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2024

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विषय-सूची 1. राजव्यिस्था एिं शासन (Polity and Governance) ____ 5 3.6. संविप्त सुर्ख़ियां ____________________________ 40 1.1. मास मीविया और चुनाि ______________________ 5 3.6.1. कमोविटी वििेंिेंस...

विषय-सूची 1. राजव्यिस्था एिं शासन (Polity and Governance) ____ 5 3.6. संविप्त सुर्ख़ियां ____________________________ 40 1.1. मास मीविया और चुनाि ______________________ 5 3.6.1. कमोविटी वििेंिेंस ______________________ 40 1.2. इं टरनेट शटिाउन____________________________ 7 3.6.2. स्मॉल फाइनेंस बैंकों िारा यूवनिस़िल बैंककं र्ग के वलए 1.3. अन्य विछडा िर्गों (OBCs) की सूची ______________ 9 िात्रता मानदंि ______________________________ 41 1.4. संविप्त सुर्ख़ियां ____________________________ 11 3.6.3. भारत के िस्तु व्यािार की िंचिषीय समीिा ररिोट़ि 42 1.4.1. संविधान का अनुच्छेद 39(b) और वनजी संिवियां 11 3.6.4. प्रावधकर त आर्थ़िक संचालक (AEO) दजा़ि _______ 42 1.4.2. अनुच्छेद 329(b) _______________________ 11 3.6.5. इं विया इं टरनेशनल बुवलयन एक्सचेंज (IIBX) ___ 43 1.4.3. फॉम़ि 17C ____________________________ 12 3.6.6. इं विया िोलैरटवलटी इं िेक्स ________________ 43 1.4.4. साइलेंस िीररयि _______________________ 12 3.6.7. लार्गत मुद्रास्फीवत सूचकांक ________________ 43 1.4.5. विश्व प्रेस स्ितंत्रता सूचकांक (WPFI) 2024 ____ 12 3.6.8. िैरािॉक्स ऑफ विफ्ट थ्योरी _______________ 43 1.4.6. विश्वविद्यालय अनुदान आयोर्ग (UGC) विवनयम, 3.6.9. क्रिरटकल एनजी ट्ांवजशन वमनरल्स िर संयि ु राष्ट्र का 2018 ____________________________________ 13 िैनल _____________________________________ 44 1.4.7. राजनवयक िासिोट़ि ______________________ 13 3.6.10. विि प्राइशसंर्ग ________________________ 44 2. अंतरा़िष्ट्रीय संबध ं (International Relations) _________ 15 3.6.11. यात्रा और िय़िटन विकास सूचकांक, 2024 ____ 45 2.1. भारत का विििीय संबंधों को संतुवलत करने का प्रयास_ 15 3.6.12. ईशान िहल _________________________ 45 2.2. बदलते समय में िैवश्वक संस्थाएं _________________ 17 4. सुरिा (Security) ____________________________ 46 2.3. भारत और इं िोनेवशया संबध ं ___________________ 19 4.1. िोखरण-I ________________________________ 46 2.4. अंतरा़िष्ट्रीय आिरावधक न्यायालय ________________ 21 4.2. रिा िेत्रक में प्रौद्योवर्गकी अंर्गीकरण _____________ 47 2.5. संविप्त सुर्ख़ियां ____________________________ 23 4.3. िनिु वबबयां और िनिु बबी-रोधी युद्ध _____________ 50 2.5.1. वबम्सटेक चाट़िर लार्गू होने के साथ ही वबम्सटेक को 4.4. ऑनलाइन कट्टरतािाद से जुडी शचंताएं ____________ 53 'विवधक व्यवित्ि' का दजा़ि ______________________ 23 4.5. साइबर खतरे और वििीय िेत्रक ________________ 56 2.5.2. अफ्रीका िर दूसरा भारत-संयि ु राज्य अमेररका 4.6. संविप्त सुर्ख़ियां ____________________________ 58 रणनीवतक संिाद िाशशंर्गटन िीसी में आयोवजत ________ 24 4.6.1. र्गैर-कानूनी क्रियाकलाि (वनिारण) अवधवनयम 2.5.3. भारत की दूरसंचार कू टनीवत _______________ 25 (UAPA) के तहत वर्गरफ्तारी ____________________ 58 2.5.4. एवनमल विप्लोमेसी _____________________ 25 4.6.2. हर्म़िज-900 ___________________________ 58 2.5.5. दविण- चीन सार्गर ______________________ 25 4.6.3. सुर्ख़ियों में रहे अभ्यास ___________________ 59 2.5.6. वमविल िॉिर __________________________ 26 5. िया़ििरण (Environment) ______________________ 60 2.5.7. भू-राजनीवतक मंदी ______________________ 26 5.1. भारत में िारं िररक ज्ञान______________________ 60 3. अथ़िव्यिस्था (Economy) _______________________ 27 5.1.1. बौवद्धक संिदा, आनुिवं शक संसाधनों और संबंवधत 3.1. भारत और िैवश्वक मूल्य श्रख ं लाएं ________________ 27 िारं िररक ज्ञान िर संवध ________________________ 61 3.2. RBI िारा अवधशेष अंतरण ____________________ 30 5.2. स्िच्छ ऊजा़ि को अिनाना/ क्लीन एनजी ट्ांवजशन ____ 63 3.3. भारत का लॉवजवस्टक्स िेत्रक __________________ 32 5.3. मैंग्रोि संरिण _____________________________ 65 3.4. भारत की कर वष वनया़ित नीवत ___________________ 35 5.4. प्रिाल विरंजन ____________________________ 67 3.5. भूवम संसाधनों का संकुचन ____________________ 38 5.5. इं टरनेशनल अरें जमेंट ऑन फॉरे स्ट _______________ 70 1 www.visionias.in ©Vision IAS 5.6. हीटिेि __________________________________ 72 6.4.1. क्रकशोर न्याय अवधवनयम िर सुप्रीम कोट़ि का वनण़िय 97 5.7. भारत में अवि सुरिा विवनयम __________________ 75 6.4.2. बच्चों में स्िीन टाइम में उल्लेखनीय िरवद्ध दज़ि ____ 97 5.8. नॉिेस्टस़ि _________________________________ 77 6.4.3. विश्व प्रिासन ररिोट़ि, 2024 _______________ 98 5.9. संविप्त सुर्ख़ियां ____________________________ 79 7. विज्ञान एिं प्रौद्योवर्गकी (Science and Technology) _ 100 5.9.1. िेनेजुएला ऐसा िहला देश हो सकता है वजसके सभी 7.1. अंतररि वस्थवतजन्य जार्गरूकता _______________ 100 ग्लेवशयर खत्म हो जाएं _________________________ 79 7.2. सौर तूफान (भू-चुंबकीय तूफान) _______________ 102 5.9.2. जलिायु िररित़िन मौक्रद्रक नीवत में बदलाि को 7.3. 3D शप्रंटटंर्ग ______________________________ 104 कमजोर कर सकता है: भारतीय ररजि़ि बैंक ___________ 79 7.4. एग्रीटेक ________________________________ 107 5.9.3. न्यू कलेवक्टि क्ांरटफाइि र्गोल ऑन क्लाइमेट फाइनेंस80 7.4.1. कर वष िेत्रक में नैनोटेक्नोलॉजी ______________ 110 5.9.4. यूरोिीय संघ (EU) में “काब़िन ररमूिल्स एंि काब़िन 7.5. संविप्त सुर्ख़ियां ___________________________ 113 फार्मिंर्ग (CRCF)” का विवनयमन _________________ 81 7.5.1. िरथ्िी िय़ििेिण के िैवश्वक मूल्य को बढाना_____ 113 5.9.5. िायरे क्ट एयर कै प्चर एंि स्टोरे ज (DAC+S) प्लांट 82 7.5.2. अल्ट्ा-प्रोसेस्ि फू ि _____________________ 113 5.9.6 क्रकशलंर्ग कि़ि ____________________________ 82 7.5.3. विश्व स्िास्थ्य संर्गठन (WHO) ने िेंर्गू की नई िैक्सीन 5.9.7. बायोकिर ____________________________ 83 TAK-003 को प्रीक्ावलफाई क्रकया _______________ 114 5.9.8. विश्व बैंक ने “िाटर फॉर शेयि़ि प्रोस्िेररटी” शीष़िक से 7.5.4. विश्व िशु स्िास्थ्य संर्गठन ________________ 115 ररिोट़ि जारी की ______________________________ 83 7.5.5. िोम्बोसायटोिेवनया शसंिोम (TTS) के साथ 5.9.9. भारत विश्व में तीसरा सबसे बडा सौर ऊजा़ि उत्िादक िोम्बोवसस ________________________________ 115 देश बना ___________________________________ 84 7.5.6. नेर्गलेररया फाउलेरी ____________________ 115 5.9.10. स्िेन अंतरा़िष्ट्रीय सौर र्गठबंधन (ISA) का 99िां 7.5.7. एटा एक्ाररि उल्का-िरवि ________________ 116 सदस्य बना _________________________________ 84 7.5.8. लूनर िोलर एक्सप्लोरे शन वमशन (LUPEX) __ 116 5.9.11. रें जलैंड्स और चरिाहों िर “ग्लोबल लैंि आउटलुक 7.5.9. हाई एनजी फोटोन सोस़ि _________________ 116 थीमैरटक ररिोट़ि” _____________________________ 85 7.5.10. भीष्म िोटेबल क्यूबस __________________ 116 5.9.12. विश्व िन्यजीि अिराध ररिोट़ि 2024 ________ 86 7.5.11. सॉइल नेशलंर्ग________________________ 117 5.9.13. सी-एनीमोन _________________________ 87 7.5.12. र्गोल्िेनी ___________________________ 117 5.9.14. बेसफ्लो _____________________________ 87 7.5.13. AI एजेंट्स _________________________ 117 5.9.15. बलू होल ____________________________ 88 7.5.14. एंिोशसंबायोरटक वसद्धांत________________ 117 5.9.16. कै टाटुम्बो लाइटशनंर्ग ____________________ 88 7.5.15. िॉप्लर प्रभाि _______________________ 117 5.9.17. बाटार्गे या बाटार्गाइका िे टर ______________ 88 7.5.16. ग्रेफाइट____________________________ 117 5.9.18. शुवद्धित्र ____________________________ 89 7.5.17. नेफ्रोरटक शसंिोम _____________________ 118 6. सामावजक मुद्दे (Social Issues) __________________ 90 8. संस्कर वत (Culture) ___________________________ 119 6.1. भारत में मवहला उद्यमी ______________________ 90 8.1. भारत में बुनाई की शैवलयां ___________________ 119 6.2. सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) का स्थानीयकरण: भारत में 8.2. रं र्गभेद व्यिस्था___________________________ 121 स्थानीय शासन में मवहलाएं _______________________ 92 8.3. संविप्त सुर्ख़ियां ___________________________ 123 6.3. सामावजक अिसंरचना _______________________ 95 8.3.1. यूनेस्को के “मेमोरी ऑफ द िल्ि़ि (MOW)-एवशया- 6.4. संविप्त सुर्ख़ियां ____________________________ 97 िैवसक्रफक रीजनल रवजस्टर” ____________________ 123 2 www.visionias.in ©Vision IAS 8.3.2. सावहत्य अकादमी ______________________ 124 9.4. नैवतकता और उद्यवमता _____________________ 134 8.3.3. िेिा विवध ___________________________ 124 10. सुर्ख़ियों में रही योजनाएं (Schemes in News) _____ 138 8.3.4. लुशाई जनजावत _______________________ 124 10.1. प्रधान मंत्री क्रकसान सम्मान वनवध योजना (िी.एम.- 8.3.5. अिार (Avars) _______________________ 125 क्रकसान) ____________________________________ 138 9. नीवतशास्त्र (Ethics) __________________________ 126 11. सुर्ख़ियों में रहे स्थल (Places in News)___________140 9.1. कम्िैशनेट कै विटवलज्म या िरोिकारी िूंजीिाद _____ 126 9.2. दंि की नैवतकता __________________________ 129 12. सुर्ख़ियों में रहे व्यवित्ि (Personalities in News)___142 9.3. सोशल मीविया प्लेटफॉम़ि का नैवतक उियोर्ग _______ 131 नोट: वप्रय अभ्यर्थ़ियों, करें ट अफे यस़ि को िढने के िश्चात् दी र्गयी जानकारी या सूचना को याद करना और लंबे समय तक स्मरण में रखना आर्ट़िकल्स को समझने वजतना ही महत्ििूण़ि है। मावसक समसामवयकी मैर्गजीन से अवधकतम लाभ प्राप्त करने के वलए, हमने वनम्नवलवखत नई विशेषताओं को इसमें शावमल क्रकया है: विवभन्न अिधारणाओं और विषयों की आसानी से िहचान तथा उन्हें स्मरण में बनाए रखने के वलए मैर्गजीन में बॉक्स, तावलकाओं आक्रद में विवभन्न रं र्गों का उियोर्ग क्रकया र्गया है। िढी र्गई जानकारी का मूल्यांकन करने और उसे याद रखने के वलए प्रश्नों का अभ्यास बहुत जरूरी है। इसके वलए हम मैर्गजीन में प्रत्येक खंि के अंत में स्माट़ि क्रक्ज को शावमल करते हैं। विषय को आसानी से समझने और सूचनाओं को याद रखने के वलए विवभन्न प्रकार के इं फोग्राक्रफक्स को भी जोडा र्गया है। इससे उिर लेखन में भी सूचना के प्रभािी प्रस्तुतीकरण में मदद वमलेर्गी। सुर्ख़ियों में रहे स्थानों और व्यवियों को मानवचत्र, तावलकाओं और वचत्रों के माध्यम से िस्तुवनष्ठ तरीके से प्रस्तुत क्रकया र्गया है। इससे तथ्यात्मक जानकारी को आसानी से स्मरण रखने में मदद वमलेर्गी। Copyright © by Vision IAS All rights are reserved. No part of this document may be reproduced, stored in a retrieval system or transmitted in any form or by any means, electronic, mechanical, photocopying, recording or otherwise, without prior permission of Vision IAS. 3 www.visionias.in ©Vision IAS 4 www.visionias.in ©Vision IAS 1. राजव्यिस्था एिं शासन (Polity and Governance) 1.1. मास मीविया और चु नाि (Mass Media and Election) सुर्ख़ियों में क्यों? हाल ही में, भारतीय वनिा़िचन आयोर्ग (ECI) ने सोशल मीविया प्लेटफॉम्स़ि का नैवतक उियोर्ग सुवनवश्चत करने के वलए क्रदशा-वनदेश जारी क्रकए थे। आयोर्ग ने यह कदम चुनाि प्रचार के दौरान राजनीवतक दलों िारा सोशल मीविया के दुरुियोर्ग करने की घटनाओं को देखते हुए उठाया था। र्गौरतलब है क्रक सोशल मीविया मास मीविया का ही एक प्रकार है। क्रदशा-वनदेशों के मुख्य शबंदओं ु िर एक नजर: ECI ने राजनीवतक दलों को वनम्नवलवखत वनदेश क्रदए थे: o सोशल मीविया प्लेटफॉम्स़ि िर झूठी, भ्रामक या अिमानजनक कं टेंट का प्रसार नहीं करना चावहए। अर्गर इस तरह का कं टेंट मवहलाओं के सम्मान के विरुद्ध हो तो उसका प्रकाशन क्रकसी भी वस्थवत में नहीं क्रकया जाना चावहए। o राजनीवतक प्रचार अवभयानों में बच्चों का उियोर्ग करने से बचना चावहए। o जानिरों के प्रवत शहंसा की घटना या उन्हें चोट िहुंचाने से जुडे कं टेंट को सोशल मीविया प्लेटफॉम्स़ि िर अिलोि नहीं करना चावहए। o सोशल मीविया प्लेटफॉम्स़ि िर राजनीवतक दलों या उनके प्रवतवनवधयों सवहत क्रकसी अन्य व्यवि के चररत्र को बदनाम (Impersonation) नहीं करना चावहए। राजनीवतक दलों को विशेष रूि से िीि फे क ऑवियो/ िीवियो को प्रकावशत और प्रसाररत करने से िरहेज करने का वनदेश क्रदया र्गया था। इन क्रदशा-वनदेशों में राजनीवतक दलों की कु छ अन्य वजम्मेदाररयां भी तय की र्गई थीं: o राजनीवतक दलों को चुनािों की अवधसूचना जारी होने के तीन घंटे के भीतर फजी या भ्रामक कं टेंट को हटाना होर्गा और वजम्मेदार सदस्यों को चेतािनी देनी होर्गी। सरकारी मीविया िर राजनीवतक दलों को समय का आिंटन o संबंवधत सोशल मीविया प्लेटफॉम्स़ि िर क्रकसी भी र्गैर-कानूनी सूचना और फे क राष्ट्रीय दलों को सामूवहक रूि से दूरदश़िन के राष्ट्रीय यूजर अकाउं ट की ररिोर्टिंर्ग करनी होर्गी। चैनल िर कम-से-कम 10 घंटे और इसके िेत्रीय चैनल्स o सूचना प्रौद्योवर्गकी (मध्यिती क्रदशा-वनदेश और विवजटल मीविया आचार संवहता) िर कम-से-कम 15 घंटे का प्रसारण समय वमलता है। वनयम1, 2021 के रूल 3A में उल्लेवखत अनसुलझे मुद्दों को ‘वशकायत अिीलीय o राजनीवतक दलों को राष्ट्रीय आकाशिाणी नेटिक़ि सवमवत2’ के समि उठाना होर्गा। िर 10 घंटे का प्रसारण समय और िेत्रीय मास मीविया के बारे में आकाशिाणी स्टेशंस िर 15 घंटे का प्रसारण समय वमलता है। मास मीविया संचार के अलर्ग-अलर्ग चैनल्स को संदर्भ़ित करता है। ये चैनल्स सूचना राज्य स्तरीय दलों को सामूवहक रूि से उियुि िेत्रीय और मनोरं जन से जुडी सामग्री का प्रसार दश़िकों तक करते हैं। दूरदश़िन चैनल और आकाशिाणी रे वियो स्टेशन िर मास मीविया में शप्रंट मीविया (समाचार-ित्र, िवत्रकाएं, िुस्तकें ), इलेक्ट्ॉवनक मीविया कम-से-कम 30 घंटे का प्रसारण समय वमलता है। (रे वियो, टेलीविजन, क्रफल्में), विवजटल मीविया (इं टरनेट, सोशल मीविया) आक्रद शावमल होते हैं। इसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। लोकतंत्र के अन्य तीन स्तंभ- विधावयका या संसद, काय़ििावलका और न्यायिावलका हैं। संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(a) के तहत नार्गररकों को प्राप्त “िाक् एिं अवभव्यवि की स्ितंत्रता” के मौवलक अवधकार के तहत प्रेस को भी शावमल क्रकया र्गया है। चुनािी प्रक्रिया में मास मीविया की भूवमका चुनाि के महत्त्ि िर बल: मीविया किरे ज चुनािों के महत्त्ि की बात करता है। इसके अलािा मतदाता की िसंद, सूचना प्राप्त करने की आिश्यकता और मतदान के मौवलक अवधकार िर प्रकाश िालता है। o यह चुनािी प्रक्रिया में आमजन के विश्वास को बढािा देता है और लोकतंत्र में नार्गररकों की भार्गीदारी को प्रोत्सावहत करता है। 1 Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules 2 Grievance Appellate Committee 5 www.visionias.in ©Vision IAS चुनािी अवभयान से जुडी सूचनाओं का प्रसार: सोशल मीविया प्लेटफॉम्स़ि की मदद से चुनािी अवभयान को बडे िैमाने िर प्रचाररत-प्रसाररत क्रकया जा सकता है। राजनेता प्लेटफॉम्स़ि की मदद से कम समय में अवधक लोर्गों तक िहुंच बना सकते हैं। o मान्यता प्राप्त राजनीवतक दलों को 1998 के लोक सभा चुनािों के बाद से चुनािों के दौरान संचार के सरकारी साधनों (टेलीविजन और रे वियो) का स्ितंत्र रूि से उियोर्ग करने की अनुमवत प्राप्त है (बॉक्स देखें)। मतदाता व्यिहार को प्रभावित करना: मीविया चुनािों के प्रवत लोर्गों जार्गरूक करता है और प्रत्येक िोट एिं िोट के अवधकार के महत्त्ि िर बल देकर नार्गररकों के क्रदल में कत़िव्य की भािना िैदा करता है। उम्मीदिारों की साि़िजवनक छवि को आकार देना: मीविया में क्रकसी उम्मीदिार की जो छवि क्रदखाई जाती है उससे आम लोर्गों िर बहुत प्रभाि िडता है। समाचार-ित्र, िवत्रकाओं और टेलीविजन एिं रे वियो में प्रसाररत क्रकया र्गया उम्मीदिार का वचत्रण उसकी अच्छी या बुरी छवि बनाने में काफी वनणा़ियक भूवमका वनभाता है। प्रभािी संदशे : मास मीविया िर मौजूद राजनेताओं के िुराने िादों और संदश े से जुडे ऑवियो/ विवियो उन्हें अलर्ग-अलर्ग दश़िकों के सामने अलर्ग- अलर्ग बातें कहने से रोकते हैं। नीवतर्गत चचा़ि को सुविधाजनक बनाना: मास मीविया जनता को सरकारी कायों के बारे में सूवचत करता है, नीवतर्गत कवमयों को उजार्गर करता है और राजनेताओं को जनता की अिेिाओं से अिर्गत कराता है। इससे ित़िमान और भविष्य की नीवतयों िर दो-तरफा चचा़ि की सुविधा वमलती है। चुनाि प्रक्रिया के समि मास मीविया िारा उत्िन्न चुनौवतयां जनसंचार के साधन सकारात्मक प्रभािों के अवतररि स्ितंत्र और वनष्िि चुनािी प्रक्रिया के समि चुनौवतयां भी िैदा करते हैं। ऐसा तब देखने को वमलता है जब मीविया वनष्िि होकर काम नहीं करता है और इसकी ररिोर्टिंर्ग चयनात्मक और िििातिूण़ि होती है। इस तरह की मीविया ररिोर्टिंर्ग को मीविया र्गेटकीशिंर्ग कहा जाता है। सोशल मीविया िर सूचनाओं का प्रसार तेजी से और व्यािक रूि से हुआ है वजसके चलते चुनौवतयां और अवधक बढ र्गई हैं। सोशल मीविया िारा चुनाि प्रक्रिया के समि उत्िन्न कु छ प्रमुख चुनौवतयां इस प्रकार हैं: संप्रभुता के वलए खतरा: देश के अंदर या बाहर का कोई भी व्यवि क्रकसी विशेष दल या उम्मीदिार को वनशाना बनाने के वलए सोशल मीविया का इस्तेमाल कर सकता है। इससे लोकतांवत्रक प्रक्रिया और देश की संप्रभुता के वलए खतरा उत्िन्न होने की संभािना उत्िन्न होती है। o उदाहरण के वलए- 2016 के अमेररकी राष्ट्रिवत िद के वलए हुए चुनािों में यह आरोि लर्गाया र्गया क्रक रूस ने नतीजों में हेर-फे र करने के वलए सोशल मीविया का इस्तेमाल क्रकया था। र्गलत सूचना: सोशल मीविया र्गलत सूचना फै लाकर और सूचनाओं में हेर-फे र करके बनाए र्गए कं टेंट की फै क्ट्ी बन र्गया है। इस तरह का कं टेंट साि़िजवनक धारणा को विकर त करता है और मतदाता के व्यिहार को प्रभावित करता है। o AI-जनरेटेि िीिफे क इस समस्या को और अवधक जरटल बनाते हैं। इस तकनीक िारा उत्िन्न फे क कं टेंट की सत्यता का िता लर्गाना काफी मुवश्कल काम है, वजससे चुनाि की िवित्रता िर सिाल खडे होने लर्गते हैं। सनसनीखेज बनाना: सोशल मीविया एल्र्गोररदम्स िायरल कं टेंट को बढा-चढाकर िेश करते हैं और तथ्यात्मक नैरेरटि को दबा देते हैं एिं राजनीवतक नैरेरटि को बहुत तेजी से स्थावित करते हैं। o यूट्यब ू िर कई स्ितंत्र कं टेंट क्रिएटस़ि िारं िररक मीविया विवनयमनों को दरक्रकनार करने के वलए के िल ऑनलाइन न्यूज चैनल चला रहे हैं। ▪ िे अवधक-से-अवधक लोर्गों तक िहुंच बनाने के वलए मुद्दों को सनसनीखेज बनाते हैं और सूचनाओं में हेर -फे र करते हैं। इसके िररणामस्िरूि साि़िजवनक चचा़ि से जुडे अन्य महत्ििूण़ि मुद्दे हावशए िर चले जाते हैं। ऑनलाइन इको चेंबर: सोशल मीविया ऐसा इको चेंबर बना सकता है। इसके तहत व्यवि के िल उन दरविकोणों या विचारों के संिक़ि में आता है जो उसके खुद के दरविकोण या विचारों से मेल खाते हैं। इसके चलते व्यवि िूिा़िग्रह का वशकार हो जाता है और अिने से अलर्ग दरविकोण रखने िाले व्यवियों के विचारों का विरोध करने लर्गता है। o इस तरह का दरविकोण सामावजक विभाजन और ध्रुिीकरण में बढोतरी कर सकता है। उदाहरण के वलए- श्ीलंका में 2018 में सोशल मीविया प्लेटफॉम्स़ि खासकर फे सबुक का इस्तेमाल शहंसा को बढािा देने के वलए क्रकया र्गया था। आदश़ि आचार संवहता से समझौता: सोशल मीविया प्लेटफॉम्स़ि िर प्रभािी विवनयमन की कमी राजनीवतक दलों और उम्मीदिारों के वलए आचार संवहता को लार्गू करना मुवश्कल बनाती है। o इसके अलािा, व्हाट्सएि जैसे एवन्िप्टेि प्लेटफॉम़ि िर कं टेंट को विवनयवमत करना भी मुवश्कल या असंभि सा है। वनजता संबध ं ी शचंताएं और मतदाता की िस्तुवनष्ठ (ऑबजेवक्टि) राय के वलए खतरा: मतदाताओं का िेटा संग्रहण िर वनयंत्रण नहीं है। अक्सर सोशल मीविया िारा उनकी प्रोफाइल बनाई जाती है, वजससे उनकी फीि सामग्री प्रभावित होती है। यह संभावित रूि से उनके व्यिहार को बदल सकता है। o 2018 में, कई भारतीय राजनीवतक दलों ने कवथत तौर िर िेटा माइशनंर्ग और एनावलरटक्स वबजनेस से संबंवधत कै वम्िज एनावलरटका को काम िर रखा था। 6 www.visionias.in ©Vision IAS भारतीय चुनािों िर मास मीविया के प्रवतकू ल प्रभाि को कम करने के वलए आर्गे की राह मास मीविया को भारतीय प्रेस िररषद की सलाह मानने के वलए प्रेररत क्रकया जाना चावहए। इन सलाहों में चुनाि और उम्मीदिारों िर िस्तुवनष्ठ ररिोर्टिंर्ग करने, दुश्मनी या घरणा भडकाने िाली ररिोट्स़ि प्रकावशत नहीं करने और चुनाि आयोर्ग/ ररटर्निंर्ग अवधकाररयों या मुख्य वनिा़िचन अवधकारी के वनदेशों का सख्ती से िालन करने का आह्िान क्रकया र्गया है। इसके अलािा, चुनाि के दौरान मास मीविया के दुरुियोर्ग िर रोक लर्गाने के वलए वनम्नवलवखत कदम भी उठाए जाने चावहए: स्िैवच्छक आचार संवहता का प्रभािी काया़िन्ियन: आम चुनािों के वलए स्िैवच्छक आचार संवहता का कडाई से िालन करना चावहए। इस कदम का उद्देश्य चुनािों के दौरान सोशल मीविया प्लेटफामों िर वजम्मेदारीिूण़ि व्यिहार को बढािा देना है। बेहतर सोशल मीविया वनर्गरानी: सोशल मीविया की वनर्गरानी में शावमल वहतधारकों के बीच सहयोर्ग और सूचना साझाकरण को बढाया जाना चावहए। o नार्गररक समाज समूहों और इं टरनेट प्लेटफॉम्स़ि के बीच संबंधों को मजबूत करना चावहए, ताक्रक समय िर शचंताओं को उठाया जा सके और प्लेटफॉम्स़ि िारा वनष्कषों िर विचार क्रकया जा सके । अंतरा़िष्ट्रीय सहयोर्ग को बढािा देना: िैवश्वक स्तर िर सिोिम काय़ि प्रणावलयों की तुलना करने और चुनािों के बाद सीखे र्गए सबक और प्राप्त अंतदरव़ि ि को साझा करने के वलए नेटिक़ि को बढािा देना चावहए। o चुनािों िर सोशल मीविया के प्रवतकू ल प्रभाि को कम करने के वलए प्रभािी रणनीवत विकवसत करने हेतु अन्य देशों के साथ सहयोर्ग करना चावहए। िेटा सुरिा फ्रेमिक़ि को मजबूत करना: िेटा उियोर्ग के विवभन्न स्तरों के अनुकूल होने के वलए, िेटा सुरिा फ्रेमिक़ि को बेहतर बनाना चावहए, क्योंक्रक भारत की मतदान प्रक्रिया िेटा उियोर्ग के मामले में अवधक आधुवनक हो र्गई है। o यह सुवनवश्चत करना होर्गा क्रक मतदाताओं का िेटा सुरवित है और चुनािी प्रक्रिया की सुवचता को बनाए रखने के वलए इसका वजम्मेदारी से उियोर्ग क्रकया जाता है। चुनािों में सोशल मीविया की भूवमका सोशल मीविया संचार के प्रसार िेत्र और र्गवत के मामले में िारं िररक मास मीविया से अलर्ग है। सोशल मीविया की मदद से िैवश्वक दश़िकों तक तुरंत संदश े भेजा जा सकता है। इस प्रकार सोशल मीविया ने राजनीवत में बडा बदलाि ला क्रदया है। सोशल मीविया के वलए मौजूदा विवनयामक फ्रेमिक़ि “सूचना प्रौद्योवर्गकी अवधवनयम, 2000” सोशल मीविया सवहत इलेक्ट्ॉवनक संचार के सभी िेत्रों को वनयंवत्रत करता है। सोशल मीविया और अन्य मध्यस्थों की जिाबदेही सुवनवश्चत करने के वलए सूचना प्रौद्योवर्गकी (मध्यिती क्रदशा-वनदेश और विवजटल मीविया आचार संवहता) विवनयम3, 2021 बनाए र्गए हैं। 1.2. इं ट रने ट शटिाउन (Internet Shutdowns) सुर्ख़ियों में क्यों? एक्सेस नाउ की एक ररिोट़ि के अनुसार, 2023 में भारत में 116 बार इं टरनेट शटिाउन की घटना दज़ि की र्गई, जो लर्गातार छठे साल दुवनया में सबसे अवधक है। 3 Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Regulations 7 www.visionias.in ©Vision IAS इं टरनेट शटिाउन के बारे में इं टरनेट शटिाउन क्रकसी विवशि आबादी, स्थान या इं टरनेट एक्सेस के प्रकार के वलए इं टरनेट सेिाओं में जानबूझकर क्रकया र्गया व्यिधान/ रोक है। इसका मतलब है क्रक प्रभावित लोर्ग िेबसाइटों तक नहीं िहुंच सकते, सोशल मीविया का इस्तेमाल नहीं कर सकते, ऑनलाइन संदशे नहीं भेज सकते या प्राप्त नहीं कर सकते और ऑनलाइन सेिाओं का उियोर्ग नहीं कर सकते। o 2023 में, िैवश्वक स्तर िर इं टरनेट शटिाउन की संख्या 41% बढकर 283 हो र्गई। ज्ञातव्य है क्रक 2022 में इं टरनेट शटिाउन की संख्या 201 थी। इं टरनेट शटिाउन के वलए प्रािधान ित़िमान में इसे इं टरनेट शटिाउन सवहत दूरसंचार सेिाओं का वनलंबन “भारतीय टेलीग्राफ अवधवनयम4, 1885” के तहत अवधसूवचत दूरसंचार सेिाओं के अस्थायी वनलंबन (साि़िजवनक आिातकाल या साि़िजवनक सुरिा) वनयम5, 2017 िारा शावसत क्रकया जाता है। o ये वनयम एक िेत्र में िवबलक इमरजेंसी के आधार िर एक बार में 15 क्रदनों तक दूरसंचार सेिाओं को अस्थायी रूि से बंद करने की अनुमवत देते हैं। o 1885 का अवधवनयम कें द्र सरकार को इं टरनेट सेिाओं सवहत अलर्ग-अलर्ग प्रकार के दूरसंचार सेिाओं को विवनयवमत करने और उनके वलए लाइसेंस देने का अवधकार देता है। दूरसंचार सेिाओं के अस्थायी वनलंबन के आदेश के िल संघ/ राज्य र्गरह सवचि िारा जारी क्रकए जा सकते हैं। o 2017 के वनयमों के तहत, कें द्रीय स्तर िर कै वबनेट सवचि और राज्य स्तर िर मुख्य सवचि की अध्यिता िाली तीन सदस्यीय समीिा सवमवत िमशः कें द्र सरकार और राज्य सरकार िारा दूरसंचार/ इं टरनेट बंद करने के आदेशों की समीिा करती है। अनुराधा भसीन बनाम भारत संघ एिं अन्य िाद (2020) में सुप्रीम कोट़ि का वनण़िय सुप्रीम कोट़ि ने 2020 के फै सले में आदेश क्रदया क्रक इं टरनेट िर “िाक् एिं अवभव्यवि की स्ितंत्रता” भी संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) का एक अवभन्न अंर्ग है। इसवलए, इस स्ितंत्रता िर कोई भी प्रवतबंध संविधान के अनुच्छेद 19(2) के प्रािधानों से मेल खाना चावहए। इं टरनेट शटिाउन के संबध ं में न्यायालय ने वनम्नवलवखत वनदेश जारी क्रकए थे: o 2017 के वनयमों के तहत इं टरनेट सेिाओं को अवनवश्चत काल के वलए वनलंवबत नहीं क्रकया जा सकता है। इं टरनेट सेिाओं का वनलंबन के िल अल्िकावलक अिवध के वलए क्रकया जा सकता है। o वनलंबन वनयमों के तहत इं टरनेट सेिाओं को वनलंवबत करने िाला कोई भी आदेश आनुिावतकता के वसद्धांत 6 के अनुरूि होना चावहए और वनलंबन की अिवध को जरूरत से ज्यादा नहीं बढाया जाना चावहए। o वनलंबन वनयमों के तहत इं टरनेट सेिाओं को वनलंवबत करने िाला कोई भी आदेश न्यावयक समीिा के अधीन है। 4 Indian Telegraph Act 5 Temporary Suspension of Telecom Services (Public Emergency or Public Safety) Rules 6 Principle of proportionality 8 www.visionias.in ©Vision IAS इं टरनेट शटिाउन का प्रभाि आर्थ़िक नुकसान: भारत में इंटरनेट शटिाउन के कारण जनिरी से जून, 2023 के बीच विदेशी वनिेश के मामले में 118 वमवलयन िॉलर का नुकसान हुआ था। o इसके अलािा, एक क्रदन के शटिाउन के िररणामस्िरूि 379 लोर्ग बेरोजर्गार हो सकते हैं। मौवलक अवधकारों का उल्लंघन: इंटरनेट शटिाउन सूचना तक िहुंच को बावधत करता है। यह विवजटल स्ितंत्रता और मौवलक मानिावधकारों जैसे- िाक् एिं अवभव्यवि की स्ितंत्रता और सूचना तक िहुंच को सीवमत करता है। असमानता: इं टरनेट शटिाउन िंवचत समुदायों को असंर्गत तरीके से प्रभावित करता है। इसके चलते िंवचत समुदायों की राजस्ि के नए स्रोतों और अिसरों तक िहुंच में बाधा उत्िन्न होती है। यह मौजूदा आर्थ़िक असमानताओं को बढाता है और न्यायसंर्गत विवजटलीकरण की क्रदशा में क्रकए र्गए प्रयासों को कमजोर करता है। आिदा प्रबंधन: इंटरनेट शटिाउन के कारण संचार के अिरुद्ध होने से अली िार्निंर्ग जारी करने और बचाि या राहत से जुडी सूचना के प्रसार में बाधा िैदा होती है। इसके चलते आिदा जवनत प्रभािों में और भी अवधक बढोतरी हो जाती है। o ित़िमान में म्यांमार में इं टरनेट शटिाउन की वस्थवत है। इसने चििात मोचा (मई 2023) के प्रभािों को और भी र्गंभीर बना क्रदया था। वशिा और स्िास्थ्य सेिा: शटिाउन ऑनलाइन सेिाओं, जैस-े एजुकेशन प्लेटफॉम्स़ि, स्िास्थ्य सेिा जानकारी आक्रद तक िहुंच बनाने में रुकािट िालता है। विरोध और शहंसा: इं टरनेट शटिाउन लोर्गों को बाकी दुवनया से अलर्ग कर देता है, वजससे मन में संदह े की भािना और वनराशा िैदा होती है। इसके चलते शहंसक हडताल या विरोध प्रदश़िन की घटनाएं घरटत हो सकती हैं। मानिावधकारों का हनन: इं टरनेट शटिाउन जिाबदेवहता को सीवमत करता है। ऐसा खासकर िहां देखने को वमलता है जहां हमलािर अिने िारा क्रकए र्गए अिराधों, जैस-े हत्या, आर्गजनी, शलंर्ग आधाररत शहंसा आक्रद को वछिाने के वलए जानबूझकर व्यिधान िैदा करते हैं। आर्गे की राह संचार और सूचना प्रौद्योवर्गकी िर संसदीय स्थायी सवमवत की वसफाररशों िर एक नजर: o सवमवत ने ‘िवबलक इमरजेंसी’ और ‘साि़िजवनक सुरिा’ से जुडे मािदंिों को संवहताबद्ध ि स्िि रूि से िररभावषत करने की वसफाररश की है। ▪ ज्ञातव्य है क्रक िवबलक इमरजेंसी और साि़िजवनक सुरिा को 1885 के अवधवनयम या 2017 के वनयमों में िररभावषत नहीं क्रकया र्गया है। o इं टरनेट शटिाउन के औवचत्य का मूल्यांकन करने के वलए एक तंत्र स्थावित करना चावहए। o र्गरह मंत्रालय के साथ वमलकर दूरसंचार विभार्ग को इं टरनेट शटिाउन को हटाने के वलए स्िि वनयम बनाने चावहए। ऐसा करके शटिाउन की अिवध तय की जा सकती है। o दूरसंचार विभार्ग (DoT) को जनता को कम-से-कम असुविधा िहुुँचाने और र्गलत सूचनाओं िर अंकुश लर्गाने हेतु समग्र रूि से इं टरनेट िर प्रवतबंध लर्गाने के बजाय ओिर-द-टॉि (OTT) सेिाओं के उियोर्ग िर चयवनत रूि से प्रवतबंध लर्गाने के वलए एक नीवत बनानी चावहए। o दूरसंचार विभार्ग और र्गरह मंत्रालय को इं टरनेट शटिाउन के प्रभािों एिं साि़िजवनक सुरिा तथा िवबलक इमरजेंसी से वनिटने में इसकी प्रभािशीलता िर एक अध्ययन करना चावहए। सरकार को इं टरनेट यूजस़ि को स्िि रूि से इं टरनेट िर क्रकसी भी तरह की रोक, प्रवतबंध या सेिा में बदलाि करने से िहले बताना चावहए तथा शटिाउन की वस्थवत और अिवध के बारे में वनयवमत रूि से अििेट देना चावहए। 1.3. अन्य विछडा िर्गों (OBCs) की सू ची {Other Backward Classes (OBCs) List} सुर्ख़ियों में क्यों? राष्ट्रीय विछडा िर्ग़ि आयोर्ग (NCBC)7 102िें संविधान संशोधन अवधवनयम के तहत प्रदि शवियों का प्रयोर्ग करते हुए OBCs की राज्य सूची की समीिा कर रहा है। 7 National Commission for Backward Classes 9 www.visionias.in ©Vision IAS अन्य संबवं धत तथ्य NCBC के अनुसार, कना़िटक और िवश्चम बंर्गाल जैसे राज्यों की OBC सूवचयों में ऐसे समुदायों की उिवस्थवत देखी र्गई है, जो OBC सूची में शावमल क्रकए जाने के िात्र नहीं हैं। इसके अलािा, आयोर्ग ने कें द्रीय OBC सूची में विवभन्न जावतयों/ समुदायों को शावमल करने के िवश्चम बंर्गाल के अनुरोध को खाररज कर क्रदया है। साथ ही, आयोर्ग ने राज्य से िह ररिोट़ि भी मांर्गी है वजसमें कु छ जावतयों/ समुदायों को विछडा बताकर कें द्रीय OBC सूची में शावमल करने की मांर्ग की र्गई थी। NCBC के रल, ओविशा, वबहार, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में OBC सूवचयों की समीिा करने की भी योजना बना रहा है। इस कदम का उद्देश्य आरिण की 50 प्रवतशत की ऊिरी सीमा के भीतर OBC आरिण सुवनवश्चत करना है। OBCs और OBCs की सूची के बारे में िररभाषा: भारतीय संविधान में OBC की कोई मानक िररभाषा नहीं है। सामावजक और शैिवणक रूि से विछडे िर्गों (SEBCs)8 को सामान्यतः अन्य विछडा िर्ग़ि (OBCs) के रूि में जाना जाता है। OBCs की सूची: ित़िमान में, प्रत्येक राज्य के वलए OBCs की दो सूवचयां होती हैं। एक सूची कें द्रीय स्तर की होती है वजसका वनमा़िण कें द्र सरकार िारा संचावलत योजनाओं का लाभ उठाने के वलए क्रकया जाता है। दूसरी सूची राज्य स्तर की होती है वजसका वनमा़िण राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने के वलए क्रकया जाता है। o कें द्रीय सूची: संविधान का अनुच्छेद 342A (1) राष्ट्रिवत को (राज्य के राज्यिाल के िरामश़ि से) क्रकसी विशेष राज्य या कें द्र शावसत प्रदेश के संबंध में OBC की कें द्रीय सूची वनर्द़िि करने के वलए अवधकर त करता है। ▪ OBC की कें द्रीय सूची में कोई भी संशोधन के िल संसद िारा ही क्रकया जा सकता है। o राज्य सूची: अनुच्छेद 342A (3) प्रत्येक राज्य या कें द्र शावसत प्रदेश को अिने उद्देश्यों के वलए SEBC प्रविवियों की एक सूची तैयार करने और उसमें बदलाि करने का अवधकार देता है। यह सूची कें द्रीय सूची से अलर्ग हो सकती है। OBCs के वलए आरिण: संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में शैिवणक संस्थानों में प्रिेश और लोक वनयोजन (यानी सरकारी नौकरी आक्रद) में OBC के वलए आरिण का प्रािधान क्रकया र्गया है। o 1990 में, मंिल आयोर्ग की वसफाररशों को मानते हुए भारत सरकार ने कें द्रीय शैिवणक संस्थानों और कें द्र सरकार की सेिाओं में OBCs के वलए 27 प्रवतशत आरिण का प्रािधान लार्गू क्रकया था। o 1992 में, इं द्रा साहनी बनाम भारत संघ िाद में सुप्रीम कोट़ि ने OBC के वलए आरिण को बरकरार रखा था। हालांक्रक शीष़ि न्यायालय ने “िीमी लेयर” की अिधारणा देते हुए इस श्ेणी में आने िाले आर्थ़िक रूि से सशि लोर्गों को आरिण का लाभ प्रदान करने से िंवचत कर क्रदया। ▪ िीमी लेयर का उियोर्ग OBC के उन सदस्यों का िण़िन करने के वलए क्रकया जाता है जो आर्थ़िक रूि से अग्रणी हैं। इसका वनधा़िरण िररिार की आय और माता-विता के िद के आधार िर क्रकया जाता है। OBCs की उन्नवत के वलए र्गरठत आयोर्ग अनुच्छेद 340 के तहत, राष्ट्रिवत सामावजक और आर्थ़िक रूि से विछडे िर्गों की वस्थवतयों की जांच के वलए आयोर्ग की वनयुवि कर सकता है। साथ ही, राष्ट्रिवत उनकी वस्थवत में सुधार लाने तथा क्रकसी भी समस्या को दूर करने के वलए राज्य िारा उठाए जाने िाले कदमों की वसफाररश कर सकता है। सरकार ने OBC की वस्थवतयों की जांच के वलए 1953 में कालेलकर आयोर्ग और 1979 में मंिल आयोर्ग का र्गठन क्रकया था। o ज्ञातव्य है क्रक कालेलकर आयोर्ग की वसफाररशों को कभी लार्गू नहीं क्रकया र्गया। 2017 में राष्ट्रिवत ने OBCs जावत समूहों के उि-िर्गीकरण की जांच करने के वलए न्यायमूर्त़ि जी. रोवहणी की अध्यिता में रोवहणी आयोर्ग का र्गठन क्रकया था। इसका उद्देश्य भारत में OBC के बीच आरिण लाभों का अवधक न्यायसंर्गत वितरण सुवनवश्चत करना है। o आयोर्ग ने 2023 में अिनी ररिोट़ि प्रस्तुत की। हालांक्रक, इसे अभी तक लार्गू नहीं क्रकया र्गया है। 8 Socially and Educationally backward Classes 10 www.visionias.in ©Vision IAS राष्ट्रीय विछडा िर्ग़ि आयोर्ग (NCBC) के बारे में संिध ै ावनक वनकाय: NCBC को अनुच्छेद 338B के तहत संिध ै ावनक दजा़ि क्रदया र्गया है। यह अनुच्छेद 2018 में 102िें संविधान संशोधन अवधवनयम के माध्यम से संविधान में सवम्मवलत क्रकया र्गया था। o अनुच्छेद 338B संघ और प्रत्येक राज्य सरकार के वलए OBC के अवधकारों को प्रभावित करने िाले सभी प्रमुख नीवतर्गत मामलों िर NCBC से िरामश़ि करने का प्रािधान करता है। संरचना: आयोर्ग में एक अध्यि, एक उिाध्यि और तीन अन्य सदस्य (राष्ट्रिवत िारा वनयुि) शावमल होते हैं। उनकी सेिा शतें भी राष्ट्रिवत िारा वनधा़िररत की जाती हैं। शवियां: आयोर्ग के िास वसविल न्यायालय की सभी शवियां हैं। 1.4. सं विप्त सु र्ख़ि यां (News in Shorts) 1.4.1. सं विधान का अनु च्छे द 39(b) और वनजी ▪ अनुच्छेद 39(c) के अनुसार "राज्य अिनी नीवत का सं ि वियां {Article 39(B) of the विशेष रूि से इस प्रकार संचालन करे र्गा क्रक सुवनवश्चत Constitution and Private Properties} रूि से आर्थ़िक व्यिस्था इस प्रकार चले, वजससे धन और उत्िादन के साधनों का सि़िसाधारण के वलए अवहतकारी सुप्रीम कोट़ि में इस मामले िर सुनिाई चल रही है क्रक “क्या वनजी संकेंद्रण न हो।” संिवियों को संविधान के अनुच्छेद 39(b) के तहत समुदाय का o वमनिा़ि वमल्स मामले (1980) में, सुप्रीम कोट़ि ने न्यावयक भौवतक संसाधन माना जा सकता है?” िुनर्ि़िलोकन (समीिा) की शवि को सीवमत करने िाले 42िें राज्य की नीवत के वनदेशक तत्िों (DPSP) के तहत अनुच्छेद संविधान संशोधन के दो प्रािधानों को असंिध ै ावनक घोवषत कर क्रदया था। ये दो प्रािधान थे: 39(b) में कहा र्गया है क्रक "राज्य अिनी नीवत का विशेष रूि से ▪ संविधान में क्रकए र्गए क्रकसी भी संशोधन को क्रकसी भी इस प्रकार संचालन करे र्गा क्रक सुवनवश्चत रूि से समुदाय के भौवतक न्यायालय में क्रकसी भी आधार िर प्रश्नर्गत नहीं क्रकया जा संसाधनों का स्िावमत्ि और वनयंत्रण इस प्रकार से बंटा हो, वजससे सकता है। सामूवहक वहत की सिोिम रूि से िूर्त़ि हो।” ▪ राज्य की नीवत के वनदेशक तत्िों को व्यवियों के मौवलक अवधकारों की तुलना में प्राथवमकता दी जाएर्गी। सुप्रीम कोट़ि वमनिा़ि वमल्स मामले में अिने िूि़ि के वनण़िय के मद्देनजर संविधान के अनुच्छेद 31C की विवधक शुवचता (legal 1.4.2. अनु च्छे द 329(b) {Article 329(B)} sanctity) िर भी विचार करे र्गा। हाल ही में, वनिा़िचन आयोर्ग ने एक मामले में सुप्रीम कोट़ि में o र्गौरतलब है क्रक संविधान का अनुच्छेद 31C, संसद िारा संविधान के अनुच्छेद 329(b) का उियोर्ग क्रकया है। आयोर्ग ने मतदान प्रक्रिया में न्यावयक हस्तिेि को रोकने के वलए इस अनुच्छेद 39(b) और 39(c) के तहत बनाए र्गए कानून/ अनुच्छेद का सहारा वलया है। कानूनों को सुरिा प्रदान करता है। अनुच्छेद 39(b) और अनुच्छेद 329(b) 39(c) राज्य को लोक वहत की िूती के वलए वनजी संिवियों o संसद के प्रत्येक सदन या क्रकसी राज्य के विधान-मंिल के सवहत समुदाय के भौवतक संसाधनों को अिने वनयंत्रण में लेने क्रकसी सदन के वलए कोई वनिा़िचन ऐसी वनिा़िचन अजी िर का अवधकार देते हैं। ही प्रश्नर्गत क्रकया जाएर्गा, वजसे ऐसे प्रावधकारी के समि ऐसे 11 www.visionias.in ©Vision IAS तरीके से प्रस्तुत की र्गई है, वजसका समुवचत विधावयका o इसके दूसरे भार्ग में वनम्नवलवखत के बारे में जानकारी होती है: िारा बनाई र्गई विवध या उसके अधीन उिबंध क्रकया र्गया ▪ प्रत्याशी का नाम; तथा हो। ▪ प्रत्यावशयों को प्राप्त कु ल मत। o भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 से लेकर 329 (भार्ग 1.4.4. साइलें स िीररयि (Silent Period) XV) में विशेष रूि से वनिा़िचन से संबंवधत प्रािधान है। िोन्नुस्िामी वनण़िय बनाम ररटर्निंर्ग ऑक्रफसर, नमक्कल वनिा़िचन िेत्र लोक सभा चुनाि के तहत राज्यों में क्रकसी चरण में मतदान क्रदिस के 48 घंटे िहले साइलेंस िीररयि लार्गू क्रकया जाता है। और अन्य िाद 1952 में सुप्रीम कोट़ि ने कहा था क्रक भारत के साइलेंस िीररयि िास्ति में मतदान के क्रदन से कु छ समय िहले वनिा़िचन आयोर्ग िारा अवधसूवचत क्रकए जाने के बाद कोट़ि चुनाि प्रचार िर प्रवतबंध है। वनिा़िचन प्रक्रिया में हस्तिेि नहीं कर सकता। साइलेंस िीररयि मतदान के क्रदन से 48 घंटे िहले शुरू होता है इसके अलािा, लोक प्रवतवनवधत्ि अवधवनयम (1951) की धारा और मतदान समाप्त होने के बाद खत्म होता है। 80 के अनुसार, चुनाि यावचका दायर क्रकए वबना क्रकसी भी चुनाि o िैसे लोक प्रवतवनवधत्ि अवधवनयम, 1951 में साइलेंस की िैधता को चुनौती या उस िर सिाल नहीं उठाया जा सकता है। o चुनाि यावचकाएं संबंवधत राज्य के उच्च न्यायालय में दायर िीररयि िद का उल्लेख नहीं क्रकया र्गया है। की जाती हैं। ऐसी यावचकाओं िर उच्च न्यायालयों का मूल साइलेंस िीररयि के दौरान लोक प्रवतवनवधत्ि अवधवनयम, 1951 िेत्रावधकार होता है। के तहत कु छ प्रवतबंध वनम्नवलवखत हैं: o इनसे जुडी अिीलें भारत के सिोच्च न्यायालय में दायर की o धारा 126(1) टेलीविजन या इसी तरह के अन्य वििाइस का जाती हैं। o चुनाि यावचका क्रकसी भी उम्मीदिार या चुनाि से संबवं धत उियोर्ग करके क्रकसी भी प्रकार के चुनाि प्रचार, या क्रकसी भी क्रकसी वनिा़िचक िारा व्यविर्गत रूि से दायर की जा सकती मनोरं जन काय़ििम (जैसे संर्गीत काय़ििम) के माध्यम से चुनाि है। प्रचार-प्रसार िर रोक लर्गाती है। ▪ वनिा़िचक का अथ़ि उस व्यवि से है जो उस चुनाि में o धारा 126A एवग्जट िोल आयोवजत करने और शप्रंट या मतदान करने का हकदार था वजससे चुनाि यावचका इलेक्ट्ॉवनक मीविया का उियोर्ग करके एवग्जट िोल के संबंवधत है। िररणाम प्रकावशत करने िर रोक लर्गाती है। o धारा 126(1)(b) इलेक्ट्ॉवनक मीविया में चुनाि से संबंवधत 1.4.3. फॉम़ि 17C (Form 17C) कोई भी ओविवनयन िोल प्रदर्श़ित करने िर रोक लर्गाती है। वनिा़िचन आयोर्ग ने सुप्रीम कोट़ि के समि यह स्ििीकरण क्रदया है 1.4.5. विश्व प्रे स स्ितं त्र ता सू च कां क (WPFI) 2024 क्रक वनिा़िचन वनयम फॉम़ि 17C के िेटा को मतदान अवधकाररयों के {World Press Freedom Index (WPFI) अलािा क्रकसी अन्य संस्था के साथ साझा करने की अनुमवत नहीं 2024} देते हैं। िार्ष़िक WPFI 2024 में 180 देशों में भारत 159िें स्थान िर फॉम़ि 17C के बारे में: रहा। o फॉम़ि 17C वनिा़िचन संचालन वनयम, 1961 के तहत वनदेशों o यह सूचकांक िेररस वस्थत ररिोट़िस़ि विदाउट बॉि़िस़ि (RSF) के साथ संबद्ध है। िारा जारी क्रकया जाता है। o इसका प्रथम भार्ग वनम्नवलवखत के बारे में जानकारी प्रदान ▪ यह संर्गठन सूचना की स्ितंत्रता की रिा और प्रसार में करता है- दुवनया के अग्रणी र्गैर-सरकारी संर्गठनों में शावमल है। ▪ एक मतदान कें द्र के वलए वनधा़िररत िात्र मतदाताओं की o यह सूचकांक विश्व प्रेस स्ितंत्रता क्रदिस (3 मई) िर प्रकावशत जानकारी; क्रकया जाता है। ▪ मतदाताओं के रवजस्टर में वनिा़िचकों की संख्या के बारे o इस िष़ि विश्व प्रेस स्ितंत्रता क्रदिस की थीम है "प्लैनटे के वलए में जानकारी; प्रेस: िया़ििरणीय संकट के समय ित्रकाररता"। ▪ ऐसे मतदाताओं के बारे में जानकारी, वजन्होंने अिने WPFI 2024 के बारे में: मतदान अवधकार का उियोर्ग न करने का वनण़िय वलया है; o शीष़ि रैं क िाले तीन देश हैं: नॉिे, िेनमाक़ि और स्िीिन। ▪ ऐसे मतदाताओं के बारे में जानकारी, वजन्हें मत देने की o सूचकांक की रैं ककं र्ग 5 संकेतकों िर आधाररत है। ये संकेतक हैं- अनुमवत नहीं दी र्गई है आक्रद। राजनीवतक, आर्थ़िक, विधायी, सामावजक और सुरिा। 12 www.visionias.in ©Vision IAS 1.4.6. विश्वविद्यालय अनु दान आयोर्ग (UGC) ▪ राज्य के कानून और कें द्र के कानून के बीच टकराि की वस्थवत में, संविधान के अनुच्छेद 254 में उवल्लवखत विवनयम, 2018 (UGC Regulation 2018) वनयम/ विरोधाभासी प्रािधानों के वसद्धांत को लार्गू हाल ही में, राज्य विश्वविद्यालयों में कु लिवत की वनयुवि को लेकर करके कें द्र के कानून को प्राथवमकता दी जाएर्गी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोर्ग (UGC)9 विवनयमन, 2018 और o संविधान के अनुच्छेद 254(2) के तहत, अर्गर समिती सूची राज्य के कानून के बीच टकराि की वस्थवत देखी र्गई। में शावमल क्रकसी विषय िर राज्य सरकार का कानून कें द्र UGC विवनयमन, 2018: इसमें विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सरकार के कानून से विरोधाभासी है, तो राज्य सरकार उस लेक्चरर एिं अन्य शैिवणक कम़िचाररयों की वनयुवि के वलए कानून को बना सकती है, लेक्रकन, यह कानून उस राज्य में न्यूनतम योग्यता िर UGC विवनयमन तथा उच्चतर वशिा में तभी लार्गू हो सकता है, जब उसे राष्ट्रिवत की मंजूरी वमल मानकों के रखरखाि के वलए उिाय (2018) शावमल हैं। जाए। o विश्वविद्यालय अनुदान आयोर्ग अवधवनयम, 1956 के तहत o इसवलए, UGC विवनयमों के प्रािधानों के वििरीत कु लिवत अवधकार प्राप्त UGC ने इस विवनयमन को लार्गू क्रकया है। के रूि में की र्गई कोई भी वनयुवि िैधावनक प्रािधानों का o ये विवनयमन वनम्नवलवखत िर लार्गू है: उल्लंघन कही जा सकती है। ▪ कें द्रीय, प्रांतीय या राज्य अवधवनयमों के तहत स्थावित 1.4.7. राजनवयक िासिोट़ि (Diplomatic क्रकए र्गए सभी विश्वविद्यालय। Passport) ▪ संबंवधत विश्वविद्यालय के िरामश़ि के साथ UGC िारा संबद्ध या मान्यता प्राप्त सभी कॉलेज और संस्थान। हाल ही में, संसद का एक सदस्य यौन उत्िीडन के आरोिों के बाद ▪ UGC िारा िीम्ि-टू-बी-यूवनिर्स़िटी माने जाने िाले राजनवयक िासिोट़ि का दुरूियोर्ग कर िर जम़िनी भार्ग र्गया। सभी संस्थान। राजनवयक िासिोट़ि के बारे में o विश्वविद्यालयों के कु लिवत का चयन: िात्रता: यह िासिोट़ि भारत सरकार िारा अवधकर त या नावमत ▪ एक खोज-सह-चयन सवमवत10 एक िैनल तैयार करे र्गी, व्यवियों को जारी क्रकया जाता है। इन व्यवियों में शावमल हो वजसमें 3-5 उियुि उम्मीदिारों का चयन क्रकया सकते हैं: जाएर्गा। o िे जो विदेश में रह रहे हैं और वजन्हें राजनवयक दजा़ि क्रदया ▪ खोज-सह-चयन सवमवत का एक सदस्य UGC के र्गया है; या चेयरमैन िारा नावमत क्रकया जाएर्गा, जो राज्य, वनजी o िे सरकारी अवधकारी जो राजनवयक कायों के वलए या आवधकाररक उद्देश्यों के वलए विदेश जा रहे हैं। और िीम्ि विश्वविद्यालयों के कु लिवतयों का चयन करे र्गा। ▪ देता है। o वनयुि क्रकए जाने िाले कु लिवत को एक प्रवतवष्ठत वशिाविद भारतीय िासिोट़ि के बारे में होना चावहए, वजसके िास वनम्नवलवखत योग्यता या अनुभि संविधान की 7िीं अनुसच ू ी में संघ सूची के तहत िासिोट़ि और होना चावहए: िीजा का उल्लेख क्रकया र्गया है। ▪ विश्वविद्यालय में प्रोफे सर ?

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