Arihant NCERT Notes Indian Polity & Governance PDF

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Aarohi Model Senior Secondary School Mandhana, Haryana

Vaibhav Anand Bhardwaj

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Indian Polity Governance NCERT Notes UPSC Exam

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This document is a compilation of notes covering Indian Polity and Governance, based on NCERT textbooks. It's a study aid specifically tailored for UPSC and other state PSC exams. The book promises summaries of key concepts and chapters from NCERT textbooks, making it a potential reference point for students.

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Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar Machine Translated by Google Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar के वल और के वल एनसीईआरट एनसीईआरट पढ़ने का सबसे अ ा तरीका......

Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar Machine Translated by Google Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar के वल और के वल एनसीईआरट एनसीईआरट पढ़ने का सबसे अ ा तरीका... एनसीईआरट ट प णयाँ भारतीय राज व ा और शासन क ा पुराना नया Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar के वल और के वल एनसीईआरट एनसीईआरट पढ़ने का सबसे अ ा तरीका... एनसीईआरट ट प णयाँ भारतीय राज व ा और शासन क ा पुराना नया लेख क वैभव आनंद भार ाज Khushboo Sharma अ रहंत काशन इं डया ल मटे ड Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar अ रहंत काशन इं डया ल मटे ड सवा धकार सुर त © काशक काशक क ल खत अनुम त के बना इस काशन के कसी भी भाग का पुन उ पादन पुन ा त णाली म सं हीत या कसी भी मा यम से इले ॉ नक यां क फोटोकॉपी रकॉ डग कै नग वेब या अ यथा नह कया जा सकता है। अ रहंत ने इस पु तक म सभी जानकारी व सनीय और स य माने जाने वाले सू से ा त क है। हालां क अ रहंत या इसके संपादक या लेख क या च कार का शत कसी भी जानकारी क पूण सट कता और उसके बाद ई त या हा न के लए कोई ज़ मेदारी नह लेते ह। सभी ववाद के वल मेरठ यूपी े ा धकार के अधीन ह शास नक और उ पादन कायालय र ज. कायालय रामछाया अ वाल रोड द रया गंज नई द ली रभाष धान कायालय का लद ट पी नगर मेरठ यूपी रभाष ब और समथन कायालय आगरा अहमदाबाद बगलु बरेली चे ई द ली गुवाहाट हैदराबाद जयपुर झांसी कोलकाता लखनऊ नागपुर और पुण े। पीओ सं या TXT XX XXXXXXXXX X XX अ रहंत काशन इं डया ल मटे ड ारा का शत अ रहंत ारा का शत पु तक के बारे म अ धक जानकारी के लए www.arihantbooks.com पर लॉग ऑन कर या [email protected] पर ई मेल कर। पर हम का पालन कर Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar आपक उपल हमारी तब ता कसी भी चीज से पहले तैयारी ही सफलता क कुं जी है। स वल सेवा परी ा भारत म सबसे त त और त त परी ा है। श अ धकार त ा के कारण यह क रयर हर उ मीदवार को इस पद पर बने रहने और IAS IPS अ धकारी बनने के लए आक षत करता है। संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी और रा य लोक सेवा आयोग एसपीएससी हर साल इस परी ा का आयोजन करते ह और दे श भर के लाख उ मीदवार दे श म इस व श परी ा को पास करने के लए वष तक एक साथ मेहनत करते ह। सबसे क ठन परी ा होने के नाते इसम वचा लत प से एक वशाल और व तृत पा म शा मल होता है। उ मीदवार को अ सर पूरे पा म को कवर करने म मु कल होती है और परी ा के लए उ चत और व त अ ययन के लए सही दशा का अभाव होता है। इस तैयारी या ा का सबसे मह वपूण पहलू एनसीईआरट क कताब ह। हर साल लगभग सीधे एनसीईआरट क कताब से आते ह। बु नयाद अवधारणा को समझने म एनसीईआरट क पु तक भी मह वपूण भू मका नभाती ह ता क अ यथ आसानी से पूरे पा म का मूल आधार तैयार कर सक। ले कन अ ययन के लए आव यक कई एनसीईआरट पु तक क मांग के कारण एनसीईआरट क येक पु तक को कवर करना थकाऊ हो जाता है। अ रहंत काशन ारा तुत एनसीईआरट नोट् स ृंख ला म क ा व से व एनसीईआरट क कताब पुरानी और नई दोन का पूरा पाठ ापक तरीके से शा मल है। यूपीएससी और रा य पीएससी परी ा के लए यह ृंख ला अ यंत उपयोगी है। व रत समझ के लए एनसीईआरट पाठ क अ याय वार तु त शीषक सह सूचक ा प म द गई है। तैयारी को आसान और सु वधाजनक बनाने के लए येक अ याय म स ांत को चाट टे बल आ द के साथ सुगम बनाया गया है। प र श म परी ा क त अं तम मनट संशोधन वषय भी शा मल ह। यह पु तक वशेष क एक ट म ारा तैयार कए गए के साथ साथ प रयोजना बंधन ट म ारा नभाई गई मह वपूण भू मका से सुशो भत है मोना यादव ोजे ट मैनेज र द ा गुसा ोजे ट कोऑ डनेटर शवानी द त आयुष राजपूत ूफ रीडस वनय शमा कमल कशोर सोनू कु मार डीट पी सम वयक शानू और अं कत सैनी कवर और इनर डजाइनर । हम उ मीद है क यह पु तक उ मीदवार को यूपीएससी और साथ ही रा य पीसीएस परी ा को पास करने के अपने ल य को ा त करने म मदद करेगी। आपके ब मू य सुझ ाव ने हम हमेशा उपयोगी ामा णक और अ धक भरोसेमंद काशन के लए यास करने के लए े रत कया है। अतः आगामी सं करण के लए आपके सुझ ाव और सुझ ाव का वागत है। हम आपक तैयारी और या ा के लए शुभकामनाएं दे ते ह लेख क Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar अंतव तु भारतीय राजनी त और शासन अ याय. भारत म संवैधा नक वकास एल भारतीय संवैधा नक वकास म मह वपूण मील के प र अ याय. भारतीय सं वधान का नमाण एल सं वधान एल भारतीय सं वधान का वकास अ याय. भारतीय सं वधान तावना और इसक वशेषताएं एल भारतीय सं वधान क तावना एल भारतीय सं वधान क मु य वशेषताएं अ याय. भारतीय संघ और रा य का पुनगठन एल संघवाद एल रा य का पुनगठन अ याय. नाग रकता एल नाग रकता का अथ एल भारतीय नाग रकता का अ ध हण और नधारण अ याय. मौ लक अ धकार एल अ धकार एल मौ लक अ धकार का वग करण अ याय. रा य के नी त नदशक स ांत एल नदशक स ांत एल नदशक स ांत और मौ लक अ धकार के बीच संघष Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar अ याय. मौ लक कत एल भारतीय सं वधान म मौ लक कत एल मौ लक अ धकार और मौ लक कत के बीच संबंध अ याय. संघ कायका रणी एल कायकारी एल रा प त एल उपा य एल धान मं ी एल उप धान मं ी एल मं प रषद एल अटॉन जनरल एल क य शासन संरचना और काय अ याय. संघ वधानमंडल l वधानमंडल एल संसद क संरचना एल संसद के स एल संसद म वधायी या एल संसद म बजट और व ीय या एल संसद य स म तयां अ याय. रा य कायका रणी एल रा य कायका रणी के लए संवैधा नक ावधान एल रा य मं प रषद अ याय. रा य वधानमंडल एल रा य वधानमंडल के संबंध म संवैधा नक ावधान एल रा य वधानमंडल क संरचना एल रा य वधानमंडल म वधायी या Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar अ याय. यायपा लका l भारत का सव यायालय l उ यायालय l अधीन यायालय अ याय. संघवाद और क रा य संबंध एल भारत म संघवाद एल क रा य संबंध अ याय. आपातकालीन ावधान एल आपात के लए संवैधा नक ावधान एल आपातकालीन ावधान पर पुंछ आयोग अ याय. लोक सेवा लोक लोक सेवा एल स वल सेवा म शासन का तर एल नौकरशाही अ याय. राजभाषा एल राजभाषा का इ तहास एल भाषा से संबं धत मह वपूण लेख अ याय. सीमांत वग के लए वशेष ावधान एल अनुसू चत जा त एल अनुसू चत जनजा त एल अ य पछड़ा वग एल म हलाएं एल ब े एल वकलांग Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar अ याय. ानीय वशासन एल पंचायती राज व ा एल ामीण ानीय सरकारी सं ान एल शहरी ानीय सरकारी सं ान एल ानीय वशासन से जुड़ी स म तयाँ अ याय. भारत म चुनाव और पाट णाली एल चुनाव एल भारत का चुनाव आयोग एल चुनावी सुधार एल राजनी तक दल अ याय. कु छ रा य और े ीय आकां ा के लए वशेष ावधान एल पूव र भारत के लए वशेष ावधान एल अ य रा य के लए वशेष ावधान अ याय. संवैधा नक और गैर संवैधा नक नकाय एल संवैधा नक नकाय एल गैर संवैधा नक नकाय अ याय. संवैधा नक संशोधन एल संवैधा नक संशोधन का अथ एल भारतीय सं वधान म मह वपूण संशोधन क सूची अ याय. राजनी तक स ांत और वचारधाराएँ एल राजनी तक स ांत एक प रचय अ याय. भारत क वदे श नी त पड़ोसी दे श और रा ीय तीक l भारत क वदे श नी त l भारत और उसके पड़ोसी दे श l रा ीय च अनुबंध Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar अ याय एनसीईआरट नोट् स भारतीय राजनी त और शासन संवैधा नक भारत म वकास ोत क ा यारहव पुराना एनसीईआरट अ याय संवैधा नक वकास के मह वपूण मोड़ भारत म संवैधा नक वकास क या ई ट इं डया कं पनी क ापना के साथ शु ई। टश कानूनी णाली का शासन करने के लए टश यायाधीश को भारत भेज ा जाना था जो टश शासन म कु छ ऐसी घटनाएँ ह ज ह ने टश भारत म सरकार और शासन वहां इ तेमाल कया गया था। सर ए ल याह इ े पहले मु य यायाधीश थे। के संगठन और काय णाली के लए कानूनी ढाँचा नधा रत कया। इन घटना ने हमारे सं वधान और राजनी त को ब त भा वत कया है। कोट ऑफ डायरे टस को भारत म अपने राज व नाग रक और सै य मामल के बारे म टश सरकार को रपोट करने के लए बनाया गया था। ए ट ऑफ सेटलमट यह ए ट एक संशोधन भारत म मह वपूण लच अ ध नयम था जसने रेगुले टग ए ट क क मय को र कया। इसे ड लेरेटरी ए ट के नाम से भी जाना जाता है। संवैधा नक वकास भारतीय से जुड़े मह वपूण लडमाक अ ध नयम अ ध नयम का मूल उ े य सव यायालय के व शकायत को र करने के संवैधा नक वकास इस कार ह लए यायालय क एक नई णाली ा पत करना था। रेगुले टग ए ट इस अ ध नयम ने कायकारी और ांतीय प रषद के सद य क सं या से घटाकर कर द । यह अ ध नयम भारत म ई ट इं डया कं पनी के मामल को नयं त करने के लए टश संसद ारा पा रत कया गया था। इसने पहली बार कं पनी के राजनी तक और शास नक काय को मा यता द और का पट् स इं डया ए ट भारत म क य शासन क न व रखी। इस अ ध नयम ने भारत म कं पनी के मामल के मागदशन और पयवे ण के लए नदे शक मंडल पर नयं ण बोड क ापना क । इस अ ध नयम ने बंगाल के गवनर वारेन हे ट स को गवनर जनरल बना दया और बंगाल के नयं ण म म ास और बॉ बे के ेसीडसी को समा हत कर लया। इसे रेगुले टग ए ट क क मय को र करने के लए पेश कया गया था। इसका नाम त कालीन टश धान मं ी व लयम पट के नाम पर रखा गया था। इस अ ध नयम ने भारतीय मामल को टश सरकार के सीधे नयं ण म रखा। अ ध नयम ने कलक ा प रषद म बंगाल के गवनर जनरल के साथ सेवा करने के लए चार अ त र सद य को ना मत कया। इन पाषद को आमतौर पर चार क गवनर जनरल और क सल को टश सरकार के अधीन कर दया गया। उ ह प रषद के प म जाना जाता था। नदे शक या गु त स म त क मंज ूरी के बना यु क घोषणा करने और कसी भी सं ध म वेश करने से मना कया गया था। म कलक ा के फोट व लयम म एक सव यायालय क ापना क गई जसम एक मु य यायाधीश और तीन अ य यायाधीश शा मल थे। इसने कं पनी के राजनी तक और वा ण यक काय का सीमांक न कया। Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar एनसीईआरट नोट् स भारतीय राजनी त और शासन अ ध नयम म प से कहा गया था क यु राजन यक संबंध और राज व के सभी मामल वधायी उ े य के लए गवनर जनरल क प रषद म चौथा सद य जोड़ा गया। लॉड मैक ाले म म ास और बॉ बे क े सडसी को बंगाल क े सडसी के अधीन होना था। कायालय संभालने वाले पहले थे। अ ध नयम ने वधायी श य को वशेष प से काउं सल म गवनर जनरल म न हत कया का अ ध नयम और बंबई और म ास के गवनर को उनक वधायी श य से वं चत कर दया। लॉड कानवा लस ने मांग क क गवनर जनरल क श को उसे सश बनाने के भारतीय स वल सेवा क ापना क गई थी। इसने स वल सेवक के चयन के लए खुली लए उसक प रषद के ब मत को ओवरराइड करने और अपनी वशेष ज मेदारी पर काय तयो गता क एक णाली शु करने का यास कया और पु क क भारतीय को कं पनी के करने के लए बढ़ाया जाना चा हए। तहत कसी भी ान कायालय या रोजगार पर रोक नह लगाई जानी चा हए। का अ ध नयम उसे गवनर जनरल और कमांडर इन चीफ दोन के प म काम करने क श दे ने के लए बनाया गया था। इस कार के अ ध नयम के मा यम से कानवा लस बोड ई ट इं डया कं पनी EIC भारत क राजनी तक शासक बन गई। EIC के ावसा यक काय ऑफ कं ोल और कोट ऑफ डायरे टस के अ धकार के तहत टश भारत का पहला भावी और ग त व धय को समा त कर दया गया जससे यह एक वशु प से शास नक शासक बन गया। नकाय बन गया। शासन से दास क त म सुधार लाने और अंतत गुलामी को समा त करने के लए कदम का चाटर अ ध नयम उठाने का आ ह कया गया म गुलामी को समा त कर दया गया । इस अ ध नयम के अनुसार कं पनी के चाटर को वष के लए नवीनीकृ त कया गया था और यह घो षत कया गया था क इसे अगले वष तक सभी े के क जे के साथ जारी रखने क यह अ ध नयम टश भारत म क करण क दशा म अं तम कदम था। अनुम त द जाएगी। का चाटर अ ध नयम सभी व नयम क एक नय मत सं हता तैयार क गई जसे बंगाल म टश े क आंत रक सरकार के लए अ ध नय मत कया जा सकता था। इस अ ध नयम ने वधान के योजन के लए प रषद के अ त र सद य के ावधान ारा कायकारी और वधायी काय को एक कदम आगे बढ़ाया। व नयमन भारतीय लोग के अ धकार य और संप पर लागू होता है और यह नयम और व नयम ारा अपने नणय को व नय मत करने के लए अदालत को बा य करता व ध सद य को गवनर जनरल क कायकारी प रषद का पूण सद य बनाया गया। सभी है। वधायी ताव के लए गवनर जनरल क सहम त अ नवाय कर द गई। इस कार इस अ ध नयम ने पछले शासक के गत शासन के ान पर टश भारत म ल खत कानून और व नयम ारा सरकार क न व रखी। क य वधान प रषद म येक ांत से एक त न ध शा मल होना था। एक ांत से संबं धत उपाय पर उस ांत के त न धय क उप त म वचार कया जाना था। का चाटर अ ध नयम इस अ ध नयम ने कं पनी के चाटर को वष के लए नवीनीकृ त कया ले कन इसने कं पनी ारा आयो जत भारतीय े पर टश ाउन क सं भुता पर जोर दया। कलक ा के सव यायालय के मु य यायाधीश को प रषद का पदे न सद य होना था। कं पनी को अगले वष के लए े ीय संप रखने क अनुम त द गई थी। अपनी वधायी मता म प रषद म सद य शा मल थे। इनम गवनर जनरल कमांडर इन चीफ इसे भारत के साथ ापार के अपने एका धकार से वं चत कर दया गया। उनक प रषद के चार सद य और छह वधायी सद य शा मल थे। इसे वष तक चीन के साथ ापार के अपने एका धकार को जारी रखने क अनुम त द गई। नदे शक क सं या से घटाकर कर द गई। उनम से छह को ाउन ारा नामां कत कया जाना था। का चाटर अ ध नयम भारत सरकार का अ ध नयम यह अ ध नयम टश समाज म कई सामा जक राजनी तक प रवतन के बाद अ त व म आया। इस अ ध नयम ने भारत क सरकार े और राज व को ई ट इं डया कं पनी से टश ाउन इस अ ध नयम ने ई ट इं डया कं पनी को भारत म ापार करने के लए और साल दए। यह को ह तांत रत कर दया। टश ाउन ने ई ट इं डया कं पनी से भारत पर सं भुता हण क । टश भारत म एका ता क दशा म अं तम कदम था। कं पनी के शासन को भारत म ाउन के शासन ारा त ा पत कया गया था। अ ध नयम क वशेषताएं इसने बंगाल के गवनर जनरल को भारत का गवनर जनरल बना दया और उसे सभी बोड ऑफ कं ोल और कोट ऑफ डायरे टस को समा त कर दया गया। उनक जगह भारत के नाग रक और सै य श याँ दान क । लॉड व लयम ब टक भारत के पहले गवनर जनरल थे। रा य स चव और उनक भारतीय प रषद ने ली थी। उ ह उसक म हमा के नाम पर भारत पर शासन करना था। Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar एनसीईआरट नोट् स भारतीय राजनी त और शासन रा य स चव को संसद म बैठना था। इसने वधान प रषद क श म वृ क और उ ह बजट पर चचा करने और कायपा लका वह इं लड के कै बनेट मं ी थे और संसद के त उ रदायी थे। भारत पर से को संबो धत करने क श द। अं तम श संसद के पास रही। व व ालय जला बोड और नगर पा लका जैसे ानीय नकाय ारा ना मत कए अ ध नयम ने सद य क एक भारतीय प रषद बनाई। यह रा य के स चव को सलाह जाने वाले ांतीय वधान प रषद के गैर सरकारी सद य। दे ने के लए था जो इसके नणय को र कर सकता था। म य और ांत दोन म वधान प रषद के काय का व तार कया गया ता क व ीय मामल म प रषद क वीकृ त आव यक थी। भारतीय प रषद के अ धकांश व ीय ववरण बजट पर चचा कायपा लका को संबो धत आ द को शा मल कया सद य वे थे जो भारतीय सेवा से सेवा नवृ ए थे। जा सके । गवनर जनरल अब से वायसराय या ाउन के त न ध के प म जाना जाने लगा। का भारतीय प रषद अ ध नयम नी त और उसके या वयन के मामल म टश सरकार के संबंध म वायसराय तेज ी से एक अधीन त म आ गया था। अंततः भारत सरकार सीधे लंदन से नयं त हो इस अ ध नयम को भारत के रा य स चव लॉड मॉल और वायसराय लॉड मटो के बाद गई। मॉल मटो सुधार के प म भी जाना जाता है। इसने स ल ले ज ले टव काउं सल का नाम बदलकर इ ी रयल ले ज ले टव काउं सल कर अ ध नयम ने पहली बार भारतीय क य वधान प रषद म ानीय दया। त न ध व क शु आत क । गवनर जनरल क प रषद के छह नए वधायी सद य इस अ ध नयम ने एक पृथक नवाचक मंडल क अवधारणा को म से चार सद य को म ास बॉ बे बंगाल और आगरा क ानीय ांतीय सरकार वीकार करके मुसलमान के लए सां दा यक त न ध व क एक णाली क शु आत ारा नयु कया गया था। क । यह एक ऐसी णाली थी जहां सीट के वल मुसलमान के लए आर त होती थ और के वल मुसलमान को ही वोट दया जाता था। इसने क म वधान प रषद का व तार से सद य और बंगाल म म ास बॉ बे का भारतीय प रषद अ ध नयम और संयु ांत म पूव बंगाल और असम म पंज ाब म और बमा म के इस अ ध नयम ने बंबई और म ास ेसीडसी को वधायी श य को बहाल करके साथ ांतीय वधानसभा का व तार कया। वक करण क या शु क । इसने पोटफो लयो स टम को वैधा नक मा यता दान क । नवाचक मंडल के आधार पर क म वधान प रषद के लए चुनाव क शु आत क गई। गवनर जनरल क प रषद का व तार यूनतम और अ धकतम अतर यह भारतीय शासन म एक त न ध और लोक य त व को पेश करने का पहला सद य को शा मल करके कया गया था। इन गैर सरकारी सद य को के वल यास था। वधायी उ े य के लए जोड़ा गया था। ांतीय तर पर नवा चत गैर सरकारी सद य अब ब मत म थे। अतर सद य को वष क अव ध के लए गवनर जनरल ारा मनोनीत कया जाना था। इस अ ध नयम ने वधान प रषद के काय जैसे चचा का अ धकार पूछना ांतीय वधान प रषद के लए इसी तरह के ावधान कए गए थे। येक और पूरक आ द का व तार कया। ांतीय वधानमंडल बॉ बे बंगाल म ास उ र प मी सीमांत ांत पंज ाब क सद यता को यूनतम और अ धकतम अतर सद य को वष क अव ध के लए मनोनीत करके बढ़ाया गया था। क अग त घोषणा अग त को मांटे यू ने टश संसद म ऐ तहा सक मांटे यू घोषणा अग त घोषणा तुत क । इस घोषणा ने शासन म भारतीय क बढ़ती भागीदारी और भारत म वशासी सं ा के वकास का ताव रखा। का भारतीय प रषद अ ध नयम यह अ ध नयम वधान प रषद क श य काय और संरचना से संबं धत था। भारत सरकार अ ध नयम इस अ ध नयम को म टे ग इंपी रयल ले ज ले टव काउं सल के गैर सरकारी सद य अं ेज ारा नह ब क बंगाल चबर ऑफ कॉमस और ांतीय वधान प रषद ारा मनोनीत कए चे सफोड सुधार के प म भी जाना जाता है य क म टे ग भारत के रा य स चव थे और जाते ह। लॉड चे सफोड म भारत के वायसराय थे। क य प रषद के अ त र सद य क सं या से के बीच बढ़ाना और ांतीय प रषद म अतर गैर सरकारी सद य क सं या से के बीच बढ़ाना। यह अग त को टश सरकार क घोषणा के प म था। इसका उ े य भारत म उ रदा य वपूण सरकार क मक शु आत करना था। Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar एनसीईआरट नोट् स भारतीय राजनी त और शासन अ ध नयम क वशेषताएं भारत सरकार अ ध नयम इस अ ध नयम ने ांत म ै ध शासन णाली ीक श द ड आच से लया गया एक श द क ेत प और गोलमेज स मेलन के प म यास क ृंख ला के बाद टश शु आत क जसका अथ है दोहरा शासन। इसे भारतीय को स ा ह तांतरण क दशा म एक सरकार के भारत सरकार अ ध नयम के साथ आई। मह वपूण कदम माना गया। शासन के ांतीय वषय को ानांत रत और आर त दो े णय म वभा जत कया जाना था। अ ध नयम भारत म पूरी तरह से ज मेदार सरकार क ापना क दशा म एक मह वपूण कदम था। यह धारा और अनुसू चय वाला एक लंबा द तावेज़ था। ह तांत रत वषय को वधान प रषद के त उ रदायी मं य क सहायता से रा यपाल ारा शा सत कया जाना था। अ ध नयम क वशेषताएं जब क रा यपाल और कायकारी प रषद को वधानमंडल के त कोई ज मेदारी न रखते ए आर त इस अ ध नयम म ांत और रयासत को इकाइय के प म मलाकर एक अ खल भारतीय संघ क ापना का ावधान कया गया। वषय का शासन करना था। हालाँ क यह योग काफ हद तक असफल रहा। इस अ ध नयम ने तीन सू चय के संदभ म क और इकाइय के बीच श य को वभा जत कया इस अ ध नयम ने ह तांतरण नयम को नधा रत कया जसके ारा शासन के वषय को क य और ांतीय दो े णय म वभा जत कया गया।. संघीय सूची आइटम. ांतीय सूची आइटम क य ेण ी म अ खल भारतीय मह व के वषय जैसे रेलवे और व थे जब क ांत के शासन से. समवत सूची आइटम संबं धत मामल को ांतीय के प म वग कृ त कया गया था। अव श श याँ वायसराय म न हत थ । इसने क म ै ध शासन को अपनाने का ावधान कया। इस लए संघीय वषय को आर त वषय और ह तांत रत वषय म वभा जत कया गया। बहरहाल इसने पहली बार दे श म सदनीयवाद दो सदन क अवधारणा और य चुनाव क शु आत क । अ ध नयम का यह ावधान ब कु ल लागू नह आ। नतीजतन भारतीय वधान प रषद को एक उ सदन रा य प रषद और एक नचले सदन वधान सभा से मलकर एक सदनीय वधा यका ारा त ा पत कया गया था। दोन सदन इस अ ध नयम ने भारत क प रषद के भारत सरकार अ ध नयम ारा ा पत को हटा के अ धकांश सद य को य चुनाव ारा चुना जाना था। दया। इस अ ध नयम ने भारतीय रजव बक क ापना क और म एक संघीय यायालय क ापना क । गवनर जनरल क कायकारी प रषद म भारतीय क सं या छह सद य क एक प रषद कमांडर इस अ ध नयम ने ांतीय वाय ता क शु आत क और ांत म ै ध इन चीफ के अलावा म बढ़ाकर तीन कर द गई। भारतीय सद य को कानून श ा म वा य और शासन को समा त कर दया म शु कया गया । उ ोग जैसे वभाग स पे गए थे। इस अ ध नयम ने ांत म ज मेदार सरकार क शु आत क । इस व ा के अनुसार रा यपाल को ांतीय वधानमंडल के त उ रदायी मं य क सलाह से काय करना आव यक सां दा यक त न ध व सख ईसाइय एं लो इं डयन आ द तक बढ़ाया गया। था। यह ावधान म लागू आ हालां क इसे म बंद कर दया गया था। इसने लंदन म भारत के उ ायु के एक नए कायालय का ावधान कया और उसे भारत के रा य स चव के कु छ काय को ानांत रत कर दया। इस अ ध नयम ने म से ांत म एक वधान प रषद उ सदन और इसने उन लोग के लए भी मता धकार दान कया जो श त थे कर चुक ाते थे और संप एक वधान सभा न न सदन के साथ सदनीयता क शु आत क । रखते थे और म हला को ांतीय वधानमंडल म सीट पर आर ण और क य वधानमंडल म सी मत आर ण दान करते थे। इसने द लत वग म हला और मक को सां दा यक त न ध व दया। इसने एक लोक सेवा आयोग क ापना का ावधान कया जो म स वल सेवक क भत के लए अ त व म आया। इसने ांतीय बजट को क य बजट से अलग कर दया और ांतीय इसने मता धकार का व तार कया और कु ल जनसं या के लगभग लोग वधानसभा को अपने बजट को अ ध नय मत करने के लए अ धकृ त कया गया। को मतदान का अ धकार ा त आ। इसने दो या दो से अ धक ांत के लए संघीय लोक सेवा आयोग ांतीय लोक सेवा आयोग और संयु लोक सेवा आयोग क ापना का ावधान कया। इसने संप कर या श ा के आधार पर सी मत सं या म लोग को मता धकार दान कया। Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar एनसीईआरट नोट् स भारतीय राजनी त और शासन ता वत अ खल भारतीय संघ अमल म नह आया। अ ध नयम ने दो वतं उप नवेश भारत और पा क तान के नमाण के लए दान यह कसी को राजी नह कर सका भारतीय रा ीय कां ेस मु लम लीग ह कया। महासभा या रयासत। मुसलमान ने ब मत के शासन का वरोध कया। इसने पंज ाब और बंगाल के वभाजन के लए उनके बीच क सीमा का सीमांक न करने के लए अलग अलग सीमा आयोग का ावधान कया। रयासत ने जातं क श य का वरोध कया और कां ेस ने श ाचारवश संघ का वरोध कया। का भारत सरकार अ ध नयम इस कार एक खोया आ आदश प म पंज ाब और पूव बंगाल के अलावा पा क तान म सध उ र प मी सीमा बना रहा। ांत असम के सलहट डवीजन भावलपुर खैरपुर बलू च तान और हालाँ क का अ ध नयम सम प से मह वपूण था। इसने न के वल एक अंत रम बलू च तान म आठ अ य अपे ाकृ त छोट रयासत शा मल थ । सं वधान के प म काय कया ब क वतं भारत के सं वधान के लए एक आधार भी दान कया। पहले के संवैधा नक सुधार के साथ अ ध नयम ने प रवतन क या को दशा द और इस अ ध नयम के ारा भारत पर टश ाउन क सं भुता और ज मेदारी नयत साथ ही इसक साम ी को भा वत कया। दन जस तारीख से भारत को वतं ता मली बाद म अग त के प म तय कया गया से समा त हो जाना था। स मशन म सर अ ध नयम के तहत न न ल खत ावधान कए गए थे रा य स चव का पद टे फ ोड स के नेतृ व म स मशन भारत भेज ा गया। स मशन ारा दए समा त कर दया गया था और ाउन ा धकरण का ोत था। गए कु छ ताव नीचे दए गए ह गवनर जनरल और ांतीय गवनर तीय व यु के बाद भारत को डो म नयन का दजा दया जाएगा। संवैधा नक मुख के प म काय कर। भारत को डो म नयन का दजा दया गया। तीय व यु समा त होने के बाद भारतीय सं वधान के नमाण के लए भारत म सं वधान सभा को अ धरा य क अ ायी संसद के प म काय करना एक नवा चत नकाय क ापना क जाएगी। था। सं वधान सभा असी मत होनी थी यहां तक क भारतीय रा य भी सं वधान बनाने वाली सं ा म भाग लगे। कसी भी सं वधान को बनाने और भारतीय वतं ता अ ध नयम स हत टश संसद के कसी भी अ ध नयम को नर त करने क श याँ। भारत म लगभग सभी दल और वग ने स मशन ारा दए गए ताव को अ वीकार कर दया। अंत रम सरकार कै बनेट मशन सद य पोटफो लयो नायक भारतीय रा य और टश ांत मलकर भारत संघ का नमाण करगे। पं डत जवाहरलाल नेह वदे श और रा मंडल संबंध सद य वाली एक सं वधान सभा क ापना क जाएगी। मुख सरदार व लभभाई पटे ल होम सूचना और राजनी तक दल के सद य अंत रम सारण सरकार बनाएंगे। Dr Rajendra Prasad खा और कृ ष डॉ जॉन मै यू उ ोग और आपू त सं वधान सभा के नाम से एक त न ध नकाय का गठन कया जाएगा। Jagjivan Ram म सरदार बलदे व सह र ा जब तक सं वधान तैयार नह कया गया तब तक सं वधान सभा डो म नयन सीएच भाभा काम करता है खान और बजली वधानमंडल के प म काय करेगी। जब तक सं वधान नह बनाया गया भारत सरकार अ ध नयम के अनुसार लयाकत अली खान व अ र रब न तर पो ट और एयर भारत को शा सत कया जाएगा। आसफ अली रेलवे और प रवहन का भारतीय वतं ता अ ध नयम यह स माउं टबेटन C Rajagopalachari श ा और कला योजना जून पर आधा रत था। अ ध नयम ने जुलाई को ताज ापार इ ा हम इ माइल चुंदरीगर क सहम त से राहत द और अग त को भावी हो गया। ग़ज़नफ़र अली ख़ान वा य Joginder Nath Mandal कानून Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar अ याय एनसीईआरट नोट् स भारतीय राजनी त और शासन का बनाना भारतीय सं वधान ोत क ा VII पुराना NCERT अ याय हमने अपना सं वधान कै से बनाया क ा VIII नया NCERT अ याय भारतीय सं वधान क ा IX नया NCERT अ याय सं वधान का नमाण क ा XI नया NCERT अ याय सं वधान य और कै से सं वधान मौ लक अ धकार का एक सेट दान करके सरकार क श क सं वधान कसी दे श का सं वधान भी जाँच करता है जो सामा य प र तय म अनु लंघनीय ह। सरकार मनमाना और ल खत नयम का एक समूह है जो दे श म एक साथ रहने वाले सभी लोग ारा वीकार कया अनु चत नणय नह ले सकती। जाता है। सं वधान सव कानून है जो एक े म रहने वाले नाग रक के बीच संबंध और लोग और सरकार के बीच संबंध को भी नधा रत करता है। सं वधान अ पसं यक समूह को वशेष अ धकार दान करके एक व वध समाज म ब सं यकवाद क जाँच भी करता है। यह व ास और सम वय क एक ड ी उ प करता है जो व भ कार के लोग के सं वधान क आव यकता साथ रहने के लए आव यक है। न न ल खत कारण से सं वधान क आव यकता है यह सु न त करता है क अ पसं यक को मु यधारा के समाज से बाहर नह रखा गया है और ब सं यक के लए उपल चीज तक उनक प ंच है। सं वधान कु छ आदश को नधा रत करता है जो उस दे श के आधार का नमाण करते ह जसम नाग रक रहने क इ ा रखते ह। उदाहरण के लए भारतीय सं वधान भारत को एक सं भु समाजवाद धम नरपे और लोकतां क गणरा य बनाता है। सं वधान हम खुद से भी बचाता है य क अ सर हम कु छ ऐसे फै सले ले सकते ह जो हमारे साथ साथ सर के लए भी हा नकारक होते ह। उदाहरण के लए मौ लक अ धकार के साथ लगाया गया उ चत तबंध हम ज दबाजी म कोई भी नणय लेने से रोकना है। सं वधान एक अ ा समाज बनाने के बारे म लोग क आकां ा को करता है। यह नयम का एक सेट दान करता है जो समाज के व भ सद य के बीच सुचा सम वय क अनुम त दे ता है। क ऐ तहा सक पृ भू म सं वधान कसी दे श क राजनी तक व ाक कृ त को भी प रभा षत भारतीय सं वधान करता है। उदाहरण के लए नेपाल के पहले के सं वधान म कहा गया था क दे श भारतीय सं वधान का मसौदा तैयार करने के लए म बुलाई गई सं वधान सभा से पहले पर राजा और उनक मं प रषद का शासन होना चा हए। भारत के मौ लक कानून को यादातर टश संसद ारा अ ध नय मत व धय म ा पत कया गया था। इनम का भारत सरकार अ ध नयम और का अ ध नयम मुख सं वधान न द करता है क कौन से अंग के पास कतनी श है ता क एक सरे थे। म मोतीलाल नेह और अ य कां ेस नेता ने भारत के लए एक सं वधान का क श य पर कोई अ त मण न हो। मसौदा तैयार कया। सं वधान उन नयम को नधा रत करता है जो सरकार के तीन अंग म से कसी एक ारा अ धकार के कसी भी पयोग क जाँच करते ह। वधा यका म भारतीय रा ीय के कराची अ धवेशन म कायपा लका और यायपा लका। कां ेस यह नणय लया गया क यू नवसल एड ट मता धकार वतं ता और समानता का अ धकार और Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar एनसीईआरट नोट् स भारतीय राजनी त और शासन अ पसं यक के अ धकार क र ा को वतं भारत के सं वधान म शा मल कया सं वधान सभा म त न ध व करने वाली पा टय म कां ेस पाट थी जसके पास ब मत जाएगा। था मु लम लीग अनुसू चत जा त संघ भारतीय क यु न ट पाट और यू नयन पाट । म भारतीय रा ीय कां ेस ने टश भारतीय सरकार के सामने एक भारतीय सं वधान सभा के नमाण क मांग तुत क । दसंबर म पहली बार सं वधान सभा क बैठक ई और नवंबर तक सं वधान के मसौदे को मंज ूरी मल गई। भारतीय का वकास जनवरी म सं वधान लागू आ और सं वधान सभा को अ ायी संसद म बदल दया सं वधान गया। सं वधान सभा ने भारतीय का वकास कया व भ चरण म सं वधान इस कार है नए सं वधान का नमाण सं वधान सभा ने सं वधान बनाने के लए सं वधान सभा म अं ेज ने भारत को स म तय का गठन कया। इन स म तय क रपोट के आधार पर डॉ बी आर अ बेडकर वतं ता दे ने क संभावना क जांच करने का नणय लया। प रणाम व प क अ य ता म सात सद यीय ा प स म त ारा सं वधान का ा प तैयार कया गया था। एक टश कै बनेट मशन को भारत भेज ा गया सं वधान लखने के ढाँचे पर सहमत होने के लए टश भारत और भारतीय रा य के त न धय के साथ वचार वमश कर। मसौदा सं वधान जनवरी म का शत आ था। नवंबर को भारत का सं वधान सं वधान सभा ारा पा रत और अपनाया गया था। अंत म भारत का सं वधान जनवरी को लागू आ। एक घटक नकाय और एक कायकारी प रषद क ापना कर। इस मशन के बाद बातचीत ई और एकल सं मणीय मत के साथ सं वधान क मह वपूण स म तयाँ आनुपा तक तनधवक प त से त न धय और म हला वधानसभा और उनके अ य वाली ांतीय वधानसभा ारा अ य प से एक सं वधान सभा का चुनाव समत अ य कया गया। या के नयम पर स म त Rajendra Prasad संचालन स म त Rajendra Prasad म सं वधान सभा अ त व म आई। व और कमचारी स म त Rajendra Prasad सं वधान सभा के सद य म जवाहरलाल नेह डॉ. राज साद सरदार पटे ल साख स म त अ लाद कृ णा वामी मौलाना आज़ाद और दे श के कई और सव नेता शा मल थे। दसंबर अ यर को सं वधान सभा क पहली बैठक ई। डॉ राज साद को बाद म सं वधान सदन स म त B Pattabhi Sitaramayya सभा के अ य के प म नयु कया गया था। कायका रणी स म त का आदे श व म के.एम रा ीय वज राज साद पर तदथ स म त के काय पर स म त GV Mavalankar येक ांत और येक रयासत या रा य के समूह को उनक संबं धत जनसं या के सं वधान सभा अनुपात म सीट आवं टत क ग । सद य चुने गए मोटे तौर पर रा य स म त जवाहर लाल नेह के अनुपात म । ांत जो सीधे टश शासन के अधीन थे जब क व लभभाई पटे ल मौ लक पर सलाहकार स म त रयासत को यूनतम सीट आवं टत क गई थ । अ धकार अ पसं यक और आ दवासी और ब ह कृ त े अ पसं यक उप स म त एचसी मुख ज मौ लक अ धकार उप स म त JB Kripalani वधानसभा म ांत रा य मु य आयु ांत उ र पूव सीमांत जनजातीय े और Gopinath Bardoloi और बलू च तान का त न ध व करने वाले सद य शा मल थे। असम ब ह कृ त और आं शक प से ब ह कृ त े उप स म त दे श के वभाजन के बाद मु लम लीग के सद य क वापसी के बाद वधानसभा क ठ कर ने ब ह कृ त और आं शक प से ब ह कृ त े ताकत घटकर रह गई। असम म उन लोग के अलावा उप स म त येक ांत म सीट तीन मु य समुदाय मु लम सख और सामा य के बीच उनक संघ श समत जवाहर लाल नेह संबं धत आबाद के अनुपात म वत रत क ग । संघ सं वधान स म त जवाहर लाल नेह मसौदा स म त डॉ बी आर अ बेडकर Machine Translated by Google Join @UPSC_BOOK_pdf_bhandar एनसीईआरट नोट् स भारतीय राजनी त और शासन संक प म रेख ां कत मु य आदश स ांत म अपनाई गई या थे सं वधान सभा सं वधान सभा भारत को एक वतं सं भु गणतं घो षत करती है और सं वधान सभा ने एक व त खुले और आम सहम त से काम कया। उसके भ व य के शासन के लए एक सं वधान तैयार करती है। पहले कु छ मूलभूत स ांत तय कए गए और उन पर सहम त बनी। फर एक मसौदा स म त ने भारत रा य का संघ होगा। चचा के लए एक मसौदा सं वधान तैयार कया। सं वधान के मसौदे पर खंड दर खंड व तृत भारत और सरकार क सभी श याँ और अ धकार लोग से ा त होते ह। चचा के कई दौर ए। लोग को याय समानता और वतं ता क गारंट मलेगी। असबली के सद य ने चचा और तकपूण तक पर ब त जोर दया। उ ह ने के वल अपने हत को आगे नह बढ़ाया ब क अ य सद य को उनके पद के लए सै ां तक कारण दए। अ पसं यक पछड़ और द लत के लए पया त सुर ा उपाय दान कए जाएंगे। जससे गणतं के े क अखंडता को बनाए रखा जाएगा। सं वधान सभा ने स म तय के तं के मा यम से काम कया। सं वधान सभा म व भ वषय पर आठ मुख स म तयाँ थ । रा य व शां त और मानव जा त के क याण को बढ़ावा दे ने म योगदान दे गा। आमतौर पर जवाहरलाल नेह राज साद सरदार पटे ल और बीआर अंबेडकर इन स म तय क अ य ता करते थे। बनाने से संबं धत मह वपूण त य सं वधान येक स म त ने आम तौर पर सं वधान के वशेष ावधान का मसौदा तैयार कया था जो तब पूरी वधानसभा ारा बहस के अधीन थे। आम तौर पर इस व ास के साथ आम भारतीय सं वधान के नमाण क अव ध वष महीने और दन लगभग तीन वष थी। सहम त तक प ंचने का यास कया गया था क जन ावधान पर सभी सहमत ह वे कसी वशेष हत के लए हा नकारक नह ह गे। I सं वधान सभा क हर बहस को खंड म दज और संर त कया जाता है. I सं वधान नमाण का काय नवंबर को सं वधान सभा ारा पूरा कया गया था. सं वधान सभा के म से सद य ने सभा क बैठक एक सौ छयासठ दन तक चली जो दो वष यारह महीने और दन तक चली। अंततः सं वधान पर ह ता र कए। इसके स ेस और जनता के लए खुले थे। से हर साल नवंबर को भारत म सं वधान दवस के प म मनाया जाता है। मसौदा स म त अग त को सं वधान सभा ने भारत के सं वधान का मसौदा तैयार करने के लए डॉ. बी.आर. अ बेडकर क अ य ता म एक मसौदा सं वधान सभा क समयरेख ा स म त का गठन कया। इस कार बीआर अ बेडकर को भारत के स अव ध सं वधान का जनक माना जाता है। थम स दसंबर सं वधान के मसौदे पर वचार वमश करते समय द सरा स जनवरी वधानसभा ने कु ल पेश कए गए संशोधन म से संशोधन पेश कए उन पर चचा क और उनका न तारण कया। तीसरा स अ ैल मई चौथा स जुलाई पांचवां स अग त सं वधान सभा म अपनाया गया उ े य ताव सं वधान सभा के पहले स म जवाहरलाल नेह ारा उ े य ताव पेश छठा स जनवरी कया गया था। मूल प से ये संक प उन लोग क आकां ाएं थ जो सं वधान बना रहे थे। सातवाँ स

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