अगस्त, 1947 में भारत और पाकिस्तान में सत्ता का हस्तांतरण ब्रिटेन द्वारा उपनिवेशवादी शासन को खत्म करने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम था। इसके साथ ही इसकी अंतरराष्ट्रीय शक्ति के दू... अगस्त, 1947 में भारत और पाकिस्तान में सत्ता का हस्तांतरण ब्रिटेन द्वारा उपनिवेशवादी शासन को खत्म करने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम था। इसके साथ ही इसकी अंतरराष्ट्रीय शक्ति के दूरगामी परिणाम जुड़े थे। कृपया इसे विस्तार से समझाएं।

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Understand the Problem

यह प्रश्न भारत और पाकिस्तान के विभाजन के ऐतिहासिक संदर्भ में पूछ रहा है, जिसमें उपनिवेशवादी शासन के अंत की प्रक्रिया और उसकी अंतरराष्ट्रीय पृष्ठभूमि का उल्लेख किया गया है।

Answer

ब्रिटेन द्वारा 1947 में सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय शक्ति समीकरण में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत थी।

अगस्त 1947 में भारत और पाकिस्तान में सत्ता का हस्तांतरण ब्रिटेन द्वारा उपनिवेशवादी शासन को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। यह विश्व राजनीति में बदलती शक्तियों का संकेत था। यह विभाजन ब्रिटेन की सामरिक एवं राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए किया गया था, जो अतीत में आयरलैंड, फिलिस्तीन, और साइप्रस में भी देखा गया था। इस विभाजन का धार्मिक के साथ-साथ गहरे राजनीतिक कारण भी थे।

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अगस्त 1947 में भारत और पाकिस्तान में सत्ता का हस्तांतरण ब्रिटेन द्वारा उपनिवेशवादी शासन को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। यह विश्व राजनीति में बदलती शक्तियों का संकेत था। यह विभाजन ब्रिटेन की सामरिक एवं राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए किया गया था, जो अतीत में आयरलैंड, फिलिस्तीन, और साइप्रस में भी देखा गया था। इस विभाजन का धार्मिक के साथ-साथ गहरे राजनीतिक कारण भी थे।

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इस विभाजन के कारण व्यापक हिंसा और जन स्थालन हुआ, जो एक बड़ा मानवाधिकार संकट बन गया।

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