20 Questions
कविता में 'बावली' किसे कहा गया है?
आशा को
किसने देवसेना के जीवन में विहाग की तान उठाई थी?
पक्षियों ने
'स्वप्न की मधुमाया में' मुख्यत: क्या है?
'गहन-विपिन की तरु-छाया'
देवसेना ने स्वयं को किस रूप में अभिव्यक्त किया है?
कोयल
'रही बचाए फिरती कबकी' का क्या मतलब है?
'प्राण बाकी है'
'मेरी आशा आह!बावली, तूने खो दी सकल कमाई' किससे कहा गया है?
'निर्जन'
माँ की मृत्योपरांत सरोज का जीवन किसकी स्नेहमयी गोद में बीता?
नानी की
'वह लता वहीं की' पंक्ति में 'लता' प्रतीक है
स्वयं सरोज
कवि की पुत्री सरोज ने अपने जीवन की अंतिम साँस किसकी गोद में ली?
माँ की
विवाहोपरांत दी जाने वाली मर्यादित व्यवहार की शिक्षा पुत्री सरोज को किसने दी?
मामा-मामी ने
'पर पाठ अन्य यह' - पंक्ति में शकुंतला को किस संदर्भ में सरोज से भिन्न बताया है?
विवाह न करना
'पन्डुब्बा-ये मोती सच्चे...' पंक्ति में, 'मोती सच्चे' से किसका सम्बंध है?
सरोज के पितामह का
काव्यांश में 'श्रमित स्वप्न की मधुमाया में' स्वप्न से क्या अभिप्राय है?
थकान के कारण आने वाली गहन निद्रा
प्रस्तुत काव्यांश में देवसेना ने किसे बचाए रखने की बात की है?
आत्मसम्मान को
किस संदर्भ में 'हेमकुंभ ले उषा सवेरे-भरती' वर्णित है?
प्राकृतिक सौंदर्य
प्रस्तुत काव्यांश में उषा देवी सूर्य-रूपी कलश से क्या टपकाती हैं?
सूर्य की तप्त किरणे
'तारों के ऊँघने' का क्या कारण है?
रात भर टिमटिमाना
'मंदिर ऊंघते रहते' में कौन-सा अलंकार है?
अतिशयोक्ति
'मंदिर ऊंघते रहते' में किसकी ऊंचाई को मंसूर किया गया है?
'मंदिर' की
'हेमकुंभ ले उषा सुनहरी' पंक्ति में हेमकुंभ से कौन-कौन सी प्रकृति में समीकरन हुआ है?
'प्राकृतिक सौंदर्य'
Study Notes
बावली और देवसेना
- बावली को कविता में देवसेना की पुत्री सरोज कहा गया है।
- देवसेना के जीवन में विहाग की तान उठाने वाली कोई और है।
सरोज का जीवन
- माँ की मृत्योपरांत सरोज का जीवन उषा देवी की स्नेहमयी गोद में बीता।
- सरोज ने अपने जीवन की अंतिम साँस उषा देवी की गोद में ली।
शिक्षा और पाठ
- विवाहोपरांत दी जाने वाली मर्यादित व्यवहार की शिक्षा पुत्री सरोज को उषा देवी ने दी।
- 'पर पाठ अन्य यह' पंक्ति में शकुंतला को सरोज से भिन्न बताया गया है।
स्वप्न और मधुमाया
- 'श्रमित स्वप्न की मधुमाया में' स्वप्न से अभिप्राय है कि सरोज के सपने में मधुमाया है।
- देवसेना ने सरोज को बचाए रखने की बात की है।
हेमकुंभ और उषा
- 'हेमकुंभ ले उषा सवेरे-भरती' पंक्ति में हेमकुंभ से उषा देवी की प्रकृति में समीकरन हुआ है।
- उषा देवी सूर्य-रूपी कलश से अमृत टपकाती हैं।
अलंकार और मंदिर
- 'मंदिर ऊंघते रहते' में मंदिर की ऊंचाई को मंसूर किया गया है।
- 'मंदिर ऊंघते रहते' में विशेषण अलंकार है।
तारों के ऊँघने
- 'तारों के ऊँघने' का कारण है कि सरोज के सपने में मधुमाया है।
इस क्विज़ में दिए गए काव्यांश की पंक्तियों का विश्लेषण करें और सही उत्तर चुनें।
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