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Questions and Answers
वायुमंडल में नाइटोजन स्थिरीकरण का मुख्य स्रोत क्या है?
वायुमंडल में नाइटोजन स्थिरीकरण का मुख्य स्रोत क्या है?
कॉर्पस ल्यूटियम का मुख्य कार्य क्या है?
कॉर्पस ल्यूटियम का मुख्य कार्य क्या है?
DNA फिंगर प्रिंटिंग का उपयोग किसके लिए किया जाता है?
DNA फिंगर प्रिंटिंग का उपयोग किसके लिए किया जाता है?
AIDS के प्रमुख लक्षणों में क्या शामिल नहीं है?
AIDS के प्रमुख लक्षणों में क्या शामिल नहीं है?
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रोगों के प्रसार के मुख्य तरीके क्या हैं?
रोगों के प्रसार के मुख्य तरीके क्या हैं?
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अलैगिक जनन के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा सच नहीं है?
अलैगिक जनन के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा सच नहीं है?
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कुटफल का एक उदाहरण क्या है?
कुटफल का एक उदाहरण क्या है?
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Study Notes
वायुमंडल में नाइटोजन स्थिरीकरण
- नाइटोजन स्थिरीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें वायुमंडल के नाइटोजन को जैविक रूप में परिवर्तित किया जाता है।
- यह प्रक्रिया मुख्य रूप से कुछ बैक्टीरिया और नीले-हरी शैवाल द्वारा की जाती है।
- स्थिरीकरण से पौधों को नाइटोजन की आवश्यक मात्रा मिलती है, जो उनकी वृद्धि के लिए आवश्यक है।
पारजीवी जन्तु (GMO)
- जीएमओ अर्थात् जेनेटिकली मॉडिफाइड ऑर्गेनिज़्म, जिनमें निर्मित जीन को संशोधित या जोड़ा गया है।
- यह जन्तु विशेष गुणों को प्राप्त करने के लिए बनाया जाता है, जैसे pest resistance या उच्च उत्पादन।
- इनमें उत्पादन में सुधार और कृषि उत्पादकता बढ़ाने की संभावना होती है।
उत्परिवर्तन (म्युटेशन)
- म्युटेशन जीन में स्थायी परिवर्तन है जो आनुवंशिक सामग्री को प्रभावित करता है।
- उत्परिवर्तन प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से हो सकते हैं और नए लक्षण उत्पन्न कर सकते हैं।
- कुछ उत्परिवर्तन मानव स्वास्थ्य में रोगों के कारण बन सकते हैं।
कुटफल / आभाषी फल
- कुटफल एक प्रकार का फल है जो कई फलों का एकत्रीकरण होता है, जैसे अनानास।
- आभाषी फल वह होते हैं जो कभी भी अपने मूल आकार में नहीं आते, जैसे नारंगी।
- ये जैविक प्रक्रियाओं के अंतर्गत आते हैं, जो पौधों के जीवन चक्र को प्रभावित करते हैं।
प्लाज्मिड क्या है? इसके उपयोग
- प्लाज्मिड एक छोटा, वृत्ताकार DNA है जो कोशिका में स्वतंत्र रूप से मौजूद होता है।
- ये बैक्टीरिया में आमतौर पर पाए जाते हैं और विभिन्न जीनों को ले जा सकते हैं।
- जैव प्रौद्योगिकी में प्लाज्मिड को जीन ट्रांसफर और क्लोनिंग के लिए उपयोग किया जाता है।
कॉर्पस ल्यूटियम
- कॉर्पस ल्यूटियम एक अस्थायी ग्रंथी है जो अंडाणु के विखंडन के बाद अंडाशय में बनती है।
- यह प्रोजेस्ट्रोन का उत्पादन करती है, जो गर्भधारण के लिए आवश्यक है।
- यदि गर्भधारण नहीं होता, तो यह धीरे-धीरे और समाप्त हो जाती है।
मानव में लिंग निर्धारण किया विधि
- मानव में लिंग निर्धारण गुणसूत्रों के संयोजन पर निर्भर करता है।
- पुरुषों के पास XY और महिलाओं के पास XX गुणसूत्र होते हैं।
- युगीयेन्स और प्रजनन तकनीकों जैसे IVF के माध्यम से लिंग निर्धारण की विधियाँ संभव हैं।
योजक कडी सोदाहरण बताए
- योजक कडी एक प्रकार का रासायनिक बंधन है जिसमें पदार्थ एक साथ मिलते हैं।
- उदाहरण के लिए, ग्लूकोज और फ्रुक्टोज का गठन सचिप की तरह।
- यह बायोकैमिस्ट्री में महत्वपूर्ण है, जैसे कार्बोहाइड्रेट के निर्माण में।
साउदर्न ब्लाटिंग
- साउदर्न ब्लाटिंग एक प्रयोगशाला तकनीक है, जिसे DNA के विश्लेषण के लिए उपयोग किया जाता है।
- इस प्रक्रिया में DNA को जेल में अलग किया जाता है और फिर एक मेम्ब्रेन पर स्थानांतरित किया जाता है।
- यह तकनीक विशेष जीन के पहचान में मदद करती है।
DNA फिंगर प्रिंटिंग
- DNA फिंगर प्रिंटिंग एक तकनीक है जो व्यक्तियों की पहचान के लिए विशेष DNA पैटर्न का उपयोग करती है।
- इसका प्रयोग अपराध विज्ञान में किया जाता है, जैसे कोई अपराधी की पहचान करना।
- यह चिकित्सा अनुसन्धान में भी आनुवंशिक बीमारियों की पहचान में सहायक है।
मरुद्भिद पादपो में अनुकुलन
- मरुद्भिद पादप, जैसे कैक्टस, सूखी जलवायु में जीवित रहने के लिए अनुकूलित होते हैं।
- इनमें जल का संचय एवं कम जल की आवश्यकता होती है।
- ये पत्तियों के बजाय कांटों का विकास करते हैं ताकि जल वाष्पीकरण कम हो सके।
बहुविकल्पता को मानव रक्त वर्ग में बताए
- रक्त वर्ग में बहुविकल्पता एक आनुवंशिक विशेषता है जो A, B, AB, और O समूहों में विभाजित होती है।
- यह ABO प्रणाली पर आधारित है जिसमें कई एंटीजन और एंटीबॉडी की उपस्थिति होती है।
- यह रक्त हस्तांतरण और चिकित्सा में महत्वपूर्ण है।
रेबिज के लक्षण, कारक, नियंत्रण
- रेबिज एक वायरल बीमारी है, जिसका कारण रेबिज वायरस है।
- लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मानसिक परिवर्तन और पक्षाघात शामिल हैं।
- नियंत्रण में टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है, विशेष रूप से कुत्तों के लिए।
जीवो में अलैगिक जनन के बारें में सक्षेप में लिखें
- अलैगिक जनन एक प्रजनन प्रक्रिया है जहां जनन सामग्री का दोहराव होता है।
- इस प्रक्रिया से नये जीवों का निर्माण होता है, जैसे पारजीवी बैक्टीरिया।
- यह आमतौर पर त्वरित विकास के लिए संभव बनाता है।
AIDS के लक्षण, कारण, निंयत्रण
- AIDS का कारण HIV वायरस है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है।
- लक्षणों में वजन घटना, बुखार, और बार-बार होने वाले संक्रमण शामिल हैं।
- इसके नियंत्रण के लिए एंटीवायरल चिकित्सा और शिक्षा में सुधार आवश्यक है।
रोगो का प्रसार कैसे होता है?
- रोगों का प्रसार मुख्यतः संक्रामक एजेंटों के माध्यम से होता है, जैसे बैक्टीरिया, वायरस आदि।
- यह हवा, जल, या प्रत्यक्ष संपर्क से हो सकता है।
- जन स्वास्थ्य प्रबंधन और सक्रिय रोकथाम उपाय आवश्यक हैं।
आनुवांशिक विकार
- आनुवांशिक विकार जीनों में दोष के कारण होते हैं, जो व्यक्तियों की स्वास्थ्य में समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।
- उदाहरण में थैलेसीमिया, सिस्टिक फाइब्रोसिस शामिल हैं।
- यह छोटे जीन परिवर्तनों या गुणसूत्रों के असमानता के कारण हो सकता है।
जीन चिकित्सा
- जीन चिकित्सा एक उपचारात्मक तकनीक है जिसमें आनुवांशिक विकारों का इलाज करने के लिए जीन में बदलाव किया जाता है।
- इसमें सामान्य जीन को संक्रमित कोशिकाओं में डालना शामिल है।
- यह रोग के लक्षणों को समकक्ष करने या उन्हें इलाज करने की क्षमता रखती है।
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Description
यह प्रश्नोत्तरी जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण विषयों पर केन्द्रित है, जिसमें आनुवांशिकी, रोग, और मूत्रविज्ञान से संबंधित प्रमुख अवधारणाएँ शामिल हैं। आप नाइटोजन स्थिरीकरण से लेकर AIDS के लक्षणों तक विविध टॉपिक्स पर ज्ञान का परीक्षण करेंगे। सभी प्रश्नों का उत्तर दें और अपनी जीव विज्ञान की जानकारी को मजबूत करें।