दर्जा आधार पाठ पर क्विज़
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दर्जा आधार पाठ क्या है?

यह एक ऐसा पाठ है जिसमें भाषा का उपयोग विभिन्न कार्यों की मांग के अनुसार किया जाता है।

दर्जा आधार पाठ शैक्षणिक वातावरण को मज़ेदार बनाने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है।

False

किस प्रकार की शिक्षण विधियों का उपयोग किया गया है?

  • सिर्फ पठन
  • रटने पर जोर देना
  • खेल-खेल में सीखना (correct)
  • आलोचनात्मक सोच (correct)
  • दर्जा आधार पाठ शैक्षणिक ____ की एक दृष्टि है।

    <p>वैचारिकी</p> Signup and view all the answers

    किस विषय में हिंदी- साहित्य संबंध स्थापित करने की बात की गई है?

    <p>सामाजिक विज्ञान</p> Signup and view all the answers

    कला समेकित अधिगम क्या है?

    <p>यह कला के विभिन्न पहलुओं जैसे संगीत, नृत्य, नाटक आदि का समावेश करने वाला शिक्षण विधा है।</p> Signup and view all the answers

    दर्जा आधार पाठ केवल मौखिक कौशल पर ध्यान केंद्रित करता है।

    <p>False</p> Signup and view all the answers

    Study Notes

    आधार पाठ्यक्रम - हिंदी (कक्षा 11वीं - 12वीं)

    • दसवीं कक्षा तक हिंदी का अध्ययन करने वाला छात्र पढ़ने और सुनने के साथ-साथ हिंदी में सोचने और उसे मौखिक एवं लिखित रूप में प्रस्तुत करने की क्षमता अर्जित कर चुका होता है।
    • उच्चतर माध्यमिक स्तर पर आने के बाद इन सभी क्षमताओं को उस स्तर तक ले जाने की आवश्यकता होती है जहाँ भाषा का योगदान विभिनन व्यवहारों की मांगों के अनुकूल किया जा सके।
    • 'आधार' पाठ्यक्रम, साहित्यिक बोध के साथ-साथ भाषायी क्षमता के विकास को अधिक महत्व देता है।
    • यह पाठ्यक्रम उन छात्रों के लिए उपयोगी होगा जो आगे विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हुए हिंदी को एक विषय के रूप में पढ़ेंगे या विज्ञान/सामाजिक विज्ञान के किसी विषय को हिंदी माध्यम से पढ़ना चाहेंगे।
    • यह उन छात्रों के लिए भी उपयोगी होगा जो उच्चतर माध्यमिक स्तर की शिक्षा के बाद किसी तरह के रोजगार में लग जाएँगे। वहाँ कामकाजी हिंदी का आधारभूत अध्ययन काम आएगा।
    • जिन छात्रों की रुचि जनसंचार माध्यमों में होगी, उनके लिए यह पाठ्यक्रम एक आरंभिक पृष्ठभूमि निर्माण करेगा।
    • यह पाठ्यक्रम विभिन्न प्रकार के साहित्य के साथ छात्रों के संबंध को सहज बनाएगा।
    • छात्र भाषिक अभिव्यक्ति के सूक्ष्म एवं डिजिटल पहलुओं से परिचित हो सकेंगे।
    • वे यथार्थ को अपने विचारों में व्यक्त करने के साधन के तौर पर भाषा का अधिक सार्थक उपयोग कर पाएँगे और उनमें जीवन के प्रति मानवीय संवेदना एवं सौंदर्य का विकास हो सकेगा।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और कला समेकित अधिगम

    • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तथा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा समय-समय पर दक्षता आधारित शिक्षा, कला समेकित अधिगम, अनुभवात्मक अधिगम को अपनाने की बात की गई है जो छात्रों की प्रतिभा को उजागर करने, खेल-खेल में सीखने पर बल देने, आनंदपूर्ण शैक्षणिक वातावरण, विभिन्न तरीके से सीखने और अनुभवों के माध्यम से सीखने पर जोर देती है।

    दक्षता आधारित शिक्षा

    • दक्षता आधारित शिक्षा सीखने और मूल्यांकन करने का एक ऐसा दृष्टिकोण है जो छात्र के सीखने के परिणामों और विषय में विशेष दक्षता को बढ़ाने पर बल देता है।
    • दक्षता वह ज्ञान, कौशल, आवश्यकता और दृष्टिकोण है जो व्यक्ति को वास्तविक जीवन में कार्य करने में सहायता करती है।
    • इससे छात्र यह सीख सकते हैं कि ज्ञान और कौशल को किस प्रकार प्राप्त किया जाए तथा उन्हें वास्तविक जीवन की समस्याओं पर कैसे लागू किया जाए।
    • प्रत्येक विषय, प्रत्येक पाठ को जीवनोपयोगी बनाकर योग में लाना ही दक्षता आधारित शिक्षा है।
    • इसके लिए उच्च स्तरीय चिंतन कौशल पर विशेष बल देने की आवश्यकता है।

    कला समेकित अधिगम

    • कला समेकित अधिगम को शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में सुदृढ़ करना अधिक आवश्यक है।
    • कला के संसार में कला की एक अलग ही उड़ान होती है। कला एक अभिव्यक्ति की रचना है।
    • कला समेकित अधिगम का तात्पर्य कला के विभिन्न पहलुओं यथा संगीत, नृत्य, नाटक, कविता, रंगशाला, यात्रा, मूर्तिकला, आभूषण बनाना, गीत लिखना, नुक्कड़ नाटक, कोलाज, पोस्टर, कला प्रदर्शनी को शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा बनाना है।
    • किसी विषय को आरंभ करने के लिए आइसब्रेकिंग गतिविधि के रूप में तथा सामंजस्यपूर्ण समझ पैदा करने के लिए अंतर्व विषयक या बहिर्व विषयक परियोजनाओं के रूप में कला समेकित अधिगम का योग किया जाना चाहिए। इससे पाठ अधिक रोचक एवं समृद्ध हो जाएगा।

    अनुभवात्मक अधिगम

    • अनुभवात्मक अधिगम या आनुभविक शिक्षा का उद्देश्य शैक्षिक वातावरण को छात्र केंद्रित बनाना है।
    • यह मूल्यांकन करने, आलोचनात्मक रूप से सोचने, निर्णय लेने तथा ज्ञान का निर्माण कर उसमें पारंगत होने से है।
    • यहाँ शिक्षक की भूमिका मागदर्शक की रहती है।
    • आनुभविक शिक्षा सहयोगात्मक अथवा टीम कार्य होता है और यह छात्रों को एक साथ कार्य करने तथा टीम के अनुभव के द्वारा सीखने पर बल देता है।
    • यह सिद्धांत और व्यावहार के बीच की दूरी को कम करता है।

    पाठ्यक्रम के अध्ययन से

    • छात्र अपनी रुचि और आवश्यकता के अनुसार साहित्य का गहन और विशेष अध्ययन जारी रख सकेंगे।
    • विश्वविद्यालय स्तर पर निर्धारित हिंदी-साहित्य से संबंधित पाठ्यक्रम के साथ सहज संबंध स्थापित कर सकेंगे।
    • लेखन-कौशल के भावनात्मक और सृजनात्मक पहलुओं में समृद्ध हो सकेंगे।
    • रोजगार के किसी भी क्षेत्र में जाने पर भाषा का योग भावी ढंग से कर सकेंगे।
    • यह पाठ्यक्रम छात्रों को जनसंचार तथा काउंसलिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी मत व्यक्त करने का अवसर दान कर सकता है।
    • छात्र दो भिन्न पाठों की पृष्ठभूमि पर चिंतन करके उनके मध्य की संबंधता पर अपने विचार व्यक्त करने में समर्थ हो सकेंगे।
    • छात्र रटे -रटाए वाक्यों के स्थान पर अभिव्यक्ति परक / स्थिति आधारित / उच्च चिंतन मूलक वाक्यों पर सहजता से अपने विचार कट कर सकेंगे।

    उद्देश्य

    • संवेदन के माध्यम और विधाओं के लिए उपयुक्त भाषा योग की इतनी क्षमता उनमें आ चुकी होगी कि वे इससे जुड़े उच्च स्तर के पाठ्यक्रमों को समझ सकेंगे ।
    • भाषा के अंदर स्थित सौंदर्य संबंध की समझ।
    • सृजनात्मक साहित्य की समझ और आलोचनात्मक चिंतन का विकास।
    • छात्रों के भीतर सभी वर्ग की विविधताओं (धर्म, जाति, लिंग, क्षेत्र एवं भाषा संबंधी ) के प्रति सकारात्मक एवं विवेकपूर्ण रवैये का विकास।
    • पठन - सामग्री को विभिन्न कोणों से अलग -अलग सामाजिक, सांस्कृतिक चिंतताओं के परिदृश्य में देखने का अवसर करवाना तथा आलोचनात्मक चिंतन का विकास करना।
    • छात्रों में भारतीय साहित्य की समझ और उसका आनंद उठाने की क्षमता तथा साहित्य को जीवंत बनाने वाले तत्वों की संवेदना का विकास।
    • विभिन्न शासनानु शासनों के विमर्श की भाषा के रूप में हिंदी की विशेषकृत और उसकी क्षमताओं का बोध।
    • कामकाजी हिंदी के उपयोग के कौशल का विकास।
    • जनसंचार माध्यमों ( प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक) में युवा हिंदी की कृति से परिचय और इन माध्यमों की आवश्यकता के अनुकूल मौखिक एवं लिखित अभिव्यक्ति का विकास।
    • छात्रों में किसी भी अपरिचित विषय से संबंधित संगत जानकारी के स्रोतों का अनुसंधान और व्यवस्थित ढंग से उनकी मौखिक और लिखित प्रस्तुति की क्षमता का ...

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    Description

    इस क्विज़ में दर्जा आधार पाठ के विभिन्न पहलुओं का परीक्षण किया जाएगा। इसमें शिक्षण विधियों, हिंदी साहित्य के संबंध, और कला समेकित अधिगम के विषयों पर प्रश्न शामिल होंगे। यह क्विज़ शैक्षणिक दृष्टिकोण को समझने के लिए सहायक है।

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