राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 2022 PDF
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2022
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यह राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) अधिनियम, 2022 का पाठ है। यह अधिनियम, सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों को रोकने और नियंत्रित करने के लिए उपायों का प्रावधान करता है।
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राजस्थान राजपत्र RAJASTHAN GAZETTE Extraordinary विशेषाांक साधिकार प्रकाशशत Published by Authority...
राजस्थान राजपत्र RAJASTHAN GAZETTE Extraordinary विशेषाांक साधिकार प्रकाशशत Published by Authority चैत्र 16, बध ु वार, शाके 1944-अप्रेल 6, 2022 Chaitra 16, Wednesday , Saka 1944- April 6, 2022 भाग-4(क) राजस्थान ववधान मण्डल के अिधिनमम। विधि (वििायी प्रारूपण) विभाग (ग्रप ु -2) अिधसच ू ना जयपरु , अप्रेल 6, 2022 सांखया प.2(10)विधि/2/2022.- राजस्थान राजम ववधान-मण्डल का िनमनाांककत अिधिनमम, जजसे राजमपाल महोदम की अनम ु ित ददनाांक 5 अप्रेल, 2022 को प्रापत हुई, एतद्द्वारा सववसाधारण की सच ू नाथव प्रकाशशत ककमा जाता है:- राजस्थान सािवजननक परीक्षा (भती में अनधु ित सािनों की रोकथाम के अधयप ु ाय) अधिननयम, 2022 (2022 का अधिननयम सांखयाांक 6) (राजमपाल महोदम की अनम ु ित ददनाांक 5 अप्रेल, 2022 को प्रापत हुई) स्वामतत िनकामों, प्रािधकाररमों, बोडों मा िनगमों सदहत राजम सरकार के अधीन ककसी पद पर भती के प्रमोजन के शलए साववजिनक परीक्षाओां में प्रशनपत्रों के प्रकटन और अनिु चत साधनों के उपमोग के अपराधों की रोकथाम और िनमांत्रण के शलए प्रभावी अधमप ु ामों का उपबांध करने के शलए और ऐसे अपराधों के ववचारण के शलए अशभ दहत नमामालमों, और उनसे सांसकत मा आनष ु िां गक मामलों, का उपबांध करने के शलए अिधिनमम। भारत गणराजम के ितहततरवें वषव में राजस्थान राजम ववधान-मण्डल िनमनशलखित अिधिनमम बनाता है :- 1. सांक्षक्षपत नाम, प्रसार और प्रारां भ.- (1) इस अिधिनमम का नाम राजस्थान साववजिनक परीक्षा (भती में अनिु चत साधनों की रोकथाम के अधमप ु ाम) अिधिनमम, 2022 है । (2) इसका प्रसार सांपण ू व राजस्थान राजम में होगा। (3) मह ऐसी तारीि से प्रवतृ त होगा जो राजम सरकार, राजपत्र में अिधसच ू ना द्वारा, िनमत करे । 2. पररभाषाएां.- इस अिधिनमम में , जब तक ववषम मा सांदभव से अनमथा अपेक्षक्षत न हो,- (क) ''साववजिनक परीक्षा का सांचालन'' से अशभप्रेत है और इसमें सजममशलत है प्रशनपत्रों, उततर पत्रकों, ओ.एम.आर. शीट और पररणाम पत्रकों की तैमारी, मद्र ु ण, पमववेक्षण, कोडडांग, प्रकिमा, भांडारकरण, पररवहन, ववतरण और सांग्रहण, मल ू माांकन, पररणाम की घोषणा, इतमादद; (ि) ''परीक्षा प्रािधकारी'' से अनस ु च ू ी-1 में मथावविनददव षट परीक्षा प्रािधकारी अशभप्रेत है; (ग) ''परीक्षा केनद्र'' से ककसी साववजिनक परीक्षा आमोजजत कराने के शलए िनमत और प्रमक ु त कोई सांस्था मा उसका भाग मा कोई अनम स्थान अशभप्रेत है और इसमें उससे सांलगन सांपण ू व पररसर सजममशलत है; 7 राजस्थान राज-पत्र, अप्रेल 6, 2022 भाग 4 (क) (घ) ''परीक्षाथी'' से ऐसा वमजकत, जजसे साववजिनक परीक्षा में उपजस्थत होने के शलए सांबिां धत प्रािधकारी द्वारा अनम ु ित प्रदान की गई है , अशभप्रेत है और इसमें उसके िनशमतत श्रुतलेिक के रूप में प्रािधकृत वमजकत सजममशलत है ; (ङ) ''साववजिनक परीक्षा'' से स्वामतत िनकामों, प्रािधकाररमों, बोडों मा िनगमों सदहत राजम सरकार के अधीन ककसी पद पर भती के प्रमोजन के शलए अनस ु च ू ी-2 में मथावविनददव षट परीक्षा अशभप्रेत है ; (च) ''अनिु चत साधन'' में ,- (i) ककसी परीक्षाथी के सांबध ां में , साववजिनक परीक्षा में ककसी वमजकत मा समह ू से प्रतमक्ष मा अप्रतमक्ष रूप से मा ककसी भी रूप में ककसी शलखित, अशभशलखित, प्रितशलवप मा मदु द्रत सामग्री से, अप्रािधकृत सहामता लेना मा ककसी अप्रािधकृत इलेकट्रािनक मा माांत्रत्रक उपकरण मा गैजेट का उपमोग करना, सजममशलत है ; (ii) ककसी वमजकत के सांबध ां में ,- I. प्रशनपत्र के प्रितरूपण मा प्रकटन मा प्रकटन का प्रमास मा प्रकटन का षड़मांत्र करना; मा II. प्रशनपत्र को अप्रािधकृत रीित से उपापत करना मा उपापत करने का प्रमास करना मा कबजे में लेना मा कबजे में लेने का प्रमास करना; मा III. अप्रािधकृत रीित से प्रशनपत्र हल करना मा हल करने का प्रमास करना मा प्रशनपत्र हल करने में सहामता माांगना; और IV. साववजिनक परीक्षा में परीक्षाथी की अप्रािधकृत रीित से प्रतमक्ष मा अप्रतमक्ष रूप से सहामता करना, सजममशलत है । स्पषटीकरण.- ककसी वमजकत में परीक्षाथी भी सजममशलत है ; और (छ) इसमें प्रमक ु त ककमे गमे और पररभावषत नहीां ककमे गमे ककनतु भारतीम दण्ड सांदहता, 1860 (1860 का केनद्रीम अिधिनमम सां. 45) में पररभावषत ककमे गमे शबदों और अशभ वमजकतमों के वही अथव होंगे जो उनहें िमश: उस सांदहता में समनद ु े शशत ककमे गमे हैं। 3. अनधु ित सािनों के उपयोग का प्रनतषेि.- कोई भी वमजकत ककसी भी साववजिनक परीक्षा में अनिु चत साधनों का उपमोग नहीां करे गा। 4. प्रशनपत्र का कब्जा और प्रकटीकरण.- साववजिनक परीक्षा के सांचालन के शलए प्रशनपत्रों को िोलने और उनका ववतरण करने के शलए अपने कतववमों के आधार पर प्रािधकृत कोई भी वमजकत िनमत समम से पव ू व िनमनशलखित नहीां करे गा- (क) ऐसे प्रशनपत्र मा उसके ककसी भाग मा उसकी प्रित को िोलना, प्रकट करना मा उपापत करना मा उपापत करने का प्रमास करना, कबजे में लेना मा हल करना; मा (ि) ककसी वमजकत मा परीक्षाथी को, कोई गोपनीम सच ू ना, जहाां ऐसी गोपनीम सच ू ना ऐसे प्रशनपत्र से सांबिां धत है मा उसके सांदभव में है , दे ना मा ऐसी गोपनीम सच ू ना दे ने का वचन दे ना। 5. परीक्षा कायव से नयस्त या उसमें लगे हुए व्यक्तत द्िारा प्रकटन की रोकथाम.- कोई भी वमजकत, जो साववजिनक परीक्षा से सांबिां धत ककसी भी कामव में नमस्त है मा उसमें लगा हुआ है , शसवाम उस दशा के जहाां वह ऐसा करने के शलए अपने कतववमों के आधार पर अनज्ञ ु ात हो, ऐसी सच ू ना मा उसका भाग, जो उसे इस प्रकार नमस्त ककमे जाने वाले कामव के आधार पर जानकारी में आमा है , ककसी भी अनम वमजकत को प्रतमक्ष मा अप्रतमक्ष रूप से प्रकट नहीां करे गा मा प्रकट नहीां करवामेगा मा नहीां बतामेगा। भाग 4 (क½ राजस्थान राज-पत्र, अप्रेल 6, 2022 8 6. प्रशनपत्र और उत्तर पत्रक या ओ.एम.आर. शीट का ककसी भी रूप में अप्राधिकृत कब्जा या प्रकटीकरण.- कोई भी वमजकत, जो प्रशनपत्रों के ववतरण के शलए िनमत समम से पूवव ऐसा करने के शलए वविधपव ू क व प्रािधकृत नहीां है मा जजसे अपने कतववमों के आधार पर अनज्ञ ु ा प्रापत नहीां है, ककसी साववजिनक परीक्षा में - (क) ऐसा प्रशनपत्र मा उततर पत्रक मा ओ.एम.आर. शीट मा उसका कोई भाग मा प्रित ककसी भी रूप में उपापत नहीां करे गा मा उपापत करने का प्रमतन नहीां करे गा मा कबजे में नहीां लेगा; मा (ि) ऐसी सच ू ना नहीां दे गा मा दे ने का प्रस्ताव नहीां करे गा जजसके, ऐसे प्रशनपत्र से सांबद्ध मा प्रापत मा सांबिां धत होने के बारे में वह जानता है मा ऐसा ववशवास करने का उसके पास कारण है । 7. परीक्षा केनद्र में प्रिेश का प्रनतषेि.- कोई भी वमजकत, जजसे साववजिनक परीक्षा से सांबिां धत कामव नमस्त नहीां है मा जो साववजिनक परीक्षा के सांचालन कामव में लगा हुआ नहीां है , अथवा जो परीक्षाथी नहीां है , परीक्षा केनद्र के पररसर में प्रवेश नहीां करे गा। 8. परीक्षा केनद्र से शभनन कोई स्थान सािवजननक परीक्षा के शलए उपयोग में नहीां शलया जायेगा.- कोई भी वमजकत जजसे साववजिनक परीक्षा से सांबिां धत कामव नमस्त है मा जो उसमें लगा हुआ है , साववजिनक परीक्षा आमोजजत कराने के प्रमोजन के शलए परीक्षा केनद्र से शभनन ककसी स्थान का उपमोग नहीां करे गा और न ही करवामेगा। 9. प्रबांितांत्र, सांस्था या अनय द्िारा अपराि.- (1) जब कभी प्रबांधतांत्र मा सांस्था मा सीशमत दािमतव भागीदारी मा अनम द्वारा इस अिधिनमम के अधीन कोई अपराध काररत ककमा जाता है , प्रतमेक वमजकत जो अपराध काररत ककमे जाने के समम, प्रबांधतांत्र मा सांस्था मा सीशमत दािमतव भागीदारी मा अनम के कारबार का प्रभारी था, मा प्रबांधतांत्र मा सांस्था मा सीशमत दािमतव भागीदारी मा अनम के कारबार के सांचालन के शलए प्रबांधतांत्र मा सांस्था मा सीशमत दािमतव भागीदारी मा अनम के प्रित उततरदामी था, साथ ही साथ प्रबांधतांत्र मा सांस्था मा सीशमत दािमतव भागीदारी मा अनम भी अपराध के दोषी समझे जामेंगे और स्वमां के ववरुद्ध कामववाही ककमे जाने के दामी होंगे और तदनस ु ार दजण्डत ककमे जामेंग:े परनतु इस उप-धारा में अांतवववषट कोई भी बात ऐसे वमजकत को इस अिधिनमम में ककसी दण्ड के शलए दामी नहीां बनामेगी मदद वह मह सात्रबत कर दे ता है कक अपराध उसकी जानकारी के त्रबना काररत ककमा गमा था और मह कक उसने उस अपराध को काररत होने से रोकने के शलए सममक् ततपरता बरती थी। (2) उप-धारा (1) में अांतवववषट ककसी बात के होते हुए भी, जहाां इस धारा के अधीन कोई अपराध ककसी प्रबांधतांत्र मा सांस्था मा सीशमत दािमतव भागीदारी मा अनम द्वारा काररत ककमा गमा है और मह सात्रबत हो जाता है कक अपराध प्रबांधतांत्र मा सांस्था मा सीशमत दािमतव भागीदारी मा अनम के ककसी िनदे शक, भागीदार, प्रबांधक, सिचव मा अनम अिधकारी की सहमित मा मौनानक ु ू लता मा उनकी ककसी उपेक्षा के फलस्वरूप काररत ककमा गमा है तो ऐसा िनदे शक, भागीदार, प्रबांधक, सिचव मा अनम अिधकारी अपराध के दोषी समझे जामेंगे और स्वमां के ववरुद्ध कामववाही ककमे जाने के दामी होंगे और तदनस ु ार दां डडत ककमे जामेंगे। 10. शाक्स्तयाां.- (1) मदद कोई परीक्षाथी धारा 2(च)(i) के अधीन मथापररभावषत अनिु चत साधनों में शलपत पामा जाता है , वह ऐसी अविध के कारावास से जो तीन वषव तक की हो सकेगी, दां डनीम होगा और ऐसे जम ु ावने से, जो एक लाि रुपमे से कम का नहीां होगा, दां डनीम होगा और जम ु ावने का सांदाम करने में वमितिम करने पर ऐसा परीक्षाथी दोनों में से ककसी भाांित के कारावास से, जजसकी अविध नौ मास तक की हो सकेगी, दां डनीम होगा। 9 राजस्थान राज-पत्र, अप्रेल 6, 2022 भाग 4 (क) (2) परीक्षाथी को सजममशलत करते हुए मदद कोई वमजकत, चाहे साववजिनक परीक्षा सांचाशलत करने के कतववम के शलए नमस्त मा प्रािधकृत ककमा गमा हो मा नहीां, षडमांत्र में मा अनमथा धारा 2(च)(ii) में मथा पररभावषत अनिु चत साधनों में शलपत है मा शलपत होने का प्रमतन करता है मा इस अिधिनमम के ककनहीां उपबांधों का उललांघन करता है मा उललांघन करने के शलए दषु प्रेररत करता है , तो वह दोनों में से ककसी भाांित के कारावास से, जजसकी अविध पाांच वषव से कम की नहीां होगी ककनतु जो दस वषव के कारावास तक की हो सकेगी और जम ु ावने से, जो दस लाि रुपमे से कम का नहीां होगा ककनतु जो दस करोड़ रुपमे तक का हो सकेगा, दां डडत ककमा जामेगा और जुमावने के सांदाम में वमितिम करने पर ऐसा वमजकत दोनों में से ककसी भाांित के कारावास से, जजसकी अविध दो वषव तक की हो सकेगी, दां डनीम होगा: परनतु नमामालम िनणवम में अशभशलखित ककमे जाने वाले ककनहीां पमावपत और ववशेष कारणों के शलए, पाांच वषव से कम की अविध के शलए कारावास का दण्ड अिधरोवपत कर सकेगा। 11. दोषशसवि पर वििजवन.- कोई परीक्षाथी जजसे इस अिधिनमम के उपबांधों के अधीन ककसी अपराध के शलए दोषशसद्ध ठहरामा जाता है तो उसे दो वषव की कालाविध के शलए कोई साववजिनक परीक्षा दे ने से वववजजवत ककमा जामेगा। 12. सांपक्त्त की कुकी और अधिहरण.- (1) कोई भी वमजकत इस अिधिनमम के अधीन ककसी अपराध के ककनहीां आगमों को धाररत नहीां करे गा मा कबजे में नहीां रिेगा। (2) मदद, इस अिधिनमम के अधीन काररत ककसी अपराध का अनवेषण करने वाले ककसी अिधकारी के पास मह ववशवास करने का कारण है कक कोई सांपजतत, इस अिधिनमम के अधीन ककसी अपराध के आगम की द्मोतक है , तो वह राजम सरकार के शलखित में पव ू व अनम ु ोदन से ऐसी चल मा अचल मा दोनों सांपजतत के अशभग्रहण का आदे श कर सकेगा और जहाां ऐसी सांपजतत का अशभग्रहण करना वमवहामव न हो, वहाां ऐसी सांपजतत की कुकी का आदे श मह िनदे श दे ते हुए करे गा कक अशभदहत नमामालम मा, मथाजस्थित, ऐसा आदे श करने वाले अिधकारी की पव ू व अनज्ञ ु ा के त्रबना, ऐसी सांपजतत को अांतरर त नहीां ककमा जामेगा मा उसके सांबध ां में अनमथा कोई कामववाही नहीां की जामेगी और ऐसे आदे श की एक प्रित सांबिां धत वमजकत पर तामील की जामेगी। (3) अनवेषण अिधकारी ऐसी सांपजतत के अशभग्रहण मा कुकी के अड़तालीस घांटों के भीतर अशभदहत नमामालम को सममक् सच ू ना दे गा। (4) मह अशभदहत नमामालम पर िनभवर करे गा कक वो उप-धारा (2) के अधीन ककमे गमे अशभग्रहण मा कुकी के आदे श की मा तो पजु षट करे मा उसका प्रितसांहरण करे : परनतु अशभदहत नमामालम तब तक कोई आदे श पाररत नहीां करे गा जब तक कक उस वमजकत को, जजसकी सांपजतत कुकव की जा रही है , अभमावेदन करने का अवसर प्रदान न ककमा गमा हो। (5) जहाां अशभमक ु त इस अिधिनमम के अधीन दण्डनीम ककसी अपराध के शलए दोषशसद्ध ठहरामा जाता है तो अशभदहत नमामालम ककसी दण्ड के िनणवम के अितररकत, शलखित में आदे श द्वारा मह घोवषत कर सकता है कक आदे श में वविनददवषट और अशभमक ु त से सांबिां धत सभी ववललांगमों से मक ु त कोई भी चल मा अचल मा दोनों सांपजतत राजम सरकार को अिधहृत समझी जामेगी। स्पषटीकरण.- इस धारा के प्रमोजन के शलए, ''इस अिधिनमम के अधीन ककसी अपराध के आगम'' से समस्त प्रकार की ऐसी सांपजततमाां अशभप्रेत हैं, जो इस अिधिनमम के अधीन ककसी अपराध को काररत करने से वमतु पनन हुई हों मा अशभप्रापत की गई हों मा इस अिधिनमम के अधीन ककसी अपराध से सांबिां धत िनिधमों के माधमम से अजजवत की गई हों और इसमें नकदी भी सजममशलत होगी, त्रबना उस वमजकत का ववचार ककमे जजसके नाम से ऐसे आगम हैं मा जजसके कबजें में वे पामे जाते हैं। भाग 4 (क½ राजस्थान राज-पत्र, अप्रेल 6, 2022 10 13. समस्त लागत और व्यय का सांदाय करने का प्रबांितांत्र इत्यादद का दानयत्ि.- मदद प्रबांधतांत्र मा सांस्था मा सीशमत दािमतव भागीदारी मा अनम का कोई वमजकत इस अिधिनमम की धारा 10 की उप-धारा (2) के अधीन अपराध का दोषी पामा जाता है तो प्रबांधतांत्र मा सांस्था मा सीशमत दािमतव भागीदारी मा अनम, अशभदहत नमामालम द्वारा अवधाररत, परीक्षा से सांबिां धत समस्त लागत और वमम का सांदाम करने के शलए दामी होंगे और उनहें सदै व के शलए प्रितबांिधत ककमा जामेगा। 14. अपरािों का सांज्ञेय, अजमानतीय और अशमनीय होना.- इस अिधिनमम के अधीन वविनददव षट समस्त अपराध सांज्ञेम, अजमानतीम और अशमनीम होंगे। 15. अपरािों का अनिेषण.- अितररकत पशु लस अधीक्षक की रैंक से नीचे का कोई भी पशु लस अिधकारी इस अिधिनमम के अधीन काररत ककसी भी अपराध का अनवेषण नहीां करे गा। 16. अशभदहत नयायालयों द्िारा वििारणीय मामले.- दां ड प्रकिमा सांदहता, 1973 (1974 का केनद्रीम अिधिनमम सां. 2) मा ततसमम प्रवतृ त ककसी अनम वविध में अांतवववषट ककसी बात के होते हुए भी, इस अिधिनमम के अधीन वविनददवषट अपराधों का ववचारण, इस अिधिनमम के अधीन अशभदहत नमामालमों द्वारा ही ककमा जामेगा। 17. अशभदहत नयायालयों को ननयत ु त करने की शक्तत.- राजम सरकार, राजस्थान उचच नमामालम के मख ु म नमाममिू तव के परामशव से, राजपत्र में अिधसच ू ना द्वारा, उतने सेशन नमामालम अशभदहत कर सकेगी, जजतने वह इस अिधिनमम के अधीन दां डनीम अपराधों के ववचारण के शलए आवशमक समझे। 18. अधिननयम का ककसी भी अनय विधि के अलपीकरण में न होना.- इस अिधिनमम के उपबांध ततसमम प्रवतृ त ककसी भी अनम वविध के उपबांधों के अितररकत होंगे न कक उसके अलपीकरण में । 19. कदिनाइयों का ननराकरण करने की शतनत.- (1) मदद इस अिधिनमम के उपबांधों को प्रभावी करने में कोई कदठनाई उतपनन होती है तो राजम सरकार, राजपत्र में प्रकाशशत आदे श द्वारा, ऐसे उपबांध कर सकेगी जो इस अिधिनमम के उपबांधों से असांगत न हों, जो कदठनाई के िनराकरण के शलए आवशमक प्रतीत हों: परनतु इस धारा के अधीन ऐसा कोई भी आदे श इस अिधिनमम के प्रारां भ से दो वषव की समाजपत के पशचात ् नहीां ककमा जामेगा। (2) इस धारा के अधीन ककमा गमा प्रतमेक आदे श, उसके ककमे जाने के पशचात ्, मथाशकम शीघ्र, राजम ववधान-मण्डल के सदन के समक्ष रिा जामेगा। 20. ननयम बनाने की शक्तत.- (1) राजम सरकार इस अिधिनमम के प्रमोजनों को कामावजनवत करने के शलए िनमम बना सकेगी। (2) इस धारा के अधीन बनामे गमे समस्त िनमम, उनके इस प्रकार बनामे जाने के पशचात ्, मथाशकम शीघ्र, राजम ववधान-मण्डल के सदन के समक्ष, जब वह सत्र में हो, चौदह ददवस से अनमन ू की कालाविध के शलए, जो एक सत्र में मा दो उततरोततर सत्रों में समाववषट हो सकेगी, रिे जामेंगे और मदद, उन सत्रों की, जजनमें वे इस प्रकार रिे जाते हैं मा ठीक अगले सत्र की समाजपत के पव ू व राजम ववधानमण्डल का सदन ऐसे िनममों में से ककसी िनमम में कोई उपानतरण करता है मा मह सांकलप करता है कक ऐसा कोई िनमम नहीां बनामा जाना चादहए तो ततपशचात ् ऐसा िनमम केवल ऐसे उपानतररत रूप में प्रभावी होगा मा, मथाजस्थित, उसका कोई प्रभाव नहीां होगा, तथावप, ऐसा कोई भी उपानतरण मा बाितलकरण उसके अधीन पव ू व में की गमी ककसी बात की वविधमानमता पर कोई प्रितकूल प्रभाव नहीां डालेगा। 11 राजस्थान राज-पत्र, अप्रेल 6, 2022 भाग 4 (क) अनस ु ि ू ी-1 [िारा 2(ख)] 1. राजस्थान लोक सेवा आमोग 2. राजस्थान उचच नमामालम 3. राजस्थान कमवचारी चमन बोडव 4. राजम सरकार द्वारा िनमक ु त मा गदठत कोई अनम प्रािधकारी मा अशभकरण मा भती सशमित 5. राजम द्वारा ववततपोवषत ववशवववद्मालम 6. राजस्थान माधमशमक शशक्षा बोडव 7. राजस्थान पशु लस भती और पदोननित बोडव, जमपरु 8. राजम सरकार के स्वाशमतवाधीन पजबलक सेकटर उपिम 9. कोई सोसाइटी, िनगम, स्थानीम िनकाम और राजम सरकार के पण ू त व : मा भागत: स्वाशमतवाधीन समस्त पजबलक सेकटर उपिम 10. राजम सरकार द्वारा अिधसिू चत कोई अनम प्रािधकारी अनस ु ि ू ी-2 [िारा 2(ङ)] 1. राजस्थान लोक सेवा आमोग द्वारा सांचाशलत कोई परीक्षा। 2. राजस्थान उचच नमामालम द्वारा सांचाशलत कोई परीक्षा। 3. राजस्थान कमवचारी चमन बोडव द्वारा सांचाशलत कोई परीक्षा। 4. राजम सरकार द्वारा िनमक ु त मा गदठत ककसी अनम प्रािधकारी मा अशभकरण मा भती सशमित द्वारा सांचाशलत कोई परीक्षा। 5. राजम द्वारा ववततपोवषत ववशवववद्मालमों द्वारा सांचाशलत कोई भती परीक्षा। 6. राजस्थान माधमशमक शशक्षा बोडव द्वारा सांचाशलत कोई भती परीक्षा। 7. राजस्थान पशु लस भती और पदोननित बोडव, जमपरु द्वारा सांचाशलत कोई परीक्षा। 8. राजम सरकार के स्वाशमतवाधीन पजबलक सेकटर उपिम द्वारा सांचाशलत कोई परीक्षा। 9. ककनहीां सोसाइदटमों, िनगमों, स्थानीम िनकामों और राजम सरकार के पण ू त व : मा भागत: स्वाशमतवाधीन समस्त पजबलक सेकटर उपिमों द्वारा सांचाशलत कोई अनम परीक्षा। 10. राजम सरकार द्वारा अिधसिू चत मा राजम सरकार द्वारा िनमक ु त ककसी अशभकरण द्वारा सांचाशलत कोई अनम परीक्षा। प्रवीर भटनागर, प्रमख ु शासन सधिि। भाग 4 (क½ राजस्थान राज-पत्र, अप्रेल 6, 2022 12 LAW (LEGISLATIVE DRAFTING) DEPARTMENT (GROUP-II) NOTIFICATION Jaipur, April 6, 2022 No. F. 2(10)Vidhi/2/2022.- In pursuance of Clause (3) of Article 348 of the Constitution of India, the Governor is pleased to authorise the publication in the Rajasthan Gazette of the following translation in the English language of Rajasthan Sarvjanik Pareeksha (Bhartee Mein Anuchit Sadhanon Kee Roktham Ke Adhyupay) Adhiniyam, 2022 (2022 Ka Adhiniyam Sankhyank 6):- (Authorised English Translation) THE RAJASTHAN PUBLIC EXAMINATION (MEASURES FOR PREVENTION OF UNFAIR MEANS IN RECRUITMENT) ACT, 2022 (Act No. 6 of 2022) (Received the assent of the Governor on the 5th day of April, 2022) An Act to provide for effective measures to prevent and curb the offences of leakage of question papers and use of unfair means at public examinations for the purpose of recruitment to any post under the State Government including autonomous bodies, authorities, boards or corporations, and to provide for designated courts for the trial of such offences and for matters connected therewith or incidental thereto. Be it enacted by the Rajasthan State Legislature in the Seventy-third Year of the Republic of India, as follows:- 1. Short title, extent and commencement.- (l) This Act may be called the Rajasthan Public Examination (Measures for Prevention of Unfair Means in Recruitment) Act, 2022. (2) It shall extend to the whole of the State of Rajasthan. (3) It shall come into force on such date, as the State Government may, by notification in the Official Gazette, appoint. 2. Definitions.- In this Act, unless the subject or context otherwise requires,- (a) "conduct of public examination" means and includes preparation, printing, supervision, coding, processing, storing, transportation, distribution and collection of question papers, answer sheets, OMR sheets and result sheets, evaluation, declaration of result, etc; (b) "examination authority" means an examination authority as specified in the Schedule-I; (c) "examination center" means any institution or part thereof or any other place fixed and used for the holding of a public examination and includes the entire premises attached thereto; (d) "examinee" means a person who has been granted permission by the concerning authority to appear in a public examination, and includes a person authorized to act as scribe on his behalf; (e) "public examination" means examination for the purpose of recruitment to any post under the State Government including autonomous bodies, authorities, boards or corporations as specified in the Schedule-II; (f) "unfair means" includes,- 13 राजस्थान राज-पत्र, अप्रेल 6, 2022 भाग 4 (क) (i) in relation to an examinee, to take unauthorized help in public examination from any person or group directly or indirectly or from any material written, recorded, copied or printed, in any form whatsoever, or use of any unauthorized electronic or mechanical instrument or gadget; (ii) in relation to any person,- I. to impersonate or leak or attempt to leak or conspire to leak question paper; or II. to procure or attempt to procure or possess or attempt to possess question paper in unauthorized manner; or III. to solve or attempt to solve or seek assistance to solve question paper in unauthorized manner; and IV. directly or indirectly assist the examinee in the public examination in unauthorized manner. Explanation.- Any person also includes an examinee; and (g) the words and expressions used herein and not defined, but defined in the Indian Penal Code, 1860 (Central Act No. 45 of 1860), shall have the same meanings respectively assigned to them in that code. 3. Prohibition of use of unfair means.- No person shall use unfair means at any public examination. 4. Possession and disclosure of question paper.- No person authorized by virtue of his duties in conduct of public examination shall before the time fixed for opening and distribution of question papers- (a) open, leak or procure or attempt to procure, possess or solve such question paper or any portion or a copy thereof; or (b) give any confidential information or promise to give such confidential information to any person or examinee, where such confidential information is related to or in reference to such question paper. 5. Prevention of leakage by person entrusted or engaged with examination work.- No person, who is entrusted or engaged with any work pertaining to public examination shall, except where he is permitted by virtue of his duties so to do, directly or indirectly divulge or cause to be divulged or make known to any other person any information or part thereof which has come to his knowledge by virtue of the work being so entrusted to him. 6. Unauthorized possession or disclosure of question paper and answer sheet or OMR sheet in any form.- No person who is not lawfully authorized or permitted by virtue of his duties to do so, shall, before the time fixed for the distribution of question papers- (a) procure or attempt to procure or possess, such question paper or answer sheet or OMR sheet or any portion or copy thereof in any form; or (b) impart or offer to impart, such information which he knows or has reason to believe to be related to, or derived from or to have a bearing upon such question paper. 7. Prohibition to enter in examination center.- No person who is not entrusted or engaged with the work pertaining to public examination or conduct of public examination or who is not an examinee, shall enter the premises of the examination center. भाग 4 (क½ राजस्थान राज-पत्र, अप्रेल 6, 2022 14 8. No place other than examination center shall be used for public examination.- No person who is entrusted or engaged with the work pertaining to public examination shall use or cause to be used any place, other than the examination center, for the purpose of holding public examination. 9. Offences by Management, Institution or others.- (1) Whenever an offence under this Act has been committed by Management or Institution or Limited Liability Partnership or others, every person who at the time the offence was committed was incharge of, or was responsible to the Management or Institution or Limited Liability Partnership or others for conduct of the business of the Management or Institution or Limited Liability Partnership or others, as well as the Management or Institution or Limited Liability Partnership or others, shall be deemed to be guilty of the offence and shall be liable to be proceeded against and punished accordingly: Provided that nothing contained in this sub-section shall render any such person liable to any punishment under this Act if he proves that the offence was committed without his knowledge and that he exercised all due diligence to prevent the commission of such offence. (2) Notwithstanding anything contained in sub-section (1) where an offence under this Act has been committed by Management or Institution or Limited Liability Partnership or others and it is proved that the offence has been committed with the consent or connivance of, or is attributable to any neglect on the part of, any director, partner, manager, secretary or other officer of the Management or Institution or Limited Liability Partnership or others, such director, partner, manager, secretary or other officer shall also be deemed to be guilty of the offence and shall be liable to be proceeded against and punished accordingly. 10. Penalties.- (1) If any examinee indulges in unfair means as defined under section 2(f)(i) shall be liable to be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years and shall also be liable to fine, which shall not be less than one lakh rupees and in case of default of payment of fine such examinee shall also be liable to be punished with imprisonment of either description for a term of nine months. (2) If any person, including examinee, whether entrusted or authorized with the conduct of public examination or not, in conspiracy or otherwise indulges or attempts to indulge in unfair means as defined in section 2(f)(ii) or contravenes or abets to contravene any of the provisions of this Act, shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than five years but which may extend to imprisonment of ten years and shall also be liable to fine which shall not be less than ten lakh rupees but which may extend to ten crore rupees and in case of default of payment of fine such person shall also be liable to be punished with imprisonment of either description for a term of two years: Provided that the Court may for any adequate and special reasons to be recorded in the judgement impose a sentence of imprisonment for a term of less than five years. 11. Debarment on conviction.- An examinee who has been convicted of an offence under the provision of this Act shall be debarred from taking any public examination for a period of two years. 12. Attachment and confiscation of property.- (1) No person shall hold or be in possession of any proceeds of any offence under this Act. 15 राजस्थान राज-पत्र, अप्रेल 6, 2022 भाग 4 (क) (2) If an officer, investigating an offence committed under this Act, has reason to believe that any property represents proceeds of any offence under this Act, he shall, with the prior approval in writing of the State Government make an order seizing such property, movable or immovable or both, and where it is not practicable to seize such property, make an order of attachment directing that such property shall not be transferred or otherwise dealt with except with the prior permission of the officer making such order or, as the case may be, the Designated Court and a copy of such order shall be served on the person concerned. (3) The investigating officer shall duly inform the Designated Court, within forty- eight hours of the seizure or attachment of such property. (4) It shall be open to the Designated Court either to confirm or revoke the order of seizure or attachment made under sub-section (2): Provided that the Designated Court shall not pass an order unless an opportunity of making representation is given to the person whose property is being attached. (5) Where the accused has been convicted of any offence punishable under this Act, the Designated Court may, in addition to awarding any punishment, by order in writing, declare that any property, movable or immovable or both belonging to the accused and specified in the order shall stand confiscated to the State Government free from all encumbrances. Explanation.- For the purpose of this section “proceeds of any offence under this Act” means all kind of properties which have been derived or obtained from commission of any offence under this Act or have been acquired through funds traceable to any offence under this Act and shall include cash, irrespective of person in whose name such proceeds are standing or in whose possession they are found. 13. Liability of Management etc. to pay all cost and expenditure.- If the person of the Management or Institution or Limited Liability Partnership or others has been found guilty of the offence under sub-section (2) of section 10 of this Act, the Management or Institution or Limited Liability Partnership or others shall be liable to pay all cost and expenditure related to the examination, determined by the Designated Court and shall be banned forever. 14. Offences to be Cognizable, non–bailable and non-compoundable.– All offences specified under this Act, shall be cognizable, non-bailable and non–compoundable. 15. Investigation of the offences.- No police officer below the rank of Additional Superintendent of Police shall investigate any offence committed under this Act. 16. Cases triable by Designated Courts.- Notwithstanding anything contained in the Code of Criminal Procedure, 1973 (Central Act No. 2 of 1974), or in any other law for the time being in force, the offences specified under this Act shall be tried by the courts designated under this Act. 17. Power to appoint Designated Courts.- The State Government may, by notification in the Official Gazette, designate as many Courts of Sessions in consultation with the Chief Justice of the High Court of Rajasthan as it may be necessary to try offences punishable under this Act. भाग 4 (क½ राजस्थान राज-पत्र, अप्रेल 6, 2022 16 18. Act not in derogation of any other law.- The provisions of this Act shall be in addition to and not in derogation of the provisions of any other law for the time being in force. 19. Power to remove difficulties.- (1) If any difficulty arises in giving effect to the provisions of this Act, the State Government may, by order, published in Official Gazette, make such provisions not inconsistent with the provisions of this Act as may appear to be necessary for removing the difficulty: Provided that no such order shall be made under this section after the expiry of two years from the commencement of this Act. (2) Every order made under this section shall be laid, as soon as may be after it is made, before the House of the State Legislature. 20. Power to make rules.- (1) The State Government may make rules for carrying out the purposes of this Act. (2) All rules made under this section shall be laid, as soon as may be after they are so made, before the House of the State Legislature, while it is in session, for a period of not less than fourteen days, which may comprise in one session or in two successive sessions and, if before the expiry of the sessions in which they are so laid or of the sessions immediately following, the House of the State Legislature makes any modifications in any of such rules or resolves that any such rule should not be made, such rule shall thereafter have effect only in such modified form or be or no effect, as the case may be, so however, that any modification or annulment shall be without prejudice to the validity of anything previously done thereunder. 17 राजस्थान राज-पत्र, अप्रेल 6, 2022 भाग 4 (क) SCHEDULE-I [Section 2(b)] 1. Rajasthan Public Service Commission 2. Rajasthan High Court 3. Rajasthan Staff Selection Board 4. Any other authority or agency or recruitment committee engaged or constituted by the State Government 5. State Funded Universities 6. Rajasthan Board of Secondary Education 7. Rajasthan Police Recruitment and Promotion Board, Jaipur 8. Public Sector Undertaking owned by State Government 9. Any Societies, Corporations, Local Bodies and all PSU’s owned by the State Government substantially or partially 10. Any other authority notified by State Government SCHEDULE-II [Section 2(e)] 1. Any examination conducted by the Rajasthan Public Service Commission. 2. Any examination conducted by the Rajasthan High Court. 3. Any examination conducted by the Rajasthan Staff Selection Board. 4. Any examination conducted by any other authority or agency or recruitment committee engaged or constituted by the State Government. 5. Any recruitment examination conducted by the State Funded Universities. 6. Any recruitment examination conducted by the Rajasthan Board of Secondary Education. 7. Any examination conducted by the Rajasthan Police Recruitment and Promotion Board, Jaipur. 8. Any examination conducted by the Public Sector Undertaking owned by State Government. 9. Any other examination conducted by any Societies, Corporations, Local Bodies and all PSU’s owned by State Government substantially or partially. 10. Any other examination notified by the State Government or conducted by any agency appointed by the State Government. प्रवीर भटनागर, Principal Secretary to the Government. राज्य केनद्रीय मद्र ु णालयप जयपरु ।