इंदस घाटी सभ्यता प्रश्नोत्तरी
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Questions and Answers

मोहेनजोदड़ो में निम्नलिखित में से कौन-सी वस्तु पाई गई थी?

  • लकड़ी की मूर्ति
  • धातु का चाकू
  • ग्रेट बाथ (correct)
  • टेराकोटा देवी की आकृति (correct)
  • किस शहर को 'भारत का मैनचेस्टर' कहा जाता है?

  • कालिबंगन
  • लोधाल
  • मोहेनजोदड़ो
  • अलमगीरपुर (correct)
  • किस क्षेत्र में कब्रों की खुदाई 'R-37' नाम से की गई थी?

  • लोधाल
  • कालिबंगन
  • हरप्पा (correct)
  • मोहेनजोदड़ो
  • हरप्पा में बच्चों के शव के साथ किस प्रकार की विशेषता पाई गई?

    <p>स्कल में छेद</p> Signup and view all the answers

    किस शहर में युग्म उत्सर्ग की प्रथा पाई गई?

    <p>कालिबंगन</p> Signup and view all the answers

    किस स्थाई नदी के किनारे मोहेनजोदड़ो स्थित है?

    <p>इंडस</p> Signup and view all the answers

    किस जगह पर धातु की मूर्तियाँ जैसे कि पीतल का बैल पाया गया था?

    <p>कालिबंगन</p> Signup and view all the answers

    मोहेंजोदड़ो में कुएं और पानी निकासी प्रणाली का उपयोग किसलिए किया जाता था?

    <p>स्वास्थ्य और सफाई के लिए</p> Signup and view all the answers

    निम्नलिखित में से कौन-सा विवरण इंदस घाटी सभ्यता के नगर योजना के बारे में सही है?

    <p>नगर को उपर उठे हुए किलेदार और निचले भाग में विभाजित किया गया।</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता की भाषा व लिपि के बारे में कौन सा कथन सत्य है?

    <p>लिपि चित्रात्मक थी और दांये से बाएँ लिखी जाती थी।</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता की निकासी प्रणाली के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा विवरण सत्य है?

    <p>हर घर से छोटी नालियाँ बड़ी नालियों से जुड़ी थीं।</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता की मूर्तियों के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?

    <p>कुछ मूर्तियाँ आधे आदमी और आधे जानवर के चित्रण के साथ थीं।</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता के व्यापार मुद्राओं के बारे में कौन सा विवरण सही है?

    <p>मुद्राओं पर जानवरों के चित्रण होते थे।</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता में वास्तुकला के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?

    <p>भवनों में पिलर्स और आंगन होते थे।</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता में निकासी प्रणाली के प्रमुख लाभों में से क्या है?

    <p>स्वच्छता और स्वास्थ्य में वृद्धि।</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता के सील के बारे में कौन सा विवरण सत्य है?

    <p>सील अक्सर व्यापार में पहचान चिह्न के रूप में उपयोग होती थीं।</p> Signup and view all the answers

    कौन सा तकनीक 'लॉस्ट वैक्स' विधि के तहत कांस्य आकृतियों के निर्माण के लिए उपयोग किया जाता है?

    <p>सिरे खोदने की तकनीक</p> Signup and view all the answers

    इंडस वैली सभ्यता की कौन सी मिट्टी की वस्तुएं आमतौर पर खिलौनों और छोटी कार्टों के बनाने के लिए प्रयोग होती हैं?

    <p>टेराकोटा</p> Signup and view all the answers

    इंडस वैली सभ्यता में किस प्रकार की बर्तनें थीं?

    <p>सादा बर्तन और चित्रित बर्तन</p> Signup and view all the answers

    इंडस वैली सभ्यता में जो स्टोन फिगर्स बनाई गई थीं, उनमें से किसकी विशेषता थी?

    <p>कुशलता और विस्तार</p> Signup and view all the answers

    इंडस वैली सभ्यता में आमतौर पर कौन सी फसलें उगाई जाती थीं?

    <p>गेहूँ और जौ</p> Signup and view all the answers

    इंडस वैली सभ्यता में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक क्या हो सकता है?

    <p>पशुपतिनाथ</p> Signup and view all the answers

    इंडस वैली सभ्यता में किस प्रकार के कपड़े बनते थे?

    <p>रेशमी और ऊनी</p> Signup and view all the answers

    इंडस वैली सभ्यता की कौन सी विशेषता उन लोगों की गरीबी का संकेत होती है?

    <p>बरसात के काल में काम का अभाव</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता की कालक्रम की सही अवधियाँ क्या हैं?

    <p>BC 2500 - 600 AD</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता का सबसे पश्चिमी स्थल कौन सा है?

    <p>सुतकागेन्दूर</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता में व्यापार का संबंध किन सभ्यताओं से था?

    <p>फराओ और सुमेरियन</p> Signup and view all the answers

    देर-हरप्पान काल से संबंधित समय अवधि क्या है?

    <p>BC 1900 - 1500</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता का प्रमुख स्थल कौन सा है?

    <p>मोहेनजोदड़ो</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता में कृषि उत्पादों में कौन-सी फसल सामान्य थी?

    <p>गेंहू</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता का पूर्वीतम स्थल कौन सा है?

    <p>आलमगीरपुर</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता की प्रारंभिक एवं विकसित अवधि के बीच कौन-सी अवधि होती है?

    <p>मध्यम-हरप्पान</p> Signup and view all the answers

    मोहेंजोदड़ो में किस प्रकार का जलाशय पाया गया था?

    <p>ग्रेट बाथ</p> Signup and view all the answers

    किस स्थान पर स्टोन फिगर ऑफ़ प्रीस्ट की खोज की गई थी?

    <p>मोहेंजोदड़ो</p> Signup and view all the answers

    किस स्थल पर डबल क्रॉपिंग पैटर्न का प्रमाण मिला है?

    <p>कालिबंगन</p> Signup and view all the answers

    आधुनिक समय में 'भारत का मैनचेस्टर' कहाँ है?

    <p>अलमगीरपुर</p> Signup and view all the answers

    किस स्थान पर टेराकोटा माँ के देवता की आकृति पाई गई थी?

    <p>मोहेंजोदड़ो</p> Signup and view all the answers

    हरप्पा में किस प्रकार के कब्रों की खुदाई की गई थी?

    <p>खुदाई में ताबूत</p> Signup and view all the answers

    किस नदी के किनारे कालिबंगन स्थित है?

    <p>घग्गर नदी</p> Signup and view all the answers

    कौन सा स्थान घोड़े के जबड़े के अवशेष मिलने के लिए जाना जाता है?

    <p>अलमगीरपुर</p> Signup and view all the answers

    किस स्थल को खुदाई के लिए 'R-37' नाम से जाना जाता है?

    <p>हरप्पा</p> Signup and view all the answers

    पुरुषों द्वारा पहनने वाला कपड़ा क्या था?

    <p>एक लंबा कपड़ा</p> Signup and view all the answers

    बालकों के खेलने के लिए कौन सी चीज़ें उपयोग की जाती थीं?

    <p>कपड़े की गुड़िया</p> Signup and view all the answers

    इंडस घाटी सभ्यता के लोगों द्वारा बनाए गए अभूषणों में से कौन सा सही है?

    <p>शंख, सोना और चांदी से बने गहने</p> Signup and view all the answers

    इंडस घाटी सभ्यता के व्यापार में कौन सी वस्तुएँ शामिल थीं?

    <p>लैपिस लाजुली और नीले रत्न</p> Signup and view all the answers

    इंडस घाटी सभ्यता में धार्मिक विश्वासों में क्या शामिल था?

    <p>कई देवताओं पर विश्वास</p> Signup and view all the answers

    धोलावीरा कहाँ स्थित है?

    <p>मानहर नदी के किनारे</p> Signup and view all the answers

    राखीगढ़ी में क्या पाया गया था?

    <p>कांस्य के बर्तन</p> Signup and view all the answers

    कुट्च में पाए गए धातु की मूर्तियों में से कौन-सी मूर्ति विशेष थी?

    <p>बैल की मूर्ति</p> Signup and view all the answers

    सुरकोटड़ा का प्रमुख उद्देश्य क्या था?

    <p>व्यापार डॉक</p> Signup and view all the answers

    किस शहर को इंदस घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल माना जाता है?

    <p>राखीगढ़ी</p> Signup and view all the answers

    धोलावीरा की खुदाई किसने की थी?

    <p>एन जी मजुमदार</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता की नगर योजना में क्या विशेषता है?

    <p>आयताकार ग्रिड पैटर्न</p> Signup and view all the answers

    कोट दीजी में क्या खोजा गया था?

    <p>माँ देवी की मूर्ति</p> Signup and view all the answers

    धोलावीरा में किन वस्तुओं का निर्माण होता था?

    <p>घर और गोदाम</p> Signup and view all the answers

    कौन सा कथन इंदस घाटी सभ्यता में कुपोषण का संकेत है?

    <p>कम वस्त्र उत्पादन</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता के नगर योजना में मुख्यतः क्या थी?

    <p>सड़कें और नाले एक ग्रिड पैटर्न में थे</p> Signup and view all the answers

    निम्नलिखित में से कौन-सी इमारतें उपेक्षित लोगों के लिए थीं?

    <p>एक कमरे के आवास</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता की मुहरों का मुख्य उपयोग क्या था?

    <p>व्यापार और पहचान के निशान</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता में सील बनाने के लिए कौन-सी सामग्री आमतौर पर प्रयोग की जाती थी?

    <p>Steatite</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता में जल निकासी प्रणाली का प्रमुख लाभ क्या था?

    <p>स्वच्छता बनाए रखना</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता की लिपि किस प्रकार की थी?

    <p>चित्रात्मक लिपि</p> Signup and view all the answers

    मोहेंजोदड़ो में प्रमुख जल निकासी प्रणाली के तत्व क्या थे?

    <p>छोटे और बड़े नाले</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता के मुहरों पर जो चित्रण होते थे, उनमें से कौन-सा आम था?

    <p>गाय और बकरी</p> Signup and view all the answers

    इंदस घाटी सभ्यता की प्रशासनिक इमारतों में क्या शामिल था?

    <p>प्रशासनिक कार्यालय और गोदाम</p> Signup and view all the answers

    इंदस Valley Civilization के किस प्रकार के लेखन को बौस्त्रोफेडोन कहा जाता है?

    <p>एक ओर से शुरू और फिर दूसरी ओर</p> Signup and view all the answers

    Study Notes

    सिंधु घाटी सभ्यता

    • सिंधु घाटी सभ्यता में सड़कों का जाल था , जो छोटी गलियों से जुड़े हुए थे।
    • यह सभ्यता भवनों के एक व्यवस्थित ढाँचे पर आधारित थी।
    • भवन : आवास, सार्वजनिक भवन, सार्वजनिक स्नानागार
    • निर्माण : पक्की ईटों का प्रयोग किया जाता था ।
    • शहर : शहर ऊँचे किले और निचले भागों में बंटे थे।
    • ऊँचे किले में अन्न भंडार , प्रशासनिक भवन , आँगन और स्तंभ युक्त हॉल थे ।
    • निचले भाग में श्रमिक वर्ग के लिए छोटे कमरे थे ।
    • नगरों में नालियों की एक उन्नत व्यवस्था थी ।
    • प्रत्येक घर से छोटी नालियाँ मुख्य सड़कों के किनारे चलने वाली बड़ी नालियों से जुड़ी थीं।
    • नालियाँ ढीली ढंग से ढकी हुई थीं ताकि उन्हें नियमित रूप से साफ किया जा सके।
    • नियमित अंतराल पर कूड़ेदान थे।
    • मूर्तियाँ :
      • मुहरें : पत्थर, हड्डी, हाथीदांत, धातु और कृत्रिम पेस्ट की बनी मुहरें थीं।
      • मुहरों पर नक्काशीदार चित्र थे।
      • मुहरें स्टीटाइट से बनी थीं।
      • ताँबे, सोने, फ़ायंस, हाथीदांत और टेराकोटा से बनी मुहरें मिली हैं ।
      • आकार : वर्गाकार, त्रिकोणीय, आयताकार और गोलाकार
      • कुछ मुहरों पर जानवर जैसे बैल अंकित थे।  - कुछ मुहरों पर आधे मानव और आधे जानवर की आकृतियाँ थीं।
      • मुहरों का उपयोग व्यापार , पहचान और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए किया जाता था।
      • सिर में मुहरों का प्रयोग एक लिपि के रूप में किया जाता था।
      • कुछ मुहरों पर गणितीय चित्र जैसे स्वस्तिक थे।

    भाषा :

    • भाषा चित्रात्मक शैली में लिखी जाती थी ।
    • शब्दों का क्रम दाएं से बाएं और फिर बाएं से दाएं होता था।
    • अभी तक सिंधु लिपि के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं चल सका ।

    सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थल :

    • मोहनजोदड़ो
      • मोहनजोदड़ो पंजाब के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के किनारे स्थित है।
      • 1921-23 में दया राम साहनी ने इसकी खुदाई की।
      • पाषाण मुहर
      • पुजारी की पत्थर की मूर्ति
      • कांस्य नर्तकी
      • महान स्नानागार
      • अनाज रखने के भंडार
      • माता देवी की टेराकोटा मूर्ति
      • दाढ़ी वाला पुरुष
      • सूती वस्त्रों का उत्पादन यहाँ होता था।
    • हरप्पा
      • हरप्पा पंजाब के रवि नदी के किनारे स्थित है।
      • बी. बी. लाल ने 1961 में इसकी खुदाई की।
      • "आर - 37" कब्रिस्तान
      • ताबूत में दफनाए शव
      • अनाजों के भंडार छोटे-छोटे कमरों के साथ
      • कब्रों में बच्चों को खोपड़ी में एक छेद के साथ दफनाया गया था।
      • इसकी महत्व को लेकर शोध चल रहा है।
    • कालीबंगन - कालीबंगन राजस्थान में घग्गर नदी के किनारे स्थित है। - इस नदी को प्राचीन सरस्वती नदी के नाम से भी जाना जाता है । - एस. आर. राव ने 1954 में इसकी खुदाई की। - पुजारी के क्वार्टर - अग्नि कुंड - हल के निशान - दोहरी फसल प्रणाली
      - कांस्य बैल
    • लोथल
      • लोथल गुजरात में भोगावो नदी के किनारे स्थित है।
      • यह साबरमती नदी की एक सहायक नदी है।
      • 1954 में एस. आर. राव ने इसकी खुदाई की।
      • दो कब्रों में दफनाए शव
      • टेराकोटा हल का मॉडल
      • भारत का मैनचेस्टर: यहाँ सबसे ज्यादा फसल उत्पादन होता था।
      • सूती वस्त्रों का उत्पादन यहाँ होता था।
    • अलमगीरपुर
      • उत्तर प्रदेश में स्थित है।
      • 1967-68 में जे. पी. जोशी ने इसकी खुदाई की।
      • ताँबे की टूटी हुई ब्लेड
      • सिरेमिक वस्तुएँ
      • घोड़े के जबड़े मिल गए।

    सिंधु घाटी सभ्यता की कला और शिल्प :

    • कांस्य मूर्तियाँ :
      • क्षय विधि, जिसे लुप्त मोम विधि के रूप में भी जाना जाता है।
      • इस विधि में, तरल धातु को भरने के लिए छेद बनाए जाते हैं।
      • मोम सूखने के बाद धातु की संरचना से हटा दिया जाता है।
      • नर्तकी : त्रिभंग मुद्रा, जो इसे विशिष्ट बनाती है
    • टेराकोटा:
      • आग में पकाई गई मिट्टी का प्रयोग करके मूर्तियाँ बनाई जाती थी।
      • खिलौने, जानवरों की मूर्तियाँ, छोटी गाड़ियाँ, पहिये आदि बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता था।
    • कुम्हार का कला :
      • खुदाई स्थलों में दो प्रकार की मिट्टी के बर्तन मिलते हैं : सादा मिट्टी के बर्तन और चित्रित मिट्टी के बर्तन।
      • चित्रित मिट्टी के बर्तन को लाल और काले मिट्टी के बर्तन के नाम से भी जाना जाता है।
      • लाल रंग का प्रयोग पृष्ठभूमि के लिए किया जाता था और काले रंग का प्रयोग डिजाइन और आकृतियाँ बनाने के लिए किया जाता था।
      • पेड़, पक्षी, जानवरों की आकृतियाँ और ज्यामितीय पैटर्न इसके कुछ मुख्य विषय थे।
      • ये सभी चक्र पर बने सजावटी बर्तन थे।
      • ये घरेलू उद्देश्यों, सजावटी उद्देश्यों और तरल डालने के लिए उपयोगी थे।
    • पत्थर की मूर्तियाँ :
      • शिल्प कौशल अपने चरम पर था।
      • दाढ़ी वाले पुजारी की पत्थर की मूर्ति : यह एक शाल में लिपटा हुआ है जिसमें त्रिकोणीय डिजाइन है।
      • आँखें लंबी और आधी बंद हैं जैसे कि ध्यान में।
      • लाल बालू पत्थर की पुरुष धड़ की मूर्ति एक अन्य उदाहरण है।

    सिंधु घाटी सभ्यता

    • सिंधु घाटी सभ्यता (ईसा पूर्व 2500-1500) मानव सभ्यता के विकास का एक ऐसा काल था जब लोग अपनी भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति से परे सोचने लगे। यह सबसे पहली आधुनिक सभ्यता थी, जो लगभग ईसा पूर्व 2500 में देखी गई थी। इसका विस्तार अफ़गानिस्तान में काबुल से लेकर उत्तर में कश्मीर और दक्षिण में गुजरात में खाम्बत की खाड़ी तक फैला था। जबकि पूर्व में यह उत्तर प्रदेश तक और पश्चिम में ईरान की सीमा तक फैला था।
    • इस सभ्यता की सबसे पश्चिमी जगह थी सूतकागेंडोर (पाकिस्तान), सबसे पूर्वी जगह थी आलमगीरपुर (उप्र), सबसे उत्तरी जगह थी मंडा, जम्मू और सबसे दक्षिणी जगह थी दैमाबाद (महाराष्ट्र)।
    • यह पहली सभ्यता थी जिसके पुरातात्विक प्रमाण सुव्यवस्थित रूप से पहचाने गए और उनका पता लगाया जा रहा है। अधिकांश स्थल नदियों के किनारे या तटों के पास स्थित थे। यह फराओ (मिस्र) और सुमेरियाई लोगों (इराक) जैसी अन्य सभ्यताओं के साथ व्यापार के संबंध को दर्शाता है। इन लोगों का जीवन आज हम जिस तरह से जीते हैं, लगभग उसी तरह का था।
    • आधुनिक पुरातत्वविदों ने संभावित कालक्रम और काल विभाजन की स्थापना की है:
      • पूर्व-हड़प्पा - ईसा पूर्व 7000 - 3500
      • प्रारंभिक हड़प्पा - ईसा पूर्व 3500 - 2800
      • परिपक्व हड़प्पा - ईसा पूर्व 2800 - 1900
      • उत्तर-हड़प्पा - ईसा पूर्व 1900 - 1500
      • उत्तर-हड़प्पा/वैदिक काल - ईसा पूर्व 1500 - 600 ईस्वी

    महत्वपूर्ण स्थल

    • मोहनजोदड़ो
    • हड़प्पा
    • कालीबंगा
    • कच्छ
    • लोथल
    • आलमगीरपुर
    • धोलावीरा
    • चान्हूदड़ो
    • कोट दीजी
    • देसलपुर
    • सुरकोटडा

    स्थल महत्व

    • मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान):
      • यह स्थल 1922 में आर.डी. बनर्जी द्वारा खुदाई गया।
      • यहां पशुपति मुहर, एक पुजारी की पत्थर की मूर्ति, नृत्यांगना की कांस्य मूर्ति, महान स्नानागार, अनाज भंडार, मातृ देवी की टेराकोटा मूर्ति, दाढ़ी वाले व्यक्ति इत्यादि मिले।
      • यहां सूती कपास का उत्पादन होता था। यह स्थल सिंधु नदी के किनारे स्थित है।
    • हड़प्पा (पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र):
      • यह स्थल 1921-1923 में दया राम साहनी द्वारा खुदाई गया।
      • यहां कब्रिस्तान, ‘आर-37’ दफनाने की जगह, ताबूतों में दफनाने की प्रथा, छोटे क्वार्टरों के साथ अनाज भंडार, कब्रों में बच्चों के कपाल में छेद पाए गए हैं।
      • यह स्थल रावी नदी के किनारे स्थित है।
    • कालीबंगा (राजस्थान):
      • यह स्थल 1961 में बी.बी. लाल द्वारा खुदाई गया।
      • यहां पुजारी का घर, अग्नि कुंड, हल के निशान, दोहरी फसल पैदा करने की प्रथा, कांस्य बैल इत्यादि मिले।
      • यह स्थल घग्गर नदी के किनारे स्थित है, जिसे प्राचीन सरस्वती नदी के रूप में भी जाना जाता है।
    • लोथल (गुजरात):
      • यह स्थल 1954 में एस.आर. राव द्वारा खुदाई गया।
      • यहां दोहरी कब्रें, टेराकोटा का हल का मॉडल, "भारत का मैनचेस्टर" (उच्च फसल उत्पादन), सूती कपास का उत्पादन, भोगावो नदी के किनारे स्थित है।
    • आलमगीरपुर (उप्र):
      • यहां तांबे का टूटा हुआ ब्लेड, मिट्टी के बर्तन इत्यादि मिले।
    • धोलावीरा (गुजरात):
      • यह स्थल 1967-68 में जे.पी. जोशी द्वारा खुदाई गया।
      • यहां घोड़े के जबड़े मिले।
      • मकानों और अनाज भंडारों के लिए पत्थर से बने ढाँचे थे।
      • यह स्थल मांहर नदी के किनारे स्थित है, जो लूनी नदी की सहायक है।
      • यूनेस्को ने 27 जुलाई 2021 को इसे भारत की 40वीं विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया।
    • चान्हूदड़ो (पाकिस्तान):
      • यह स्थल 1931 में एन.जी. मजूमदार द्वारा खुदाई गई।
      • यह स्थल सिंधु नदी के किनारे स्थित है।
      • यहां चूड़ी बनाने का कारखाना, स्याहीदान, मोती बनाने की दुकान, कुत्ते द्वारा बिल्ली का पीछा करते हुए पग चिह्न मिले हैं।
      • यह एकमात्र ऐसा शहर है जहाँ किला नहीं है।
    • राखीगढ़ी (हरियाणा):
      • यह स्थल 1960 के दशक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के डॉ. अमरेन्द्र नाथ द्वारा खुदाई गया।
      • यहां पत्थर के औजार और हथियार, जैसे कुल्हाड़ी, छेनी और ब्लेड, तांबे और कांस्य की वस्तुएँ, जैसे मोती, चूड़ियाँ और मूर्तियाँ, लोगों, जानवरों और वस्तुओं की टेराकोटा मूर्तियाँ, मुहरें और ताबीज मिले हैं।
      • राखीगढ़ी सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल है। यह स्थल द्रिशद्वती नदी के किनारे स्थित है, जो अब सूख चुकी है, जिसे प्राचीन सरस्वती नदी प्रणाली का हिस्सा माना जाता है।
    • कोट दीजी (सिंध क्षेत्र, पाकिस्तान):
      • यहां मातृ देवी की मूर्ति मिली है।
      • यहां बैल की मूर्ति मिली है।
    • देसलपुर (कच्छ जिला, गुजरात):
      • यहां विशाल पत्थर से बना किला मिला है।
      • हड़प्पा का मिट्टी का बर्तन प्रसिद्ध था।
      • यहां तीन शिलालेख वाली मुहरें मिली हैं, जिनमें से एक स्टीटाइट की, एक तांबे की और एक टेराकोटा की है।
    • सुरकोटडा (कच्छ गुजरात):
      • यह स्थल 1967-68 में जे.पी. जोशी द्वारा खुदाई गया।
      • यह कच्छ गुजरात का एक तटीय शहर था।
      • यह एक व्यापारिक बंदरगाह था।

    कला और स्थापत्य

    • स्थापत्य:
      • नगर नियोजन:
        • आयताकार ग्रिड पैटर्न प्लानिंग। सड़कें समकोण पर मिलती हैं। बड़ी सड़क छोटी सड़कों में विभाजित होती है जो अलग-अलग घरों से जुड़ी होती है।
        • सड़कों का ग्रिड पैटर्न।
      • भवन:
        • आवासीय भवन, सार्वजनिक भवन और सार्वजनिक स्नानागार।
        • भवन के निर्माण में पकी हुई मिट्टी की ईंटों का उपयोग किया गया था।
      • शहर का विभाजन:
        • शहर को ऊपरी किला और निचले भाग में विभाजित किया गया था।
      • ऊपरी किला:
        • इसमें अनाज भंडार, प्रशासनिक भवन, आंगन और स्तंभों वाले हॉल थे।
      • निचला भाग:
        • इसमें काम करने वाले वर्ग के लोगों के लिए छोटे एक कमरे वाले क्वार्टर, सार्वजनिक स्नानागार, जैसे मोहनजोदड़ो स्थल पर महान स्नानागार।
    • नाली प्रणाली:
      • प्रत्येक घर से छोटी नालियां मुख्य सड़कों के किनारे चलने वाली बड़ी नालियों से जुड़ी थीं।
      • Nालियों को ढीला ढंका हुआ था ताकि नियमित सफाई और रखरखाव हो सके।
      • रास्ते में कुछ-कुछ दूरी पर सेसपिट्स बनाए गए थे।
    • मूर्तियाँ:
      • मुहरें:
        • एक मुहर एक छोटी पोर्टेबल कलाकृति थी, जो ज्यादातर पत्थर से बनाई जाती थी, लेकिन अन्य पदार्थों में भी मिली हैं, जैसे हड्डी/हाथी दांत, धातु, और विभिन्न कृत्रिम पेस्ट।
        • यह उत्कीर्ण रूपांकनों को दर्शाता है और आम तौर पर छिद्रित होता है ताकि इसे लटकाया जा सके।
        • मुहरें स्टीटाइट से बनाई गई थीं, एक नरम पत्थर जो नदी के तल में पाया जाता है।
        • तांबे, सोने, फ़ेयेंस, हाथी दांत और टेराकोटा से बनी मुहरें भी मिली हैं।
        • आकार: वर्ग, त्रिकोणीय, आयताकार और वृत्ताकार।
        • कुछ मुहरों पर जानवरों की छाप होती है,जैसे बैल।
        • कुछ मुहरों पर आधे आदमी और आधे जानवर की छाप होती है,जैसे पशुपति मुहर।
        • उपयोग: मुख्य रूप से व्यापार, पहचान चिह्न, या शैक्षिक उद्देश्यों के लिए।
        • जैसे, मुहरों पर गणितीय चित्र जैसे स्वस्तिक हैं।
    • भाषा:
      • लिपि चित्रात्मक भाषा में थी, जिसे दाईं से बाईं ओर लिखा जाता था और फिर बाईं से दाईं ओर। इसे बूस्ट्रोफिडॉन प्रकार की लेखन कहा जाता है।
      • लेखन को अभी तक समझा नहीं जा सका है।

    सामाजिक जीवन

    • महिलाएँ छोटी स्कर्ट पहनती थीं।
    • पुरुष अपनी कमर के चारों ओर कपड़े का एक लंबा टुकड़ा लपेटते थे।
    • महिलाएँ सीप, सोना और चांदी से बने कंगन और हार पहनती थीं।
    • पुरुष गलत प्रभावों से बचाने के लिए ताबीज पहनते थे।
    • आभूषण:
      • मनोरंजन:
        • बच्चे छोटी मिट्टी की गाड़ियों, गुड़िया, खड़खड़ाहट, गोले, आदि से खेलते थे।
        • जानवरों की मूर्तियाँ कठपुतलियों की तरह बनाई जाती थीं।
        • पक्षियों के रूप में सीटी बनाई जाती थीं।
        • बूढ़े लोग जुआ खेलने का आनंद लेते थे।
    • व्यवसाय:
      • कपड़ों की बुनाई
      • फारस की खाड़ी और सुमेरियाई लोगों के साथ व्यापार
      • मिट्टी, पत्थर, पेस्ट, सीप और हाथी दांत; और ताबीज से मोती बनाना
      • धातु कार्य
    • व्यापार:
      • मोहनजोदड़ो की मुहरें और छोटी वस्तुएँ इराक के स्थलों पर मिली हैं।
      • लोथल बंदरगाह पर, विभिन्न आकारों में भार और माप मिले हैं, और वे सटीक थे।
      • अफ़गानिस्तान से नीले रत्न और लैपिस लाजुली के व्यापार के निशान मिले हैं।
    • धर्म:
      • लोग भगवान में विश्वास करते थे।
      • मिट्टी की मातृ देवी की मूर्तियों के शिलालेख और पत्थर की छोटी मुहर पर नक्काशी किए गए पुरुष देवताओं की बैठी मूर्तियाँ मिली हैं।
      • जैसे, पशुपति मुहर।
      • उनकी कुछ चीजें पवित्र मानी जाती थीं। जैसे पीपल का पेड़ मुहर, सींग वाला बैल मुहर, इत्यादि।

    हड़प्पा सभ्यता का पतन

    • लगभग 1500 ईसा पूर्व में हड़प्पा सभ्यता के पतन की भविष्यवाणी की गई है। इसे आर्यों के आगमन का समय भी माना जाता है।
    • इसके पतन के विभिन्न कारणों का अनुमान लगाया गया है:
        1. सिंधु नदी में बड़ा बाढ़ आया जिसके कारण शहर डूब गए।
        1. हड़प्पा जलवायु में एक और विनाशकारी बदलाव पूर्व की ओर चलने वाले मानसून या हवाएं हो सकती हैं जो भारी बारिश लाती हैं। मानसून जलवायु के लिए मददगार और हानिकारक दोनों हो सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे वनस्पतियों और कृषि का समर्थन करते हैं या नष्ट करते हैं।
        1. एक सिद्धांत बताता है कि आर्य नामक एक खानाबदोश, इंडो-यूरोपीय जनजाति ने सिंधु घाटी सभ्यता पर आक्रमण किया और उसे जीत लिया।

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    Description

    यह क्विज इंदस घाटी सभ्यता के विभिन्न पहलुओं पर आधारित है। इसमें मोहेनजोदड़ो, हरप्पा और अन्य महत्वपूर्ण शहरों की जानकारी शामिल है। आप अपने ज्ञान का परीक्षण कर सकते हैं और इंदस सभ्यता की विशेषताओं को समझ सकते हैं।

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