Summary

This document is about learning and its process. It includes topics like the nature of learning, learning process, learning theories, and motivation. The notes and text overview a variety of related educational and psychological matters.

Full Transcript

# अधिगम (Learning) ## **उद्देश्य (Objectives)** - अधिगम का स्वरूप, परिभाषा, प्रक्रिया और विशेषताएँ। - अभिप्रेरणा का स्वरूप, परिभाषा, उत्पत्ति एवं विकास। ## **संरचना (Structure)** - **परिचय (Introduction)** - **अधिगम का स्वरूप (Nature of Learning)** - **अधिगम की प्रक्रिया (Process of Learning)**...

# अधिगम (Learning) ## **उद्देश्य (Objectives)** - अधिगम का स्वरूप, परिभाषा, प्रक्रिया और विशेषताएँ। - अभिप्रेरणा का स्वरूप, परिभाषा, उत्पत्ति एवं विकास। ## **संरचना (Structure)** - **परिचय (Introduction)** - **अधिगम का स्वरूप (Nature of Learning)** - **अधिगम की प्रक्रिया (Process of Learning)** - **अधिगम प्रक्रिया की विशेषताएँ (Characteristics of Learning Process)** - **अधिगम का सिद्धांत (Theories of Learning)** - **अधिगम के स्थानान्तरण का अर्थ (Meaning of Transfer of Learning)** - **अधिगम स्थानान्तरण संबंधी सिद्धांत (Theories of Transfer of Learning)** - **अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार (Types of Transfer of Learning)** - **अभिप्रेरणा का स्वरूप एवं परिभाषा (Nature and Definitions of Motivation)** - **अभिप्रेरणाओं की उत्पत्ति (Origin of Motives)** - **अभिप्रेरणाओं का विकास (Development of Motives)** - **अभिप्रेरणा के कारण (Causes of Motives)** - **सारांश (Summary)** - **शब्द‌कोश (Keywords)** - **अभ्यास-प्रश्न (Review Questions)** - **संदर्भ (References)** ## **परिचय (Introduction)** मनुष्य एक अधिगमशील प्राणी है और अधिगम प्रक्रिया उसके जन्म से ही नहीं बल्कि माँ के गर्भ से ही प्रारम्भ हो जाती है। महाभारत में वीर अभिमन्यु ने माँ के गर्भ में ही चक्रव्यूह तोड़ने का ज्ञान प्राप्त किया था। यह अधिगम का एक प्रत्यक्ष उदाहरण है। अधिगम जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है। मनुष्य जीवन भर कुछ-न-कुछ सीखता ही रहता है। प्रारम्भ में शिशु बिल्कुल असहाय और पराश्रित होता है। किन्तु धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण के अनुकूल समायोजित करने का प्रयत्न करता है। इस समायोजन में जिस क्रिया से वह अनुभवों से अधिक लाभ उठाने की चेष्टा करता है, उसे मनोवैज्ञानिकों ने अधिगम कहा है। शिक्षा मनोविज्ञान में अधिगम प्रमुख अध्ययन-विषय है। पहले अधिगम के लिए 'सोखना' शब्द का प्रयोग होता था। ## **अधिगम का स्वरूप (Nature of Learning)** अधिगम्म एक व्यापक शब्द है। अधिगम जन्मजात प्रतिक्रियाओं पर आधारित होता है। व्यक्ति जन्मजात प्रवृत्तियों से प्रेरित होकर जो भी क्रियाएँ करता है, वह अपनी परिस्थितियों से समायोजन स्थापित करने के लिए होती हैं। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार अधिगम एक मानसिक प्रक्रिया है। मानसिक प्रक्रिया की अभिव्यक्ति व्यवहारों के द्वारा होती है। मानव-व्यवहार अनुभवों के आधार पर परिवर्तित और परिमार्जित होता रहता है। अधिगम की प्रक्रिया में दो तत्व निहित हैं- परिपक्वता और पूर्व अनुभवों से लाभ उठाने की योग्यता। उदाहरणार्थ यदि बालक के सामने एक जलती अंगीठी रखी है तो वह उसे जिज्ञासावश छूता है और छूते ही उसका हाथ जल जाता है, इसलिए वह अपने हाथ को तेजी से हटा लेता है और फिर कभी उसके पास नहीं जाता, क्योंकि उसने अपने अनुभव से सीख लिया कि आग उसे जला देगी। इस प्रकार अधिगम पूर्व अनुभव द्वारा व्यवहार में प्रगतिशील परिवर्तन है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि अधिगम ही शिक्षा है। अधिगम और शिक्षा एक ही क्रिया की ओर संकेत करते हैं। दोनों क्रियाएँ जीवन में सदा और सर्वत्र चलती रहती हैं। बालक परिपक्वता (Maturity) की ओर बढ़ता हुआ, अपने अनुभवों से लाभ उठाता हुआ, वातावरण के प्रति जो उपयुक्त प्रतिक्रिया करता है, वही अधिगम है। जैसे कि ब्लेयर, जोन्स और सिम्पसन ने कहा है- "व्यवहार में कोई परिवर्तन जो अनुभवों का परिणाम है और जिसके फलस्वरूप व्यक्ति आने वाली स्थितियों का भिन्न प्रकार से सामना करता है- अधिगम कहलाता है।"

Use Quizgecko on...
Browser
Browser