Definitions Of Political Science PDF
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This document provides definitions of political science and looks at the traditional and modern viewpoints of the subject. It covers the history and structure of political institutions, discusses the influence of various political thinkers, and examines the nature of political science through different lenses.
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(राजनीति विज्ञान की पररभाषाएँ) (Definitions of Political Science) राजनीति विज्ञान एक प्राचीन विषय है । परम्परागि राजनीति विज्ञान से अभभप्राय िह राजनीति विज्ञान है जो व्यिहारिादी क्ाांति से पि ू व प्रचभिि था। परमारागि राजनीति विज्ञान के भसद्ाांि अपने प्रतिपादक के व्यक्तित्ि एिां दृक्टिको...
(राजनीति विज्ञान की पररभाषाएँ) (Definitions of Political Science) राजनीति विज्ञान एक प्राचीन विषय है । परम्परागि राजनीति विज्ञान से अभभप्राय िह राजनीति विज्ञान है जो व्यिहारिादी क्ाांति से पि ू व प्रचभिि था। परमारागि राजनीति विज्ञान के भसद्ाांि अपने प्रतिपादक के व्यक्तित्ि एिां दृक्टिकोण से प्रभाविि रहे हैं। प्िेिो से िेकर एक्तिनाज, रूसो, काण्ि, और होगि िक , प्िेिो ने आदर्व राज्य की कल्पना की और मध्य यग ु में राज्य की सत्ता के औचचत्य के भिए राजाओां को पथ् ृ िी पर ईश्िर के अििार के रूप में दे खने की प्रिवृ त्त प्रबि हुई। र्ाश्िि एिां उच्चस्िरीय ित्िों से सम्बद् होने के कारण प्राचीन दार्वतनकों की चचन्िन-प्रणािी िार्कवक एिां तनगमनात्मक है । Political science is an ancient subject. Traditional political science means the political science that was prevalent before the behavioral revolution. The principles of traditional political science have been influenced by the personality and viewpoint of its proponent. From Plato to Aquinas, Rousseau, Kant, and Hogel, Plato imagined an ideal state and in the Middle Ages, the tendency to see kings as the incarnation of God on earth to justify the power of the state became strong. Being related to eternal and high-level elements, the thinking system of ancient philosophers is logical and deductive. राजनीति विज्ञान की परम्परािादी पररभाषाओां को दे खने से पिा चििा है र्क राजनीति विज्ञान राज्य एिां सरकार के ढाांचे का अध्ययन करने िािा विषय मात्र है । Looking at the traditional definitions of political science, it is clear that political science is only a subject that studies the structure of the state and government. गानवर ब्िांश्िी, गेरेज, एतिन आदद विदिानों ने राजनीति विज्ञान को राज्य से सांबचां ्ि विज्ञान माना है । गानवर के र्ब्दों में, राजनीति विज्ञान का प्रारम्भ ि अन्ि राज्य से ही होिा है ।" ब्िश्िी के र्ब्दों में, राजनीति विज्ञान िह विज्ञान है क्जसका सांब् ां राज्य से है और जो उसकी परम आिश्यक प्रकृति, आ्ारभि ू क्स्थति िथा विवि् स्िरूप एिां विकास को समझने का प्रयास करिा है।" गेरेज के अनस ु ार, "राजनीति विज्ञान राज्य के उदभि, विकास, उददे श्य िथा समस्ि राजकीय समस्याओां का उल्िेख करिा है ।" एतिन के र्ब्दों में, "राजनीति विज्ञान राज्य िथा उसके विकास के भिए अतनिायव दर्ाओां से सम्बद् है । गड ु नीांि भिखिे हैं र्क," यह विज्ञान उस सांगठन का अध्ययन करिा है क्जसे राज्य कहिे है. यह राज्य की क्स्थर और प्रगतिर्ीि दोनों अिस्थाओां का अध्ययन करने िािा विज्ञान है ।" कतिषयः परम्परािादी राजनीतिर्ास्त्रों राजनीति विज्ञान में राज्य के स्थान पर सरकार के अध्ययन पर बोर दे िे हैं। उनके अनस ु ार राज्य िो केिि एक अमि ू व इकाई है उसका बो् िस्िि ु ः सरकार के माध्यम से ही होिा है । जॉन सीिे, िोकाांक आदद विदिान यह मानिे हैं र्क सरकार के अध्ययन में राज्य का अध्ययन अन्ितनवदहि है । जेम्स के अनस ु ार, राजनीति विज्ञान सरकार से सांबचां ्ि वि्ा है । सीिे के र्ब्दों में , "राजनीति विज्ञान के अांिगवि र्ासन-व्यिस्था का उसी प्रकार अनर् ु ीिन र्कया जािा है क्जस प्रकार अथवर्ास्त्र में ्न का, प्राणीर्ास्त्र में जीिन का, बीज गणणि में अांकों का एिां रे खा गणणि में स्थान िथा दरू ी का।" सांक्षेप में , परम्परािादी विदिान राजनीति विज्ञान को राज्य िथा सरकार का अध्ययन करने िािा विषय मानिे हैं। राज्य के बबना सरकार की कल्पना ही नहीां की जा सकिी तयोंर्क सरकार राज्य दिारा प्रदत्त प्रभत्ु ि र्क्ति का हो प्रयोग करिी है । सरकार के बबना राज्य एक अमि ू व कल्पना मात्र है । पॉि जेनेि, चगि क्ाइस्ि, रोिे ि आदद विदिान राजनीति विज्ञान को राज्य िथा सरकार दोनों का अध्ययन करने िािा विषय बििािे हैं। पॉि जेनेि के अनस ु ार, राजनीति विज्ञान समाज विज्ञानों का िह अांग है क्जसमें राज्य के आ्ार पर सरकार के भसद्ाांिों का अध्ययन र्कया जािा है।" चगि क्ाइस्ि के र्ब्दों में, "राजनीति र्ास्त्र िस्िि ु ः राज्य और सरकार को सामान्य समस्याओां का अध्ययन करिा है ।" Scholars like Garner Bluntschli, Gerges, Acton, etc. have considered political science as a science related to the state. In the words of Garner, "Political science begins and ends with the state." In the words of Blushley, "Political science is the science which deals with the state and which tries to understand its most essential nature, basic condition and various forms and development." According to Gerges, "Political science refers to the origin, development, objectives and all state problems of the state." In the words of Acton, "Political science is related to the state and the conditions essential for its development." Goodneav writes, "This science studies the organization which is called the state." It is a science that studies both the stable and progressive states of the state." Some traditional political scientists emphasize on the study of government instead of the state in political science. According to them, the state is only an abstract entity and its understanding is actually done through the government. Scholars like John Seeley, Lokank etc. believe that the study of state is inherent in the study of government. According to James, political science is a discipline related to government. In the words of Seeley, "Under political science, governance is studied in the same way as money is studied in economics, life in zoology, numbers in algebra and place and distance in geometry." In short, traditional scholars consider political science to be a subject that studies state and government. Government cannot be imagined without the state because the government uses the sovereign power given by the state. State without government is just an abstract idea. Scholars like Paul Janet, Gil Christ, Rotel etc. consider political science to be a subject that studies both state and government. According to Paul Janet, "Political science is that part of social sciences in which the principles of government are studied on the basis of the state." In the words of Gil Christ, "Political science actually studies the general problems of the state and government." इस प्रकार परम्परागि राजनीति विज्ञान के अध्ययन पर दर्वन, इतिहास िथा विच्-र्ास्त्र का आच्पत्य था। यह राजनीतिक सांस्थाओां के सांस्थागि ढाांचे के अध्ययन पर जोर दे िा है । पारम्पररक राजनीति विज्ञान का सांब् ां केिि ऐसे भसद्ाांिों पर था क्जन्हें राजनीतिक िथ्यों का परीक्षण र्कये बबना तनकािा गया था। अिः यह राजनीति विज्ञान जैसे विषय को राज्य और सरकार के सांकुचचि दायरे में ही प्रस्िि ु कर पाया Thus, philosophy, history and jurisprudence dominated the study of traditional political science. It emphasizes on the study of the institutional structure of political institutions. Traditional political science was concerned only with such principles which were derived without examining political facts. Hence, it was able to present a subject like political science only within the narrow scope of the state and government. गड ु नाांि ने राजनीति विज्ञान का सांब् ां िीन बािों से जोडा है - प्रथम, राज्य की इच्छा का तनमावणः दवििीय राज्य की इच्छा की अभभव्यक्ति और िि ृ ीय, राज्य की इच्छा की कायावक्न्िति । Goodnow has linked political science with three things- first, formation of the will of the state; second, expression of the will of the state; and third, implementation of the will of the state. फेडररक पोिक ने राजनीति विज्ञान के क्षेत्र को दो खण्डों में विभाक्जि र्कया है - प्रथम, सैद्ाांतिक राजनीति िथा दवििीय, व्यािहाररक राजनीति। सैद्ाांतिक राजनीति में राज्य की आ्ारभि ू समस्याओां का अध्ययन र्कया जािा है और व्यािहाररक राजनीति में राज्य के र्क्यात्मक स्िरूप िथा तनरन्िर पररििवनर्ीि सरकारों के िास्िविक र्क्याकिापों की वििेचना की जािी है । वििोबी के अनस ु ार राजनीति विज्ञान िीन महत्िपण ू व विषयों का अध्ययन करिा है - राज्य र्ासन िथा विच् भसजविक ने राजनीति विज्ञान के क्षेत्र को दो भागों में बाांिा है - पहिा, राज्य के सांगठन से सांबचां ्ि िम्म दस ू रा, राज्य के कायों से सांबचां ्ि । Frederick Pollock has divided the field of political science into two parts- first, theoretical politics and second, practical politics. In theoretical politics, the basic problems of the state are studied and in practical politics, the functional form of the state and the actual activities of the constantly changing governments are discussed. According to Willoughby, political science studies three important subjects- state governance and law. Sijwik has divided the field of political science into two parts- first, related to the organization of the state and second, related to the functions of the state. राजनीति विज्ञान का अध्ययन क्षेत्र तया हो, इस प्रश्न का अध्ययन करने के भिए 1948 में यन ू ेस्को (UNESCO) के ित्िाि्ान में राजनीति र्ाक्स्त्रयों का एक सम्मेिन पेररस में आयोक्जि र्कया गया िथा उसमें यह तनणवय भिया गया र्क राजनीति विज्ञान के क्षेत्र के अन्िगवि तनम्नभिणखि विषय समाविटि र्कये जाने चादहए- (1)राजनीतिक भसद्ाांि-राजनीतिक विचारों का इतिहास िथा राजनीतिक भसद्ाांि । (2) राजनीतिक सांस्थाएँ सामाक्जक िथा आचथवक कायव िथा सांवि्ान, राटरीय, क्षेत्रीय एिां स्थानीय सरकारें , िोक प्रर्ासन, सरकार के िि ु नात्मक राजनीतिक सांस्थाएँ। (3) दि समह ू िथा जनमि दि-प्रणािी, दिाि िथा दहि समह ू , जनमि िथा र्ासन में जनिा की भागीदारी । (4) अन्िरावटरीय सांब् ां - अन्िरावटरीय राजनीति, अन्िरावटरीय विच्, अन्िररावटरीय सांगठन और प्रर्ासन । To study the question of what should be the field of study of political science, a conference of political scientists was held in Paris in 1948 under the auspices of UNESCO and it was decided that the following subjects should be included in the field of political science- (1) Political theory - History of political ideas and political theory. (2) Political institutions, social and economic functions and constitution, national, regional and local governments, public administration, comparative political institutions of government. (3) Party groups and public opinion - party system, pressure and interest groups, public opinion and public participation in governance. (4) International relations - international politics, international law, international organizations and administration. परम्परािादी राजनीति विज्ञान की विर्ेषिाएँ (Characteristics of Traditional Political Science) परम्परािादी राजनीति विज्ञान कल्पनात्मक होने के साथ-साथ मानकात्मक है । Traditional political science is imaginative as well as normative. - भसबिी के अनस ु ार परम्परागि राजनीति विज्ञान का विर्ेष रूप हमें प्िेिो की रचनाओां में दे खने को भमििा है । ररपक्ब्िक में प्िेिो दिारा प्रतिपाददि 'आदर्व राज्यों की अि्ारणा परम्परागि राजनीति विज्ञान का श्रेटठत्तम नमन ू ा है । रोमन विचारक भससरों और मध्ययग ु में सांि आगस्िाइन के चचन्िन में परम्परागि राजनीति विज्ञान की स्पटि झिक भमििी है । आ्ुतनक यग ु में परम्परागि राजनीति विज्ञान के प्रबि समथवकों की काफी सांख्या है । यहाँ हम रूसो, काि, हीराि, िी.एच. मौन, बोसाांके, िास्की, ओकर्ॉि, भियो स्रोस इत्यादद की रचनाओां में प्िेिो के विचारों को झिक दे ख सकिे हैं।- According to Sibley, we get to see the special form of traditional political science in the works of Plato. The concept of 'ideal states' propounded by Plato in the Republic is the best example of traditional political science. A clear glimpse of traditional political science is found in the thoughts of Roman thinker Cicero and Saint Augustine in the Middle Ages. There are a large number of strong supporters of traditional political science in the modern era. Here we can see a glimpse of Plato's thoughts in the works of Rousseau, Catt, Hiral, T.H. Maun, Bosanke, Laski, Oakeshott, Leo Strauss etc. -प्िेिो एक ऐसे आदर्व राज्य की रचना करना चाहिा था जो पण ू रू व पेण आदर्व मॉडि हो। प्िेिो का आदर्व राज्य एक यि ू ोवपया (कल्पना) था। -भससरो का दर्वन न्याय और प्राकृतिक) कानन ू की अमि ू व अि्ारणा पर आ्ाररि था। -मध्ययग ु ीन चचन्िकों ने एक ऐसी व्यिस्था का विकास करने के सांब् ां में सोचा क्जसके अन्िगवि पथ् ृ िी पर ईश्िर के राज्य की स्थापना की जा सके। सांि ऑगस्िाइन ने 'दद भसिी ऑफ गॉड' की चचाव करिे हुए कहा र्क साांसाररक नगर र्ैिान से प्रर्ाभसि है जबर्क ईश्िरीय नगर ईश्िर दिारा सांचाभिि है । सांि िॉमस एक्तिनाज ने चचव को सामाक्जक सांगठन का मक ु ु ि माना और इस प्रकार उसे राज्य से ऊांचा स्थान प्रदान र्कया। काण्ि ने विवि् कानन ू ों कानन ू ी को नैतिक कानन ू ों का अांग बिाया और हीगि ने राज्य को पथ् ृ िी पर ईश्िर का अििार कहा। जहाँ होगि ने विश्ि के मि ू में विश्िात्मा को माना िह ग्रीन ने इसे 'र्ाश्िि चैिन्य' का नाम ददया। हे रल्ड जे. िास्की ने 'ए प्रामर ऑफ पॉभिदितस' में अपने विचारों में ऐसी समस्याओां का उल्िेख र्कया र्क राज्य को तया करना चादहए। परम्परागि राजनीति विज्ञान कल्पना और दर्वन पर आ्ाररि है । यह अपने प्रतिपादक राजनीति दार्वतनकों एिां चचन्िकों के व्यक्तित्ि एिां दृक्टिकोणों से प्रभाविि रहा है । अच्काांर् दार्वतनक विचारक आचारर्ास्त्र या दर्वनर्ास्त्र से प्रभाविि रहे हैं। उन्होंने मानिीय जीिन िथा सामाक्जक िक्ष्यों िथा मल् ू यों को ओर ध्यान ददया है । उदाहरण के भिए हम यन ू ानी विचारकों दिारा प्रतिपाददि नैतिक जीिन की उपिक्ब्् का विचार, मध्ययग ु के ईसाई सांि दार्वतनकों का ईश्िरीय राज्य स्थावपि करने का विचार िथा आदर्विाददयों के वििेक से साक्षात्कार के विचार को िे सकिे हैं। इन विदिानों के विचारों को परानभ ु ििादी (Trans-Empirical) कहा गया है । उनके विचार व्यक्तिपरक और उनकी चचन्िन प्रणािी तनगमानात्मक है । परम्परागि राजनीति विज्ञान की तनम्नाांर्कि विर्ेषिाएँ हैं।-Plato wanted to create an ideal state which was a completely ideal model. Plato's ideal state was a utopia (imagination). -Cicero's philosophy was based on the abstract concept of justice and natural law. -Medieval thinkers thought about developing a system under which the kingdom of God could be established on earth. Saint Augustine, while discussing 'The City of God', said that the earthly city is governed by the devil while the divine city is governed by God. Saint Thomas Aquinas considered the church to be the crown of social organization and thus gave it a higher place than the state. Kant described various laws and legal laws as a part of moral laws and Hegel called the state the incarnation of God on earth. While Hogel considered the world soul at the root of the world, Green called it 'eternal consciousness'. Harold J. Laski, in his thoughts in 'A Primer of Politics', mentioned such problems as to what the state should do. Traditional political science is based on imagination and philosophy. It has been influenced by the personality and views of its propounder political philosophers and thinkers. Most philosophical thinkers have been influenced by ethics or philosophy. They have paid attention to human life and social goals and values. For example, we can take the idea of achieving moral life propounded by Greek thinkers, the idea of establishing the kingdom of God by the Christian saint philosophers of the Middle Ages and the idea of meeting the conscience of the idealists. The ideas of these scholars have been called Trans-Empirical. Their ideas are subjective and their thinking system is deductive. The following are the characteristics of traditional political science. (1) कल्पनात्मक और आदर्ी --परम्परागि राजनीति विज्ञान में राजनीतिक व्यिस्थाओां के बारे में कोई कल्पना मक्स्िटक में कर िी जािी है और र्फर उस कल्पना को रचनात्मक रूप ददया जािा है । उदाहरणाथव, प्िेिो ने दार्वतनक राजा की कल्पना की और र्फर उस कक्ल्पि आदर्व के आ्ार पर आदर्व राज्य की सांरचना की। इस प्रकार की चचन्िन र्ैिी आदर्ी भसद्ाांि के तनमावण में सहायक होिी है और इसका जीिन के ठोस ित्िों से विर्ेष सांब् ां नहीां होिा। (2) अपररटकृि परम्परागि पद्तियों -परम्परागि राजनीति विज्ञान अध्ययन पद्ति की दृक्टि से इतिहासिादी, दर्वन प्र्ान और िणवनात्मक रहा है । परम्परागि राजनीति विज्ञान िम्बे समय िक इतिहास की चार दोबारी में ही फिा-फूिा और ऐतिहाभसक सांकल्पनाओ के इदव -चगदव ही अपनी अध्ययन सामग्री को मांजोिा रखा। राजनीतिक चचन्िकों ने राज्य, कानन ू , प्रभस ु त्ता, अच्कार, न्याय आदद सांकल्पनाओां के वििेचन में हो राजनीति विज्ञान को पररसीभमि कर ददया। (3) नैतिकिा और राजनीतिक मल् ू यों पर विर्ेष बि परम्परागि राजनीति विज्ञान उपदे र्ात्मक है और नैतिकिा और राजनीतिक मल् ू यों पर विर्ेष बि दे िा है । इसका मख् ु य सरोकार है - 'तया होना चादहए' और इसका कायव है नैतिक तनणवय दे ना। यह राजनीति-र्ास्त्र से ्तनटठ सांब् ां मानिा है इसभिए इसके अनस ु ार, "राजनीति आचारर्ास्त्र का परमादे र् मात्र है ।" (4) राज्य एक नैतिक सांस्था है परम्परागि राजनीति विज्ञान राज्य को एक नैतिक सांस्था मानिा है । यह राज्य को उच्चिम जीिन का सा्न स्िीकार करिा है । अरस्िू के अनस ु ार" राज्य का अक्स्ित्ि सदजीिन के भिए नहीां। रूसो के अनस ु ार सब नागररकों की िह इच्छा क्जसका उददे श्य सामान्य दहि हो, सामान्य इच्छा है और सामान्य इच्छा ही राज्य है । (5) कानन ू ी-औपचाररक सांस्थागि अध्ययन पर बि परम्परागि राजनीति विज्ञान के अध्ययन का बबम्ब राजनीतिक एिां सरकारी सांस्थाओां का ही रहा िथा इनका अध्ययन भी कानन ू ी औपचाररक और सांस्थागि था। जहाँ भिणखि सांवि्ान थे िहाँ सांवि्ान में िथा जहाँ भिणखि सांवि्ान नहीां थे िहाँ कानन ू ों के दिारा र्ासन व्यिस्था का तया रूप रखा गया है , केिि उति बाि को विस्िि ृ रूप में दर्ावना, इस पररप्रेक्ष्य के अध्ययनों का उददे श्य रहा है । इनके समक्ष यह उददे श्य नहीां था र्क सांवि्ान दिारा तनरूवपि र्ासन व्यिस्थाएँ व्यिहार में कैसे कायव करिी हैं? डायसी मन ु रो, ऑग एिां क्जांक ने अपने अध्ययन केिि औपचाररक सांस्थागि व्यिस्थाओां के वििेचन िक ही सीभमि रखे हैं। (6) प्र्ानिः सांकुचचि अध्ययन परम्परागि राजनीति विज्ञान के िेखकों की विर्ेषिा रही है र्क इनके अध्ययन प्रमख ु िया पाश्चात्य राज्यों की र्ासन व्यिस्था की सांकीणव पररच् में बां्े रहे । इनके अध्ययन मख् ु यिया यरू ोप और अमेररका िक ही सीभमि रहे । इन्होंने साम्यिादी जगि और िीसरी दतु नया के विकासर्ीि दे र्ों की राजनीतिक व्यिस्थाओां के अध्ययन की ओर पयावप्ि ध्यान नहीां ददया। पाश्चात्य राज्यों की पररच् में रहिे हुए इन िेखकों ने केिि िोकिाांबत्रक र्ासन व्यिस्थाओां को ही अध्ययन का बबन्द ु बनाया। एतसदिन िथा ऐटिर के र्ब्दों में, "परम्परागि दृक्टिकोण पाश्चात्य राजनीतिक व्यिस्थाओां िक सीभमि रहा और प्रमख ु िया एक सांस्कृति सांरूपण या समह ू का ही इसमें अध्ययन र्कया गया।" सांक्षेप में परम्परागि राजनीति विज्ञान कल्पना और दर्वन पर आ्ाररि है । परु ािन राजनीति र्ाक्स्त्रयों के अनस ु ् ां ान िथा विश्िेषण की प्रमख ु विच्याँ ऐतिहाभसक एिां िणवनात्मक रहीां। इनका सादहत्य पस् ु िकाियों में बैठ कर भिखा गया। उनके तनटकषव िकव पर आ्ाररि हैं। िे र्ासन प्रणाभियों के औपचाररक, कानन ू ी िथा सांस्थात्मक अध्ययन पर बि दे िे हैं। अमि ू व तनगमनात्मक काल्पतनक और इस नािे अिैज्ञातनक होने के नाम घर परम्परागि राजनीति विज्ञान की आिोचना की जािी है । Traditional political science is imaginative as well as normative. (1) Imaginative and idealistic - In traditional political science, an imagination about political systems is made in the mind and then that imagination is given a creative form. For example, Plato imagined a philosopher king and then on the basis of that imagined ideal, created an ideal state. This type of thinking style helps in the creation of idealistic theory and it does not have any special connection with the concrete elements of life. (2) Unrefined traditional methods - Traditional political science has been historicist, philosophical and descriptive in terms of study method. Traditional political science flourished for a long time in the four periods of history and kept its study material centered around historical concepts. Political thinkers limited political science to the discussion of concepts like state, law, sovereignty, rights, justice etc. (3) Special emphasis on morality and political values Traditional political science is didactic and lays special emphasis on morality and political values. Its main concern is- 'what should be' and its function is to give moral judgments. It believes in a close relationship with political science, hence according to it, "politics is only the mandate of ethics." (4) State is a moral institution Traditional political science considers state as a moral institution. It accepts state as a means of highest life. According to Aristotle, "the existence of the state is not for good life. According to Rousseau, the will of all citizens whose objective is common good is the general will and the general will is the state. (5) Emphasis on legal-formal institutional study The image of the study of traditional political science has been that of political and government institutions and their study was also legal, formal and institutional. Where there were written constitutions, what form of governance has been kept in the constitution and where there were no written constitutions, what form of governance has been kept through laws, the objective of studies in this perspective has been only to show in detail the above. They did not have the objective of how the governance systems formulated by the constitution work in practice. Dicey Munro, Ogg and Zinc have limited their studies to the discussion of formal institutional arrangements only. (6) Mainly narrow study-The specialty of the writers of traditional political science has been that their studies remained confined to the narrow periphery of the governance system of western states. Their studies remained mainly limited to Europe and America. They did not pay enough attention to the study of political systems of the communist world and the developing countries of the third world. Staying within the ambit of the western states, these writers made only democratic governance systems the point of study. In the words of Ekstein and Ashter, "The traditional approach remained limited to the western political systems and mainly studied one cultural configuration or group." In short, traditional political science is based on imagination and philosophy. The main methods of research and analysis of ancient political scientists were historical and descriptive. Their literature was written while sitting in libraries. Their conclusions are based on logic. They emphasize on formal, legal and institutional study of governance systems. Traditional political science is criticized for being abstract, deductive, imaginary and hence unscientific. आ्तु नक राजनीति विज्ञान की तनम्नभिणखि विर्ेषिाएां हैं- The following are the characteristics of modern political science- िैज्ञातनकिा आ्ुतनक राजनीतिर्ास्त्री अपने अध्ययन को अच्क िैज्ञातनक बनाना चाहिे हैं। िे राजनीतिक घिनाओां एिां िथ्यों को िैज्ञातनकिा की कसौिी पर कस कर उनकी जाँच करिे हैं। िे प्राकृतिक विज्ञान एिां अन्य सामाक्जक विज्ञानों से अध्ययन की नई-नई िकनीकों को िेकर राजनीति विज्ञान में उनका प्रयोग करिे हैं। व्यिहारिाददयों ने र्ो्किाव को अपनी र्ो् पद्तियों के सांब् ां में सिकव और आिोचनात्मक बने रहने की दृक्टि से बहुचर विश्िेषण (Multivariate analysis), प्रतिदर्व सिेक्षण (Sample surveys), गणणिीय प्रतिरूप (Mathematical models), अनरू ु पण (Simulations) आदद पररटकृि उपकरणों के प्रयोग का सझ ु ाि ददया। Scientificity Modern political scientists want to make their studies more scientific. They examine political events and facts by testing them on the touchstone of scientificity. They adopt new techniques of study from natural science and other social sciences and use them in political science. Behaviouralists suggested the use of sophisticated tools like multivariate analysis, sample surveys, mathematical models, simulations etc. to make the researcher cautious and critical about his research methods. (2) मल् ू य मत ु ि अध्ययन -आ्तु नक राजनीति विज्ञान मल् ू य मत ु ि अध्ययन पर जोर दे िा है । राजनीतिक विश्िेषण में यह मानिीय मल् ू यों जैसे नैतिकिा, न्याय, स्ििांत्रिा आदद को कोई स्थान नहीां दे िा। यह उन्हीां घिनाओां और िथ्यों को अपने अध्ययन का क्षेत्र बनािा है क्जन्हें या िो दे खा गया है या भविटय में दे खा जा सकिा है ।(2) Value-free study - Modern political science emphasises on value-free study. It does not give any place to human values like morality, justice, freedom etc. in political analysis. It makes only those events and facts the field of its study which have either been observed or can be observed in the future. (3) अन्िः अनर् ु ासनात्मक अध्ययनों पर बि- आ्ुतनक राजनीति विज्ञान की प्रिवृ त्त अन्िः अनर् ु ासनात्मक अध्ययनों पर जोर दे ने की है । आ्ुतनक विदिानों ने समाज-विज्ञान, मनोविज्ञान, अथवर्ास्त्र, आदद विषयों से बहुि कुछ भिया है । इसका पररणाम यह हुआ है र्क राजनीति विज्ञान में ऐसा बहुि कुछ आ चक ु ा है क्जससे यह राजनीतिक समाजर्ास्त्र और राजनीतिक मनोविज्ञान जैसा प्रिीि होिा है ।(3) Emphasis on inter-disciplinary studies - The tendency of modern political science is to emphasise on inter-disciplinary studies. Modern scholars have taken a lot from social sciences, psychology, economics, etc. The result of this is that a lot has come into political science which makes it look like political sociology and political psychology. (4) पण ू ि व या नयी राजनीतिक र्ब्दाििी का विकास --आ्ुतनक राजनीतिक िैज्ञातनक पण ू ि व या नयी र्ब्दाििी एिां अि्ारणाओां का प्रयोग करने िगे हैं। अब राजनीति विज्ञान का अध्ययन राजनीतिक विकास, राजनीतिक आ्ुतनकीकरण, राजनीतिक सांस्कृति, राजनीतिक सामाजीकरण जैसी नयी अि्ारणाओां के पररप्रेक्ष में र्कया जाने िगा है । इन अि्ारणाओां के स्पटि और तनक्श्चि अथव होिे हैं। (4) Development of completely new political terminology -- Modern political scientists have started using completely new terminology and concepts. Now political science is being studied in the context of new concepts like political development, political modernization, political culture, political socialization. These concepts have clear and definite meanings. (5) र्ो् एिां भसद्ाांि में घतनटठ सांब् ां --िैज्ञातनक पद्ति के प्रयोग दिारा आ्तु नक राजनीतिर्ास्त्री सामान्यीकरण, व्याख्या एिां भसद्ाांिों के तनमावण में िगे रहिे हैं। अब भसद्ाांि तनमावण कठोर र्ो् प्रर्क्याओां पर आ्ाररि हैं। र्ो् भसद्ाांि अब एक-दस ू रे के बबना तनरथवक माने जािे हैं। भसद्ाांि की प्रर्क्या अब र्ो्ोन्मख ु ी है । आ्तु नक राजनीति िैज्ञातनकों का एकमात्र उददे श्य राजनीति के सैद्ाांतिक प्रतिमानों (Models) को विकभसि करना है । इसी आ्ार पर ये राजनीतिक िथ्यों एिां घिनाओां के सांब् ां में खोज करिे हैं एिां उनका श्िेषण करिे हैं।(5) Close relationship between research and theory— By using scientific method, modern political scientists are engaged in generalization, explanation and construction of theories. Now theory construction is based on rigorous research processes. Research theories are now considered meaningless without each other. The process of theory is now research oriented. The sole objective of modern political scientists is to develop theoretical models of politics. On this basis, they do research and analyze political facts and events. (6) यथाथविादी-व्यिहारपरक अध्ययनों पर बि आ्ुतनक राज िैज्ञातनक यथाथविादी और िथ्यपरके) अध्ययनों पर बि दे िे हैं बाइस के अनस ु ार अपनी पस् ु िक अमेररकन कॉमन िेल्थ की रचना में उनका उददे श्य "अमेररका की सांस्थाओां और उसकी जनिा को बबल्कुि िैसा ही चचबत्रि करना है जैसे िे हैं।" इसी भािना को उन्होंने 1924 में प्रकाभर्ि अपनी पस् ु िक मॉडनव डेमोक्ेसीजों में इस प्रकार व्यति र्कया "सबसे अच्क आिश्यक है (िथ्य-िथ्य िथ्य। अब राजनीति विज्ञान के विदिानों ने इस बाि की खोज प्रारम्भ कर दी र्क सांवि्ान का स्िरूप चाहे जो भी हो समाज में र्क्ति के िास्िविक स्त्रोि और र्कद्र कहाँ क्स्थि हैं, र्ासक िगव अपनी र्क्तियों का प्रयोग र्कस रूप में कर रहा है और र्ाभसि िगव का राजनीतिक व्यिहार कैसा है ? पि ू व अध्ययन कानन ू ी एिां सांस्थागि थे, अब उनका स्थान राजनीतिक प्रर्क्याओां को समझने की प्रिवृ त्त ने िे भिया और राजनीतिक दि, दबाि गि ु और मिदान व्यिहार आदद से सांबचां ्ि व्यापक अध्ययन र्कये जाने िगे। राजनीतिक सांस्थाओां के अध्ययन की अपेक्षा अब व्यक्तियों के राजनीतिक व्यिहारी के के विश्िेषण पर बि ददया जाने िगा। (6) Emphasis on Realist-Behavioral Studies Modern political scientists emphasize on realistic and behavioral studies. According to Bice, his aim in writing his book American Commonwealth was "to portray America's institutions and its people exactly as they are." He expressed this feeling in his book Modern Democracies published in 1924 as follows: "The most important thing is facts, facts, facts. Now the scholars of political science started to find out that whatever be the form of the constitution, where are the real sources and centers of power located in the society, how is the ruling class using its powers and what is the political behavior of the ruled class? Earlier studies were legal and institutional, now they were replaced by the tendency to understand political processes and extensive studies related to political parties, pressure groups and voting behavior etc. started being done. Instead of studying political institutions, now emphasis was laid on the analysis of the political behavior of individuals. क् टकषव :- दवििीय विश्ि यद ु ् के बाद क्जस व्यिहारिादी आांदोिन का उदय हुआ उसने परम्परागि राजनीति विज्ञान की कभमयों को उजागर र्कया और राजनीति विज्ञान को निीन िथ्य, निीन अध्ययन सामग्री और पद्तियाँ प्रदान कीां। िेर्कन 1960 के बाद यह स्पटि होने िगा र्क व्यिहारिादी राजनीति विज्ञान की अपनी कभमयाँ और सीमाएँ हैं। Conclusion: - The behavioral movement that emerged after the Second World War exposed the shortcomings of traditional political science and provided new facts, new study material and methods to political science. But after 1960 it became clear that behavioral political science has its own shortcomings and limitations.. (राजनीति विज्ञान की प्रकृति) राजनीति विज्ञान की प्रकृति (Nature) के सम्बन्् में विदिानों में भारी मिभेद हैं। राजनीति विज्ञान की प्रकृति का विश्िेषण करिे हुए कुछ विदिान यदद इसे किा मानिे हैं िो दस ू रे इसे विज्ञान की श्रेणी में रखिे हैं। अरस्िू है इसको सिोच्च िथा पण ू व विज्ञान माना जबर्क बतिे और मेििैण्ड इसे विज्ञान मानने के भिए िैयार नहीां हैं। उनके विचार में राज्य का िैज्ञातनक अध्ययन हो ही नहीां सकिा। बति का िो यहाँ िक कहना "है र्क "ज्ञान के ििवमान ्रािि पर राजनीति का विज्ञान होना िो दरू , िह किाओां में भी सबसे वपछडी हुई किा है ।"(Nature of Political Science) There are huge differences among scholars regarding the nature of political science. While analysing the nature of political science, some scholars consider it an art while others put it in the category of science. Aristotle considered it the highest and complete science while Buckley and Maitland are not ready to accept it as a science. In their opinion, scientific study of the state is not possible. Buckle even goes on to say that "On the present level of knowledge, politics is far from being a science, it is the most backward art among the arts." तया 'राजनीति विज्ञान' विज्ञान है ? (Is Political Science a Science) हमारे विषय को विज्ञान मानने के विषय में राजनीति विज्ञान के विदिानों में ही बहुि अच्क मिभेद है , यदयवप बोदाँ, हॉन्स, मॉन्िे स्तय,ू बाइस, फाइनर और िास्की जैसे विदिान राजनीति विज्ञान को विज्ञान की श्रेणी में रखिे हैं। जाजव बनावडव र्ॉ ने िो यहाां िक कहा था र्क " राजनीति विज्ञान ही ऐसा विज्ञान है क्जसके दिारा सभ्यिा को बचाया जा सकिा है ।" िेर्कन दस ू री िरफ कैिभिन। बोगस, काम्दे , मेििैण्ड आदद विदिान राजनीति विज्ञान के इस दािे को मानने के भिए िैयार नहीां है र्क िह एक विज्ञान है । मेििैण्ड भिखिा है र्क "जब में ऐसे परीक्षा प्रश्नों के समह ू को दे खिा हूँ र्क क्जनका र्ीषवक राजनीति विज्ञान होिा है िो मझ ु े प्रश्न पर नहीां, बक्ल्क र्ीषवक पर अफसोस होिा है । चाल्सव वियडव के अनस ु ार, राजनीति का विज्ञान बनना न िो िाांछनीय है और न सम्भि । Is 'Political Science' a Science? (Is Political Science a Science) There is a lot of difference of opinion among the scholars of political science about considering our subject as a science, although scholars like Bodan, Hons, Montesquieu, Bice, Finer and Laski put political science in the category of science. George Bernard Shaw even said that "Political science is the only science by which civilization can be saved." But on the other hand scholars like Catlin, Bogus, Kamde, Maitland etc. are not ready to accept the claim of political science that it is a science. Maitland writes that "When I see a group of such examination questions whose title is Political Science, then I regret not the question, but the title. According to Charles Weird, it is neither desirable nor possible for politics to become a science. विज्ञान से अभभप्राय (Meaning of the "Science") राजनीति विज्ञान की िैज्ञातनकिा की जाँच करने के भिए विज्ञान र्ब्द का अथव समझना आिश्यक है । (1) िथ्यों का क्मबद् एिां तनटपक्ष अध्ययन । (2) पयविेक्षण एिां परीक्षण पद्ति का प्रयोग। (3) िथ्यपरक दृक्टिकोण दिारा सत्य की खोज। (4) सामान्य तनयमों का तन्ावरण । (5) सामान्य तनयमों के आ्ार पर तनक्श्चि भविटयिाणी की क्षमिा। (6) अध्ययन विच् के सम्बन्् में व्यापक सहमति । (7) इसके अध्ययन में िगे हुए व्यक्तियों का समचु चि प्रभर्क्षण । Meaning of the "Science" To examine the scientific nature of political science, it is necessary to understand the meaning of the word science. (1) Systematic and unbiased study of facts. (2) Use of observation and testing methods. (3) Search for truth through a factual approach. (4) Determination of general rules. (5) Ability to make definite predictions on the basis of general rules. (6) Wide consensus regarding the method of study. (7) Proper training of the people engaged in its study. राजनीति विज्ञान' विज्ञान नहीां है (Political Science is not a Science) विज्ञान के उपयत ुव ि िक्ष्यों को दे खिे हुए राजनीति र्ास्ि को विज्ञान की श्रेणी में नहीां रखा जा सकिा। ांाांस के प्रभसद् दार्वतनक कॉम्िे ने इस विषय को विज्ञान न मानने के तनम्नभिणखि िीन कारण बिाये है - (1) राजनीति विज्ञान को पद्तियों, भसद्ान्िों एिां तनटकषों के सम्बन्् में विदिान एकमि नहीां है । (2) इसके विकास में तनरन्िरिा का अभाि है । (3) इसमें उन ित्िों का अभाि है क्जनके आ्ार पर तनक्श्चि भविटयिाणी की जा सके। बकव ने भिखा है क्जस प्रकार सौन्दयवर्ास्त्र को विज्ञान की सांज्ञा नहीां दी जा सकिी उसी प्रकार राजनीति- विज्ञान को भी विज्ञान नहीां कहा जा सकिा तयोंर्क इसमें कुछ भी तनक्श्चि नहीां है । इसकी कोई सीमाएां नहीां है , यह तनरन्िर पररििवनर्ीि है । Political Science is not a Science Considering the above objectives of science, political science cannot be placed in the category of science. The famous French philosopher Comte has given the following three reasons for not considering this subject as science: (1) Scholars are not unanimous regarding the methods, principles and conclusions of political science. (2) There is lack of continuity in its development. (3) It lacks those elements on the basis of which definite predictions can be made. Burke has written that just as aesthetics cannot be called a science, similarly political science also cannot be called a science because nothing is certain in it. It has no boundaries, it is constantly changing. राजनीति विज्ञान की िैज्ञातनकिा (Political Science as a Science) आज अच्काांर् राजनीति र्ारिी राजनीति विज्ञान को विज्ञान मानिे हैं। अरस्िू ने सिवत्रयम राजनीति को एक सव्ु यिक्स्थि विज्ञान की सांज्ञा दी थी। इसी कारण िो मैतमी ने उसे प्रथम राजनीति िैज्ञातनक कहा था। आज विज्ञान की पारम्पररक पररभाषा के सन्दभव में समाज र्ास्त्र के विषयों को नहीां दे खा जािा। विज्ञान एक क्मबद् ज्ञान है । व्यिक्स्थि रूप में र्कसी विषय का अध्ययन ही उसका विभर्टि ज्ञान समझा जािा है । यदद समाज विज्ञान के र्कसी विषय के अध्ययन में िैज्ञातनक पद्ति का प्रयोग र्कया जािा है िो उसे विज्ञान की श्रेणी में रखा जािा है । तनम्नभिणखि िकों के आ्ार पर राजनीति विज्ञान को विज्ञान की श्रेणी में रखा जा सकिा है Political Science as a Scienc--Today, most political scientists consider political science as a science. Aristotle had called universal politics a well-organized science. This is why Macmey called him the first political scientist. Today, the subjects of social science are not seen in the context of the traditional definition of science. Science is a systematic knowledge. The study of a subject in a systematic form is considered its specific knowledge. If scientific method is used in the study of any subject of social science, then it is placed in the category of science. On the basis of the following arguments, political science can be placed in the category of science (1) राजनीति विज्ञान में परीक्षण और पयविक्ष े ण सम्भि है राजनीति विज्ञान में परीक्षण और पयविक्ष े ण की पद्ति से िथ्यों का पिा िगया जा सकिा है । इतिहास राजनीतिर्ास्त्री की प्रयोगर्ािा है । राजनीतिक समस्याओां के सम्बन्् में सभ्यिा के आददकाि से अब िक सैकडों प्रयोग हुए हैं क्जनसे सामान्य भसद्ाांि तनकािे जा सकिे हैं। उदाहरणाथव, अरस्िू ने 158 सांवि्ानों का अध्ययन र्कया और उसके आ्ार पर क्ाांति के सामान्य कारणों का पिा िगाया िथा उसे रोकने के उपाय बिाये। राजनीति विज्ञान का विदयाथी इांग्िैण्ड, ांाांस और रूस की क्ाक्न्ियों का अध्ययन करके सामान्य कारणों का पिा िगा सकिा है ।(1) Testing and observation is possible in political science. In political science, facts can be found out by the method of testing and observation. History is the laboratory of the political scientist. From the beginning of civilization till now, hundreds of experiments have been done in relation to political problems, from which general principles can be derived. For example, Aristotle studied 158 constitutions and on the basis of that found out the common causes of revolution and suggested ways to prevent it. A student of political science can find out the common causes by studying the revolutions of England, France and Russia. (2) राजनीति विज्ञान में प्रयोग सम्भि है यदद विस्िि ृ दृक्टि से दे खा जाए िो राजनीति में तनत्य नये-नये प्रयोग हो रहे हैं। प्रत्येक दे र् में जो तनत्य नयी राजनीतिक घिनाएँ हो रही हैं िे ही राजनीतिक प्रयोग हैं। सांसद दिारा तनभमवि प्रत्येक कानन ू िथा प्रत्येक दे र् का सांवि्ान एक प्रयोग ही हैं। अमेररका में अध्यक्षात्मक र्ासन प्रणािी का प्रयोग हुआ है िो भारि में सांसदात्मक र्ासन प्रणािी का प्रयोग हो रहा है । । विभभन्न दे र्ों में जो प्रयोग हो रहे हैं उनके आ्ार पर तनक्श्चि तनटकषव तनकािे जा सकिे हैं।(2) Experiments are possible in political science If seen from a broad perspective, new experiments are taking place in politics every day. The new political events taking place every day in every country are political experiments. Every law made by the parliament and the constitution of every country is an experiment. Presidential system of government has been used in America while parliamentary system of government is being used in India. Certain conclusions can be drawn on the basis of the experiments taking place in different countries. (3) राजनीति विज्ञान में भविटयिाणी की जा सकिी है (फाइनर के अनस ु ार, "हम भविटय की सम्भािनाओां के विषय में िो अिश्य ही भविटयिाणी कर सकिे हैं, भिे ही उसे पण ू व तनश्चय के साथ ने भी कह सकें। ऋिर् ु ास्त्र, भग ू भवर्ास्ि आदद अनेक विषय विज्ञान कहिािे हैं जबर्क उनके दिारा दी गई भविटयिाणणयाँ अनेक बार ठीक नहीां होिीां। िॉडव ब्राइस ने राजनीति विज्ञान को ऋिर् ु ास्त्र की िरह का विज्ञान माना है ।"(3) Predictions can be made in political science Predictions can be made in political science too. It can be said about the system which ignores public opinion that revolution is inevitable there. By studying voting behaviour before elections, political scientists can make correct predictions about election results (According to Finer, "We can certainly predict the possibilities of the future, even if we cannot say it with complete certainty. Many subjects like meteorology, geology etc. are called sciences, but the predictions given by them often do not turn out to be correct. Lord Bryce has considered political science to be a science like meteorology.") (4) राजनीति विज्ञान एक कपबद् ज्ञान है राजनीति विज्ञान ज्ञान की एक पथ ृ क र्ाखा है । इसकी सभी बािों का क्मबद् रूप से अध्ययन र्कया जा सकिा है । इसका क्षेत्र तनक्श्चि है िथा इसके अच्काांर् तनयम स्थावपि हो चक ु े हैं। अिः इसे समाज विज्ञानों की श्रेणी में रखा जा सकिा है ।(4) Political science is a complex knowledge Political science is a separate branch of knowledge. All its aspects can be studied systematically. Its area is definite and most of its rules have been established. Therefore, it can be placed in the category of social sciences. (5) कायव और कारण में पारस्पररक सम्बन्् यह सच है र्क भौतिक विज्ञान की िरह राजनीति विज्ञान के कारण िथा कायव में प्रत्यक्ष सम्बन्् स्थावपि नहीां र्कया जा सकिा। र्फर भी विर्ेष घिनाओां के अध्ययन में कुछ सामान्य पररणाम िो तनकािे ही जा सकिे हैं। उदाहरणाथव, यदद हम सभी दे र्ों की क्ाक्न्ियों के कारणों की खोज करें िो हम इस तनटकषव पर पहुांचेंगे र्क सभी क्ाक्न्ियों का मि ू कारण कुर्ासन रहा है ।(5) Mutual relationship between cause and effect It is true that like physical science, a direct relationship cannot be established between cause and effect in political science. Nevertheless, some general results can be drawn from the study of special events. For example, if we search for the causes of revolutions in all countries, then We will conclude that the root cause of all revolutions has been bad governance. (6) राजनीति विज्ञान में सामान्य तनयमों का अक्स्ित्ि राजनीति विज्ञान में अनेक भसद्ाांिों में मिैतय पाया जािा है ; जैसे स्ििन्त्रिा और समानिा िोकिन्त्र के आ्ारभि ू भसद्ाांि हैं, कुर्ासन क्ाक्न्ि का कारण होिा है, तन्वनिा और तनरक्षरिा मानिीय प्रिवृ त्त में बा्क ित्ि है , न्यायपाभिका स्ििन्त्र और तनटपक्ष होनी चादहए। िस्िि ु ः राजनीति विज्ञान में सािवभौभमक भसद्ाांिों का जो अभाि है उसका कारण इसकी अिैज्ञातनकिा नहीां है , िरन ् मनटु य का पररििवनर्ीि स्िभाि है । तनक्श्चििा ् और सािवभौभमकिा का अचाि भग ू भवर्ास्त्र, ऋिर् ु ास्त्र िथा ज्योतिविवज्ञान में भी पाया जािा है । (6) Existence of general rules in political science There is consensus in many principles in political science; such as liberty and equality are the basic principles of democracy, bad governance is the cause of revolution, poverty and illiteracy are the factors hindering human instinct, judiciary should be independent and impartial. In fact, the reason for the lack of universal principles in political science is not its unscientific nature, but the changing nature of man. The lack of certainty and universality is also found in geology, meteorology and astrology. तनटकषव-राजनीति विज्ञान भौतिक विज्ञान के समान विज्ञान नहीां है । इसके भसद्ाांि और तनटकषव अतनक्श्चि है और इसके पि ू -व कथन र्द ु ् नहीां होिे। इसके भसद्ाांिों के सम्बन्् में राजनीतिर्ाक्स्त्रयों में मिभेद होना कोई आश्चयव की बाि नहीां है । र्फर भी राजनीतिर्ास्त्री अपने अध्ययन की समचु चि पद्ति के सम्बन्म में बहुि कुछ एकमि होने िगे हैं। ऐसी दर्ा में हम अपने विषय को विज्ञान की सांज्ञा दे सकिे हैं, र्कन्िु हमें यह सत्य भी स्िीकार कर िेना चादहए र्क राजनीति विज्ञान अभी भी सामाक्जक विज्ञानों में सबसे कम विकभसि विज्ञान है । Conclusion-Political science is not a science like physical science. Its principles and conclusions are uncertain and its assumptions are not accurate. It is not surprising that there are differences among political scientists regarding its principles. Nevertheless, political scientists have started to agree on a fair method of their study. In such a situation, we can call our subject a science, but we should also accept the truth that political science is still the least developed science among the social sciences. राजनीति विज्ञान एक 'किा' भी है (Political Science as an Art) बति ने इस विषय को किाओां की श्रेणी में भी सबसे वपछडी हुई किा स्िीकार र्कया है । यह मानना सिवथा गिि है र्क कोई विषय विज्ञान या किा दोनों में से कोई एक ही हो सकिा है (विभियम एसभिांगर ने ठीक ही भिखा है र्क "विज्ञान और किा परस्पर विरो्ी होना जरूरी नहीां है । किा र्कसी ज्ञान का र्क्यात्मक पहिू है । किा िह वि्ा है जो हमें र्कसी कायव को अच्छी िरह करना भसखाये। इस मापदण्ड से राजनीति विज्ञान तनक्श्चि ही एक किा है। गैिेि के अनस ु ार, राजनीति की किा का उददे श्य मनटु य के र्क्या-किापों से सम्बक्न््ि उन भसद्ान्िों एिां तनयमों का तन्ावरण करना है, क्जन पर चिना राजनीतिक सांस्थाओां के कुर्ि सांचािन के भिए आिश्यक है ।" 'िांझिी ने भिखा है र्क "राजनीति से विज्ञान की अपेक्षा किा का अच्क बो् होिा है । राज्य का सांचािन क्जस ढां ग से हो, र्क्यात्मक दृक्टि से िह कैसा व्यिहार करे , राजनीति में इन बािों का प्रतिपादन होिा Political Science as an Art Buckle has accepted this subject as the most backward art even in the category of arts. It is completely wrong to believe that a subject can be either science or art. (William Eslinger has rightly written that "Science and art need not be opposed to each other. Art is the practical aspect of any knowledge. Art is that discipline which teaches us to do some work well. By this criterion, political science is definitely an art. According to Gatell, the purpose of the art of politics is to determine those principles and rules related to human activities, which are necessary for the efficient functioning of political institutions." Lanjhali has written that "Politics gives more understanding of art than science. The way in which the state is run, how it should behave from the practical point of view, these things are presented in politics. राजनीति विज्ञान एक किा है , तयोंर्क (1) यह किा हमें आदर्व नागररक बनना भसखािी है । ) ( राजनीति विज्ञान न केिि हमें राज्य सम्बन््ी भसद्ान्िों की जानकारी प्रदान करिा है , बक्ल्क इन भसद्ाांिों को कायवरूप में पररणि करने की प्रेरणा भी दे िा है । (3) राजनीति विज्ञान किा है तयोंर्क इसके अन्िगवि राजनैतिक जीिन का सिाांगीण चचत्रण होिा है । (4) उस सीमा िक राजनीति विज्ञान एक किा है । क्जस सीमा िक मानि अपने उपाक्जवि ज्ञान का प्रयोग एक उत्तम राज्य के तनमावण के भिए करिा है , (5) मैर्कयािेिी और कौदिल्य जैसे दार्वतनकों ने राजनीति के किात्मक पक्ष पर व्यापक प्रकार् डािा है । सांक्षेप में, राजनीतिर्ास्त्र विज्ञान और किा दोनों है । िह मनटु य के राजनीतिक जीिन से सम्बक्न््ि भसद्ान्िों का व्यिक्स्थि ज्ञान है , अिः िह एक विज्ञान है । यह उन भसद्ान्िों का व्यिहाररक जीिन में प्रयोग है , अिः िह एक किा है । किा के रूप में राजनीति विज्ञान एक उच्चस्िरीय किा है, Political science is an art because (1) This art teaches us to become ideal citizens. (2) Political science not only provides us with information about the principles of the state, but also inspires us to put these principles into practice. (3) Political science is an art because it depicts political life in all its aspects. (4) Political science is an art to the extent that man uses his acquired knowledge to build a good state. (5) Philosophers like Machiavelli and Kautilya have thrown extensive light on the artistic side of politics. In short, political science is both science and art. It is a systematic knowledge of the principles related to man's political life, hence it is a science. It is the application of those principles in practical life, hence it is an art. As an art, political science is a high level art, तनबन््ात्पक प्रश्न 1. राजनीतिर्ास्त्र िास्िि में विज्ञान है अथिा किा ? ठोस कारणों सदहि उत्तर दीक्जए। 2.राजनीति विज्ञान की पररभाषा दीक्जए और समझाइये र्क राजनीति विज्ञान एक विज्ञान है । िघु उत्तरीय प्रश्न 1. राजनीति विज्ञान एक किा है , समझाइये। 2. तया राजनीति विज्ञान में भविटयिाणी की जा सकिी है ? 3. राजनीति विज्ञान की िैज्ञातनकिा समझाइये। Essay Type Questions 1. Is political science really a science or an art? Answer with solid reasons. 2. Define political science and explain that political science is a science. Short Answer Questions 1. Explain that political science is an art. 2. Can predictions be made in political science? 3. Explain the scientific nature of political science.