अर्धं दानवैरिणा गिरिजायां व्यास्यते शिवस्व्याहतम्। देवतेषां जगतितले पुरहृताभवे सम्पुण्नलिता। गद्दः सागरम्मबरं शाशिकला नागाधिपः क्षमतलम्। सर्वजनमधिष्ठित्वरन्तर्म्यमतुः तं तु भिक्षाट... अर्धं दानवैरिणा गिरिजायां व्यास्यते शिवस्व्याहतम्। देवतेषां जगतितले पुरहृताभवे सम्पुण्नलिता। गद्दः सागरम्मबरं शाशिकला नागाधिपः क्षमतलम्। सर्वजनमधिष्ठित्वरन्तर्म्यमतुः तं तु भिक्षाटनम्।
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The question is discussing various geographical or historical attributes related to specific places or deities mentioned. This may involve the significance of these places in cultural or religious contexts.
Answer
शिव के भिक्षाटन का वर्णन श्लोक में है।
शिव के भिक्षाटन का वर्णन श्लोक में है।
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शिव के भिक्षाटन का वर्णन श्लोक में है।
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यह श्लोक 'माणिक्यपञ्चरत्नम्' का भाग है, जिसमें भगवान शिव के भिक्षाटन का वर्णन मिलता है।
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