CBSE Class 12 History Past Paper (PDF)

Summary

This document is a CBSE Class 12 history past paper. It covers questions on colonial cities, urbanization, and the impact of British rule, including topics like civil lines, record-keeping, and the three principal colonial cities of Madras, Bombay, and Calcutta. The analysis includes historical context and the different aspects of urban development.

Full Transcript

सीबीएसई क ा -12 इितहास मह वपूण न पाठ – 12 औपिनवेिशक शहर नगरीकरण, नगर योजना, थाप य अित लघु न 2 अंक.1 औपिनवेिशक संदभ म शहरीकरण के झान को समझने के लए जनगणना संबध...

सीबीएसई क ा -12 इितहास मह वपूण न पाठ – 12 औपिनवेिशक शहर नगरीकरण, नगर योजना, थाप य अित लघु न 2 अंक.1 औपिनवेिशक संदभ म शहरीकरण के झान को समझने के लए जनगणना संबध ं ी आं कड़े िकस हद तक उपयोगी होते ह ? उ र- औपिनवेिशक संदभ म शहरीकरण के झान को समझने के लए जनगणना संबध ं ी आँ कड़े बहत उपयोगी होते ह: (अ) इससे वेत और अ वेत लोग क कुल जनसं या या आबादी को जानने म सहयोग िमलता है। (ब) वेत और अ वेत टाऊन के िनमाण, िव तार और उनके जीवन संबध ं ी तर, भयंकर बीमा रय के जनसं या पर पड़े द ु भाव आिद को जानने म भी जनगणना संबध ं ी आँ कडे तुर त जानकारी देने वाले पि य का काय करते ह। (स) जनगणना संबध ं ी आँ कड़े िविभ समुदाय , काय ,ं जाितय क जानकारी देते ह।.2 ि िटश शासन के दौरान सिवल लाइ स या थे ? उ र- 1857 केिव ोह के बाद भारत म अं ेज का रवैया िव ोह क लगातार आशंका से तय होने लगा था। उनको लगता था िक शहर क और अ छी तरह िहफाजत करना ज री है और अं ेज को देिशय के ख़तरे से दरू , यादा सुरि त व पृथक ब तय म रहना चािहए। पुराने क ब के इद-िगद चरागाह और खेत को साफ कर िदया गया। सिवल लाइ स के नाम से नए शहरी इलाके िवक सत िकए गए। सिवल लाइ स म केवल गोर को बसाया गया।.3 औपिनवेिशक शहर म रकाड संभालकर य रखे जाते थे ? उ र- 1. जनसं या म हए बदलाव क जानकारी के लए । 2. औपिनवेिशक शहर के िवकास िक पुनरचना के लए ।.4 तीन औपिनवेिशक शहर यथा म ास, ब बई और कलक ा का एक सामा य िवशेषता लखे। उ र- म ास, ब बई और कलक ा तीन शहर क ब तय म अ जी ई ट इंिडया क पनी के यापा रक तथा शासिनक कायालय थािपत िकये गए थे । तीन शहर के पास बंदरगाह िवक सत हए ।.5 कोई तीन पवतीय थल के नाम लखे जनक थपना अं ेजो ने भारत म क थी । उ र- िशमला, दा ज लग, माऊंटआबू । लघु न 5 अंक.6 मुख भारतीय यापा रय ने औपिनवेिशक शहर म खुद को िकस तरह थािपत िकया ? उ र- मुख भारतीय यापा रय ने औपिनवेिशक शहर अथात् म ास (चे ई), ब बई (मुंबई) और कलक ा (कोलकाता) म क पनी के एजे ट के प म रहना शु िकया। ये सभी ब तयाँ यापा रक और शासिनक कायालय वाली थी। इस लए भारतीय यापा रय को यह शहर सुिवधाजनक लगे। यह तीन शहर बंदरगाह थे और इनम सड़के, यातायात, जहाजरानी के साथ-साथ कालांतर म रेल क सुिवधा ा हो गई। भारतीय ामीण यापारी और फेरी वाले शहर म माल गाँव से खरीदकर भी लाते थे। अनेक भारतीय यापारी जब पुराने और म यकालीन शहर उजड़ गए तो उ ह छोड़कर वे इन बड़े शहर म आ गए। उ ह ने यापा रक गितिव धयाँ करने के साथ-साथ उ ोग-धंधे भी गाए। अपनी अित र पूँजी इन शहर म िनवेश क । यापा रक गितिव धय के बारे म रखे गए सरकारी रकाड और िव तृत यौर से कई कार क जानकारी ा करते थे। शहर क सम याओं के समाधान के लए नगरपा लकाओं से सहयोग लया गया। अनेक यापारी इन बड़े शहर के उपनगरीय े म भी रहने लगे। उ ह ने घोड़ागाड़ी और नए यातायात के साधन को भी योग िकया। भारतीय यापारी क पनी के यापार म मह वपूण भूिमका िनभाते थे। मु बई के रहने वाले यापारी, चीन को जाने वाली अफ म के यापार म िह सेदार थे। उ ह ने मु बई क अथ यव था को मालवा, राज थान और संध जैसे अफ म उ पादक इलाक से जोड़ने म सहायता दी। क पनी के साथ गठजोड़ एक मुनाफे का सौदा था जससे कालांतर म एक पूँजीपित वग का िवकास हआ। भारतीय यापा रय म सभी समुदाय-पारसी, मारवाड़ी, क कणी, मुसलमान, गुजराती बिनए, बोहरा, यहदी आिद शािमल थे।.7 औपिनवेिशक कलक ा म नगर िनयोजन पर वा य और सुर ा क ज रत के भाव का मू यांकन क जए। ? उ र- भारत म उपिनवेिशवाद का सीधा भाव नगर िनयोजन पर ि गोचर होता था। क पनी एवं अं ेजी सरकार ने भारत के मुख बंदरगाह वाले शहर को िनयो जत ढंग से बसाने का िवचार िकया। इन शहर म एक शहर था-कलक ा, जो बंगाल सूबे का एक मह वपूण शहर, अं ेजी स ा क राजधानी एवं वािण य का के था। कलक ा शहर के िनयोजन का थम चरण लॉड वेलेजली के कायकाल म ारंभ हआ। (अ) वा य: वा य के ि कोण से बहत सारे बाजार , घाट , कि तान और चमशोधन इकाइय को साफ िकया गया। इनम से कुछ को हटा िदया गया। शहर का एक नवीन न शा तैयार िकया गया। इसम सड़क के िकनारे एवं अ य अवैध क ज को हटाने क सफा रश क गई। 1817 म हैजा तथा 1896 म लेग महामारी ने कलक ा को अपनी चपेट म ले लया। िचिक सक इसक ठोस वजह नह बता पाए, िकंतु ‘जन वा य’ क अवधारणा को बल िमला। सरकार एवं जाग क नाग रक ( ारकानाथ टैगोर एवं तम जी कोवासजी) यह मानने लगे िक शहर को वा यवधक बनाना आव यक है। अतः घनी आबादी वाली ब ती तथा झोपिड़य को हटाया गया। वा य के आधार पर हाइट एवं लैक टाउन जैसे न ली िवभाजन हए। (ब) सुर ा: कलक ा शहर के िनयोजन का भार सरकार ने अपने ऊपर इस लए लया, य िक यह शहर सुर ा के ि कोण से संवेदनशील था। 1756 म नवाब सराजु ौला ने कलक ा पर हमला िकया था तथा क पनी को करारी िशक त दी थी। क पनी ने 1757 म जब सराजु ौला कोपरा जत िकया उसके बाद उसने कलक ा शहर क िकलांबदी शु क , तािक आसानी से कलक ा पर हमला न िकया जा सके। तीन गाँव सुतानाती, कोलकाता और गोिव दपुर को िमला कर कलक ा शहर बसाया गया। फोट िव लयम के आसपास खुली जगह छोड़ी गई, तािक हमलावर पर आसानी से गोलीबारी क जा सके। इस कार यह प प से देखा जा सकता है िक कलक ा शहर के िनयोजन म सुर ा एवं वा य का यापक भाव था।.8 भारत म औपिनवेिशक शासन काल म नगर क या थित थी ? उ र- 1. ामीण इलाक के गरीब रोजगार के लए शहर क तरफ भाग रहेथे। कई लोग आकषक शहरी जीवन के कारण भी नगर क ओर खंचे चले आ रह थे । 2. औपिनवेिशक शासक ने िनयिमत प से सव ण कराए । साँ यक य आँ कड़े इक े िकए और समय-समय पर शहर से संबं धत सरकारी रपोट कािशत क । 3. म ास, बंबई और कलक ा के न शे पुराने भारतीय शहर से काफ हद तक अलग थे। भवन का थाप य कला बदल गया था । 4. जन िहल टेशन म चाय और कॉफ के बागान लगाए गए थे, वहाँ बड़ी सं या म मजदरू आने लगे । 5. शहर म औरत के लए अनेक अवसर थे । कुछ सुधारक ने मिहलाओं क िश ा का समथन िकया लेिकन िढ़वािदय ने इसका िवरोध िकया । जैसे-जैसे समय बीता सावजिनक थान पर मिहलाओं क उप थित बढ़ने लगी, नौकरानी और फै री मजदरू , िशि का, और िफ म कलाकार के प म शहर के नए यवसाय म दा खल होने लगी । िव तृत न 8 अंक.9 भारत म छाविनय के िवकास का वणन कर । उ र- अं ेजी सा ा य क सुर ा के लए अं ेजी सरकार ने मह वपूण थान पर छाविनय क थापना क । उ होने कई मूल रा य क सीमाओं पर रा य क उथल-पुथल को िनयंि त करने तथा शासक क गितिव धय पर िनगरानी रखने के लए छाविनयाँ बनाई । सन् 1765 ईसव म लाड रोबट लाईव ने अपनी सेना रखने के लए छाविनयाँ बनाने क नीित का िनमाण िकया । इन छाविनय म ि िटश सेना को रखकर उ ह सैिनक िश ण िदया जाता था और उनम सैिनक जीवन यतीत करने और अनुशासन म रहने क िश ा दी जाती थी । उस समय भारत म 62 छाविनयाँ थी । भारत म सबसे मह वपूण छाविनयाँ लाहौर, पेशावर, िफरोज़पुर, आगरा, बरेली, जालंधर, झाँसी, नागपुर, मुंबई, कलक ा, म ास, िद ी आिद थी । भिटंडा म थािपत क गई नई छावनी देश क 62 छाविनय म से सबसे बड़ी छावनी है । छाविनय पर िनयं ण रखने वाला सबसे बड़ा अ धकारी डायरे टर जनरल होता है । यह छाविनय का शासन तथा छावनी के बाहर तथा भीतर क अचल संप क देख-रेख करता है । येक छावनी का शासन एक छावनी बोड चलाता है । छावनी बोड, एक वाय शासी सं था होती है और इसके सभी काय पर क ीय र ा मं ालय का िनयं ण होता है । छाविनय पर कटोनमट ए ट, 1924 ारा बनाए गए िनयम लागू होते है । छावनी बोड म लोगो ारा बनाए गए िनयम लागू होते है । छावनी बोड म ल गो ारा चुने हए ितिन धय के अित र कुछ सरकारी मनोनीत सद य भी होते है । नगर का टेशन कमांडर बोड का धान होता है । क ीय सरकार, ाथिमक िश ा, सड़क पर रोशनी का बंध तथा सड़क क मर मत का काय करती है ।.10 ब बई नगर म भवन िकन-िकन भवन िनमाण शै लय के अनुसार बनाए गए ? उ र- ब बई शहर म िदखने वाले िविभ औपिनवेिशक भवन िनमाण शैली (क) नवशा ीय या िनयो ला सकल शैली बड़े-बड़े तंभ केपीछे रेखागिणतीय संरचनाओं का िनमाण इस शैली क िवशेषता थी। यह शैली मूल प से ाचीन रोम क भवन िनमाण शैली सेिनकली थी जसे यूरोपीय पुनजागरण केदौरान पुनज िवत, संशो धत औरलोकि य िकया गया। 1- ब बई का टाउन हॉल 2- ए फ टन सकल या हॉिनमान सकल (ख) नव-गॉ थक शैली उॅं ची उठी हई छत, नोकदार मेहराब और बारीक साज-स जा इस शैलीक खा सयत होती है। गॉ थक शैली का ज म इमारत , ख़ासतौर से िगरज से हआ था जो म यकाल म उ री यूरोप म काफ बनाए गए। 1- सिचवालय, 2- ब बई िव विव ालय 3- ब बई उ च यायालय 4- िव टो रया टिमनस (ग) इंडो-सारासेिनक शैली एक नयी िम त थाप य शैली िवक सत हई जसम भारतीय औरयूरोपीय, दोन तरह क शै लय केत व थे। इंडो श द िह द ू का संि प था जबिक सारासेिनक श द का योग यूरोप केलोग मुसलमान कोसंबो धत करने के लए करते थे।.11 अनु छे द आधा रत न िन न ल खत अवतरण को यानपूवक पढ़कर िदए गए न का उ र ल खएः- ामीण े क ओर पलायन 1857 म ि िटश सेना ारा शहर पर अ धकार करने के बाद िद ी के लोग ने या िकया, इसका वणन स शायर िमजा ग़ा लब इस कार करते है: द ु मन को परा जत करने और भगा देने के बाद, िवजेताओं (ि िटश) ने सभी िदशाओं से शहर को उजाड़ िदया। जो सड़क पर िमले उ ह काट िदया गया...। दो से तीन िदन तक क मीरी गेट से चाँदनी चौक तक शहर क हर सड़क यु भूिम बनी रही। तीन ार - अजमेरी, तुकमान तथा िद ी अभी भी िव ोिहय के क जे म थे...। इस ितशोधी आ ोश तथा घृणा के नंगे नाच से लोग के चेहर का रंग उड़ गया, और बड़ी सं या म पु ष और मिहलाएँ... इन तीन ार से हड़बड़ा कर पलायन करने लगे। शहर के बाहर छोटे गाँव और देव थल म शरण ले अपनी वापसी के अनुकूल समय का इंतजार करते रहे। (क) िमजा ग़ा लब कौन था ? (1) उ र- िमजा ग़ा लब एक स शायर था । (ख) 1857 म िद ी म या और य हो रहा था ? (2) उ र- 1857 के िव ोह के दौरान िद ी पर िव ोिहयो का क जा था, परंतु शी ही उस ि िटश सेना ारा क जे म कर लया गया । (ग) जब िद ी पर ि िटश सेना के ारा अ धकार िकया जा रहा था, तब कौन से तीन ार िव ोिहय के क जे म थे ? (2) उ र- तीन ार -अजमेरी, तुकमान तथा िद ी िव ोिहय के क जे म थे। (घ) ि िटश सेना ारा िद ी पर अ धकार के दौरान लोग िक या थित थी ? (3) उ र- लोग के चेहर का रंग उड़ गया था, और बड़ी सं या म पु ष और मिहलाएँ इन तीन ार से हड़बड़ा कर पलायन करने लगे। शहर के बाहर छोटे गाँव और देव थल म शरण ले अपनी वापसी के अनुकूल समय का इंतजार करते रहे।

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