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# एसबीपीडी पब्लिशिंग हाउस ## नेपोलियन बोनापार्ट - सुधार, महाद्वीपीय व्यवस्था और उसकी विदेश नीति ### नेपोलियन का उत्थान **कारण:** 1. **फ्रान्स की तत्कालीन परिस्थितियाँ:** - पिछले छः वर्षों से फ्रांस अराजकता , बाह्य आक्रमण से गुजर रहा था। - डाइरेक्टरी की असफल गृह तथा विदेश नीतियों के कार...
# एसबीपीडी पब्लिशिंग हाउस ## नेपोलियन बोनापार्ट - सुधार, महाद्वीपीय व्यवस्था और उसकी विदेश नीति ### नेपोलियन का उत्थान **कारण:** 1. **फ्रान्स की तत्कालीन परिस्थितियाँ:** - पिछले छः वर्षों से फ्रांस अराजकता , बाह्य आक्रमण से गुजर रहा था। - डाइरेक्टरी की असफल गृह तथा विदेश नीतियों के कारण फ्रांस में सरकार अलोकप्रिय हो गई थी। - डाइरेक्टर लोग स्वार्थी, भ्रष्ट, अयोग्य थे और उनका शासन पक्षपातपूर्ण था। - डाइरेक्टरों की नीतियों में एकता का अभाव था और उनमें आपस में संघर्ष होता रहता था। - फ्रान्स के लोग इस प्रकार की दुर्बल और प्रभावहीन सरकार नहीं चाहते थे। - डाइरेक्टरी की विदेश नीति भी असफल हो गई थी और उसने फ्रांस के लिये संकट उत्पन्न कर दिया था। - फ्रान्स के विरुद्ध द्वितीय संघ बन गया था। - ऐसे संकट में फ्रान्स के लोगों के समक्ष नेपोलियन ही एक ऐसा नेता था जो उनकी रक्षा कर सकता था। - वह उन्हें शक्तिशाली सरकार दे. सकता था। - इस समय ऐसे शासक की आवश्यकता थी। 2. **क्रान्ति की सुरक्षा तथा व्यवस्था की माँग:** - फ्रान्स की जनता को सन्देह हो रहा था कि क्रान्ति की उपलब्धियों को नष्ट किया जा रहा था। - जनता चाहती थी कि इन उपलब्धियों की रक्षा की जाये। - सामन्तों के विशेषाधिकार समाप्त हो चुके थे। - इसका लाभ मुख्य रूप से मध्यम वर्ग को प्राप्त हुआ था जिन्होंने कार्य का नेतृत्व किया था। - राजतन्त्र समर्थक लोगों के षड्यन्त्रों से भी शंका बनी रहती थी कि कहीं पुरातन व्यवस्था की स्थापना पुनः न हो जाये। - चर्च की समस्या थी, रूढ़िवादी चर्च अधिकारी अपने विशेष अधिकार चाहते थे। - दूसरी ओर साधारण फ्रान्सीसी कैथोलिक चर्च में राज्य का हस्तक्षेप नहीं चाहता था। - सबसे बड़ी समस्या शान्ति और व्यवस्था की थी। - वेन्डीमेयर की घटना के बाद से आशा थी कि शान्ति स्थापित होगी, लेकिन अयोग्य डाइरेक्टर शान्ति स्थापित नहीं कर सके। - उन्होंने सत्ता लोभ के कारण 1795 ई. के संविधान का कभी पालन नहीं किया। - ऐसी स्थिति में जनता को सन्देह था कि आतंक राज्य को फिर स्थापित किया जा रहा था और राजतन्त्रवाद के उभड़ने की सम्भावना भी होने लगी थी। - अतः जनता ने नेपोलियन के नये संविधान का समर्थन किया। 3. **नेपोलियन का चरित्र:**