ग्रामीण समाज में विकास एवं परिवर्तन
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Questions and Answers

ग्रामीण कारीगरों और दस्तकारों की संख्या में कमी के कारण क्या हैं?

ग्रामीण कारीगरों और दस्तकारों की संख्या में कमी का मुख्य कारण औपनिवेशिक काल में मशीन से बने सामान का आगमन है। इसके कारण उनकी हाथ से बनी वस्तुओं की मांग में गिरावट आई है।

कौन से विशेषज्ञ और दस्तकार ग्रामीण जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं?

कहानी सुनाने वाले, ज्योतिषी, पजारी, भिश्ती और तेली जैसे विशेषज्ञ ग्रामीण जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये व्यक्ति ग्रामीण समुदाय को सामाजिक और आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं।

आपके क्षेत्र में मनाए जाने वाले किसी महत्वपूर्ण त्योहार का कृषि से क्या संबंध है?

हमारे क्षेत्र में मनाए जाने वाला महावीर जयंती त्योहार खेती से संबंधित फसलों की अच्छे उत्पादन की कामना करता है। इस दौरान विशेष अनुष्ठान और रीति-रिवाज कृषि समुदाय के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

ग्रामीण समाज में व्यवसायों की भिन्नता किस चीज़ पर निर्भर करती है?

<p>ग्रामीण समाज में व्यवसायों की भिन्नता जाति और क्षेत्र विशेष के अनुसार होती है। उदाहरण के लिए, कुछ व्यवसाय केवल विशेष जातियों द्वारा किए जाते हैं।</p> Signup and view all the answers

कौन से परंपरागत व्यवसाय ग्रामीण स्तर पर टूट रहे हैं?

<p>कुम्हार, धोबी और सुनार जैसे परंपरागत व्यवसाय धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। ये व्यवसाय आधुनिकता के कारण असर में हैं।</p> Signup and view all the answers

क्या आप किसी एेसे कस्बे का नाम बता सकते हैं जो पहले गाँव था और अब विकसित हुआ है?

<p>जैसे नोएडा, जो एक समय ग्राम क्षेत्र था और अब एक महत्वपूर्ण शहरी क्षेत्र है।</p> Signup and view all the answers

किस प्रकार के कार्य भारत में छोटे कस्बों में आमतौर पर किए जाते हैं?

<p>शिक्षा, डाकखाना, कारखाने, और सेना की नौकरी जैसे कार्य।</p> Signup and view all the answers

किस प्रकार का विकास छोटे कस्बों में कृषि गतिविधियों से शहरीकरण की ओर इशारा करता है?

<p>कृषि भूमि का उपयोग उद्योग और आवासीय परियोजनाओं के लिए किया जाने लगता है।</p> Signup and view all the answers

भारत में कृषि क्रियाकलापों के अलावा, कौन से क्षेत्र हैं जो कस्बों की जीविका को प्रभावित करते हैं?

<p>औद्योगिक क्षेत्र और सेवा क्षेत्र कस्बों की जीविका को प्रभावित करते हैं।</p> Signup and view all the answers

क्या आप किसी ऐसे क्षेत्र का उदाहरण दे सकते हैं जो पहले कृषि भूमि था और अब औद्योगिक रूप से विकसित हो गया है?

<p>गुड़गाँव, जो पहले ग्रामीण क्षेत्र था और अब एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है।</p> Signup and view all the answers

प्रबल जाति का क्या महत्व है और यह स्थानीय लोगों पर कैसे प्रभाव डालती है?

<p>प्रबल जाति आर्थिक और राजनीतिक रूप से शक्तिशाली होती है, जो स्थानीय लोगों पर नियंत्रण बनाती है। ये जातियाँ अपने सामर्थ्य के बल पर ग्रामीण समाज में प्रभावित करती हैं।</p> Signup and view all the answers

किस प्रकार की जातियों को सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था एवं अन्य साधनों की आवश्यकता होती है?

<p>उच्च और मध्य जातियाँ जिन्हें गहन कृषि के लिए सिंचाई की आवश्यकता होती है। यह मुख्यतः कृषिक उत्पादन से संबंधित क्षेत्रों में होता है।</p> Signup and view all the answers

किस प्रकार के मजदूर अधिकांशतः प्रबल जातियों के खेतों में रहते थे?

<p>दलित जातियों और निम्न जातियों के मजदूर जो खेतों में काम करते थे। ये मजदूर प्रबल जातियों के अधिकार क्षेत्र में आते थे।</p> Signup and view all the answers

जाति और वर्ग का अनुपात किस प्रकार प्रभाव डालता है?

<p>जाति और वर्ग का अनुपात असमानता उत्पन्न करता है, जहाँ ऊँची जातियों के पास अच्छे संसाधन और भूमि होती है। इसके परिणामस्वरूप शक्ति और विशेषाधिकार का असमान वितरण होता है।</p> Signup and view all the answers

‘बेगार’ और मुफ्त मजदूरी की पद्धति का अस्तित्व किस प्रकार की आर्थिक संरचना को दर्शाता है?

<p>ये पद्धतियाँ एक असमान आर्थिक संरचना को दर्शाती हैं जहाँ निम्न जातियाँ उच्च जातियों के लिए लागत रहित कार्य करती हैं। यह प्रगति की बाधा बनता है।</p> Signup and view all the answers

हरित क्रांति के दौरान किसानों के लिए नई तकनीक का लाभ उठाने में कौन सा वर्ग प्रमुख रहा?

<p>मध्यम और बड़े किसान प्रमुख रहे।</p> Signup and view all the answers

हरित क्रांति के परिणामस्वरूप ग्रामीण समाज में क्या असमानताएँ बढ़ीं?

<p>धनी किसान और अधिक धनी हुए, जबकि भमूिहीन और सीमांत किसानों की स्थिति बिगड़ गई।</p> Signup and view all the answers

किसी स्थान पर कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए आवश्यक कौन से मुख्य घटक थे?

<p>सिंचाई, उच्च उत्पादकता वाले बीज, कीटनाशक और खाद।</p> Signup and view all the answers

हरित क्रांति की प्रक्रिया से छोटे और सीमांत किसानों पर क्या दुष्प्रभाव पड़े?

<p>छोटे किसान निवेश नहीं कर पाने के कारण पीछे रह गए और उनकी स्थिति deteriorate हुई।</p> Signup and view all the answers

हरित क्रांति के अंत में 'विभेदीकरण' से क्या आशय है?

<p>'विभेदीकरण' का आशय धनी किसानों के अधिक धनी होने और गरीब किसानों के और गरीब होने से है।</p> Signup and view all the answers

Flashcards

शहरी विकास

ऐसे शहर या कस्बे जो पहले गाँव थे या कृषि भूमि थी, अब शहरी विकास के कारण बदल गए हैं।

चारों ओर गाँव

शहर और कस्बे के आसपास बसने वाले गाँवों को कहते हैं।

सरकारी नौकरियाँ

डाकखाने, शिक्षा विभाग, कारखाने और सेना जैसी नौकरियों में लोग काम करते हैं।

कृषि कार्य

ऐसे लोग जो कृषि या खेती पर निर्भर रहते हैं, वे कृषि कार्य करते हैं।

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शहरीकरण

भारत में ऐसे कई कस्बे और शहर हैं जो तेजी से बढ़ रहे हैं, जहाँ गाँव भी हैं।

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ग्रामीण दस्तकार

ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कुम्हार, खाती, जलवाहक, लुहार और सुनार जैसे लोग जो पारंपरिक कलाएं और कारीगरी करते हैं।

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दस्तकारों का योगदान

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाले कलाकारों और कारीगरों का समूह।

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दस्तकारों की घटती संख्या

मशीनों द्वारा बनी वस्तुओं को आसानी से उपलब्ध होने के कारण हाथ से बनी वस्तुओं की मांग कम होने से इन दस्तकारों की संख्या लगातार घट रही है।

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ग्रामीण समाज में विशेषज्ञ

गाँव में रहने वाले कहानी सुनाने वाले, ज्योतिषी, पुजारी, पानी बेचने वाले, तेल वाले और और भी कई लोग जो अपने विशेष ज्ञान और कुशलता से ग्रामीण लोगों की मदद करते हैं।

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ग्रामीण व्यवसाय और जाति

गाँवों में व्यवसायों की विभिन्नता जातियों से जुड़ी होती है, जैसे कुम्हार, सुनार, धोबी आदि।

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प्रबल जाति

एक विशेष क्षेत्र में, एक प्रमुख जाति समूह होता है जो आर्थिक और राजनीतिक शक्ति रखता है और स्थानीय लोगों पर नियंत्रण रखता है।

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प्रबल जाति का प्रभुत्व

प्रबल जाति के लोग, जो आर्थिक और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली होते हैं, वे स्थानीय लोगों पर हावी होते हैं।

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प्रबल जाति के उदाहरण

प्रबल जाति के लोग, जैसे कि जाट, राजपूत, वोक्कालिगास, लिंगायत, कम्मास, रेड्डी और जाट सिख, आर्थिक रूप से शक्तिशाली होते हैं और भूमि के मालिक होते हैं।

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जाति और वर्ग का संबंध

अधिकांश सीमांत किसान और भूमिहीन लोग निम्न जाति से संबंधित होते हैं, जबकि प्रबल जाति समूह में मध्य और उच्च जाति के लोग अधिक होते हैं।

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कृषि संरचना में असमानता

कई क्षेत्रों में, विशेष रूप से जहां सिंचाई की सुविधाएं हैं, गहन कृषि के लिए बड़ी संख्या में भूमिहीन मजदूरों की आवश्यकता होती है। ये मजदूर अक्सर निम्न जाति या दलित समुदाय से होते हैं।

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भूमि सुधार

जमीन के स्वामित्व या अधिकार को बदलने और भूमि उपयोग को बेहतर बनाने के लिए किए गए कानूनों और नीतियों को भूमि सुधार कहते हैं।

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हरित क्रांति क्या थी?

हरित क्रांति 1960 और 1970 के दशक में उच्च पैदावार वाली फसलें, उर्वरक, कीटनाशकों और सिंचाई की तकनीकों का इस्तेमाल करके कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए किए गए सरकारी प्रयास थे।

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हरित क्रांति के सामाजिक परिणाम

हरित क्रांति ने उन किसानों को फायदा पहुंचाया जिनके पास ज़मीन, पैसे, उपकरण और जानकारी थी, लेकिन छोटे किसानों के लिए मुश्किल हो गई।

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हरित क्रांति के नकारात्मक परिणाम क्या थे?

हरित क्रांति के कारण बड़े पैमाने पर सिंचाई की जरूरत पड़ी, जिसके कारण पानी की कमी, पर्यावरणीय प्रदूषण और भूमि की गुणवत्ता में गिरावट जैसी समस्याएं हुईं।

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हरित क्रांति का विभेदीकरण

विभेदीकरण का मतलब है कि हरित क्रांति के बाद समाज में अमीर और गरीब के बीच का अंतर बढ़ गया।

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Study Notes

ग्रामीण समाज में विकास एवं परिवर्तन

  • ग्रामीण भारत मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है।
  • 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 69% लोग गाँव में रहते हैं।
  • भूमि, उत्पादन एवं संपत्ति का महत्वपूर्ण आधार है।
  • सांस्कृतिक त्योहारों का कृषि से गहरा संबंध है, जैसे पोंगल, बिहू, बैसाखी, उगाड़ी।
  • प्रत्येक क्षेत्र में कृषि और संस्कृति का घनिष्ठ संबंध है।
  • कारीगरों (जैसे कुम्हार, जुलाहे, लुहार), कलाकारों, धर्मगुरुओं आदि की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • औपनिवेशिक काल में, पारम्परिक कारीगरों की भूमिका कम होती गई।
  • मशीनकृत वस्तुओं ने पारम्परिक हस्तशिल्पों को प्रभावित किया।
  • ग्रामीण आर्थिकी में विभिन्न प्रकार के व्यवसाय शामिल हैं।
  • ग्रामीण समाज में विकास और परिवर्तन के विभिन्न पहलू हैं।

कृषिक संरचना: ग्रामीण भारत में जाति एवं वर्ग

  • ग्रामीण समाज में भूमि स्वामित्व असमान रूप से बंटा है।
  • कुछ क्षेत्रों में अधिकांश परिवारों के पास भूमि है, जबकि अन्य जगहों पर 40-50% परिवारों के पास कोई भूमि नहीं है।
  • महिलाओं के पास भूमि पर सीमित अधिकार होते हैं।
  • भूमि स्वामित्व की संरचना ग्रामीण वर्ग संरचना को निर्धारित करती है।
  • कृषि मजदूरों की आमदनी और रोजगार असुरक्षित है।
  • भूमि के अधिकार वाले किसानों से पट्टेदारों को कम आमदनी मिलती है।
  • जाति और वर्ग का संबंध जटिल और अक्सर स्पष्ट नहीं होता।
  • प्रबल जातियों के लोग अक्सर अधिक भूमि और आमदनी वाले होते हैं।
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग अक्सर निम्न वर्ग में होते हैं।
  • औपनिवेशिक काल में, ज़मींदारों के पास अधिकार थे।
  • ब्रिटिश काल में, ज़मींदारों ने किसानों से अधिक टैक्स वसूला।
  • रैयतवाड़ी व्यवस्था में, किसान सीधे सरकार को टैक्स देते थे।

भूमि सुधार के परिणाम

  • स्वतंत्रता के बाद, भूमि सुधार कानूनों ने ज़मींदारी व्यवस्था को समाप्त किया।
  • पट्टेदारी व्यवस्था में सीमितकरण और नियंत्रण किया गया।
  • भूमि हदबंदी अधिनियम ने प्रत्येक परिवार के लिए ज़मीन की अधिकतम सीमा तय की।
  • भूमि सुधारों से कुछ परिवर्तन हुए, लेकिन असमानताएं बनी रहीं।

हरित क्रांति और इसके सामाजिक परिणाम

  • 1960-70 के दशक में हरित क्रांति ने कृषि में महत्वपूर्ण बदलाव लाए।
  • संकर बीज, कीटनाशक, और खादों के इस्तेमाल से उत्पादकता बढ़ी।
  • मध्यम और बड़े किसानों को अधिक लाभ हुआ।
  • हरित क्रांति से क्षेत्रीय असमानताएं बढ़ीं।
  • भूमिहीन मज़दूरों और छोटे किसानों की हालत बिगड़ गई।
  • कुछ किसान आत्महत्याओं के मामले सामने आए।
  • कृषि में भूमंडलीकरण और संविदा खेती ने किसानों को और अधिक बाज़ार पर निर्भर बना दिया।
  • भूमिहीन मज़दूरों के अधिकार और जीवन की गतिविधियाँ बहुत ही जटिल हैं।

मज़दूरों का संचार (सर्कुलेशन)

  • ग्रामीण मज़दूर, काम की तलाश में अन्य क्षेत्रों में जाते हैं।
  • संपन्न क्षेत्रों में कृषि मज़दूर की मांग अधिक होती है।
  • सीमांत और ग़रीब किसानों का प्रवासन हो रहा है।
  • महिलाओं में असुरक्षा अधिक है क्योंकि वे समान कार्य के लिए पुरुषों से कम मज़दूरी पाती हैं।

भूमंडलीकरण, उदारीकरण और ग्रामीण समाज

  • उदारीकरण की नीतियों ने कृषि को अधिक बाज़ार पर निर्भर बना दिया।
  • अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार से प्रतिस्पर्धा के कारण किसानों पर दबाव बढ़ा।
  • संविदा खेती से किसान कंपनियों पर निर्भर हो गए।
  • कुछ कृषि मदों जैसे फूल, फल, कपास और तिलहन के निर्यात में बढ़ोतरी हुई।
  • बहुराष्ट्रीय कंपनियां कृषि मदों जैसे कि बीज, कीटनाशक और खाद जैसे मदों की बिक्री करने लगीं।

किसानों की आत्महत्या

  • कृषि सुधारों और भूमंडलीकरण के नकारात्मक परिणाम।
  • किसानों को कर्ज में डुबोने वाले कारक और दबाव।

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Quiz Team

Description

इस क्विज़ में ग्रामीण समाज के विकास और परिवर्तन के पहलुओं पर चर्चा की गई है। इसमें कृषि, सांस्कृतिक त्योहार और भूमि स्वामित्व जैसी महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है। ग्रामीण आर्थिकी और वर्ग संरचना का भी विश्लेषण किया जाएगा।

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