राजस्थान का एकीकरण PDF

Summary

यह दस्तावेज़ राजस्थान के एकीकरण की कहानी का सारांश प्रस्तुत करता है। इस दस्तावेज़ में 1947 से 1956 की अवधि के दौरान राजस्थान की रियासतों के एकीकरण के बारे में जानकारी दी गई है।

Full Transcript

# राजस्थान का एकीकरण ## 5 जुलाई 1947 - रियासत विभाग का गठन - प्रजामण्डल आंदोलन के प्रभाव एवं महात्मा गांधी के द्वारा चलाये गये भारत छोड़ो आंदोलनों राष्ट्रीय आंदोलन के कारण 1947 में भारत आजाद हुआ एवं ब्रिटिश प्रान्त एवं 565 देशी रियास्तों से मिलकर अखण्ड भारत का निर्माण हुआ। - 1945 में ब्रिटेन में च...

# राजस्थान का एकीकरण ## 5 जुलाई 1947 - रियासत विभाग का गठन - प्रजामण्डल आंदोलन के प्रभाव एवं महात्मा गांधी के द्वारा चलाये गये भारत छोड़ो आंदोलनों राष्ट्रीय आंदोलन के कारण 1947 में भारत आजाद हुआ एवं ब्रिटिश प्रान्त एवं 565 देशी रियास्तों से मिलकर अखण्ड भारत का निर्माण हुआ। - 1945 में ब्रिटेन में चर्चिल के स्थान पर मजदूर दल के लार्ड एटली की सरकार बनीं तब भारत के स्वतंत्र होने की संभावनाएं प्रबल हुई। - 3 जून 1947 को भारत विभाजन योजना घोषित हुई (माउंटबेटन योजना) - 1947 के भारत स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 8 के अनुसार रियासतों को भारत संघ में अथवा पाकिस्तान संघ में सम्मिलित होने अथवा स्वतंत्र रहने का अधिकार दिया गया लेकिन वे ही रियासतें स्वतंत्र रह सकती है जिनकी वार्षिक आय 1 करोड़ से अधिक तथा जनसंख्या 10 लाख से अधिक हो। - राज की तत्कालीन 19 रियासतों में 4 रियासतें यह शर्त पूरी करती थी। (जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर) - 5 जुलाई 1947 को रियासत विभाग का गठन किया गया जिसका अध्यक्ष - सरदार बल्लभ भाई पटेल एवं सचिव B.P. मेनन को बनाया इसका उद्देश्य रियासतों का भारत संघ में विलय करना था। - स्वतंत्रता के समय राज० में 19 रियासतें, 3 ठिकाने एवं अजमेर-मेवाडा का केन्द्रशासित प्रदेश (चीफ शिफ) था। - रियासतों में सबसे प्राचीन मेवाड (उदयपुर) रियासत तथा सबसे नवीन झालावाड रियासत थी। - रियासतों में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बडी मारवाड (जोधपुर) रियासत तथा सबसे छोटी शाहपुरा रियासत थी । - 3 ठिकाने: - नीमराना - शासक - राव राजेन्द्र सिंह - कुशलगढ - शासक - राव हरेन्द्र सिंह - लावा - शासक - राव वंश प्रताप सिंह - ठिकानों में सबसे बडा कुशलगढ ठिकाना था तथा सबसे छोटा लावा ठिकाना था । - 19 रियासतों में भारत संघ में सम्मिलित होने की घोषणा सर्वप्रथम जयपुर रियासत के शासक महाराजा मानसिंह -II के द्वारा की गयी। ## विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली प्रथम रियासत - बीकानेर थी तथा शासक महाराजा शाहुल सिंह थे। (7 अगस्त 1947 को) - विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली अन्तिम रियासत धौलपुर थी, एवं शासक - उदयभान सिंह थे। Date-14 अगस्त-1947 - **Note:** विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए बांसवाडा के महारावल चन्हवीर सिंह ने कहा कि " मैं अपने डेव्प बारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ।" - **Note:** एकीकरण की प्रक्रिया में राजस्थान एकीकरण पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली रिक्त प्रथम रियासत अलवर थी। - स्वतंत्रता के समय भरतपुर, अलवर, जोधपुर एवं डूंगरपुर रियासतों ने स्वतंत्र रहने की घोषणा की थी लेकिन सरदार बल्लभभाई पटेल ने बीकानेर के महाराजा शार्दुल सिंह एवं मेवाड के महाराणा भूपालसिंह की सहायता से इन्हें सम्मिलित कर लिया ## राजस्थान का एकीकरण 18 मार्च 1948 से 1 नवंबर 1956 तक 7 चरणों में सरदार बल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में पूरा हुआ जिसमें कुल 8 वर्ष 7 महिने एवं 14 दिन का समय लगा। ### 1. प्रथम चरण - 18 मार्च 1948 - इसका उद्‌घाटन 17 मार्च 1948 को होना था लेकिन देशराज चौधरी के नेतृत्व में आमजन के आंदोलन के कारण इसका उद्‌घाटन 18 मार्च 1948 को भरतपुर के लोहागढ़ दुर्ग में केन्द्रीय मंत्री नरहरि विष्णु गॉडविल (N.V. गॉडविल) के द्वारा उद्घाटन किया गया। - एकीकरण के इस चरण में अलवर, भरतपुर, धौलपुर एवं करौली रियासतों को मिलाकर **मत्स्य संघ** का निर्माण किया गया। - इस क्षेत्र की प्राचीन प्रतिष्ठा को ध्यान में रखकर कन्हैयालाल माणिक्यलाल मुंशी (K.m. मुंशी) के द्वारा इसका नामकरण **मत्स्य संघ** किया गया । - मत्स्य संघ की राजधानी **अलवर** को बनाया गया। - मत्स्य संघ का राजप्रमुख- धौलपुर नरेश उदयभानसिंह को बनाया गया तथा उपराज प्रमुख क्रमश: अलवर महाराजा तेजसिंह एवं करौली महाराजा गणेशपाल सिंह को बनाया गया। - मत्स्य संघ का प्रधानमंत्री - शोभाराम कुमावत को बनाया गया एवं उपप्रधानमंत्री - युगल किशोर चतुर्वेदी एवं गोपीलाल को बनाया गया - क्षेत्रफल - 12000 वर्ग मील लगभग - जनसंख्या - 18.34 लाख - आय - 1.84 करोड - अलवर शासक - तेजासंह - भरतपुर शासक - बृजेन्द्रा संह - करौली शासक - गणेशपाल - धौलपुर शासक - उदयभानसिंह ### 2. द्वितीय चरण - 25 मार्च 1948 - एकीकरण के इस चरण में 9 रियासतें मिलाई गई - कोटा, बूंदी, झालावाड, टोंक, किशनगढ़, शाहपुरा, प्रतापगढ़, बांसवाडा, डूंगरपुर + कुशल गढ ठिकाना - - उ‌द्घाटन - कोटा दुर्ग में एन.वी. गॉडगिल द्वारा - राजस्थान संघ - कोटा - राजप्रमुख - कोटा महाराव भीमसिंह - उपराजप्रमुख बरिष्ठ - बहादुर सिंह (बूंदी महाराव ) - उपराज प्रमुख कनिष्ठ - डूंगरपुर महारावल लक्ष्मण सिंह - प्रधानमंत्री - गोकुल लाल असावा - क्षेत्रफल - 16807 वर्ग मील लगभग - जनसंख्या - 23,44, 220 (23.44 लाख) - आय - 1.90 करोड ### 3. तृतीय चरण - 18 अप्रैल 1948 (राजस्थान संघ + उदयपुर) = संयुक्त राज - एकीकरण के तृतीय चरण में राज संघ में मेवाड रियासत (उदयपुर) को मिलाया गया तथा **संयुक्त राज०** का निर्माण हुआ। - संयुक्त राजस्थान का उद्‌घाटन - ५० जवाहर लाल नेहरू - संयुक्त राजस्थान की राजधानी - **उदयपुर** - संयुक्त राजस्थान का राजप्रमुख - महाराज भूपालसिंह (उदयपुर) - उपराजप्रमुख - भीमासंह (कोटा) - प्रधानमंत्री - माणिक्यलाल वर्मा (नेहरू की सिफारिश पर) - क्षेत्रफल - 29,977 वर्ग मील लगभग - जनसंख्या - 4260918 (42.61 लाख लगभग) - आय - 3-16 करोड ### 4. चतुर्थ चरण - 30 मार्च 1949 - एकीकरण के इस चरण में संयुक्त राज में जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर रियासत को मिलाकर **बृहद राजस्थान** का निर्माण हुआ - बृहद राजस्थान का उद्‌घाटन - सरदार बल्लभ भाई पटेल - राजधानी - जयपुर (सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर ) - राजप्रमुख - मानसिंह-1Ⅱ (जयपुर) - महाराज प्रमुख - महाराजा भोपाल। भूपालासे है (उदयपुर) - उपराज प्रमुख - महाराव भीमसिंह (कोटा) - प्रधानमंत्री - हीरालाल शास्त्री - इस चरण में 5 विभागों की स्थापना हुई - शिक्षा विभाग - बीकानेर - कृषि विभाग - भरतपुर - न्याय विभाग - जोधपुर - वन विभाग - कोटा - खनिज विभाग - उदयपुर - चतुर्थ चरण के स्थापना दिवस सलाद सब 30 मार्च को ही **राजस्थान दिवस** के रूप में मनाया जाता है। - इसी चरण में लावा ठिकाना को मिलाया गया ### 5. पांचवा चरण - 15 मई 1949 - एकीकरण के इस चरण में शंकर देव समिति की सिफारिश पर वृहद राजस्थान में मत्स्य संघ को मिलाया गया था और **बृहत्तर राजस्थान** का निर्माण हुआ - एकीकरण के इस चरण में कोई विशेष प्रशासनिक परिवर्तन नहीं हुआ ### 6. छठा चरण - 26 जून 1950 - एकीकरण के इस चरण में वृहत्तर राज में **सिरोही रियासत** को मिलाया गया और **राजस्थान** का निर्माण हुआ । - **Note:** गोकूल भाई भट्ट जो राज० के "गांधी" कहलाते है उनके प्रयासों से सिरोही रियासत को (माउन्ट आबू, देलवाडा क्षेत्र को छोडकर) राजस्थान में मिलाया गया तथा **राजस्थान** को श्रेणी B राज्य में रखा गया। - **Note:** ब्रिटिश प्रान्तों को मिलाकर जो राज्य बनाऐ गये, श्रेणी A में रखे गये तथा देशी रियासतों को मिलाकर जो राज्य वनाए गये, श्रेणी B में रखे गये तथा केन्द्रशासित (चीफ कमिश्नर) क्षेत्रो को मिलाकर जो राज्य बनाये गये, श्रेणी C में रखे गये । - राज में श्रेणी C में **अजमेर-मेखाडा** का राज्य बना जहाँ **हरिभाऊ उपाध्याय** को मुख्यमंत्री बनाया गया ### 7. सातवां चरण→ 1 नवंबर 1956 - प्रथम आम चुनाव के पश्चात 22 दिसंबर 1953 को जस्टिस डॉ. फजल अली के नेतृत्व में **राज्य पुनर्गठन आयोग** का गठन किया गया जिसके दो सदस्य **राज्य हत्यनाथ कुंजरू** एवं सरदार **पन्निकर** थे। - इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट सितंबर 1955 में भारत सरकार को दी - भारत सरकार ने 1 नवंबर 1956 को **राज्य पुनर्गठन अधिनियम** पारित किया - राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश पर 1 नवंबर 1956 को **राजस्थान** का पुनर्गठन किया गया - पुनर्गठित राज० में **अजमेर-मेवाडा** का केन् इशासित प्रदेश, **delwada** एवं **माउण्ट आबू**, **मध्यप्रदेश** के **mandsaur** जिले का **sunelatappa** राज० में मिलाया गया। - तथा **राजा کا सिरोंज** क्षेत्र **मध्यप्रदेश** को दिया गया - इस प्रकार 1 नवंबर 1956 को प्रात: 9 बजकर ५० मिनट पर जनता के मुख्य धारा में प्रवेश करने के साथ ही **राजस्थान** का एकीकरण पूरा हुआ । इसी दिन **राजप्रमुख** का पद समाप्त हुआ व **राज्यपाल** का करतृाजित हुआ। - और **गुरुमुख निहाल सिंह** राजन के प्रथम **राज्यपाल** बने

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