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Questions and Answers
अशाब्दिक सम्प्रेषण में चेहरे की अभिव्यक्ति का क्या महत्व है?
अशाब्दिक सम्प्रेषण में चेहरे की अभिव्यक्ति का क्या महत्व है?
अशाब्दिक सम्प्रेषण के कौन से पहलु एक व्यक्ति के पहनावे से संबंधित हैं?
अशाब्दिक सम्प्रेषण के कौन से पहलु एक व्यक्ति के पहनावे से संबंधित हैं?
अशाब्दिक सम्प्रेषण में 'नेत्र सम्पर्क' का क्या महत्व है?
अशाब्दिक सम्प्रेषण में 'नेत्र सम्पर्क' का क्या महत्व है?
अशाब्दिक सम्प्रेषण के किस पहलू को 'चेहरा ह्रदय का सूचकांक' कहा जाता है?
अशाब्दिक सम्प्रेषण के किस पहलू को 'चेहरा ह्रदय का सूचकांक' कहा जाता है?
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अशाब्दिक संप्रेषण का क्या एक महत्वपूर्ण कार्य है?
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Study Notes
अशाब्दिक सम्प्रेषण की परिभाषा
- अशाब्दिक सम्प्रेषण को भाषा की गति के रूप में समझा जाता है।
- इसमें भावनाएँ जैसे खुशी, सदमा, आश्चर्य, पछतावा शामिल हैं।
- ये भावनाएँ भाषा के माध्यम से नहीं, बल्कि अंगों की गतिविधियों के माध्यम से व्यक्त की जाती हैं।
अशाब्दिक सम्प्रेषण के कार्य
- संकेत या भाव-भावना: यह केवल चेहरे या आँखों से नहीं, बल्कि शरीर के अन्य भागों से भी प्रदर्शित किया जाता है।
- चेहरे की अभिव्यक्ति: इसे "चेहरा ह्रदय का सूचकांक" कहा जाता है, यह भावनाओं को स्पष्ट करता है।
- नेत्र सम्पर्क: संचार में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है, यह विश्वास और ध्यान को दर्शाता है।
- मुद्रा: खड़े होने, चलने और बैठने के तरीकों के द्वारा व्यक्तित्व की विशेषताएँ दिखाता है।
- परिधान कोड: व्यक्ति के कपड़े और पहनावा भी सामाजिक संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अशाब्दिक भाषा का महत्व
- यह सम्प्रेषण के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- अशाब्दिक सम्प्रेषण मौखिक सम्प्रेषण का एक प्रभावी विकल्प हो सकता है।
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Description
यह क्विज़ अशाब्दिक सम्प्रेषण की विभिन्न तकनीकों और पहलुओं पर केंद्रित है। इसमें चेहरे की अभिव्यक्तियाँ, मुद्रा, और संकेतों के माध्यम से संप्रेषण के महत्व का विस्तृत वर्णन किया गया है। इस विषय के अंतर्गत संचार के विभिन्न तरीकों को समझना महत्वपूर्ण है।