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Questions and Answers
आधुनिक कला के लिए कलाकारों का आधुनिक स्कूल किसके सहयोग से स्थापित हुआ?
अवनीन्द्रनाथ टैगोर के सहयोग से।
जापानी कलाकार ओकाकुरा काकुजो ने किन विषयों पर जोर दिया?
उन्होंने जापानी कला की परंपराओं को बचाने और आधुनिक कला की परिभाषा पर जोर दिया।
अवनीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा चित्रित 'मेरी माँ' किस शैली से प्रेरित है?
यह राजपूत लघुचित्रों की शैली से प्रेरित है।
बंगाल के राष्ट्रवादी कलाकारों ने किस प्रकार के कला स्रोतों से प्रेरणा ली?
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भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना के पश्चात किस प्रकार के भवनों की मांग बढ़ी?
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इंडो-सारासेनिक शैली का मूल तत्व कौन सा है?
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उन्नीसवीं सदी के बंगले का महत्व क्या है?
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बांग्ला साहित्य में राष्ट्रीयतावादी विचारों की भूमिका क्या थी?
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आर्थिक राष्ट्रवाद का प्रोत्साहक कौन था और उसकी प्रमुख रचना क्या है?
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रमेश चंद्र दत्त की रचनाओं में किस प्रकार की जटिलताएँ थीं?
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भारतीय साहित्य में आर्थिक राष्ट्रीयता का क्या महत्व है?
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बैंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय और प्रेमचंद के योगदान को कैसे समझा जा सकता है?
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स्वतंत्रता के संघर्ष के संदर्भ में भारतीय साहित्य की भूमिका क्या है?
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प्रेमचंद की 'गबन' उपन्यास में कौन से प्रमुख विषयों की चर्चा होती है?
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भारतीय साहित्य में साहित्यिक पॅट्रियोटिज़्म का क्या प्रभाव है?
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राजा रवि वर्मा ने किस कला शैली का आधार बनाया और उनके चित्रांकन में क्या विषय शामिल थे?
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कलाकारों का आधुनिक स्कूल किसने और किसके सहयोग से स्थापित किया?
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जापानी कलाकार ओकाकुरा काकुजो का किस विषय पर महत्वपूर्ण योगदान था?
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कलकत्ता, बम्बई, मद्रास और लाहौर में कला स्कूलों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या था?
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राजा रवि वर्मा की प्रिंटिंग प्रेस का क्या महत्व था?
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भारतीय औपनिवेशिक काल में कृषि भवनों की वास्तु शैली कौन सी थी और इसके प्रमुख तत्व क्या थे?
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गॉथिक वास्तुकला की विशेषताएँ क्या हैं और यह किस प्रकार के भवनों में प्रचलित रही?
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मिश्रित शैली का उदय किस समय में हुआ और इसके क्या विशेष तत्व थे?
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1920 के दशक में कला में क्या बदलाव आया और यह किस प्रकार के विषयों की खोज में निकला?
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भारत में औपनिवेशिक वास्तुकला का राष्ट्रीय पहचान पर क्या प्रभाव पड़ा?
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Study Notes
कलाकारों का आधुनिक स्कूल
- 19वीं सदी के मध्य में, भारत में पश्चिमी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कलकत्ता, बम्बई, मद्रास और लाहौर में कला स्कूल स्थापित किए।
- इन स्कूलों में मुख्य रूप से पश्चिमी कला शैली पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
- ई.वी. हैवेल मद्रास स्कूल ऑफ आर्ट में कला के प्रोफेसर थे, और उन्होंने अवनीन्द्रनाथ टैगोर के साथ मिलकर भारतीय चित्रकारों का एक नया समूह बनाया, जिसे "कलाकारों का आधुनिक स्कूल" कहा जाता था।
- बंगाल के राष्ट्रवादी कलाकार इस समूह से जुड़ गए।
- इस समूह के कलाकारों ने अजंता की भित्तिचित्रों, मध्यकालीन लघुचित्रों और जापानी कला से प्रेरणा ली।
एशियाई कला आंदोलन
- जापानी कलाकार ओकाकुरा काकुजो ने जापानी कला पर शोध किया और पश्चिमी शैलियों के खतरे के समय जापानी कला परंपराओं को बचाने पर जोर दिया।
- उन्होंने आधुनिक कला और परंपराओं के संरक्षण के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया।
- वह जापानी कला अकादमी के प्रमुख संस्थापक थे और उनके रवीन्द्रनाथ टैगोर और अवनीन्द्रनाथ टैगोर पर काफी प्रभाव था।
औपनिवेशिक चित्रकला और राष्ट्रवादी चित्रकला
- चित्र 12: अवनीन्द्रनाथ टैगोर का "मेरी माँ" चित्र राजपूत लघुचित्रों की शैली से प्रेरित है।
- चित्र 13: कालिदास की कविता से प्रेरित "निर्वासित यक्ष" चित्र। यह जापानी जलरंगों की पेंटिंग शैली से मिलती-जुलती है।
- चित्र 14: नंदलाल बोस द्वारा चित्रित "जातुगृह दाह" (पांडवों के वनवास के दौरान लाक्षागृह का जलना)। अजंता की चित्र शैली से प्रभावित है।
भवन निर्माण
- ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में भवनों और इमारतों की बढ़ती मांग थी।
- किले, सरकारी कार्यालय आदि का निर्माण भूखंड, प्रशासनिक केंद्र, आवास और व्यापार के लिए किया गया था।
- "इंडो-सारासेनिक शैली" का प्रयोग किया गया था।
- यह शैली भारतीय मध्ययुगीन इमारतों की विशेषताओं, जैसे गुंबद, मीनार, जाली और मेहराब से प्रेरित थी।
- ब्रिटिश इस शैली का उपयोग भारत में अपनी सर्वोच्चता दिखाने के लिए करते थे।
- 19वीं सदी के एक बंगले का उदाहरण (चित्र 18): ब्रिटिश और भारतीय वास्तुकला के संमिश्रण को दर्शाता है।
बांग्ला साहित्य
- बंकिम चंद्र चटर्जी (1838-1894) के लेखन में मजबूत राष्ट्रवादी विचार प्रकट होते थे।
- उनके उपन्यासों ने राष्ट्रवादी भावनाओं को प्रज्वलित किया।
- "वंदे मातरम", एक राष्ट्रवादी गीत जिसने कई लोगों को प्रेरित किया, उनका ही रचना थी।
- उनके उपन्यास "आनंदमठ" ने स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया।
आर्थिक राष्ट्रवाद
- रमेश चंद्र दत्त (1848-1909) को आर्थिक राष्ट्रवाद का समर्थक माना जाता है।
- उनके काम, जिसमें "समज" उपन्यास भी शामिल है, भारत के ऐतिहासिक अतीत पर केंद्रित थे और उन्होंने राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा दिया था।
- यह ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य उस युग की राष्ट्रवादी भावना को दर्शाता है।
राष्ट्रवादी चित्रकला शैली
- 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में जनता को राष्ट्रवादी संदेश देने के लिए चित्रों का उपयोग किया जाता था।
- राजा रवि वर्मा एक प्रमुख कलाकार थे जिन्होंने राष्ट्रवादी कला शैली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- उन्होंने यूरोपीय तेल चित्रकारी शैली को अपनी कला का आधार बनाया।
- उन्होंने रामायण, महाभारत और पौराणिक कहानियों के नाटकीय दृश्यों को चित्रित किया।
- उनके चित्र कला प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हुए।
- राजा रवि वर्मा ने मुंबई में एक प्रिंटिंग प्रेस स्थापित की, जिससे उनके चित्रों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता था।
- अब आम लोग भी सस्ती कीमत पर उनके चित्रों को खरीद सकते थे।
चित्र
- चित्र 10: मधुबनी पेंटिंग
- चित्र 11: राजा रवि वर्मा द्वारा बनाया गया तेल चित्र
- चित्र 12: अवनीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा बनाया गया चित्र, राजपूत लघुचित्र शैली के प्रभाव के साथ।
- चित्र 13: जापानी कलाकारों के प्रभाव के साफ संकेतों वाली धुंधली पृष्ठभूमि वाली तस्वीर।
- चित्र 14: नंदलाल बोस द्वारा बनाया गया चित्र, त्रिआयामी प्रभाव को दर्शाता है।
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Description
यह क्यूज़ कलाकारों के आधुनिक स्कूल और एशियाई कला आंदोलन पर केंद्रित है, जिसमें 19वीं सदी के पश्चिमी शिक्षा के प्रभावों और भारतीय चित्रकला के विकास पर चर्चा की गई है। इसमें प्रमुख कलाकारों और उनके कार्यों का उल्लेख किया गया है।