैयार की गई है। **अध्याय 3. राजकोषीय विकास- राजस्व सुधार** - अप्रैल-नवम्बर 2022 के दौरान सकल कर राजस्व में 15.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई. जो कि प्रत्यक्ष करों और अप्रत्यक्ष कर (GST) में दमदार वृद्धि से संभव बना है। | वर्ष | औसत मासिक सकल GST संग्रह | |---|---| | FY21 | 1.3 लाख करोड़ | | FY22 | 1.49 लाख करोड़ | | FY23 | 1.72 लाख करोड़ | - वर्षों में औसत मासिक सक्ल GST संग्रह में अप्रत्याशित वृद्धि दिखी - चालू वित्त वर्ष के दौरान राजस्व व्यय की आवश्यकता काफी अधिक रहने के बावजूद केन्द्र सरकार ने पूँजीगत व्यय पर विशेष जोर दिया। - सरकार की पूँजीगत व्यय आधारित विकास रणनीति से भारत में विकास दर एवं ब्याज दर के बीच के अंतर को धनात्मक रखने में मदद मिलेगी जिससे आने वाले वर्षों में ऋण जीडीपी अनुपात को एक दायरे में रखना संभव हो पाएगा। **अध्याय 4. मौद्रिक प्रबंधन और वितीय मध्यस्थता - एक अच्छा वर्ष** - आरबीआई ने पॉलिसी रेपो दर में संचयी तौर पर 225 आधार अंकों की वृद्धि की। - सकल गैर-निष्पादित संपत्ति अनुपात (GNPA) घटकर पिछले सात वर्षों के नीचले स्तर 5 प्रतिशत पर पहुँचा। - भारत ने वित्त वर्ष 2023 (अप्रैल-दिसंबर) में घरेलू शेयर बाजार प्रदर्शन में अपने समकक्षों को पीछे छोड़ा। **अध्याय 5. कीमतें और मुद्रास्फीति- माजुक परिस्थितियों पर कामयाबी** - भारत में खुदरा महंगाई दर अप्रैल 2022 में बढ़कर 7.8 प्रतिशत के शिखर पर पहुँच गई लेकिन इसके बावजूद पूरी दुनिया में न्यूनतम में से एक रही। - सरकार ने घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और महँगाई रोकने के लिए बहुआयामी रणनीति अपनाई जो निम्नलिखित है- - प्रमुख कच्चे माल-फेरोनिकल, कोकिंग कोल इत्यादि पर आयात शुल्क को घटाकर शून्य कर दिया। - पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में चरणबद्ध कटौती की गई। - कपास पर सीमा शुल्क माफ कर दिया गया। - गेहूँ के निर्यात पर रोक लगा दी गई। **अध्याय 6. सामाजिक अवसंरचना और रोजगार - प्यापक व्यवस्था** - जीवन के बेहतर गुणवत्ता के लिए सरकारी व्यय में वृद्धि की गई। - स्वास्थ्य क्षेत्र पर केन्द्र एवं राज्य सरकार का अनुमानित व्यय बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी का 2.1 प्रतिशत हो गया। - बाल मृत्यु दर (IMR). 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (USMR) और नवजात शिशु मृत्यु दर (NMR) में निरंतर गिरावट दर्ज की गई है। - 4 जनवरी, 2023 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत लगभग 22 करोड़ लाभार्थियों का सत्यापन किया गया है। - आयुष्मान भारत के तहत देश भर में 1.54 लाख से भी अधिक स्वास्थ्य एवं वेलनेस केन्द्रों को चालू किया गया है। - आर्थिक समीक्षा में प्रकाश डाला गया है कि यूएनडीपी के बहुयामी गरीबी सुचकांक रिपोर्ट 2022 के अनुसार भारत में 11.5 करोड़ लोग वर्ष 2005-06 से वर्ष 2019-20 के बीच गरीबी से उबर गये। - वर्ष 2023 से 2027 तक 14,500 से अधिक पीएम श्री स्कूलों का निर्माण किया जाएगा। - आर्थिक समीक्षा के अनुसार 6 जनवरी 2023 तक कोविड टीके की 220 करोड़ से भी अधिक खुराक लोगों को दी गई। - असंगठित कामगारों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया गया जिसका सत्यापन 'आधार' से होता है। - 31 दिसम्बर 2022 तक कुल मिलाकर 28.5 करोड़ से भी अधिक असंगठित कामगारों ने ई-श्रम पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। **अध्याय 7. जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण- भविष्य की तैयारी** - भारत ने वर्ष 2070 तक शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए नेट जीरों का संकल्प व्यक्त किया। - भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधनों से 40 प्रतिशत अधिष्ठापित बिजली क्षमता का अपना लक्ष्य वर्ष 2030 से पहले ही हासिल कर लिया। - भारत ने अब 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधनों से 50 प्रतिशत संचयी विद्युत ऊर्जा संस्थापित क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। - गैर-जीवाश्म ईंधनों से संभावित अधिष्ठापित क्षमता वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट से भी अधिक हो जाएगी। - इससे वर्ष 2014-15 की तुलना में वर्ष 2029-30 तक औसत उत्सर्जन दर में लगभग 29 प्रतिशत की कमी आ जाएगी। - भारत अपनी जीडीपी की उत्सर्जन तीव्रता को वर्ष 2005 के स्तर की तुलना में वर्ष 2030 तक 45 प्रतिशत कम कर देगा। - पर्यावरण के लिए जीवन शैली 'लाइफ' के रूप में जन आंदोलन शुरू किया गया। **अध्याय 8. कृषि और खाद्य प्रबंधन - खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा तक** - प्रथम अग्रिम अनुमान (2022-23) के अनुसार भारत में 315.7 मिलियन टन कुल खाद्यान्न का उत्पादन हुआ। - जिसमें खरीफ फसलों का उत्पादन 104.9 मिलियन टन अनुमानित है। - पिछले छह वर्षों के दौरान भारतीय कृषि क्षेत्र 4.6 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर से प्रगति कर रहा है। - वर्ष 2021-22 में कृषि और संबंद्ध क्षेत्र में सिर्फ 3.0 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। | FY20 | FY21 | FY22 | |---|---|---| | 5.5% | 3.3% | 3.0% | | कृषि और संबंद्ध क्षेत्र में वृद्धि | - 2021-22 के दौरान कृषि निर्यात 50.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के उच्च स्तर पर पहुँच गया। - 2018-19 के केन्द्रीय बजट में घोषणा की गई कि किसानों को सभी जरूरी फसलों की उत्पादन लागत का कम से कम डेढ़ गुणा न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जायेगा। - तद्नुसार कृषि वर्ष 2018-19 के बाद से खरीफ, रबी समेत सभी 22 फसलों के लिए MSP दिया जा रहा है। - 23 दिसंबर 2022 तक 3.89 करोड़ पात्र किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया गया। - किसान क्रेडिट कार्ड योजना का प्रारंभ 1998 से की गई थी। - भारत में 44.3 लाख जैविक किसान हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है। - परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से जैविक कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है। - 59.1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को वर्ष 2021-22 में जैविक खेती के तहत लाया गया था। - तीसरे अग्रिम अनुमान (2021-22) के अनुसार 342.3 मिलियन टन बागवानी फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। - संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च 2021 के दौरान अपने 75वें सत्र में वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा आनाज वर्ष घोषित किया था। - अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष पहल के माध्यम से भारत मोटे अनाजों को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। - वर्ष 2021-22 के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार भारत ने 50.9 मिलियन टन से अधिक मोटे आनाज का उत्पादन किया। जो एशिया के 80 प्रतिशत और वैश्विक उत्पादन का 20 प्रतिशत है। - 'सहकार- से-समृद्धि विजन को साकार कारने के लिए जुलाई 2021 में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई थी। - 2021-22 के दौरान कृषि खाद्य निर्यात का मूल्य भारत के कुल निर्यात का 10.9 प्रतिशत था। - सरकार ने 1 जनवरी 2023 से एक वर्ष के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लगभग 81.4 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। - इसके तहत सरकार अगले एक साल के लिए लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम और अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार मुफ्त में खाद्यान्न उपलब्ध कराएगी। - कोविड-19 महामारी के चलते गरीबों को हुए आर्थिक व्यवधान के कारण अप्रैल से जून 2020 की अवधि के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (चरण-I) की शुरूआत हुई थी। अभी तक इसके आगे भी विभिन्न चरणों को लागू किया जा चुका है। - चरण-VII अक्टूबर से दिसंबर 2022 को शामिल करने वाला नवीनतम चरण है। - इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अधीन लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न मुफ्त में प्रदान किया जाता है। - पीएम-किसान के अंतर्गत 11.3 करोड़ किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी गयी। - राष्ट्रीय कृषि विपणन योजना (ई-नाम) के तहत 1.74 करोड़ किसानों और 2.39 लाख व्यापारियों को शामिल किया गया। **अध्याय 9. उद्योग-स्थायी विकास** - सकल घरेलू उत्पाद के हिस्से के रूप में वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात वित्त वर्ष 2016 के बाद से सबसे अधिक रहा। - भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है। - जिसके हैंडसेट का उत्पादन वित्त वर्ष 2021 में 29 करोड़ यूनिट भारत ने कर दिया। - भारत विश्व को सबसे अधिक जेनेरिक दावाएँ उपलब्ध कराने वाला देश है, जो मात्रा के आधार पर वैधिक आपूर्ति में 20% की हिस्सेदारी रखता है। - फार्मास्यूटिकल्स/फार्मा उद्योग में भारत दुनिया में तीसरे और मूल्य के आधार पर 14वें स्थान पर है। - फार्मा उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में चार गुणा वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2019 में FDI 180 मिलियन डॉलर से बढ़‌कर वित्त वर्ष 2022 में 699 मिलियन डॉलर हो गया। - भारत विश्व के 60% बाजार हिस्सेदारी کے साथ सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता भी है। - भारत का लक्ष्य 2025 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनना है। - इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्यात में वित्त वर्ष 2019 में 4.4 बिलियन डॉलर से वित्त वर्ष 2022 में 11.6 बिलियन तक लगभग तीन गुणा वृद्धि हुई है। - वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कोयले का उत्पादन बढकर 911 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 17% अधिक है। - वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत के समेकन को और बढ़ाने के लिए मेक इन इंडिया 2.0 की शुरुआत की गई थी। यह 27 क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। जिसमें 15 विनिर्माण क्षेत्र और 12 सेवा क्षेत्र शामिल है। **अध्याय 10. सेवाएँ- है।कि का सोत** - वित्त वर्ष 2022-23 में सेवा क्षेत्र में 9.1% की दर से बढ़ने का अनुमान है। - वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का सेवा निर्यात 254.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। - वित्तीय सेवाओं को परिवर्तित करने کے लिए 75 डिजिटल बैंकिंग इकाईयों की घोषणा की गई। - विश्व निवेश रिपोर्ट 2022 के अनुसार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सेवा क्षेत्र کے सूची में भारत को सातवां सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता के रूप में दर्शाया गया है। - बीमा कंपनियों में FDI की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी गई है। - भारतीय बीमा बाजार दुनिया में 10 वाँ सबसे बड़ा है। **अध्याय 11. वैदेशिक क्षेत्र- अतर्क और आशावाल** - अप्रैल-दिसम्बर 2022 के दौरान व्यापार निर्यात 332.8 बिलियन डॉलर रहा। - अप्रैल-दिसम्बर 2022 के दौरान व्यापार आयात 551.7 बिलियन डॉलर रहा। - भारत ने अब तक 13 मुक्त व्यापार समझौते किए हैं। - इस सूची में सबसे नया भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) है, जिस पर 2 अप्रैल 2022 को हस्ताक्षर किए गए और यह 29 दिसंबर 2022 को प्रभावी हुआ था। - इससे पहले भारत-UAE व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) है जिस पर 18 फरवरी 2022 को हस्ताक्षर किए गए थे और आधिकारिक तौर पर यह 1 मई 2022 को प्रभावी हुआ था। - आसियान सदस्यों और छह अन्य WTO सदस्यों के बीच क्षेत्रीय व्यापक भागीदारी समझौता (RCEP) 15 नवंबर 2020 को हस्ताक्षरित और 1 जनवरी 2022 से प्रभावी हुआ। - कृषि उत्पादों के परिवहन में किसानों की सहायता करने के लिए अगस्त 2020 में कृषि उड़ान योजना शुरू की गई थी। कृषि उड़ान 2.0 को अक्टूबर 2021 में मौजूद प्रावधानों को बढ़ाते हुए प्रारंभ किया गया था। - अप्रैल से सितंबर 2022 के अवधि के लिए चालू खाता घाटा (CAD) GDP का 3.3% दर्ज किया गया। - अप्रैल से सितंबर 2022 के अवधि के लिए चालू खाता शेष (CAB) GDP का 4.4% दर्ज किया गया। - दिसंबर 2022 के अंत तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 562.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। - नवंबर 2022 तक भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार धारक था। - सितंबर 2022 के अंत तक भारत का विदेशी ऋण 610.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। - जिसमें दीर्घकालिक ऋण 478.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर और अल्पकालिक ऋण 131.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। **अध्याय 12. भौतिक और डिजिटल अवसंरचना** - राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP) के तहत कुल 141.4 लाख करोड़ रूपये की 89.151 परियोजनाएँ का कार्यान्वयन विभिन्न चरणों में है- - राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन की शुरुआत वित्त वर्ष 2019-20 से अगले पाँच वर्षों वित्त वर्ष 2024-25 के लिए की गई थी। - अगस्त 2021 में शुरू हुए राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) 9 लाख करोड़ रूपये की निवेश क्षमता के साथ कार्य कर रही है। - राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन की शुरूआत 23 अगस्त 2021 को की गई थी। - वित्त वर्ष 2022 के दौरान 0.9 लाख रूपये का मुद्रीकरण लक्ष्य हासिल किया गया। वित्त वर्ष 2023 के लिए 1.6 लाख करोड़ रूपये मुद्रीकरण का لक्ष्य रखा गया है। - 30 सितम्बर 2022 तक सरकार ने 16 राज्यों में 59 सोलर पार्कों के विकास को मंजूरी दी है, जिसकी कुल लक्ष्य क्षमता 40 गीगावाट (GW) है। - वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 17.2 लाख GWh विद्युत का उत्पादन हुआ। - कुल विद्युत उत्पादन में सबसे बड़ा हिस्सा थर्मल (59.1%), द्वितीय सबसे बड़ा हिस्सा अक्षय ऊर्जा (27.5%), तृतीय सबसे बड़ा हिस्सा हाइड्रो (117%) का है। - वित्त वर्ष 2022 के दौरान 10.457 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों/सड़कों का निर्माण किया गया। - वित्त वर्ष 2023 में (अक्टूबर 2022 तक) 4060 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों/ सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। - भारत में जलमार्गों की कुल नौगम्य लम्बाई 14,850 किलोमीटर है। - अर्थव्यवस्था में कार्बन तीव्रता कम करने को ध्यान में रखते हुए सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड फ्रेमवर्क नवंबर 2022 में जारी किया गया। - सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड को जारी करने की घोषण, केन्द्रीय बजट 2022-23 में की गई थी। - इसे जारी करने एवं इसका सत्यापन करने के लिए एक ग्रीन फाइनेंस वर्किंग कमेटी का भी गठन किया गया है। - वर्ष 2047 तक भारत को ऊर्जा स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू की गई है। - राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन द्वारा वर्ष 2030 तक कम से कम 5 MMT (मिलियन मीट्रिक टन) की वार्षिक हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता विकसित कर ली जाएगी। - राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत वर्ष 2030 तक जीवाश्म ईंधन के आयात में 1 लाख करोड़ रूपये se भी अधिक की संचयी कटौती की जाएगी। वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में लगभग 125 GW की वृद्धि की जाएगी और ग्रीन हाउस गैस (GHG) के वार्षिक उत्सर्जन में लगभग 50 एमएमटी की कमी की जाएगी। - अक्टूबर 2022 तक राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत 61.6 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता अधिष्ठापित किया जा चुका है। - जलवायु परिवर्तन के लिए 12 उत्कृष्टता केन्द्र बनाये गये और इन्हें मजबूत किया जा रहा है। - सतत कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन - जैविक खेती के तहत 0.15 लाख हेक्टेयर और सूक्ष्म सिंचाई के तहत 10 लाख हेक्टेयर को कवर करने का प्रमुख लक्ष्य। - 26 अगस्त 2022 को भारत सरकार ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) को सूचित करने के लिए भारत ने अधतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) प्रस्तुत किया। - भारत ने अपना पहला NDC अक्टूबर 2015 में UNFCCC को प्रस्तुत किया था। जिसमें 8 लक्ष्य शामिल थे। - आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में वन और वृक्षों के आवरण का कार्बन स्टॉक लगभग 7204 मिलियन टन है। जहाँ अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा कार्बन स्टॉक (1024 मिलियन टन), उसके बाद मध्य प्रदेश (609 मिलियन टन) का स्थान है। - आर्थिक समीक्षा के अनुसार अगस्त 2022 तक भारत के 18 राज्यों में 75,796.8 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 53 टाइगर रिजर्व फैले हैं। जो जंगली बाघों की वैश्विक आबादी का 75 प्रतिशत इसमें रहते हैं। - देश के 17 टाइगर रिजर्व CAITS अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हैं। और दो को अंतर्राष्ट्रीय TX2 पुरस्कार मिल चुका है। - आर्थिक समीक्षा के अनुसार भारत में एशियाई शेरों की आबादी 674 है और 12,852 तेंदुएं हैं। - पूरे विश्व के 60 प्रतिशत से अधिक हाथियों की आबादी भारत में है।

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