ब्याज का शास्त्रीय सिद्धांत

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यह सवाल 'ब्याज का शास्त्रीय सिद्धांत' पर जानकारी मांग रहा है। यह संभावना है कि उपयोगकर्ता ब्याज की गणना के विभिन्न तरीकों और सिद्धांतों के बारे में जानना चाहते हैं।

Answer

ब्याज का शास्त्रीय सिद्धांत पूंजी की मांग और पूर्ति पर आधारित है।

ब्याज का शास्त्रीय सिद्धांत पूंजी की मांग और पूंजी की पूर्ति पर आधारित होता है और इसके अनुसार ब्याज की दर का निर्धारण किया जाता है।

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ब्याज का शास्त्रीय सिद्धांत पूंजी की मांग और पूंजी की पूर्ति पर आधारित होता है और इसके अनुसार ब्याज की दर का निर्धारण किया जाता है।

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ब्याज का शास्त्रीय सिद्धांत मार्शल, वालरस, पीगू, और मिल जैसे अर्थशास्त्रियों द्वारा प्रस्तुत किया गया है और इसे बचत-विनियोग सिद्धांत भी कहा जाता है।

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