भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन का इतिहास
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Questions and Answers

भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन की शुरुआत का प्रमुख कारण क्या था?

  • धार्मिक आंदोलनों का उभार
  • एकजुटता में कमी
  • विदेशी शक्तियों का समर्थन
  • सामाजिक सुधार आंदोलनों का पनपना (correct)
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किस वर्ष हुई थी?

  • 1930
  • 1905
  • 1885 (correct)
  • 1920
  • महात्मा गांधी ने किस सिद्धांत के तहत अहिंसक प्रतिरोध को अपनाया?

  • संपूर्ण सविनय अवज्ञा (correct)
  • विज्ञान और तकनीक का सहारा
  • हिंसक विद्रोह
  • धार्मिक भुजाओं का उपयोग
  • भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में प्रमुख नेता कौन नहीं था?

    <p>डॉ. भीमराव अंबेडकर</p> Signup and view all the answers

    स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कौन सा आंदोलन ब्रिटिश शासन के खिलाफ जन आंदोलन था?

    <p>गैर-सहयोग आंदोलन</p> Signup and view all the answers

    राष्ट्रीय आंदोलन की एक प्रमुख विशेषता क्या थी?

    <p>अहिंसक प्रतिरोध</p> Signup and view all the answers

    स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के लिए एक प्रमुख चुनौती क्या थी?

    <p>सामाजिक और आर्थिक सुधार</p> Signup and view all the answers

    किस नेता ने स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख भूमिका निभाई?

    <p>सुभाष चंद्र बोस</p> Signup and view all the answers

    आंदोलन के परिणामस्वरूप भारत की स्वतंत्रता ने किस तरह का प्रभाव डाला?

    <p>भारत और विश्व में गहरा प्रभाव</p> Signup and view all the answers

    स्वतंत्रता संग्राम में कौन सी चुनौती बार-बार आई?

    <p>सामाजिक असहमति</p> Signup and view all the answers

    गांधी जी ने किस प्रकार के सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया?

    <p>सामाजिक और आर्थिक सुधार</p> Signup and view all the answers

    नैतिकता और सामाजिक सुधारों पर केंद्रित होने वाला आंदोलन कौन सा था?

    <p>राष्ट्रीय आन्दोलन</p> Signup and view all the answers

    निम्नलिखित में से कौन सा आंदोलन सविनय अवज्ञा आंदोलन का हिस्सा नहीं है?

    <p>सामाजिक न्याय आंदोलन</p> Signup and view all the answers

    Study Notes

    भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन का इतिहास

    • भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध से लेकर 20वीं शताब्दी के मध्य तक चला, और इसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करना था।
    • आन्दोलन की शुरुआत धीमी गति से हुई, विभिन्न समाज सुधार आंदोलनों और राष्ट्रवाद के बीजों के पनपने से।
    • प्रारंभिक चरण में, राष्ट्रवादी समाज सुधार गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, ब्रिटिश शासन के न्यायिक और सामाजिक पहलुओं पर सवाल उठाते हैं।
    • 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना एक महत्वपूर्ण मोड़ थी, जिसने विभिन्न राष्ट्रवादी विचारों को एक मंच प्रदान किया।
    • कांग्रेस के नेताओं ने ब्रिटिश नीतियों पर आलोचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया, और धीरे-धीरे स्व-शासन की मांग को मजबूत किया।

    राष्ट्रवाद के विकास के विभिन्न चरण

    • गैर-सहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन जैसे आंदोलन स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख मोड़ थे, जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ व्यापक जन आंदोलन को प्रेरित किया।
    • महात्मा गांधी की भूमिका महत्वपूर्ण थी, उन्होंने अहिंसक प्रतिरोध के सिद्धांतों के माध्यम से राष्ट्रवाद को जन आंदोलन में परिवर्तित किया।
    • गांधी के नेतृत्व में, विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समस्याओं को भी उठाया गया, जो राष्ट्रवादी आंदोलन के साथ जुड़े हुए थे।
    • विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों में स्वतंत्रता की भावना का विकास हुआ और अनेक नेताओं ने आंदोलन में भाग लिया।

    आंदोलन के प्रमुख नेता

    • महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, और अन्य नेताओं ने राष्ट्रीय आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
    • इन नेताओं ने अपने-अपने तरीके से लोगों को राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

    आंदोलन की विशेषताएँ

    • यह एक जन आंदोलन था, जिसमें विभिन्न वर्गों के लोग शामिल थे।
    • अहिंसक प्रतिरोध के सिद्धांत एक प्रमुख विशेषता थी।
    • राष्ट्रीय स्वतंत्रता और आत्म-शासन की मांग एक प्रमुख थीम थी।
    • सामाजिक और आर्थिक सुधारों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया था।

    स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मुकाबले और चुनौतियाँ

    • आंदोलन को दबाने में ब्रिटिश सरकार द्वारा कई प्रतिक्रियाएँ दी गईं, जिनमे दमनकारी नीतियाँ शामिल हैं।
    • विभिन्न समूहों और समुदायों के बीच मतभेद अक्सर आंदोलन के रास्ते में आ जाते थे।
    • विदेशी शक्ति का विरोध करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।

    स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद प्रभाव

    • भारत की स्वतंत्रता एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसने भारत और विश्व दोनों पर गहरा प्रभाव डाला।
    • स्वतंत्रता के बाद, भारत के लिए एक लोकतांत्रिक गणराज्य बनने के लिए चुनौतियां भी पेश हुईं।
    • स्वतंत्रता के बाद, सामाजिक और आर्थिक सुधार को लागू करने की आवश्यकता महसूस की गई।

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    Description

    इस क्विज़ में आप भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के इतिहास की विभिन्न घटनाओं और चरणों के बारे में जानेंगे। आप जानेंगे कि कैसे विभिन्न सामाजिक सुधार आंदोलनों ने राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया और कांग्रेस का गठन कैसे एक महत्वपूर्ण मोड़ था। महात्मा गांधी के अहिंसक प्रतिरोध के सिद्धांत भी चर्चा का एक महत्वपूर्ण भाग होंगे।

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