भारत और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाएँ (GVCs) PDF
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PW Vidyapeeth
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यह दस्तावेज़ भारत और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (GVCs) पर हिंदी में नोट्स प्रस्तुत करता है। यह दस्तावेज़ वैश्विक मूल्य श्रृंखला की प्रकृति, OECD के आँकड़ों, भारत की भूमिका, लाभ, और चुनौतियों पर चर्चा करता है। यह नोट्स UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए उपयोगी हो सकता है।
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भारत और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाएं (GVCs) मुख्य बिंदु: 1. वैश्विक मूल्य श्रृंखला (GVC): यह एक प्रक्रिया है जिसमें उत्पादों के निर्माण, वितरण, और बिक्री के विभिन्न चरण दुनिया के GVC में किसी उत्पाद के डिजाइन, सामग्री, विनिर्माण, विपणन, वितरण और अन्य सेवाएं शामिल होत उदाहरण: एप्पल का उत्पाद डिज़ाइन...
भारत और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाएं (GVCs) मुख्य बिंदु: 1. वैश्विक मूल्य श्रृंखला (GVC): यह एक प्रक्रिया है जिसमें उत्पादों के निर्माण, वितरण, और बिक्री के विभिन्न चरण दुनिया के GVC में किसी उत्पाद के डिजाइन, सामग्री, विनिर्माण, विपणन, वितरण और अन्य सेवाएं शामिल होत उदाहरण: एप्पल का उत्पाद डिज़ाइन USA में होता है, विनिर्माण चीन में, और वितरण अन्य देशों 2. OECD के अनुसार: 70% वैश्विक व्यापार GVCs के माध्यम से संचालित होता है। विकासशील देशों के लिए GVC में हिस्सा लेना अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश का अवसर प्रदा 3. भारत की स्थिति: भारत GVC में तेजी से शामिल हो रहा है, खासकर निर्माण और सेवाओं के क्षेत्र में। 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहलें GVC के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने पर केंद्रित है 4. लाभ: उच्च गुणवत्ता वाले रोजगार के अवसर। महिलाओं के लिए रोजगार में वृद्धि। तकनीकी विकास और नवाचार के अवसर। 5. चुनौतियाँ: पर्याप्त बुनियादी ढांचे और कुशल श्रमशक्ति की आवश्यकता। घरेलू कंपनियों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का सामना करना। UPSC तैयारी के लिए उपयोग: प्रारंभिक परीक्षा (Prelims): वैश्विक मूल्य श्रृंखला की परिभाषा और भारत की भागीदारी पर ध्यान दें। मुख्य परीक्षा (Mains): GVCs में भारत के योगदान और चुनौतियों पर विस्तार से लिखें।