Class 10 Science Chapter 2: Acids, Bases and Salts (Hindi)
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Sarvodaya Vidyalaya
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This chapter discusses the properties of acids, bases, and salts, and their applications in daily life. It explores the reactions between these substances and their significance in various chemical processes.
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अध्याय 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण आ पने पिछली कक्षाओ ं में अध्ययन किया होगा कि भोजन का खट्टा एवं कड़वा स्...
अध्याय 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण आ पने पिछली कक्षाओ ं में अध्ययन किया होगा कि भोजन का खट्टा एवं कड़वा स्वाद भोजन में विद्यमान क्रमशः अम्ल एवं क्षारक के कारण होता है। यदि आपके परिवार का कोई सदस्य अत्यधिक भोजन करने के कारण अम्लता से पीड़ित है तो आप कौन सा उपचार सझु ाएँगे? नींबू पानी, सिरका या बेकिंग सोडा का विलयन? उपचार बताते समय आप किस गणु धर्म का ध्यान रखेंगे? आप जानते हैं कि अम्ल एवं क्षारक एक-दसू रे के प्रभाव को समाप्त करते हैं। आपने अवश्य ही इसी जानकारी का उपयोग किया होगा। याद कीजिए कि कै से हमने बिना स्वाद चखे ही खट्टे एवं कड़वे पदार्थों की जाँच की थी। आप जानते हैं कि अम्लों का स्वाद खट्टा होता है तथा यह नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं। जबकि क्षारकों का स्वाद कड़वा होता है एवं यह लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं। लिटमस एक प्राकृ तिक सचू क होता है। इसी प्रकार हल्दी (turmeric) भी एक एेसा ही सचू क है। क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि श्वेत कपड़े पर लगे सब्जी के दाग पर जब क्षारकीय प्रकृ ति वाला साबनु रगड़ते हैं तब उस धब्बे का रंग भरू ा-लाल हो जाता है? लेकिन कपड़े को अत्यधिक जल से धोने के पश्चात् वह फिर से पीले रंग का हो जाता है। अम्ल एवं क्षारक की जाँंच के लिए आप संश्लेषित (synthetic) सचू क जैसे मेथिल अॉरें ज (methyl orange) एवं फीनॉल्फथेलिन (phenolphthalein) का भी उपयोग कर सकते हैं। इस अध्याय में हम अम्ल एवं क्षारक की अभिक्रियाओ ं के बारे में अध्ययन करें ग।े हमें जानकारी प्राप्त होगी कि अम्ल एवं क्षारक कै से एक-दसू रे के प्रभाव को समाप्त कर देते हैं। साथ ही दैनिक जीवन में पाई जाने वाली तथा उपयोग में आने वाली बहुत सी रोचक वस्तुओ ं के बारे में भी हम अध्ययन करें गे। क्या आप जानते हैं? लिटमस विलयन बैंगनी रंग का रंजक होता है जो, थैलोफ़ाइटा समहू के लिचेन (lichen) पौधे से निकाला जाता है। प्रायः इसे सचू क की तरह उपयोग किया जाता है। लिटमस विलयन जब न तो अम्लीय होता है न ही क्षारकीय, तब यह बैंगनी रंग का होता है। बहुत सारे प्राकृ तिक पदार्थ; जैसे– लाल पत्ता गोभी, हल्दी, हायड्रेंजिया, पिटूनिया एवं जेरानियम जैसे कई फूलों की रंगीन पंखड़िया ु ँ किसी विलयन में अम्ल एवं क्षारक की उपस्थिति को सचि ू त करते हैं। इन्हें अम्ल-क्षारक सचू क या कभी-कभी के वल सचू क कहते हैं। Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 19 30-11-2022 12:01:54 प्रश्न ? 1. आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दसू रे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको के वल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कै से करें गे? 2.1 अम्ल एवं क्षारक के रासायनिक गुणधर्म समझना 2.1.1 प्रयोगशाला में अम्ल एवं क्षारक क्रियाकलाप 2.1 विज्ञान की प्रयोगशाला से हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), सल्फ़्यूरिक अम्ल (H2SO4), नाइट्रिक अम्ल (HNO3), एेसीटिक अम्ल (CH3COOH), सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), कै ल्सियम हाइड्रॉक्साइड ([Ca(OH)2])] पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड ([Mg(OH)2]) एवं अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) के विलयनों के नमनू े एकत्र कीजिए। ऊपर दिए गए प्रत्येक विलयन की एक बँदू वाच ग्लास में बारी-बारी से रखिए एवं सारणी 2.1 के अनसु ार निम्नलिखित सचू कों से उसकी जाँच कीजिए। लाल लिटमस, नीले लिटमस, फे नॉलप्थेलियन एवं मेथिल अॉरें ज विलयन के साथ लिए गए विलयन के रंग में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं? अपने प्रेक्षण को सारणी 2.1 में लिखिए। सारणी 2.1 विलयन का लाल लिटमस नीला लिटमस फीनॉल्फथेलिन मेथिल अॉरेंज नमूना विलयन विलयन विलयन विलयन रंग में परिवर्तन के द्वारा यह सचू क हमें बताते हैं कि कोई पदार्थ अम्ल है या क्षारक। कुछ एेसे पदार्थ होते हैं, जिनकी गधं अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में भिन्न हो जाती है। इन्हें गंधीय (Olfactory) सच ू क कहते हैं। आइए, इनमें से कुछ सचू कों की जाँच करें । क्रियाकलाप 2.1 बारीक कटी हुई प्याज तथा स्वच्छ कपड़े के टुकड़े को एक प्लास्टिक के थैले में लीजिए। थैले को कस कर बाँध दीजिए तथा परू ी रात फ्रिज में रहने दीजिए। अब इस कपड़े के टुकड़े का उपयोग अम्ल एवं क्षारक की जांँच के लिए किया जा सकता है। इसमें से दो टुकड़े लीजिए एवं उनकी गंध की जाँच कीजिए। इन्हें स्वच्छ सतह पर रखकर उनमें से एक टुकड़े पर तनु HCl विलयन की कुछ बँदू ें एवं दसू रे पर तनु NaOH विलयन की कुछ बँदू ें डालिए। दोनों टुकड़ों को जल से धोकर उनकी गंध की पनु ः जाँच कीजिए। 20 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 20 30-11-2022 12:01:54 अपने प्रेक्षणों को लिखिए। अब थोड़ा तनु वैनिला एवं लौंग का तेल लीजिए तथा इनकी गंधों की जाँच कीजिए। एक परखनली में तनु HCl विलयन एवं दसू री में तनु NaOH का विलयन लीजिए। दोनों में तनु वैनिला एसेंस की कुछ बँदू ें डालकर उसे हिलाइए। उसकी गंध की पनु ः जाँच कीजिए। यदि गंध में कोई बदलाव है तो उसे दर्ज़ कीजिए। इसी प्रकार तनु HCl एवं तनु NaOH के साथ लौंग के तेल (clove oil) की गधं में आए परिवर्तन की जाँच कर अपने प्रेक्षण को दर्ज़ कीजिए। आपके प्रेक्षण के आधार पर वैनिला, प्याज एवं लौंग के तेल में से किसे गधं ीय (olfactory) सचू क की तरह उपयोग किया जा सकता है? अम्ल एवं क्षारक के रासायनिक गणु धर्मों को समझने के लिए आइए, कुछ और क्रियाकलाप करते हैं। 2.1.2 अम्ल एवं क्षारक धातु के साथ कै से अभिक्रिया करते हैं? क्रियाकलाप 2.3 चित्र 2.1 के अनसु ार उपकरण व्यवस्थित कीजिए। एक परखनली में लगभग 5 mL तनु सल्फ़्यूरिक अम्ल लीजिए एवं इसमें दानेदार जिंक के टुकड़े डालिए। दानेदार जिंक के टुकड़ों की सतह पर आप क्या देखते हैं? उत्सर्जित गैस को साबनु के विलयन से प्रवाहित कीजिए। साबनु के विलयन में बल ु बल ु े क्यों बनते हैं? जलती हुई मोमबत्ती को गैस वाले बल ु बलु े के पास ले जाइए। आप क्या प्रेक्षण करते हैं? कुछ अन्य अम्ल जैसे HCl, HNO3 एवं CH3COOH के साथ यह क्रियाकलाप दोहराइए। प्रत्येक स्थिति में आपका प्रेक्षण समान है या भिन्न? प्रवाह नली स्टैंड फट-फट की ध्वनि के साथ हाइड्रोजन गैस का दहन हाइड्रोजन मोमबत्ती परखनली गैस के तनु सल्फ़्यूरिक अम्ल बलु बलु े दानेदार जिंक के टुकड़े हाइड्रोजन से भरे साबनु के बल ु बलु े साबनु का विलयन चित्र 2.1 दानेदार जिंक के टुकड़ों के साथ तनु सल्फ़्यूरिक की अभिक्रिया एवं ज्वलन द्वारा हाइड्रोजन गैस की जाँच अम्ल, क्षारक एवं लवण 21 Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 21 30-11-2022 12:01:54 ध्यान दीजिए कि ऊपर दी गई अभिक्रियाओ ं में धात,ु अम्लों से हाइड्रोजन परमाणओ ु ं का हाइड्रोजन गैस के रूप में विस्थापन करती है और एक यौगिक बनाता है, जिसे लवण कहते हैं। अम्ल के साथ धातु की अभिक्रिया को इस प्रकार व्यक्त कर सकते हैं— अम्ल + धातु लवण + हाइड्रोजन गैस आपने जिन अभिक्रियाओ ं का प्रेक्षण किया है, क्या आप उनका समीकरण लिख सकते हैं? क्रियाकलाप 2.4 एक परखनली में जिंक के कुछ दानेदार टुकड़े रखिए। उसमें 2 mL सोडियम हाइड्रॉक्साइड का घोल मिलाकर उसे गर्म कीजिए। तत्पश्चात, क्रियाकलाप 2.3 के अनसु ार क्रियाओ ं को दोहराइए एवं अपने प्रेक्षण को लिखिए। इस अभिक्रिया को निम्न प्रकार से लिख सकते हैं— 2NaOH(aq) + Zn(s) Na2ZnO2(s) + H2(g) (सोडियम जिंकेट) आप देखगें े कि अभिक्रिया में पनु ः हाइड्रोजन बनता है, किंतु एेसी अभिक्रियाएँ सभी धातओ ु ं के साथ संभव नहीं हैं। 2.1.3 धातु कार्बोनेट तथा धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट अम्ल के साथ कै से अभिक्रिया करते हैं? थिसेल फनेल (कीप) क्रियाकलाप 2.5 स्टैण्ड कॉर्क निकास नली दो परखनलियाँ लीजिए। उन्हें ‘A’ एवं ‘B’ से परखनली नामांकित कीजिए। परखनली ‘A’ में लगभग 0.5 g सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) लीजिए एवं परखनली ‘B’ में 0.5 g कार्बन डाइअॉक्साइड गैस तनकु ृ त हाइड्रोक्लोरिक परखनली कै ल्सियम सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट (NaHCO3) लीजिए। अम्ल हाइड्रॉक्साइड का विलयन दोनों परखनलियों में लगभग 2 mL तनु HCl मिलाइए। सोडियम आपने क्या निरीक्षण किया? कार्बोनेट चित्र 2.2 के अनुसार प्रत्येक स्थिति में उत्पादित चित्र 2.2 गैस को चनू े के पानी (कै ल्सियम हाइड्रॉक्साइड का कै ल्सियम हाइड्रॉक्साइड में से विलयन) से प्रवाहित कीजिए एवं अपने निरीक्षणों को कार्ब न डाइअॉक्साइड गैस को अभिलिखित कीजिए। गज़ु ारना उपरोक्त क्रियाकलाप में होने वाली अभिक्रियाओ ं को इस प्रकार लिखा जाता हैः परखनली ‘A’ ः Na2Co3(s) + 2HCl(aq) 2NaCl(aq) + H2O(l) + CO2(g) परखनली ‘B’ ः NaHCO3(s) + HCl(aq) NaCl(aq) + H2O(l) + CO2(g) 22 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 22 30-11-2022 12:01:54 उत्पादित कार्बन डाइअॉक्साइड गैस को चनू े के पानी से प्रवाहित करने पर, Ca(OH)2(aq) + CO2(g) CaCO3(s) + H2O(l) (चनू े का पानी) (श्वेत अवक्षेप) अत्यधिक मात्रा में कार्बन डाइअॉक्साइड प्रवाहित करने पर निम्न अभिक्रिया होती है— CaCO3(s) + H2O(l) + CO2(g) Ca(HCO3)2(aq) (जल में विलयशील) चनू ा-पत्थर (limestone), खड़िया (chalk) एवं संगमरमर (marble) कै ल्सियम कार्बोनेट के विविध रूप हैं। सभी धातु कार्बोनेट एवं हाइड्रोजनकार्बोनेट अम्ल के साथ अभिक्रिया करके संगत लवण, कार्बन डाइअॉक्साइड एवं जल बनाते हैं। इस अभिक्रिया को इस प्रकार से व्यक्त कर सकते हैं— धातु कार्बोनेट/धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट + अम्ल लवण + कार्बन डाइअॉक्साइड + जल 2.1.4 अम्ल एवं क्षारक परस्पर कै से अभिक्रिया करते हैं? क्रियाकलाप 2.6 परखनली में लगभग 2 mL NaOH का घोल लीजिए एवं उसमें दो बदँू ें फीनॉल्फथैलिन विलयन डालिए। विलयन का रंग क्या है? इस विलयन में एक-एक बँदू तनु HCl विलयन मिलाइए। क्या अभिक्रिया मिश्रण के रंग में कोई परिवर्तन आया? अम्ल मिलाने के बाद फीनॉल्फथैलिन का रंग क्यों बदल गया? अब उपरोक्त मिश्रण में NaOH की कुछ बँदू ें मिलाइए। क्या फीनॉल्फथैलिन पनु ः गलु ाबी रंग का हो गया? आपके विचार से एेसा क्यों होता है? उपरोक्त क्रियाकलाप में हमने प्रेक्षण किया कि अम्ल द्वारा क्षारक का प्रेक्षित प्रभाव तथा क्षारक द्वारा अम्ल का प्रभाव समाप्त हो जाता है। अभिक्रिया को इस प्रकार लिख सकते हैं— NaOH(aq) + HCl(aq) NaCl(aq) + H2O(l) अम्ल एवं क्षारक की अभिक्रिया के परिणामस्वरूप लवण तथा जल प्राप्त होते हैं तथा इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं। सामान्यतः उदासीनीकरण अभिक्रिया को इस प्रकार लिख सकते हैं— क्षारक + अम्ल लवण + जल 2.1.5 अम्लों के साथ धात्विक अॉक्साइडों की अभिक्रियाएँ क्रियाकलाप 2.7 बीकर में कॉपर अॉक्साइड की अल्प मात्रा लीजिए एवं हिलाते हुए उसमें धीरे -धीरे तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाइए। विलयन के रंग पर ध्यान दीजिए। कॉपर अॉक्साइड का क्या हुआ? अम्ल, क्षारक एवं लवण 23 Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 23 30-11-2022 12:01:54 आप देखगें े कि विलयन का रंग नील-हरित हो जाएगा एवं कॉपर अॉक्साइड घल ु जाता है। विलयन का नील-हरित रंग अभिक्रिया में कॉपर (II) क्लोराइड के बनने के कारण होता है। धातु अॉक्साइड एवं अम्ल के बीच होने वाली सामान्य अभिक्रिया को इस प्रकार लिख सकते हैंः धातु अॉक्साइड + अम्ल लवण + जल अब उपरोक्त अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखकर उसे सतं लि ु त कीजिए। क्षारक एवं अम्ल की अभिक्रिया के समान ही धात्विक अॉक्साइड अम्ल के साथ अभिक्रिया करके लवण एवं जल प्रदान करते हैं, अतः धात्विक अॉक्साइड को क्षारकीय अॉक्साइड भी कहते हैं। 2.1.6 क्षारक के साथ अधात्विक अॉक्साइड की अभिक्रियाएँ क्रियाकलाप 2.5 में आपने कार्बन डाइअॉक्साइड एवं कै ल्सियम हाइड्रॉक्साइड (चनू े का पानी) के बीच हुई अभिक्रिया देखी। कै ल्सियम हाइड्रॉक्साइड जो एक क्षारक है, कार्बन डाइअॉक्साइड के साथ अभिक्रिया करके लवण एवं जल का निर्माण करता है। चकि ँू यह क्षारक एवं अम्ल के बीच होने वाली अभिक्रिया के समान है, अतः हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि अधात्विक अॉक्साइड अम्लीय प्रकृ ति के होते हैं। प्रश्न ? 1. पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए? 2. धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कै से करें गे? 3. कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बदु बदु ाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बझु ा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक से कै ल्सियम क्लोराइड हैं, तो इस अभिक्रिया के लिए संतलि ु त रासायनिक समीकरण लिखिए। 2.2 सभी अम्लों एवं क्षारकों में क्या समानताएँ हैं? अनभु ाग 2.1 में हमने देखा कि सभी अम्लों में समान रासायनिक गणु धर्म होते हैं। गणु धर्मों में समानता क्यों होती है? हमने क्रियाकलाप 2.3 में देखा कि धातु के साथ अभिक्रिया करने पर सभी अम्ल हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं। इससे पता चलता है कि सभी अम्लों में हाइड्रोजन होता है। आइए, एक क्रियाकलाप के माध्यम से हम जाँच करें कि क्या हाइड्रोजन यक्तु सभी यौगिक अम्लीय होते हैं। क्रियाकलाप 2.8 ग्लूकोज़, एल्कोहल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल आदि का विलयन लीजिए। एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर कॉर्क को 100 mL के बीकर में रख दीजिए। 24 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 24 30-11-2022 12:01:54 6 वोल्ट की बैटरी बल्ब चित्र 2.3 के अनसु ार कीलों को 6 वोल्ट की एक बैटरी के दोनों टर्मिनलों स्विच के साथ एक बल्ब तथा स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिए। अब बीकर में थोड़ा तनु HCl डालकर विद्युत धारा प्रवाहित कीजिए। इसी क्रिया को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ दोहराइए। बीकर आपने क्या प्रेक्षण किया? इन परीक्षणों को ग्लूकोज़ एवं एल्कोहल के विलयनों के साथ अलग-अलग कील तनकु ृ त अम्लीय दोहराइए। अब आपने क्या प्रेक्षण किया? विलयन बल्ब क्या प्रत्येक स्थिति में जलता है? रबर का कॉर्क अम्ल की स्थिति में बल्ब जलने लगता है जैसा कि चित्र 2.3 में दिखाया चित्र 2.3 गया है। परंतु आप यह देखगें े कि ग्लूकोज़ एवं एल्कोहल का विलयन विद्युत जल में अम्ल का विलयन विद्तयु का चालन नहीं करते हैं। बल्ब के जलने से यह पता चलता है कि इस विलयन से विद्युत का प्रवाह चालन करता है हो रहा है। अम्लीय विलयन में विद्युत धारा का प्रवाह अम्ल में उपस्थित इन्हीं आयनों द्वारा होता है। अम्लों में धनायन H+ तथा ऋणायन जैसे HCl में Cl–, HNo3 में No3–, CH3COOH में - CH3COO–, H2So4 में SO42 होते हैं। चकि ँू अम्ल में उपस्थित धनायन H+ है, इससे ज्ञात होता है कि अम्ल विलयन में हाइड्रोजन आयन H+ (aq) उत्पन्न करता है, तथा इसी कारण उनका गणु धर्म अम्लीय होता है। सोडियम हाइड्रॉक्साइड, कै ल्सियम हाइड्रॉक्साइड आदि जैसे क्षारकों का उपयोग करके इस क्रियाकलाप को दोहराइए। इस क्रियाकलाप के परिणामों से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? 2.2.1 जलीय विलयन में अम्ल या क्षारक का क्या होता है? क्या अम्ल के वल जलीय विलयन में ही आयन उत्पन्न करते हैं? आइए इसकी जाँच करें । क्रियाकलाप 2.9 आर्द्र लिटमस पत्र एक स्वच्छ एवं शषु ्क परखनली में लगभग 1 g ठोस NaCl निकास नली कॉर्क लीजिए तथा चित्र 2.4 के अनसु ार उपकरण व्यवस्थित कीजिए। परखनली में कुछ मात्रा में सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल डालिए। परखनली परखनली पकड़ने परखनली पकड़ने आपने क्या प्रेक्षण किया? क्या निकास नली से कोई गैस बाहर वाला चिमटा वाला चिमटा आ रही है? परखनली इस प्रकार उत्सर्जित गैस की सखू े तथा नम नीले लिटमस पत्र सोडियम क्लोराइड द्वारा जाँच कीजिए। किस स्थिति में लिटमस पत्र का रंग परिवर्तित होता है? कै ल्सियम क्लोराइड वाली रक्षक नली उपरोक्त क्रियाकलाप के आधार पर आप निम्न के अम्लीय गणु चित्र 2.4 HCl गैस का निर्माण के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैंः (i) शषु ्क HCl गैस (ii) HCl विलयन? अध्यापकों के लिए निर्देश— यदि जलवायु अत्यधिक आर्द्र हो तो गैस को शषु ्क करने के लिए आपको कै ल्सियम क्लोराइड वाली शषु ्क नली से गैस प्रवाहित करना होगा। अम्ल, क्षारक एवं लवण 25 Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 25 30-11-2022 12:01:55 इस प्रयोग से यह स्पष्ट होता है कि जल की उपस्थिति में HCl में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न होते हैं। जल की अनपस्थिति ु में HCl अणओ ु ं से H+ आयन पृथक नहीं हो सकते हैं। HCl + H2O → H3O+ + Cl– हाइड्रोजन आयन स्वतंत्र रूप में नहीं रह सकते, लेकिन ये जल के अणओ ु ं के साथ मिलकर रह सकते हैं। इसलिए हाइड्रोजन आयन को सदैव H (aq) या हाइड्रोनियम आयन (H3O+) से + दर्शाना चाहिए। H+ + H 2 O → H 3 O+ हमने देखा कि अम्ल जल में H3O+ अथवा H+(aq) आयन प्रदान करता है। आइए, देखें कि किसी क्षारक को जल में घोलने पर क्या होता है— H2O NaOH(s) Na+(aq) + OH–(aq) H2 O KOH(s) K+(aq) + OH–(aq) H2O Mg(OH)2(s) Mg2+(aq) + 2OH–(aq) क्षारक जल में हाइड्रॉक्साइड (OH–) आयन उत्पन्न करते हैं। जल में घल ु नशील क्षारक को क्षार कहते हैं। सभी क्षारक जल में घलु नशील नहीं होते हैं। जल में घल ु नशील क्षारक को क्षार कहते हैं। इनका स्पर्श साबनु की क्या आप जानते हैं? तरह, स्वाद कड़वा होता है तथा प्रकृ ति संक्षारक होती है। इन्हें कभी भी छूना या चखना नहीं चाहिए, क्योंकि ये हानिकारक होते हैं। सारणी 2.1 में कौन से क्षारक, क्षार हैं? अब तक हम जान चक ु े हैं कि सभी अम्ल H+(aq) तथा सभी क्षारक OH– (aq) उत्पन्न करते हैं, अतः अब हम उदासीनीकरण अभिक्रिया को निम्नलिखित रूप में व्यक्त कर सकते हैं। अम्ल + क्षारक → लवण + जल H X + M OH → MX + HOH H+(aq) + OH– (aq) → H2O(l) आइए, देखें कि अम्ल या क्षारक में जल मिलाने पर क्या होता है क्रियाकलाप 2.10 एक बीकर में 10 mL जल लीजिए। इसमें कुछ बँदू ें सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) की डालकर बीकर धीरे -धीरे घमु ाइए। बीकर के आधार को स्पर्श कीजिए। चित्र 2.5 क्या तापमान में कोई परिवर्तन आया? सांद्र अम्ल तथा क्षारक वाले बर्तनों यह प्रक्रिया क्या उष्माक्षेपी अथवा ऊष्माशोषी है? में लगे चेतावनी के चिह्न उपर्युक्त क्रियाकलाप को सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ दोहराइए एवं अपने प्रेक्षण को लिखिए। 26 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 26 30-11-2022 12:01:55 जल में अम्ल या क्षारक के घल ु ने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है। जल में सांद्र नाइट्रिक अम्ल या सल्फ़्यूरिक अम्ल को मिलाते समय अत्यंत सावधानी रखनी चाहिए। अम्ल को सदैव धीरे -धीरे तथा जल को लगातार हिलाते हुए जल में मिलाना चाहिए। सांद्र अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न हुई ऊष्मा के कारण मिश्रण आस्फलित होकर बाहर आ सकता है तथा आप जल सकते हैं। साथ ही अत्यधिक स्थानीय ताप के कारण प्रयोग में उपयोग किया जा रहा काँच का पात्र भी टूट सकता है। सांद्र सल्फ़्यूरिक अम्ल के कै न (डिब्बा) तथा सोडियम हाइड्रॉक्साइड की बोतल पर चेतावनी के चिह्न (चित्र 2.5 में प्रदर्शित) पर ध्यान दीजिए। जल में अम्ल या क्षारक मिलाने पर आयन की सांद्रता (H3O+/OH–) में प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है। इस प्रक्रिया को तनक ु रण कहते हैं एवं अम्ल या क्षारक तनक ु ृ त होते हैं। प्रश्न 1. HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि एल्कोहल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं? ? 2. अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है? 3. शषु ्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शषु ्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है? 4. अम्ल को तनक ु ृ त करते समय यह क्यों अनश ु सि ं त करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में? 5. अम्ल के विलयन को तनक ु ृ त करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सांद्रता कै से प्रभावित हो जाती है? 6. जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH–) की सांद्रता कै से प्रभावित होती है? 2.3 अम्ल एवं क्षारक के विलयन कितने प्रबल होते हैं? हम जानते हैं कि अम्ल-क्षारक के सचू कों का उपयोग करके अम्ल एवं क्षारक में अतं र प्रदर्शित किया जा सकता है। पिछले अध्याय में हमने H+ अथवा OH– आयनों के विलयनों की सांद्रता कम होना तथा तनक ु रण के बारे में पढ़ा था। क्या हम किसी विलयन में उपस्थित आयनों की संख्या जान सकते हैं? क्या हम ज्ञात कर सकते हैं कि विलयन में अम्ल अथवा क्षारक कितना प्रबल है? इसको जानने के लिए हम सार्वत्रिक सचू क जो अनेक सचू कों का मिश्रण होता है, का उपयोग करके ज्ञात कर सकते हैं। सार्वत्रिक सचू क, किसी विलयन में हाइड्रोजन आयन की विभिन्न सांद्रता को विभिन्न रंगों में प्रदर्शित करते हैं। किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सांद्रता ज्ञात करने के लिए एक स्के ल विकसित किया गया, जिसे pH स्केल कहते हैं। इस pH में p सूचक है, ‘पुसांस’ (Potenz) जो एक जर्मन शब्द है, का अर्थ होता है ‘शक्ति’। इस pH स्के ल से सामान्यतः शून्य (अधिक अम्लता) से चौदह (अधिक क्षारीय) तक pH को ज्ञात कर सकते हैं। साधारण भाषा pH को एक एेसी संख्या के रूप में देखना चाहिए, जो किसी विलयन की अम्लता अथवा अम्ल, क्षारक एवं लवण 27 Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 27 30-11-2022 12:01:55 क्षारकीयता को दर्शाते हैं। हाइड्रोनियम आयन की सांद्रता जितनी अधिक होगी उसका pH उतना ही कम होगा। किसी भी उदासीन विलयन के pH का मान 7 होगा। यदि pH स्के ल में किसी विलयन का मान 7 से कम है तो यह अम्लीय विलयन होगा एवं यदि pH मान 7 से 14 तक बढ़ता है तो वह विलयन में OH– की सांद्रता में वृद्धि को दर्शाता है, अर्थात यहाँ क्षार की शक्ति (चित्र 2.6) बढ़ रही है। सामान्यतः pH सार्वत्रिक सचू क अतं र्भारित पेपर द्वारा ज्ञात किया जाता है। उदासीन बढ़ती हुई अम्लीय प्रकृ ति बढ़ती हुई क्षारक प्रकृ ति H+ आयन की सांद्रता में वृद्धि H+ आयन की सांद्रता में कमी चित्र 2.6 H+(aq) एवं OH–(aq) की सांद्रता परिवर्तन के साथ pH की विभिन्नता सारणी 2.2 क्रियाकलाप 2.11 क्रम विलयन pH पत्र का लगभग pH पदार्थ की सखं ्या रंग मान प्रकृति दी गई सारणी 2.2 में विलयन के pH 1 लार (खाना खाने के पहले) मानों की जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों को लिखिए। 2 लार (खाना खाने के बाद) आपके प्रेक्षणों के आधार पर प्रत्येक 3 नींबू का रस पदार्थ की प्रकृ ति क्या है? 4 रंगरहित वातित पेय 5 गाजर का रस 6 कॉफी 7 टमाटर का रस 8 नल का जल 9 1M NaOH 10 1M HCl जठर रस नींबू का रस शद्ध ु जल (7) मिल्क अॉफ सोडियम हाइड्रॉक्साइड (लगभग 1.2) (लगभग 2.2) रक्त (7.4) मैग्नीशिया (10) विलयन (लगभग 14) चित्र 2.7 कुछ सामान्य पदार्थों के pH को pH पत्र पर दिखाया गया है। (रंग के वल रफ़ मार्गदर्शन के लिए दिए गए हैं।) 28 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 28 30-11-2022 12:01:55 अम्ल तथा क्षारक की शक्ति विलयन (जल) में क्रमशः H+ आयन तथा OH– आयन की सखं ्या पर निर्भर करती है। यदि हम समान सांद्रता के हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा एेसीटिक अम्ल, जैसे एक मोलर, विलयन लेते हैं तो वह विभिन्न मात्रा में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न करें गे। अधिक सखं ्या में H + आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते हैं, जबकि कम H+ आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल दर्बु ल अम्ल कहलाएँगे। क्या आप अब यह बता सकते हैं कि दर्बु ल एवं प्रबल क्षारक क्या होते हैं? 2.3.1 दैनिक जीवन में pH का महत्त्व क्या पौधे एवं पशु pH के प्रति सवं ेदनशील होते हैं? हमारा शरीर 7.0 से 7.8 pH परास के बीच कार्य करता है । जीवित प्राणी के वल संकीर्ण pH परास (परिसर) में ही जीवित रह सकते हैं। वर्षा के जल का pH मान जब 5.6 से कम हो जाता है तो वह अम्लीय वर्षा कहलाता है। अम्लीय वर्षा का जल जब नदी में प्रवाहित होता है तो नदी के जल के pH का मान कम हो जाता है। एेसी नदी में जलीय जीवधारियों की उत्तरजीविता कठिन हो जाती है। दूसरे ग्रहों में अम्ल पदार्थ क्या आप जानते हैं? शक्र ु (venus) का वायमु डं ल सल्फ़्यूरिक अम्ल के मोटे श्वेत एवं पीले बादलों से बना है। क्या आपको लगता है कि इस ग्रह पर जीवन संभव है? आपके बागीचे की मिट्टी का pH क्या है? अच्छी उपज के लिए पौधों को एक विशिष्ट pH परास की आवश्यकता होती है। किसी पौधे के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक pH को ज्ञात करने के लिए विभिन्न स्थानों से मिट्टी एकत्र कीजिए एवं क्रियाकलाप 2.12 के अनसु ार उनके pH की जाँच कीजिए। इस बात पर भी ध्यान दीजिए कि जहाँ से मिट्टी ले रहे हैं वहाँ कौन से पौधे उपज रहे हैं? क्रियाकलाप 2.12 एक परखनली में लगभग 2g मिट्टी रखिए एवं उसमें 5 mL जल मिलाइए। परखनली की सामग्री को हिलाइए। सामग्रियों को छानिए एवं परखनली में निस्यंद एकत्र कीजिए। सार्वत्रिक सचू क पत्र की सहायता से इस निस्यंद के pH की जाँच कीजिए। अपने क्षेत्र में पौधों के उपयक्त ु विकास के लिए आदर्श मिट्टी के pH के संबंध में आपने क्या निष्कर्ष निकाला? अम्ल, क्षारक एवं लवण 29 Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 29 30-11-2022 12:01:55 हमारे पाचन तंत्र का pH यह अत्यन्त रोचक है कि हमारा उदर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (Hydrochloric acid) उत्पन्न करता है। यह उदर को हानि पहुचँ ाए बिना भोजन के पाचन में सहायक होता है। अपच की स्थिति में उदर अत्यधिक मात्रा में अम्ल उत्पन्न करता है, जिसके कारण उदर में दर्द एवं जलन का अनभु व होता है। इस दर्द से मक्त ु होने के लिए एेन्टैसिड (antacid) जैसे क्षारकों का उपयोग किया जाता है। इस अध्याय के आरंभ में एेसा ही एक उपचार आपने अवश्य सझु ाया होगा। यह एेन्टैसिड अम्ल की आधिक्य मात्रा को उदासीन करता है। इसके लिए मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड (मिल्क अॉफ मैगनीशिया) जैसे दर्बु ल क्षारक का उपयोेग किया जाता है। pH परिवर्तन के कारण दतं -क्षय महँु के pH का मान 5.5 से कम होने पर दाँतों का क्षय प्रारंभ हो जाता है। दाँतों का इनैमल (दत्तवल्क) कै ल्सियम हाइड्रोक्सीएपेटाइट (कै ल्सियम फॉस्फे ट का क्रिस्टलीय रूप) से बना होता है, जो कि शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। यह जल में नहीं घल ु ता, लेकिन महँु के pH का मान 5.5 से कम होने पर यह संक्षारित हो जाता है। महँु में उपस्थित बैक्टीरिया, भोजन के पश्चात महँु में अवशिष्ट शर्क रा एवं खाद्य पदार्थों का निम्नीकरण करके अम्ल उत्पन्न करते हैं। भोजन के बाद महँु साफ़ करने से इससे बचाव किया जा सकता है। महँु की सफ़ाई के लिए क्षारकीय दतं -मजं न का उपयोग करने से अम्ल की आधिक्य मात्रा को उदासीन किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप दतं क्षय को रोका जा सकता है। पशुओ ं एवं पौधों द्वारा उत्पन्न रसायनों से आत्मरक्षा क्या कभी आपको मधमु क्खी ने डंक मारा है? मधमु क्खी का डंक एक अम्ल छोड़ता है, जिसके कारण दर्द एवं जलन का अनभु व होता है। डंक मारे गए अगं में बेकिंग सोडा जैसे दर्बु ल क्षारक के उपयोग से आराम मिलता है। नेटल (nettle) के डंक वाले बाल मेथैनॉइक अम्ल छोड़ जाते हैं, जिनके कारण जलन वाले दर्द का अनभु व होता है। प्रकृति उदासीनीकरण के विकल्प देती है नेटल एक शाकीय पादप है, जो जगं लों में उपजता है। इसके पत्तों में डंकनमु ा बाल होते हैं जो अगर गलती से छू जाएँ क्या आप जानते हैं? तो डंक जैसा दर्द होता है। इन बालों से मेथैनॉइक अम्ल का स्राव होने के कारण यह दर्द होता है। पारंपरिक तौर पर इसका इलाज डंक वाले स्थान पर डॉक पौधे की पत्ती रगड़कर किया जाता है। ये पौधे अधिकतर नेटल के पास ही पैदा होते हैं। क्या आप डॉक पौधे की प्रकृ ति का अनमु ान लगा सकते हैं? आप अब जान गए होंगे कि अगली बार पहाड़ों पर चढ़ते हुए गलती से नेटल पौधे के छू जाने पर आपको क्या करना होगा? क्या आप एेसे ही पारंपरिक इलाज जानते हैं, जो डंक लगने पर प्रभावी हों? 30 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 30 30-11-2022 12:01:55 सारणी 2.3 कुछ प्राकृ तिक अम्ल प्राकृतिक स्रोत अम्ल प्राकृतिक स्रोत अम्ल सिरका एेसीटिक अम्ल खट्टा दधू (दही) लैक्टिक अम्ल संतरा सिट्रिक अम्ल नींबू सिट्रिक अम्ल इमली टार्टरिक अम्ल चींटी का डंक मेथैनॉइक अम्ल टमाटर अॉक्सैलिक अम्ल नेटल का डंक मेथैनॉइक अम्ल प्रश्न 1. आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ हैं। विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के ? pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय? 2. H+(aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृ ति पर क्या प्रभाव पड़ता है? 3. क्या क्षारकीय विलयन में H+(aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं? 4. कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बझु ा हुआ चनू ा (कै ल्सियम अॉक्साइड), बझु ा हुआ चनू ा (कै ल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कै ल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करे गा? 2.4 लवण के सबं ंध में अधिक जानकारी पिछले भागों में हमने विभिन्न अभिक्रियाओ ं के द्वारा लवणों का निर्माण होते देखा है। आइए, इनके निर्माण, गणु धर्म एवं उपयोग के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें । 2.4.1 लवण परिवार क्रियाकलाप 2.13 नीचे दिए गए लवण के रासायनिक सत्रू लिखिए— पोटैशियम सल्फ़े ट, सोडियम सल्फ़े ट, कै ल्सियम सल्फ़े ट, मैग्नीशियम सल्फ़े ट, कॉपर सल्फ़े ट, सोडियम क्लोराइड, सोडियम नाइट्रेट, सोडियम कार्बोनेट एवं अमोनियम क्लोराइड। उन अम्ल एवं क्षारक की पहचान कीजिए, जिससे उपरोक्त लवण प्राप्त किए जा सकते हैं। समान धन या ऋण मलू क वाले लवणों को एक ही परिवार का कहा जाता है, जैसे– NaCl एवं Na2SO4, सोडियम लवण के परिवार का है। इसी प्रकार NaCl एवं KCl क्लोराइड लवण के परिवार के हैं। इस क्रियाकलाप में दिए गए लवणों में आप कितने परिवारों की पहचान कर सकते हैं? अम्ल, क्षारक एवं लवण 31 Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 31 30-11-2022 12:01:55 2.4.2 लवणों का pH क्रियाकलाप 2.14 निम्नलिखित लवणों के नमनू े एकत्र कीजिए– सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम नाइट्रेट, एल्युमिनियम क्लोराइड, जिकं सल्फ़े ट, कॉपर सल्फ़े ट, सोडियम एेसीटेट, सोडियम कार्बोनेट एवं सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट (कुछ अन्य लवण जो उपलब्ध हाें)। जल में इनकी विलेयता की जाँच कीजिए। (के वल आसवित जल का उपयोग कीजिए।) लिटमस पर इन विलयनों की क्रिया की जाँच कीजिए एवं pH पेेपर का उपयोग कर इनके pH के मान का पता लागाइए। कौन से लवण अम्लीय, क्षारकीय या उदासीन हैं? लवण बनाने के लिए उपयोग होने वाले अम्ल या क्षारक की पहचान कीजिए। अपने प्रेक्षणों को सारणी 2.4 में लिखिए। सारणी 2.4 नमक pH प्रयुक्त अम्ल प्रयुक्त क्षारक प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक के लवण के pH का मान 7 होता है तथा ये उदासीन होते हैं, जबकि प्रबल अम्ल एवं दर्बु ल क्षारक के लवण के pH का मान 7 से कम होता है तथा ये अम्लीय होते हैं। प्रबल क्षारक एवं दर्बु ल अम्ल के लवण के pH का मान 7 से अधिक होता है तथा ये क्षारकीय होते हैं। 2.4.3 साधारण नमक से रसायन आप जानते हैं कि हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन की अभिक्रिया से उत्पन्न लवण को सोडियम क्लोराइड कहते हैं। इसी लवण का हम अपने भोजन में उपयोग करते हैं। ऊपर के क्रियाकलाप में आपने देखा होगा कि यह एक उदासीन लवण है। समुद्री जल में कई प्रकार के लवण घुले होते हैं। इन लवणों से सोडियम क्लोराइड को पृथक किया जाता है। विश्व के कई भागों में भी ठोस लवण का निक्षेप होता है। बड़े आकार के यह क्रिस्टल प्रायः अपद्रव्यों के कारण भूरे रंग के होते हैं। इसे खनिज नमक कहते हैं। यह खनिज नमक तब बने जब युगों के व्यतीत होने के साथ समुद्र का कोई हिस्सा सूख गया। खनिज नमक का खनन भी कोयले की तरह होता है। आपने महात्मा गांधी के दांडी यात्रा के बारे में अवश्य सनु ा होगा। क्या आप जानते हैं कि हमारे स्वतंत्रता सग्रा ं म में नमक एक महत्वपर्णू प्रतीक था? 32 विज्ञान Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 32 30-11-2022 12:01:56 साधारण नमक– रसायनों का कच्चा पदार्थ इस प्रकार प्राप्त साधारण नमक हमारे दैनिक उपयोग के कई पदार्थों; जैस–े सोडियम हाइड्रॉक्साइड, बेकिंग सोडा, वाशिगं सोडा, विरंजक चर्णू आदि के लिए एक महत्वपर्णू कच्चा पदार्थ है। आइए, देखते हैं कि कै से एक पदार्थ का उपयोग विभिन्न पदार्थ बनाने के लिए करते हैं। सोडियम हाइड्रॉक्साइड सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन (लवण जल) से विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं, क्योंकि इससे निर्मित उत्पाद— क्लोरीन (क्लोर) एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) होते हैं। 2NaCl(aq) + 2H2O(l) → 2NaOH(aq) + Cl2(g) + H2(g) क्लोरीन गैस एेनोड पर एवं हाइड्रोजन गैस कै थोड पर मक्तु होती है। कै थोड पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन का निर्माण भी होता है। इस प्रक्रिया से उत्पन्न हुए तीनों उत्पाद उपयोगी हैं। चित्र 2.8 इन उत्पादों के विभिन्न उपयोगों को दर्शाता है। एेनोड कै थोड (जल की स्वच्छता, स्वीमिगं पल ू , पीवीसी, (ईधन, ं मार्गरीन, खाद के रोगाणनु ाशक, सीएफसी, लिए अमोनिया) कीटनाशक) नमक का नमक का घोल घोल NaOH के साथ (धातओु ं से ग्रीज़ हटाने के लिए, साबनु तथा अपमार्जक, कागज़ बनाने के लिए, कृ त्रिम फाइबर) झिल्ली चित्र 2.8 क्लोर-क्षार प्रक्रिया के महत्वपूर्ण उत्पाद अम्ल, क्षारक एवं लवण 33 Rationalised 2023-24 Chapter 2.indd 33 30-11-2022 12:01:56 विरंजक चूर्ण आप जानते हैं कि जलीय सोडियम क्लोराइड (लवण जल) के विद्युत अपघटन से क्लोरीन का निर्माण होता है। इस क्लोरीन गैस का उपयोग विरंजक चर्णू के उत्पादन के लिए किया जाता है। शषु ्क बझु ा हुआ चनू ा [Ca(OH)2] पर क्लोरीन की क्रिया से विरंजक चर्णू का निर्माण होता है। विरंजक चर्णू को CaOCl2 से दर्शाया जाता है, यद्यपि वास्तविक संगठन काफ़ी जटिल होता है। Ca(OH)2 + Cl2 → CaOCl2 + H2O विरंचक चूर्ण का उपयोग— (i) वस्त्र उद्योग में सतू ी एवं लिनेन के विरंजन के लिए कागज़ की फै क्ट्री में लकड़ी की मज्जा एवं लाउंड्री में साफ़ कपड़ाें के विरंजन के लिए, (ii) कई रासायनिक उद्योगों में एक उपचायक के रूप में एवं, (iii) पीने वाले जल को जीवाणओ ु ं से मक्त ु करने के लिए। बेकिंग सोडा बेकिंग सोडा का उपयोग आमतौर पर रसोईघर में स्वादिष्ट खस्ता पकौड़े आदि बनाने के लिए किया जाता है। कभी-कभी इसका उपयोग खाने को शीघ्रता से पकाने के लिए भी किया जाता है। इस यौगिक का रासायनिक नाम सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट (NaHCO3) है। इसको बनाने में सोडियम क्लोराइड का उपयोग एक मल ू पदार्थ के रूप में किया जाता है। NaCL + H2O + CO2 + NH3 → NH4Cl + NaHCO3 (अमोनियम (सोडियम क्लोराइड) हाइड्रोजनकार्बोनेट) क्रियाकलाप 2.14 में क्या आपने सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के pH के मान की जाँच की थी? क्या आप सह संबंध स्थापित कर सकते हैं कि— क्यों इसका उपयोग एक अम्ल को उदासीन करने में किया जाता है? यह एक दर्बु ल असक् ं षारक क्षारीय लवण है। खाना पकाते समय इसे गर्म करने पर निम्न अभिक्रिया होती है— ऊष्मा 2NaHCO3 Na2CO3+H2O+CO2 (सोडियम (सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट) कार्बोनेट) सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट का उपयोग हमारे घरों में अनेक प्रकार से किया जाता है। बेकिंग सोडा का उपयोग (i) बेकिंग पाउडर बनाने में, जो बेकिंग सोडा (सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट) एवं टार्टरिक अम्ल जैसा एक मदं