रहिमन जी ने मनुष्य की प्रतिष्ठा के संबंध में क्या कहा है?
Understand the Problem
यह प्रश्न रहिमन के जीवन और उनके सिद्धांतों के बारे में एक व्याख्या मांगता है। यूजर्स को यह समझने की आवश्यकता है कि रहिमन मानवता के बारे में क्या बताते हैं और उनके विचारों का सार क्या है।
Answer
मनुष्य विद्या, बुद्धि और दान-धर्म न करे तो जन्म व्यर्थ है।
रहीम ने कहा है कि यदि मनुष्य विद्या- बुद्धि और दान-धर्म नहीं करता तो उसका इस पृथ्वी पर जन्म लेना व्यर्थ है। वह ऐसे पशु के समान है जिसकी सींग और पूँछ नहीं होती।
Answer for screen readers
रहीम ने कहा है कि यदि मनुष्य विद्या- बुद्धि और दान-धर्म नहीं करता तो उसका इस पृथ्वी पर जन्म लेना व्यर्थ है। वह ऐसे पशु के समान है जिसकी सींग और पूँछ नहीं होती।
More Information
रहीमदास के दोहे जीवन मूल्यों और नैतिकता की सीख देते हैं। उन्होंने मानव जीवन की सार्थकता पर जोर दिया।
Sources
- 2nd PUC Hindi Textbook Answers Sahitya Gaurav Chapter 11 रहीम ... - kseebsolutions.com
- रहीम जी ने मनुष्य की प्रतिष्ठा के संबंध में क्या कहा है? - sarthaks.com