पादौ: तु वैदिक हस्मिन् कठोरं पठते। ज्योतिषभास्यम् शृणुष्व मृदुम्यं शीघ्रम् न वचनं स्मृतम् तन्नालासदृशं ब्रह्मलोकं सम्यग्नियते। पादौ: तु वैदिक हस्मिन् कठोरं पठते। ज्योतिषभास्यम् शृणुष्व मृदुम्यं शीघ्रम् न वचनं स्मृतम् तन्नालासदृशं ब्रह्मलोकं सम्यग्नियते।
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यह प्रश्न वर्णों और ध्वनियों की चर्चा कर रहा है जो विशेष लक्षणों का संदर्भित कर सकता है। यह शायद भाषा या शास्त्रीय अध्ययन से संबंधित है।
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संस्कृत श्लोक के विषय में लिखा है।
इस तस्वीर में एक संस्कृत श्लोक या पद है जो अनुच्छेद के विभिन्न पहलुओं जैसे ज्योतिष, शिक्षण और व्याकरण के बारे में हो सकता है।
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संस्कृत श्लोक प्राचीन भारतीय साहित्य का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। ये धार्मिक, दार्शनिक और साहित्यिक ज्ञान का स्रोत हैं।
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