कविता 'चंद्र गहना से लौटती बेर' का पाठ

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यह प्रश्न एक कविता का पाठ प्रस्तुत कर रहा है जिसका शीर्षक 'चंद्र गहना से लौटती बेर' है। यह कवि केदारनाथ अग्रवाल द्वारा लिखी गई है और इसमें प्रकृति और भावनाओं का चित्रण किया गया है।

Answer

'चंद्र गहना से लौटती बेर' में प्रकृति का सुंदर चित्रण है।

यह कविता केदारनाथ अग्रवाल की रचना 'चंद्र गहना से लौटती बेर' का एक अंश है, जिसमें कवी ने प्रकृति के सौंदर्य का चित्रण किया है। इसमें खेतों की विभिन्न फसलें जैसे चना, अलसी और सरसों का वर्णन किया गया है।

Answer for screen readers

यह कविता केदारनाथ अग्रवाल की रचना 'चंद्र गहना से लौटती बेर' का एक अंश है, जिसमें कवी ने प्रकृति के सौंदर्य का चित्रण किया है। इसमें खेतों की विभिन्न फसलें जैसे चना, अलसी और सरसों का वर्णन किया गया है।

More Information

इस कविता में कवी ने ग्रामीण और प्राकृतिक जीवन के प्रति अपनी संवेदनशीलता और प्रेम को अभिव्यक्त किया है।

Tips

कविता के प्रतिपाद्य को समझने के लिए प्रतीकों और प्राकृतिक चित्रण पर ध्यान दें।

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