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### वैद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिन्दु पर वैद्युत तीव्रता : माना कोई वैद्युत द्विध्रुव AB आवेशों -१ तथा +q से बना है। दोनों आवेशों के बीच की अल्पतम दूरी 2l है तथा इसका मध्य बिन्दु ० है। विन्दु ० से r दूरी पर कोई बिन्दु **P** है जो कि न तो अक्षीय और न तो निरक्षीय स्थिति में है। यदि द्विध्रुव का...

### वैद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिन्दु पर वैद्युत तीव्रता : माना कोई वैद्युत द्विध्रुव AB आवेशों -१ तथा +q से बना है। दोनों आवेशों के बीच की अल्पतम दूरी 2l है तथा इसका मध्य बिन्दु ० है। विन्दु ० से r दूरी पर कोई बिन्दु **P** है जो कि न तो अक्षीय और न तो निरक्षीय स्थिति में है। यदि द्विध्रुव का द्विध्रुव आघूर्ण **P**=2ql है तथा रेखा **OP** द्विध्रुव के साथ **θ** कोण बनाती है, तब चित्र से- - cosθ के कारण बिन्दु **P** पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता : $E_1 = \frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \times \frac{2P cos\theta}{r^3}$ (**P0** दिशा में, अक्षीय स्थिति मे) - sinθ के कारण बिन्दु **P** पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता : $E_2 = \frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \times \frac{P sin\theta}{r^3}$ (**OA2** दिशा में, निरक्षीय स्थिति मे) बिन्दु **P** पर परिणामी वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता : **E** = **E1** + **E2** $E = \sqrt{E_1^2 + E_2^2 + 2E_1E_2cos90^{\circ}}$ (**E1** और **E2** के बीच 90° का कोण)

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electromagnetism electric field dipole physics
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