मत बाँटो इन्सान को PDF

Summary

This Hindi poetry piece titled 'मत बाँटो इन्सान को' by Vinay Mahajan encourages unity and harmony amongst people. The poem emphasizes the importance of love and understanding over prejudice while highlighting the interconnectedness of humanity. Educational exercises and activities related to the poem are also included in the text.

Full Transcript

## मत बाँटो इन्सान को ### विनय महाजन इस कविता में विनय महाजन जी ने मनुष्य को मिल-जुलकर रहने की प्रेरणा दी है। मनुष्य को किसी भी भेदभाव में नहीं पड़ना चाहिए। हमें सभी भेदभावों को भुलाकर एकता की दृष्टि से इस संसार को देखना चाहिए। यह प्रकृति भी हमें निरंतर यही उपदेश देती है। इस कविता में एकता, मिल-जु...

## मत बाँटो इन्सान को ### विनय महाजन इस कविता में विनय महाजन जी ने मनुष्य को मिल-जुलकर रहने की प्रेरणा दी है। मनुष्य को किसी भी भेदभाव में नहीं पड़ना चाहिए। हमें सभी भेदभावों को भुलाकर एकता की दृष्टि से इस संसार को देखना चाहिए। यह प्रकृति भी हमें निरंतर यही उपदेश देती है। इस कविता में एकता, मिल-जुलकर रहना, समानता आदि मूल्य समाविष्ट हैं। ### कविता * मंदिर-मस्जिद-गिरजाघर ने बाँट लिया भगवान को। * धरती बाँटी सागर बाँटा * मत बाँटो इंसान को ॥ * अभी राह तो शुरू हुई है * मंज़िल बैठी दूर है। * उजियाला महलों में बंदी * हर दीपक मजबूर है ॥ * मिला न सूरज का संदेशा * हर घाटी-मैदान को। * धरती बाँटी सागर बाँटा * मत बाँटो इंसान को॥ * अब भी हरी-भरी धरती है * ऊपर नील वितान है। * पर न प्यार हो तो जग सूना * जलता रेगिस्तान है॥ * अभी प्यार का जल देना है * हर प्यासी चट्टान को। * धरती बाँटी सागर बाँटा * मत बाँटो इंसान को॥ * साथ उठें सब तो पहरा हो * सूरज का हर द्वार पर। * हर उदास आँगन का हक हो * खिलती हुई बहार पर॥ * रौंद न पाएगा फिर कोई * मौसम की मुसकान को। * धरती बाँटी सागर बाँटा * मत बाँटो इंसान को ॥ ### शब्दार्थ * राह - रास्ता, मार्ग * उजियाला - उजाला, रोशनी * बंदी - कैदी, गुलाम * वितान - विस्तार, अवकाश * चट्टान - शिलाखंड, बड़ा पत्थर * पहरा - सुरक्षा, रखवाली * रौंदना - कुचलना * मंजिल - लक्ष्य, गंतव्य स्थान * मजबूर - विवश, असहाय * रेगिस्तान - मरुस्थल * बाँटना - विभाजित करना * घाटी - दो पहाड़ों के बीच का समतल स्थान * बहार - सुखद वातावरण, शोभा, वसंत ### अभ्यास **प्रश्न 1. प्रश्नों के उत्तर दीजिए :** 1. इंसान को बाँटने का क्या अर्थ है ? 2. लोगों ने भगवान को किस प्रकार बाँट लिया है ? 3. चट्टानों की प्यास कैसे बुझाई जा सकती है? **प्रश्न 2. इस काव्य को आरोह-अवरोह के साथ गाइए तथा समूहगान कीजिए।** **प्रश्न 3. निम्नलिखित काव्यपंक्ति का भावार्थ बताइए :** * अभी राह तो शुरू हुई है मंज़िल बैठी दूर है। * उजियाला महलों में बंदी हर दीपक मजबूर है ॥ ## स्वाध्याय **प्रश्न 1. प्रश्नों के उत्तर लिखिए :** 1. कविता के अनुसार अब तक किन चीजों का बँटवारा हो चुका है? 2. किसकी मुसकान को कोई रौंद नहीं पाएगा? 3. हरी-भरी धरती को कौन-सी परिस्थितियाँ रेगिस्तान में बदल सकती है? 4. उजाले को बंदी बनाने का क्या अर्थ है? 5. यह कविता हमें क्या संदेश देती है? **प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों को शब्दकोश के क्रम में लिखिए :** * प्यासी, आँगन, सागर, इंसान, वितान, ऊपर, रेगिस्तान, * मंज़िल, घाटी, गिरजाघर, मुसकान, चट्टान, उदास, बंदी **प्रश्न 3. आज के इस आधुनिक परिवेश में संयुक्त परिवारों की जगह एकल परिवारों ने ले ली है। एकल परिवार के पक्ष-विपक्ष पर कक्षा में चर्चा कीजिए।** **प्रश्न 4. अपूर्ण काव्य को पूर्ण कीजिए :** * रात होने पर मैं निकलता * सबको देता हूँ शीतलता। ## योग्यता विस्तार **प्रकल्प (परियोजना) कार्य (Project Work)** * राष्ट्रीय एकता के गीतों का संग्रह कीजिए। * भारत के मानचित्र में निम्नलिखित स्थल खोजिए और उनके विषय में सचित्र जानकारी एकत्र कीजिए। * जामा मस्जिद - स्वर्ण मंदिर - तिरुपति बालाजी मंदिर – उदवाड़ा माउन्ट मेरी चर्च, मुंबई * कक्षा-7 का काव्य 'हिन्द देश के निवासी' का अभिनय सहित गान करवाइए।

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