अर्थव्यवस्था – मुख्य परीक्षा प्रश्न PDF
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यह दस्तावेज़ अर्थव्यवस्था विषय पर एक मुख्य परीक्षा प्रश्न है। यह पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के विषय में है और भारत जैसे विकासशील देश में इसके प्रासंगिकता पर चर्चा करता है। इसमें पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का परिचय, भारत में प्रासंगिकता, आर्थिक विकास, रोजगार, जीवन स्तर में सुधार, व्यापार और वाणिज्य जैसे पहलुओं पर केंद्रित है।
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1 अर्थव्यवस्था – मुख्य परीक्षा प्रश्न 01 1. “पूंजीवादी अर्थव्यवस्था समावेशी ववकास के स्थान पर...
1 अर्थव्यवस्था – मुख्य परीक्षा प्रश्न 01 1. “पूंजीवादी अर्थव्यवस्था समावेशी ववकास के स्थान पर व्यक्तिगत लाभ को अविक वरीयता प्रदान करती है”। उपययथि कर्न के सन्दभथ में यह स्पष्ट कीवजए, वक क्या भारत जैसे ववकासशील दे श में पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की कोई प्रासूंवगकता है। (150 शब्द, 10 अंक) दृष्टिकोण भूष्टमका : पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का परिचय दीजजए। मुख्य भाग : भाित में पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की प्रासूंजिकता जैसे आजर्थक जवकास, िोजिाि उन्मुख अर्थव्यवस्था, लोिोूं के जीवन स्ति में सुध ाि, व्यापाि तर्ा वाजिज्य को प्रोत्साहन, आजद को समझाते हुए अपना उत्ति जलखखए। ष्टिष्कर्थ : भाित में पूँजीवाद को भाितीय आवश्यकताओूं के अनुरूप लाि जकया जाना चाजहए, इसको जचजित किते हुए जनष्कर्थ जलखखए। उत्तर: पूंजीवादी अर्थव्यवस्था एक, पूंजी या धन सूंकेंजित अर्थव्यवस्था है, जजसमें ‘पूंजी के सृजन’ को अजधक महत्त्व जदया जाता है। यह व्यवस्था क्षमताओूं के आधाि पि अजधकतम लाभ के जसद्ाूंत को मान्यता प्रदान किता है। चूंजक पूँजीवाद धन के सृजन पि आधारित अर्थव्यवस्था है, जजसमें व्यखि की क्षमताओूं के अनुसाि धन कमाने की स्वतूंत्रता होती है, जबजक भाित ििीबी औि असमानता से युि दे श है, ऐसी खस्थजत में पूँजीवाद को बढ़ावा दे कि दे श में आजर्थक असामनता के अूंतिाल में वृखद् होने की सूंभावना बनी िहती है, हालाूंजक यहाूँ एक बात ध्यान दे ने योग्य यह भी है, जक दे श में समाजवादी स्वरुप के कािि भी आजर्थक असमानता तर्ा ििीबी को कम नहीूं जकया जा सका है, इसीजलए भाितीय परिखस्थजतयोूं के अनुरूप पूँजीवाद की आवश्यकता है, इसे जनम्न प्रकाि समझा जा सकता है: ❖ पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के माध्यम से उत्पादन में वृखद् होती है तर्ा अनेक लोिोूं को िोजिाि जमलता है, जजसके माध्यम से लोिोूं के जीवन स्ति तर्ा पोर्ि स्ति में सुध ाि होता है। ❖ आजर्थक जवकास के कािि दे श में जशक्षा तर्ा स्वास्थ्य अवसूंिचना के जवकास को बल जमलता है, जजससे दे श में लोिोूं की आयु तर्ा मानजसक परिपक्वता में वृखद् होती है। ❖ पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में स्त्री तर्ा पुरुर् को समान महत्त्व जदया जाता है तर्ा मजहलाओूं को समान वेतन जमलने पि मजहला सशखिकिि होता है तर्ा लैंजिक असामनता में कमी आती है। ❖ पूंजीवादी अर्थव्यवस्था दे श में व्यापाि तर्ा वाजिज्य को प्रोत्साजहत किने में सहायक है तर्ा प्रशासन को अपनी भजमका में परिवतथन का अवसि प्रदान किता है औि एक नवीन जवकल्प प्रदान किता है। ❖ वर्थ 1991 में भाित में उदािीकिि को अपनाए जाने के पश्चात् जो जवकास हुआ वह स्वतूंत्रता से उदािीकिि तक के दौि से अजधक है, जोजक यह प्रदजशथत किता है, जक भाित में िोजिाि उन्मुख अर्थव्यवस्था की आवश्यकता है। इस प्रकाि उपयुि जबन्दुओूं के माध्यम से स्पष्ट है, जक भाित में पूँजीवाद को भाितीय आवश्यकताओूं के अनुरूप लाि जकया जाना चाजहए, जजससे पयाथविि तर्ा जवकास के मध्य सूंतुलन िखा जा सके। हालाूंजक भाित जैसे दे श में इस जवचािधािा के अनुसिि से असमानता तर्ा पयाथवििीय क्षिि बढ़ने की भी सूंभावना है। ❑❑❑❑