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This PDF contains chapter-wise one-liner questions from RBSE (Rajasthan Board of Secondary Education) class 9-12 textbooks. It is a study material for Rajasthan board examinations.

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- बीकानेर ररयासि -सरदार ससिंह Class -09 12. 1857 के क्ाांति के समय प्रमुख ररयासिी शासक के बारे में...

- बीकानेर ररयासि -सरदार ससिंह Class -09 12. 1857 के क्ाांति के समय प्रमुख ररयासिी शासक के बारे में - करौली ररयासि -मदनपाल - बांदी ररयासि -राम ससिंह अध्याय- 1 (1857 की क्ाांति) - अलवर ररयासि- रवनय ससिंह/बन्ने ससिंह 13. 1857 के क्ाांति के समय प्रमुख ररयासिी शासक के बारे में 1. मराठों ने मई 1711 ईस्वी में प्रथम बार राजस्थान के ककस ररयासि से - जैसलमेर ररयासि -रणजीि ससिंह धन एकत्रिि ककया था- मेवाड़ - झालावाड़ ररयासि -पृथ्वी ससिंह 2. अप्रैल 1734 में बांदी के प्रशासक बुद्ध ससिंह ने मराठा सहायिा प्राप्त करके ककसे गद्दी से हटा कदया था- दलेल ससिंह - प्रिापगढ़ ररयासि -दलपि ससिंह 3. ककस ररयासि के उत्तराधधकारी सांघर्ष को लेकर मराठों ने हस्तक्षेप 14. 1857 के क्ाांति के समय प्रमुख ररयासिी शासक के बारे में राजस्थान में ककया था - बांदी - डांगरपुर ररयासि- उदय ससिंह 4. राजस्थान में मराठों के शुरुआिी दौर में ककसने चौथ और सरदेशमुखी - ससरोही ररयासि- सशव ससिंह कर वसला था - पेशवा बाजीराव - बाांसवाड़ा ररयासि- लक्ष्मण ससिंह 5. मराठों ने मारवाड़ में प्रवेश कर सोजि रायपुर ,जैिारण परगना में चौथ 15. अांग्रेजों िारा 1818 की सांधधयों के िहि राजस्थान की ररयासिों से सलया वसलना कब प्रारांभ ककया - 1742 जाने वाला कर था - खखराज 6. मराठों को राजस्थान से बाहर ननकालने के सलए हुरडा सम्मेलन का 16. अांग्रेजों के कप्तान ब्लैक की हत्या ककस ररयासि की राजमािा भकटयानी आयोजन कब ककया जो असफल रहा - 17 जुलाई 1734 को अधधकार च्यि करने के प्रयास से क्ु द्ध होकर वहाां के लोगों ने कर दी थी 7. जयपुर व मराठों की सेनाओां के बीच िुांगा का युद्ध कब हुआ - 1787 - जयपुर 8. चार्ल्ष मैटकोफ के साथ राजस्थान की ककस ररयासि ने सवषप्रथम 1818 17. 1857 की क्ाांति के समय तिकटश पोसलकटकल एजेंट के बारे में की सांधध की - करौली - कोटा ररयासि- मेजर बटषन 9. 1823 में अांग्रेजों से सांधध करने वाली अांतिम ररयासि थी - ससरोही - जोधपुर ररयासि -मैक मोशन 10. 1857 के क्ाांति के समय प्रमुख ररयासिी शासक के बारे में - भरिपुर ररयासि- मोररसन - कोटा ररयासि- राम ससिंह 18. 1857 की क्ाांति के समय तिकटश पोसलकटकल एजेंट के बारे में - जोधपुर ररयासि -िख्त ससिंह - ससरोही ररयासि- जेडी हॉल - भरिपुर ररयासि- जसवांि ससिंह - उदयपुर ररयासि-शावसष 11. 1857 के क्ाांति के समय प्रमुख ररयासिी शासक के बारे - जयपुर ररयासि -ईडन - जयपुर ररयासि -रामससिंह रििीय - धौलपुर ररयासि -भगवांि ससिंह 19. 1857 की क्ाांति के समय 6 छावननयों में शाममल 28. जय दयाल, रिनलाल िथा मेहराब खान के नेिृत्व में कोटा में क्ाांति कब हुई- 15 अक्टबर 1857 - नसीराबाद ,नीमच 29. 15 अक्टबर 1857 कोटा में क्ाांतिकाररयों के पररणाम थे - देवली ,ब्यावर - कोटा के महाराव राम ससिंह को एक सांधध पि पर हस्ताक्षर करने के सलए - एररनपुरा, खेरवाड़ा रववश ककया नजसमें 9 शिें थी 20. 15वीं व 29वीं बांगाल नेकटव इन्फें ट्री का सांबांध ककस छावनी से था - मेजर बटषन व उसके पुिों की हत्या कर दी गई, बटषन की गदषन परे कोटा - नसीराबाद शहर में घुमाई गई 21. 28 मई 1857 नसीराबाद छावनी में रवद्रोह के बारे में - 22 माचष 1858 को मेजर रोबोट्स नसीराबाद से सेना लेकर पहुांचे, - अांग्रेज अधधकारी स्पोकटसवुड व न्यबरी की हत्या कर दी करौली के शासक मदन पाल के सहयोग से - लेफ्टिनेंट लॉक और कै प्टन हाडी घायल हो गए - जय दयाल और मेहराब खान को पकड़कर फाांसी दे दी गई - अांग्रेज अधधकाररयों ने नसीराबाद से ब्यावर में शरण ली 30. मेवाि व गुजषर जाति के लोगों ने कहाां क्ाांति में सहयोग ककया -भरिपुर 22. नीमच में 1857 क्ाांति कब हुई - 3 जन 1857 32. 1857 की क्ाांति के समय नवाब रवलायि खाां ,ममयाां उस्मान और सादुल्ला खाां मुगल सम्राट से ममलकर तिकटश सत्ता के रवरुद्ध क्ाांति का 23. एररनपुरा रा छावनी में क्ाांति की शुरुआि कब हुई - 21 अगस्त 1857 र्ड्यांि रचा इनका सांबांध ककस ररयासि से था - जयपुर 24. 8 ससिांबर 1857 रबथोड़ा युद्ध के बारे में 33. क्ाांति के समय टोंक में क्ाांतिकाररयों का नेिृत्व ककसने ककया – - रबथोड़ा का मैदान पाली नजले में स्थस्थि है आलम खाां - जोधपुर महाराजा िख्त ससिंह ने ससिंघवी कु शल राज व अनार ससिंह के नेिृत्व में सेना भेजी - इस युद्ध में अनार ससिंह मारा गया िथा ससिंघवी कु शल राज जान बचाकर अध्याय- 2 (राजस्थान के प्रमुख क्ाांतिकारी) भाग गया 1. भरिपुर के ककस शासक ने अांग्रेजों से सांधध के बावजद होलकर को 25. 18 ससिांबर 1857 को कौन सा युद्ध हुआ नजसमें अांग्रेजी सेना के लॉरेंस अांग्रेजों को नहीं सौंपा था - रणजीि ससिंह की हार हुई- चेलावास/ काले गौरव का युद्ध 2. आछो गोरा हट जा, राज भरिपुर को रै गोरा हट जा भरिपुर गड़बान को 26. 18 ससिांबर 1857 चेलावास के युद्ध के बाद क्या पररणाम ननकले बाांको, ककलो रे बाांको गोरा हट जा करविा का सांबांध ककस सारहत्यकार से है - होम्स के नेिृत्व में 20 जनवरी 1858 को आऊवा पर आक्मण ककया गया - बाकी दास - कु शाल ससिंह आऊवा के ककले को छोड़कर सलांबर चला गया, जहाां रावि 3. बाांकी दास के बारे में के सरी ससिंह ने उन्हें शरण दी - बाांकीदास मारवाड़ के शासक मानससिंह के राज् करव व काव्य गुरु थे - कु शाल ससिंह की जाांच के सलए टेलर आयोग बना - आयो अांग्रेज मुल्क रे ऊपर बाकी दास की रचना है 27. 1857 की क्ाांति के समय रावि के सरी ससिंह ककस ठठकाने के जागीरदार - उनकी ग्रांथावली नागररक प्रचाररणी सभा से िीन खांडों में प्रकासशि हो थे - सलांबर चुकी है 4. सारहत्यकार सयषमल ममश्रण के बारे में 16. रवजय ससिंह पनथक िारा राजस्थान के सरी का प्रकाशन सवषप्रथम कहाां से ककया गया - वधाष - ममश्रण बांदी के राजा माधो ससिंह के दरबारी करव थे 17. राजस्थान के सरी, नवीन राजस्थान, िरुण राजस्थान का सांबांध ककस 5. वीर सिसई में 1857 की क्ाांति का वणषन है यह ककसकी रचना है क्ाांतिकारी से था- भप ससिंह - सयषमल ममश्रण 18. राजस्थान व जयपुर में क्ाांतिकारी गतिरवधधयाां फै लाने का श्रेय ककसे 6. आऊवा युद्ध पर करविा सलखने वाले सारहत्यकार थे- करव त्रगरवरदान जािा है- अजुषन लाल सेठी 7. सीकर नजले के डांगजी व जवाहर जी चाचा भिीजा थे उनमें डांगजी के बारे 19. अजुषन लाल सेठी ने जयपुर में जैन सशक्षा प्रचार सममति की स्थापना में कब की - 1905 - डांगरी शेखावटी रबग्रेड में ररसालदार थे 20. जयपुर में जैन वधषमान रवद्यालय, छािावास ,पुस्तकालय क्ाांतिकाररयों - डांगजी को उसके साले भैरू ससिंह ने धोखे से पकड़वा कदया को प्रसशक्षण देने के सलए ककसने खोला,नजससे जोरावर ससिंह, प्रिाप ससिंह, माननक चांद्र, मोिी चांद व रवष्णु दत्त जुड़े हुए थे - अजुषन लाल सेठी - डांगजी को आगरा दुगष में बांद ककया गया 21. ननम्न में से ककस पुस्तक का सांबांध अजुषन लाल सेठी से था - डांगर जी का ननधन जोधपुर दुगष में हुआ - शुद्र मुरि , स्त्री मुरि , महेंद्र कु मार 8. घडसीसर (बीकानेर के पास) जब डांगर जी व जवाहर जी को अांग्रेजों िारा जोधपुर सेना की सहायिा से घेरा गया िो जवाहर जी भाग कर कहाां 22. के सरी ससिंह बारहठ के बारे में कथन बिाइए चले गए थे - खैरखट्टा - इनका जन्म 1872 देवपुरा गाांव शाहपुरा में हुआ 9. 1804 जाट पररवार में जन्मे लोठ जी ननठारवाल का सांबांध ककस नजले से - इनके कमषभमम कोटा थी जहाां इनकी मृत्यु 1841 को हो गई था - सीकर - 1903 मेवाड़ महाराणा फिेह ससिंह को चेिावनी रा चांगट्या सलखकर 10. बाल नाई ,साांख लुहार व करणा भील के साथ ममलकर लोठ जी कजषन दरबार में जाने से रोका ननठारवाल ने आगरा दुगष से ककसको छु ड़वाया था- डांगर जी - 1910 में वीर भारि सभा की स्थापना की 11. 1857 की क्ाांति के प्रथम शहीद राजस्थान के मांगल पाांडे अमर चांद 23. के सरी ससिंह बारहठ ने अपने भाई जोरावर ससिंह, पुि प्रिाप ससिंह बाांठठया का सांबांध ककस नजले से है - बीकानेर ,जामािा ईश्वरदान आसशया को ककसके पास क्ाांति का व्यावहाररक अनुभव 12. अमरचांद बाांठठया का जन्म 1793 को हुआ जबकक उन्हें 1858 को फाांसी व प्रसशक्षण लेने के सलए भेजा था - मास्टर अमीरचांद कहाां दी गई - ग्वासलयर 24. के सरी ससिंह बारहठ ने अश्व घोर् की ककस रचना का रहिंदी में अनुवाद 13. रवजय ससिंह पनथक का जन्म 1882 को उत्तर प्रदेश के ककस गाांव में हुआ ककया था- बुद्ध चररि - गुठावली 25. भारि में एकमाि के सरी ससिंह बारहठ कै सा क्ाांतिकारी था नजन्होंने 14. वीर भारि समाज व राजस्थान सेवा सांघ की स्थापना ककसने की भारि मािा की दास्ताां की श्रृांखलाओां को काटने के सलए अपने समस्त पररवारों को स्विांििा के युद्ध में झोंक कदया यह ककस क्ाांतिकारी ने कहा - रवजय ससिंह पनथक - रासरबहारी बोस 15. रबजोसलया ककसान आांदोलन के ककस चरण का नेिृत्व रवजय ससिंह पनथक िारा ककया गया - रििीय 26. प्रिाप चररि, दुगाषदास चररि, रूठी रानी, जसवांि चररि, राज ससिंह चररि ,कु सुमाांजली नामक ग्रांथ ककसने सलखे- के सरी ससिंह बारहठ 27. 1912 में जोधपुर के महांि प्यारेलाल की हत्या काांड में के सर ससिंह 39. झुांझुन के सरदार हरलाल ससिंह के बारे में बारहठ को ककस जेल में 20 वर्ष की सजा दी गई - हजारीबाग - इनका जन्म 1901 झुांझुन के हनुमानपुरा गाांव में हुआ 28. के सरी ससिंह बारहठ के पुि प्रिाप ससिंह बारहठ का जन्म 1893 को कहाां - उन्होंने 'रवद्याथी भवन झुांझुन' की स्थापना कर राजनीतिक व सामानजक हुआ - शाहपुरा गतिरवधधयाां स्थारपि की 29. प्रिाप ससिंह बारहठ के बारे में - कु शल नेिृत्व के कारण ही इन्हे 'सरदार' की उपाधध दी जािी है - क्ाांतिकारी मास्टर अमीरचांद िथा अजुषन लाल सेठी के विषमान पाठशाला 40. 1947 में प्रजामांडल आांदोलन के दौरान ककसने कहा था 'कक जब िक में प्रसशक्षण सलया मेरी जान रहेगी ,िब िक मैं गाांव रास्ता पाल की पाठशाला बांद नहीं होने - बनारस काांड में त्रगरफ्तार कर बरेली जेल में 5 वर्ष की सजा दांगा'- नानाभाई खाट - 1918 में 22 वर्ष की आयु में शहीद हो गई 41. राजस्थान के कप्तान उपनाम से कौन से क्ाांतिकारी जाने जािे है 30. मेरी माां रोिी है िो उसे रोने दो नजससे सैकड़ों मािाओां को ने रोना पड़े - दुगाष प्रसाद चौधरी यकद मैंने कदल का भेद खोल कदया िो यह मेरी वास्तरवक मृत्यु होगी और 42. दुगाष प्रसाद चौधरी ने अजमेर में जयपुर से प्रकासशि ककस समाचार पि मेरी मािा पर अममट कलांक लगेगा, यह वाक्य अांग्रेज अधधकारी क्लीवलैंड का सांपादन ककया था- दैननक नवज्योति से ककसने कहे- प्रिाप ससिंह बारहठ 43. सीकर के जमना लाल बजाज के पत्नी जानकी देवी बजाज के बारे में 32. राजस्थान के ककस ररयासि के राजा ने प्रिाप ससिंह बारहठ के आगमन बिाइए- 1954 में पदम रवभर्ण ममला पर प्रतिबांध लगाया था - बीकानेर 44. 1897 में श्रीमाधोपुर, सीकर में ककस क्ाांतिकारी मरहला का जन्म हुआ 33. राजस्थान के जतिनदास बालमुकुांद रबस्सा का जन्म 1908 को कहाां था- अांजना देवी चौधरी हुआ- डीडवाना के पीपलवा गाांव में 45. 15 अक्टबर 1912 को खाचरोद, मध्य प्रदेश में ककस क्ाांतिकारी का 34. बालमुकुांद रबस्सा ने चरखा सांघ व खद्दर भांडार की स्थापना कहाां की जन्म हुआ था- रत्ना शास्त्री - नागौर 46. वह क्ाांतिकारी मरहला नजसका रववाह 7 वर्ष की उम्र में हो गया था िथा 35. जोधपुर में भख हड़िाल के दौरान बालमुकुांद रबस्सा की मृत्यु कब हुई 11 वर्ष की छोटी आयु में रवधवा हो गई और रफर उन्होंने गाांधीवादी नेिा लादराम जोशी के साथ पुनरविवाह ककया था- रमा देवी - 19 जन 1942 47. अांजना देवी चौधरी ककस क्ाांतिकारी की पत्नी थी- रामनारायण चौधरी 36. सागरमल गोपा का सांबांध ककस ररयासि से था - जैसलमेर 48. रास्ता पाल, डांगरपुर में 13 वर्ीय भील बासलका कालीबाई अपने 37. आजादी के दीवाने ,रघुनाथ ससिंह का मुकदमा, जैसलमेर में गुांडाराज सशक्षक सेगाभाई की जान बचाकर कब शहीद हुए - 20 जन 1947 पुस्तकों का सांबांध ककस क्ाांतिकारी से था - सागरमल गोपा 49. सीहोर के ठाकु र मानससिंह िारा सोतिया का बास नामक गाांव में 38. जैसलमेर के सागरमल गोपा के बारे में ककसान मरहलाओां के साथ दुव्यषवहार के रवरोध में ककसके नेिृत्व में - इनका जन्म 3 नवांबर 1900 को जैसलमेर में हुआ कटराथल में 1934 में 10000 मरहलाओां ने आांदोलन ककया - श्रीमिी - इन्होंने जैसलमेर के ित्काल महारावल जवाहर ससिंह के अत्याचारों का ककशोरी देवी रवरोध ककया था 50. ककशोरी देवी ककसकी पत्नी थी- सरदार हरलाल ससिंह - 24 मई 1941 को जेल में डाल कर अमानवीय यािनाएां की गई और अप्रैल 1947 को ममट्टी का िेल लगाकर जला कदया गया अध्याय- 3 (राजस्थान के ककसान आांदोलन) 13. चेिराम ,टीकराम ककसान ककस हत्याकाांड में शहीद हुए थे - कुां दन गाांव हत्याकाांड 14. जयपुर राज्य में ककसान आांदोलन के समय 1922 में सीकर के ठठकाने 1. रबजोसलया ककसान आांदोलन भारि का सबसे बड़ा अरहिंसात्मक व सबसे दार थे - कल्याण ससिंह लांबा चलने वाला आांदोलन था यह विषमान में ककस नजले में है - भीलवाड़ा 15. 1947 में शेखावाटी ककसान आांदोलन की समातप्त ककसके प्रयासों से हुई 2. रबजोसलया ककसान आांदोलन में सबसे ज्यादा ककस जाति ने भाग सलया - हीरालाल शास्त्री - धाकड़ 16. 1914 में ठठकाने दार पृथ्वी ससिंह की मृत्यु के बाद ठठकानेदार कौन बना 3. 1894 में रबजोसलया के ककस ठठकानेदार की मृत्यु हो गई थी उसके बाद जो अल्पवयस्क था नजस कारण जागीरी प्रशासन कोटष ऑफ वाडषस रबजोसलया ठठकाने पर करों में वृनद्ध हुई - गोरविंदास (महाराणा) के ननयांिण में चला गया- के सरी ससिंह 4. रबजोसलया ककसान आांदोलन ककिने चरणों में चला था- 3 17. रबजोसलया ठठकाने में ऊपर माल क्षेि के लोग ककसी महात्मा कहकर पुकारिे थे - रवजय ससिंह पनथक 5. 1921 में बेंग ककसान आांदोलन का नेिृत्व ककसने ककया था - रामनारायण चौधरी 18. हररयाली अमावस्या के कदन ऊपर माल पांच बोडष की स्थापना कब हुई 6. एक सत्य घटना - 1906 पृथ्वी ससिंह ने िलवार बधाई कर लगाया - 1917 7. 1897 में लागबाग करो के रवरुद्ध मृत्यु भोज पर ककस गाांव में एकत्रिि हुए 19. 1921 में मेनाल के भेरू कुां ड से ककस ककसान आांदोलन की शुरुआि थे- त्रगरधरपुरा हुई - बेंग ककसान आांदोलन 8. रबजोसलया ककसान आांदोलन िीन चरणों में हुआ इनका क्म 20. रबजोसलया ककसान आांदोलन के दौरान रवद्या प्रचाररणी का गठन ककसने ककया- रवजय ससिंह पनथक - प्रथम चरण- 1897से1915, साधु सीिाराम दास 21. रबजोसलया ककसान आांदोलन को राष्ट्रीय स्तर की पहचान कदलाने में - रििीय चरण -1915 से 1923, रवजय ससिंह पनथक गणेश शांकर रवद्याथी के ककस समाचार पि का योगदान रहा- प्रिाप - िृिीय चरण- 1927 से 1941, मासणक्य लाल वमाष 22. नींमचना हत्याकाांड कब हुआ - 14 मई 1925 9. 1996 पृथ्वी ससिंह ने िलवार बधाई कर लगाया था यह था- 23. 1921-25 में अलवर ककसान आांदोलन का कारण था उत्तराधधकारी कर - जांगली सअरों का प्रभाव 10. राव कृ ष्ण ससिंह नें 1903 में ₹5या₹13 चांवरी कर लगाया था यह था - महाराजा जयससिंह िारा लगान दर बढ़ाना(इजारा पद्धति) - पुिी के रववाह पर कर 24. रबजोसलया ककसान आांदोलन के दौरान ककस प्रमुख नेिा ने अपने 11. बरड़ क्षेि में बांदी ककसान आांदोलन का नेिृत्व ककसने ककया ननजी सत्रचव महादेव भाई को ऊपर माल में ककसानों की स्थस्थति की जाांच - नैन राम शमाष करने के सलए रबजोसलया भेजा था- महात्मा गाांधी 12. 2 अप्रैल 1923 को डाबी गाांव में नानक जी भील व देवीलाल गुजषर 25. 11 फरवरी 1922 को रबजोसलया ककसानों व ठठकानेदार के बीच शहीद हो गए इनका सांबांध ककस ककसान आांदोलन से था समझौिा हुआ उस समय राजस्थान के AGG कौन थे - एजीजी होलेंड - बांदी ककसान आांदोलन 26. 1922 मे समझौिे के िहि रबजोसलया ठठकाने के ककिने कर समाप्त कर कदए थे - 35 27. 1941 में रबजोसलया ककसान आांदोलन समाप्त हो गया इसके बारे में 37. सीकर में 20 से 29 जनवरी को ककस वर्ष रवशाल जाट प्रजापति महायज्ञ का आयोजन ककया गया - 1934 - इस समय रबजोसलया ककसान आांदोलन का नेिृत्व मासणक्य लाल वमाष कर रहे थे 38. 1937 में उदरासर (बीकानेर) में लागबाग के रवरुद्ध आवाज उठाने वाले नेिा थे - जीवन चौधरी - इस समय मेवाड़ के दीवान रवजय राघवाचायष व राजस्व मांिी डॉ मोहन ससिंह मेहिा थे 39. दधवाखारा ककसान आांदोलन के प्रमुख नेिा नजन्हें बीकानेर महाराजा ने श्रीगांगानगर में 100 मुरब्बे जमीन देने की पेशकश थी लेककन उन्होंने - 44 वर्ष िक चलने वाला यह आांदोलन समाप्त हो गया स्वीकार नहीं ककया- हनुमान ससिंह 28. गोरविंद ननवास गाांव के नारायण जी पटेल का सांबांध ककस आांदोलन से 40. जुलाई 1946 में बीकानेर प्रजा पररर्द के सम्मेलन में रायससिंहनगर में था - रबजोसलया ककसान शहीद हो गए थे - बीरबल ससिंह 29. बेंग ककसान आांदोलन के िहि 1923 में शहीद हुए ककसान थे 41. हनुमानगढ़ में ननयुि मुांससफ मनजस्ट्ट्रेट नजन्होंने राजनीतिक जन - रूपा जी कृ पा जी जागरण में आकर सरकारी नौकरी छोड़ दी थी - हरदत्त ससिंह चौधरी 30. बेंग ककसान आांदोलन के दौरान हुए समझौिे को बोल्शेरवक समझौिे 42. बीकानेर ककसान आांदोलनों नेिाओां में प्रमुख नजन्होंने 'ककसान की सांज्ञा दी गई यह ककनके बीच हुआ - ठाकु र अनप ससिंह व राजस्थान यननयन क्यों'पुस्तक सलखी थी - कुां भाराम आयष सेवा सांघ 43. मारवाड़ लोक पररर्द की स्थापना कब हुई - मई 1938 31. भरिपुर ककसान आांदोलन के बारे में 44. डाबड़ा (डीडवाना) हत्याकाांड कब हुआ- 13 माचष 1947 - 1931 में भरिपुर में नया भमम बांदोबस्त लाग कर करो में वृनद्ध की गई 45. मोिीलाल चौधरी का सांबांध ककस ककसान आांदोलन से था - आांदोलन का नेिृत्व 23 नवांबर 1931 को भोजी लांबरदार ने ककया - मारवाड़ ककसान आांदोलन - नवांबर 1931 में भोजी लांबरदार के त्रगरफ्तार के साथ आांदोलन समाप्त 46. िसीमों काांड का सांबांध ककस ररयासि से था - धौलपुर हुआ 47. राधा कृ ष्ण बोहरा ,ककशनलाल शाह, सी आर चौपासनी वाला, 32. अलवर में मेव ककसान आांदोलन का नेिृत्व ककसने ककया – मथुरादास माथुर ,िारकादास पुरोरहि मोिीलाल चौधरी ,मीठालाल यासीन खान ,रवजय शांकर का सांबांध ककस ककसान आांदोलन से था- मारवाड़ ककसान 33. महात्मा गाांधी ने ककस हत्याकाांड को जसलयाांवाला बाग हत्याकाांड की आांदोलन दोहरी डायरशाही की सांज्ञा दी- नीमचना हत्याकाांड 48. 1942 चांद्रावल गाांव में उत्तरदाई शासन कदवस बनाने के समय 34. अलवर भरिपुर क्षेि में ककसने 1932 में अांजुमन खाकदम उल इस्लाम ममठालाल ,रवजय शांकर व अन्य ककसान का घायल हो गई इसका सांबांध नामक सांस्था स्थारपि करके मेव आांदोलन को सांगठठि ककया - मोहम्मद ककस लोक पररर्द से था - मारवाड़ हाडी 35. ककस ककसान आांदोलन की गांज कें द्रीय असेंबली व तिटेन के हाउस ऑफ कॉमांस में गांजी - सीकर ककसान आांदोलन 36. धापी दादी व ककशोरी देवी का सांबांध ककस ककसान आांदोलन से था - सीकर अध्याय- 4 (जनजाति आांदोलन) 12. नवांबर 1913 में मानगढ़ पहाड़ी पर जब भीड़ एकत्रिि हुए िो अांग्रेजों की िरफ से भीलों के सम्मेलन को कु चलने के सलए कौन सी कां पननयाां पहुांची - मेवाड़ भील कोर 1. मेर रवद्रोह को दबाने के सलए मारवाड़ बटासलयन की स्थापना कब व - 104 वेलेजली राइफर्ल् मुख्यालय कहाां बनाया गया - 1822ब्यावर - सािवीं राजपि रेजीमेंट 2. 1818 से 1824 के बीच अजमेर का झाक क्षेि ककस जाति के रवद्रोह के सलए चचाष में रहा- मेर 13. राजस्थान का जसलयाांवाला बाग हत्याकाांड मानगढ़ धाम हत्याकाांड कब हुआ - 17 नवांबर 1913 3. भीलों के िारा अपने क्षेिों से गुजरने वाले माल व यात्रियों से कौन सा कर वसलिे थे - बोलाई 14. 17 नवांबर 2013 मानगढ़ हत्याकाांड में अांग्रेजी दस्तावेजों के अनुसार कु ल ककिने भील मारे गए- 100 4. 1841 में गठठि मेवाड़ भील कोर का मुख्यालय कहाां रखा गया 15. 17 नवांबर 1913 मानगढ़ धाम हत्याकाांड के बाद गोरविंद त्रगरी की स्थस्थति - खेरवाड़ा, उदयपुर थी 5. मेवाड़ भील कोर के िहि मेवाड़ के भील क्षेिों में कहाां पर दो छावननयाां - गोरविंद त्रगरी व पुांजीया को बांदी बना सलया गया स्थारपि की गई- खेरवाड़ा, कोटडा - गोरविंद त्रगरी को पहले आजीवन कारावास ,रफर 10 वर्ष और रफर 7 वर्ष के 6. 1856 में महाराणा ने मेहिा सवाई ससिंह को उदयपुर राज्य के ककस क्षेि पश्चाि ररहा कर कदया गया में भील रवद्रोह को दबाने हेिु भेजा- कालीबास - सांथ, डांगरपुर ,बाांसवाड़ा ,कु शलगढ़ व ईडर राज्य में प्रवेश ननर्ेध ककया 7. 1873-74 के दौरान त्रचलकारी व शेरगढ़ गाांव के भील छापामार गतिरवधधयों में लगािार रवद्रोह कर रहे थे यह ककस राज्य के अांिगषि आिा - सरकारी ननगरानी में अहमदाबाद सांभाग के अांिगषि पांचमहल नजले के था- बाांसवाड़ा झालोद गाांव में रहने लगे 8. भीलों में जनजागृति लाने वाले गोरविंद त्रगरी डांगरपुर में ककस गाांव के 16. मोिीलाल िेजावि का जन्म उदयपुर राज्य के ककस गाांव के अांदर हुआ ननवासी थे - बेड़सा - कोसलयरी गाांव ,झाडोल 9. गोरविंद त्रगरी का सांबांध ककस पररवार से था- बांजारा 17. मोिीलाल िेजावि का सांबांध ककस जाति से था- ओसवाल बननया 10. गोरविंद त्रगरी के बारे में 18. भीलों में जनजागृति फै लाने के सलए 1921में एकी आांदोलन की - इन्होंने दयानांद सरस्विी की प्रेरणा से भीलों की सेवा की शुरुआि ककसने की - मोिीलाल िेजावि - कोटा,बांदी अखाड़े के साध राजत्रगरी के सशष्य बने 19. उदयपुर के बाद मोिीलाल िेजावि के नेिृत्व में आकदवासी आांदोलन का दसरा महत्वपणष कें द्र कौन सा बना था - ससरोही - 1883 में ससरोही में सांप सभा की स्थापना की 20. महात्मा गाांधी,पनथक जी व राजस्थान सेवा सांघ के नेिाओां की सहायिा - उन्होंने भगि आांदोलन चलाया से ससरोही आकदवासी आांदोलन को समाप्त करने का प्रयास ककसने ककया 11. गोरविंद त्रगरी ने 1908 से 1910 िक राजपिाना छोड़कर सांथ व ईडर के जो है जो असफल रहा- रामाकाांि मालवीय भीलों में कायष ककया यह ककस राज्य में था - गुजराि 21. 5 मई 1922 को अांग्रेजी सेना ने बलोररया नामक गाांव पर आक्मण ककया और उस क्षेि को जला कदया यह ककस ररयासि में था - ससरोही 22. 1851 में उदयपुर राज्य के जहाजपुर परगना के ककस जनजाति ने 38. ककस जनजाति के लोगों को पाबन्द करने हेिु जयपुर ररयासि में 1930 अांग्रेजों के रवरुद्ध रवद्रोह कर कदया था - मीणा में जरायम पेशा कानन लाग ककया गया था - मीणा 23. मीणाओां के रवद्रोह को दबाने के सलए देवली छावनी को कब गठठि ककया 39. जरायम पेशा कानन रद्द हुआ - 1952 गया - 1855 40. ककसकी अध्यक्षिा में मीणा जाति का एक रवशाल सम्मेलन अप्रैल, 24. मानगढ़ हत्याकाांड के बाद गोरवन्द त्रगरर िथा डांगर के पटेल पुन्जा धीर 1944 में नीम का थाना में हुआ था- सांि मगनसागर को बांदी बना कर कहााँ रखा गया - सांिरामपुर की जेल , अहमदाबाद की 41. 28 अक्टबर, 1946 को मीणों का रवशाल सम्मेलन कहााँ आयोनजि साबरमिी जेल हुआ नजसमें चौकीदार मीणों ने चौकीदारी के काम से इस्तीफा देकर मुरि 25. गोरवन्द त्रगरर की मृत्युदांड की सजा को ककसने आजीवन कारावास की कदवस मनाया- बागावास सजा में बदल कदया- आर.पी. बारो 42. भगि आांदोलन शीर्षक के नाम से पुस्तक के लेखक हैं- वी के रवसशष्ट 26. गुरु गोरवन्द त्रगरर की सजा को कम करिे हुए उन्हें कब सांिरामपुर जेल 43. ननम्नसलखखि में से कौन सा शेखावटी के पांचपाणे में सस्थम्मसलि नहीं से ररहा ककया गया - 1 जुलाई, 1923 है - त्रचड़ावा 27. सुरजी भगि' का सांबांध ककससे था- भीलों में धाममिक एवां सामानजक 44. जुलाई 1921 में मोिीलाल िेजावि ने भील आांदोलन कहाां से प्रारांभ सुधारों से ककया था - कोटडा,उदयपुर 28. गुरु गोरवन्द त्रगरर का ननधन कब हुआ - 30 अक्टबर, 1931 29. मानगढ़ धाम में 'शहीद स्मारक' का लोकापषण ककया गया- 2 ससिम्बर, 2002 अध्याय-5 (राजस्थान में जनजागृति व 30. बााँसवाड़ा की मानगढ़ पहाड़ी पर गुरु गोरवन्द त्रगरी के अनुयाधययों पर प्रजामांडल आांदोलन) मेवाड़ राज्य व अांग्रेजी सेना िारा ककये गये भीर्ण नरसांहार का शिाब्दी समारोह कब प्रारम्भ हुआ- 17 नवम्बर, 2012 1. 1885 में सज्जन कीतिि सुधाकर नामक समाचार पि कहाां से प्रकासशि होिा था -उदयपुर 31. नीमड़ा हत्याकाांड कब हुआ- 1921 2. 1885 में अांग्रेजी साप्तारहक राजस्थान टाइम्स पि कहाां से प्रकासशि होिा 32. मेवाड़ पुकार नामक 21 सिी मााँगपि िैयार ककया था - मोिीलाल था - अजमेर िेजावि ने 3. के सरी ससिंह बारहठ ने एडवडष सप्तम के राज्य रोहण में कदल्ली जाने से 33. नीमड़ा हत्याकाांड ककस आांदोलन से सम्बन्धिि है - एकी आांदोलन ककस मेवाड़ महाराणा को चेिावनी रा चांगट्या नामक 13 सौरठे सलखकर 34. महात्मा गााँधी ने मोिीलाल िेजावि िारा आांदोलन को वापस लेने के रुका था- फिेह ससिंह सलए उनके पास ककसे भेजा- मसणलाल कोठारी 4. काांग्रेस की स्थापना कब हुई - 1885 35. ईडर राज्य की पुसलस ने खेडिह्म गााँव से श्री मोिीलाल िेजावि को कब 5. 1888 में काांग्रेस के ककस अधधवेशन में अजमेर के गोपीनाथ माथुर त्रगरफ्तार ककया- 3 जन, 1929 ,ककशनलाल व हररवलास शारदा राज्य के प्रतिननधध के रूप में बनकर गए 36. 1929 में मोिीलाल िेजावि को त्रगरफ्तार कर कहााँ रखा गया- उदयपुर थे- कदल्ली अधधवेशन जेल 6. राजपिाना मध्य भारि सभा नामक राजनीतिक सांस्था की स्थापना 37. मोिीलाल िेजावि का ननधन हुआ - 5 कदसम्बर, 1963 गणेश शांकर रवद्याथी ,रवजय ससिंह पनथक, जमनालाल बजाज, चाांद करण शारदा ,त्रगरधर शमाष, स्वामी नरससिंह देव सरस्विी ने कहाां पर की - कदल्ली चाांदनी चौक स्थस्थि मारवाड़ी पुस्तकालय 19. 1949 में जोधपुर ररयासि का रवलय राजस्थान एकीकरण के ककस चरण में हुआ - चौथे 7. राजपिाना मध्य भारि सभा के हुए अधधवेशन के बारे में कथन बिाइए 20. बीकानेर में जनजागृति लाने वाले सवषप्रथम चुरू के क्ाांतिकारी थे - दसरा अधधवेशन- कदसांबर 1919 अमृिसर - स्वामी गोपाल दास - िीसरा अधधवेशन -माचष 1920 अजमेर 21. 1936 में बीकानेर प्रजामांडल की स्थापना मगाराम वैद्य ने कहा कक - चौथा अधधवेशन- कदसांबर 1920 नागपुर - कलकिा 8. माचष 1920 में राजपिाना मध्य भारि सभा के िीसरे अधधवेशन की अध्यक्षिा ककसने की- जमनालाल बजाज 22. 1946 में महाराजा गांगा ससिंह की मृत्यु के बाद बीकानेर के नए शासक बने थे - शादुषल ससिंह 9. कदसांबर 1920 में राजपिाना मध्य भारि सभा के चौथे अधधवेशन नागपुर में ननवाषत्रचि हुए अध्यक्ष नरससिंह त्रचिंिामसण के लकर जब नागपुर 23. ककस वर्ष बीकानेर एक्ट पास करके रिसदनीय व्यवस्थारपका नहीं पहुांच सके िो उसकी अध्यक्षिा ककसने की - गणेश नारायण सोमाजी राज्यसभा व धारा सभा ,हाईकोटष व लोक सेवा आयोग की स्थापना की गई 10. रवजय ससिंह पनथक,रामनारायण चौधरी िथा हररभाई ककिंकर ने - 1947 ममलकर वधाष में राजस्थान सेवा सांघ की स्थापना कब की - 1919 24. 28 अप्रैल 1947 को बीकानेर के प्रतिननधध के रूप में ककसे सांरवधान 11. राजस्थान के राजनीतिज्ञ व क्ाांतिकारी भांवरलाल शमाष का सांबांध ककस ननमाषिी सभा में प्रशासननक अधधकारी के रूप मे ननयुि ककए गए प्रजामांडल के प्रथम अध्यक्ष बने थे - जोधपुर - के.एम.पसणक्कर 12. अांग्रेजों की रायबहादुर की उपाधध लौटाने वाले जयपुर के क्ाांतिकारी थे 25. भारि के सांरवधान ननमाषण में बीकानेर से प्रत्यक्ष िौर पर सदस्य के - जमनालाल बजाज रूप में भाग सलया था- जसवांि ससिंह 13. 15 माचष 1921 को अजमेर में रििीय राजनीतिक सम्मेलन की 26. भारि और पाक रवभाजन के सलए माउांटबेटन योजना कब बनी - 3 अध्यक्षिा ककसने की नजसमें मोिीलाल नेहरू भी उपस्थस्थि थे- मौलाना जन 1947 शौकि अली 27. बीकानेर राज्य के महाराजा नजन्होंने भारिीय सांघ में सस्थम्मसलि होने 14. अांग्रेजों ने जमषनी से सांधध वािाष में भाग लेने के सलए भारि के ष ससिंह के सलए हस्ताक्षर ककए - शादल प्रतिननधधत्व करने हेिु पेररस ककसे भेजा था- गांगा ससिंह ससिंह 28. जैसलमेर प्रजामांडल के बारे में 15. 1921 में नरेंद्र मांडल की स्थापना ककसने की नजसकी अध्यक्षिा - जैसलमेर का पहला समाचार पि रवजय 1920 में प्रारांभ वायसराय ने की थी - गांगा ससिंह - 1932 में माहेश्वरी समाज नवयुवक मांडल का गठन ककया गया 16. स्वदेशी वस्त्र पहनने िथा तिलक स्वराज्य कोर् में चांदा देने के कारण राजस्थान की ककस ररयासि के राजा ने सशव मतिि ससिंह, सांपणाषनांद व - 1945 में मीठा लाल व्यास ने जोधपुर में जैसलमेर प्रजामांडल की आनांद वमाष को सरकारी नौकरी से ननलांरबि कर कदया था- बीकानेर स्थापना की 17. उदयपुर महाराणा फिेह ससिंह अांग्रेजों के कहने पर ककसे 28 जुलाई 1921 29. 24 अप्रैल 1938 को मेवाड़ प्रजामांडल की स्थापना ककसने की - को उदयपुर का शासन दे देिे हैं- भपाल ससिंह मासणक्य लाल वमाष 18. फिेह ससिंह के बाद शासक बने भोपाल ससिंह ने अांग्रेज सरकार की इच्छा 30. 1938 में मेवाड़ प्रजामांडल की स्थापना के बाद मेवाड़ के प्रधानमांिी धमष अनुसार मांत्रिमांडल बनाया उसमें राजस्व रवभाग ककसे सौंपा गया - नारायण ने इसे गैरकाननी सांस्था घोतर्ि ककया बाद में इस पर प्रतिबांध ममस्टर ट्रैंच कब हटाया गया - 1941 31. जब मेवाड़ प्रजामांडल पर प्रतिबांध लगा िब मसणक्यलाल वमाष मेवाड़ 42. राजस्थान में स्विांििा सांघर्ष को 3 चरणों में रवभानजि ककया जािा है छोड़कर कहाां चले गए थे - अजमेर इनमें से कथन सही है 32. सत्य कथन - प्रथम चरण -1927 ईस्वी से पवष (सामानजक और मानविावादी समस्याओां पर कें कद्रि था) - राजपिाना मध्य भारि सभा -1918 - दसरा चरण- 1927 से 1938(1927 में ऑल इांकडया स्टेट पीपुर्ल् काांफ्रेंस - राजस्थान सेवा सांघ -1919 की स्थापना) - अखखल भारिीय देसी लोक पररर्द -1920 - िृिीय चरण -1938 से 1949(1938 हरीपुरा काांग्रेस अधधवेशन के बाद 33. 1931 में गठठि जयपुर प्रजामांडल राजनीति में प्रवेश कब ककया - 1938 प्रजामांडल आांदोलन) 34. प्रजामांडल की स्थापना के बारे में 43. 1941 मेवाड़ प्रजामांडल के प्रथम अधधवेशन के सभापति ककन्हे ननयुि - मारवाड़ प्रजामांडल -1934 ककया गया नजसमें आचायष जेबी कृ पलानी व रवजय लक्ष्मी पांकडि भी शाममल हुई - मासणक्य लाल वमाष - कोटा प्रजामांडल- 1938 44. कदसांबर 1945 में मेवाड़ प्रजामांडल के ननमांिण पर अखखल भारिीय - बीकानेर प्रजामांडल -1936 देशी राज्य लोक पररर्द का सािवाां अधधवेशन कहाां हुआ - उदयपुर 35. प्रजामांडल की स्थापना के बारे में 45. उदयपुर में 7वें अखखल भारिीय देसी राज्य लोक पररर्द का की - जैसलमेर प्रजामांडल- 1945 अध्यक्षिा ककसने की- पांकडि जवाहरलाल नेहरु - ससरोही प्रजामांडल -1939 46. मेवाड़ के सांरवधान का प्रारूप ककसने िैयार ककया था - के एम मुश ां ी - अलवर -1938 47. कोटा में प्रजामांडल आांदोलन का श्रेय ककसे जािा है - नैन राम शमाष 36. राजस्थान में जन आांदोलन सवषप्रथम ककस ररयासि से प्रारांभ हुआ 48. अमभन्न हरर ने कोटा प्रजामांडल की स्थापना 1939 में कहाां की नजसकी अध्यक्षिा नैन राम शमाष ने की थी- माांगरोल - जोधपुर 49. 1940 में राम िलाई क्षेि में कोटा प्रजामांडल का अधधवेशन आयोनजि 37. मारवाड़ लोक पररर्द को कब गैरकाननी घोतर्ि ककया गया - माचष ककया उसकी अध्यक्षिा ककसने की- अमभन्न हरर 1940 50. मास्टर शांभ दयाल सक्सेना, नाथलाल जैन ,श्याम नारायण 38. मारवाड़ ररयासि में सुभार् चांद्र बोस का आगमन कब हुआ- जनवरी सक्सेना ,सेठ मोिीलाल वकील, श्रीमिी वेणी माधव का सांबांध ककस 1938 प्रजामांडल से था- कोटा 39. फलचांद बाफना ,सशवदयाल ,िुलसी दास राठी ककस लोक पररर्द के 51. राजस्थान एकीकरण के दसरे चरण के उपराज प्रमुख बने भीम ससिंह कडक्टेटर थे नजन्हें त्रगरफ्तार ककया गया - मारवाड़ का सांबांध ककस ररयासि से था- कोटा 40. रमा देवी ,कृ ष्णा कु मारी ,दयावांिी, सारविी देवी माथुर ,सरज देवी 52. ककसान आांदोलन से सांबांधधि नमाणा ग्राम का सांबांध ककस प्रजामांडल माथुर का सांबांध ककस प्रजामांडल आांदोलन से था - जोधपुर से था - बांदी 41. जन 1947 में जोधपुर के महाराजा उम्मेद ससिंह की मृत्यु के बाद नए 53. 1931 में बांदी प्रजामांडल की स्थापना ककसकी अध्यक्षिा में हुई- शासन कौन बने - हणि ससिंह - काांतिलाल चौथानी 54. जमना लाल बजाज ने जयपुर में चचाष चरखा सांघ की स्थापना कब की 69. 1938 में भरिपुर प्रजामांडल की स्थापना गोपी लाल यादव व मास्टर आकदत्यनाथ के िारा कहाां की गई - रेवाड़ी - 1927 70. भरिपुर प्रजामांडल के प्रथम अध्यक्ष ककसे बनाया गया - गोपी लाल 55. 1931 में जयपुर प्रजामांडल की स्थापना कब की जो राजस्थान का यादव प्रथम व सबसे प्राचीन प्रजामांडल था - कपरचांद पाटनी 71. 30 कदसांबर 1940 को भरिपुर प्रजा पररर्द का पहला सम्मेलन ककस 56. 1940 में जयपुर प्रजामांडल के अध्यक्ष के सलए ननवाषत्रचि ककया गया की अध्यक्षिा में हुआ- जय नारायण व्यास - हीरालाल शास्त्री 72. भरिपुर प्रजा पररर्द का दसरा अधधवेशन 23 मई 1945 को कहाां 57. जयपुर प्रजामांडल का िीसरा अधधवेशन कब हुआ - अप्रैल 1938 आयोनजि ककया गया - बयाना 58. 1942 में भारि छोड़ो आांदोलन के दौरान हीरालाल शास्त्री व जयपुर के 73. िज जनप्रतिननधध सममति का गठन कब ककया गया नजसके नेिा जुगल प्रधानमांिी नजनके बीच समझौिा हुआ - ममजाष इस्माइल ककशोर चिुवेदी व उप नेिा मास्टर आकदत्यनाथ बने - 1942 59. जब जयपुर प्रजामांडल ने भारि छोड़ो आांदोलन में भाग नहीं सलया िो 74. 1936 में धौलपुर प्रजामांडल की स्थापना ककसने की - कृ ष्ण दत्त ककसके नेिृत्व में आजाद मोचे(1942) का गठन ककया गया - बाबा हररश्चांद्र पालीवाल 60. ककसकी मध्यस्थिा से आजाद मोचे का जयपुर प्रजामांडल में 1945 में 75. स्वामी श्रद्धानांद को ककस ररयासि में जनचेिना का कायष करने के सलए रवलय हो गया - पांकडि जवाहरलाल नेहरू जाना चाहिा है - धौलपुर 61. पांकडि हररनारायण शमाष को ककस ररयासि में जनिा में जागृति लाने 76. िससमो काांड का सांबांध ककस प्रजामांडल से है - धौलपुर का श्रेय कदया जािा है - अलवर 77. 1938 में त्रिलोक चांद माथुर, त्रचरांजीलाल शमाष व मानससिंह ने ककस 62. प. हररनारायण शमाष व कुां ज रबहारी लाल, मास्टर भोलानाथ ने प्रजामांडल की स्थापना की - करौली ममलकर ककस प्रजामांडल की स्थापना 1938 में की - अलवर 78. भपेंद्र नाथ त्रिवेदी व रवनोद चांद्र के िारा 1943 में ककस प्रजामांडल की 63. जनवरी 1944 में अलवर प्रजामांडल का प्रथम अधधवेशन ककसकी स्थापना की गई- बाांसवाड़ा अध्यक्षिा में हुआ- भवानी शांकर शमाष 79. भोगीलाल पांड्या ने डांगरपुर प्रजामांडल की स्थापना कब की - 1945 64. बाबा हररश्चांद्र ,त्रचरांजीलाल ममश्र,रवजय देशपाांडे व मुरि लाल मोदी का 80. अमृिलाल पाठक व चुन्नीलाल प्रभाकर िारा 1945 में ककस सांबांध ककससे था - आजाद मोचाष प्रजामांडल की स्थापना की गई - प्रिापगढ़ 65. 1934 में महात्मा गाांधी ने राजस्थान का दौरा ककया था सवषप्रथम वे 81. गोकु ल भाई भट्ट व वृनद्ध शांकर त्रिवेदी ने ससरोही प्रजामांडल की स्थापना ककस स्थान पर आई थे - अजमेर कब की- 1939 66. अलवर के दीवान नजन्हे महात्मा गाांधी की हत्या में ममलीभगि होने के सांदेह के कारण हटाया गया- एन.बी.ठरे 67. भरिपुर के शासक नजन्होंने रहिंदी को राजभार्ा का दजाष कदया और गाांव व नगरों में स्वायत्तशासी सांस्थाओां को रवकससि ककया - ककशन ससिंह 68. राजस्थान एकीकरण के समय जाट झांडा खिरे में है नारा ककसने कदया- मानससिंह अध्याय-6 (राजस्थान का एकीकरण) 16. राजस्थान के एकीकरण के समय भरिपुर का शासक कौन था - बृजेंद्र ससिंह 1. ररयासिों से सांबांधधि समस्याओां के समाधान के सलए ररयासिी रवभाग की स्थापना कब की गई- 5 जुलाई 1947 17. राजस्थान के प्रथम महाराज प्रमुख महाराणा भपाल ससिंह ककस नजले से सांबांधधि थे- मेवाड़ 2. राजस्थान के एकीकरण से सांबांधधि ननम्नसलखखि पर रवचार कीनजए एवां नीचे कदए गए कु ट का प्रयोग करिे हुए सही उत्तर का चयन कीनजए 18. 1949 में वृहद राजस्थान का प्रधानमांिी ककसे बनाया गया था - मेवाड़ सबसे प्राचीन ररयासि थी - - हीरालाल शास्त्री - झालावाड़ सबसे नवीन ररयासि थी 19. राजस्थान सांघ का ननमाषण 25 माचष 1948 को हुआ राजप्रमुख ककसे बनाया गया - कोटा महाराव - मारवाड़ क्षेिफल की दृत्रष्ट से सबसे बड़ी ररयासि थी - 20. राजप्रमुख को राज्यपाल का पद नाम कदया गया- 1956 में - शाहपुरा क्षेि फल व जनसांख्या की दृत्रष्ट से सबसे छोटी ररयासि थी 21. मत्स्य सांघ की राजधानी ककसे बनाया गया- अलवर 3. मेवाड़ में सांरवधान का प्रारूप ककसके िारा िैयार ककया गया था- के एम मुांशी 23. ननम्न में से राजस्थान सांघ में ककसे शाममल करके सांयुि राजस्थान का ननमाषण ककया गया- उदयपुर 4. 1 नवांबर 1956 को पुनगषठन के समय राजस्थान में नजलों की सांख्या थी 24. सांयुि राजस्थान सांघ का राज प्रमुख ककसे बनाया गया- भपाल ससिंह - 26 25. ससरोही का राजस्थान में रवलय कब हुआ- 26 जनवरी 1950 5. मत्स्य सांघ में कौन सा नजला नहीं था - जयपुर 26) एकीकरण के समय ककस मारवाड नरेश ने पाककस्तान में ममलने का 6. राजस्थान एकीकरण में कु ल ककिना समय लगा - 8 वर्ष 7 माह 14 कदन प्रयास ककया- हनुमांि ससिंह 7. अजमेर मेरवाड़ा के प्रथम एवां एकमाि मुख्यमांिी थे- हरीभाऊ उपाध्याय 27. भारिीय सांरवधान पररर्द मेवाड़ से भेजे जाने वाले दो प्रतिननधध थे 9. 25 माचष 1948 को पवष राजस्थान में ककस ररयासि का रवलय हुआ - सर टीवी राघवाचारी और मासणक्य लाल वमाष - बाांसवाड़ा 28. राजस्थान राज्य का विषमान स्वरूप ककस िारीख से है- 1 नवांबर 10. 1 नवांबर 1956 को ननम्नसलखखि में से ककस को ममलाकर राजस्थान 1956 के एकीकरण का कायष पणष ककया गया- अजमेर व सुनेल टप्पा 29. स्विांििा के पश्चाि अजमेर मेरवाड़ा क्षेि की प्रथम रवधानसभा की 11. राजस्थान के एकीकरण श्रेय ककसको है- सरदार पटेल नजसका क्या नाम था - धारा सभा 12. स्विांििा से पवष राजस्थान की ररयासिों में शाांति एवां व्यवस्था का 30. सांयुि राजस्थान के प्रधानमांिी थे- मासणक्य लाल वमाष उत्तरदाधयत्व ककस पर था- ए जी जी 31. वृहद राजस्थान का ननमाषण हुआ था- 30 माचष 1949 को 13. सरदार पटेल ने 6 चरणों का एकीकरण कराया था कौनसे चरण में 32. सुम्मेसलि उन्होंने भाग नहीं सलया- सािवें चरण में सांघ प्रधानमांिी 14. राजस्थान सांभाग के ककस राज्य के नरेश ने सवषप्रथम भारि में 1. मत्स्य सांघ - श्री शोभाराम कु मावि सस्थम्मसलि पि पर हस्ताक्षर ककए- बीकानेर 2. राजस्थान सांघ - गोकु ल लाल असावा 3. सांयुि राजस्थान- मासणक्य लाल वमाष 33. ननम्नाांककि में से राजस्थान के एकीकरण से सांबांधधि कौन सा युग्म 48. मत्स्य सांघ की ककस ररयासि ने सांयुि वृहि् राजस्थान में रवलय में सुमेसलि नहीं है आनाकानी की थी- धौलपुर - राजस्थान सांघ, उदयपुर- सांयुि राजस्थान 49. मत्स्य सांघ का प्रधानमांिी ककसे बनाया गया था- शोभाराम कु मावि - अलवर भरिपुर धौलपुर करौली- मत्स्य सांघ 50. सुनेल टप्पा जो मांदसौर नजले का भाग था का राजस्थान में रवलय हुआ- 1 नवांबर 1956 - झालावाड़ बांदी बाांसवाड़ा डांगरपुर कोटा प्रिापगढ़ ककशनगढ़ टोंक शाहपुरा कु शलगढ़ - राजस्थान सांघ 51. सांयुि राजस्थान का उद्घाटन ककसके िारा ककया गया था -जवाहरलाल नेहरू 34. सांयुि वृहि् राजस्थान कब अफ्टस्तत्व में आया- 15 मई 1949 52. क्षेिफल की दृत्रष्ट से स्विांििा के समय सबसे बड़ी ररयासि कौनसी थी 35. वृहि राजस्थान की राजधानी ककसे बनाया गया- जयपुर - मारवाड़ 37. राजस्थान ननमाषण के प्रथम चरण में गठठि मत्स्य सांघ में शाममल थे 53. मत्स्य सांघ का राज प्रमुख ककसे बनाया गय?

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