Questions and Answers
INS अरिघाट की कमीशनिंग से भारत किस क्लब में शामिल हुआ है?
INS अरिघाट में स्वदेशीकरण की मात्रा कितनी बढ़ी है?
INS अरिघाट परियोजना में भारतीय नौसेना की भूमिका क्या है?
परमाणु पनडुब्बियों के प्रकार में निम्नलिखित में से कौन सा सही नहीं है?
Signup and view all the answers
INS अरिघाट की कमीशनिंग से किस क्षेत्र में सुधार हुआ है?
Signup and view all the answers
अररघाट पनडुब्बी की विशेषता क्या है?
Signup and view all the answers
भारत का परमाणु नीतिगत सिद्धांत क्या है?
Signup and view all the answers
अररघाट की क्षमता से भारत को क्या लाभ मिलता है?
Signup and view all the answers
अररघाट और अररहतं पनडुब्बियों के निर्माण में कौन सा लाभ है?
Signup and view all the answers
अररघाट पनडुब्बी का उद्देश्य क्या है?
Signup and view all the answers
Study Notes
INS अरिघाट का महत्व
- INS अरिघाट की कमीशनिंग से भारत परमाणु संचालित पनडुब्बी निर्माण में सक्षम देशों के क्लब में शामिल हो गया है।
- यह उपलब्धि राष्ट्रीय रक्षा एवं परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के लिए महत्वपूर्ण है।
स्वदेशीकरण की वृद्धि
- INS अरिघाट में स्वदेशीकरण का स्तर 30% से बढ़कर 60% हो गया है, जो भारत की औद्योगिक आत्मनिर्भरता बढ़ाता है।
- स्वदेशीकरण से मरम्मत और रखरखाव में भी सुधार हुआ है।
भारतीय नौसेना की भूमिका
- भारतीय नौसेना ने पनडुब्बी परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें उच्च मानकों और सटीक प्रक्रियाओं का समावेश है।
पनडुब्बियों के प्रकार
- एसएसए: पारंपरिक हथियारों वाली पनडुब्बी।
- एसएसजीए: पारंपरिक वारहेड वाली गाइडेड मिसाइलें ले जाने वाली पनडुब्बी।
- एसएसबीए: बैलिस्टिक मिसाइलें ले जाने वाली पनडुब्बी, जो आमतौर पर परमाणु सशस्त्र होती है; अरिघाट इसी श्रेणी में आती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान
- INS अरिघाट भारत की समुद्र आधारित परमाणु निरोधक क्षमता को बढ़ाता है और परमाणु त्रय का विश्वसनीय हिस्सा है।
- यह पनडुब्बी 3,500 किलोमीटर तक की रेंज वाली मिसाइलें ले जा सकती है, जो इसकी सामरिक क्षमता को विस्तारित करती है।
परमाणु निरोधक सिद्धांत
- भारत का परमाणु निरोधक सिद्धांत "पहले उपयोग न करने" की प्रतिबद्धता के साथ न्यूनतम विश्वसनीय निरोधक बनाए रखने की बात करता है।
- यह सिद्धांत बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई की क्षमता को सुनिश्चित करता है।
चुनौतियाँ और अवसर
- INS अरिघाट जैसे एसएसबीएन पनडुब्बियों के निर्माण से भारत भविष्य में पनडुब्बी परियोजनाओं में सक्षम हो जाएगा।
- स्वदेशीकरण के लाभ पारंपरिक पनडुब्बी निर्माण कार्यक्रमों में भी अप्लाई किए जा सकते हैं।
- यह परियोजना भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
Studying That Suits You
Use AI to generate personalized quizzes and flashcards to suit your learning preferences.
Description
INS अरिघाट की कमीशन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह स्वदेशीकरण और रक्षा क्षमताओं में एक नई दिशा प्रदान करता है। इस पनडुब्बी के साथ, भारत एक शक्तिशाली परमाणु संचालित समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है।