कक्षा 9 का अध्याय 'ग्रामीण श्री' का सारांश बताएं।
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यह प्रश्न कक्षा 9 के 'ग्रामीण श्री' अध्याय का सारांश पूछ रहा है। इस अध्याय में ग्रामीण जीवन, उनकी समस्याएं और विकास के उपायों के बारे में चर्चा की गई है।
Answer
'ग्राम श्री' में प्राकृतिक सौंदर्य और ग्रामीण जीवन का मनोहारी चित्रण है।
कविता 'ग्राम श्री' में कवि सुमित्रानंदन पंत ने गाँव के प्राकृतिक सौंदर्य और वहाँ की समृद्धि का मनोहारी चित्रण किया है। यह कविता खेतों में फैली हरियाली, धूप, नीले आकाश, फूलों, फलियों और फसलों के माध्यम से ग्रामीण जीवन की प्रशंसा करती है। जाड़े के अंत और वसंत के आगमन के दृश्यों का वर्णन भी किया गया है।
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कविता 'ग्राम श्री' में कवि सुमित्रानंदन पंत ने गाँव के प्राकृतिक सौंदर्य और वहाँ की समृद्धि का मनोहारी चित्रण किया है। यह कविता खेतों में फैली हरियाली, धूप, नीले आकाश, फूलों, फलियों और फसलों के माध्यम से ग्रामीण जीवन की प्रशंसा करती है। जाड़े के अंत और वसंत के आगमन के दृश्यों का वर्णन भी किया गया है।
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कविता 'ग्राम श्री' में वसंत ऋतु का सौंदर्य और हरियाली, खेतों की लहलाती फसलें, स्वर्णिम फलियों और गंगा की सुंदर रेती का दृश्य प्रस्तुत किया गया है। यह कविता भारतीय ग्रामीण जीवन की सादगी और प्राकृतिक सौंदर्य पर एक सुंदर दृष्टिकोण प्रदान करती है।
Sources
- पाठ - 13 'ग्राम श्री' (विषय - हिन्दी काव्य-खण्ड कक्षा- 9) सारांश, भावार्थ ... - rfhindi.com
- ग्राम श्री - पूर्ण अध्याय स्पष्टीकरण और एनसीईआरटी समाधान | क्षितिज - youtube.com
- ग्राम श्री - पठन सामग्री और सार NCERT Class 9th Hindi - studyrankers.com
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