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## DNA प्रतिकृति - लम्बे DNA अणुओं के दोनों रज्जुक एक साथ प्रश्धक नहीं होते है। - DNA प्रतिकृति के लिए DNA दिशा पर निर्भर होती है। - DNA कुंडलीनी छोटे होरे में खुलते हैं। जिसे प्रतिकृत्रिम कहते हैं। - यह प्रतिकृति 5' से 3' की ओर उत्प्रेरित वारता करती हैं। जिसके फल स्वरूप की लड़ी पर प्रतिवृकृति सत...

## DNA प्रतिकृति - लम्बे DNA अणुओं के दोनों रज्जुक एक साथ प्रश्धक नहीं होते है। - DNA प्रतिकृति के लिए DNA दिशा पर निर्भर होती है। - DNA कुंडलीनी छोटे होरे में खुलते हैं। जिसे प्रतिकृत्रिम कहते हैं। - यह प्रतिकृति 5' से 3' की ओर उत्प्रेरित वारता करती हैं। जिसके फल स्वरूप की लड़ी पर प्रतिवृकृति सतत होती है। जबकि दूसरी लड़ी पर असतत् रूप सर्शलेषित खण्ड होता रहता है। - DNA एन्जाइका लाइनोज दाश आपस में जुड़े रहते है। ## DNA सरलेषण - सतत सरलेषण (Continuous Synthenis) - असतत सश्लेषण (Discontinuous synthesis) - टेक्प्लेज डी एन ए (Template DNA (Parental trads) - नव सश्लेषित राज्जु - प्रतिकृत्रि द्विशाख (Replication fork)

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DNA replication molecular biology genetics
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