कलाकारों का आधुनिक स्कूल और एशियाई कला
25 Questions
1 Views

कलाकारों का आधुनिक स्कूल और एशियाई कला

Created by
@StrikingLagoon5956

Podcast Beta

Play an AI-generated podcast conversation about this lesson

Questions and Answers

आधुनिक कला के लिए कलाकारों का आधुनिक स्कूल किसके सहयोग से स्थापित हुआ?

अवनीन्द्रनाथ टैगोर के सहयोग से।

जापानी कलाकार ओकाकुरा काकुजो ने किन विषयों पर जोर दिया?

उन्होंने जापानी कला की परंपराओं को बचाने और आधुनिक कला की परिभाषा पर जोर दिया।

अवनीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा चित्रित 'मेरी माँ' किस शैली से प्रेरित है?

यह राजपूत लघुचित्रों की शैली से प्रेरित है।

बंगाल के राष्ट्रवादी कलाकारों ने किस प्रकार के कला स्रोतों से प्रेरणा ली?

<p>उन्होंने अजंता की भित्तिचित्रों, मध्यकालीन लघुचित्रों और जापानी कला से प्रेरणा ली।</p> Signup and view all the answers

भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना के पश्चात किस प्रकार के भवनों की मांग बढ़ी?

<p>किलों, सरकारी कार्यालयों और वाणिज्यिक केंद्रों जैसी इमारतों की मांग बढ़ी।</p> Signup and view all the answers

इंडो-सारासेनिक शैली का मूल तत्व कौन सा है?

<p>इंडो-सारासेनिक शैली का मूल तत्व हिन्दू और मुस्लिम वास्तुकला का मिश्रण है।</p> Signup and view all the answers

उन्नीसवीं सदी के बंगले का महत्व क्या है?

<p>उन्नीसवीं सदी का बंगला यूरोपीय और पारंपरिक भारतीय वास्तुकला का एक संकर रूप है।</p> Signup and view all the answers

बांग्ला साहित्य में राष्ट्रीयतावादी विचारों की भूमिका क्या थी?

<p>बांग्ला साहित्य में राष्ट्रीयतावादी विचारों ने लोगों के बीच देशभक्ति की भावना उत्पन्न की।</p> Signup and view all the answers

आर्थिक राष्ट्रवाद का प्रोत्साहक कौन था और उसकी प्रमुख रचना क्या है?

<p>आर्थिक राष्ट्रवाद का प्रोत्साहक रमेश चंद्र दत्त था, और उसकी प्रमुख रचना 'समाज' है।</p> Signup and view all the answers

रमेश चंद्र दत्त की रचनाओं में किस प्रकार की जटिलताएँ थीं?

<p>रमेश चंद्र दत्त की रचनाएँ साम्प्रदायिक प्रवृत्तियों से मुक्त नहीं थीं।</p> Signup and view all the answers

भारतीय साहित्य में आर्थिक राष्ट्रीयता का क्या महत्व है?

<p>आर्थिक राष्ट्रीयता ब्रिटिश शासन की आलोचना के लिए एक उपकरण के रूप में कार्य करती है, जो भारतीय राष्ट्रीयता को बढ़ावा देती है। यह भारत के लिए एक मजबूत आर्थिक आधार बनाने के प्रयासों को भी दर्शाती है।</p> Signup and view all the answers

बैंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय और प्रेमचंद के योगदान को कैसे समझा जा सकता है?

<p>बैंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यासों ने राष्ट्रीय चिंताओं को प्रस्तुत किया, जबकि प्रेमचंद की रचनाएँ सामाजिक-राजनीतिक संघर्षों और सामाजिक अन्याय की आलोचना करती हैं।</p> Signup and view all the answers

स्वतंत्रता के संघर्ष के संदर्भ में भारतीय साहित्य की भूमिका क्या है?

<p>भारतीय साहित्य ने स्वतंत्रता के संघर्ष को संजोते हुए सामाजिक न्याय और स्व-निर्णय के विषयों को उठाया। यह साहित्यिक पॅट्रियोटिज़्म के माध्यम से जन जागरूकता बढ़ाने में सहायक रहा।</p> Signup and view all the answers

प्रेमचंद की 'गबन' उपन्यास में कौन से प्रमुख विषयों की चर्चा होती है?

<p>'गबन' में सामाजिक अन्याय, आर्थिक शोषण और मानव संबंधों की जटिलता जैसे महत्वपूर्ण विषयों का विवेचन किया गया है।</p> Signup and view all the answers

भारतीय साहित्य में साहित्यिक पॅट्रियोटिज़्म का क्या प्रभाव है?

<p>लोगों की भावनाओं को जोड़ने और सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर आलोचना करने के लिए साहित्यिक पॅट्रियोटिज़्म ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह भारतीयता की भावना को जागृत करता है।</p> Signup and view all the answers

राजा रवि वर्मा ने किस कला शैली का आधार बनाया और उनके चित्रांकन में क्या विषय शामिल थे?

<p>राजा रवि वर्मा ने तैल चित्रकारी की यूरोपीय कला शैली का आधार बनाया और उन्होंने रामायण, महाभारत तथा पौराणिक कहानियों के नाटकीय दृश्यों को चित्रित किया।</p> Signup and view all the answers

कलाकारों का आधुनिक स्कूल किसने और किसके सहयोग से स्थापित किया?

<p>कलाकारों का आधुनिक स्कूल ई.वी. हैवेल ने अवनीन्द्रनाथ टैगोर के सहयोग से स्थापित किया।</p> Signup and view all the answers

जापानी कलाकार ओकाकुरा काकुजो का किस विषय पर महत्वपूर्ण योगदान था?

<p>ओकाकुरा काकुजो ने जापानी कला की परंपरागत तकनीकों को बचाने की आवश्यकता और आधुनिक कला की व्याख्या पर महत्वपूर्ण योगदान दिया।</p> Signup and view all the answers

कलकत्ता, बम्बई, मद्रास और लाहौर में कला स्कूलों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या था?

<p>इन कला स्कूलों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य पश्चिमी शिक्षा और कला के पाश्चात्य तरीकों को भारत में बढ़ावा देना था।</p> Signup and view all the answers

राजा रवि वर्मा की प्रिंटिंग प्रेस का क्या महत्व था?

<p>राजा रवि वर्मा की प्रिंटिंग प्रेस ने उनकी चित्रों की छपाई को बड़े पैमाने पर संभव बनाया, जिससे आम लोग भी सस्ती कीमत पर उनके चित्र खरीदने लगे।</p> Signup and view all the answers

भारतीय औपनिवेशिक काल में कृषि भवनों की वास्तु शैली कौन सी थी और इसके प्रमुख तत्व क्या थे?

<p>भारतीय औपनिवेशिक काल में Greco-Roman वास्तु शैली का प्रयोग हुआ, जिसमें बड़े स्तंभ और गुंबद शामिल थे।</p> Signup and view all the answers

गॉथिक वास्तुकला की विशेषताएँ क्या हैं और यह किस प्रकार के भवनों में प्रचलित रही?

<p>गॉथिक वास्तुकला में उच्‍च छतें, नुकीले मेहराब और जटिल सजावट शामिल हैं। यह शैली चर्चों और महलों में प्रचलित रही।</p> Signup and view all the answers

मिश्रित शैली का उदय किस समय में हुआ और इसके क्या विशेष तत्व थे?

<p>मिश्रित शैली का उदय 19वीं और 20वीं शताब्दी की शुरुआत में हुआ, जिसमें भारतीय और यूरोपीय शैली के तत्वों का संयोजन था।</p> Signup and view all the answers

1920 के दशक में कला में क्या बदलाव आया और यह किस प्रकार के विषयों की खोज में निकला?

<p>1920 के दशक में कला में नए कलाकारों का एक समूह उभरा, जिसने पारंपरिक से अलगाव पैदा किया और लोक तथा जनजातीय कला को प्रेरणा स्रोत बनाया।</p> Signup and view all the answers

भारत में औपनिवेशिक वास्तुकला का राष्ट्रीय पहचान पर क्या प्रभाव पड़ा?

<p>औपनिवेशिक वास्तुकला ने भारत में राष्ट्रीय पहचान को नया रूप दिया, जिसमें भारतीय तत्वों का समावेश किया गया।</p> Signup and view all the answers

Study Notes

कलाकारों का आधुनिक स्कूल

  • 19वीं सदी के मध्य में, भारत में पश्चिमी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कलकत्ता, बम्बई, मद्रास और लाहौर में कला स्कूल स्थापित किए।
  • इन स्कूलों में मुख्य रूप से पश्चिमी कला शैली पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
  • ई.वी. हैवेल मद्रास स्कूल ऑफ आर्ट में कला के प्रोफेसर थे, और उन्होंने अवनीन्द्रनाथ टैगोर के साथ मिलकर भारतीय चित्रकारों का एक नया समूह बनाया, जिसे "कलाकारों का आधुनिक स्कूल" कहा जाता था।
  • बंगाल के राष्ट्रवादी कलाकार इस समूह से जुड़ गए।
  • इस समूह के कलाकारों ने अजंता की भित्तिचित्रों, मध्यकालीन लघुचित्रों और जापानी कला से प्रेरणा ली।

एशियाई कला आंदोलन

  • जापानी कलाकार ओकाकुरा काकुजो ने जापानी कला पर शोध किया और पश्चिमी शैलियों के खतरे के समय जापानी कला परंपराओं को बचाने पर जोर दिया।
  • उन्होंने आधुनिक कला और परंपराओं के संरक्षण के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया।
  • वह जापानी कला अकादमी के प्रमुख संस्थापक थे और उनके रवीन्द्रनाथ टैगोर और अवनीन्द्रनाथ टैगोर पर काफी प्रभाव था।

औपनिवेशिक चित्रकला और राष्ट्रवादी चित्रकला

  • चित्र 12: अवनीन्द्रनाथ टैगोर का "मेरी माँ" चित्र राजपूत लघुचित्रों की शैली से प्रेरित है।
  • चित्र 13: कालिदास की कविता से प्रेरित "निर्वासित यक्ष" चित्र। यह जापानी जलरंगों की पेंटिंग शैली से मिलती-जुलती है।
  • चित्र 14: नंदलाल बोस द्वारा चित्रित "जातुगृह दाह" (पांडवों के वनवास के दौरान लाक्षागृह का जलना)। अजंता की चित्र शैली से प्रभावित है।

भवन निर्माण

  • ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में भवनों और इमारतों की बढ़ती मांग थी।
  • किले, सरकारी कार्यालय आदि का निर्माण भूखंड, प्रशासनिक केंद्र, आवास और व्यापार के लिए किया गया था।
  • "इंडो-सारासेनिक शैली" का प्रयोग किया गया था।
  • यह शैली भारतीय मध्ययुगीन इमारतों की विशेषताओं, जैसे गुंबद, मीनार, जाली और मेहराब से प्रेरित थी।
  • ब्रिटिश इस शैली का उपयोग भारत में अपनी सर्वोच्चता दिखाने के लिए करते थे।
  • 19वीं सदी के एक बंगले का उदाहरण (चित्र 18): ब्रिटिश और भारतीय वास्तुकला के संमिश्रण को दर्शाता है।

बांग्ला साहित्य

  • बंकिम चंद्र चटर्जी (1838-1894) के लेखन में मजबूत राष्ट्रवादी विचार प्रकट होते थे।
  • उनके उपन्यासों ने राष्ट्रवादी भावनाओं को प्रज्वलित किया।
  • "वंदे मातरम", एक राष्ट्रवादी गीत जिसने कई लोगों को प्रेरित किया, उनका ही रचना थी।
  • उनके उपन्यास "आनंदमठ" ने स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया।

आर्थिक राष्ट्रवाद

  • रमेश चंद्र दत्त (1848-1909) को आर्थिक राष्ट्रवाद का समर्थक माना जाता है।
  • उनके काम, जिसमें "समज" उपन्यास भी शामिल है, भारत के ऐतिहासिक अतीत पर केंद्रित थे और उन्होंने राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा दिया था।
  • यह ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य उस युग की राष्ट्रवादी भावना को दर्शाता है।

राष्ट्रवादी चित्रकला शैली

  • 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में जनता को राष्ट्रवादी संदेश देने के लिए चित्रों का उपयोग किया जाता था।
  • राजा रवि वर्मा एक प्रमुख कलाकार थे जिन्होंने राष्ट्रवादी कला शैली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • उन्होंने यूरोपीय तेल चित्रकारी शैली को अपनी कला का आधार बनाया।
  • उन्होंने रामायण, महाभारत और पौराणिक कहानियों के नाटकीय दृश्यों को चित्रित किया।
  • उनके चित्र कला प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हुए।
  • राजा रवि वर्मा ने मुंबई में एक प्रिंटिंग प्रेस स्थापित की, जिससे उनके चित्रों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता था।
  • अब आम लोग भी सस्ती कीमत पर उनके चित्रों को खरीद सकते थे।

चित्र

  • चित्र 10: मधुबनी पेंटिंग
  • चित्र 11: राजा रवि वर्मा द्वारा बनाया गया तेल चित्र
  • चित्र 12: अवनीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा बनाया गया चित्र, राजपूत लघुचित्र शैली के प्रभाव के साथ।
  • चित्र 13: जापानी कलाकारों के प्रभाव के साफ संकेतों वाली धुंधली पृष्ठभूमि वाली तस्वीर।
  • चित्र 14: नंदलाल बोस द्वारा बनाया गया चित्र, त्रिआयामी प्रभाव को दर्शाता है।

Studying That Suits You

Use AI to generate personalized quizzes and flashcards to suit your learning preferences.

Quiz Team

Description

यह क्यूज़ कलाकारों के आधुनिक स्कूल और एशियाई कला आंदोलन पर केंद्रित है, जिसमें 19वीं सदी के पश्चिमी शिक्षा के प्रभावों और भारतीय चित्रकला के विकास पर चर्चा की गई है। इसमें प्रमुख कलाकारों और उनके कार्यों का उल्लेख किया गया है।

More Like This

Modern Art History Exam 2
31 questions
Introduction to Modern Art
15 questions
Modern Art and Its Various Formations
40 questions
Use Quizgecko on...
Browser
Browser