BOOK 3 PDF: डाटा कम्युनिकेशन एंड कंप्यूटर नेटवर्क - ई. हरीश दाधीच, ई. विकास माथुर
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Barkatullah University
ई. हरीश दाधीच
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यह पुस्तक डिप्लोमा कंप्यूटर इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए डाटा कम्युनिकेशन और कंप्यूटर नेटवर्क पर केंद्रित है। इसमें डाटा संचार, कंप्यूटर नेटवर्क, ओएसआई मॉडल, विभिन्न लेयर्स, प्रोटोकॉल और नेटवर्किंग से संबंधित विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है। पुस्तक में विस्तृत रूप से प्रत्येक विषय को समझाया गया है और इसमें विभिन्न अध्यायों की सूची भी दी गई है।
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डाटा क यु नकेशन एंड कं यूटर नेटवक ई.हर श दाधीच ई. वकास माथुर बी.टे क ,पोलोटे ि नक एवं आईट आई पा य1 म अनस ु ार ...
डाटा क यु नकेशन एंड कं यूटर नेटवक ई.हर श दाधीच ई. वकास माथुर बी.टे क ,पोलोटे ि नक एवं आईट आई पा य1 म अनस ु ार प्रस्तावना प्रस्तुत ऩुस्तक “डाटा कम्युननकेशन(संचार) एंड कंप्यूटर नेटवकक” डडप्रोभा ऩाठ्मक्रभ के कंप्मूटय इं जीननमरयं ग के छात्रों के नरए नरखी गई है । इस ऩुस्तक भें डाटा कम्मुननकेशन व कंप्मूटय नेटवकक के संऩूर्क ऩाठ्मक्रभ को फहुत ही सयर बाषा भें प्रस्तुत डकमा गमा हैं । ऩुस्तक के हय एक ऩाठ भें प्रत्मेक ववषम को सयर सैद्ांनतक रूऩ से ववस्ताय ऩूवक क सभझामा गमा हैं जजससे छात्र आसानी से डाटा कम्मुननकेशन व कंप्मूटय नेटवकक ववषम का ऻान रे सके। इस ऩुस्तक भें डाटा संचाय तथा कंप्मूटय नेटवकक के ववनबन्न सैद्ांनतक तथा प्रामोनगक ववषमो को संकनरत डकमा गमा है औय आशा हैं डक मह ऩुस्तक छात्रों के ऻान भें वृवद् कये गी। इस ऩुस्तक द्वाया छात्र मह नसखने भें सऺभ होंगे डक डकस तयह दो मा दो से ज्मादा कंप्मूटय के सभूह को फनामा जाता हैं तथा डाटा का आदान प्रदान डकमा जाता हैं औय डकस तयह कंप्मूटय से फड़े सभूह आऩस भें जुड़ के इं टयनेट की सुववधा को प्रदान कयते हैं जो डक आज के कंप्मूटय आधुननक मुग भें एक भहत्वऩूर्क ववषम हैं । इस ऩुस्तक का भुख्म उद्दे श्म आज के कंप्मूटय मुग भें छात्रों का डाटा कम्मुननकेशन , कंप्मूटय नेटवडकिंग , कंप्मूटय नेटवकक सुयऺा(नसक्मोरयटी) , वेफसाइट डे वरोऩभेन्ट(ननभाकर्) जैसे ऺेत्रों भें छात्र ऻान की वृवद् कय के अऩने सुनहये बववष्म की नीव यख सके। डाटा कम्मुननकेशन(संचाय) ऩुस्तक भें डाटा संचाय ऩरयचम, ओएसआई/टी सी ऩी भॉडर, डपजजकर रेमय, डाटा नरंक रेमय , नेटवकक रेमय, ट्ांसऩोटक रेमय तथा एप्रीकेशन रेमय एवं नेटवकक नसक्मोरयटी आडद अध्मामों को सभाडहत डकमा गमा हैं । अध्याय 1 भें डाटा संचाय के प्रकाय , डाटा संचाय के घटक, कम्मुननकेशन चन ै र , कंप्मूटय नेटवकक व नेटवकक टोऩोरॉजी को ववस्ताय ऩूवक क सभझामा गमा है । अध्याय 2 भें कंप्मूटय नेटवकक का सफसे भहत्वऩूर्क बाग ओएसआई/टी सी ऩी भॉडर की ववस्ताय ऩूवक क कामकप्रर्ारी को सभझामा गमा है तथा इं टयनेट प्रोटोकॉर के वगीकयर् तथा उऩमोग के नसद्ांतो को सभझामा गमा हैं । अध्याय 3 भें डपजजकर रेमय ऩरयचम के साथ भल्टीप्रेजक्संग , भल्टीप्रेजक्संग के प्रकाय , तकनीक , एन्कोडडं ग तकनीक , जस्वनचंग आडद ववषमो को ववस्ताय ऩूवक क सभझामा गमा हैं । अध्याय 4 भें डाटा नरंक रेमय की भाध्मभ से संचाय त्रुडट , फ्रो कण्ट्ट्ोर , व त्रुडट(एयय) के साथ सबी संचाय(कम्मुननकेशन) अल्गोरयथभ को उदहायर् के साथ प्रस्तुत डकमा गमा हैं तथा तकनीक को ववस्ताय ऩूवक क सभझामा गमा हैं । । अध्याय 5 भें कंप्मूटय संचाय की सफसे भुख्म रेमय नेटवकक रेमय को नेटवकक रेमय प्रोटोकॉर व रूडटं ग के प्रकाय के भाध्मभ से सभझामा गमा हैं । अंत भें इस रेमय भें काभ आने वारे सबी प्रोटोकॉर को प्रस्तुत डकमा गमा है । अध्याय 6 भें ट्ांसऩोटक रेमय टी सी ऩी तथा मू डी ऩी प्रोटोकॉर को थ्री वे हैं डशेडकंग के साथ प्रोटोकॉर की तकनीक तथा संचाय के सभम भैसेज(सन्दे श) हे डय की कामकप्रर्ारी को ववस्ताय ऩूवक क सभझामा गमा हैं । अध्याय 7 भें एप्रीकेशन रेमय भें कंप्मूटय नेटवकक व संचाय की तकनीक, एप्रीकेशन रेमय के ननभाकर् की ववनध जैसे क्राइं ट सवकय भॉडर, वेफसाइट डोभेन , एप्रीकेशन प्रोटोकॉर, एच टी टी ऩी व वल्डक वाइड वेफ आडद प्रोटोकॉर की तकनीक को सभझामा गमा हैं तथा अंत भें नेटवकक भें डाटा तथा संचाय को सुयजऺत कैसे यखा जाए उसके नरए नसक्मोरयटी तकनीक तथा नीनतमों को प्रस्तुत डकमा गमा हैं । इस ऩुस्तक भें ऩाठ्मक्रभानुसाय अध्माम सयर बाषा भें नरजखत तथा उऩमुक्त ये खा नचत्रों द्वाया वजर्कत हैं जो डाटा कम्मुननकेशन(संचाय) तथा कंप्मूटय नेटवकक ववषमो से सम्फंनधत प्रनतमोगी ऩयीऺाओं हे तु बी छात्रों का ऻान सुद्रढ़ कये गा। हभें ऩूयी उम्भीद हैं डक ऩुस्तक छात्रों के नरए उऩमोगी नसद् होगी। - हयीश दाधीच ववकास भाथुय सच ू ी अ याय सं या वषय पृ ठ सं या 1. डेटा संचार एक प रचय 5-36 1.1 तावना 5 1.2 संचार (क यु नकेशन) 8 1.3 डाटा क यु नकेशन 9 1.3.1 डाटा क यु नकेशन के कार 9 1.3.2 डाटा संचार के घटक 11 1.3.3 डाटा संचार के मा यम 12 1.4 क यु नकेशन चैनल 15 1.5 कं यूटर नेटवक 16 1.5.1 कं यटू र नेटवक के कार 16 1.6 नेटवक टोपोलॉजी 18 1.6.1 नेटवक टोपोलॉजी प रचय 18 1.6.2 नेटवक टोपोलॉजी के कार 19 1.7 ांस मशन 23 1.7.1 ांस मशन क यु नकेशन चैनल 26 1.7.2 ांस मशन मोड 28 1.7.3 ांस मशन के कार 30 1.8 डाटा तुतीकरण 34 2. ओएसआई-ट सीपी / आईपी मॉडल 37-61 2.1 ओएसआई मॉडल एक प रचय 37 2.1.1 ओएसआई मॉडल क परत 38 2.2 ट सीपी / आईपी मॉडल 45 2.2.1 ट सीपी / आईपी मॉडल रे े स मॉडल 46 2.3 ओएसआई-ट सीपी / आईपी मॉडल के मुख ोटोकॉल 48 2.3.1 ए स े रे सोलश ु न ोटोकॉल 48 2.3.2 इंटरनेट मैसेज ोटोकॉल 49 2.3.3 टंग इनफामशन ोटोकॉल 50 2.3.4 ओपन शॉट ट पाथ फ ट ोटोकॉल 53 2.3.5 ांस मशन क ोल ोटोकॉल 55 2 2.3.6 यज ू र डाटा ाम ोटोकॉल 56 2.3.7 डोमेन नाम स टम 57 3. फिजकल लेयर 62-95 3.1 फिजकल लेयर एक प रचय 62 3.2 म ट लेि संग 64 3.2.1 म ट लेि संग तावना 64 3.2.2 म ट लेि संग के कार 65 3.3 स नल एंड ए को डंग तकनीक 71 3.3.1 तावना 71 3.3.2 डिजटल डाटा और एनालॉग स नल(ए को डंग तकनीक) 73 3.3.3 म ट लेवल डिजटल ांस मशन 76 3.3.4 लाइन कोडन के कार 79 3.4 वी चंग नेटवक एंड उपयोग 85 3.4.1 तावना 85 3.4.2 स कट वी चंग 86 3.4.3 मैसेज वी चंग 90 3.4.4 पैकेट वी चंग नेटवक 90 3.5 X.21 ोटोकॉल 93 4. डाटा लंक लेयर 95 4.1 डाटा लंक लेयर एक प रचय 95 4.1.1 ांस मशन एरर 96 4.2 लो क ोल एंड एरर क ोल 100 4.2.1 टॉप एंड वेट ARQ (Stop & Wait ARQ) 101 4.2.2 गो -बैक- एन ARQ (Go-Back-N ARQ ) 105 4.2.3 सेलेि टव रपीट ARQ (Selective Repeat ARQ) 109 4.3 एरर डटे शन एंड करे शन 112 4.3.1 एरर डटे शन 112 4.3.2 एरर करे शन 114 4.4 मी डयम ए सेस क ोल सबलेयर 115 3 5. नेटवक लेयर 122 5.1 नेटवक लेयर एक प रचय 122 5.1.1 कने शन डवाइस इन नेटवक लेयर 130 5.2 नेटवक लेयर ोटोकॉल 140 5.2.1 टंग के कार 140 5.2.2 इंटरनेट ोटोकॉल 148 6. ांसपोट लेयर 155 6.1 ांस मशन क ोल ोटोकॉल TCP लेयर एक प रचय 155 6.2 ांस मशन क ोल ोटोकॉल TCP प रचय 157 6.2.1 ांस मशन क ोल ोटोकॉल TCP खंड 159 6.2.2 ी वे हडशे कंग 161 6.3 यूजर डाटा ाम ोटोकॉल UDP प रचय 163 6.3.1 यूजर डाटा ाम ोटोकॉल UDP खंड 166 6.3.2 यूजर डाटा ाम ोटोकॉल UDP ऑपरे शन 168 7. ए ल केशन लेयर एवं नेटवक स यो रट 170 7.1 ए ल केशन लेयर एक प रचय 170 7.2 लाइंट - सवर मॉडल 171 7.3 डोमेन सवर नेम (DNS) 175 7.4 ईमेल एवं ए ल केशन ोटोकॉल 182 7.5 एचट ट पी(HTTP) एवं व ड वाइड वेब(WWW) 199 7.6 नेटवक स यो रट एक प रचय 209 7.6.1 स यो रट मु दे 210 7.6.2 स यो रट नी तयां 211 7.6.3 स यो रट टूल 211 7.7 टो ाफ 213 7.8 टो ाफ अ गो रथम 214 220-250 4 अ याय – 1 डेटा संचार एक प रचय 1.1 izLrkouk %& 1970 vkSj 1980 ds n’kdks esa geus dEI;wVj lkbZal vkSj MkVk dE;qfuds'ku ds {ks= dk foy; gksrs ns[kk Fkk] ftlds pyrs VsDuksykWth] izkWMDV~l vkSj orZeku dh xzqIM dEI;wVj dE;qfuds'ku baMLVªh ls tqM+h daifu;ksa esa vkerkSj ij cnyko gq,A dEI;wVj dE;qfuds'ku Økafr 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foyac ds mlh Øe esa fMysoj gks tkuk] ftl Øe esa og tujsV gqvk gSA bl rjg dh fMysojh dks jh;y VkbZe Vªkla fe’ku Hkh dgrs gSA 7 1.2 संचार (क यू नकेशन) जैसा क हम जानते है क आजकल क आधु नक द ु नया म कं यट ू र टड-अलोन स टम के प म काम नह ं करता है बि क संचार णाल के ह से के प म काम करता है । कं यट ू र के अलावा जहाज, वमान, रॉकेट, उप ह और कई अ य ज टल णा लयाँ अपने ने वगेशन स टम के लए संचार णाल (Communication System) पर भरोसा करती ह। सरल श द म, डाटा क यु नकेशन (Data Communication) ांस मशन मी डयम (Transmission Medium) के मा यम से दो उपकरण के बीच डेटा का आदान- दान होता है । डेटा कसी भी संचार मा यम पर डिजटल या एनालॉग सगनल (Digital or Analog Signal) के प म सा रत कया जाता है । कं यूटर नेटव कग (Computer Networking) म नेटव कग उपकरण के बीच भौ तक कने शन केबल मी डया या वायरलेस मी डया के मा यम से था पत कया जाता है । डाटा क यु नकेशन का सबसे अ छा उदाहरण इंटरनेट (Internet)है अथात डेटा संचार दो या दो से अ धक कं यूटर क के बीच डिजटल या एनालॉग डेटा सगन स का आदान आदान- दान होता है , जो संचार चैनल से जुड़े हुये होते ह। क यु नकेशन क व भ न कटै गर ज ह और वे कसी भी समय एक से अ धक हो सकती ह। य क जहां व भ न कार के क यु नकेशन और अलग-अलग अलग अलग संदभ और से टं स होती है , वहां इस श द क कई प रभाषाये ह। ले कन, कन चंू क यह कताब आईट और कं यट ू र से संबं धत है , यहां हम डेटा क यु नकेशन के बारे म ह बात करगे। च 1.2 : क यु नकेशन चैनल 8 1.3 डेटा संचार (डेटा क यु नकेशन) या है? डेटा क यु नकेशन, ांस मशन मे डयम के मा यम से दो डवाइसेस के बीच डेटा का ए सचज (O और 1 क फॉम म) ह। नेटव कग म कं यू टंग डवाइसेस के बीच (भो तक) फिजकल कने शन केबल मी डया या वायरलेस मी डया के मा यम से था पत कया जाता है । कं यूटर नेटवक का सबसे अ छा उदाहरण इंटरनेट है । कं यूटर का उपयोग, इनफॉमशन को उ प न करने के लए कया जाता है । यह उ प न क गई इनफॉमशन अपने आप म उपयोगी नह ं है । यह इनफॉमशन सह समय पर सह यि त को द जानी चा हए। अ सर इनफॉमशन को एक थान से दस ू रे थान पर ांस मट कया जाना चा हए। इस ोसेस को डाटा क यु नकेशन कहा जाता है । यहां, हम डेटा क यु नकेशन म उपयोग कए गए हाडवेयर, सॉ टवेयर और ोसेस क बात करगे। डाटा क यु नकेशन एक पॉइंट से दस ू रे पॉइंट पर डेटा ांसपो टग क एि टव ोसेस है । नेटवक एक क यु नकेशन स टम ह, िज हे इनफॉमशन को एक ओ रिजन पॉइंट से डेि टनेशन पॉइंट तक इनफॉमशन भेजने के लए डज़ाइन कया गया है । यान द क वे क यु नकेशन स टम ह, कं यट ू र स टम नह ं। 1.3.1 डाटा क यु नकेशन के कार (Types of Data Communication ) 1. स पले स (Simplex): स पले स मोड म, क यु नकेशन यू नडायरे शनल होता है । केवल एक डवाइस डेटा संचा रत कर सकता है जब क अ य डवाइस केवल डेटा ा त कर सकता है । उदाहरण के लए, क बोड (Keyboard) और सीपीयू (CPU) के बीच संचार एक स पले स ांस मशन मोड (Simplex Transmission Mode) का पालन करता है । इस मोड म, क बोड केवल डेटा भेज सकता है और सीपीयू केवल डेटा ा त कर सकता है । 2. अ ध यू ले स (Half Duplex): अ ध यू ले स ांस मशन म, दोन डवाइस डेटा संचा रत और ा त कर सकते ह ले कन एक साथ नह ं। जब एक डवाइस संचा रत होता है , तो अ य डवाइस केवल ा त कर सकता है । उदाहरण वॉक -टॉक (walkie-talkie)। 3. पूण यू ले स (Full Duplex): पूण डु ले स मोड म, दोन कने टे ड डवाइस एक ह समय म डेटा भेज सकते ह और साथ ह डेटा ा त कर सकते ह। उदाहरण टे ल फोन (Telephone)। 9 च 1.3 : क यु नकेशन ( स पले स , हाफ डु ले स , फुल डु ले स ) डेटा क यु नकेशन के पीछे मूलभूत उ दे य या है ? डेटा क यु नकेशन का उ दे य दो पॉइंट के बीच इनफॉमशन का आदान- आदान दान करना है । डेटा क यु नकेशन के कार आम तौर पर डेटा क यु नकेशन के दो टाइप माने जाता है - 1) लोकल (Local) – लोकल ए रया नेटवक के प म,जो म एक छोटे ए रया को कवर करता ह और इसम सी मत, कम युजस क सं या होती ह। 2) लोबल(Global) – यह लंबी दरू को कवर करता है और इसम अन ल मटे ड यज ू स सं या होती है । डेटा क यु नकेशन णाल का इफेि टवनेस तीन वशेषताओं(कैरे ट रि टक) पर नभर करती है 1) डल वर (Delivery): स टम को सह डेि टनेशन पर डेटा को ड यट ू करना चा हए। यह डेटा अ भ ेत डवाइस या यूजर को ह ा त होना चा हए। 2) ए यूरेसी (Accuracy): स टम को सह ढं ग से डेटा डल वर करना चा हए। य द डेटा को ांस मशन म बदल दया गया तो वह अनुपयोगी है । 3) टाइम लाइन (Timeliness): स टम को समय पर डेटा डल वर करना चा हए। दे र से डल वर कया गया डेटा बेकार है । वी डयो, डयो ऑ डयो और वॉयस डेटा के मामले म, समय पर डल वर करने का मतलब है डेटा जैसे डेटा ोडयुस कया जाता ह वह ऑडर म ड यूट, और बना दे र के। 10 1.3.2 डेटा संचार के घटक जब डेटा एक जगह से दस ू र जगह तक ांस मट होता ह, ह तो उसके मु य पांच कंपोन स होते ह च 1.4 :डेटा संचार के घटक 1) ांसमीटर (Transmitter): ांसमीटर डवाइस मैसेज भेजता है । यह एक कं यट ू र, र वक टे शन, टे लफोन हडसेट, वी डयो कैमरा और कुछ भी हो सकता है । 2) रसीवर(Receiver): रसीवर ांसमीटर वारा भेजे गए मैसेज को र सव करता है । यह भी एक कं यट ू रर, वक टे शन, टे लफोन हडसेट, टे ल वज़न, और कु छ भी हो सकता है । 3) संदेश(Message): मैसेज एक ांस मशन (डेटा) है िजसे क यु नकेट कया जाना है । इसम टे ट, नंबस स, इमेज, साउं ड, या वी डयो या कु छ भी हो सकते ह। 4) मा यम (Medium): ांस मशन मे डयम एक फिजकल पाथ है िजसके वारा मैसेज सडर से रसीवर तक जाता है । इसम व टे ड पेयर वायर, कोएि सअल केबल, बल फाइबर ऑि टक केबल, लेजर या रे डयो वेव ( थल य या सैटेलाइट माइ ोवेव) हो सकता ह। 11 5) ोटोकॉल (Protocol): ोटोकॉल नयम का एक ुप है जो डेटा क यु नकेशन को कं ोल करता है । यह क यु नकेशन डवाइसेस के बीच एक ए ीमट को र ेसट है । ोटोकॉल के बना, दो डवाइस कने ट कए जा सकते ह, ले कन क यु नकेशन नह ं कर सकते, जैसे जापानी समझने वाले यि त को हंद भाषा समझ म नह ं आएगी। 1.3.3 डेटा संचार के मा यम (Medium of Data Communication) 1) वायड मी डया (Wired Media): वायर पेयस (Wire Pairs): वायर पेयस सामा यतः लोकल टे ल फोन क यु नकेशन म और कम दरू के डिजटल डाटा क यु नकेशन के लए उपयोग क ए जाते ह। वे आम तौर पर कॉपर से बने होते ह। इन वायर पेयस से डेटा ांस मशन पीड ड सामा यतः 100 मीटर क दरू पर 9600 बट त सेकंड है । च 1.5 :वायर पेयस व टे ड पेयस (Twisted pair): व टे ड पेयस वायर टे ल क यू नकेशन के लए सबसे यापक प से योग कया जाने वाला मे डयम है । व टे ड पेयस केब लंग म कॉपर के तार होते ह जो पेयस म व टे ड होते ह। साधारण टे ल फोन वायर म दो व टे ड पेयर इंसुलेटेड कॉपर वायर शा मल होते ह।कं यट ू र नेटव कग केब लंग (IEEE IEEE 802.3 वारा डफाइन वायड ईथरनेट) म कॉपर केब लंग के 4 पेयस होते ह, िज हे साउं ड और डाटा ांस मशन दोन के लए उपयोग कया जा सकता है । दो वायर को व टे ड करने से ॉसटॉक और इले ो ने टक इंड शन ोमै न को कम करने म मदद मलती है । ांस मशन पीड क रज 2 म लयन बट त सेकंड से 10 अरब बट त सेकंड होती है । 12 च 1.6 : व टे ड पेयस केबल समा ीय केबल ( कोएि सअल केबल -Coaxial cable): कोएि सअल केबल को केबल टे ल वजन स टम, टम आ फस ब डींग और अ य लोकेल ए रया नेटवक साइट के लए यापक प से उपयोग कया जाता है ।इस केबल म इंसुले टंग लेयर म तांबे या ए यम ू ी नयम तार शा मल होते ह। इ सुलेशन का यह लेयर इंटरफेयरस और ड टॉ टॉशन को कम करने म मदद करता ह। ांस मशन क पी 200 म लयन से लेकर 500 म लयन बट पीड त सेकंड तक होती है । च 1.7 :कोएि सअल केबल ऑि टकल फाइबर (Optical fiber): ऑि टकल फाइबर केबल म एक या अ धक ला फाइबर फलामट हाते ह, जो लास ोटे ि टव लेयर से लपटे होते ह। वे डेटा को लाइट के प स के मा यम म से ांस मट करते ह। वे लाइट ांस मट करते ह, जो लंबी दरू तक ै वल कर सकते ह।फाइबर ऑि टक केबल इले ोमै ने टक रे डएशन ोमै से भा वत नह ं हाते। इनका ांस मशन पीड ब लयन पीड त बट क हो सकता है । फाइबर ऑि ट स क ांस मशन पीड twisted wisted-pair केब स क तल ु ना म सैकड़ गन ु ा तेज है । च 1.8 :ऑि टकल फाइबर 13 2. वायरलेस मी डया (Wireless Media) : i) टे रेि यल माइ ोवेव (Terrestrial Terrestrial microwave): microwave टे रेि यल माइ ोवेव प ृ वी के ांसमीटर और रसीवर का उपयोग करते ह। यह उपकरण उप ह डश के समान दखता है । टे रेि यल माइ ोवेव कम गगाह ज़ रज का उपयोग करते ह। रले टे शन के बीच का ड टस स लगभग 48 कमी (30 मील) हो सकता ह।माइ ोवेव एंटेना आमतौर पर इमारत , टॉवर, पहा ड़य , और पवत चो टय के पर होते ह। ii) क यु नकेशन सैटेलाइ स (Communications Communications satellites): satellites सैटैलाइट माइ ोवेव रे डयो स नल न का उपयोग उनके टे लक यू नकेशन मा यम के प म करते ह।उप ह अंत र म होते ह, आमतौर पर 35,400 कमी (22,000 मील) भम ू य रे खा से ऊपर। ये साउं ड, डेटा, और ट वी स नल ल को ा त करने और रले करने म स म होते ह। च 1.9 :वायरलेस मा यम 14 1.4 क यु नकेश स चैनल (Types Of Communication channel): Bandwidth एक टम ह िजसे क यु नकेशन स टम क डेटा-हड लंग कैपे सट को ड ाइब करने के लए इ तेमाल कया जाता ह।बड व थ वसी क रज है जो डेटा ांस मशन के लए उपल ध है । i) नैरोबड (Narrowband): नैरोबड बड कम डेटा वॉ यूम को हडल करता है । डाटा ांस मशन रे ट 45 से लेकर 300 बॉड तक होता ह। Narrowband क यु नकेशन के लए कम पीड वाले डवाइस का उपयोग कया जाता ह। ii) वौइ बड (Voiceband): वॉयसबड 300 और 9600 बॉड के बीच म यम डेटा ांस मशन वॉ यूम को हडल करता है । इनका मु य उपयोग टे ल फोन वॉइस क यु नकेशन के लए कया जाता ह, इस लए इसे वॉयसबड कहते ह। iii) ॉडबड (Broadband): ॉडबड बहुत बड़े डेटा वॉ यम को हडल करता है । इनका डेटा ांस मशन रे ट 1 म लयन बॉड या इससे अ धक होता ह। हाई पीड डेटा एने ल सस और सैटैलाइट क यु नकेशन, ॉडबड क यु नकेशन के उदाहरण ह। 15 1.5 कं यट ू र नेटवक नेटवक नेटव कग उपकरण क मदद से एक दस ू रे से जड़ ु े कं यट ू र का एक सं ह होता है । एक नेटवक को उसके आकार, वा म व, दरू और भौ तक संरचना के आधार पर वग कृत कया गया है । व भ न कार के नेटवक जैसे लोकल ए रया नेटवक (LAN), मे ोपॉ लटन ए रया नेटवक (MAN) और वाइड ए रया नेटवक (WAN) ह, जैसा क नेटवक दो या अ धक कं यट ू र का एक सं ह है , जो जानकार और संसाधन को शेयर करने के लए एक साथ जड़ ु े हुए होते ह। कं यटू र नेटवक हाडवेयर और सॉ टवेयर का एक संयोजन है जो नेटवक पर कं यट ू र के बीच संचार क अनम ु त दे ता है । च 1.10 :कं यट ू र नेटवक 1.5.1 कं यट ू र नेटवक के कार लोकल ए रया नेटवक Local Area Network (LAN) :- एक लोकल ए रया नेटवक एक छोटे से े म फैला हुआ होता है । कसी संगठन म कं यूटर कने ट करने के लए LAN का उपयोग कया जा सकता है । लैन पर येक कं यूटर का अपना स ल ोसे संग यू नट (CPU) होता है , ले कन वे महं गे डवाइस जैसे ट ं र और मॉडेम को शेयर कर सकते ह। एक LAN पर कं यट ू र भी वयं के बीच डेटा साझा कर सकते ह, लैन (LAN) पर डेटा थानांत रत करने क दर बहुत तेज है लगभग 10 MBPS और गीगाबाइट ईथरनेट पर कर ब 1 GBPS तक होती है तथा इसम 100 से 1000 कं यूटर को जोड़ा जा सकता है । च 1.11 :लोकल ए रया नेटवक 16 महानगर ए रया नेटवक Metropolitan Area Network (MAN) :- एक मे ोपॉ लटन ए रया नेटवक लैन क तुलना म एक बड़ा भौगो लक े म फैला हुआ होता है । कसी शहर म कं यूटर को कने ट करने के लए MAN का उपयोग कया जाता है , मैन नेटवक जो कई ि वचेस या राउटर से बना होता है जो फाइबर ऑि टक केबल (Fiber Optic Cable) का उपयोग करके उ च ग त कने शन दान करता है । च 1.12 : महानगर ए रया नेटवक वाइड ए रया नेटवक Wide Area Network (WAN) :- वाइड ए रया नेटवक डेटा, आवाज, छ व और वी डयो के लंबे सारण क अनुम त दे ता है । एक WAN एक MAN नेटवक से बड़ा होता है । वैन (WAN) का उपयोग बड़े भौगो लक े , जैसे दे श, महा वीप या संपूण व व के डेटा को थानांत रत करने के लए कया जाता है । उदाहरण के लए, इंटरनेट सबसे बड़ा वैन (WAN) है , कं यूटर एक पि लक नेटवक का उपयोग करते हुए वैन से जुड़े होते ह, जैसे टे ल फोन लाइन, उप ह और ल ड लाइन। च 1.13 : वाइड ए रया नेटवक 17 1.6 नेटवक टोपोलॉजी नेटवक टोपोलॉजी कं यट ू र नेटवक बनाने क एक व ध है जो व भ न कॉि फ़गरे शन को दान करता है िजनका उपयोग नेटवक बनाने के लए कया जाता है । एक नेटवक बनाने के लए कं यट ू र और अ य नेटव कग उपकरण को एक साथ जोड़ने के दौरान, उपयोगकता को संरचना, लेआउट और केबल बछाने क आव यकताओं पर वचार करना होता है । पॉइंट टू पॉइंट कने शन या म ट पॉइंट कने शन का उपयोग करके एक नेटवक बनाया जा सकता है । एक पॉइंट टू पॉइंट कने शन म, केवल दो डवाइस एक- दस ू रे से जड़ ु े होते ह। उपयोगकता एक डे डकेटे ड लाइन से लोकल नेटवक से एक रमोट नेटवक पर डेटा थानांत रत कर सकते ह। पॉइंट टू पॉइंट कने शन के उदाहरण ह माइ ोवेव, सैटेलाइट ाइट, और टे ल वज़न नेटवक। म ट पॉइंट कने शन म, कई डवाइस कने शन शेयर करती ह और इसे म ट पॉइंट कने शन के प म कहा जाता है । 1.6.1 नेटवक टोपोलॉजी प रभाषा टोपोलॉजी नेटवक उपकरण का एक पैटन होता है और िजस तरह से ये डवाइस कने ट ह, टोपोलॉजी फिजकल या लॉिजकल हो सकते ह। फिजकल टोपोलॉजी नेटवक क वा त वक भौ तक संरचना को संद भत करता है, जब क एक लॉिजकल टोपोलॉजी उस तर के को नधा रत करती है िजसम डेटा वा तव म नेटवक के मा यम से एक डवाइस से अ य तक पहुंच जाता है व भ न कार के टोपोलॉजी इस कार ह: नेटवक टोपोलॉजी के कार च 1.14 : नेटवक टोपोलॉजी के कार 18 1. फिजकल टोपोलॉजी (Physical Topology) : फिजकल टोपोलॉजी से हमारा ता पय यह है क यह उपकरण के भौ तक लेआउट का त न ध व करता है । जैसे क इस नेटवक टोपोलॉजी म जुड़े उपकरण , कने टे ड कं यट ू र और केबल आ द। यह नेटवक पर उपकरण क यव था और एक दस ू रे के साथ संवाद करने के तर के को भी संद भत करता है । पांच मूल भौ तक टोपोलॉजी बस (Bus), टार (Star), (Tree) और मेश (Mesh) ह। 2. लॉिजकल टोपोलॉजी (Logical Topology) : लॉिजकल टोपोलॉजी के सहायता से नेटवक म डेटा को एक डवाइस से दस ू रे थान पर थानांत रत कया जाता है , भले ह डवाइस के बीच भौ तक प से कोई संबंध न हो। उदाहरण के लए, आईबीएम (IBM) के टोकन रंग एक लॉिजकल रंग टोपोलॉजी (Ring Topology) है । 1.6.2 नेटवक टोपोलॉजी मु य प से 6 कार क होती है: o बस टोपोलॉजी (Bus Topology) : बस टोपोलॉजी म, डवाइस डेटा भेजने और ा त करने के लए एक सामा य बैकबोन केबल शेयर करती है । एक Thick C0-axial केबल का उपयोग सभी उपकरण को जोड़ने के लए कया जाता है । बस टोपोलॉजी एक नेटवक म अ धक डवाइस जोड़ने के लए डेज़ी चैन क म (Daisy Chain Scheme) का उपयोग करती है । डेज़ी चेन क म म, डवाइस 1 डवाइस 2 से जड़ ु ा होता है , डवाइस 2 डवाइस 3 से जड़ ु ा है, डवाइस 3 डवाइस 4 से और डवाइस 4 डवाइस 5 से जुड़ा है । पहले और अं तम डवाइस ट मनेटर (50-ओम ओम रे स टर) से जड़ ु े होते ह। च 1.15 : बस टोपोलॉजी 19 o टार टोपोलॉजी (Star Topology) : टार टोपोलॉजी म, कई डवाइस एक क य कने शन बंद ु से जुड़े होते ह िज ह हब (Hub) या ि वच (Switch) कहा जाता है । उपकरण को तांबे केबल या फाइबर ऑि टक केब स का उपयोग करके ि वच से जोड़ा जाता है । टार नेटवक व भ न उपयोगकताओं के बीच जानकार शेयर करने के लए एक लागत भावी (Cost Effective) तर का दान करता ह। टार टोपोलॉजी का उपयोग एयरलाइन आर ण काउं टर और छोटे यवसाय कायालय म कया जा सकता है , जहां कमचार सामा य अनु योग और फ़ाइल तक ए सेस के लए इसका उपयोग करते ह। च 1.16 : टार टोपोलॉजी o रंग टोपोलॉजी (Ring Topology) : रंग टोपोलॉजी म, येक डवाइस एक सकुलर चर बनाकर अ य डवाइस से जुड़े होते है । डेटा का वाह केवल एक दशा, लॉक वाइज या एंट लॉक वाइज म होता है , रंग टोपोलॉजी म येक डवाइस एक रपीटर (Repeater) के प म काय करता है यह सगनल को बढ़ाता है और इसे अगले डवाइस पर सा रत करता है । च 1.17 : रंग टोपोलॉजी 20 o मेश टोपोलॉजी (Mesh Topology) : मेश टोपोलॉजी म, येक उपकरण हर दस ू रे डवाइस से जुड़ा होता है । एक डवाइस नेटवक म सभी उपकरण को डेटा भेज सकता है । डवाइस वारा भेजे गए डेटा डेि टनेशन तक पहुंचने के लए कसी भी संभा वत पथ (Possible Paths) ले सकता है । च 1.18 : मेश टोपोलॉजी o टोपोलॉजी (Tree Topology) : एक टोपोलॉजी ल नयर बस और टार टोपोलॉजी क वशेषताओं को जोड़ती है । टोपोलॉजी म, टार नेटवक का एक समूह ल नयर बस बैकबोन से जुड़ा हुआ होता है । टोपोलॉजी उपयोगकता को आव यकताओं के आधार पर मौजूदा नेटवक को व ता रत और कॉि फ़गर करने म स म बनाता है । Twisted Pair Cable आमतौर पर टोपोलॉजी वारा उपयोग कया जाता है , टोपोलॉजी को Hierarchical Structure भी कहा जाता है । च 1.19 : टोपोलॉजी 21 o हाइ ड टोपोलॉजी (Hybrid Topology) : हाइ ड टोपोलॉजी व भ न नेटवक टोपोलॉजी का एक संयोजन होता है । यह एक वशेष टोपोलॉजी के प म भी जाना जाता है । यह टोपोलॉजी कॉप रे ट कायालय के लए अपने आंत रक LANs को एक साथ जोड़ने के लए उपयोगी है, जब क वाइड ए रया नेटवक (WAN) के मा यम से बाहर नेटवक को जोड़ते ह। च 1.20 : हाइ ड टोपोलॉजी 22 1.7 Vªkalfe'ku % MkVk dks ,ukykWx ;k fMftVy :i esa VªkalfeV fd;k tk ldrk gSA ,ukykWx vkSj fMftVy] nksuks gh izdkj ds flXuYl ;Fkksfpr ांस मशन ek/;e ij VªkalfeV fd, tk ldrs gSA bu flXuYl dks fdl :Ik esa fo’ysf”kr fd;k tkuk gS] ;g ांस मशन flLVe dk dk;Z gksrk gSA rkfydk 2-1 esa MkVk ांस मशन dh fof/k;ksa dk lkjka’k izLrqr fd;k x;k gSA एनालॉग स नल डिजटल स नल मा यम सूचना व युत पंदन के ज़ रए आती है । सूचना बाइनर फॉमट(0 और 1) म बदल जाती है । गुणव ा डेटा के अनुवाद या पुनः उपयोग डिजटल म यह खतरा नह ं होता। पर वा लट डैमेज का खतरा रहता है । डेटा का आकार डेटा के आकार क एक ल मट होती है या आसानी से फेरबदल कया जा सकता है व नधा रत समय तक ह ांसमीट कया जा इसमे यादा वक प होते ह। सकता है । उपकरण एनालॉग तकनीक स ती मानी जाती है । डिजटल उपकरण एनालॉग क तल ु ना म महँगे होते ह। ु टयां(errors) एनालॉग संचार म गड़बड़ी संचार म ु टयां ु टय को य त करने के लए हम तीक उ प न करती है । को त था पत, डालने या हटाने म स म होते ह। बड व थ(bandwidth) एनालॉग स नल ोसे संग कम बड व थ डिजटल स नल ोसे संग यादा का उपभोग करती है । बड व थ का उपभोग करती है । मता एनालॉग ऑ डयो कैसेट क मता 700- नय मत सीडी क मता 700एमबी तक 1.1 एमबी होती है । होती है । सरु ा एनालॉग बाहर के भाव से खद ु को नह संदेश के एि टे ड होने से यह एक बचा पाता। सुर त मा यम है इ तेमाल केवल एनालॉग डवाइस म ह इसका डिजटल संगन स का उपयोग कं यू टंग इ तेमाल कया जा सकता है । और डिजटल इले ॉन स के लए सबसे यादा उपयु त है । टे बल: एनालॉग और डिजटल ांस मशन ,ukykWx ांस मशन] ,ukykWx flXuYl dks VªkalfeV djus dk ,d ,slk rjhdk gS] ftlesa mldh lkexzh ;k osY;w ij fopkj ugha fd;k tkrk gS] vFkkZr~ flXuYl ,ukykWx MkVk ¼mnkgj.kkFkZ & /ofu½ ;k fMftVy MkVk ¼mnkgj.kkFkZ] ekWMse ds ek/;e ls tkus okyk ck;ujh MkVk½ iznf’kZr dj ldrs gSaA nksuksa gh ifjfLFkfr;ksa esa] ,ukykWx flXuy dqN 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Jsf.k;kWa gSa % ¼1½ flaØksul vkSj ¼2½ ,flaØksulA च 1.22 : डाटा ांस मशन 28 ck;ujh MkVk dk ांस मशन esa MkVk ांस मशन gkMZov s j esa iz;qDr dh tkus okyh lfdZV fMtkbu ds vuqlkj Hkh lEiUu fd;k tk ldrk gSA bl vk/kkj ij bldh rhu miJsf.k;kWa gSa & flEIysDl] gkQ MqIysDl vkSj Qqy MqIysDl A 1- lekukarj ¼isjsyy½ ांस मशन % 1 vkSj 0 ls cus ck;ujh MkVk dks izR;sd fcV~l ds lewgksa esa O;ofLFkr fd;k tk ldrk gSA dEI;wVlZ MkVk dks fcV~l ds lewgksa esa mRiUUk vkSj miHkksx djrs gSaA lewgc) ;k xzqfiax djrs gq,] ge ,d ckj esa 1 ds LFkku ij foV~l MkVk Hkst ldrs gSaA ;g lekukarj ;k isjsyy ांस मशन dgykrk gSA च 1.23 : पैरेलल ांस मशन (8 बट एक साथ भेजी गई ) ykHk % VªkalQj dh mPp xfr % xfr gh lekukarj ांस मशन dk ykHk gSA Ja`[kykc) ांस मशन dh vis{kk lekukarj ांस मशन esa VªkalQj dh xfr dks n QsDVj }kjk cku dsanzh; ÝhDosalh ds lehi vf/kdre jgrk gS vkSj cSaM ds nks fljksa dh vksj de gksrk tkrk gSA bl izdkj flXuy ds fofHkUu ÝhDosl a h daiksusaV~l] fjlhoj ij 32 fofHkUu le;ksa esa vkrs gSaA bldk ifj.kke fofHkUu ÝhDoal s ht ds e/; Qst f’k¶V~l ds :i esa mRiUu gksrk gSA bl izHkko dks fMys fMlVk’kZu ds :i esa blfy, tkrk gS] D;ksfa d izkIr gksus okyk flXuy] mldh la?kVd ÝhDosla ht ij vuqHko fd, tkus okys fofHkUu fMyst dh otg ls fod`r gks tkrk gSA च 1.28: डले डसऑडर कव 3- ukWbl % fMys fMlVk’kZu ds vfrfjDr flXuy ांस मशन vkSj fMVsD’ku fof/k;ksa ds lkFk tqM+s fofHkUu ukWblst vkSj O;o/kku] izkIr fd, x, flXuy dks le>us esa ,jlZ dh otg cu ldrs gSaA ukWbl ‘kCn dk vFkZ flXuy ds ,sls vokafNr ?kVdksa ls gksrk gS] tks flXuy ij mlds L=ksr ls fjlhoj rd dh ;k=k ds nkSjku lfEefyr gks tkrs gSa vFkok ;s Lo;a fjlhoj ij gh mRiUu gks ldrs gSaA ukWbl ds laHko L=ksrksa esa fuEufyf[kr ‘kkfey gSa & 1- FkeZy ukWbl % ;g bysDVªkWUl dh js.Me xfr ls mRIkUu gksrk gSA ;g lHkh bysDVªkWfud midj.kksa esa fo|keku jgrk gS vkSj rkieku dk ,d QaD’ku gSA pwafd ;g ÝhDosalh LisDVªe ij ,d leku :i ls forfjr jgrk gS] blfy, FkeZy ukWbl dks lkekU;r% OgkbV ukWbl ds :i esa tkuk tkrk gSA OgkbV ukWbl dh otg ls gkus okys ांस मशन ,jlZ dks js.Me ,jlZ ds :i es tkuk tkrk gSA 2- baVjekWM~;wys’ku fMlVk’kZu % ;g fMlVk’kZu fofHkUu ÝhDosl a ht ij flXuYl ds feJ.k ls fdlh vU; ÝhDosalh ij ÅtkZ mRiUu gksus ls ?kfVr gksrk gSA mnkgj.k ds fy, f1 vkSj f2 ÝhDosalht ij flXuYl f1+ f2 , 2f1- f2 vFkok 2f2- f1 tSlh vU; ÝhDosalht ij ÅtkZ mRiUu dj ldrs gSaA 3- ØkWlVkWd % ;g ,d flXuy pSuy ds flXuy ls vU; pSuy ds flXuy dk vokafNr la;kstu gksrk gSA mnkgj.k ds fy, VsyhQksu dk mi;ksx djrs le; dHkh&dHkh i`”BHkwfe esa fdlh ckrphr ds /khes Loj lqukbZ ns ldrs gSa] tks dscy esa lehiorhZ ok;lZ ds e/; bysDVªkes Xs usfVd la;kstu ls mRiUu gks ldrs gSaA 33 4- bEiYl ukWbl % ;g ,sls yEcs] ‘kkar varjkyksa }kjk igpkus tkrs gSa] tks ukWbl cLV~lZ }kjk ckf/kr gksrs gSaA ;s cLV~lZ vfu;fer vO;ofLFkr Iylst ls fufeZr gksrs gSA 1.8 MkVk izLrqfrdj.k ds izdkj % vktdy bUQkWesZ’ku VsDlV] la[;kvks] Nfo;ks]a /ofu vkSj ohfM;ks tSls fofHkUu Lo:iksa esa miyC/k gSaA VsDlV % VsDlV dks fCkV isVuZ vFkkZr fcV~l ¼0s ;k 1s½dh lhDosal ds :i esa n’kkZ;k tkrk gSA fdlh isVuZ esa fcV~l dh la[;k] Hkk”kk esa mifLFkr 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65,536 (2 ) rd flacYl n’kkZ ldrk gSA ISO : baVjus’kuy vkWxZsukbts’ku QkWj LVSaMMkZbts’ku] ftls ISD dgrs gSa] us 32-fcV iSVuZ dk mi;ksx djrs gq, ,d dksM fufEkZr fd;k gSA ;g dksM 4,294,967,296 (232) rd flacYl n’kkZ ldrk gSA ;s fuf’pr :i ls nqfu;k esa vkt fdlh Hkh flXuy dks n’kkZus ds fy, i;kZIr gksrs gSaA uaclZ % la[;kvksa dks Hkh fCkV iSVUlZ dk mi;ksx djrs gq, n’kkZ;k tkrk gS ASCII tSls fdlh dksM dks la[;k,Wa n’kkZus ds fy, iz;wDr ugha fd;k tkrk gSA la[;k dks lh/ks gh fdlh ck;ujh uacj esa cny fy;k tkrk gSA bldk dkj.k] la[;kvksa ij xf.krh; fØ;kvksa dk ljyhdj.k gSA 34 bestsl ;k Nfo;kWa % vktdy Nfo;ksa dks Hkh fCkV iSVUlZ }kjk n’kkZ;k tk jgk gSA fdarq bldh fof/k fHkUu gSA blds ljyre Lo:i esa] fdlh Nfo dks fiDlsYl ds esfVªDl ¼fiDpj ,fyesaV~l½ esa foHkkftr fd;k tkrk gS] tgkWa izR;sd fiDlsy ,d NksVk fcanq ¼MkWV½ gksrk gS fiDlsy dk vkdkj] fjtkY;w’ku fdruk gS] bl ij fuHkZj djrk gSA vkWfM;ks % vkWfM;ks] /ofu dk izLrqfrdj.k gSA izd`fr ls ;g VsDLV] la[;kvksa ;k Nfo;ksa ls fHkUu gksrk gSA ;g vlaxr 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Goleniewski, L. (2006) Telecommunications Essentials, Addison Wesley Professional. b. Kurose, J.F. and K.W. Ross (2003) Computer Networking: A Top Down Approach Featuring the Internet, Addison Wesley. c. Mir, N.F. (2006) Computer and Communication Networks, Prentice Hall. d. Ogletree, T.W. and M.E. Soper (2006) Upgrading and Repairing Networks, Que. e. L. L. Peterson and B. S. Davie, Computer Networks, 2nd Edition, Morgan-Kaufmann, 2000. f. वै ा नक तथा तकनीक श दावल आयोग वारा का शत मूलभूत श दावल 36 अ याय – 2 ओ.एस.आई. / ट.सी.पी. मॉडल 2.1 ओ. एस. आई. मॉडल (एक प रचय) ओ. एस. आई. मॉडल दशाता है क डेटा क यु नकेश स कैसे होना चा हए। यह फं श स या ोसेस को सात ुप म वभािजत करता है िज ह लेयर के प म डस ् ाइब कया जाता है । ओपन स ट स इंटरकने शन Open Systems Interconnection (ओ. एस एस. आई.) मॉडल लेयर म ोटोकॉल को इ ल मट करने के लए एक नेटव कग े मवक को डफाइन करता है , िजसम एक लेयर से लेकर अगले तक कं ोल को पास कया जाता है । यह कं यूटर नेटवक आ कटे चर को लॉिजकल ो ेस म 7 लेयर म वभािजत करता है । नचल लेयर इलेि कल सग ्नल, बाइनर डेटा के सेगमट, मट और नेटवक म इस डेटा का राउ टंग से डल करता ह। ं, नेटवक रक् वेस ्ट और रस ्पॉड, डेटा का र ेजटे शन, और नेटवक ोटोकॉल जैसे क यज ू स के ि टकोण से दे खा जाता है उसे हाइर लेयर कवर करता ह। ओ. एस. आई. ( रफरे स मॉडल , इंटरनेशनल टड स आगनाइजेशन)(ISO) न वारा डेवलप पोजल पर आधा रत है । ओ. एस. आई. मॉडल का मूल उ दे य इि वपमट मैनुफ चरस के लए डजाइन सटडड ्टडड का एक सेट दान करना था ता क वे एक दस ू रे के साथ क यू नकेट कर सक। च 2.1:ओ. एस. आई. मॉडल क लेयस 37 ओ. एस. आई. रफरे स मॉडल का उ दे य: हर कोई जानता है क इनफॉमशन को टुकड़ म बाटने से समझने और समझाने म आसानी होती ह। यह बात नेटव कग के लए भी लागू होती ह। ओ. एस. आई. मॉडल सात लेयर के एक चड सेट को र ेजट करता ह, जो एक दस ू रे के साथ कनेक्ट होते है । इस मॉडल म येक लेयर को डवाइसेस, कं यट ू र और नेटवक से म स को कनेक्ट करने क मता बनाए रखने के लए डेवलप कया गया था। न न ल खत उ दे य के लए ओ. एस. आई. मॉडल बनाया गया था: – सॉ टवेयर डेवलपस और हाडवेयर के लए एक कॉमन लेटफ़ॉम बनाना, ता क ऐसे नेटव कग ॉडक् ट के नमाण को ो सा हत कया जा सके जो नेटवक पर एक दस ू रे के साथ क यू नकेट कर सकते ह। छोटे से म स म बड़ी डेटा एक् सचज ोसेस को वभािजत करके नेटवक एड म न े टस को सहायता करने के लए यह लेयर बनाए गए ह। छोटे से म स समझने, मैनेज करने और बलशूट के लए आसान है । लेयस म डवाइड होने से केवल वह डवाइसेस को बलशूट करना होगा जो फॉ ट लेयर म काम कर रहे ह। ओ. एस. आई. रे फरस मॉडल का उ दे य वडस और डेवलपस को मागदशन करना है ता क डिजटल क यु नकेशन ॉडक् ट और सॉ टवेयर ो ाम तैयार कए जा सक, और क यु नकेशन टूल ्स के बीच प ट तल ु ना क सु वधा दान क जा सक। टे ल क यु नकश स म शा मल अ धकांश व े ता, ओ. एस. आई. मॉडल के संबंध म अपने ॉटक् ट और स वसेस का वणन करने का यास करते ह। य य प ड कशन और मू यांकन मागदशन के लए ओ. एस. आई. मॉडल उपयोगी है , ले कन ओ. एस. आई. शायद ह कभी लागू कया जाता है , य क कुछ नेटवक ॉडक् ट या स ्टडड टूल ्स सभी रलेटेड फंक् शन को मॉडल से संबं धत सभी डफाइन लेयर म एक साथ रखते ह। 2.1.1 ओ. एस. आई. मॉडल क सात परत ओ. एस. आई. का मु य कांसेप ्ट यह है क टे ल क यु नकश स नेटवक म दो एंडपॉइंट के बीच क यु नकेशन क ोसेस को संबं धत फंक् शन के सात अलग-अलग लेयर म डवाइड कया जा सके। येक क यु नके टंग यूजर या ो ाम उस कं यूटर पर है जो फ़ं शन के उन सात लेयर 38 दान कर सकता है । इस लए यूजस के बीच कसी दए गए मैसेजेस म, सोस कं यूटर म लेयस के मा यम से डेटा लो नीचे क और होता ह और फर र स वंग कं यूटर म लेयस के मा यम से ऊपर क और होता ह। फ़ं शन के सात लेयर ऐप ्ल केशन, ऑपरे टंग स टम, नेटवक काड डवाइस ाइवर और नेटव कग हाडवेयर के कॉि बनेशन वारा ोवाइड कए जाते ह जो एक नेटवक केबल या वाई- फाई या अ य वायरलेस ोटोकॉल पर स नल भेजने के लए स म होते ह। ओ. एस. आई. मॉडल म, कं ोल एक लेवल से दस ू रे तक, एक टे शन पर ऐप ्ल केशन लेयर (लेयर 7) से शु होता है , और नीचे क तरफ जाता है , चैनल पर अगले टे शन पर जाता है और हाइराक का बैकअप लया जाता है । ओ. एस. आई. मॉडल इंटर-नेटव कग के टास ्क को लेता है और इसे उस ह से म वभािजत करता है िजसे वट कल टै क के प म रे फर कया जाता है िजसम न न ल खत 7 लेयर शा मल ह- 1. फिजकल लेयर (Physical Layer) : भौ तक परत ओएसआई मॉडल क पहल परत है । भौ तक परत डेटा लंक नामक ऊपर परत से डेटा ा त करता है तथा यह ा त डेटा को बट म (Bit Stream) म प रव तत करता है । बट म ‘0‘ या ‘1‘ मान होता है ।यह डवाइसेस के बीच वा त वक फिजकल कने शन के लए िज़ मेदार है । फिजकल लेयर म ब स के प म इनफॉमशन होती है । यह डवाइसेस के बीच वा त वक फिजकल कने शन के लए िज़ मेदार है । डेटा ा त करते समय, इस लेयर को स नल ा त होते ह। इसके बाद यह लेयर इसे 0 और 1 म कनवट करता ह और उ ह डाटा लंक लेयर (Data Link layer) पर भेज दे ता ह। फिजकल लेयर के उदाहरण म ईथरनेट केब स और टोकन रंग नेटवक शा मल ह इसके अ त र त, हब और अ य र पटस स ्टडड नेटवक डवाइस होते ह जो क फिजकल लेयर पर काय करते ह, जैसे केबल कने टर ह। फिजकल लेयर पर, फिजकल मे डयम वारा सपोटड सग ्नल के टाइप का उपयोग करके डेटा ांस मट कया जाता है : इलेि क वो टे ज, रे डयो वसी, या इं ारे ड या आ डनर लाइट के पल ्स। मु य बंद ु यह फिजकल कने शन को एि टवेट करता है , मटे न रखता है और डएि टवेट करता है । यह नेटवक पर अन चड रॉ डेटा के ांस मशन और रसे शन के लए िज मेदार है । 39 ांस मशन के लए आव यक वो टे ज और डाटा रे ट फिजकल लेयर म डफाइन कए जाते है । यह डिजटल स नल या ऑि टकल स नल म डिजटल / एनालॉग ब स को कन ्वट करता है । डाटा ए को डंग भी इस लेयर म कया जाता है । च 2.2 : फिजकल लेयर 2. डाटा लंक लेयर: फिजकल लेयर से डेटा ा त करते समय, डाटा लंक लेयर फिजकल ांस मशन एरर को चेक करता ह और ब स को डेटा “ े म” म पैकेट करता है । डाटा लंक लेयर ईथरनेट नेटवक के लए मैक ए स े जैसे फिजकल ए े संग ि कम को मैनेज भी करता है , फिजकल मे डयम के लए कसी भी व भ न नेटवक डवाइसेस के ए सेस को कं ोल करता है । चूं क डाटा लंक लेयर, OSI मॉडल म एक सबसे कॉ ले स लेयर है , इसे अ सर दो भाग म वभािजत कया जाता है, “मी मी डया ए सेस क ोल Media Access s Control” सबलेयर और “लॉिजकल लंक क ोल Logical Link Control” सबलेयर। मु य बंद ु डाटा लंक लेयर उस इनफॉमशन को सं नाइज़ करता है जो फिजकल लेयर पर ांस मट होती है । इस लेयर का मु य काय यह सु नि चत करना है क फिजकल लेयर पर एक नोड से दस ू रे म डेटा ांसफर एरर हो। अनु मक प से ा त ांस मशन और डेटा े स इस लेयर वारा मैनेज कया जाता है । 40 च 2.3 : डाटा लंक लेयर 3. नेटवक लेयर (Network layer): नेटवक लेयर डेटा लंक लेयर के ऊपर राउ टंग क कांसेप ्ट को एड करता है । जब डेटा नेटवक लेयर पर आता है , तो येक े म के अंदर ि थत सोस और डेि टनेशन ए स े क जाँच करता ह ता क यह सु नि चत कया जा सकते क डेटा उसके फाइनल डेि टनेशन तक पहुंच गया है या नह ं। अगर डेटा फाइनल डेि टनेशन तक पहुंच गया है , तो यह लेयर 3 ांसपोट लेयर तक पहुंचने वाले पैकेट म डेटा को फॉमट करता है । अ यथा, नेटवक लेयर डेि टनेशन ए स े को अपडेट करता है और े म को नीचे क लेयर म वापस पूश कर दे ता है । राउ टंग को सपोट करने के लए, नेटवक लेयर नेटवक पर डवाइसेस के लए IP Address जैसे लॉिजकल ए स े मटे न करता है । नेटवक लेयर इन लॉिजकल ए स े और फिजकल ए स े के बीच मै पंग भी मैनेज करता है । आईपी नेटव कग म, यह मै पंग ए स े रज़ॉ यश ू न ोटोकॉल (ARP) के मा यम से परू ा कया जाता है । च 2.4 : नेटवक लेयर 41 मु य बंद ु यह एक नोड से अ य नोड तक व भ न चैनल के मा यम से स नल को राउट करता है । यह एक नेटवक कं ोलर के प म काय करता है । यह सबनेट ै फक मैनेज करता है । यह तय करता है क डेटा को कस ट को लेना चा हए। यह आउटगोइंग मैसेजेस को पैकेट म बांटता है और इनक मंग पैकेट को हाइर लेवर के लए मैसेजेस को अ से बल करता है । 4. ांसपोट लेयर (Transport Layer) : े ा को नेटवक कने शन म भेजता है । ांसपोट लेयर डट TCP, ांसपोट लेयर 4 नेटवक अलग-अलग ोटोकॉल का सबसे आम उदाहरण है । अलग ांसपोट ोटोकॉल वैकि पक मताओं क एक रज को सपोट कर सकते ह िजसम एरर रकवर , लो कं ोल और र- ांस मशन के लए सपोट शा मल ह। च 2.5 : T लेयर मु य बंद ु एंड सस ्टम के बीच डेटा के ांसपरट ांसफर के लए िज मेदार। एंड-टू-एंड एरर रवकर और लो कं ोल के लए िज मेदार। संपूण डेटा ांसफर के लए िज मेदार। यहां SPX, TCP, UDP जैसे ोटोकॉल काम करते ह। 42 5. सेशन लेयर (Session Layer) : जब दो डवाइसेस, कं यूटर या सवर को एक एक-दस ू रे के साथ क यु नकेट क आव यकता होती है , तो सेशन (session) बनाना आव यकता होता है , और यह Session Layer पर कया जाता है । इस लेयर के फंक् शन म सेटअप, कोआ डनेशन (उदाहरण ं के लए स टम को कतनी कतनी दे र तक के लए रस ्पॉस ती ा करनी होगी होगी) और सेशन के येक एंड पर ऐप ्ल केशन के बीच ट मनेशन शा मल ह। च 2.6 : सेशन लेयर मु य बंद ु ऐप ्ल केशन के बीच ए टै ि लशम ट, ट मैनेजमट और कने शन के ट मनेशन के लए िज मेदार। Session layer येक ए?