1929 Great Depression Lecture Notes (Hindi) PDF
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2020
Ravi Shankar Ray
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These lecture notes detail the causes of the 1929 Great Depression in the United States, with 2020 as the lecture date. It examines key economic indicators like national income, stock prices, and employment during the crisis period.
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# शिक्षक - रवि शंकर राय, विषय- अर्थशास्त्र दिनांक - 24-09-2020, वर्ग-BA-न्या ## प्रश्न-1. 1929 की महान आर्थिक मंदी के कारणों की परीक्षण कीजिए। आर्थिक पुनरुत्थान की प्रोन्नति के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में क्या उपाय किए गए तया वे किस सिमा तक सफल रहे ? **Ans:-** काम महायुद्ध के पश्चात अमेरिकी अर्थ...
# शिक्षक - रवि शंकर राय, विषय- अर्थशास्त्र दिनांक - 24-09-2020, वर्ग-BA-न्या ## प्रश्न-1. 1929 की महान आर्थिक मंदी के कारणों की परीक्षण कीजिए। आर्थिक पुनरुत्थान की प्रोन्नति के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में क्या उपाय किए गए तया वे किस सिमा तक सफल रहे ? **Ans:-** काम महायुद्ध के पश्चात अमेरिकी अर्थव्यवस्था की प्रकृति और संगठन में महत्वपूर्ण परिवर्तन उपस्थित हुस। महायुद्ध से पहले ब्रिटेन संसार का प्रमुख ऋणदाता देश था। महायुद्ध के बाद यह स्थान अमेरिका को प्राप्त हो गया। 1919 से लेकर 1929 तक अमेरिका के राष्ट्रीय उत्पादन में 43% की वृद्धि हुई। अभिकों की मजदूरी (वास्तविक तथा मौद्रिक) बढ़ गयी तथा बेरोजगारी लगभअसमाप्त हो गई। 1922 से लेकर 1929 तक अमेरिका में विदेशी व्यापार में 28% की वृद्धि हुई। 1929 तक अमेरिका 2100 करोड़ डॉलर का ऋणदाता बन गया तथा नियति अधिक्य के भुगतान स्वरूप उसके पास संसार का 28% एवजी कोष एकत्रित हो गया। इस तरह, 1929 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था समृद्धि की चरम सीमा तक पहुंच गई थी। ### 1929 में _Wall Street Crisis_ के साथ अमेरिका में महान आर्थिक अवसाद का युग प्रारंभ हुमा जो 1933 तक चलता रहा। मंदों की भीषणता का अनुमान निम्न तथ्यों से लगाया जा सकता हैं 1. **राष्ट्रीय आय में गिरावट:** अमेरिका की वार्षिक आय 1929 में 8104 करोड़ डॉलर से घरका 1932 में 4895 करोड़ डॉलर रह गयी। इसका परिणास्वरूप देशवासियों के जीवन स्तर (उपभोग-स्तर) में 20% गिरावट आयी। 2. **हिस्सों और प्रतिभूतियों के मूल्यों में गिरावट:** औद्योगिक संस्थाओं के शेयरों का मूल्यों सितम्बर 1929 में 364.9 डॉलर से घरकर जनवरी 1933 तक 62.7 डॉलर रह गया। इस बीच सार्वजनिक सेवाओं में संलग्न संस्थाओं के शेयरों का मूल्य 141.9 डॉलर से हारकर 28 डॉलर तथा देत कम्पनियों के शेयरों का मूल्य 180 डॉलर से हाटकर 28.1 डॉलर रह गया। 3. **थोक मूल्य और मजदूरीयों में गिरावट** 1923 को आधार वर्ष मानते हुए थोक मूल्य सूचकोक 1929 में 95.4 से घटकर 1933 में 65.9 रह गया। मजदूरीयों के मूल्य सूचकांक 1929 में 100.5 से गिरकर 1993 में ५० रह गया। 4. **औद्योगिक उत्पादन में गिरावट** औद्योगिक उत्पादन में समग्र रूप से 50% की गिरावट आयी। 'यापि भारी उद्योगों और टिकाऊ-उपभोक्ता-वस्तु उद्योगों के उत्पादन के गिरावट 80% तक थी । 1932 के दौडान पूँजीगत पदार्थों के मूल्यों में 35% की गिरावट आ गई तथा समान्य से 47% का उत्पादन हुआ। 5. **रोजगार में गिरावर:** 1923 को आधार वर्ष मानते हुए रोजगार का सूचकांक 1329 में 97.5 से गिरकर 1933 में 64.6 रह गया। October 1930 में बेरोजगार श्रमिकों की संख्त 46.39 बाब थी जो जनवरी 1933 तक बढ़कर 130 लाख हो गई। 5. **विदेशी व्यापार में गिरावर:** अमेरिकी निर्मात-व्यापार मूल्य 1929 में 524.1 करोड़ डॉलर से घटकर 1932 में 161.1 करोड़ रह गया। इस बीच आयात व्यापार का मूल्य 439.9 करोड़ डॉलर से घटकर 132.3 करोड़ डॉलर रह गया। 6. **कृषि की दयनीय स्थिति:** 1932 तक कृषि-पदार्थों का मूल्यों में 50% की गिरावट आयी। प्रति कृषक परिवार औसत वार्षिक आय 1929 में 847 डॉलर से घटकर 1932 तक 242 गैलर रह गई। गेंहू का उत्पादन 1929 में 80.65 करोड़ से घटर 1932 में 72.62 करोड़ बुशल तथा कपास का उत्पादन 149 मिलियन गाँठ से घरकर 127 मिलियन गाँठ रह गया। ## आर्थिक अवागढ़ के कारण _शैविन्स_ के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में उत्पन्न महामंदी का मुख्य कारण वास्तविक बचतों की अपेक्षा मिवेश की अधिकता थी। _भुम्पीटर_ ने मवप्रवर्तनों के प्रवाह द्वारा पोषित परिवहन एवं कृषि क्रांतियों को आर्थिक मंदी के उपस्थिति के लिए उत्तरदायी ठहराई। _हैन्सन_ के शब्दों में, महामंदी इस तथ्य का परिणाम थी कि अनेक वृहद्ध निवेश अभिवृद्धियों उस समय समाप्त होगए जिस समय अमेरिकी अर्थव्यवस्था की परिणति अत्म-जिक बचत एवं निवेश अवसरों में समान्य गिरावट में हो रही थी। संक्षेप में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में उपस्थित तीखा की महामंडी