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स्नातकोत्तर हिन्दी स्नातकोत्तर हिन्दी पाठ्यक्रम (नई हिक्षा नीहत 2020 के अनरू ु प) हिन्दी तथा आधुहनक भारतीय भाषा हिभाग मिात्मा गाधां ी कािी हिद्यापीठ...

स्नातकोत्तर हिन्दी स्नातकोत्तर हिन्दी पाठ्यक्रम (नई हिक्षा नीहत 2020 के अनरू ु प) हिन्दी तथा आधुहनक भारतीय भाषा हिभाग मिात्मा गाधां ी कािी हिद्यापीठ 1 स्नातकोत्तर हिन्दी पररकल्पना एिां पाठ्यक्रम लक्ष्य हिन्दी भाषा, साहित्य और हिमिश के क्षेत्र में पारांपररक और नए हक्षहतजों का अन्िेषण, पररिीलन एिां प्रहिक्षण पाठ्यक्रम का उद्देश्य िै। प्राथहमक कक्षाओ ां से उच्च कक्षाओ ां तक राज्य, राष्ट्र एिां अांतर राष्ट्रीय स्तर तक हिन्दी अध्ययन-अध्यापन िेतु प्रहिहक्षत यिु ाओ/ां यिु हतयों के रोजगारपरक लक्ष्यों को समहपशत पाठ्यक्रम की बिुहिध सांभािनाएँ िैं। इसी तरि जनसांचार के हिहिध क्षेत्रों जैसे-हप्रन्ट मीहिया, दृश्य मीहिया, धारािाहिक एिां पटकथा लेखन के हिहिध क्षेत्रों में रोजगार की आिश्यकताओ ां की दृहि से भी यि पाठ्यक्रम उपयोगी िोगा। उद्देश्यों को हनम्न हबन्दओ ु ां द्वारा सरलतापिू शक समझा जा सकता िै : 1- हिन्दी साहित्य के माध्यम से गौरििाली परांपरा, सांस्कृ हत और इहतिास का अध्ययन। 2- हिन्दी भाषा और साहित्य के सौन्दयशपरक और हिचारपकर हक्षहतजों की समझ का अध्ययन। 3- हिस्तृत िोती लोक आस्थाओ,ां सास्ां कृ हतक स्मृहतयों का अध्ययन। 4- हिन्दी अध्यापन के हिहिध क्षेत्रों िेतु दक्ष और पेिेिर यिु क-युिहतयों का प्रहिक्षण। 5- हप्रन्ट और हिजअ ु ल मीहिया की रोजगारपरक आिश्यकताओ ां के हलए प्रहिक्षण। 6- रचनात्मक एिां स्िाधीन लेखन सांसार एिां पटकथा तथा हिज्ञापन लेखन िेतु दक्ष यिु ाओ-ां यिु हतयों का प्रहिक्षण। 2 स्नातकोत्तर हिन्दी स्नातकोत्तर कायशक्रम के पिले िषश में प्रिेि लेने िाले अभ्यथी स्नातक उपाहध िोने चाहिए। उच्च हिक्षा का यि चतथु श िषश किलाएगा। स्नातकोत्तर के प्रथम िषश में न्यनू तम 52 क्रेहिट अहजशत करने पर छात्र/छात्राओ ां को उत्तीणश हकया जायेगा। स्नातकोत्तर प्रथम एिां हद्वतीय दोनों िषों में न्यनू तम 52 एिां 48 क्रेहिट अहजशत करने िाले उत्तीणश हिद्याथी को मख्ु य हिषय (मेजर) में स्नातकोत्तर की उपाहध प्रदान की जायेगी। स्नातकोत्तर में एक िी मख्ु य हिषय (मेजर) िोगा। स्नातकोत्तर कायशक्रम सी0बी0सी0एस0 एिां सेमेस्टर प्रणाली में सांचाहलत िोगा। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चार सेमेस्टर में हिभक्त िै। मख्ु य हिषय (हिन्दी) के प्रत्येक सेमेस्टर में कुल पाँच प्रश्न पत्र हनधाशररत िैं। प्रत्येक प्रश्न-पत्र चार क्रेहिट का िोगा। चार प्रश्न पत्र थ्योरी आधाररत तथा एक प्रश्न-पत्र प्रायोहगक िोगा। स्नातकोत्तर कायशक्रम में िोध पररयोजना उच्च हिक्षा के चतथु श एिां पचां म िषश (स्नातकोत्तर के प्रथम एिां हद्वतीय िषश) से हिद्याथी को बृिद िोध पररयोजना करनी िोगी। िोध सबां धां ी हनदेि पाठ्यक्रम सरां चनाएां हनहदशि िै। स्नातकोत्तर प्रथम िषश (सप्तम एिां अिम सेमेस्टर) में छात्र एिां छात्राओ ां को हकसी एक सेमेस्टर में मख्ु य हिषय (हिन्दी) से इतर अन्य हिषय से सांबांहधत माइनर प्रश्न पत्र आिाररत करना िोगा। सप्तम सेमेस्टर िेतु माइनर हिषय प्रश्न पत्र ‘सोिल मीहिया और हिदां ी’ िोगा। एक क्रेहिट िेतु अहधकतम पांद्रि घांटे (कक्षा) हनधाशररत िै। 3 स्नातकोत्तर हिन्दी एम०ए प्रथम वर्ष / बी०ए० चतथ ु ष वर्ष सप्तम सेमेस्टर अंक ववभाजन मेजर (हिन्दी) प्रश्न पत्र पत्र का प्रकार क्रेहिट विवित आन्तररक मलू ्ांकन प्रथम प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 हद्वतीय प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 तृतीय प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 चतथु श प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 पांचम प्रश्न पत्र हलहखत + प्रायोहगक 4 (चार) 50 50 िोध लघि ु ोध 2 (दो) 50.... कुि ्ोग 550 एम०ए प्रथम वर्ष / बी०ए० चतुथष वर्ष अष्टम सेमेस्टर अंक ववभाजन मेजर (हिन्दी) प्रश्न पत्र पत्र का प्रकार क्रेहिट विवित आन्तररक मूल्ांकन प्रथम प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 हद्वतीय प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 तृतीय प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 चतथु श प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 पांचम प्रश्न पत्र हलहखत + प्रायोहगक 4 (चार) 50 50 िोध लघुिोध 2 (दो) 50.... कुि ्ोग 550 नोट- स्नातकोत्तर प्रथम िषष में छात्र / छात्रा को मेजर हिषय से अलग अन्य संकाय का माइनर हिषय चुनना िोगा । 4 स्नातकोत्तर हिन्दी एम०ए विती् वर्ष नवम सेमेस्टर अंक ववभाजन मेजर (हिन्दी) प्रश्न पत्र पत्र का प्रकार क्रेहिट विवित आन्तररक मलू ्ांकन प्रथम प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 हद्वतीय प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 तृतीय प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 चतथु श प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 पांचम प्रश्न पत्र हलहखत + प्रायोहगक 4 (चार) 50 50 िोध लघुिोध 2 (दो) 50.... कुि ्ोग 550 एम०ए विती् वर्ष दशम सेमेस्टर अंक ववभाजन मेजर (हिन्दी) प्रश्न पत्र पत्र का प्रकार क्रेहिट विवित आन्तररक मूल्ांकन प्रथम प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 हद्वतीय प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 तृतीय प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 चतथु श प्रश्न पत्र हलहखत 4 (चार) 75 25 पांचम प्रश्न पत्र हलहखत + प्रायोहगक 4 (चार) 50 50 िोध लघि ु ोध 2 (दो) 50.... कुि ्ोग 550 5 स्नातकोत्तर हिन्दी शोध संबंवधत वनदेश छात्र / छात्रा को स्नातकोत्तर के प्रथम एिां हद्वतीय िषश में मुख्य हिषय से सम्बांहधत बृिद िोध पररयोजना करनी िोगी । बृिद िोध पररयोजना िेतु छात्र / छात्रा को हिभाग द्वारा हनदेिक हनयक्त ु हकया जाएगा इस हनहमत्त आिश्यकतानसु ार अन्य हिषय के सि हनदेिक भी आिांहटत हकया जा सकता िै । इस बृिद िोध पररयोजना को छात्र / छात्रा द्वारा प्रत्येक सेमेस्टर (सप्तम, अिम, निम एिां दिम ) में दो क्रेहिट (चार घटां े प्रहत सप्ताि ) के अनरू ु प आिहां टत हकया जाएगा । बृिद िोध पररयोजना को चार खिां में आिांहटत करके िर खांि के हनधाशररत अध्यायों को चार सेमेस्टर में पणू श करना िोगा । छात्र / छात्रा को स्नातकोत्तर के प्रथम िषश (दोनों सेमेस्टर में हकये गए िोध कायश का सांयक्त ु प्रबांध ) में हलखा गया सयां क्त ु प्रबधां तथा हद्वतीय िषश (दोनों सेमेस्टर में हकये गए िोध कायश का सयां क्त ु प्रबधां ) में हलखा गया सांयक्त ु प्रबांध मल्ू याङ्कन िेतु प्रत्येक िषश (इिेन सेमेस्टर) के अांत में जमा करना अहनिायश िोगा । छात्र / छात्रा द्वारा स्नातकोत्तर प्रथम एिां हद्वतीय िषश में जमा हकये गए दोनों िोध प्रबांध का मल्ू याङ्कन प्रत्येक िषश के अांत में हनदेिक एिां हिश्वहिद्यालय द्वारा नाहमत िाह्य परीक्षक द्वारा सांयक्त ु रूप से 100 अांकों में हकया जाएगा । िोध िेतु कुल 8 क्रेहिट आिांहटत िैं । िोध पररयोजना के िाहषशक प्राप्ताांकों (100) पर ग्रेि हनधाशररत िोगा तथा इन अांकों के आधार पर सी०जी०पी०ए० की गणना की जायेगी । प्रश्न पत्र का पूर्ाांक प्रत्येक प्रश्न पत्र का पणू ाांक 100 अांक प्रस्ताहित िै । 75 अांक हलहखत परीक्षा िेतु तथा 25 अांक आंतरिक मलू ्यंकन रचनात्मक गहतहिहधयों िेतु प्रस्ताहित िै । प्रत््ेक सेमेस्टि कय पयचं वयाँ प्रश्न पत्र अर्यात् पयच ं वयाँ, दसवयाँ, पन्दहवयाँ एवं बीसवयाँ प्रश्न पत्र 100-100 अक ं कय होगय। इन प्रश्न पत्रों में 50 अंक के लिलित एवं 50 अंक की प्रय्ोलगक पिीक्षय सम्पन्न होगी। प्रय्ोलगक पिीक्षय के 50 अंक कय आवंटन 25 अंक (आन्तरिक मलू ्यंकन) हेतु तर्य 25 अंक (मौलिकी) हेतु लनर्यारित है। मौलिकी के लिए पचयस (50) अक ं की प्रय्ोलगक पिीक्षय हेतु एक आतं रिक एवं एक बयह्य पिीक्षक लन्क्त ु होंगे। 6 स्नातकोत्तर हिन्दी िषश सेमेस्टर कोसश कोि प्रश्नपत्र प्रश्नपत्र का िीषशक हलहखत/ क्रेहिट प्रायोहगक बी. ए. सप्तम PG1HIN प्रथम हिन्दी भाषा और साहित्य का हलहित 04 चतथु श 7SEM1P आरम्भ िषश PG1HIN हद्वतीय आहदकाल : इहतिास और हलहित 04 7SEM2P साहित्य PG1HIN तृतीय हिन्दी साहित्य का इहतिास हलहित 04 7SEM3P लेखन : परांपरा और दृहि PG1HIN चतथु श भारतीय एिां पाश्चात्य काव्य हलहित 04 एम. ए. प्रथम 7SEM4P िास्त्र िषश PG1HIN पांचम हिन्दी हसनेमा हलहित 04 7SEM5P और प्रायोहगक बी. ए. अिम PG2HIN प्रथम पिू श मध्यकाल (भहक्तकाल) : हलहित 04 चतथु श 8SEM1P इहतिास और साहित्य िषश PG2HIN हद्वतीय उत्तर मध्यकाल (रीहतकाल) : हलहित 04 8SEM2P इहतिास और साहित्य PG2HIN तृतीय भाषा हिज्ञान और भाषा हलहित 04 8SEM3P अध्ययन के नए क्षेत्र एम. ए. प्रथम PG2HIN चतथु श तुलनात्मक साहित्य, हलहित 04 िषश 8SEM4P अिधी लोक साहित्य, अनुिाद हिज्ञान और भोजपुरी लोक साहित्य में से हकसी एक प्रश्न पत्र का अध्ययन अहनिायष िै PG2HIN पांचम हिन्दी नाटक और रंगमंच हलहित 04 8SEM5P और प्रायोहगक नोट- बृिद िोध पररयोजना के अतां गशत सप्तम एिां अिम सेमेस्टर में सयां क्त ु रूप से हलखे गए लघु िोध को अिम सेमेस्टर में एकीकृ त कर िर छात्र / छात्र को मल्ू याांकन िेतु हिजटेिन प्रस्ततु करना अहनिायश िै, ताहक समय से परीक्षा फल घोहषत िो सके । उक्त िेतु कुल 4 क्रेहिट एिां 100 अांक हनधाशररत िैं । 7 स्नातकोत्तर हिन्दी एम. ए. निम PG3HIN9 प्रथम आधहु नक काल (गद्य काल) : हलहखत 04 हद्वतीय SEM1P इहतिास और साहित्य (भारतेंदु िषश एिां हद्विेदी यगु ) PG3HIN9 हद्वतीय आधहु नक काल : इहतिास और हलहखत 04 SEM2P साहित्य (स्िछांदतािाद, छायािाद, उत्तर छायािाद, प्रगहतिाद, प्रयोगिाद, नयी कहिता और निगीत) PG3HIN9 तृतीय आधहु नक गद्य : प्रेमचांद एिां हलहखत 04 SEM3P प्रेमचदां ोत्तर यगु (स्ितत्रां ता पिू श एिां स्िातांत्रयोत्तर गद्य) PG3HIN9 चतथु श कथेतर गद्य हिधाएां (सांस्मरण, हलहखत 04 SEM4P रे खाहचत्र, ररपोताशज, िायरी, यात्रािृत्त, गद्यकाव्य) PG3HIN9 पांचम हिन्दी पत्रकाररता एिं हलहित 04 SEM5P जनसच ं ार माध्यम और प्रायोहगक एम. ए. दिम PG4HIN1 प्रथम आधहु नक काल : इहतिास और हलहखत 04 हद्वतीय 0SEM1P साहित्य (अकहिता, हिहभन्न िषश दिकों की कहिताये ँ और उत्तर िती का काव्य) PG4HIN1 हद्वतीय हिन्दी आलोचना और हलहखत 04 0SEM2P आलोचक PG4HIN1 तृतीय भारतीय साहित्य हलहखत 04 0SEM3P PG4HIN1 चतथु श हिमर्ष आधाररत हिर्ेष हलहखत 04 0SEM4P अध्ययन (स्त्री, दहलत, आहदिासी तथा थिष जेंिर में से हकसी एक का हिर्ेष अध्ययन अहनिायष िै ।) PG4HIN1 पचां म पठकथा और हिज्ञापन लेिन हलहित 04 0SEM5P और प्रायोहगक 8 स्नातकोत्तर हिन्दी नोट--- बृिद िोध पररयोजना के निम एिां दिम सेमेस्टर में हनदेिक के हनदेिन में पणू श कर दिम सेमेस्टर की परीक्षा के पणू श िोने के एक सप्ताि के अन्दर मल्ू याङ्कन िेतु प्रस्ततु करें ताहक समय से परीक्षा फल घोहषत िो सके । उक्त िेतु कुल 4 क्रेहिट एिां 100 अांक हनधाशररत िैं । 9 स्नातकोत्तर हिन्दी PROGRAMME/CLASS: BA IV YEAR / SEMESTER: BA CERTIFICATE MA I YEAR VII / MA I Subject: Hindi COURSE CODE: PG1HIN7SEM1P COURSE TITLE: हिन्दी भाषा और साहित्य का आरम्भ पाठ्यक्रम का उद्देश्य : इस पत्र के माध्यम से हिन्दी भाषा और साहित्य के आरम्भ के हिहभन्न स्रोतों, मान्यताओ,ां रचानात्मक परर-श्य की समझ िाहसल की जाएगी। साथ िी हिहभन्न सांज्ञाओ ां के जन्म की किानी, उनके अथशसक ां ोच और अथशहिस्तार के कारकों की भी पिचान की जाएगी। अपभ्रि ां , अििट्ट, मैहथली, दहखखनी हिन्दी आहद के आरहम्भक सृजन ससां ार और भाषा हनमाशण की प्रहक्रयाओ ां का भी अध्ययन हकया जाएगा। हिन्दी क्षेत्रों की हिहभन्न भाषाओ/ां उपभाषाओ ां का अध्ययन भी इस पत्र में प्रस्ताहित िै। 1. इकाई 1 हिन्दी िब्द की व्यत्ु पहत्त सम्बन्धी मतों को जानना, हिन्दी के हिहिध रूपों की पिचान एिां उसकी हिकास यात्रा को समझना, हिन्दी क्षेत्रों की हिहिध उपभाषाओ ां की जानकारी। 2. इकाई 2 हिन्दी भाषा के हिकास को हिहभन्न साहित्येहतिास कालखांिों के आईने में परखना, खड़ी बोली के हिहभन्न रूपों को हिचारकों की दृहि से समझना। 3. इकाई 3 हिन्दी साहित्य के आरम्भ को अपभ्रांि के उत्तरिती दौर से, हसद्धों-नाथों एिां लौहकक साहित्य यात्रा के माध्यम से समझना। 4. इकाई 4 खड़ी बोली के स्िरूप को फोटश हिहलयम कॉलेज से आधहु नक काल तक समझना। CREDITS: 4 MAX MIN. PASSING MARKS: 10+30 MARKS: 25+75 Total No. of Lectures - Tutorials-Practical (in hours per week): 3-0-0 or 2-1-0 etc. Unit Topic No. of Lectures I हिन्दी भाषा I 15 10 स्नातकोत्तर हिन्दी हिन्दी िब्द का अथश, हिन्दी की अिधारणा, अपभ्रांि एिां आधहु नक भाषाएँ / उपभाषाएँ, हिन्दी के हिकास में अपभ्रांि का योगदान, हिन्दी क्षेत्र: पहश्चमी हिन्दी, पिू ी हिन्दी, राजस्थानी, पिािी, हबिारी, दहखखनी हिन्दी: क्षेत्र और हिकासक्रम, भाषा रूप: हिन्दी, हिन्दईु , हिन्दस्ु तानी, उद।शू II हिन्दी भाषा II 15 हिन्दी भाषा का हिकास: आहदकाल, मध्यकाल, आधहु नक काल, हिन्दी अहस्मता सम्बन्धी हिहभन्न मत। भारतेंदु िररश्चन्द्र, लक्षमण हसांि, राजा हििप्रसाद हसतारे हिदां , हद्वििेदी यगु एिां हिन्दी भाषा का स्िरूप। III हिन्दी साहित्य का आरभ ं I 15 उत्तर अपभ्रांि, अििट्ट एिां परु ानी हिन्दी सम्बन्धी स्थापनाएँ और हिन्दी साहित्य का आरम्भ, प्रथम कहि और प्रथम रचना, अपभ्रांि साहित्य का सांहक्षप्त पररचय, अपभ्रांि का जैन साहित्य और रचनाओ ां का िगीकरण, नाथ सम्प्रदाय और साहित्य, लौहकक साहित्य एिां उनकी हििेषताएँ। IV हिन्दी साहित्य का आरंभ II 15 फोटश हिहलयम कॉलेज और हिन्दी, हिन्दी भाषा के सन्दभश में हिहभन्न हिद्वानों/हिचारकों की मान्यताएँ: गासाश द ताांसी, हििहसांि सेंगर, हमश्रबन्ध,ु जॉजश हग्रयसशन, चन्द्रधर िमाश गल ु ेरी, मिािीर प्रसाद हद्विेदी, मिात्मा गाांधी, रामचन्द्र िखु ल, प्रेमचन्द, िजारीप्रसाद हद्विेदी। सदं भष ग्रन्थ: 1. हिन्दी साहित्य का इहतिास : रामचन्द्र िखु ल, नागरी प्रचाररणी सभा कािी। 2. हिन्दी साहित्य का इहतिास : िॉ0 लक्ष्मी सागर िाष्ट्णेय, मिामना प्रकािन महां दर, प्रयाग। 3. हिन्दी साहित्य का हििेचनात्मक इहतिास : िॉ0 राजहकिोर हत्रपाठी, प्र0 अरूण प्रकािन, कलकत्ता। 4. हिन्दी साहित्य का अतीत (भाग-1,2) : प0ां हिश्वनाथ प्रसाद हमश्र, प्र0 िाणी हितान प्रकािन, िाराणसी। 5. हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इहतिास : िॉ0 रामकुमार िमाश, प्र0 रामनारायण लाल प्रयाग। 6. हिन्दी साहित्य की भहू मका : िॉ0 िजारी प्रसाद हद्विेदी, प्र0 हबिार राष्ट्रभाषा पररषद पटना। 7. हिन्दी साहित्य का उद्भि काल : िॉ0 िासदु िे हसांि, प्र0 हिन्दी प्रचारक सांस्थान, िाराणसी। 8. आधहु नक हिन्दी साहित्य की भहू मका : िॉ0 लक्ष्मीसागर िाष्ट्णेय, प्र0 लोक भारती प्रकािन इलािाबाद। 9. आधहु नक हिन्दी साहित्य का हिकास : िॉ0 श्री कृ ष्ट्णलाल, प्र0 हिन्दी पररषद प्रयाग। 11 स्नातकोत्तर हिन्दी This course can be opted as an elective by the students of following subjects: स्नातक अथिा समकक्ष परीक्षा उत्तीणश कर चक ु े समस्त हिद्याथी इस पाठ्यक्रम का चयन कर सकते िैं। Suggested Continuous Evaluation Methods: हलहखत परीक्षा,पररयोजना कायश, दक्षता परीक्षण अध्ययन पररणाम : 1. इकाई 1 हिन्दी की अिधारणा की समझ एिां उपभाषाओ ां का ज्ञान। 2. इकाई 2 हिहभन्न साहित्येहतिाहसक कालखांिों से गुज़रकर हिन्दी भाषा की अिधारणा प्राप्त करना। 3. इकाई 3 हसद्ध,नाथ और लौहकक साहित्य के हिहभन्न भाषा और साहित्य रूप का ज्ञान। 4. इकाई 4 हिन्दी के खड़ी बोली रूप की आधहु नक काल में उपहस्थहत की समझ। Suggested Continuous Evaluation Methods: 1- कृ हत हििेष के भाहषक हिश्लेषण पर पररयोजना कायश 2- िाचन Course prerequisites: To Study this course, a student must have had the subject........... in class/12th/certificate/diploma सभी के हलए (सामान्य हिन्दी भाषा का ज्ञान अपेहक्षत) Suggested equivalent online courses:............................................................................................................................. Further Suggestions :.............................................................................................................................. 12 स्नातकोत्तर हिन्दी PROGRAMME/CLASS: BA IV YEAR / SEMESTER: BA CERTIFICATE MA I YEAR VII / MA I Subject: Hindi COURSE CODE: PG1HIN7SEM2P COURSE TITLE: आहदकाल: इहतिास और साहित्य पाठ्यक्रम का उद्देश्य : इस प्रश्न पत्र के माध्यम से आहदकालीन साहित्य की पृष्ठभहू म, हिहभन्न पररहस्थहतयाँ, भाषा रूपों का अध्ययन अपेहक्षत िै। साथ िी भहिष्ट्य के हिन्दी साहित्य और सांस्कृ हत की पीहठका की समझ का हनमाशण भी िोगा। कहतपय चयहनत अि ां ों के माध्यम से आहदकालीन रचना पररदृश्य को समझने का प्रयास िोगा। 1. इकाई 1 आहदकाल के नामकरण, काल-हनधाशरण, भाषा रूप आहद को समझना। 2. इकाई 2 आहदकाल की पृष्ठभहू म का ज्ञान प्राप्त करना। 3. इकाई 3 आहदकाल की पृष्ठभहू म को रासो, लौहकक साहित्य और अमीर खसु रो की दृहि से समझना। 4. इकाई 4 सरिपा, चांदबरदाई, हिद्यापहत, और खसु रो की कहिता के चयहनत अांिों की समझ प्राप्त करना। CREDITS: 4 MAX MIN. PASSING MARKS: 10+30 MARKS: 25+75 Total No. of Lectures - Tutorials-Practical (in hours per week): 3-0-0 or 2-1-0 etc. Unit Topic No. of Lectures I आहदकाल की पृष्ठभूहम I 15 आहदकाल: नामकरण सम्बन्धी हिचार एिां काल हनधाशरण, पररिेि, राजनीहतक, धाहमशक, सामाहजक एिां साांस्कृ हतक पररहस्थहत, आहदकालीन भाषा रूप । II आहदकाल की पृष्ठभूहम II 15 अपभ्रिां साहित्य: पृष्ठभहू म और प्रभाि, आहदकाल की उपलब्ध सामग्री. प्रमाहणकता, ग्रिण और त्याग का सन्दभश, हसद्ध साहित्य और जैन साहित्य । 13 स्नातकोत्तर हिन्दी III आहदकाल की पृष्ठभूहम III 15 रासो साहित्य, पृथ्िीराज रासो- हिहभन्न सस्ां करण, प्रामाहणकता-अप्रामाहणकता के हलए तकश , काव्योत्कषश, अमीर खसु रो, हिद्यापहत, लौहकक साहित्य और उसकी हििेषताएँ। IV चयहनत अंर् 15 इस यहु नट में हनधाशररत पद्याांि की व्याख्या और काव्य सौन्दयश का उद्घाटन अपेहक्षत िै- 1. सरिपा – हिन्दी के हिकास में अपभ्रांि का योगदान-नामिर हसांि में सांकहलत सरिपा के दस दोिे। 2. चन्दबरदाई- पृथ्िीराज रासउ – सांयोहगता पररणय, माताप्रसाद गप्तु , साहित्य सदन, हचरगाांि, झाांसी। 3. हिद्यापहत–नागाजशनु सम्पाहदत हिद्यापहत के गीत, िाणी प्रकािन, गीत सख्ां या3,4,5,6,9,14,17,20,25,37और 64 4. खसु रो की हिन्दी कहिता : सम्पादक – ब्रजरत्न दास (मक ु री-156, 160, 162, 168, 175, 184, 185, 188, 197, 204 - दस दोिे) गीत-95, 112, 113, 116, 125, 126 कुल छ: गीत। संदभष ग्रन्थ: 1. हिन्दी साहित्य का इहतिास : रामचन्द्र िखु ल, नागरी प्रचाररणी सभा कािी। 2. हिन्दी साहित्य का इहतिास : िॉ0 लक्ष्मी सागर िाष्ट्णेय, मिामना प्रकािन मांहदर, प्रयाग। 3. हिन्दी साहित्य का हििेचनात्मक इहतिास : िॉ0 राजहकिोर हत्रपाठी, प्र0 अरूण प्रकािन, कलकत्ता। 4. हिन्दी साहित्य का अतीत (भाग-1,2) : प0ां हिश्वनाथ प्रसाद हमश्र, प्र0 िाणी हितान प्रकािन, िाराणसी। 5. हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इहतिास : िॉ0 रामकुमार िमाश, प्र0 रामनारायण लाल प्रयाग। 6. हिन्दी साहित्य की भहू मका : िॉ0 िजारी प्रसाद हद्विेदी, प्र0 हबिार राष्ट्रभाषा पररषद पटना। 7. हिन्दी साहित्य का उद्भि काल : िॉ0 िासदु िे हसांि, प्र0 हिन्दी प्रचारक सांस्थान, िाराणसी। 8. आधहु नक हिन्दी साहित्य की भहू मका : िॉ0 लक्ष्मीसागर िाष्ट्णेय, प्र0 लोक भारती प्रकािन इलािाबाद। 9. आधहु नक हिन्दी साहित्य का हिकास : िॉ0 श्री कृ ष्ट्णलाल, प्र0 हिन्दी पररषद प्रयाग। 10. हिन्दी साहित्य का इहतिास : स0ां िॉ0 नगेन्द्र। 11. हिन्दी गद्यिैली का हिकास : िॉ0 जगन्नाथ प्रसाद िमाश, ना0प्र0 सभा, िाराणसी। 12. हिन्दी साहित्य का दसू रा इहतिास : िॉ0 बच्चन हसिां , राधाकृ ष्ट्णन प्रकािन, हदल्ली। 14 स्नातकोत्तर हिन्दी 13. हिन्दी साहित्य और सांिेदना का हिकास : िॉ0 रामस्िरूप चतिु ेदी, लोकभारती प्रकािन, इलािाबाद। 14. कीहतशलता और अििट्ट - हििप्रसाद हसांि, हिन्दी प्रचारक सांस्थान, िाराणसी। 15. हिन्दी साहित्य का आहदकाल - आचायश िजारी प्रसाद हद्विेदी, राजकमल प्रकािन, नई हदल्ली। 16. हिन्दी के हिकास में अपभ्रांि का योगदान - नामिर हसांि, साहित्य भिन, इलािाबाद। 17. हिद्यापहत - हििप्रसाद हसांि, लोकभारती प्रकािन, इलािाबाद। 18. हिन्दी के हिकास में अपभ्रांि का योगदान, नामिर हसांि, लोकभारती प्रकािन, प्रयागराज। 19. चन्दबरदाई. पृथ्िीराज रासउ - सयां ोहगता पररणयए माताप्रसाद गप्तु ए साहित्य सदनए हचरगाांिए झाांसीद्य 20. हिद्यापहत - नागाजशनु सम्पाहदत हिद्यापहत के गीत, िाणी प्रकािनए नई हदल्ली। 21. खसु रो की हिन्दी कहिता : सम्पादक - ब्रजरत्न दास, नागरी प्रचाररणी सभा, िाराणसी। This course can be opted as an elective by the students of following subjects: स्नातक अथिा समकक्ष परीक्षा उत्तीणश कर चक ु े समस्त हिद्याथी इस पाठ्यक्रम का चयन कर सकते िैं। Suggested Continuous Evaluation Methods: हलहखत परीक्षा,पररयोजना कायश, दक्षता परीक्षण अध्ययन पररणाम : 1. इकाई 1 आहदकाल के नामकरण, काल-हनधाशरण, भाषा रूप आहद का ज्ञान। 2. इकाई 2 आहदकाल की पृष्ठभहू म का ज्ञान। 3. इकाई 3 आहदकाल की पृष्ठभहू म का ज्ञान, रासो, लौहकक साहित्य और अमीर खसु रो का ज्ञान। 4. इकाई 4 सरिपा, चदां बरदाई, हिद्यापहत, और खसु रो की कहिता के चयहनत अि ां ों की समझ और काव्यानभु हू त की बनािट का ज्ञान। Suggested Continuous Evaluation Methods: 1- कृ हत हििेष के भाहषक हिश्लेषण पर पररयोजना कायश 2- िाचन Course prerequisites: To Study this course, a student must have had the subject........... in class/12th/certificate/diploma सभी के हलए (सामान्य हिन्दी भाषा का ज्ञान अपेहक्षत) 15 स्नातकोत्तर हिन्दी Suggested equivalent online courses:............................................................................................................................. Further Suggestions:.............................................................................................................................. 16 स्नातकोत्तर हिन्दी PROGRAMME/CLASS: BA IV YEAR / SEMESTER: BA CERTIFICATE MA I YEAR VII / MA I Subject: Hindi COURSE CODE: PG1HIN7SEM3P COURSE TITLE: हिन्दी साहित्य का इहतिास लेखन: परम्परा और दृहि पाठ्यक्रम का उद्देश्य : हिन्दी साहित्य के इहतिास लेिन संबंधी हिहभन्न दृहियााँ रिी िैं। इस पत्र के माध्यम से इहतिास दर्षन साहित्य के इहतिास की परंपरा, काल हिभाजन एिं प्रमुि हसद्धान्तों का हििेचन हकया जायेगा। पत्र का उद्देश्य हिहभन्न दृहियां की स्पि समझ का हनमाषर् करना िै। 1. इकाई 1 इहतिास दिशन को साहित्य के अलोक में समझना । 2. इकाई 2 इहतिास लेखन परम्परा में नामकरण, काल हिभाजन आहद को जानना। 3. इकाई 3 साहित्येहतिास दिशन के प्रमुख हसद्धाांतों को समझना। 4. इकाई 4 साहित्येहतिास दिशन के अन्य प्रमख ु हसद्धातां ों को समझना। CREDITS: 4 MAX MARKS: 25+75 MIN. PASSING MARKS: 10+30 Total No. of Lectures - Tutorials-Practical (in hours per week): 3-0-0 or 2-1-0 etc. Unit Topic No. of Lectures I इहतिास लेिन परंपरा - I 15 इहतिास : अथश एिां स्िरूप, इहतिास दिशन, साहित्य का इहतिास दिशन, साहित्येहतिास और साहित्यालोचन। II इहतिास लेिन परंपरा - II 15 हिन्दी साहित्येहतिास की परांपरा, हिन्दी साहित्येहतिास के आधार, काल हिभाजन और नामकरण, नामकरण की समस्याएँ। III साहित्येहतिास दर्षन के प्रमुि हसद्धान्त - I 15 हिधेयिाद, माखसशिाद, सांरचनािाद, हिन्दी साहित्य के इहतिास लेखन की समस्याएँ। 17 स्नातकोत्तर हिन्दी IV साहित्येहतिास दर्षन के प्रमुि हसद्धान्त – II 15 इहतिास और आलोचना, नव्य इहतिासिाद, साहित्येहतिास का नारीिादी, दहलत, आहदिासी एिां एल0जी0बी0टी0 के सांदभश। संदभष ग्रन्थ: 1. हिदां ी साहित्य का इहतिास - रामचद्रां िखु ल, नागरी प्रचाररणी सभा, कािी 2. हिदां ी साहित्य की भहू मका - िजारी प्रसाद हद्विेदी, राजकमल प्रकािन, हदल्ली 3. हिदां ी साहित्य : उद्भि और हिकास - िजारी प्रसाद हद्विेदी, राजकमल प्रकािन, हदल्ली 4. हिदां ी साहित्य का आहदकाल - िजारी प्रसाद हद्विेदी, हबिार राष्ट्रभाषा पररषद, पटना 5. हिदां ी साहित्य का अतीत (भाग-एक), हिश्वनाथ प्रसाद हमश्र, िाणी हितान, ब्रह्मनाल, िाराणसी। 6. हिदां ी साहित्य का इहतिास - सां0 नगेन्द्र, नेिनल पहब्लहिांग िाउस, हदल्ली 7. हिदां ी साहित्य और सांिेदना का हिकास - रामस्िरूप चतिु ेदी, लोकभारती, इलािाबाद 8. साहित्य का इहतिास-दिशन - नहलन हिलोचन िमाश, हबिार राष्ट्रभाषा पररषद, पटना 9. हिदां ी साहित्य का दसू रा इहतिास - बच्चन हसिां , नेिनल पहब्लहिगां िाउस, हदल्ली 10. साहित्य और इहतिास दृहि - मैनेजर पाांिेय, पीपल्ु स हलटरे सी, हदल्ली 11. हिदां ी साहित्य के इहतिास की समस्याएां - अिधेि प्रधान, साहित्य िाणी, इलािाबाद । This course can be opted as an elective by the students of following subjects: स्नातक अथिा समकक्ष परीक्षा उत्तीणश कर चक ु े समस्त हिद्याथी इस पाठ्यक्रम का चयन कर सकते िैं। Suggested Continuous Evaluation Methods: हलहखत परीक्षा,पररयोजना कायश, दक्षता परीक्षण अध्ययन पररणाम : 1. इकाई 1 इहतिास दिशन का साहित्य के अलोक में ज्ञान। 2. इकाई 2 इहतिास लेखन परम्परा में नामकरण, काल हिभाजन का ज्ञान। 3. इकाई 3 एिां 4 साहित्येहतिास दिशन के प्रमुख हसद्धाांतों का ज्ञान। Suggested Continuous Evaluation Methods: 1- कृ हत हििेष के भाहषक हिश्लेषण पर पररयोजना कायश 2- िाचन 18 स्नातकोत्तर हिन्दी Course prerequisites: To Study this course, a student must have had the subject........... in class/12th/certificate/diploma सभी के हलए (सामान्य हिन्दी भाषा का ज्ञान अपेहक्षत) Suggested equivalent online courses:............................................................................................................................. Further Suggestions:.............................................................................................................................. 19 स्नातकोत्तर हिन्दी PROGRAMME/CLASS: BA IV YEAR / SEMESTER: BA CERTIFICATE MA I YEAR VII / MA I Subject: Hindi COURSE CODE: PG1HIN7SEM4P COURSE TITLE: भारतीय एिां पाश्चात्य काव्यिास्त्र पाठ्यक्रम का उद्देश्य : 1. इकाई 1 भारतीय ज्ञान परांपरा के काव्यिास्त्रीय परम्परा से पररहचत िोंगे। 2. इकाई 2 भारतीय काव्यिास्त्र के ध्िनी, िक्रोहक्त, औचीत्य आहद हसद्धाांतों से पररचय प्राप्त करें गे। 3. इकाई 3 पाश्चात्य काव्यिास्त्र की व्यापक समझ बनेगी। 4. इकाई 4 पाश्चात्य दािशहनकों के दिशन से हिद्याथी लाभाहन्ित िोंगे। CREDITS: 4 MAX MIN. PASSING MARKS: 10+30 MARKS: 25+75 Total No. of Lectures - Tutorials-Practical (in hours per week): 3-0-0 or 2-1-0 etc. Unit Topic No. of Lectures I भारतीय काव्यर्ास्त्र – I 15 काव्य लक्षण काव्य िेतु काव्य प्रयोजन काव्य के प्रकार रस हसद्धांत रस हसद्धातां रस का स्िरुप रस हनष्ट्पहत्त रस के अगां साधारणीकरण 20 स्नातकोत्तर हिन्दी सहृदय की अिधारणा अलक ां ार हसद्धातां मल ू स्थापनाएां अलांकारों का िगीकरण रीहत हसद्धातां रीहत की अिधारणा काव्य गणु रीहत एिां िैली रीहत हसद्धाांत की प्रमखु स्थापनाएां II भारतीय काव्यिास्त्र – II 15 िक्रोहक्त हसद्धातां िक्रोहक्त की अिधारणा िक्रोहक्त के भेद िक्रोहक्त एिां अहभव्यजां नािाद ध्िहन हसद्धाांत ध्िहन का स्िरुप ध्िहन हसद्धातां की प्रमखु स्थापनाएां ध्िहन काव्य के प्रमख ु भेद गणु ीभूत व्यांग्य हचत्र काव्य औहचत्य हसद्धाांत प्रमख ु स्थापनाएां औहचत्य के भेद III पाश्चात्य काव्यिास्त्र – III 15 प्लेटो काव्य हसद्धाांत अरस्तू अनक ु रण हसद्धातां त्रासदी हिरे चन लान्जाइनस औदात्य की अिधारण 21 स्नातकोत्तर हिन्दी ड्राइिन काव्य हसद्धातां िि्शसिथश काव्य भाषा का हसद्धाांत कोलररज कल्पना हसद्धाांत और लहलत कल्पना IV पाश्चात्य काव्यिास्त्र – IV 15 मौथ्यु ओनाशल्ि आलोचना का स्िरुप और प्रकायश टी.एस.इहलयट परम्परा की पररकल्पना और िैहक्तक प्रज्ञा हनिैहक्तकता का हसद्धाांत िस्तहु नष्ठ समीकरण आई.ए.ररचि्शस रागात्मक अथश सम्बेगों का सांतल ु न सम्प्रेषण हसद्धातां हसद्धातां और िाद स्िच्छन्दतािाद अहभव्यांजनािाद माखसशिाद मनोहििलेषणिाद अहस्तत्त्ििाद उत्तरआधहु नकता अन्य हबदां ु हमथक फांतासी कल्पना हबम्ब 22 स्नातकोत्तर हिन्दी प्रहतक संदभष ग्रन्थ: 1. भारतीय साहित्यिास्त्र कोि : िॉ0 राजिांि सिाय िीरा, हबिार ग्रथां अकादमी, पटना। 2. समीक्षा दिशन : िॉ0 रामलाल हसांि (प्रथम एिां हद्वतीय भाग), प्र0 इहडियन प्रेस, प्रयाग। 3. भारतीय काव्यिास्त्र के प्रहतहनहध हसद्धान्त : राजिि ां सिाय िीरा, चौखम्भा प्रेस, िाराणसी। 4. काव्यिास्त्र : िॉ0 भगीरथ हमश्र, प्र0 हिश्वहिद्यालय प्रकािन, िाराणसी। 5. रस-हिमिश : िॉ0 राममहू तश हत्रपाठी। 6. भारतीय काव्यिास्त्र की नयी व्याख्या : िॉ0 राममहू तश हत्रपाठी। 7. कहिता के प्रहतमान : िॉ0 रिीन्द्र भ्रमर। 8. भारतीय काव्यिास्त्र की भहू मका : िॉ0 नगेन्द्र, प्र0 नेिनल पहब्लहिांग िाउस, नई हदल्ली। 9. भारतीय साहित्यिास्त्र : गणेि-त्र्यम्बक देिपाडिेय, पापल ु र बक ु हिपो, मम्ु बई। 10. साहित्यालोचन : िॉ0 श्यामसन्ु दरदास, इहडियन प्रेस, प्रयाग। 11. पाश्चात्य काव्यिास्त्र के हसद्धान्त : िॉ0 जगदीि प्रसाद हमश्र, राधाकृ ष्ट्ण प्रकािन, हदल्ली। 12. पाश्चात्य काव्यिास्त्र : रामपजू न हतिारी, राधाकृ ष्ट्ण प्रकािन, नई हदल्ली। 13. पाश्चात्य काव्यिास्त्र परम्परा : िॉ0 नगेन्द्र। 14. पाश्चात्य काव्यिास्त्र : िॉ0 देिेन्द्रनाथ िमाश। This course can be opted as an elective by the students of following subjects: स्नातक अथिा समकक्ष परीक्षा उत्तीणश कर चक ु े समस्त हिद्याथी इस पाठ्यक्रम का चयन कर सकते िैं। Suggested Continuous Evaluation Methods: हलहखत परीक्षा,पररयोजना कायश, दक्षता परीक्षण अध्ययन पररणाम : 1. इकाई 1 भारतीय ज्ञान परांपरा के काव्यिास्त्रीय परम्परा से पररहचत िुए। 2. इकाई 2 भारतीय काव्यिास्त्र के ध्िनी, िक्रोहक्त, औचीत्य आहद हसद्धाांतों से पररचय प्राप्त हकए। 3. इकाई 3 पाश्चात्य काव्यिास्त्र की व्यापक समझ बनी। 4. इकाई 4 पाश्चात्य दािशहनकों के दिशन से हिद्याथी लाभाहन्ित िुए। Suggested Continuous Evaluation Methods: 23 स्नातकोत्तर हिन्दी 1- कृ हत हििेष के भाहषक हिश्लेषण पर पररयोजना कायश 2- िाचन Course prerequisites: To Study this course, a student must have had the subject........... in class/12th/certificate/diploma सभी के हलए (सामान्य हिन्दी भाषा का ज्ञान अपेहक्षत) Suggested equivalent online courses:............................................................................................................................. Further Suggestions:.............................................................................................................................. 24 स्नातकोत्तर हिन्दी PROGRAMME/CLASS: BA IV YEAR / SEMESTER: BA CERTIFICATE MA I YEAR VII / MA I Subject: Hindi COURSE CODE: PG1HIN7SEM5P COURSE TITLE: हिन्दी हसनेमा पाठ्यक्रम का उद्देश्य : 1. इकाई 1 भारतीय हसनेमा का इहतिास समझने में मदद हमलेगी। 2. इकाई 2 भारतीय हसनेमा के क्रहमक हिकास की जानकारी प्राप्त िोगी। 3. इकाई 3 हसनेमा से जड़ु े तमाम िब्दािहलयों का गिनता से अध्ययन सहु नहश्चत की जाएगी। 4. इकाई 4 हसनेमा के प्रायोहगक कायश से हिद्याहथशयों के हलए रोजगार के नये मागश प्रिस्त िोंगे। CREDITS: 4 MAX MIN. PASSING MARKS: 20+20 MARKS: 50+50 Total No. of Lectures - Tutorials-Practical (in hours per week): 3-0-0 or 2-1-0 etc. Unit Topic No. of Lectures I हिन्दी हसनेमा –I 15 हिन्दी हसनेमा का आरम्भ हिन्दी हसनेमा और दादा सािब फाल्के हिन्दी मक ू हसनेमा हिन्दी सिाक हसनेमा भारतीय हसनेमा का अहत सांहक्षप्त पररचय II हिन्दी हसनेमा –II 15 सन 1947 से 1980 के दौर का हिन्दी हसनेमा (प्रमख ु हफल्में – आिारा , दो बीघा ज़मीन, उसने किा था, मेरा नाम जोकर, मदर इहां िया और िोले ) सन 1980 से 2000 के बाद का हिदां ी हसनेमा (प्रमुख हिल्में – हमस्टर इहां िया, एक िॉखटर की मौत, चश्मे बद्दरू , छत्तीस चौरांगी लेन और अगां रू ) 25 स्नातकोत्तर हिन्दी सन 2000 के बाद का हिदां ी हसनेमा (प्रमुख हिल्में – चक दे इहां िया, द हलजेंि ऑि भगत हसिां , स्लमिॉग हमहलयनेयर, मेरी कॉम और दगां ल) हिदां ी हसनेमा : हिषय िैहिध्य (समसामहयक, साांस्कृ हतक, ऐहतिाहसक और राजहनहतक पिल)ू III हिन्दी हसनेमा –II 15 प्रमख ु व्यहक्तत्ि : राजकपरू , श्याम बेनेगल, हृहषके ि मुखजी, ओमपरु ी, हदलीप कुमार, के.एल. सिगल, मीना, ििीदा रिमान और हस्मता पाहटल आहद ) समानाांतर हसनेमा प्रहतबांहधत हसनेमा हसनेमाई भाषा का स्िरुप सेंिरहिप हिदां ी हसनेमा :प्रहतरोध और हिमिश ▪ स्त्री प्रहतरोध (मांिी, छपाक, लज्जा और मेरी कॉम) ▪ दहलत प्रश्न (अछूत कन्या और सद्गहत) ▪ आहदिासी जीिन (माझी : द माउन्टेन मैन, मृगया) ▪ बाल हसनेमा (तारे जमीं पर, मासमू , मकड़ी) भमू िां लीकरण के दौर में हिदां ी हसनेमा हिहजटल हसनेमा का सांहक्षप्त पररचय IV चतुथष इकाई में हिंदी हसनेमा से सम्बहं धत प्रायोहगक कायष हनधाषररत िै - 15 हकन्िी दो साहित्य आधाररत हफल्मों का अध्ययन (काबल ु ीिाला, उमराि जान, रजनीगांधा, गाइि, तीसरी कसम, थ्री इहियट्स, हनिातां , नौकर की कमीज, चरणदास चोर) हफल्म समीक्षा हफल्म हनमाशण और मल्ू याांकन (उपलब्ध सांसाधन से) समसामहयक फीचर हफल्म/िॉखयमु ेंरी/ररपोटश लेखन पर समिू चचाश िोध पत्र/लेख समीक्षा का प्रस्तहु तकरण मौहखकी संदभष ग्रन्थ: 1. लोकहप्रय हसनेमा और सामाहजक यथाथश, जिरीमल्ल पारख, अनाहमका प्रकािन, हदल्ली 26 स्नातकोत्तर हिन्दी 2. हिदां ी हसनेमा का समाजिास्त्र, जिरीमल्ल पारख, ग्रन्थ हिल्पी, हदल्ली 3. हिश्व हसनेमा की सिशश्रेष्ठ 100 हिल्में, राके ि हमत्तल, अनन्य प्रकािन, हदल्ली 4. िायरे खटसश कट, जािेद िमीद, अतल्ु य पहब्लके िांस, हदल्ली 5. जीिन को गढ़ती हफल्में, प्रयाग िखु ल, अनन्य प्रकािन, हदल्ली 6. हिन्दी हसनेमा की यात्रा, पांकज िमाश, अनन्य प्रकािन, हदल्ली 7. प्रहतरोध और हसनेमा, मिेंद्र प्रजापहत, नयी हकताब प्रकािन, हदल्ली 8. हजन्दगी, गरुु दत्त 9. दो गल्ु फामों की तीसरी कसम, अनांत कुथौल, कीकट प्रकािन, पटना 10. हबछड़े सभी बारी-बारी, हिमल हमत्र, िाणी प्रकािन, हदल्ली 11. भारतीय हसनेमा का अन्तःकरण, हिनोद दास, राजकमल प्रकािन, हदल्ली This course can be opted as an elective by the students of following subjects: स्नातक अथिा समकक्ष परीक्षा उत्तीणश कर चक ु े समस्त हिद्याथी इस पाठ्यक्रम का चयन कर सकते िैं। Suggested Continuous Evaluation Methods: हलहखत परीक्षा,पररयोजना कायश, दक्षता परीक्षण अध्ययन पररणाम : 1. इकाई 1 भारतीय हसनेमा इहतिास की समझ बनी। 2. इकाई 2 भारतीय हसनेमा के क्रहमक हिकास की जानकारी प्राप्त िुई । 3. इकाई 3 हसनेमा से जड़ु े तमाम िब्दािहलयों का गिनता से अध्ययन हकया गया। 4. इकाई 4 हसनेमा की पटकथा लेखन, ररकोहिांग, एहिहटांग आहद के प्रायोहगक रूप में हसखने को हमला। Suggested Continuous Evaluation Methods: 1- कृ हत हििेष के भाहषक हिश्लेषण पर पररयोजना कायश 2- िाचन Course prerequisites: To Study this course, a student must have had the subject........... in class/12th/certificate/diploma सभी के हलए (सामान्य हिन्दी भाषा का ज्ञान अपेहक्षत) Suggested equivalent online courses:............................................................................................................................. Further Suggestions: 27 स्नातकोत्तर हिन्दी.............................................................................................................................. 28 स्नातकोत्तर हिन्दी PROGRAMME/CLASS: BA IV YEAR / SEMESTER: BA CERTIFICATE MA I YEAR VIII / MA II SEM Subject: Hindi COURSE CODE: PG2HIN8SEM1P COURSE TITLE: पिू श मध्यकाल (भहक्तकाल): इहतिास और साहित्य पाठ्यक्रम का उद्देश्य : 1. इकाई 1 क. भहक्त काल के दािशहनक सामाहजक राजनीहतक एिां साांस्कृ हतक पक्षों को जानना। ख. भहक्त काल के उद्भि एिां हिकास के हिहभन्न पक्षों को जानना। ग. भहक्त काल की आरांहभक भारतीय स्िरूप को जानना। 2. इकाई 2 कबीर काव्य के कहतपय आस्िाद धरातालों से पररहचत िोना। महलक मोिम्मद जायसी के पद्माित के सौंदयश एिां साहित्य बोध को जानना। 3. इकाई 3 भ्रमरगीत के दािशहनक एिां साहिहत्यक पीहठका के रचना अांिों को समझना। 4. इकाई 4 तलु सीदास की प्रहतहनहध रचना रामचररतमानस के कहतपय अांिु से पररहचत िोना। मीरा के काव्य में कहतपय अांिों से पररहचत िोना। CREDITS: 4 MAX MIN. PASSING MARKS: 10+30 MARKS: 25+75 Total No. of Lectures - Tutorials-Practical (in hours per week): 3-0-0 or 2-1-0 etc. Unit Topic No. of Lectures I पिू ष मध्यकाल का इहतिास (भहिकाल) 15 सामाहजक और राजनैहतक पररदृश्य उद्भि और हिकास भहक्तकाल का भगू ोल II कबीर ग्रंथािली - संपादक : श्यामसुन्दर दास, ना0 प्र0 सभा, कार्ी 15 गरुु देि कौ अांगः 1, 20, सहु मरन कौ अांग : 4, 14 , हिरि कौ अांग : 12, 24 ग्यान हबरि कौ अांग : 5, 10, परचा कौ अांग : 3, 5 29 स्नातकोत्तर हिन्दी पद सांख्या 1, 23, 39, 59, 71 (कुल 5 पद) जायसी : पद्माित : सं. रामचन्र र्ुक्ल : नागमती-हियोग खांि III सूरदास : भ्रमरगीत सार - सां0 रामचन्द्र िखु ल, ना0 प्र0 सभा, कािी : पद सांख्या 2, 15 5, 8, 9, 10, 14, 16, 20, 23, 25 IV तुलसीदास : रामचररतमानस : तलु सीदास, गीता प्रेस, गोरखपरु : अयोध्या काडि 15 से सीता-राम सांिाद : (मासपारायण, चौदििाँ हिश्राम से लेकर दोिा सांख्या 67 की दौ चौपाइयों तक) मीरा का काव्य : हिश्वनाथ हत्रपाठी, िार्ी प्रकार्न, नई हदल्ली-110002 5 पद - मण थें परस िरर रे चरण, आली री म्िारे णेणाां बाण पड़ी, म्िाां हगरधर आगा नाच्यारी, माई री म्िाँ हलयाां गोहिदाँ मोल, यें मत बरजाां माइरी संदभष ग्रन्थ: 12. कबीर : आ0 िजारी प्रसाद हद्विेदी, राजकमल प्रकािन, हदल्ली 13. गोस्िामी तल ु सीदास : आचायश रामचन्द्र िखु ल, नागरी प्रचाररणी,सभा 14. हत्रिेणी : सां0 आचायश रामचन्द्र िखु ल 15. सरू साहित्य : आ0 िजारीप्रसाद हद्विेदी, राजकमल प्रकािन, हदल्ली 16. हिन्दी साहित्य का इहतिास : सपां ादक - िॉ0 नगेन्द्र 17. तल ु सी आधहु नक िातायन से : रमेि कांु तल मेघ 18. लोकिादी तल ु सीदास : हिश्वनाथ हत्रपाठी 19. तल ु सी काव्य मीमाांसा : उदयभानु हसांि 20. मिाकहि सरू दास : नांददल ु ारे िाजपेयी 21. सरू और उनका साहित्य : िरिांिलाल िमाश 22. जायसी : हिजयदेिनारायण सािी 23. मिाकहि जायसी और उनका काव्य : इकबाल अिमद, लोकभारती प्रकाषन 24. भहक्त आांदोलन और भहक्त काव्य : हििकुमार हमश्र 25. मीरा का काव्य : हिश्वनाथ हत्रपाठी, िाणी प्रकाषन, नई हदल्ली This course can be opted as an elective by the students of following subjects: स्नातक अथिा समकक्ष परीक्षा उत्तीणश कर चक ु े समस्त हिद्याथी इस पाठ्यक्रम का चयन कर सकते िैं। Suggested Continuous Evaluation Methods: हलहखत परीक्षा,पररयोजना कायश, दक्षता परीक्षण अध्ययन पररणाम : 30 स्नातकोत्तर हिन्दी 1. इकाई 1 भहक्तकाल की व्यापक समझ। 2. इकाई 2 कबीर और जायसी के साहित्य बोध और सौंदयश बोध की समझ। 3. इकाई 3 कबीर और जायसी के साहित्य बोध और सौंदयश बोध की समझ। 4. इकाई 4 तल ु सी और मीरा के यगु बोध में उनके काव्य के माध्यम से साक्षात्कार। Suggested Continuous Evaluation Methods: 1- कृ हत हििेष के भाहषक हिश्लेषण पर पररयोजना कायश 2- िाचन Course prerequisites: To Study this course, a student must have had the subject........... in class/12th/certificate/diploma सभी के हलए (सामान्य हिन्दी भाषा का ज्ञान अपेहक्षत) Suggested equivalent online courses:............................................................................................................................. Further Suggestions:.............................................................................................................................. 31 स्नातकोत्तर हिन्दी PROGRAMME/CLASS: BA IV YEAR / SEMESTER: BA CERTIFICATE MA I YEAR VIII / MA II SEM Subject: Hindi COURSE CODE: PG2HIN8SEM2P COURSE TITLE: उत्तर मध्यकाल (रीहतकाल): इहतिास और साहित्य पाठ्यक्रम का उद्देश्य : 1. इकाई 1 रीहतकाल के सामाहजक, राजनैहतक पररदृश्य को समझना, उद्भि और हिकास की यात्रा की समझ िाहसल करना । 2. इकाई 2 हबिारी और के ििदास के काव्य सांसार को समझना!रचना सौंदयश का उद्घाटन करना। 3. इकाई 3 भषू ण के रचना सौंदयश का उद्घाटन। 4. इकाई 4 घनानांद रचना सौंदयश का का उद्घाटन। CREDITS: 4 MAX MIN. PASSING MARKS: 10+30 MARKS: 25+75 Total No. of Lectures - Tutorials-Practical (in hours per week): 3-0-0 or 2-1-0 etc. Unit Topic No. of Lectures I उत्तर मध्यकाल का इहतिास (रीहतकाल) 15 सामाहजक और राजनैहतक पररदृश्य उद्भि और हिकास II हबिारी सतसई : हबिारी रत्नाकर , सं. जगन्नाथदास रत्नाकर, 15 लोकभारती प्रकार्न, इलािाबाद, 2005 ई. दोिा सख्ां या : 1, 9, 20, 38, 55, 85, 135, 171, 191, 207, 300, 406, 428, 588, 658 रामचंहरका : के र्िदास; के र्ि कौमुदी (प्रथम भाग) सं. लाला भगिानदीन 11िाँ प्रकाि - छांद सां0 1 से 5 तक, 12िाँ प्रकाि - छांद सां0 1 से 5 तक 32 स्नातकोत्तर हिन्दी III भषू र्-ग्रंथािली, प्रधान संपादक : हिश्वनाथप्रसाद हमश्र, साहित्य सेिक 15 कायाषलय, कार्ी, र्रत्पहू

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