किस साहित्य में न तो छंद की मात्राओं का विधान है और न ही वर्णों के गणन का? किस साहित्य में न तो छंद की मात्राओं का विधान है और न ही वर्णों के गणन का?

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Understand the Problem

यह प्रश्न यह पूछ रहा है कि किस साहित्य में छंद की मात्राओं का विधान है और ये वर्णों के गणन के लिए कब उपयुक्त हैं। यह साहित्य संबंधी एक विशिष्ट विचार की जांच करता है।

Answer

लोक साहित्य

अधिकतर लोक साहित्य में छंद की मात्राओं और वर्णों का विधान नहीं होता।

Answer for screen readers

अधिकतर लोक साहित्य में छंद की मात्राओं और वर्णों का विधान नहीं होता।

More Information

लोक साहित्य में छंद की कड़ाई से अनुसरण नहीं होता, यह साहित्य का स्वछंद रूप है जिसका उद्देश्य भावनाओं को सरलता से व्यक्त करना है।

Tips

छंद की पहचान करते समय यह सुनिश्चित करें कि आप वर्ण और मात्राओं के नियमों को समझें।

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