कृषि प्रथाओं से मृदा को होने वाले नुकसान का क्या प्रभाव पड़ता है?
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यह प्रश्न कृषि प्रथाओं के कारण मृदा में होने वाले नुकसान के प्रभावों के बारे में पूछ रहा है। इसमें यह जानने की कोशिश की जा रही है कि ये नुकसान किस प्रकार से पर्यावरण, कृषि उत्पादकता और जीवन्तता को प्रभावित करते हैं।
Answer
कृषि प्रथाओं से मृदा में पोषक तत्वों की कमी, क्षरण और प्रदूषण होता है।
कृषि प्रथाओं के कारण मृदा में पोषक तत्वों की कमी, मृदा क्षरण, रासायनिक प्रदूषण और मृदा संरचना का नष्ट होना शामिल है। ये तथ्य मृदा की गुणवत्ता, कृषि उत्पादकता और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
Answer for screen readers
कृषि प्रथाओं के कारण मृदा में पोषक तत्वों की कमी, मृदा क्षरण, रासायनिक प्रदूषण और मृदा संरचना का नष्ट होना शामिल है। ये तथ्य मृदा की गुणवत्ता, कृषि उत्पादकता और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
More Information
उचित कृषि प्रथाओं को अपनाकर मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है, जैसे कि वृक्षारोपण, जैविक कृषि और रसायनों के न्यूनतम उपयोग।
Sources
- मृदा क्षरण: कारण, परिणाम और समाधान - NEXT IAS - nextias.com
- भारत में मिट्टी की गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य पर रासायनिक खेती के प्रभाव - hindi.downtoearth.org.in
- मृदा अपरदन(कटाव) कारण, प्रकार एवं रोकथाम के उपाय - Agriculture - agriculture.vikaspedia.in
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